अध्याय
- 13
गिरफ्तारी
क्रोध नयँ करथिन, महोदय - अपन कर्तव्य
के अनुसार
हमरा चाही अभिए भेजना अपने के जेल ।
अपने के मर्जी, हम तैयार हिअइ; लेकिन हम
अइसन आशा करऽ हिअइ,
कि मामला की हइ, ई समझावे
लगी अनुमति देथिन पहिले ।
--- क्न्याझनिन [56]
एतना
अप्रत्याशित ढंग से प्यारी लड़की से जुड़ गेला पर, जेकरा बारे अभी सुबहे में एतना यातनापूर्ण
ढंग से हम बेचैन हलिअइ, हमरा खुद पर विश्वास नयँ हो रहले हल आउ एहे कल्पना कइलिअइ कि
जे कुछ हमरा साथ घटलइ, ऊ सब खाली एगो सपना हलइ । मारिया इवानोव्ना विचारमग्न होल कभी
हमरा दने तक्कइ, त कभी सड़क दने, आउ लगलइ कि ऊ अभी तक पूरा होश में नयँ आ पइले ह आउ
सँभल नयँ पइले ह । हमन्हीं चुप हलिअइ । हमन्हीं के दिल बहुत थक्कल हलइ । पतो नयँ चललइ
आउ करीब दू घंटा में हमन्हीं पास के किला में पइलिअइ, जेहो पुगाचोव के अधीन हलइ । हियाँ
परी हमन्हीं घोड़वन के बदली कइलिअइ । जे गति से घोड़वन के जोतल गेलइ, आउ पुगाचोव द्वारा
नियुक्त कइल दढ़ियल कज़ाक कमांडर के सेवापरायणता के शीघ्रता से हम समझ गेलिअइ कि हमन्हीं
के लावे वला कोचवान के वाचालता के कारण हमरा दरबार के अनुग्रह-प्राप्त व्यक्ति मान
लेल गेले हल ।
हमन्हीं
आगू रवाना होते गेलिअइ । अन्हेरा छाय लगलइ । हमन्हीं एगो छोटगर शहर के नगीच पहुँचलिअइ,
जाहाँ, दढ़ियल कमांडर के कहे मोताबिक, एगो शक्तिशाली पलटन (detachment) पड़ाव डालले हलइ,
जे नकली सम्राट् के सेना में शामिल होवे जा रहले हल । हमन्हीं संतरी लोग द्वारा रोक
लेल गेलिअइ । "केऽ जा रहलऽ ह" प्रश्न पर कोचवान उच्च स्वर में उत्तर देलकइ
- "अपन पत्नी के साथ सम्राट् के मित्र ।" अचानक हुस्सार सब के भीड़ भयंकर
गारी देते हमन्हीं के घेर लेते गेलइ । "बहरसी निकस, शैतान के मित्र !" एगो
मोछैल सर्जेंट हमरा कहलकइ । "अइकी तोर पत्नी के साथ तोरा एगो गरम-गरम स्नान करावल
जइतउ !"
हम
किबित्का से बाहर अइलिअइ आउ माँग कइलिअइ कि हमरा ओकन्हीं के प्राधिकारी के पास ले जाल
जाय। एगो अफसर के देखके सैनिक लोग गारी बंद कर देलकइ । सर्जेंट हमरा मेजर के पास ले
गेलइ । सावेलिच हमर पीछू-पीछू आब करऽ हलइ, बड़बड़इते - "त ई हको तोर नतीजा सम्राट्
के मित्र बन्ने के ! आग से बाहर अइलऽ त लौ में गिरलऽ (आगू कुआँ पीछू खाई) ... हे भगमान
! ई सब के अंत की होतइ ?" किबित्का हमन्हीं के पीछू-पीछू कदम-कदम गति
(walking pace) से आब करऽ हलइ ।
पाँच
मिनट बाद हमन्हीं रोशनी से जगमगइते छोट्टे गो घर भिर पहुँचलिअइ । सर्जेंट हमरा संतरी
के निगरानी में छोड़ देलकइ आउ हमरा बारे रिपोर्ट करे चल गेलइ । ऊ तुरतम्मे वापिस अइलइ,
आउ हमरा बतइलकइ कि हमरा स्वागत करे के तत्र सर्वोच्चकुलीन के समय नयँ हइ, आउ ऊ हमरा
जेल भेजे के आदेश देलथिन हँ, आउ हमर पत्नी के ऊ अपना हीं ।"
"एकर
की मतलब हइ ?" हम क्रोधावेश में चिल्लइलिअइ । "की वास्तव में ओकर दिमाग फिर
गेले ह ?"
