मूल रूसी - लेव तल्सतोय (1828-1910) मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद
त्सार (राजा) इवान वसिल्येविच ग्रोज़्नी [Tsar Ivan the Terrible
(1530-1584)] के समय में स्त्रोगोनोव
लोग धनी व्यापारी हला,
आउ ओकन्हीं कामा नदी के किनारे
बसल पेर्म शहर में रहऽ हला ।
ओकन्हीं सुनलका हल कि कामा नदी के किनारे कोय 140 विर्स्ता [1] तक जमीन बहुत निम्मन हइ, जेकरा शताब्दी तक जोतल नयँ गेले ह, कार-कार जंगल सब के शताब्दी तक काटल नयँ गेले ह । जंगलन में
बहुत जंगली जानवर हकइ,
आउ नदिया के किनारे
मछली भरल बहुत सारा झील हइ,
आउ कोय ऊ जमीन पर नयँ
रहऽ हइ, खाली तातार लोग हियाँ आवऽ जा हइ ।
स्त्रोगोनोव लोग के तरफ से त्सार के पास चिट्ठी भेजल गेलइ -
"हमन्हीं के ई जमीन दान में देल जाय, आउ हमन्हीं खुद्दे
हियाँ पर शहर बनइबइ आउ लोग के जामा करबइ, ओकन्हीं के बसइबइ आउ
तातार सब के ई क्षेत्र से गुजरे नयँ देबइ ।"
त्सार ई प्रस्ताव के स्वीकार कर लेलथिन आउ ई जमीन ओकन्हीं के
दे देलथिन । स्त्रोगोनोव लोगन कारिंदा सब के, अदमी जामा करे खातिर
भेजलका । आउ ओकन्हीं के पास कइएक बेकार (निठल्ला) लोग अइते गेला । जे कोय आल, ओकरा स्त्रोगोनोव जमीन, जंगल के साथ-साथ पशुओ
देलका आउ ई तय होल कि जिनगी भर कोय कर (टैक्स) देवे के जरूरत नयँ - खाली एहे शर्त रक्खल
गेल कि अगर जरूरत पड़े तो तातार लोग के साथ युद्ध करे लगी जाय के चाही । ई तरह से रूसी
लोग ई जमीन पर बसते गेला ।
बीस बरस बीत गेल । स्त्रोगोनोव-व्यापारी लोग आउ धनगर होते गेला, आउ ई 140
विर्स्ता के जमीन कमती
पड़े लगलइ । ओकन्हीं के आउ जमीन के चाहत होवे लगलइ । ओकन्हीं के जमीन के छोर से कोय
100 विर्स्ता तक उँचगर-उँचगर उराल पहाड़ हलइ, आउ ई पहड़वन के पीछू, जइसन कि ओकन्हीं के
सुन्ने में अइले हल, बहुत सुन्दर जमीन हइ आउ अइसन जमीन के कोय
अन्त नयँ हइ । ई उत्तम जमीन साइबेरिया के एगो सामान्य राजकुमार कुचुम के शासन में हलइ
। कुचुम पहिले के जमाना में रूसी त्सार के अधीन हलइ, लेकिन बाद में विद्रोही
हो गेलइ आउ स्त्रोगोनोव के बस्ती सब के तहस-नहस कर देवे के धमकी देलकइ ।
स्त्रोगोनोव फेर त्सार के चिट्ठी भेजलका - "अपने हमन्हीं
के जमीन देलथिन, हमन्हीं ओकरा अपने के अधीन कइलिअइ । अब चोर
त्सरेक (छोटा त्सार) कुचुम अपने के विरोध में विद्रोह कर रहले ह, आउ ई जमीन के हथिया लेवे आउ हमन्हीं के बरबाद करे के चक्कर में
हकइ । हमन्हीं के अनुमति देथिन कि उराल पहड़वन के पीछू वला जमीन हथिया लिअइ । हमन्हीं
कुचुम के जीतके अपने के अधीन कर देबइ ।"
त्सार सहमत हो गेलथिन आउ जवाब देलथिन - "अगर तोहन्हीं के
शक्ति हको, त कुचुम से ऊ जमीन हथिया लेते जा । खाली रूस
से बहुत जादे अदमी मत ले जा ।"
स्त्रोगोनोव के जइसहीं ई आदेशपत्र मिललइ, त अपन कारिंदा सब के आउ अदमी जामा करके लावे खातिर भेजते गेला
