[हिन्दुस्तान विशेष]
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हिन्दुस्तान दैनिक, पटना संस्करण, दिनांक 28 जून 2010, पृष्ठ 1
श्रीकांत
पटना: हिन्दी भले ही हमारी राष्ट्रभाषा है लेकिन बिहार में उसपर भोजपुरी भारी है। राज्य में हिन्दी की तुलना में भोजपुरी अधिक बोली जाती है और मैथिली की तुलना में मगही। सबसे अधिक 24 प्रतिशत लोग भोजपुरी बोलते हैं। बिहार में दूसरे नम्बर पर हिन्दी है। तीसरे और चौथे नम्बर पर क्रमश: मगही और मैथिली है। उर्दू पांचवें नम्बर पर है। देश में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या 33,099,497 है जिसमें सिर्फ बिहार में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या 20,372,983 है। आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में भोजपुरी नहीं है। इसे इसमें शामिल किए जाने की मांग हो रही है। 2001 की जनगणना रिपोर्ट के तथ्य बताने के लिए काफी हैं कि बिहार में ही सबसे अधिक लोगों ने बताया कि उनकी मातृभाषा भोजपुरी है। जनगणना में तब मातृभाषा तथा दो अन्य भाषाओं के बारे में जानकारी मांगी गई थी। गोपालगंज, सीवान, सारण, प. चम्पारण, पूर्वी चम्पारण,भोजपुर और रोहतास में भोजपुरी बोली जाती है। विश्व के आठ देशों में भोजपुरी बोली जाती है। 2011 की जनगणना में मातृभाषा के बारे में 9 फरवरी से 28 फरवरी 2011 तक जानकारी ली जाएगी। पटना में 60.4 प्रतिशत लोग मागधी-मगही बोलते हैं। राजधानी में सबसे अधिक बोली जाने वाली बोली मगही है जबकि 28 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं और सिर्फ 6.5 प्रतिशत लोग उर्दू। राजधानी में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या सिर्फ 2.5 प्रतिशत है।
--------------------------------------- भाषा बोलनेवाले प्रतिशत --------------------------------------- भोजपुरी 2,03,72,983 24.5 हिन्दी 1,55,24,205 17.5 मगही 1,21,32,183 14.6 मैथिली 1,18,30,184 14.3 उर्दू 94,57,544 11.4 सूर्यापुरी 9,28,458 1.1 बांग्ला 4,42,352 0.5 संथाली 3,82,866 0.5 कुरूख-उराँव 57,952 0.1 मारवाड़ी 27,152 0.0 अन्य 1,28,42,100 15.5 --------------------------------------- कुल आबादी 8.29 करोड़ ---------------------------------------
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