"हमरा
मालुम नयँ, अत्र उच्चकुलीन", सर्जेंट उत्तर देलकइ । "खाली तत्र सर्वोच्चकुलीन
अत्र उच्चकुलीन के जेल भेजे के आदेश देलथिन, आउ तत्र उच्चकुलीना के तत्र सर्वोच्चकुलीन
के पास भेजे के आदेश देलथिन, अत्र उच्चकुलीन !"
हम
ड्योढ़ी दने लपकल गेलिअइ । संतरी सब हमरा रोके के नयँ सोचलकइ, आउ हम सीधे दौड़ल कमरा
में घुस गेलिअइ, जाहाँ परी छो हुस्सार अफसर ताश के जुआ खेल रहले हल । मेजर बैंकर हलइ
। हमरा केतना अचरज होलइ, जब ओकरा पर नजर डालला पर हम इवान इवानोविच ज़ूरिन के पछान लेलिअइ,
जे कभी हमरा सिम्बिर्स्क के सराय में बिलियर्ड्स में हराके पैसा जीत लेलके हल !
"की
ई संभव हइ ?" हम चिल्लइलिअइ । "इवान इवानिच ! तूहीं हकऽ ?"
"अरे
वाह, वाह, वाह, प्योत्र अन्द्रेइच ! कइसे भूल पड़लऽ ? काहाँ से ? निम्मन स्वास्थ्य के
कामना, भाय । कार्ड पर दाँव लगावे लगी नयँ चाहबऽ ?"
"धन्यवाद
। बेहतर हमरा कहीं क्वार्टर में ले जाय के आदेश द ।"
"तोरा
कइसन क्वार्टर चाही ? हमरा हीं ठहरऽ ।"
"अइसन
नयँ कर सकऽ हिअइ - हम अकेल्ले नयँ हिअइ ।"
"खैर,
अपन साथी के भी हिएँ ले आवऽ ।"
"हम
कोय साथी के साथ नयँ हिअइ; हम ... एगो महिला के साथ हिअइ ।"
"महिला
के साथ ! काहाँ परी तूँ ओकरा गले से बान्ह लेलऽ ? ओहो, भाय !" (एतना कहके ज़ूरिन
अइसन अर्थपूर्ण ढंग से सीटी बजइलकइ कि सब कोय ठठाके हँस पड़लइ, आउ हम सकुचाऽ गेलिअइ
।)
"खैर",
ज़ूरिन बात जारी रखलकइ, "अइसीं होवे । तोरा लगी क्वार्टर के इंतजाम हो जइतो । लेकिन
अफसोस ... हमन्हीं पहिले जइसन रंगरेली मना सकऽ हलिअइ ... अरे ! ए लड़के ! हियाँ परी
पुगाचोव के सहेली के काहे नयँ लावल जा रहले ह ? कि ऊ जिद्दी हइ ? ओकरा कह देहीं, कि
ऊ डरइ नयँ - मालिक तो एगो निम्मन अदमी हइ; कइसूँ ओकर दिल के ठेस नयँ पहुँचइतइ, आउ ओकर
गरदन पर निम्मन थपकी देल जाय ।"
"तूँ
ई की कह रहलहो ह ?" हम ज़ूरिन के कहलिअइ । "पुगाचोव के कइसन सहेली ? ई स्वर्गीय
कप्तान मिरोनोव के बेटी हथिन । हम उनका कैद से मुक्त कइलिअइ आउ अभी पिताजी के गाँव
साथ ले जा रहलिए ह, जाहाँ परी उनका छोड़ अइबइ ।"
"की
! त अभी कुछ देर पहिले तोरा बारे रिपोर्ट कइल गेले हल ? हे भगमान ! एकर की मतलब हइ
?"