। एकर अलावे वोल्गा आउ दोन से कज़ाक सब के फुसला-उसला के लावे के हुकुम देलका । ऊ समय
वोल्गा आउ दोन के किनारे बहुत्ते कज़ाक लोग घुमते-फिरते रहऽ हलइ । ऊ लोग 200, 300 या 600
अदमी के गिरोह में
रहऽ हलइ, आउ अपन-अपन गिरोह के अपन-अपन अतमान (सरदार)
चुन लेते जा हलइ, आउ नाव में सफर करते जा हलइ, व्यापारी सब के नाव पकड़के लूट ले हलइ, आउ नदी के किनारे के कस्बा में कैंप करके जाड़ा गुजारऽ हलइ ।
कारिंदन वोल्गा पर आके पुच्छे लगल - "हियाँ कउन-कउन मशहूर
कज़ाक हका ?" त ओकन्हीं के जवाब मिलऽ हइ - "कइएक कज़ाक
होते जा हका । ओकन्हीं के चलते जीना मोसकिल हो जा हइ । चेर्काश मिश्का ("मिखइल"
के ऊनार्थक) हकइ, सारी-अज़मान हकइ ... लेकिन कोय अतमान येरमाक
तिमोफ़ेइच से जादे खतरनाक नयँ हइ । ओकरा पास 1000 अदमी हकइ, आउ ओकरा से खाली, लोग आउ व्यापारिए नयँ
डरऽ हका, बल्कि त्सार के सेना भी ओकरा से पंगा नयँ
ले हइ ।"
आउ कारिंदन अतमान येरमाक के पास गेला आउ ओकरा स्त्रोगोनोव के
पास चले लगी समझइलका । ञेरमाक ओकन्हीं के स्वागत कइलकइ, ओकन्हीं के बात ध्यान से सुनलकइ आउ उद्ग्रहण (Assumption - रोमन कैथोलिक धर्मसिद्धान्त के अनुसार Virgin Mary के स्वर्गारोहण के अवसर पर कइल गेल स्वागत
के उपलक्ष में 15 अगस्त के आयोजित भोज) के समय आवे के बात देलकइ
। उद्ग्रहण के समय स्त्रोगोनोव के पास कज़ाक लोग अइते गेल - अतमान येरमाक तिमोफ़ेयेविच
के साथ-साथ 600 अदमी । शुरू में स्त्रोगोनोव ओकन्हीं के पड़ोस
के तातार सब के विरुद्ध युद्ध करे खातिर भेजते गेला । कज़ाक लोग ओकन्हीं के पराजित कर
देलकइ । बाद में, जब कुच्छो करे के नयँ रहलइ, त आसपास ओकन्हीं अवारागर्दी करे आउ लूटपाट करे लगलइ ।
स्त्रोगोनोव येरमाक के बोलाके बोलऽ हका - "हम तोहन्हीं
के आउ आगे नयँ रख सकम,
अगर तोहन्हीं अइसहीं
शरारत करते जइबऽ ।" त येरमाक जवाब दे हकइ
- "हमरो कोय खुशी नयँ हो रहले ह, हमर अदमी सब के नियंत्रित
करना असान काम नयँ हकइ,
ई लोग शरारती हकइ ।
हमन्हीं के काम देल जाय ।" स्त्रोगोनोव बोलऽ हका - "उराल पहाड़ के पीछू जइते
जा आउ कुचुम के साथ युद्ध करऽ । ओकर जमीन हथियावऽ । तोहन्हीं के त्सार भी पुरस्कार
देथुन ।"
एतना कहके येरमाक के त्सार के आदेशपत्र देखइलका । येरमाक बड़ी
खुश होल । कज़ाक लोग के एकट्ठा कइलक आउ बोलऽ हइ - "हमरा मालिक के सामने तोहन्हीं
बदनाम करते जा हँ - बिन कोय कारण के लूटपाट करते जा हँ । अगर अपना के नयँ सुधारते जइमँऽ, तो ऊ तोहन्हीं के निकास देथुन । फेर काहाँ जइते जइमँऽ ? वोल्गा पर त्सार के बड़गर सेना हकउ, जे तोहन्हीं के कैदी बना लेतउ आउ तोहन्हीं के पहिलउका करम के
चलते तोहन्हीं लगी मोसकिल होतउ । आउ तोहन्हीं बोर होब करऽ हँ, त अइकी हकउ तोहन्हीं खातिर काम ।"
आउ ऊ त्सार के आदेशपत्र ओकन्हीं के देखइलकइ जेकरा में स्त्रोगोनोव
