विजेट आपके ब्लॉग पर

Tuesday, October 10, 2017

2.19 रूसी कहानी "काला पान के बीवी" ; अध्याय-1

काला पान के बीवी
मूल रूसी शीर्षकः Пиковая дама (पिकऽवायऽ दामा) कहानीकार – अलिक्सान्द्र पुश्किन   
मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद

काला पान के बीवी के अर्थ हइ गुप्त दुर्भावना ।
--- भविष्यवाणी के नवीनतम पुस्तक ।

1
आउ बरसात के दिन में
जामा होवऽ हलइ ओकन्हीं
अकसर;
मनमौजी करते जा हलइ - भगमान ओकन्हीं के क्षमा करे !
- पचास से
सो (दाँव पर लगावऽ हलइ),
आउ जित्तऽ हलइ,
आउ खल्ली से लिखते जा हलइ ।
त अइसे, बरसात के दिन में,
व्यस्त रहऽ हलइ ओकन्हीं
काम में । [1]
एक दिन अश्वारोही सेना के अफसर नारूमोव के हियाँ ताश के जुआ चल रहले हल । जाड़ा के लमगर रात अगोचर रूप से गुजर गेलइ; सुबह के पाँच बजे रात के भोजन लगी लोग बैठते गेलइ । जे जुआ जीत गेले हल, ओकन्हीं रजके खइते गेलइ; बाकी लोग, निराशा में, अपन-अपन खाली प्लेट के सामने बैठल रहलइ । लेकिन जब शैम्पेन अइलइ, त बातचीत सजीव हो उठलइ, आउ सब कोय ओकरा में भाग लेते गेलइ ।
"तोर खेल कइसन रहलो, सूरिन ?" मेजबान पुछलकइ ।
"हार गेलिअइ, हमेशे नियन । ई बात तो स्वीकार करहीं पड़तइ कि हम बदकिस्मत हिअइ - हम तो मिरान्दोल [2] खेलऽ हिअइ, कभियो नयँ उत्तेजित होवऽ हिअइ, कुच्छो से भ्रांत नयँ होवऽ हिअइ, लेकिन तइयो हमेशे हार जा हिअइ !"
"आउ तूँ एक्को तुरी लालच में नयँ पड़लहो ? एक्को तुरी रूते (Routé) [3] के जोखिम नयँ उठइलहो ? ... तोहर दृढ़ता हमरा लगी आश्चर्यजनक हको ।"
"आउ हेर्मान (Hermann) के की हालचाल हइ !" नवयुवक इंजीनियर तरफ संकेत करते अतिथि लोग में से एक कहलकइ, "बचपन से ऊ कभी अपन हाथ में ताश नयँ पकड़लके ह, कभी एक्को परोली (paroli) [4] नयँ झुकइलके ह, लेकिन सुबह के पाँच बजे तक हमन्हीं साथ बैठल रहऽ हइ आउ हमन्हीं के खेल देखते रहऽ हइ !"
"खेल हमरा बड़ी रोचक लगऽ हइ", हेर्मान बोललइ, "लेकिन फालतू चीज प्राप्त करे के आशा में हम आवश्यक चीज के बलिदान करे के स्थिति में नयँ हिअइ ।"
"हेर्मान तो जर्मन हइ - ऊ मितव्ययी हइ, बस, एतने बात हइ !" तोम्स्की टिप्पणी कइलकइ । "आउ अगर हमरा लगी कोय दुर्बोध हइ, त ई हमर दादी हइ, काउंटेस आन्ना फ़िदोतोव्ना ।"
"ऊ कइसे ? काहे ?" अतिथि लोग चिल्ला उठलइ ।
"हमरा तो थाह नयँ लगऽ हइ", तोम्स्की बात जारी रखलकइ, "कि काहे हमर दादी जुआ नयँ खेलऽ हइ !"
"त एकरा में अचरज के की बात हइ", नारूमोव कहलकइ, "कि अस्सी बरिस के एगो बूढ़ी जुआ नयँ खेलऽ हइ ?"
"त अपने ओकरा बारे कुच्छो नयँ जानऽ हथिन ?"
"नयँ ! सचमुच, कुछ नयँ !"