"बाद
में सब कुछ बतइबो । आउ अभी, भगमान के खातिर, बेचारी लड़की के दिलासा देहो, जेकरा तोर
हुस्सार लोग डेराऽ देलको ह ।"
ज़ूरिन
तुरतम्मे व्यवस्था करे में जुट गेलइ । अनजाने में होल गलतफहमी के मामले में ऊ खुद उतरके
बहरसी सड़क पर मारिया इवानोव्ना के सामने माफी माँगे लगी अइलइ आउ ओकरा शहर के सबसे निम्मन क्वार्टर में ले जाय लगी
सर्जेंट के आदेश देलकइ । हम ओकरे (ज़ूरिन) हीं रात गुजारे लगी ठहर गेलिअइ ।
हमन्हीं
भोजन समाप्त करते गेलिअइ, आउ जब खाली हमन्हीं दुन्नु रह गेलिअइ, त ओकरा अपन साहसिक
कार्य (adventures) के बारे बतइलिअइ । ज़ूरिन हमर सब बात बड़ी ध्यान से सुनलकइ । जब हम
समाप्त कइलिअइ, त ऊ सिर हिलइलकइ आउ कहलकइ - "ई सब तो, भाय, ठीक हको; एक्के बात
खराब हको; तोर सिर पर ई शादी के भूत काहे लगी सवार होलो ह ? एगो ईमानदार अफसर के हैसियत
से, हम तोरा धोखा देवे लगी नयँ चाहबो - हमर बात पर विश्वास करऽ कि शादी बेवकूफी हको
। अच्छऽ, ई पत्नी के चक्कर में पड़े के आउ बुतरू सब के देखभाल करे के की जरूरत हको
? ए, थूक द ई सब बात पर । हमर बात सुन्नऽ - कप्तान के बेटी से पल्ला झाड़ ल । सिम्बिर्स्क
जाय वला सड़क के (दुश्मन सब से) साफ कर देल गेलो ह आउ सुरक्षित हको । बिहान ओकरा अपन
माता-पिता के पास अकेल्ले भेज देहो, आउ खुद हमरा हीं पलटन में रह जा । तोरा ओरेनबुर्ग
वापिस जाय के कोय जरूरत नयँ हको । अगर फेर से कहीं विद्रोही लोग के हाथ में पड़ गेलऽ,
त शायदे ओकन्हीं के पंजा से फेर छूट पइबऽ । ई तरह से तोर प्यार के भूत अपने-आप उतर
जइतो, आउ सब कुछ ठीक हो जइतो ।"
हलाँकि
हम ओकरा से बिलकुल सहमत नयँ हलिअइ, लेकिन हम अनुभव करऽ हलिअइ कि कर्तव्यनिष्ठा साम्राज्ञी
के सेना में हमर उपस्थिति के माँग करऽ हइ । हम ज़ूरिन के परामर्श के अनुसार चल्ले के
निर्णय कइलिअइ - मारिया इवानोव्ना के गाँव भेज देवे के चाही आउ हमरा ओकर पलटन में ठहर
जाय के ।
सावेलिच
हमर वस्त्र उतारे में मदत करे खातिर प्रकट होलइ; हम ओकरा बतइलिअइ कि ऊ दोसरे दिन मारिया
इवानोव्ना के साथ यात्रा करे लगी तैयार हो जाय । ऊ जिद करे लगलइ । "ई की कह रहलहो
ह, मालिक ? हम तोरा कइसे के छोड़ सकऽ हियो ? केऽ तोर देखभाल करतो ? की कहथुन तोर माता-पिता
?"
अपन
प्राथमिक शिक्षक के जिद जानके हम ओकरा नम्रता आउ सच्चे दिल से समझावे के निर्णय कइलिअइ
। "हमर दोस्त, अर्ख़िप सावेलिच !" हम ओकरा कहलिअइ । "इनकार मत करऽ, हमर
उपकारक बनऽ; हमरा हियाँ नौकर के जरूरत नयँ पड़े वला, आउ हमरा चैन नयँ पड़त अगर मारिया
इवानोव्ना तोरा बेगर अकेल्ले यात्रा करतइ । ओकर सेवा करके तूँ हम्मर सेवा करबऽ, काहेकि
हम पक्का फैसला कर लेलिए ह कि जइसीं परिस्थिति अनुकूल होतइ, हम ओकरा साथ शादी कर लेबइ
।"
हियाँ
परी सावेलिच अनिर्वचनीय आश्चर्य के मुद्रा में अपन हाथ झटकलकइ । "शादी
!" ऊ दोहरइलकइ । "बुतरू शादी करे लगी चाहऽ हइ ! आउ पिताजी की कहथुन, आउ माताजी
की सोचथुन ?"
"मान
जइथिन, पक्का मान जइथिन", हम उत्तर देलिअइ, "जब मारिया इवानोव्ना के जान-समझ
लेथिन । हम तोरो पर आशा करऽ हियो । पिताजी आउ माताजी तोरा पर विश्वास करथुन - हमन्हीं
दने से तूँ मध्यस्थता करभो, हइ न ?"