के उराल के आगे के जमीन पर जीत हासिल करके कब्जा करे के अनुमति देल गेले हल । कज़ाक
सब आपस में कुछ देर चर्चा कइलकइ आउ जाय लगी सहमत हो गेते गेलइ । येरमाक स्त्रोगोनोव
के पास गेलइ आउ दुन्नु मिलके सोचे लगला कि ई अभियान के कइसे आयोजित कइल जाय ।
ओकन्हीं ई निर्णय करते गेला कि केतना नाव चाही, केतना पावरोटी, पशु, बन्हुक,
बारूद, सीसा;
केतना दुभाषिया के
रूप में कैदी तातार आउ केतना जर्मन - बन्हुक बनावे वला । स्त्रोगोनोव सोचऽ हका -
"हलाँकि जे कुछ ई माँग रहल ह,
ऊ सब कुछ बहुत महँग
पड़त, तइयो ओकरा सब कुछ देवे के चाही, नयँ तो हियाँ अगर रहत, त हमरा बरबाद कर देते
जात ।" स्त्रोगोनोव सहमत हो गेला, सब समान एकट्ठा कइलका
आउ येरमाक आउ ओकर साथ कज़ाक सब के सुसज्जित कइलका ।
दस सितम्बर के येरमाक आउ ओकर कज़ाक बत्तीस नाव में चुसोवाय नदी
के प्रतिप्रवाह (upstream)
में प्रस्थान कइलकइ
। हरेक नाव में बीस अदमी हलइ । ओकन्हीं चार दिन तक नाव नदी के प्रतिप्रवाह में परवार से खेते
चल गेलइ, आउ तब सिरिब्र्यानय (रूपा, चाँदी) नदी में प्रवेश कइलकइ । हुआँ से आगे नाव खेना सम्भव नयँ
हलइ । दुभाषियन से पूछताछ
कइला पर मालूम होलइ कि ओज्जा से पहाड़ के पार करके दोसरा तरफ जाय पड़तइ आउ फेर आगे स्थल
से होके दू सो विर्स्ता,
आउ तब फेर से नद्दी
मिलतइ ।
कज़ाक लोग हियाँ पड़ाव डालके शहर बसइते गेलइ, सब समान नाव पर से उतार लेते गेलइ आउ नाव सब के किनारे कर देलकइ
। छकड़ा बनइते गेलइ,
ओकरा पर सब समान लदलकइ
आउ सुक्खल (अर्थात् जमीनी) रस्ता से यात्रा चालू करते गेलइ - पहाड़ के पार करके । समुच्चा
रस्ता जंगल हलइ, हुआँ कोय नयँ रहऽ हलइ । जमीनी रस्ता से ओकन्हीं
दस दिन तक चलते रहलइ,
त झरोवन्या नद्दी पर
पहुँचते गेलइ । हुआँ फेर डेरा जमइते गेलइ आउ नाव बनावे में लग गेते गेलइ । सब तैयारी
के बाद नद्दी के अनुप्रवाह (downstream)
में नाव से रवाना होते
गेलइ । पाँच दिन तक नाव खेते गेलइ,
त आउ निम्मन जग्गह
पर पहुँचते गेलइ - जाहाँ हलइ खेत,
जंगल, झील । मछली आउ जंगली जानवर बहुतायत में हलइ - ई जानवर ओकन्हीं
से नयँ डरऽ हलइ ।
एक दिन आउ नाव से यात्रा करते रहलइ, त तूरा नद्दी पर पहुँचते गेलइ । तूरा नद्दी के किनारे अदमी सब
से भेंट होवे लगलइ आउ तातार शहर मिल्ले लगलइ ।
येरमाक कुछ कज़ाक के भेजलकइ एगो शहर के बारे में जनकारी लेवे
खातिर, कि ई शहर कउन प्रकार के हइ, आउ हियाँ के रक्षक सेना पर्याप्त हइ कि नयँ । बीस कज़ाक गेते
गेलइ, सब्भे तातार के भयभीत कर देलकइ, समुच्चे शहर पर कब्जा कर लेलकइ, आउ सब्भे पालतू जानवरो के हथिया लेलकइ । कुछ तातार के मार देलकइ, आउ कुछ के जिन्दा कैद करके ले अइलइ ।
येरमाक दुभाषिया के मदत से तातार सब के पुच्छे लगलइ -
"तोहन्हीं कउन लोग हकँऽ आउ केक्कर अधीन में रहते जा हँ ?"
तातार जवाब दे हकइ - "हमन्हीं साइबेरिया राज्य के लोग हकूँ
आउ हमन्हीं के त्सार (राजा) कुचुम हका ।"
येरमाक बाकी तातार सब के छोड़ देलकइ, सिवाय तीन गो के, जे जादे बुद्धिमान
हलइ, ताकि ओकन्हीं हमरा रस्ता देखावे ।
ओकन्हीं नौका-यात्रा आगू जारी रखते गेलइ । जइसे-जइसे आगू बढ़ल
जाय, वइसे-वइसे नदी के पाट आउ चौला होल जाय; आउ दूरी के साथ-साथ जगहवो आउ बेहतर से बेहतर मिल्ले । आउ ओकन्हीं
के जादे से जादे अदमियो से भेंट होवे । लेकिन हुआँ के लोग शक्तिशाली नयँ हल । आउ कज़ाक
लोग ऊ सब्भे शहर, जे नद्दी के किनारे-किनारे बस्सल हलइ, अपन अधीन कर लेते गेलइ ।
एगो शहर में ओकन्हीं अनेक तातार लोग के बन्दी बना लेते गेलइ
। ओकरा में एगो ओहदेदार वृद्ध तातार हलइ । ओकरा पुच्छल गेलइ - "तूँ केऽ हकऽ ?" ऊ जवाब देलकइ - "हम हकूँ तौज़ीक, त्सार कुचुम के नौकर आउ ई शहर में उनकर प्रधान ।"
येरमाक तौज़िक के ओकर त्सार मुचुक के बारे में पुच्छे लगलइ -
"कीऽ ओकर साइबेरिया शहर बहुत दूर हकइ ? कीऽ कुचुम के पास बड़गो
सेना हइ ? कीऽ ओकरा हीं बहुत धन हकइ ?" तौज़िक सब कुछ बतइलकइ । ऊ बोलऽ हइ - "कुचुम संसार के सबसे
श्रेष्ठ त्सार हथिन । उनकर शहर साइबेरिया - संसार के सबसे बड़गो शहर हकइ । ई शहर में
एतना लोग आउ जानवर हकइ,
जेतना कि अकास में
तरिंगन । आउ त्सार कुचुम के सेना अथाह हइ, उनका संसार भर के बाकी
कुल्हे राजा मिलके भी नयँ हरा सकऽ हका ।"
त येरमाक कहऽ हइ - "हम रूसी लोग हियाँ अइते गेलियो ह तोर
त्सार कुचुम के पराजित करके ओकर शहर पर कब्जा करे खातिर आउ रूसी त्सार के अधीन करवावे
लगी । हमन्हीं के सेना बहुत बड़गर हइ । जे हमन्हीं साथ हकइ - ऊ तो खाली अग्रिम सेना
के टुकड़ी हकइ, लेकिन जे हमन्हीं के पीछू नौका पर आ रहते
जा हकइ ओकर तो गिनती नयँ आउ ओकन्हीं सब के पास बन्हुक हकइ । आउ हमन्हीं के बन्हुक पेड़
के आड़ से फायर करे वला हकइ,
तोहन्हीं के तीर-धनुष
नियन नयँ । इकीऽ, देखते जो ।"
आउ येरमाक एगो पेड़ पर निशाना लगाके फायर कइलक त पेड़ फटके दू
खुंडी हो गेल आउ चारो बगली से कज़ाक सब बन्हुक से फायर करे लगलइ । तौज़िक डर के मारे
टेहुना के बल गिर पड़ल । त येरमाक ओकरा से बोललइ - "तूँ जल्दी से अपन त्सार कुचुम
के पास जा आउ ओकरा से ऊ सब कुछ बतावऽ, जे कुछ तूँ देखलऽ ह