"ओह, त सुनथिन - ई जाने के चाही कि हमर दादी लगभग साठ साल पहिले पेरिस गेले हल आउ हुआँ परी बड़गो फैशनदार हलइ । लोग ओकर पीछू-पीछू भागऽ हलइ, ताकि la Venus moscovite [(फ्रेंच) - मास्को के सौन्दर्य देवी] के एक झलक मिल सके; रिशेल्ये (Richelieu) ओकर दीवाना हलइ आउ दादी विश्वास देलावऽ हइ कि ऊ ओकर क्रूरता के कारण खुद के गोली मारते-मारते बच गेले हल ।
ऊ जमाना में महिला सब फ़ारो खेलते जा हलइ । एक दिन दरबार में ऊ ओरलेआन के ड्यूक (Duke of Orleans) [5] से वचन पर (on word of honour) एगो बड़गो रकम हार गेलइ । घर अइला पर, चेहरा पर से सौन्दर्य बिंदी (beauty spots) उतारते आउ छल्लेदार स्कर्ट (hooped skirt) के खोलते बखत, अपन हारल रकम के बारे दादा जी के बतइलकइ आउ उनका भुगतान करे के औडर देलकइ । स्वर्गीय दादा जी, जाहाँ तक हमरा आद पड़ऽ हइ, हमर दादी के एक प्रकार से प्रबन्धक (steward) हलथिन । ऊ ओकरा से आग नियन डरऽ हलथिन; लेकिन, एतना बड़गो रकम के खेल में हार के बात सुनके ऊ अपन आपा खो देलथिन, सब्भे बिल लाके ओकरा देखइलथिन कि छो महिन्ना में ओकन्हीं पाँच लाख (फ्रैंक) खर्च कर देते गेले ह, कि पेरिस के  आसपास मास्को आउ सरातोव के आसपास नियन अपन जागीर नयँ हइ, आउ भुगतान करे से साफ इनकार कर देलथिन । दादी उनका एक चमेटा लगइलकइ आउ अपन नराजगी जाहिर करे लगी अकेल्ले जाके सुत गेलइ ।
दोसरा दिन दादी ई आशा करते कि घरेलू दंड के उनका पर असर होले होत, अपन पति के बोलवा भेजइलकइ, लेकिन उनका अपन बात पर अटल पइलकइ । जिनगी में पहिले तुरी ऊ उनका साथ तर्क आउ स्पष्टीकरण के हद तक गेलइ; ऊ सोचलकइ कि उनकर अंतःकरण के प्रबोधित कर देतइ, नम्रतापूर्वक ई बतइते कि ऋण ऋण में अंतर होवऽ हइ, आउ ड्यूक आउ शकटकर्ता (गाड़ी बनावे वला) में भेद होवऽ हइ । लेकिन कहाँ ! दादा जी विद्रोह कर देलथिन हल । नयँ, आउ बात खतम ! दादी के समझ में नयँ आ रहले हल कि की करूँ ।
एगो बहुत असाधारण व्यक्ति ओकरा साथ अंतरतम परिचित हलइ । अपने काउंट सेंट-जेर्मेन (Saint-Germain) [6] के नाम सुनलथिन होत, जेकरा बारे एतना सारा अद्भुत बात सुन्नल जा हइ । अपने जानऽ होथिन कि ऊ खुद के शाश्वत यहूदी, जीवन-अमृत आउ दार्शनिक के पत्थर (पारस) के आविष्कारक, आदि आदि बतइलके हल । लोग ओकरा नीम-हकीम समझके हँस्सऽ हलइ, लेकिन कासानोवा [7] अपन संस्मरण में बतावऽ हइ कि ऊ एगो जासूस हलइ; लेकिन सेंट-जेर्मेन अपन रहस्यमयता के बावजूद बहुत आदरणीय व्यक्तित्व वला आउ समाज में बहुत प्रिय व्यक्ति हलइ । आझ तक दादी ओकरा पागलपन के हद तक प्यार करऽ हइ आउ गोस्सा हो जा हइ, अगर कोय ओकरा बारे अनादर के साथ बात करऽ हइ । दादी जानऽ हलइ कि सेंट-जेर्मेन अपन मर्जी से बहुत पैसा उपलब्ध करा सकऽ हलइ । ऊ ओकर आश्रय लेवे के निर्णय कइलकइ ।
ओकरा एगो नोट लिखलकइ आउ अपना हीं बिन कोय देरी कइले आवे लगी निवेदन कइलकइ ।
सनकी बूढ़ा तुरंत प्रकट होलइ आउ ओकरा अत्यंत दुखी पइलकइ । ऊ ओकरा अपन पति के बर्बरता के अत्यंत कार से कार रंग में प्रस्तुत कइलकइ आउ आखिरकार कहलकइ कि ऊ अपन सारा विश्वास ओकर मित्रता आउ सहृदयता पर टिकइले हइ ।