बुढ़उ
के दिल पसीज गेलइ । "ओह, हमर बबुआ प्योत्र अन्द्रेइच !" ऊ उत्तर देलकइ ।
"हलाँकि तूँ जरी जल्दी शादी करे के बात सोचलऽ, लेकिन तइयो मारिया इवानोव्ना एतना
निम्मन नवयुवती हइ कि ई अप्रत्याशित अवसर के हाथ से जाय देना पाप होतइ । ठीक हको, तोरे
कहे के मोताबिक होवे ! हम ई देवदूत के घर पहुँचा देबो, आउ नम्रतापूर्वक तोर माता-पिता
से बता देबो कि अइसन दुलहिन खातिर तो दहेजो के जरूरत नयँ ।"
हम
सावेलिच के धन्यवाद देलिअइ आउ ज़ूरिन के साथ एक्के कमरा में सुत्ते लगी पड़ गेलिअइ । अत्यधिक उत्साहित आउ भाव-विह्वल होल हम बतिअइते
रहलिअइ । ज़ूरिन शुरू-शुरू में हमरा साथ खुशी से बतिअइते रहलइ; लेकिन धीरे-धीरे ओकर
मुँह से निकसल शब्द कम आउ असंबद्ध होते गेलइ; आखिरकार, कोय प्रश्न के उत्तर के बजाय
ऊ घोंघर पारे आउ सीटी बजावे लगलइ । हम चुप हो गेलिअइ आउ जल्दीए ओकर उदाहरण के अनुकरण
कइलिअइ ।
अगले
दिन सुबह हम मारिया इवानोव्ना के पास अइलिअइ । हम ओकरा अपन प्रस्ताव के बारे सूचित
कइलिअइ। ऊ मान लेलकइ कि ई प्रस्ताव में समझदारी हइ आउ तुरतम्मे हमरा से सहमत हो गेलइ
। ज़ूरिन के पलटन ओहे दिन शहर से कूच करे वला हलइ । देर करना संभव नयँ हलइ । हम हिएँ
परी मारिया इवानोव्ना से विदा होलिअइ, ओकरा अपन माता-पिता के नाम पत्र देके सावेलिच
के देखभाल में सौंप देलिअइ । मारिया इवानोव्ना रो पड़लइ ।
"अलविदा,
प्योत्र अन्द्रेइच !" ऊ धीमे स्वर में कहलकइ । "हमन्हीं के फेर एक दोसरा
के देखे के मौका मिलतइ कि नयँ, ई तो खाली भगमाने जानऽ हथिन; लेकिन अपने के हम कभियो
नयँ भूलबइ; कब्र तक तूहीं एगो हमर दिल में रहबऽ ।" हम कुच्छो जवाब नयँ दे पइलिअइ
। लोग हमन्हीं के घेर लेते गेलइ । ओकन्हीं के उपस्थिति में अपन हृदय के उद्वेलित करे
वला भावना में मग्न होवे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ । आखिरकार ऊ चल गेलइ । हम ज़ूरिन के पास
वापिस आ गेलिअइ, उदास आउ चुपचाप । ऊ हमरा प्रसन्न करे लगी चाहऽ हलइ; हम खुद्दे अपन
मन के भटकावे लगी सोच रहलिए हल - हमन्हीं शोर-शराबा आउ रंगरेली में दिन बितइलिअइ आउ
शाम में अभियान लगी कूच कर गेलिअइ ।
ई
घटना फरवरी के अंत के हइ । सामरिक कार्रवाई के बाधित करे वला जाड़ा अब समाप्त हो रहले
हल, आउ हमन्हीं के जेनरल लोग संयुक्त कार्रवाई के तैयारी करब करऽ हलथिन । पुगाचोव अभियो
तक ओरेनबुर्ग के पास डेरा डालले हलइ । एहे दौरान ओकर इर्द-गिर्द हमन्हीं के पलटन सब
एकत्र हो गेते गेलइ आउ सब्भे तरफ से ऊ बदमाश के घोंसला (अर्थात् गढ़) के नगीच होते गेलइ
। गाँव के विद्रोही लोग हमन्हीं के सेना के देखके अधीनता स्वीकार करे लगलइ; डाकू लोग
के गिरोह सगरो हमन्हीं से दूर भागे लगलइ, आउ सब कुछ शीघ्र आउ सफल समाप्ति के पूर्वाभास
