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Saturday, October 21, 2017

2.19 रूसी कहानी "काला पान के बीवी" ; अध्याय-3

3
Vous m'écrivez, mon ange, des lettres de quatres pages
plus vite que je ne puis les lire.

[अपने, हमर देवदूत, हमरा चार पेज के पत्र लिक्खऽ हथिन,
 कहीं अधिक गति से जेतना से कि हम ओकरा पढ़ सकऽ हिअइ । (फ्रेंच)]
                                                 --- पत्राचार
अभी लिज़ावेता इवानोव्ना कपोत (capote) आउ टोपी निकासहीं पइलके हल कि काउंटेस ओकरा फेर से बोला भेजवइलकइ आउ फेर से करेता के तैयार करे लगी आदेश देलकइ । ओकन्हीं ओकरा में सवार होवे लगी रवाना होते गेलइ । ठीक ओहे पल, जब दूगो नौकर बुढ़िया के उठइलकइ आउ गाड़ी के दरवाजा से अंदर घुसइलकइ, कि लिज़ावेता इवानोव्ना ठीक गाड़ी के चक्का बिजुन अपन इंजीनियर के देखलकइ; ऊ (इंजीनियर) ओकर हाथ पकड़ लेलकइ; ऊ डर से अभी सँभलियो नयँ पइलके हल कि नवयुवक गायब हो गेलइ - पत्र ओकर हाथ में रह गेलइ । ऊ एकरा अपन दस्ताना में नुका लेलकइ आउ पूरे रस्ता न तो कुछ सुनलकइ आउ न देखलकइ । करेता में काउंटेस के मिनट-मिनट कुछ न कुछ पूछते रहे के आदत हलइ - केऽ ई हमन्हीं साथ मिललइ ? - ई पुल के की नाम हइ ? - हुआँ परी साइनबोर्ड पर की लिक्खल हइ ? लिज़ावेता इवानोव्ना अबरी यदृच्छया (at random) आउ ऊटपटांग उत्तर देलकइ, जेकरा से काउंटेस के गोस्सा बर गेलइ ।
"तोरा की हो गेलो ह, मइया हमर ! तूँ जड़ हो गेलहीं हँ की ? तोरा हमर बात सुनाय नयँ दे हउ कि समझ में नयँ आवऽ हउ ? ... भगमान के किरपा से, हम न तो तोतरा हिअइ, आउ न तो हमर बुद्धि जवाब देलके ह !"
लिज़ावेता इवानोव्ना ओकर बात नयँ सुन रहले हल । घर अइला पर ऊ दौड़ल अपन कमरा में गेलइ, दस्ताना से पत्र निकसलकइ - ई सील कइल नयँ हलइ ।
लिज़ावेता इवानोव्ना एकरा पढ़लकइ । पत्र में प्यार के स्वीकारोक्ति हलइ - ई कोमल आउ आदरपूर्ण हलइ आउ एक-एक शब्द एगो जर्मन उपन्यास से नकल कइल हलइ । लेकिन लिज़ावेता इवानोव्ना के जर्मन नयँ आवऽ हलइ आउ एकरा से ऊ बहुत खुश होलइ ।
लेकिन ई प्राप्त कइल पत्र ओकरा अत्यंत बेचैन कर देलकइ । पहिले तुरी नवयुवक के साथ ऊ गुप्त आउ घनिष्ठ संबंध में प्रवेश कर रहले हल । ओकर (नवयुवक के) साहस से ऊ आतंकित हो उठलइ । ऊ अपन व्यवहार में लापरवाही खातिर खुद के भर्त्सना कइलकइ, आउ ओकरा समझ में नयँ अइलइ कि की करूँ - की खिड़की बिजुन बैठे लगी छोड़ दूँ आउ लापरवाही से नवयुवक अफसर के आगू के कदम बढ़ावे के इच्छा पर पानी डाल दूँ ? - की ओकरा ई पत्र वापिस कर दूँ ? - की भावशून्यता के साथ आउ दृढ़तापूर्वक ओकरा जवाब दूँ ? ओकरा परामर्श देवे वला कोय नयँ हलइ, ओकरा न तो कोय सहेली हलइ, आउ न कोय प्रशिक्षिका । लिज़ावेता इवानोव्ना उत्तर देवे के निर्णय कइलकइ ।