। ओकरा आत्मसमर्पण करे के चाही,
आउ अगर आत्मसमर्पण
नयँ करे ल तैयार होवे,
त हमन्हीं ओकरा बरबाद
कर देबइ ।"
आउ तौज़िक के छोड़ देवल गेलइ । कज़ाक आगू के यात्रा जारी रखलकइ
। अब बड़गो नद्दी तोबोल में घुसते गेलइ, आउ लगातार ओकन्हीं
साइबेरिया शहर के नगीच पहुँच रहल हल । ओकन्हीं एगो छोगर नद्दी बाबासान के मुहाना पे
पहुँचते गेलइ, त देखते जा हइ - नदिया के किनरवा पर एगो शहर
बस्सल हइ आउ शहर के चारो बगली ढेर सारा तातार हकइ ।
ओकन्हीं एगो दुभाषिया के भेजते गेलइ तातार सब के पास ई जाने
लगी कि ओकन्हीं सब कउन लोग हकइ । दुभाषिया वापिस अइलइ आउ बोलऽ हइ - "ई कुचुम के
जामा कइल सेना हकइ । आउ एकर सेनापति हकइ कुचुम के दमाद - मामेत्कूल । ऊ हमरा भेजलके
ह तोहन्हीं के ई बतावे लगी कि तोहन्हीं वापिस चल जइते जा, नयँ तो तोहन्हीं के काट-कुट टुकड़ी-टुकड़ी कर देतो ।"
येरमाक कज़ाक सब के जौर कइलकइ, नद्दी के कछार पर अइलइ
आउ तातार सब पर फायर करे लगलइ । जइसहीं तातार सब फायरिंग के अवाज सुनलकइ, ओइसहीं भाग खड़ी होलइ । कज़ाक लोग ओकन्हीं के पीछा कइलकइ आउ केकरो
जान मार देलकइ, त केकरो बन्दी बना लेलकइ । मामेत्कूल कइसूँ
भाग निकललइ ।
कज़ाक लोग नौका-यात्रा आगू बढ़इलक । अब ओकन्हीं चौड़गर आउ तेज धारा
वला नद्दी इरतिश में घुसते गेल । पूरे एक दिन ई नद्दी में नाव खेते गेल, त एगो सुन्दर शहर के पास पहुँचल आउ हुएँ डेरा डाल देलक । कज़ाक
लोग शहर के अन्दर घुस्सल । जइसहीं अन्दर होते गेलइ कि तातार लोग ओकन्हीं तरफ तीर से
बाण चलावे लगलइ आउ तीन कज़ाक के घायल कर देते गेलइ ।
येरमाक दुभाषिया के भेजलकइ तातार सब के कहे लगी कि ओकन्हीं शहर
के छोड़ दे, नयँ तो सब के जान से मार देवल जइतउ । दुभाषिया
गेलइ आउ वापिस अइलइ आउ कहलकइ - "हियाँ कुचुम के नौकर आतिक मुरज़ा कचारा रहऽ हइ
। ओकरा पास बड़गर सेना हकइ,
आउ ऊ कहऽ हइ कि शहर
नयँ देत ।"
येरमाक कज़ाक सब के जौर करके कहलकइ - "हूँ, त बच्चा लोग,
अगर ई शहर के हमन्हीं
कब्जा में नयँ लइते जाम,
त तातार लोग खुशी मनावे
लगत आउ हमन्हीं के आगे नयँ जाय देत । जेतने जल्दी ओकन्हीं के भयभीत करम, ओतने असान हमन्हीं लगी होत । त सब मिलके एक साथ चलल जाय आउ ओकन्हीं
पर टूट पड़ल जाय !"