दे रहले हल ।
जल्दीए
राजकुमार गोलित्सिन तातिश्शेव किला के पास पुगाचोव के पराजित कर देलथिन, ओकर गिरोह
सब के तितर-बितर कर देलथिन, ओरेनबुर्ग के मुक्त कर देलथिन [57] आउ तब लगलइ कि विद्रोह
के अंतिम आउ निर्णायक प्रहार कइलथिन । ज़ूरिन के ऊ बखत बश्कीर लोग के विद्रोही गिरोह
के विरुद्ध भेजल गेले हल, जे सब हमन्हीं के देखे के पहिलहीं तितर-बितर हो जइते जा हलइ
। वसन्त ऋतु हमन्हीं के तातार के एगो छोटगर गाँव में रोक देलकइ । नदी सब में बाढ़ आल
हलइ, आउ सड़क सब अपारगम्य हो गेले हल । हमन्हीं अपन निकम्मापन में खुद के ई विचार से
सांत्वना दे हलिअइ कि डाकू आउ जंगली लोग के विरुद्ध ऊबाहट भरल आउ क्षुद्र युद्ध के
जल्दीए अंत हो जइतइ ।
लेकिन
पुगाचोव पकड़ल नयँ गेले हल । ऊ साइबेरिया के कारखाना सब में प्रकट होलइ, हुआँ परी नयकन
गिरोह जामा कइलकइ आउ फेर से क्रूर कर्म चालू कर देलकइ । ओकर सफलता के अफवाह फेर से
फैल गेलइ। हमन्हीं के साइबेरिया के किला सब के बरबादी के समाचार मालुम पड़लइ । जल्दीए
कज़ान पर कब्जा के बारे आउ नकली सम्राट् के मास्को पर आक्रमण के अभियान के बारे समाचार
युद्ध-संचालक लोग के चिंतित कर देलकइ, जे घृणित विद्रोही लोग के कमजोर समझके बेपरवाही
से सुत्तल हलइ । ज़ूरिन के वोल्गा नदी पार करे के आदेश मिललइ ।*
अपन
अभियान आउ युद्ध के अंत के वर्णन हम नयँ करबइ । संक्षेप में कहबइ कि विपत्ति चरमोत्कर्ष
पर पहुँच गेले हल । हमन्हीं गाँव सब से होके गुजरते गेलिअइ, जे विद्रोही लोग द्वारा
बरबाद कर देल गेले हल, आउ बेचारन गाँव वलन जे कुछ बचा पइते गेले हल, ओहो अनिच्छापूर्वक
छीन लेते जा हलिअइ [58] । कानून आउ व्यवस्था सगरो समाप्त हो चुकले हल - जमींदार लोग
जंगल में नुक गेते गेले हल । डाकू लोग के गिरोह सब सगरो क्रूर व्यवहार कर रहले हल;
विभिन्न पलटन के कमांडर लोग मनमाना ढंग से दंड देते जा हलइ आउ क्षमा कर दे हलइ; ई सब्भे
बृहत् क्षेत्र के स्थिति, जाहाँ परी आग भड़कल हलइ, भयंकर हलइ ... अइसन निरर्थक आउ निष्ठुर
रूसी विद्रोह भगमान कभी नयँ देखावे !
पुगाचोव
भाग रहले हल, इवान इवानोविच मिख़ेलसोन ओकर पीछा कर रहले हल [59] । जल्दीए हमन्हीं के
ओकर संपूर्ण पराजय के बारे पता चललइ । आखिरकार ज़ूरिन के नकली सम्राट् के पकड़ाल जाय
के समाचार प्राप्त होलइ, आउ साथे-साथ रुक्के के आदेश भी । युद्ध समाप्त हो गेले हल
। आखिरकार हमरा अपन माता-पिता के पास जाना संभव होलइ ! उनकन्हीं के गले लगावे के विचार,
मारिया इवानोव्ना के देखे के विचार, जेकरा से कइसनो समाचार नयँ मिलले हल, हमरा भाव-विह्वल
बना रहले हल । हम बुतरू नियन उछल पड़लिअइ। ज़ूरिन हँस पड़लइ आउ अपन कन्हा सिकोड़ते बोललइ,
"नयँ, तोर बुरा हाल होतो ! शादी करबऽ - खाली-पीली बरबाद हो जइबऽ !"