ऊ लिक्खे के छोटका टेबुल भिर बैठ गेलइ, कलम-कागज लेलकइ - आउ सोचे लगलइ । कइएक तुरी ऊ पत्र लिक्खे लगी शुरू कइलकइ - आउ ओकरा फाड़ देलकइ; कभी अभिव्यक्ति ओकरा बहुत कोमल लगलइ, त कभी बहुत कठोर । आखिरकार ओकरा कुछ पंक्ति लिक्खे में सफलता मिल गेलइ, जे ओकरा संतोषजनक लगलइ । "हमरा पक्का विश्वास हइ", ऊ लिखलकइ, "कि अपने के इरादा नेक हइ, कि अपने हमरा कोय सोचल-समझल व्यवहार से अपमानित करे लगी नयँ चाहऽ हलथिन; लेकिन अपने के परिचय के शुरुआत अइसे नयँ होवे के चाही हल । अपने के पत्र हम लौटा रहलिए ह आउ आशा करऽ हिअइ कि भविष्य में अपने हमरा  अकारण अनादर के शिकायत करे के मौका नयँ देथिन ।"
दोसरा दिन हेर्मान के अइते देखके लिज़ावेता इवानोव्ना किरमिच के पीछू से उठलइ, बाहर अतिथि-कक्ष में अइलइ, फ़ोर्तोच्का खोललकइ आउ नवयुवक अफसर के फुरतीलापन पर भरोसा करके, पत्र के सड़क पर फेंक देलकइ । हेर्मान दौड़के पास अइलइ, ओकरा उठा लेलकइ आउ हलुआय के दोकान में घुस गेलइ । सील तोड़के ऊ अपन पत्र आउ लिज़ावेता इवानोव्ना के उत्तर पइलकइ । ऊ एहे आशा कर रहले हल आउ अपन चालबाजी पर बहुत विचारमग्न होल घर वापिस अइलइ ।
ओकर तीन दिन बाद फैशन के दोकान से एगो चंचल आँख वली मामज़ेल (मद्म्वाज़ेल) नवयुवती लिज़ावेता इवानोव्ना खातिर एगो चिट लेके अइलइ । लिज़ावेता इवानोव्ना ई आशंका से, कि पैसा चुकावे के माँग कइल गेले होत, ओकरा बेचैनी के साथ खोललकइ, आउ अचानक हेर्मान के हाथ के लिखावट पछान लेलकइ ।
"प्यारी, अपने से भूल हो गेले ह", ऊ कहलकइ, "ई चिट हमरा लगी नयँ हइ ।"
"नयँ, बिलकुल अपने लगी हइ !" साहसी लड़की अपन शरारत भरल मुसकान के बिन छिपइले उत्तर देलकइ। "पढ़े के किरपा करथिन !"
लिज़ावेता इवानोव्ना चिट पर तेजी से एक नजर डललकइ । हेर्मान मिलन (rendezvous) के माँग कइलके हल ।
"नयँ हो सकऽ हइ !" मिलन के माँग के उतावलापन आउ हेर्मान द्वारा प्रयोग कइल तरीका से भयभीत होके लिज़ावेता इवानोव्ना कहलकइ । "ई पक्का हमरा खातिर नयँ लिक्खल हइ !" आउ पत्र के फाड़के रुगदी-रुगदी कर देलकइ ।
"अगर पत्र अपने खातिर नयँ हलइ, त अपने एकरा फाड़ काहे लगी देलथिन ?" मामज़ेल कहलकइ, "हम ओकरा वापिस कर देतिए हल, जे एकरा भेजलके हल ।"
"किरपा करके, प्यारी !" ओकर टिप्पणी से भड़कके लिज़ावेता इवानोव्ना कहलकइ, "इंदे (आइंदा) हमरा हीं कोय चिट नयँ लाथिन । आउ जे अपने के भेजलके ह, ओकरा कह देथिन कि ओकरा शरम आवे के चाही ..."
