दृश्य-4
(ख़्लिस्ताकोव,
ओसिप आउ सराय के बैरा)
बैरा
- सराय-मालिक हमरा पुच्छे लगी भेजलथिन हँ कि अपने के की चाही ।
ख़्लिस्ताकोव
- स्वास्थ्य के शुभकामना, भाय ! ठीक-ठाक तो हकऽ ?
बैरा
- भगमान के किरपा से ठीक-ठाक हइ ।
ख़्लिस्ताकोव
- अच्छऽ, ई सराय के समाचार कइसन हइ ? सब कुछ ठीक-ठाक चल रहले ह न ?
बैरा
- जी, भगमान के किरपा से सब ठीक-ठाक हइ ।
ख़्लिस्ताकोव
- बहुत अतिथि ?
बैरा
- जी हाँ, काफी ।
ख़्लिस्ताकोव
- देखऽ, प्यारे, हियाँ अभियो तक हमरा लगी खाना नयँ आल ह, ओहे से, मेहरबानी करके जरी
जल्दी करहो ताकि जल्दी से जल्दी (खाना आ जाय) - देखऽ, हमरा तुरते खाना के बाद जरूरी
काम में लग्गे के हइ ।
बैरा
- लेकिन मालिक कहलथिन, कि आउ कुछ नयँ देल जइतइ । ऊ तो आझ मेयर के सामने शिकायत करे
लगी लगभग जाय-जाय लगी मनमनाल हलथिन ।
ख़्लिस्ताकोव
- एकरा में शिकायत के की बात हइ ? खुद्दे सोचहो, प्यारे, कइसे काम चलतइ ? हमरा खाना
तो जरूरी हइ । अइसे तो हम बिन खइले बिलकुल दुबरा जइबइ । हमरा कसके भूख लग्गल हके; हम
मजाक नयँ कर रहलिए ह ।
बैरा
- जी हाँ । ऊ कहलथिन - "हम ओकरा खाना नयँ देबइ, जब तक कि ऊ पहिलौका बिल नयँ चुकइतइ
।" एहे उनकर जवाब हलइ ।
ख़्लिस्ताकोव
- त तूँ तर्क देहो, उनका समझाहो ।
बैरा
- लेकिन हम उनका की कहिअइ ?
ख़्लिस्ताकोव
- तूँ उनका गंभीरतापूर्वक समझाहो, कि हमरा खाना खाय के हके । पैसा के बात तो बिन कुछ
कहलहीं समझल जा सकऽ हइ ... ऊ सोचऽ हइ, कि ओकरा नियन मुझीक (देहाती भुच्चड़) लगी तो कोय
बात नयँ हइ, अगर दिन भर नयँ खाय, त अइसन बात दोसरो लगी लागू होवऽ हइ । ई कइसन सोच हइ
!
बैरा
- अच्छऽ, हम कह देबइ ।
(बैरा
आउ ओसिप के प्रस्थान ।)
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