*
"परित्यक्त
अध्याय" (दे॰ पृ॰100-110), जे पुश्किन के जीवन-काल में प्रकाशित नयँ होलइ, जे
खाली वसन्त 1836 के रफ़ हस्तलेख में सुरक्षित रहलइ, एहे पैरा के बाद आवऽ हलइ ।
लेकिन
एहे दौरान एगो विचित्र भावना हमर खुशी में जहर घोलब करऽ हलइ - एतना अधिक निर्दोष लोग
के खून से रंगल दुष्ट (पुगाचोव) के बारे, आउ ओकर प्रतीक्षित प्राणदंड के बारे विचार
हमरा अनैच्छिक रूप से चिंतित कर रहले हल । "इमिल्या, इमिल्या !" हम दुखी
मन से सोचिअइ, "काहे तूँ कोय संगीन (bayonet) चाहे छर्रा (grapeshot) के बाढ़ के
सामने नयँ अइलँऽ ? एकरा से बेहतर तोरा लगी आउ कुछ नयँ हो सकऽ हलउ।" हम की कर सकऽ
हलिअइ ? ओकरा बारे विचार हमर मस्तिष्क में अभिन्न रूप से जुड़ल हलइ ऊ दया के विचार से,
जे ऊ अपन जीवन के भयंकर क्षण में से एक में हमरा प्रति देखइलके हल, आउ कमीना श्वाब्रिन के हाथ से हमर मंगेतर के मुक्ति
के विचार से ।
ज़ूरिन
हमरा छुट्टी देलकइ । कुछ दिन के बाद हम फेर से अपन परिवार के साथ होवे वला हलिअइ, फेर
से अपन मारिया इवानोव्ना के देखे वला हलिअइ ... अचानक अप्रत्याशित वज्रपात हमरा स्तंभित
कर देलकइ ।
प्रस्थान
लगी नियत कइल दिन के, ठीक ओहे पल, जब हम निकसहीं के तैयारी करब करऽ हलिअइ, कि ज़ूरिन
हाथ में एगो कागज लेले अत्यंत चिंतित मुद्रा में हमर इज़्बा (लकड़ी के बन्नल घर) में
प्रवेश कइलकइ । कुछ तो हमर दिल में भोंक देलकइ । हम तो डर गेलिअइ, खुद्दे नयँ मालुम
कि कउची लगी । ऊ हमर अर्दली के बाहर भेज देलकइ आउ बतइलकइ कि ओकरा हमरा से काम हइ ।
"की बात हइ ?" हम बेचैनी से पुछलिअइ। "एगो छोटगर अप्रिय बात",
ऊ उत्तर देलकइ, हमरा कागज सौंपते । "पढ़ लऽ, जे हमरा अभिए मिललो ह ।" हम एकरा
पढ़े लगलिअइ - ई सभी सैनिक विभागाध्यक्ष के नाम भेजल गेल गुप्त आदेश हलइ कि हम जाहाँ
भी होइअइ, हमरा गिरफ्तार कर लेल जाय, आउ तुरते पहरेदार के अधीन कज़ान में पुगाचोव के
मामले में स्थापित अन्वेषण आयोग के पास भेज देल जाय ।
कागज
हमर हाथ से गिरते-गिरते बचलइ । "कुछ नयँ कइल जा सकऽ हइ !" ज़ूरिन कहलकइ ।
"हमर कर्तव्य हइ आदेश के पालन करना । शायद, पुगाचोव के साथ तोर मित्रतापूर्ण यात्रा
के अफवाह कइसूँ सरकार तक पहुँच गेलो ह । आशा करऽ हियो कि ई मामला के कोय गंभीर परिणाम
नयँ होतो आउ तूँ आयोग के सामने अपन स्पष्टीकरण दे सकबऽ । हिम्मत नयँ हारऽ आउ प्रस्थान
कर जा ।" हमर अंतःकरण साफ हलइ; हमरा अदालत के डर नयँ हलइ; लेकिन मधुर मिलन के
पल के स्थगित करे, शायद अभियो आउ कुछ महिन्ना तक, के विचार हमरा भयभीत कर रहले हल ।
घोड़ा गाड़ी तैयार हलइ । ज़ूरिन हमरा मित्रतापूर्ण ढंग से विदा कइलकइ । हमरा गाड़ी में
बैठावल गेलइ । हमरा साथ दू हुस्सार नंगा तलवार लेले बैठलइ, आउ हम उच्चपथ (highway)
से प्रस्थान कइलिअइ ।
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