सेंट-जेर्मेन सोच में पड़ गेलइ ।
"हम ई रकम से अपने के सेवा कर सकऽ हिअइ", ऊ बोललइ, "लेकिन जानऽ हिअइ कि अपने के चैन नयँ मिलतइ जब तक कि अपने ई रकम हमरा वापिस नयँ कर दे हथिन, आउ हमरा अपने के आउ नयका परेशानी में डाले के इच्छा नयँ होतइ । दोसर उपाय हकइ - अपने ई रकम वापिस जीत ले सकऽ हथिन ।"
"लेकिन प्रिय काउंट", दादी उत्तर देलकइ, "हम अपने के बोल रहलिए ह कि हमरा पास पैसा बिलकुल नयँ हइ।"
"हियाँ परी पैसा के जरूरते नयँ हइ", सेंट-जेर्मेन प्रत्युत्तर देलकइ, "हमर बात ध्यान से सुन्ने के किरपा करथिन।"
हियाँ परी ऊ ओकरा एगो राज के बात बतइलकइ, जेकरा लगी हमन्हीं में से हरेक कोय भारी कीमत चुका देते हल ...
नवयुवक जुआड़ी लोग दोगना ध्यान से सुन्ने लगलइ । तोम्स्की पाइप सुलगइलकइ, कश लगइलकइ आउ बात जारी रखलकइ ।
ओहे शाम दादी वेर्साल (Versailles, फ्रेंच उच्चारण 'वेर्साय'), ओ ज द ला राइन (au jeu de la Reine) [8], पहुँचलइ । ओरलेआन के ड्यूक पत्ता बाँट रहले हल; दादी जरी सुन खेद प्रकट कइलकइ कि ऊ अपन ऋण के पैसा नयँ लेके अइले हल, स्पष्टीकरण में एगो छोटगर कहानी गढ़ लेलकइ आउ ओकर (ड्यूक के) विरुद्ध जुआ खेले लगलइ । ऊ तीन पत्ता चुनलकइ, एक के बाद दोसरा दाँव पर लगइलकइ - तीनों पत्ता ओकरा लगी सोनिका (sonica) जीत [9] देलकइ, आउ दादी पूरा के पूरा रकम वापिस जीत लेलकइ ।
"संयोग !" अतिथि लोग में से एक बोललइ ।
"मनगढ़ंत कहानी !" हेर्मान टिप्पणी कइलकइ ।
"हो सकऽ हइ कि पत्ता सब में पावडर लगावल [10] होतइ ।" तेसरा कहलकइ ।
"हमरा तो अइसन नयँ लगऽ हइ", तोम्स्की शान के साथ उत्तर देलकइ ।
"वाह !" नारूमोव बोललइ, "तोरा हीं दादी हथुन, जे लगातार तीन जित्ते वला पत्ता के अंदाज लगा ले हथुन, आउ तूँ अभियो तक उनका हीं से ई जादुई शक्ति छीन नयँ पइलँऽ ?"
"मामला एतना असान नयँ हइ !" तोम्स्की उत्तर देलकइ । "ओकर चार बेटा हलथिन, जेकरा में एगो हमर पिताजी हलथिन । चारो पक्का जुआड़ी हलथिन, आउ केकरो ऊ अपन राज के नयँ खोललकइ; हलाँकि उनकनहीं लगी ई खराब नयँ होते हल आउ न हमरे खातिर । लेकिन अइकी हमर चाचा, काउंट इवान इल्यिच, हमरा बतइलथिन हल, जेकरा बारे अपन सम्मान के शपथ लेके विश्वास देलइलथिन हल । स्वर्गीय चापलित्स्की, ओहे जे करोड़ो उड़ाके गरीबी में मरलइ, एक दिन अपन जवानी में जुआ हार गेलइ – ज़ोरिच [11] से, जइसन कि हमरा आद पड़ऽ हइ - लगभग तीन लाख । ऊ निराश हलइ । दादी के, जे हमेशे नवयुवक लोग के सनक के प्रति कठोर हलइ, कइसूँ चापलित्स्की पर तरस आ गेलइ । ऊ ओकरा तीन पत्ता के बारे बता देलकइ, जे ओकरा एक के बाद दोसरा दाँव पर लगावे के चाही हल, आउ ओकरा से शपथ ले लेलकइ कि ओकर बाद फेर कभी जुआ नयँ खेलतइ । चापलित्स्की अपन पहिले जित्ते वला प्रतिद्वन्द्वी भिर प्रकट होलइ आउ दुन्नु जुआ खेले लगी बैठ गेते गेलइ । चापलित्स्की पहिला पत्ता पर पचास हजार दाँव पर लगइलकइ आउ सोनिका जितलइ; परोली मोड़लकइ, फेर परोली-पे (paroli-раiх) [12] - आउ जे कुछ हारले हल ऊ वापिस जीत लेलकइ आउ हियाँ तक कि कुछ फालतू भी पा लेलकइ ...
