भूदासत्व से मुक्ति तक - अलिक्सान्द्र
निकितेन्को के आत्मकथा
अनुवादक
के भूमिका
अलिक्सान्द्र
रादिषेव के रूसी उपन्यास के मगही अनुवाद दिसंबर 2019 में समाप्त हो गेलइ। अब प्रस्तुत
हइ एगो अइसन प्रसिद्ध रूसी लेखक के आत्मकथा के मगही अनुवाद जे पहिले तो एगो जमींदार
के भूदास (खेतिहर बंधुआ मजदूर, serf) हलथिन, लेकिन
अपन कठिन संघर्ष से उच्च शिक्षा प्राप्त करके रूस के एगो बहुत बड़गो हस्ती बन गेलथिन।
उनकर नाम हइ - अलिक्सान्द्र वसील्येविच निकितेन्को
(1804 - 1877)। ऊ अपन आत्मकथा 1851 में लिक्खे लगी शुरू कइलथिन हल आउ 1877 में जब उनकर
निधन होलइ, तबहियों उनकर ई आत्मकथा (1804-1824) अधूरे हलइ। हाँ, उनकर डायरी
(1826-1877) बहुत विस्तृत हइ।
अलिक्सान्द्र वसील्येविच निकितेन्को (1804 - 1877) काउंट शेरेमेतेव
के एगो सुशिक्षित यूक्रेनी भूदास (खेतिहर बंधुआ मजदूर, serf) हला, जिनका कोंद्राती
रिलेयेव आउ अन्य साहित्यकार लोग के दबाव में स्वतंत्रता देल गेले हल। ऊ दिसंबरवादी
विद्रोह के मद्देनजर संकीर्ण रूप से उत्पीड़न से बच गेलथिन आउ निकॉलस I (1796-1855)
के शासनकाल (1825-1855) के दौरान सेंसर के रूप में सेवा कइलथिन। ऊ एगो साहित्यिक इतिहासकार,
सेंसर, सेंट पीटर्सबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आउ सेंट पीटर्सबर्ग एकेडमी ऑफ साइंसेज़
के सदस्य भी हलथिन। निकितेन्को बहुत विस्तृत डायरी खातिर उल्लेखनीय हथिन जे ऊ कम उम्र
(22) से कइएक बरिस तक सुरक्षित रखलथिन हल, जे 19मी शताब्दी के मध्य में अपेक्षाकृत
साहित्यिक आउ सामाजिक जीवन के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्य करऽ हइ। ई 1888-93 में
प्रकाशित होलइ; बाद में आत्मजीवनी सहित एकर संशोधित संस्करण 1904 में आउ फेर
1955-56 में तीन खंड में प्रकाशित होलइ। डायरी के संक्षिप्त अंग्रेजी अनुवाद एकल खंड
में 1975 में प्रकाशित होलइ।
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