ओइसहीं सब करते गेलइ ।
हुआँ बहुत सन तातार हलइ, आउ तातार सब के सब
बहादुर ! जइसीं कज़ाक लोग आगू बढ़लइ,
तातार सब तीर चलावे
लगलइ । कज़ाक सब पर बाण के झड़ी लगा देते गेलइ । केकरो तो मारिये देलकइ, त केकरो घायल कर देलकइ । कज़ाक लोग क्रोधित हो उठलइ, तातार तरफ तेजी से बढ़लइ, आउ जे कोय हाथ लगलइ, ओकरा जान मार देलकइ ।
ई शहर में कज़ाक के बहुत सारा समान, पशु,
कालीन, रोएँदार खाल आउ भारी मात्रा में शराब मिललइ । ओकन्हीं मरलकन
के दफना देलकइ आउ थोड़े अराम करके,
अपना साथ लूट के माल
लेके नौका-यात्रा पर आगू बढ़ते गेल । ओकन्हीं नाव से थोड़हीं दूर गेल हल कि देखऽ हके
कि नद्दी के किछार पर एगो शहर हकइ,
आउ जाहाँ तक नजर जा
हल, सेने-सेना देखाय पड़ रहल हल । समुच्चे सेना
के सामने चारो बगली एगो खाई हलइ,
आउ खाई के चारो बगली
लकड़ी के कुन्दा के घेरा हलइ । कज़ाक सब ठहर गेलइ आउ सोचे लगलइ । येरमाक बइठक बोलइलक
। "हूँ, बच्चा सब, अब की करे के चाही
?" कज़ाक लोग हतोत्साह हो गेलइ । कोय कहइ -
"हमन्हीं के नौका-यात्रा जारी रक्खे के चाही ।", त दोसर कोय बोलइ - "वापिस चले के चाही ।"
आउ ओकन्हीं उबियाय लगलइ आउ येरमाक के दोष देवे लगलइ । बोललइ
- "तूँ हमन्हीं के हियाँ काहे लगी लइलऽ ? पहिलहीं हमन्हीं में
से एतना सारा मारल गेलइ आउ केतना सारा घायल हो गेलइ । आउ बाकी हमन्हीं सब हियाँ मारल
जाम ।" ओकन्हीं रोवे लगलइ । त येरमाक अपन अधीनस्थ सहायक अतमान इवान कोल्त्सो के
बोलऽ हइ - "हूँ,
आ तूँ वान्या, तूँ की सोचऽ हीं ?" आउ कोल्त्सो बोलऽ हइ
- "हम एकरा में की सोचम ?
हमन्हीम आझ नयँ मारल
जाम, त बिहान मारल जाम; आउ बिहान नयँ, त फालतू के खटिया पर
मरम । हमर विचार हके - किछार पर जाल जाय, आउ सीधे तातार पर हमला
कइल जाय - आगे भगमान भरोसे छोड़ देल जाय ।"
त येरमाक बोलऽ हइ - "चाबस, जमान वान्या ! अइसहीं करे के चाही । ए बुतरू सब ! तोहन्हीं कज़ाक
नयँ, बल्कि औरत हकँऽ ! तोहन्हीं के हियाँ लइलियो
हल स्टर्जन (एगो बहुत बड़गर मछली जेकर कवियार आउ मांस बनऽ हइ) पकड़े आउ तातार औरतियन
के भयभीत करे खातिर । तोहन्हीं खुद्दे नयँ
देखऽ हँ ? पीछै जइते जइमँऽ - त मारल जइमँऽ, आउ नाव खेते आगे जइमँऽ तइयो मारल जइमँऽ ! हियाँ खड़ी रहमँऽ -
तइयो ओकन्हीं मार डालतउ । फेर,
हमन्हीं के की करे
के चाही ? एक तुरी मेहनत कर लेल जाय, त बाद में राहत के साँस लेल जा सकऽ हइ । अइसने, बुतरू सब,
हमर बाउ के पास एगो
घोड़ी हलइ । जब पहाड़ी के निच्चे तरफ जाय के रहइ - त ऊ गड़िया के आगे घींचके ले जाय, जब समतल रस्ता आवइ - तइयो घींचके ले जाय, आउ जइसीं पहाड़ के उपरे तरफ जाय पड़इ - त लड़खड़ा जाय, पीछू मुड़ जाय, इ सोचके कि जरी राहत
मिलत । त हमर बाउ एगो सट्टी
लेलथिन, आउ मार सट्टी, मार सट्टी ओकरा आगे बढ़ावे के कोशिश कइलथिन । घोड़िया अपन जगहिया
पर चारो तरफ उछलल, लताड़ी मारलक, आउ समुच्चे गड़िए के तोड़-ताड़ देलक । त बाउ घोड़िया के गाड़ी के
जोत से अलग कर देलका आउ ओकर चमड़वा उधेड़ देलथिन । आ अगर ऊ गड़िया घींचके ले जात हल, त ओकरा कोय मार नयँ
पड़त हल । ओइसहीं, बुतरू सब, हमन्हियों पर लागू
होवऽ हइ । अब एक्के गो उपाय हमन्हीं खातिर रह गेलो ह - सीधे तातार लोग पर टूट पड़ना
!"
कज़ाक सब हँस पड़लइ आउ बोललइ - "ई साफ हइ कि तूँ, तिमोफ़ेइच,
हमन्हीं से जादे बुद्धिमान
हकऽ । हमन्हीं मूरख सब के अब कुच्छो पुच्छे के नयँ हको । हमन्हीं सबके जाहाँ मर्जी
हको ले चलऽ । मौत तो दू-दू गो नयँ हो सकऽ हइ, आउ सबके एक मौत तो
अइवे करत ।"
त येरमाक बोलऽ हइ - "हूँ, त सुनते जो,
बुतरू लोग ! अइसे करे
के चाही । ओकन्हीं हम सब्भे के नयँ देखलको ह । हम सब तीन दल में बँट जइते जाम । बीच
वला दल सीधे ओकन्हीं पर धावा बोलते जात, आउ दुसरा दुन्नु दल
के बामे आउ दहिने गोलाकार रूप में घेरे के चाही । जब बीच के टुकड़ी ओकन्हीं तरफ बढ़तइ
त ओकन्हीं सोचतइ कि हमन्हीं एहे एतना अदमी हकिअइ आउ ओकन्हीं झट से बाहर निकसते जइतइ
। आउ तब हमन्हीं बगल तरफ से ओकन्हीं पर धावा बोलम । त बुतरू सब, अइसहीं करे के चाही । अगर एकन्हीं के हरा देम, त हमन्हीं के केकरो से डरे के बात नयँ रहत । हम अपन राजा खुद
बन्नम ।"
अइसीं ओकन्हीं करते गेलइ ।
जइसीं बीच वला दल एरमाक के साथ बढ़लइ, तातार गरजे लगलइ आउ बाढ़ नियन टूट पड़लइ - दहिना तरफ इवान कोल्त्सो, बामा तरफ अतमान मेशेर्याक । तातार सब भयभीत हो गेलइ आउ भागे
लगलइ । ओकन्हीं के बीच कज़ाक लोग मार-काट मचा देलकइ । आउ अब कोय एरमाक के सामना करे
के हिम्मत नयँ जुटइलकइ । ई तरह ऊ सीधे साइबेरिया शहर में घुस गेलइ । आउ हुआँ येरमाक
अइसे बस गेलइ मानूँ ऊ खुद्दे त्सार (राजा) होवे ।
अब
पड़ोस के छोट-छोट राजा सब येरमाक के पास सलामी बजावे लगलइ । तातार लोग वापिस साइबेरिया
में आके बसे लगलइ । कुचुम आउ ओकर दमाद मामेत्कुल येरमाक पर सीधे धावा बोले में डरऽ
हलइ, आउ खाली ओकर चारो तरफ चक्कर लगावइ, आउ
सोचइ कि कइसे ओकरा बन्दी बनावल जाय ।
वसन्त ऋतु में बाढ़ के समय तातार लोग येरमाक के पास आके सूचना
देलकइ - "मामेत्कुल
फेर से तोहरा पर चढ़ाइ करे वला हको,
बहुत सन सेना जौर कर
लेलको ह, आउ अभी वगाया नदी पर ठहरल हको ।"
येरमाक प्लान बनइलक नद्दी, दलदल, नाला, जंगल वगैरह से होते, कज़ाक के साथ चोरी-चुपके सवधानी से आगे बढ़के, मामेत्कुल पर धावा बोलल, कइएक तातार के मार देलक
आउ खुद मामेत्कुल के जिन्दा पकड़के कैदी बना लेलक आउ ओकरा साइबेरिया लइलक । हुआँ अब
बहुत कम तातार रह गेल जे अधीनता स्वीकार नयँ कइलक हल, आउ जे कोय आत्मसमर्पण नयँ कइलकइ ऊ सब पे येरमाक ई गरमी में चढ़ाई कर देलक, आउ इरतिश आउ ओबा नद्दी पर के एतना जमीन कब्जा में कर लेलक, जेकर चारो तरफ दू महिन्नो में एक चक्कर नयँ लगावल जा सकऽ हलइ ।
जइसीं
येरमाक ई सब जमीन पर कब्जा कर लेलक,
कि ऊ स्त्रोगोनोव के चिट्ठी भेजलक ।
"हम कुचुम के शहर पर अधिकार जमा लेलिअइ, आउ
मामेत्कुल के कैदी बना लेलिअइ,
हियाँ के सब लोग के अपन हाथ में कर लेलिअइ
। खाली कइएक कज़ाक से हाथ धोवे पड़लइ । कृपया आउ अदमी भेजल जाय ताकि हम सब के जीवन सुखमय
होवे । आउ हाँ, हियाँ के जमीन में अथाह धन हकइ ।"
एकरा
साथ महँगा रोआँ, लोमड़ी के चमड़ा,
मार्टेन (marten) आउ सेब्ल (sable) भेजलकइ ।
दू बरस गुजर गेलइ । येरमाक अभियो साइबेरिया के अधीन कइले हलइ, लेकिन अभी तक रूस से कोय मदत नयँ पहुँचलइ, आउ येरमाक के पास रूसी लोग बहुत कम रह गेलइ ।
एक तुरी तातार कचारा येरमाक के पास एगो संदेशवाहक भेजलकइ । ओकर
संदेश हलइ - "हम तोहर अधीनता स्वीकार कर लेलियो ह, लेकिन नोगाय लोग हमन्हीं के परेशान कर रहल ह । हमन्हीं के मदत
खातिर अपन नवजवान भेजल जाय । हमन्हीं मिलके नोगाय सब के पराजित करबइ । आउ हम तोहर नवजवान
सब के कोय प्रकार के तकलीफ नयँ देबइ, ई हम वचन दे हिअइ ।"
येरमाक ओकन्हीं के वचन पर विश्वास कर लेलकइ आउ इवान कोल्त्सोम
के साथ चालीस अदमी के भेजलकइ । जइसीं ई चालीस लोग अइते गेल, तातार लोग ओकन्हीं पर धावा बोलके मार देलकइ । कज़ाक आउ कमती हो
गेलइ ।
आउ दोसर तुरी बुखारा के व्यापारी लोग येरमाक के पास खबर पठइलकइ
कि हमन्हीं अपन माल-असबाब लेके साइबेरिया शहर में आवे ल चाहऽ हकिअइ, लेकिन रस्ता में कुचुम आउ ओकर सेना रोड़ा बन्नल हकइ आउ हमन्हीं
के आगे बढ़े नयँ दे हइ ।
येरमाक अपन साथ पचास अदमी लेलक आउ बेपारी सब खातिर रस्ता के
बाधामुक्त करे लगी निकल पड़ल । ऊ इरतिश नद्दी भिर आल त बेपारी सब पर नजर नयँ पड़ल । ऊ
रात गुजारे खातिर ठहर गेल । रात अन्हरिया हलइ आउ बारिस हो रहले हल ।
कज़ाक लोग सुतहीं गेल हल कि तातार लोग चारो तरफ से घेर लेलकइ, सुतलकन कज़ाक पर टूट पड़ते गेलइ आउ मार-काट मचा देलकइ । येरमाक
उछलके खड़ी हो गेलइ आउ युद्ध करे लगलइ । ओकर हाथ एगो छूरी से घायल हो गेलइ । ऊ नदिया
तरफ दौड़के गेलइ आउ तातार लोग ओकर पीछू पड़ गेलइ । ऊ नद्दी में छलाँग लगा देलकइ । तातार
सब दूर से ओकरा देखलके हल,
लेकिन ओकर देह नयँ
मिल पइलइ । आउ केकरो ई पता नयँ चललइ कि ऊ कइसे मर गेलइ ।
अगले साल त्सार (राजा) के सेना पहुँचलइ, आउ तातार लोग सुलह कर लेते गेलइ ।
नोटः
[1] 1 विर्स्ता = 500 साझेन
= 1.067 कि.मी.
= 3500 फुट
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