लेकिन हेर्मान शांत नयँ बैठलइ । लिज़ावेता इवानोव्ना रोज दिन ओकरा हीं से पत्र प्राप्त करऽ हलइ, कभी ई ढंग से, त कभी ऊ ढंग से । अब ऊ सब जर्मन से अनूदित नयँ होवऽ हलइ । हेर्मान भावना से प्रेरित होके ऊ सब पत्र लिक्खऽ हलइ, आउ अपन खुद के भाषा बोलऽ हलइ - ओकरा में ओकर इच्छा के दृढ़ता आउ अनियंत्रित कल्पना के अव्यवस्था (disorder) अभिव्यक्त होवऽ हलइ । लिज़ावेता इवानोव्ना अब ओकरा वापिस भेजे लगी नयँ सोचऽ हलइ - ऊ सब से ओकरा आनंद मिल्लऽ हलइ; ऊ सब पत्र के जवाब देवे लगलइ - आउ ओकर नोट समय के साथ अधिकाधिक लमगर होल जा रहले हल । आखिरकार ऊ ओकरा लगी निम्नलिखित पत्र फेंकलकइ-
"आझ उपराजदूत *** के हियाँ बॉल नृत्य हइ । काउंटेस हुआँ रहथिन । हमन्हीं (सुबह के) दू बजे तक ठहरते जइबइ । अपने लगी हमरा से एकांत में मिल्ले के एहे मोक्का हइ । जइसीं काउंटेस चल जइथिन, उनकर नौकर लोग शायद तितर-बितर हो जइते जइतइ, प्रवेशद्वार पर दरबान रहतइ, लेकिन ओहो साधारणतः अपन छोटकुन्ना कोठरी में (सुत्ते लगी) चल जा हइ । साढ़े एगारह बजे आ जाथिन । सीधे जीना पर आ जाथिन । अगर कोय प्रवेश-कक्ष में मिल्लइ, त अपने पूछ लेथिन कि काउंटेस घरे हथिन कि नयँ । अपने के बतावल जइतइ "नयँ" - फेर कुछ करे के जरूरत नयँ । अपने के वापिस लौटे पड़तइ । लेकिन, शायद, अपने के केकरो से भेंट नयँ होतइ । लड़कियन सब अपन कमरा में रहऽ हइ, सब कोय एक्के गो में । प्रवेश कक्ष से बामे मुड़ जाथिन, लगातार सीधे काउंटेस के शयन-कक्ष तक चल जाथिन । शयन-कक्ष में परदा के पीछू दू गो छोटगर-छोटगर दरवाजा देखथिन - दहिना दने वला अध्ययन-कक्ष तरफ खुल्लऽ हइ, जेकरा में काउंटेस कभी नयँ जा हथिन; बामा दने वला एगो गलियारा (corridor) में खुल्लऽ हइ, आउ हिएँ परी एगो घुम-घुमौवा सकेत जीना हइ - ई हमर कमरा तक जा हइ ।"
हेर्मान, धावा करे खातिर बाघ नियन तैयार, नियत समय के प्रतीक्षा कर रहले हल । शाम के नो बजे ऊ काउंटेस के घर के सामने आके खड़ी हो चुकले हल । मौसम भयानक हलइ - हावा सायँ-सायँ कर रहले हल, गिलगर (गीला) बरफ गोला (large flakes) के रूप में गिर रहले हल; (सड़क के किनारे के) बत्ती सब मद्धिम रोशनी में जल रहले हल; गलियन सब सूनसान हलइ । कभी-कभार कोचवान अपन मरियल घोड़ी जोतल बग्घी हाँकते गुजर जा हलइ, ई देखते कि शायद देर से घर लौटे वला कोय सवारी मिल जाय । हेर्मान खाली एगो जैकेट में खड़ी हलइ, जेकरा न तो हावा के अनुभव हो रहले हल, न बरफ के । आखिरकार काउंटेस के गाड़ी दरवाजा भिर लावल गेलइ । हेर्मान देखलकइ कि नौकरवन हाथ के सहारा देके सेबल (sable) के फ़रकोट पेन्हले कुब्बड़ बुढ़िया के गाड़ी से बाहर निकासते गेलइ, आउ ओकर पीछू हलका ओवरकोट में, सिर ताजा फूल से सजइले, ओकर संरक्षिता बाहर अइलइ । गाड़ी के दरवाजा फटाक से बंद कर देल गेलइ । नरम बरफ पर से होके गाड़ी मोसकिल से आगू लुढ़के लगलइ । दरबान दरवाजा में ताला लगा देलकइ । खिड़कियन में अन्हेरा छा गेलइ ।