"लेकिन सुत्ते के समय हो गेलइ - पौने छो बज चुकले ह ।"
वास्तव में उजाला होवे लगले हल । नवयुवक लोग अपन-अपन शराब के गिलास खाली कइलकइ आउ तितर-बितर हो गेते गेलइ ।

टिप्पणी:
[1] पुश्किन द्वारा बिन शीर्षक वला 1828 में खुद के लिक्खल कविता से उद्धृत ।
[2] हियाँ परी के मिरान्दोल खेल, जइसन कि पुश्किन के कहानी "निशाना" में भी चर्चा कइल गेले ह, फ़ारो हइ । एकरा लुई चतुर्दश (Louis XIV) के दरबार से रूस में आयातित कइल गेले हल । ई एगो पक्का जुआ के खेल हलइ, जेकरा में निपुणता आउ रणनीति के जरूरत नयँ हलइ । हरेक खेलाड़ी (पुंटर) अपन ताश के गड्डी से एक पत्ता अपन मन से चुन्नऽ हलइ आउ टेबुल पर एकरा पलटके रख दे हलइ, आउ एकरे पर अपन दाँव लगावऽ हलइ । पत्ता बाँटे वला (बैंकर) ताश के दोसर गड्डी (बिलकुल नावा, अगर दाँव बड़गो होवऽ हलइ) के पत्ता फेंटऽ हलइ आउ पतवन के टेबुल पर उलटके रक्खऽ हलइ - बारी-बारी से अपन दहिना आउ बामा दने । अगर बैंकर के दहिना दने वला पत्ता पुंटर के पत्ता के रैंक (चाहे कउनो रंग के रहे) से मिल जा हलइ, त बैंकर जीत जा हलइ; अगर ओकर बामा दने पड़े वला पत्ता पुंटर के पत्ता के रैंक से मिल जा हलइ, त पुंटर अपन लगावल दाँव के एतना रकम जीत जा हलइ । पुंटर हलाँकि अपन चुन्नल पत्ता के बारे जानऽ हलइ, अपन पत्ता के उलटके सीधा नयँ करऽ हलइ जब तक कि बैंकर द्वारा डालल पत्ता के रैंक से ओकर चुन्नल पत्ता के रैंक मेल नयँ खा हलइ । मिरान्दोल शब्द (जेकर व्युत्पत्ति शायद इटैलियन मिरान्दोला परिवार से मानल जा हइ) फ़ारो में एगो सतर्क चाल निर्दिष्ट करऽ हइ, जेकरा में दाँव छोटगर-छोटगर लगावल जा हइ आउ जित्तल रकम के वापिस ले लेवल जा हइ नयँ कि अगला पारी के दाँव पर रक्खल जा हइ ।
[3] रूते (Routé) - एकर मतलब हलइ कि पुंटर अपन दाँव दोगना करे लगी आउ ताश के ओहे पत्ता के साथ खेले लगी चाहऽ हलइ जे अभी-अभी जीत चुकले ह ।
[4] परोली (paroli) - एकर मतलब हलइ कि पुंटर जितला के बाद अपन जित्तल रकम के नयका दाँव में शामिल करे लगी चाहऽ हलइ, अर्थात् मूल दाँव के दोबर करे लगी । ई बात के निर्देश करे लगी ऊ नयका चुन्नल पत्ता के एक कोना के निच्चे दने मोड़ दे हलइ। दे॰ पुश्किन के कहानी "निशाना", नोट-2.
