04 Jun 2010, 07:38 pm
बिहारशरीफ: मगही भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग को लेकर शुक्रवार को हास्पिटल मोड़ पर प्रगतिशील मगही समाज ने एक दिवसीय धरना दिया। धरना का नेतृत्व वीरेन्द्र कुमार देव ने किया। धरना को संबोधित करते हुए श्री देव ने कहा कि आज समाज के लोग मगध की भावनात्मक विरासत को भूल गये हैं। जरूरत है भावनात्मक विरासत व सांस्कृतिक सामाजिक एकता को पुनरजागृत करने की। उन्होंने कहा कि मगध का प्राचीन इतिहास गौरवशाली व धन-धान्य से परिपूर्ण था। दुनिया के लोग मगध में द्विभाषीय लेकर आते थे। आज भी मगही की संख्या लगभग चार करोड़ है। उन्होंने कहा कि भाषा किसी जाति व सम्प्रदाय की नहीं होती, भाषा क्षेत्र विशेष की होती है। उन्होंने कहा कि आज भी मगध के गांव में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग भी मगही ही बोलते हैं। वक्ताओं ने सरकार से मांग की है कि मगही भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाये ताकि इसकी गरिमा बरकरार रहे। धरना को संबोधित करने वालों में रामचन्द्र प्रसाद, रामाशीष, बृजनंदन यादव, छोटन प्रसाद, राम प्रसाद सिंह, अमीरक पासवान, डा. सुधीर संधी, गुलेश जी आदि शामिल थे।
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