हेर्मान सूनसान होल घर के इर्द-गिर्द चहलकदमी करे लगलइ - ऊ लैंप बिजुन अइलइ, घड़ी दने देखलकइ - एगारह बजके बीस मिनट होले हल । घड़ी के सूई तरफ नजर टिकइले ऊ लैंप के निच्चे खड़ी रहलइ, आउ बाकी मिनट के गुजरे के इंतजार करे लगलइ । ठीक साढ़े एगारह बजे हेर्मान काउंटेस के ड्योढ़ी दने बढ़लइ आउ उपरे चढ़के रोशनी से जगमगइते प्रवेश-कक्ष में अइलइ । दरबान नयँ हलइ । हेर्मान जीना पर से होके दौड़ल उपरे गेलइ, प्रवेश-कक्ष के दरवाजा खोललकइ आउ एगो गंदा-संदा पुरनका अरामकुरसी पर लैंप के निच्चे सुत्तल एगो नौकर के देखलकइ । हलका आउ दृढ़ कदम रखते ऊ ओकरा भिर से होते गुजर गेलइ । स्वागत-कक्ष आउ बैठका (reception hall and drawing room) में अन्हेरा हलइ । प्रवेश-कक्ष से लैंप के मद्धिम रोशनी एकरा में आ रहले हल । हेर्मान शयन-कक्ष में प्रवेश कइलकइ । प्राचीन प्रतिमा सब से भरल प्रतिमादानी (icon-case) के सामने एगो सोना के दीप जल रहले हल । बदरंग बेल-बूटेदार कपड़ा से मढ़ल अरामकुरसी आउ पंख भरल तकिया के साथ सोफा, जेकरा पर से सुनहरा रंग उतर चुकले हल, चीनी देवाली कागज (wallpaper) से सजावल देवाल से लगके शोचनीय सममिति (melancholy symmetry) में रक्खल हलइ। देवाल पर पेरिस में मादाम लेब्रँऽ (m-me Lebrun) [1]  द्वारा पेंटिंग कइल दू गो छविचित्र (portraits) टँग्गल हलइ । ओकरा में से एक लगभग चालीस साल के एगो मर्द चित्रित हलइ, लाल-लाल गाल वला आउ तगड़ा, सितारा के साथ हलका हरियर रंग के वर्दी में; दोसरा - शुक नासिका (aquiline nose) वली एगो जवान सुंदरी, जेकर बाल कंघी करके कनपट्टी तक लावल हलइ आउ पावडर कइल बाल में गुलाब के फूल हलइ । सब्भे कोना में चीनी मिट्टी के गरेड़िन, प्रसिद्ध लेरोय [2] द्वारा बनावल टेबुल घड़ी, डिबिया, खेले के चक्का, पंखा, आउ महिला लगी मनबहलाव के विभिन्न प्रकार के खिलौना, जेकर गत शताब्दी के अंत में मौँगोलफ़िए के गुब्बारा [3] आउ मेस्मेर के चुंबकत्व [4] सहित आविष्कार कइल गेले हल । हेर्मान परदा के पीछू गेलइ । ओकर पीछू लोहा के एगो पलंग हलइ; दहिना करगी दरवाजा हलइ, जे अध्ययन-कक्ष तरफ खुल्लऽ हलइ; बामा करगी दोसरा - जे गलियारा तरफ खुल्लऽ हलइ । हेर्मान ओकरा खोललकइ, एगो सकेत घुम-घमौवा जीना देखलकइ, जेकरा से होके बेचारी संरक्षिता के कमरा तक जाल जा सकऽ हलइ ... लेकिन ऊ वापिस अइलइ आउ अन्हार अध्ययन-कक्ष में घुसलइ ।
समय धीरे-धीरे गुजर रहले हल । सब कुछ शांत हलइ । अतिथि-कक्ष में घड़ी बारह बजइलकइ; एक के बाद दोसरा सब्भे कमरा में घड़ी बारह बजइलकइ - आउ फेर से सब कुछ शांत हो गेलइ । हेर्मान ठंढा पड़ल अंगीठी (stove) के सहारा लेके खड़ी हलइ । ऊ शांत हलइ; ओकर दिल समरूप गति से धड़क रहले हल, ठीक ऊ व्यक्ति के दिल नियन, जे कुछ तो खतरनाक लेकिन आवश्यक काम करे लगी निश्चय कर लेलके ह । घड़ी सुबह के एक आउ फेर दू बजइलकइ - आउ ऊ दूर से आ रहल करेता (घोड़ागाड़ी) के खड़खड़ाहट सुनलकइ । एगो अनचाहल उत्तेजना ओकरा पर हावी हो गेलइ । करेता नगीच अइलइ आउ रुक गेलइ । ओकरा गाड़ी के पायदान से उतरे के अवाज सुनाय देलकइ । घर में हलचल मच गेलइ । लोग दौड़-धूप करे लगलइ, कइएक अवाज सुनाय देवे लगलइ, आउ घर प्रकाशित हो उठलइ । शयनकक्ष में तीन पुरनकन दासी दौड़के अइलइ, आउ काउंटेस, थकके चकनाचूर होल, अंदर अइलइ आउ वोल्तेर अरामकुरसी (Voltairean armchair)[5] पर धम से बैठ गेलइ । हेर्मान एगो छेद से देख रहले हल - लिज़ावेता इवानोव्ना ओकरा भिर से होके गुजर गेलइ । हेर्मान ओकरा अपन जीना के सोपान (steps) पर से अइते ओकर त्वरित कदम के आहट सुनलकइ । ओकर हृदय में कुछ तो पश्चात्ताप नियन बुझइलइ, लेकिन तुरते शांत हो गेलइ । ऊ कठोरहृदय हो गेलइ ।
काउंटेस दर्पण के सामने कपड़ा उतारे लगलइ । नौकरानी सब, गुलाब से सज्जल ओकर टोपी से पिन निकसलकइ; ओकर पक्कल आउ काटके बिलकुल छोटगर-छोटगर कइल केश वला सिर से पावडर लगल नकली केश (wig) उतरलकइ । पिन बारिश नियन ओकर आसपास गिर रहले हल । चानी से कशीदाकारी कइल पीयर पोशाक ओकर सुज्जल गोड़ पर गिर गेलइ । हेर्मान ओकर शृंगार के घृणित रहस्य के साक्षी हलइ; आखिरकार, काउंटेस सुत्ते के गाउन आउ रात्रि-टोपी में रह गेलइ - ई परिधान में, जे ओकर बुढ़ापा के अधिक अनुरूप हलइ, ऊ कम भयंकर आउ कम भद्दा लगऽ हलइ ।
साधारणतः सब बुढ़वन नियन, काउंटेस अनिद्रा रोग से पीड़ित हलइ । कपड़ा उतारला के बाद खिड़की बिजुन वोल्तेर अरामकुरसी पर बैठ गेलइ आउ अपन नौकरानी सब के जाय के आदेश दे देलकइ । मोमबत्ती बाहर कर देल गेलइ, कमरा में अब फेर से (प्रतिमा के सामने जल रहल) एक्के दीप के प्रकाश रह गेलइ । पूरा पीयर पड़ल काउंटेस बैठल हलइ आउ दहिने-बामे डोलते अपन शिथिल होंठ से बुदबुदाब करऽ हलइ । ओकर धुँधला आँख बिलकुल भावहीन हलइ; ओकरा तरफ देखके सोचल जा सकऽ हलइ कि ई भयंकर बुढ़िया के हिलना-डुलना ओकर इच्छा से नयँ होब करऽ हलइ, बल्कि कोय गुप्त प्रेरक प्रक्रिया (galvanic mechanism) के प्रभाव के कारण । अचानक ई मृतप्राय चेहरा में अनिर्वचनीय परिवर्तन अइलइ । होंठ बुदबुदाना बंद कर देलकइ, आँख सजीव हो उठलइ - काउंटेस के सामने एगो अपरिचित पुरुष खड़ी हलइ ।
"भयभीत नयँ होथिन, भगमान खातिर, भयभीत नयँ होथिन !" ऊ स्पष्ट आउ धीमे स्वर में कहलकइ । "हमरा अपने के कोय हानि पहुँचावे के इरादा नयँ हइ; हम हियाँ अपने से एक अनुग्रह करे के अनुरोध करे लगी अइलिए ह ।"
बुढ़िया चुपचाप ओकरा दने तक रहले हल, आउ अइसन लगऽ हलइ कि ओकर बात नयँ सुन रहले हल । हेर्मान कल्पना कइलकइ कि ऊ बहिर हइ आउ ठीक ओकर कान तक झुकके ओकरा ओहे बात दोहरइलकइ । बुढ़िया पहिलहीं नियन चुप रहलइ ।
"अपने हमर जिनगी के सुखी कर सकऽ हथिन", हेर्मान बात जारी रखलकइ, "आउ एकरा लगी अपने के कोय पैसा नयँ चुकावे पड़तइ - हम जानऽ हिअइ कि अपने ऊ लगातार तीन जित्ते वला पत्ता के नाम बता सकऽ हथिन ..."
हेर्मान रुक गेलइ । काउंटेस, लगलइ, समझ गेले हल कि ओकरा से कउची के अपेक्षा कइल जा रहले ह; लगलइ, मानूँ ऊ अपन उत्तर लगी शब्द ढूँढ़ रहले ह ।
"ई मजाक हलइ", आखिरकार ऊ कहलकइ, "अपने सामने कसम खा हिअइ ! ई मजाक हलइ !"
"एकरा में मजाक के कोय बात नयँ हइ", गोसाल हेर्मान एतराज कइलकइ । "चापलित्स्की के आद करथिन, जेकरा अपने हारल रकम वापिस जीत लेवे में मदत कइलथिन हल ।"
काउंटेस स्पष्टतः संकोच में पड़ गेले हल । ओकर हाव-भाव ओकर आत्मा के गहरा उथल-पुथल चित्रित कर रहले हल, लेकिन ऊ जल्दीए पहिलौका भावशून्यता में आ गेलइ ।
"अपने हमरा", हेर्मान बात जारी रखलकइ, "ई तीन विश्वसनीय पत्ता के नाम बता सकऽ हथिन ?"
काउंटेस चुप रहलइ; हेरमान बात चालू रखलकइ -
"केकरा लगी अपने अपन राज के छिपइले हथिन ? पोतवन खातिर ? ओकन्हीं तो एकरा बेगर धनवान हइ, ओकन्हीं के तो पैसा के कीमत भी नयँ मालूम । फजूलखर्ची करे वला खातिर अपने के तीन पत्ता कोय काम के नयँ । जे अपन पैतृक विरासत के सुरक्षित नयँ रख सकऽ हइ, ऊ तो अइसूँ गरीबी में मरतइ, चाहे ओकरा पास कइसनो राक्षसी शक्ति काहे नयँ रहइ । हम फजूलखर्च नयँ हिअइ; हमरा पैसा के कीमत मालुम हइ । अपने के तीन पत्ता हमरा लगी बेकार नयँ जइतइ । अच्छऽ त ! ..."
ऊ रुक गेलइ आउ ओकर उत्तर लगी धड़कते दिल से इंतजार करे लगलइ । काउंटेस चुप रहलइ; हेर्मान ओकरा सामने टेहुना के बल गिर गेलइ ।
"अगर कभी", ऊ कहलकइ, "अपने के हृदय प्रेम-भावना के जनलके ह, अगर अपने के एकर हर्षावेष आद आवऽ हइ, अगर अपने बल्कि एक्को तुरी नवजात पुत्र के रोदन पर मुसकइलथिन हँ, अगर अपने के हृदय में कुछ मानवीय भावना धड़कले ह, त हम अपने से एगो पत्नी, प्रेमिका, माता के भावना के साथ - अनुरोध करऽ हिअइ - ऊ सब कुछ के साथ जे जिनगी में पवित्र हइ - हमर अनुरोध के अस्वीकार नयँ करथिन ! - अपन राज के हमरा सामने खोल देथिन ! - ई अपने लगी कउन काम के हइ ? ... हो सकऽ हइ, ई कोय भयंकर पाप से जुड़ल होवइ, कोय शाश्वत सुख के वंचन (loss) से, कोय शैतानी समझौता से जुड़ल होवइ ... जरी सोचथिन - अपने बूढ़ी हथिन; अपने के थोड़े दिन जीना हइ - हम अपने के पाप अपन आत्मा पर लेवे लगी तैयार हिअइ। खाली हमरा अपन राज खोल देथिन । जरी सोचथिन कि एगो इंसान के सुख अपने के हाथ में हइ; कि खाली हम नयँ, बल्कि हमर बाल-बच्चा, पोता, परपोता सब अपने के स्मृति के गुणगान करते जइतइ आउ एकरा पवित्र मानतइ ..."
बुढ़िया एक्को शब्द उत्तर नयँ देलकइ । हेर्मान उठ गेलइ ।
"बूढ़ी डायन !" अपन दाँत पीसते ऊ बोललइ, "त हम तोरा उत्तर देवे लगी लचार कर देबउ ..."
एतना कहके ऊ जेभी से पिस्तौल निकास लेलकइ । पिस्तौल देखके काउंटेस दोसरा तुरी तीव्र प्रतिक्रिया देखइलकइ । ऊ अपन सिर पीछू तरफ झटकलकइ आउ हाथ उपरे उठा लेलकइ, मानूँ गोली के निशाना से खुद के बचावे लगी चाह रहल होवे ... फेर ऊ पीछू दने लुढ़क गेलइ ... आउ निश्चल हो गेलइ ।
"बुतरखेल बंद करथिन", ओकर हाथ पकड़के हेर्मान बोललइ । "अंतिम तुरी पूछ रहलिए ह - हमरा अपन तीन पत्ता के नाम बतावे लगी चाहऽ हथिन कि नयँ ? - हाँ कि नयँ ?"
काउंटेस कोय उत्तर नयँ देलकइ । हेर्मान देखलकइ कि ऊ मर चुकले ह ।

टिप्पणी:
[1] एलिज़ाबेथ विग्ये-लेब्रँऽ (Elisabeth Vigee-Lebrun) (1755-1842) पेरिस के अपन काल में एगो प्रसिद्ध महिला पेंटर हलइ। फ्रांसीसी विद्रोह (1789) के दौरान पेरिस में ओकर सफल जीविका बाधित हो गेलइ, जेकर बाद 1802 तक ऊ विदेश में रहलइ, जेकरा में से 1795 से 1801 तक रूस में बितइलकइ ।
[2] जुलिऐँ लेरोय [Julien Leroy (1686- 1759)] पेरिस के प्रसिद्ध घड़ीसाज हलइ । सन् 1739 में ओकरा लुई XV के राजकीय घड़ीसाज बनावल गेले हल । ओकर बेटा प्येर [Pierre (1717-85)] भी प्रसिद्ध घड़ीसाज हलइ ।
[3] आनोनाय, फ्रांस, के मौँगोलफ़िए-बंधु [Montgolfier-brothers] जोसेफ़-मिकेल [Joseph-Michel (1740-1810)] आउ याक-एतिएन [Jacques-Etienne (1745-1799)] गरम हावा के गुब्बारा के आविष्कार कइलके हल, जेकर पहिला उड़ान 1783 में होले हल ।
[4] फ़्रिड्रिश (अथवा “फ्रांत्स”) आन्तोन मेस्मेर [Friedrich/ Franz Anton Mesmer (1734-1815)] आस्ट्रिया के एगो चिकित्सक हलइ जे सजीव आउ निर्जीव के बीच ऊर्जा के स्थानांतरण के सिद्धांत प्रस्तावित कइलकइ, जेकरा ऊ "जीव चुंबकत्व" (animal magnetism) नाम देलकइ आउ जेकरा बाद में सम्मोहन (mesmerism) के नाम से जानल गेलइ ।
[5] वोल्तेर अरामकुरसी (Voltairean armchair) - बड़गो आउ गहरा अरामकुरसी जेकर पीठ वला हिस्सा उँचगर रहऽ हलइ । अइसन नाम फ्रांसीसी लेखक आउ दार्शनिक वोलतेर (Voltaire) (1694-1778) पर पड़लइ, जे अइसने अरामकुरसी पर बैठके काम करऽ हलइ ।


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