[5] ओरलेआन के ड्यूक (duc d'Orléans) - स्पष्टतः ई लुई-फ़िलिप, ओरलेआन के ड्यूक (I725-85) हलइ आउ फ़िलिप तृतीय, ओरलेआन के ड्यूक (1674-1723) के पोता हलइ । फ़िलिप तृतीय, लुई चतुर्दश (Louis XIV) के निधन के बाद 1715 में फ्रांस के प्रतिशासक (Regent) होले हल ।
[6] सेंट-जेर्मेन (Saint-Germain) - Comte de Saint Germain (फ्रेंच उच्चारण " कौँ द सैँ जैरमैँ ") (1691-1784) एगो यूरोपीय जोखिमबाज हलइ आउ विज्ञान आउ कला में रुचि ले हलइ । अठरहमी शताब्दी के मध्य में यूरोपीय उच्च वर्ग में ओकर बड़गो नाम हलइ । एकरा एगो महानतम दार्शनिक मानल जा हलइ । अपन कइएक नाम आउ उपाधि के प्रयोग करऽ हलइ । खुद के 500 वर्ष के बतावऽ हलइ ।
[7] कासानोवा - जियाकोमो कासानोवा द साइनगाल्त (Giacomo Casanova de Seingalt) (1725-1798) विख्यात इटैलियन जोखिमबाज, जेकर संस्मरण मरणोपरान्त पुश्किन के समय में ही बारह खंड में प्रकाशित होले हल (1826-38) । पुश्किन सेंट-जेर्मेन के चरित्र अधिकांश कासानोवा के संस्मरण से हीं लेलथिन हँ; लेकिन अर्थर माचेन (Arthur Machen) के ई संस्मरण के संपूर्ण अंगरेजी संस्करण में तो कासानोवा कभियो काउंट के गुप्तचर के रूप में उल्लेख नयँ कइलके ह (ओकर तीन मुठभेड़ खातिर दे॰ खंड-3, अ॰3, 10; खंड-5, अ॰16) । ऊ अपन तेहत्तर साल के जिनगी में, जइसन कि ओकर संस्मरण से स्पष्ट होवऽ हइ, इटली, फ्रांस, जर्मनी, आस्ट्रिया, इंग्लैंड, स्विटज़रलैंड, बेल्जियम, रूस, स्पेन, हॉलैंड, तुर्की के यात्रा कइलके हल आउ ई सब देश के बड़गो हस्ती लोग से मिलले हल । ऊ अकसर अपन रचना में याक कासानोवा द साइनगाल्त (Jacques Casanova de Seingalt) के नाम से दसखत करऽ हलइ, जब ऊ अपन वेनिस से द्वितीय निर्वासन के बाद फ्रेंच में लिखना चालू कइलके हल ।
[8] ओ ज द ला राइन (au jeu de la Reine) - "महारानी के हियाँ ताश के पार्टी में".
[9] सोनिका (Sonica) - सोनिका जीत के मतलब हलइ कि खेलाड़ी (पुंटर) नयका पारी में पहिलौके तुरी ताश के पलटला पर जीत गेलइ ।
[10] पत्ता सब में पावडर लगावल होतइ - ई सरल खेल में पुंटर एक्के तरह से बेईमानी कर सकऽ हलइ - ताश के गड्डी में चिपकाहा पावडर डाल देल जाय जेकरा मेटा देल जा सकइ ताकि बाद में अगर ऊ देखइ कि ई रैंक से हार रहलूँ हँ त एकरा मेटाके रैंक बदल देल जा सकइ ।
[11] ज़ोरिच - सिम्योन गवरिलोविच ज़ोरिच (1745-1799), महारानी एकातेरिना द्वितीय के एगो कृपापात्र, जुआ के दीवाना ।
[12] परोली-पे (paroli-раiх) - चापलित्स्की अपन दाँव के दोगना कइलकइ (परोली), आउ जीत गेलइ । फेर उ अपन जित्तल कुल रकम के शामिल करके दोगना दाँव पर लगइलकइ (परोली-पे), जे पत्ता के बीच में मोड़के इंगित कइल जा हलइ ।
ई कहानी पर दाँव संबंधी विस्तृत चर्चा खातिर दे॰ ch.7: Thaumaturgy in 'The Queen of Spades' in: Leighton L. G. (1994): "The Esoteric Tradition in Russian Romantic Literature", Pennsylvania State University Press, viii+224 pp.

No comments: