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Monday, May 18, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 14


14. ओस्त्रोगोझ्स्क में हमर मित्र आउ क्रियाकलाप
दू साल गुजर गेलइ। हमरा निम्मन शिक्षक के ख्याति मिललइ। हमरा पास कइएक शिष्य हलइ आउ दुन्नु लिंग के बुतरुअन के पूरा क्लास, जे महापौर व्यापारी पूपिकिन के घर में एकत्र होते जा हलइ। हमर अध्यापन के मुख्य आउ, शायद, एकमात्र खूबी ई हलइ कि हम बुतरुअन के बिन समझले-बुझले पाठ के रट्टे लगी नञ् कहऽ हलिअइ, बल्कि सबसे पहिले ओकन्हीं में सिक्खे के प्रति इच्छा आउ रुचि जागृत करे के प्रयास [*74] करऽ हलिअइ। एकरा सिवाय, हमरा पास आउ कइसनो सोचल-समझल प्रणाली नञ् हलइ, न कइसनो शैक्षणिक रीति। हमर शिष्य लोग में से कइएक हमउमर हलइ, लेकिन हमरा ओकन्हीं साथ मेल-जोल रक्खे में सफलता मिल गेलइ, आउ ई तरह से कम से कम हमरा लगी सब काम सहजतापूर्वक चल रहले हल।
हमर पारिश्रमिक, निस्संदेह, हमर परिवार के पूरी तरह से परवरिश नञ् कर सकऽ हलइ, लेकिन ई बड़गो सहारा हलइ आउ कइसनो हालत में अत्यन्त आवश्यक चीज लगी काम आवऽ हलइ। हमरा अब प्रौढ़ के रूप में देखल जा हलइ, हलाँकि हम अभी-अभी सोलह साल के होलिए हल। हम अपन वल्मीक (anthill) में लगभग एगो विशेष पिपरी (चींटी) समझल जा हलिअइ। हमरा साथ लोग परिचित होवे लगी चाहऽ हलइ। हमरा शहर के बुद्धिजीवी मंडली में स्वागत कइल जा हलइ। हमरा से प्रभावशाली व्यक्ति नञ् घिना हलथिन, जइसे - व्यापारी वसिली अलिक्सेयेविच दोलझिकोव, कुलीन वर्ग के नेता वसिली तिख़ोनोविच लिसानेविच, कुलीन व्लादीमिर इवानोविच अस्ताफ़्येव, व्यापारी द्मित्री फ़्योदरोविच पानोव, स्कूल इंस्पेक्टर फ़्योदर फ़्योदरोविच फ़िरोन्स्की, महापुरोहित (Archpriest) स्त्सेपिन्स्की, बड़गर चर्च के पुरोहित (Cathedral Priest) मिख़ाइल पदज़ोर्स्की।
उनकन्हीं में से अभी कोय ई दुनियाँ में नञ् हथिन, लेकिन उनका बारे स्मरण अभियो हमर दिल में जीवित हइ। उनकर गरमजोशी के साथ हमरा में रुचि, हमर सामाजिक हस्ती के नगण्यता के प्रति उनकर उपेक्षा, हमर युवा के, अकसर अनियंत्रित अभिलाषा के प्रति उनकर कृपाशीलता (रियायत, condescension), आउ आखिरकार, उनकर उदार सहयोग, आउ गंभीर एवं शांत करे वला प्रभाव खातिर हम उनकर आभारी हिअइ, जे हमरा अपन भाग्य से संघर्ष करे में कमजोर नञ् पड़े देलकइ; नञ् मग्न कर देलकइ, अइसन कहल जाय, खुद में, अथाह अर्थहीन अंतर्मंथन (आतम-निरीक्षण) में; अच्छाई में, लोग में, अपने आप में, विश्वास नञ् खोवे देलकइ। हम उनकन्हीं के संगत में रहऽ हलिअइ। उनकर समाज हम्मर हलइ। आउ अब, ढलती उमर में, मानसिक रूप से ऊ जमाना से कइल लमगर यात्रा के पथ से गुजरते, हृदयस्पर्शी आवेश में आउ कृतज्ञतापूर्वक आद करऽ हिअइ कि हम उनका सब के केतना आभारी हिअइ। उनकन्हीं पहिले हमरा तरफ मदत के हाथ बढ़इलथिन आउ हमरा सामाजिक सीढ़ी के पायदान पर चढ़े में मदत कइलथिन, जाहाँ परी हम, आखिरकार, बिन कोय दंड के (with impunity) खुद के अदमी समझ सकऽ हलिअइ।
लेकिन हमर ई दोस्त आउ उपकारकर्त्ता लोग में से कइएक अपन खुद के मामला अपन आन्तरिक संसार में सुधार लावे के गौरव नञ् कर सकलथिन। उनकन्हीं के बुद्धि आउ हृदय के गुण उदारतापूर्वक प्रदान करके, प्रकृति उनकन्हीं के उनकर संगत (corresponding) प्रवृत्ति के अनुसार स्थापित करे के फिकिर नञ् कइलकइ। उनकन्हीं के निष्ठापूर्ण प्रकृति नौकरशाही कूड़ा आउ भुदासत्व के मनमानी से सुलह नञ् कर सकलइ - जे उनकन्हीं के समकालिक समाज के दू गो फोड़ा (बुराई) हलइ। उनकन्हीं में विरोध उबल रहले हल, लेकिन साथे साथ वर्तमान व्यवस्था में सुधार लावे में उनकन्हीं के बिलकुल असमर्थता के बोध भी हलइ। हियाँ से आन्तरिक अव्यवस्था, जे उनकन्हीं में मानुँ अइसन विशेषता विकसित कर रहले हल जे उनकन्हीं के सामान्य प्रकृति आउ मौलिक विशेषता के अनुरूप नञ् हलइ - कभी-कभी डिकेन्स[1] (Dickens) के कलम के चाहे होगार्थ[2] (Hogarth) के ब्रश के योग्य।
त अइकी, उदाहरण के तौर पर, अस्ताफ़्येव। पुरनका कुलीन वर्ग के, ऊ जिला के अभिजात वर्ग में से हलथिन। उच्च शिक्षा पितिरबुर्ग से प्राप्त कइलथिन हल, जाहाँ परी उनकर संपर्क हलइ, आउ हुएँ परी सरकारी नौकरी शुरू कइलथीन, जे सब तरह से उनका लगी एगो उज्ज्वल जीविका के विश्वास देलावऽ हलइ - जब ऊ चोबीसे साल के हलथिन कि कॉलेजिएट असेसर (collegiate assessor) [पैदल सेना के मेजर के समतुल्य सिविल सर्विस के पद] बन गेलथिन। आउ अचानक बिन कोय स्पष्ट कारण के ऊ नौकरी आउ संपर्क छोड़ देलथिन आउ अपन मातृभूमि के प्रादेशिक सुनसान जगह में छिप गेलथिन।
[*75] हुआँ परी उनका खुल्लल तौर से स्वागत कइल गेलइ आउ कुलीन वर्ग के नेता चुन्नल गेलइ। सुन्दर, प्रत्युत्पन्नमति, सामाजिक संपर्क वला, ऊ ई प्रादेशिक सुनसान पृष्ठभूमि में एगो उज्ज्वल तारा हलथिन आउ ई जिला के नवयुवती लोग के दिल में प्रचंड बरबादी पैदा करे लगलथिन। एगो, आउ हाय, बिलकुल कुरूप, उनका पर फिदा हो गेलइ। उनका खुश करे के अपन पूरा प्रयास लगा लेला पर, ऊ अपन अन्तिम युक्ति के सहारा लेलकइ - विजेता के उदारता के - आउ उनका अपन प्रेम के बारे बता देलकइ।
ई नवयुवती के पास बड़गो संपत्ति हलइ; अस्ताफ़्येव अपन संपत्ति फजूलखर्ची से उड़ा चुकला हल। प्रणय निवेदन से द्रवीभूत होके, आउ ई लड़की के दहेज से कहीं अधिक, लेकिन ओकरा धोखा देना नञ् चाहते, ऊ सीधे ओकरा कहलथिन - "हमरा अपने के पति होवे में कोय एतराज नञ् हकइ, लेकिन अपने के हम प्यार नञ् कर सकऽ हिअइ। खुद्दे फैसला कर लेथिन, कि अपने के हमरा साथ शादी करना उचित हइ कि नञ्।" महिला के लगलइ कि उचित हइ। शादी हो गेलइ आउ ई बहुत खराब नञ् साबित होलइ। अस्ताफ़्येव, जाहिर हइ, स्नेही पति नञ् हलथिन, लेकिन अपन उदारता के कारण निःस्वार्थ रूप से सत्यनिष्ठ जीव के प्रति क्रूर नञ् हो सकऽ हलथिन। लेकिन तइयो ऊ अपन पत्नी के दहेज के पैसा के अपन मन मोताबिक खरच करऽ हलथिन।
प्रादेशिक जीवन के तंग सीमा जल्दीए अस्ताफ़्येव के विस्तृत प्रकृति खातिर बहुत संकीर्ण प्रतीत होलइ। सामाजिक सेवा, सरकारी सेवा नियन हीं, उनका नगण्य संतुष्टि देलकइ। ऊ अस्पष्ट स्थिति से घृणा करऽ हलथिन। उनको कइसनो झूठ-फरेब से घृणा हलइ, लेकिन एकरा से ऊ बच नञ् सकलथिन जब उनका कुलीन वर्ग के नेता के रूप में अपन कर्तव्य निर्वाह करे पड़ऽ हलइ आउ प्रान्तीय प्राधिकारी के साथ मुठभेड़ होवऽ हलइ। दिल से ऊ धोखा देवे में सक्षम नञ् होवे के कारण, ऊ अइसन काम से खुद के दूर रखना बेहतर समझलथिन। अवसाद उनका पर हावी हो गेलइ, आउ उनका शराब पीए के धुन सवार हो गेलइ। आउ जल्दीए उनकर पत्नी के धन-दौलत के, पहिले के अप्पन नियन, कोय निशान नञ् बचलइ।
हमर उनका साथ परिचय बहुत बाद में होलइ। ऊ अब पचास साल के हो चुकलथिन हल, विधुर हो गेलथिन आउ बिन कोय बाल-बच्चा के एकाकी जीवन बिता रहलथिन हल। ऊ केस-मोकदमा में प्रतिवक्ता (solicitor) के काम करऽ हलथिन आउ एतना कमा हलथिन कि शान से आउ अराम से जीवन गुजार सकऽ हलथिन। उनकर बाह्याकृति आउ व्यवहार के तौर-तरीका, जवानी के समय तूफानी होला के बावजूद, अभियो तक उच्च समाज के चमक के लक्षण संरक्षित रखले हलइ। ऊ नम्र, मिलनसार, बहुत पढ़ल हलथिन आउ उत्कृष्ट ढंग से बोलऽ हलथिन, भर्राल गला के बावजूद - जे पहिलौका आउ वर्तमान रंगरेली के कारण हलइ। ऊ एकातेरिना (Catherine the Great) के शासन काल के कइएक प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे चुटकुला जानऽ हलथिन आउ एकरा बिन नमक के नञ् सुनावऽ हलथिन। व्लादीमिर इवानोविच (अस्ताफ़्येव) अपन फुरसत के समय जिला के चक्कर लगावे में गुजारऽ हलथिन, एक जमींदार चाहे कृषक के हियाँ से दोसरा हीं। उनका सगरो लोग स्वेच्छा से स्वागत करते जा हलइ।
आउ अचानक दयालु, बुद्धिमान, अत्यन्त सुसंस्कृत अस्ताफ़्येव के गहरा पतन के काल आ गेलइ - बराबर शराब पीके धुत्त रहे लगलथिन। ई दौरा हमेशे विशेष  समय पर पड़ऽ हलइ आउ एकर निश्चित प्रवाह होवऽ हलइ। जब एकर दौरा पड़ऽ हलइ त व्लादीमिर इवानोविच (अस्ताफ़्येव) खुद के घर में बन्द कर ले हलथिन, लगभग केकरो से नञ् भेंट करऽ हलथिन, आउ दिन रहे चाहे रात, ऊ बोतल से अलग नञ् होवऽ हलथिन। लेकिन कुछ समय गुजर गेलइ, आउ अस्ताफ़्येव, मानुँ अनैच्छिक (involuntary)दंड भुगतके, अपन हमेशे नियन के रूप धारण कर लेलथिन आउ अइसन बन गेलथिन, जइसन ऊ वास्तव में हलथिन; ईमानदार, उदार, जरी सुन अहंकारी आउ अत्यन्त शिष्ट।
लेकिन तइयो, क्रूर रोग के दौरा के दौरान एगो शिष्ट व्यक्ति के आदत के संरक्षित रक्खऽ हलथिन। ऊ अइसन हालत में साधारणतः [*76] बिछौना पर पड़ल रहऽ हलथिन, पूरी तरह से सम्माननीय परिस्थिति में। उनकर कमरा, हमेशे नियन, सजा-धजाके साफ कइल रहऽ हलइ। बिछावन के बगल में टेबुल पर हमेशे के सममिति में (in the usual symmetry) नुमाइशी चीज (knick-knacks) सजावल रहऽ हलइ - दराज (drawers), नासदान (snuff boxes), मूर्त्तिका (statuettes)। दोसरा टेबुल पर पड़ल रहऽ हलइ - पुस्तक, कागज, लेखन-सामग्री। कहूँ पर धूल के नाम-निशान नञ्। ऊ खुद कुच्छो घृणात्मक (विकर्षक) चीज के कल्पना नञ् करऽ हलथिन - ऊ पूरा बेहोश होवे के हद तक कभी नञ् पीयऽ हलथिन आउ अपन शिष्टाचार नञ् खोवऽ हलथिन। पीयल अस्ताफ़्येव खाली मानुँ विवेकशील अस्ताफ़्येव के पूरक हलथिन - ऊ आउ अधिक सजीव, बुद्धिमान, बातूनी हो जा हलथिन, गहराई से तर्क प्रस्तुत करऽ हलथिन, दर्शन के बात करऽ हलथिन, लगातार लयदार रूप से अपन अँगुरी तोड़ते।
शहर में सब कोय जानऽ हलइ, लेकिन स्वेच्छा से उनकर अभागल कमजोरी के माफ कर दे हलइ। वस्तुतः ई उनकर महत्त्व के कइसूँ कम नञ् करऽ हलइ। एकरा से न तो उनकर अनुभव (दक्षता), न संसार आउ लोग के ज्ञान, न सूक्ष्म व्यवहार-कौशल, आउ न पक्का आउ निष्पक्ष निर्णय में कोय प्रभाव पड़ऽ हलइ। ई सब खजाना हलइ, जेकर, उनकर असीमित उदारता के कारण, सब कोय बिन कोय बाधा के उपयोग कर सकऽ हलइ, हियाँ तक कि उनकर बटुआ (purse) के भी - आउ उपयोग करवो करते गेलइ। बेचारा, भला सनकी!
दोसर हमर बहुत नगीची व्यक्ति हलथिन - स्कूल इंस्पेक्टर, फ़्योदर फ़्योदरोविच फ़िरोन्स्की, जिनका कहल जा सकऽ हलइ बहु-पीड़ित (enduring much suffering)। तीस रूबल (प्रति महिन्ना) के बैंक नोट में वेतन से उनका एगो बड़गो परिवार के भरण-पोषण करे पड़ऽ हलइ - पत्नी आउ पाँच बाल-बुतरू के - दू गो किशोरावस्था वली लड़की आउ तीन बेटा, जेकरा में एगो अधकपारी। उनकर बुद्धिमान आउ दयालु पत्नी, जे अपन समय में एगो सुन्दरी हलइ, अब दस साल से भी जादे समय से असाध्य रोग से पीड़ित हलइ, जे ओकरा शय्याग्रस्त बना देलके हल। पूरा परिवार, अधकपारी सदस्य के छोड़के, निम्मन आउ सदाचारी हलइ। सबसे बड़का बेटा, निकान्द्र, अवर क्लास या स्कूल के निम्न विभाग में शिक्षक हलइ, आउ (महिन्ना में) डेढ़ रूबल वेतन पावऽ हलइ।
हमरा आद नञ् कि कइसे उनकन्हीं अपन जिनगी गुजारऽ हलथिन, खास करके हरेक महिन्ना के अन्त में, जब उनकर सब कमाई समाप्त हो जा हलइ। घर बिलकुल खाली रहऽ हलइ - न ब्रेड, न पैसा। आउ परिवार के बेमार माय के जरूरत होवऽ हलइ - प्लेट में शोरबा, एक कप चाय, आउ दवाय। ऊ बखत फ़िरोन्स्की के वृद्ध पत्नी के तरफ देखके तरस आवऽ हलइ। उदार लोग जइसे बन्नऽ हलइ, उनका मदत करते जा हलइ, लेकिन खुद ओकन्हीं में से अधिकतर गरीब हलइ।
निराशा में, अक्षरशः ई नञ् जानते कि कइसे परिवार के भुखमरी के शांत कइल जाय, वृद्ध आखिरकार राजकोष से ऋण के सहारा लेलका - हमेशे, निस्संदेह, ई पक्का इरादा करके कि पहिले अवसर में ऋण चुका देबइ। लेकिन अइसन अवसर कभी नञ् अइलइ, आउ निर्धन वृद्ध के कइएक तुरी मोकदमा के धमकी देल गेलइ। हरेक तुरी उनका अवैतनिक सुपरिंटेंडेट, सफ़ोनोव, द्वारा विपत्ति से बचा लेवल गेलइ, जे लेखा परीक्षण के दौरान घाटा के अपन खुद के जेभी से पूर्ति कर दे हलथिन। कभी-कभी प्राइवेट कोचिंग पिता या पुत्र के रस्ता में आ जा हलइ, आउ तब सापेक्षिक रूप से उनकन्हीं के चैन के साँस लेवे में बन जा हलइ।
इंस्पेक्टर फ़िरोन्स्की के अधीनस्थ स्कूल के हालत दयनीय हलइ - जइसन कि 1833 तक के सब्भे सरकारी शिक्षण संस्थान के हलइ, जब सम्राट् निकोलाय पावलोविच ऊ सब खातिर शिक्षण के नयका स्टाफ के नियुक्ति कइलथिन आउ उवरोव के शिक्षा मंत्रालय के प्रभारी बनावल गेलइ। हम उपरे ओस्त्रोगोझ के जिला स्कूल के खामी के उल्लेख कर चुकलिए ह आउ ओकर पतन के [*77] कारण के भी। स्कूल सुपरिंटेंडेंट के एकरा में कोय दोष नञ् हलइ - ऊ, एकर विपरीत, सबसे अधिक कष्ट भोगे वला व्यक्ति हलथिन। ऊ उत्तम लोग में से एक हलथिन, जइसनकन के हम कभी जानऽ हलिअइ - एगो अइसन संयमी, नशा से दूर, प्रबुद्ध, जीवन आउ समाज के बारे अइसन स्पष्ट दृष्टिकोण, आउ आखिर अइसन उदारहृदय कि जइसन अभी प्रगतिशील समय में आउ अधिक होवे के नञ् खाली स्कूल सुपरिंटेंडेंट के रूप में, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थान के निदेशक के रूप में भी चाहतइ।
दुन्नु फ़िरोन्स्की के साथ हमरा साथ पटरी हलइ। युवक, हमरा से कुच्छे साल बड़गो, औसत बुद्धि के, लेकिन अत्यन्त प्रतिभशाली हलइ। देखे में सुन्दर, सुरीला अवाज, गायन के योग्य गला आउ दोसर के नकल करे के विलक्षण क्षमता हलइ - ऊ अपन क्षमता के बल पर निम्मन अभिनेता बन सकऽ हलइ। ऊ अभिनय के सपनो देखऽ हलइ, लेकिन, जोश से वंचित, ऊ लीक से खुद के निकास नञ् पइलकइ, जेकरा में भाग्य ओकरा पहले ढकेल देलके हल। ऊ जिनगी भर शिक्षक के रूप में काम करके बिन कोय सफलता के अपन निर्वाह कइलकइ।
आउ ई लोग, अपन बिलकुल गरीबी के रहतहूँ, अपन चारो तरफ एतना गरमजोशी आउ प्रेम फैलावऽ हलथिन कि जे खाली खुद के परिवार लगी नञ् बल्कि कइएक लोग लगी, हियाँ तक कि खुद से कहीं जादे अभागल लोग लगी काफी हलइ। एहे बात हमरो साथ हलइ। उनकन्हीं अपन घर में हमरा स्वागत करऽ हलथिन, दुलारऽ हलथिन, पुस्तक दे हलथिन। आउ साथे-साथ, अइसन कहल जाय कि हम अपन अध्यापन कार्य में उपलब्धि के चलते उनकन्हीं के रोजी-रोटी के आड़े आवऽ हलिअइ। एहे दौरान वृद्ध (सीनियर) फ़िरोन्स्की अगर चाहथिन हल त उनका हमरा बरबाद करे में कुछ नञ् लगते हल, आउ उनका अवसर भी मिलले हल। लेकिन एकरा बारे बाद में।
हमर एगो आउ मैत्रीपूर्ण परिवार हलइ - दोलझिकोव लोग के। एकर मुखिया, वसिली अलिक्स्येयेविच, हमरा अभी आद पड़ऽ हथिन हमन्हीं के प्रदेश के सबसे अधिक विशिष्ट व्यक्ति के रूप में। सब कुछ उनका में आश्चर्यजनक हलइ, बाह्याकृति भी। देखे में कोय भी उनका रूसी व्यापारी के रूप में नञ् पछान सकऽ हलइ, जिनकर विशिष्ट नाक-नक्शा (typical features) एतना स्पष्ट रूप से आँख के सामने दृष्टिगोचर होवऽ हइ। अइकी अइसन हलथिन जब हम उनका पहिले तुरी ओस्त्रोगोझ्स्क के एगो रोड पर देखलिए हल। ऊ परेड करऽ हलथिन - वस्तुतः परेड करऽ हलथिन, चल्लऽ नञ् हलथिन, ई तेजस्वी वृद्ध, सुन्दर बारीक पार्श्वचित्र (delicate profile) में चेहरा के चारो तरफ पूरा क्रमप्रपात में उज्जर केश (whole cascade of gray hair) सहित - सीधा तनके, मजबूत, उपजाऊ लघु रूसी मिट्टी में बढ़ल बलूत वृक्ष नियन। आउ अभियो तक हमरा आद आवऽ हइ कि कइसे हमर दिल धड़धड़ करे लगऽ हलइ - मानुँ हमर आँख के सामने आदर्श जगत् के एगो नायक (हीरो) प्रकट होलथिन, जिनका में हम चक्कर खइते जड़ (स्तंभित) हो जा हलिअइ। हम एक प्रकार के अंधविश्चासी भय आउ आनन्दातिरेकी अचंभा से आँख से उनकर पीछा करऽ हलिअइ, जब तक कि ऊ कोना के पीछू आड़ नञ् हो जा हलथिन, आउ बाद में दिन भर होश में नञ् आवऽ हलिअइ।
वसिली अलिक्सेयेविच दोलझिकोव ख़ार्कोव कॉलेज[3] में अध्ययन कइलथिन हल, जाहाँ से ऊ लैटिन भाषा के अतिरिक्त आउ बहुत कुछ ज्ञान प्राप्त कइलथिन हल। लेकिन काहाँ से ऊ ई उदार चाल-चलन प्राप्त कइलथिन, ई भव्य शिष्टाचार, ई शानदार आचार-व्यवहार आउ संत के दृष्टि, जिनगी में शांतिपूर्वक आउ चेतनापूर्वक अपन पथ पर यात्रा करते? अइसन व्यक्ति से सामना हो गेला के बाद, कोय कइसे कह सकऽ हइ कि सर्वश्रेष्ठ विशेषता अइसन चाहे ओइसन जाति या वर्ग के जन्मजात होवऽ हइ!
हमरा जइसन ऊ पनाह देलथिन आउ विनयशील बनइलथिन, ओइसन आउ कोय नञ्। अइसन विरले दिन हम उनकर घर पर भेंट नञ् दे हलिअइ। उनका सामने हम असानी से दिल खोलके उनका से बात करऽ हलिअइ। हर तरह से ई आदरणीय वृद्ध, जे हमरा से उमर, अनुभव [*78] आउ नागरिक सेवा के मामले में कहीं अधिक हलथिन, हमेशे धैर्य आउ सहानुभूति से हमर उत्साही आउ अकसर आवेशपूर्ण प्रलाप के सुन्नऽ हलथिन।
वसिली अलिक्सेयेविच (दोलझिकोव) उदारवादी आउ प्रगतिवादी हलथिन, हलाँकि ऊ जमाना में न तो ऊ, आउ न आन कोय ई शब्द के प्रयोग करऽ हलइ। ऊ दासत्व से घृणा करऽ हलथिन आउ हम सब के राज्य प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन लगी लालायित रहऽ हलथिन, यूरोप में उदारवादी आन्दोलन के साथ सहानुभूति रक्खऽ हलथिन, इटैलियन देशभक्त के विफल प्रयास से शोकाकुल हलथिन आउ ग्रीस में आजादी के पहिला झोंका के खुशी से स्वागत कइलथिन। हम उनका से पीछू नञ् पड़लिए हल - निस्संदेह, उत्साह के मामले में, आउ दृष्टिकोण एवं अभिलाषा के विवेकशीलता के मामले में नञ्। उनका साथ एक चर्चा के बाद, ग्रीस से अद्यतन समाचार से प्रेरित होके, हम विद्रोही ग्रीक लोग के ओकन्हीं के नायक-नेता, इपसिलान्ती[4], के नाम पर अपील के मसौदा लेखन में रात गुजरलिअइ। दोसर दिन सुबह, ई अपील हम वसिली अलिक्सेयेविच के पढ़के सुनइलिअइ। एगो युवक के सरलहृदयता के साथ, ऊ हमर सपना के प्रति आकर्षित हो गेलथिन, आउ अपना तरफ से, हमर मसौदा में विभिन्न प्रकार के परिवर्धन आउ परिवर्तन प्रस्तावित कइलथिन।
आउ केतना निम्मन होवऽ हलइ दोलझिकोव परिवार के उपनगरीय बाग में हमन्हीं के बातचीत! वसिली अलिक्सेयेविच (दोलझिकोव) खुद एकर प्लान बनइलथिन, लगइलथिन आउ प्रेम से हरेक पेड़ आउ झाड़ी के देखभाल कइलथिन। बाग ओस्त्रोगोझ्स्क से थोड़हीं दूर हलइ। गरमी आउ वसन्त के शाम में हम दुन्नु अकसर हुआँ जा हलिअइ, बलूत चाहे सेब के एगो छोटगर पेड़ के निच्चे घास पर बैठ जा हलिअइ - आउ काहाँ, काहाँ परी हमन्हीं के सपना नञ् लेके चल जा हलइ! हमेशे नियन, हम जटिल कपोल कल्पना के भूलभुलैया में मग्न हो जा हलिअइ, आउ ऊ हमरा अपन व्यवहारकुशलता से गंभीर वास्तविकता आउ ऐतिहासिक सच्चाई के रस्ता पर वापिस ले आवऽ हलथिन। अन्त में प्रिय वसिली अलिक्सेयेविच (दोलझिकोव) के आद पड़ऽ हलइ कि सोल्लह साल के युवा अतृप्य क्षुधा के साथ कभियो पार्थिव फल से आध्यात्मिक भोजन  के छौंक लगावे से इनकार नञ् करऽ हइ, आउ वापसी यात्रा के दौरान साल के ऋतु के अनुसार अपन बाग के विभिन्न तरह के उत्पाद हमरा दे दे हलथिन।
दोलझिकोव एक समय ओस्त्रोगोझ्स्क शहर के मेयर हलथिन आउ बहुत कुछ लाभदायक काम कर सकलथिन हल। ऊ खास करके सबसे गरीब वासी लोग के जीवन स्तर सुधारे के फिकिर करऽ हलथिन। केकरो अगर मदत चाहे सुरक्षा के जरूरत रहऽ हलइ, तइयो बेकार में उनकर आश्रय लगी नञ् दौड़ऽ हलइ। लेकिन तइयो उनका प्यार करते जा हलइ गरीब आउ दलित लोग! लेकिन अपने व्यापारी वर्ग के बीच उनकर कइएक दुश्मन हलइ। उनका प्रति प्रान्त के प्राधिकारी भी शुष्क भाव से (coldly, reservedly) देखते जा हलइ - ऊ ओकन्हीं के स्पष्ट रूप से विरोधी हलथिन, शहर के हित में संघर्ष करते। आखिरकार ई दुन्नु कार शक्ति (dark forces, evil forces) - व्यापारी आउ नौकरशाह लोग - आपस में जुड़ गेलइ, ताकि उनका बरबाद कर सकइ। मिथ्यापवाद (slander)  आउ कइएक तरह के साजिश के सहायता से ओकन्हीं दोलझिकोव के कोर्ट में घसीटे में सफल सफल हो गेते गेलइ। उनका मेयर पद से इस्तीफा देवे पड़ गेलइ, लेकिन समझौता नञ् कइलथिन, आउ जब न्याय के मामले में वोरोनेझ आउ रिज़ान के जज लोग से निराश हो गेलथिन, जेकन्हीं उनकर मोकदमा के सुनवाई कर रहले हल, त ऊ ई मोकदमा के मास्को स्थानांतरित कर देलथिन।
दोलझिकोव परिवार एगो विरल घरेलू खुशहाली के तस्वीर प्रस्तुत करऽ हलइ। वसिली अलिक्सेयेविच (दोलझिकोव) के पत्नी, प्रस्कोव्या मिख़ायलोव्ना, ठीक उनके लगी बनावल गेलथिन हल। उनकर स्नेहमय हृदय उत्कट आउ आश्चर्यजनक रूप से स्वस्थ बुद्धि के साथ-साथ (went hand in hand) चल्लऽ हलइ। आत्मसंयमी, जरी सुन भावशून्य, हियाँ तक कि व्यवहार में गौरवशाली, ऊ पहिला नजर में अइसन छाप छोड़ऽ हलथिन कि उनका भिर फटकना असान काम नञ् हइ। आउ, वास्तव में, ऊ केकरो व्यर्थ के अनुग्रह [*79] प्रदान नञ् करऽ हलथिन, नञ् खाली मित्र चयन के मामले में दुष्तोषणीय (choosy) हलथिन, बल्कि अपन परिचित लोग के मामले में भी। लेकिन अगर एक तुरी उनकर घर में प्रवेश मिल गेलो, त हमेशे लगी तूँ हुआँ परी हार्दिक स्वागत खोज लेलऽ। उनका साथ बातचीत नञ् खाली सुखद होवऽ हलइ, बल्कि शिक्षाप्रद भी। परिहास आउ मौलिक विचार के चमक से जटित (studded) ई (बातचीत) एगो वास्तविक आनन्द प्रदान करऽ हलइ।
घर में आउ परिवार में प्रस्कोव्या मिख़ायलोव्ना के हुकुम चल्लऽ हलइ, लेकिन कभियो ऊ अपन प्राथमिक भूमिका के दुरुपयोग नञ् करऽ हलथिन। घर के उनकर प्रबन्धन में सब कुछ चुपचाप, शांतिपूर्वक, मानुँ अपने आप, होवऽ हलइ, एक तरफ से बिन हड़बड़ी आउ भाग-दौड़ के, बिन कोय लगातार डाँट-डपट आउ सिखौनी के, त दोसर तरफ से बिन गुप्त चाहे स्पष्ट फुसफुसाहट के। उनका पास बंधुआ नौकर नञ् हलइ, हलाँकि ऊ, अन्य धनी व्यापारी के उदाहरण के अनुकरण करके, ओकन्हीं के मालकिन बन सकऽ हलथिन, दोसर के नाम पर रजिस्टर करवाके[5]। लेकिन ओकन्हीं उनकर आउ बेहतर, अधिक हार्दिक रूप से, अधिक ईमानदारी से सेवा करते जा हलइ, बनिस्पत कउनो कट्टर जमींदार के, जे बंधुआ नौकर के भीड़ से घिरल रहऽ हलइ।
ऊ अपन बेटियन के लालन-पालन पारिवारिक परम्परा आउ उत्तरदायित्व के अनुसार कइलथिन। ओकन्हीं धाराप्रवाह फ्रेंच तो नञ् बोल पावऽ हलइ, लेकिन बुद्धिमान माय के सहयोग आउ मार्गदर्शन में यथेष्ट उन्नति कइलकइ, विशेष रूप से बड़की, जे बहुत आउ समझदारी से अध्ययन करऽ हलइ। मँझली के संगीत में रुचि हलइ, आउ ओकरा अपन रुचि के विकसित करे लगी संसाधन देल गेलइ। तेसरकी बेटी हमर समय में अभियो बुतरू हलइ।
दोलझिकोव के पाँच बेटवन में से दू गो प्रौढ़ हो चुकले हल। सबसे बड़का, अलिक्सान्द्र, घरेलू काम-काज देखऽ हलइ आउ मद्यनिर्माणशाला के प्रबन्धन देखऽ हलइ, जे पूरे प्रान्त में बियर के सप्लाई करऽ हलइ। मँझला, मिख़ाइल, बाहरी काम-काज देखऽ हलइ। ऊ व्यापार करऽ हलइ, कार्य-स्थल पर अइते-जइते रहऽ हलइ आउ अकसर दौरा पर रहऽ हलइ - वोरोनेझ, रिज़ान, मास्को में। ओकरो संगीत अत्यन्त रुचिकर लगऽ हलइ, एकर अध्ययन करऽ हलइ आउ मास्को में भी एगो निम्मन वायलिन-वादक के रूप में जानल जा हलइ। हमरा मिख़ाइल से जादे हिल्लत-मिल्लत रहऽ हलइ - ऊ अधिक सजीव आउ मिलनसार हलइ। ओकर भाय पूरा घर के काम-काज में व्यस्त रहऽ हलइ।
मोकदमा के लमगर सुनवाई के यातना के बाद वृद्ध दोलझिकोव आखिर दुश्मन लोग के संयुक्त साजिश आउ पूर्वाग्रही जज लोग पर विजय प्राप्त कइलथिन। उनका प्राधिकार (सत्ता) के दुरुपयोग आउ मनमानी करे के सब आरोप से मुक्त कर देल गेलइ, आउ ओस्त्रोगोझ्स्क के नागरिक के बड़गो खुशी होलइ ई बात से कि उनका सम्मानपूर्वक मेयर के पद पर फेर से बहाल कर देल गेलइ। लेकिन विजय दिवस उनका लगी घातक सिद्ध होलइ। उत्तेजित होल, ऊ भाषण देलथिन, जेकरा में अपन भावी क्रियाकलाप के रूपरेखा बतइलथिन। ऊ उत्साहपूर्वक शहर के आवश्यकता कीऽ-कीऽ हइ, एकरा बारे बतइलथिन, एकर संसाधन गिनइलथिन, स्कूल खातिर एगो निम्मन भवन के आवश्यकता पर जोर देलथिन, तुरन्त सड़क के पक्का करे के काम चालू करे के बात कइलथिन, इत्यादि। ऊ उत्तेजित हो गेलथिन आउ उनका ध्यान नञ् गेलइ कि ऊ लगातार हवा के झोंका के सीध में खड़ी हलथिन। घर वापिस अइला पर, उनका तबीयत ठीक नञ् लगलइ, बेमार पड़ गेलथिन आउ सतमा दिन स्नायु बोखार (nerve-fever) से मर गेलथिन। ऊ अभी खाली 60 साल के हलथिन। अइसन लोग के संगत, उनकर प्यार, आतिथ्य आउ अधिक हमरा स्वयं के शिक्षा लगी प्रयास करे लगी प्रेरित कइलकइ। लेकिन एकरा हम पूरा खाली पढ़िए के कर सकऽ हलिअइ, जेकरा लगी हम अब अधिक सार्थक आउ सुव्यवस्थित ढंग से करे में लग गेलिअइ। हम खाली पढ़वे नञ् करऽ हलिअइ, बल्कि पढ़ल चीज के सारांश बनावऽ हलिअइ, ओकरा बारे हम अपन विचार लिक्खऽ हलिअइ।
[*80] हमर मित्रगण आउ संरक्षक लोग बीच-बीच में हमरा पुस्तक सप्लाई करऽ हलथिन। स्त्सेपिन्स्की, पदज़ोर्स्की, दोलझिकोव आउ पानोव के पास बहुत पुस्तक हलइ - लगभग सब्भे गंभीर विषय के। ई समय तक हमरा लगी उपन्यास अपन सौन्दर्य खो चुकले हल - हमरा ओकरा से मन भर चुकले हल, आउ हमर मन आऊ अधिक महत्त्वपूर्ण भोजन खोज रहले हल। आउ हमरा ई मिलियो गेलइ, उदाहरणस्वरूप, बोन्नेट[6] के "प्रकृति के चिंतन" (The Contemplation of Nature), क्रिश्चियन बाउमाइस्टर[7] के "तत्त्वमीमांसा आउ तर्कशास्त्र" (Metaphysics and Logic), जस्टिनियन प्रथम[8] के विस्तृत कानूनी निबंध (Corpus Juris Civilis), मोन्टेस्क्यू[9] के "कानून के अभिप्राय" (The Spirit of Laws), इत्यादि में। संयोगवश, हमरा जे अत्यन्त आकृष्ट कइलकइ, ऊ हलइ, फ़्रेड्रिक महान[10] के "हमर समय के इतिहास" (A History of My Time), जे हमर समय के प्रिय हीरो भी हलइ।
सामान्य (विश्व) इतिहास के मामले में जानकारी हम रोलैंड के गीत[11] के त्रेद्याकोव्स्की[12] के रूसी अनुवाद से आउ मिलर[13] के रचना से प्राप्त कइलिअइ। रूसी इतिहास के जानकारी हमरा बहुत कम हलइ। हमरा एकर अध्ययन लगी दोसर कोय स्रोत नञ् हलइ, सिवाय माध्यमिक स्कूल में प्रयुक्त पाठ्यपुस्तक के।
लेकिन ऊ सब पुस्तक, जे हमर पहुँच में आवऽ हलइ, हमर अभी तक खराब ढंग से अनुशासित मस्तिष्क के समान रूप से पहुँच में नञ् हलइ। संयोगवश अइसन बात हलइ गलीच[14] के सन् 1818 में प्रकाशित "दर्शन प्रणाली के इतिहास" (History of Philosophical Systems) के साथ। हमरा ई पुस्तक मिललइ फ़िरोन्स्की से आउ बड़ी लालसा के साथ एकर अध्ययन में लग गेलिअइ, ई विश्वास के साथ कि ई मानव बुद्धि के पूरी गहराई तुरतम्मे हमरा लगी प्रकाशित (प्रकट) कर देतइ। लेकिन हाय! संक्षिप्तता आउ प्रस्तुतीकरण के विधि के मामले में ई पुस्तक ओइसनो लोग लगी समझ के बाहर हइ, जे दर्शन चिंतन के ग्रहण करे (assimilating philosophical speculations) में हमरा अपेक्षा बहुत अधिक प्रशिक्षित हलइ। अचरज के बात नञ् हइ, अगर एकर कइएक पैरा के सामने हम अन्हार गल्ली में खड़ी हलिअइ, आउ दिमाग सुन्न होल नियन हम बेकार में ऊ मंदिर के दरवाजा पर दस्तक देब करऽ हलिअइ, जे हमरा लगी बन्द हलइ।
अइसने हालत में हमर सामाजिक स्थिति पर अन्याय खास करके हमरा सामने खड़ी हो जा हलइ, अपन पूरे राक्षसी नग्नता में। ई जिमनैसियम (हाई स्कूल) में हमर प्रवेश के द्वार बन्द कर देलके हल आउ ज्ञान आउ प्रकाश के आगू के रस्ता के बन्द रखना जारी रख रहले हल। लेकिन विद्रोही मन, एहे दौरान, हमरा सामने यूनिवर्सिटी के सम्मोहक मृगतृष्णा (seductive mirage) के प्रोत्साहित करे लगी बन्द नञ् करऽ हलइ।
ई कइसे हो सकऽ हलइ, खास करके जिमनैसियम के साथ हमर अनुभव के बाद - हमरा खुद्दे नञ् मालुम। लेकिन हमर हृदय में हमेशे ई आशा के चिनगारी छिप्पल रहऽ हलइ कि आखिरकार हमरा छोड़के नञ् जइतइ, ई वांछित, प्रतीयमानतः (apparently), पहुँच से बाहर यूनिवर्सिटी। लेकिन, ई चिनगारी स्पष्ट बोध के हद तक विरले प्रज्वलित होलइ। ई कहीं पर तो सुलग रहले हल, आउ सबसे अकसर हमरा लगी अंधकारमय निराशा के पल आवऽ हलइ। हम सिर निच्चे झुका ले हलिअइ, अवसाद हमर हृदय के संकुचित कर दे हलइ ...
नञ्, कोय नञ् आउ कुछ नञ् ऊ नैतिक यातना के वर्णन कर सकऽ हइ, जेकर माध्यम से सोल्लह साल के युवक, शक्ति से भरपूर, आउ कहल जाय के चाही, साहसी, आत्महत्या के विचार तक पहुँचलइ खाली ओकरे में शान्ति पइलकइ। ई (विचार) एगो उज्ज्वल किरण के साथ हमर आत्मा में घर कर गेलइ आउ तुरतम्मे हमर उत्साह के बढ़ा देलकइ। "नञ्", हम खुद से कहलिअइ, "ई ठीक नञ् - अइसन नञ् होवे के चाही! हम चाहे खुद अपन मालिक नञ् होऊँ, चाहे हम लोग के नजर आउ ओकर कानून में कुछ नञ् होऊँ! लेकिन तइयो हमरा पास एक अधिकार हके, जेकरा से कोय शक्ति हमरा वंचित नञ् कर सकऽ हके - ई हइ मौत के अधिकार। खराब से खराब हालत में, हम एकर उपयोग करे में विफल नञ् होम। लेकिन तब तक - साहसपूर्वक आगू!"
[*81] हम एगो पिस्तौल, बारूद, दू गो गोली हासिल कइलिअइ - सब तरह के मौत से हम कइसूँ गोली से मौत बेहतर समझलूँ। ई पल से हमरा चैन मिल्लल। हमरा में एगो नयका साहस आ गेल - हम मौत के सुरक्षा के अधीन हलूँ, आउ एकरा से कुच्छो जादे हमरा नञ् डेराऽ सकऽ हल।
लेकिन, अइसन कहल जाय, खुद के ऊ अपमान से बाहर रखके, जे हमरा लोग करते हल, हम अभिमानी आउ ढीठ हो गेलिअइ। बिन मुसकान के नञ्, लेकिन खो देल भ्रान्ति के कटु बोध के बिन भी नञ्, हमरा अभी अपन तत्कालीन मनोदशा (मूड) के आद आवऽ हइ। ई पूरी तरह से दू सूक्ति में अभिव्यक्त होलइ, जेकरा से हम अपन छवि के सजावे के शीघ्रता कइलिअइ, जेकर लगभग एहे समय हम अपन माय के इच्छा पर पेंटिंग बनइलिअइ। घर में स्वयंशिक्षित पेंटर, ज़िक्रान, हमर चित्र बना रहले हल। बहुत समय व्यर्थ गमइलकइ, खास करके आँख के साथ, जे ओकरा से कइसूँ ठीक से बन नञ् रहले हल। कइएक तुरी ऊ चिढ़के हमरा अपन आँख के साथ शैतान के पास भेजलकइ, आखिर घोषणा कइलकइ कि चित्र तैयार हइ। तखने एकरा मिलते-जुलते पावल गेलइ, लेकिन ऊ (चित्र), दुर्भाग्यवश, गायब हो गेलइ - पूरा संभावना हइ कि कुछ साल बाद अग्निकांड में जल गेलइ, जब लगभग आधा ओस्त्रोगोझ्स्क एकर चपेट में आके बरबाद हो गेले हल।
ज़िक्रान हमरा चित्रित कइलकइ हमर डायरी के खुल्लल नोटबुक के साथ। नोटबुक के एक पृष्ठ पर ई आदर्श वाक्य (motto) शोभा दे रहले हल - "शान से जीना, नञ् तो मर जाना", दोसरा पर - "बुद्धिमानी मतलब धैर्य"। बेचारा, आत्म-विश्वासी युवक! ऊ बड़ा होलइ, प्रौढ़ होलइ, आउ जिनगी, निस्संदेह, ओकर अहंकार बहुत कुछ चूर कर देलकइ, लेकिन अकालिक (असामयिक, premature) स्वतंत्रता ओकरा में भयंकर दृढ़ता के चिह्न छोड़ गेलइ, जे अगर ओकरा, जे चाहऽ हलइ, प्राप्त करे में सहायक होले हल, तइयो अकसर ओकर रस्ता में बाधा सिद्ध होलइ। ई सब उच्च आदर्श के प्रभाव के अधीन, हमर मस्तिष्क में आत्महत्या के समर्थन (apologia) भी हलइ, जेकरा हम एगो लेख के रूप में व्यक्त कइलिअइ, जेकर शीर्षक हलइ - "निर्णय के दिवस पर आत्महत्यारा के विचार"। हमरा भावनात्मक रूप से माय के प्रति लगाव हलइ आउ अपन गंभीर विचार के परिणाम ओकरा समर्पित कइलिअइ। त अइकी ऊ, दुखी होल, हमरा तरफ अपन हाथ बढ़ावऽ हइ आउ निवेदन करऽ हइ कि हम ओकरा खातिर खुद के सुरक्षित रखिअइ।
लेकिन हम ओकरा अपन निर्णय के कारण समझावऽ हिअइ, आउ ऊ खुद हमरा ई खतरनाक उपलब्धि पर आशीर्वाद दे हइ। "तूँ ठीक कहऽ हीं, बेचारे बेटे!", सिसकते ऊ अपन उद्गार प्रकट करऽ हइ। "शांति से जो! लोग तोरा पल भर लगी आश्रय देलकउ, ताकि बाद में आउ जादे तकलीफ देके बरबाद कर सकउ। भगामान के पास जो! ऊ लोग के प्रति अधिक दयालु हइ - ऊ तोरा ई बात लगी माफ कर देतउ कि तूँ अकेल्ले ओकरा भिर प्रकाश आउ सत्य के खोज करऽ हलहीं। जो! हम खुद तोर कफन सीबउ, ओकरा अपन आँसू से धोबउ आउ खुद, सब लोग से चुपके, तोर कब्र तैयार करबउ - आउ कोय नञ् तोर अस्थिशेष के अपवित्र करतउ!"
गलीच पर काबू नञ् पइला पर, ई तरह, शुद्ध तर्क के बुनियाद पर विध्वंस अनुभव करके, हम दोसर पराकाष्ठा (extreme) के तरफ लपकलिअइ, आउ प्रकाश के खोज रहस्यवाद (mysticism) में करे लगलिअइ। ई आखरी (अर्थात् रहस्यवाद) लगभग एहे समय - 1818 आउ 1820 के बीच - हमन्हीं के सुदूर प्रदेश में प्रवेश कइलकइ, जाहाँ परी एकर कइएक अनुयायी भी पइलकइ। एकरा तरफ हमर कुछ मित्र लोग भी आकृष्ट होते गेलइ। ओकन्हीं हमरो "प्रबुद्ध" बनावे के प्रयास करते गेलइ, जेकरा लगी ई विषय पर हमरा पुस्तक भी देते गेलइ।
लग सकऽ हलइ कि अलौकिक के प्रति हमर उद्दीप्त कल्पना (ardent imagination), हमर संवेदनशीलता आउ प्रवृत्ति के साथ, ई सब पुस्तक हमरा पर शक्तिशाली छाप छोड़ते हल। लेकिन वास्तव में परिणाम दोसरे होलइ - ई सब द्वारा उत्पन्न कइल (बोलावल) अनोखा [*82] भूत के ताँता, तथाकथित, हमर मस्तिष्क से होके पिछुलके निकस गेलइ, अपन टिमटिमइते चमक से ओकरा से बिन टकरइले। अपन बचपन आउ युवावस्था के सबसे डाँवाडोल समय में, सच हइ, कि हम सब कुछ, जे अन्धकारपूर्ण आउ रहस्यमय हलइ, हमरा पसीन पड़ऽ हलइ, लेकिन ई खाली हमर खाली कल्पना के गुदगुदावऽ हलइ। मन हमेशे शांत रहऽ हलइ आउ मानुँ आलोचनात्मक रूप से ओकरा से पेश आवऽ हलइ, जे पूर्ण रूप से हवाई किला के निगल जा हलइ। एहे बात हलइ अभियो।
हम बड़ी उत्साहपूर्वक रहस्यपूर्ण पुस्तक पढ़े में लग गेलिअइ। हम एकार्त्सहाउज़ेन[15] के पुस्तक "प्रकृति के रहस्य के कुञ्जी" के कवर से कवर तक (अर्थात् आदि से अंत तक) पढ़ गेलिअइ, लेकिन ऊ कइसनो रहस्य के उजागर नञ् कर पइलकइ। आउ मोसकिल से आन कोय एकरा उजागर कर सकऽ हलइ, काहेकि प्रकृति के रहस्य बहुत कसके जकड़ल हइ, आउ कुञ्जी, जे ओकरा खोले के प्रस्ताव करऽ हइ, वास्तव में जंग लगल एगो साधारण काँटी हलइ, जे कुच्छो खोले में असमर्थ हलइ। फेर हम यूंग स्टिलिंग[16] (Jung Stilling) के "पूर्वी-प्रकाश के धमकी" (Menace Eastern-Light) (मूल जर्मन रचना के शीर्षक के अनुसार- धूसर पोशाक में अदमी; The Man in the Grey Suit) आउ ओहे लेखक के "मौत के समय आत्मा के साहसपूर्ण कार्य" के पूरा पढ़ गेलिअइ। पहिलौका के बचकाना-धार्मिक  झाँसा पर हम हँस्से के भी साहस कइलिअइ, आउ "आत्मा के साहसपूर्ण कार्य" से तो हम बस ऊब गेलिअइ।
यूंग स्टिलिंग के (पुस्तक) "जीवन" (Life) हमरा जादे पसीन पड़लइ - ऊ हमरे नियन गरीब हलइ, लेकिन विद्वान आउ प्रसिद्ध होवे में सफल हो गेलइ। तइयो हमरा ओकरा पर विश्वास नञ् करऽ हलिअइ - ऊ हमरा कपटी प्रतीत होलइ, जे लोग के मूर्ख बनावऽ हलइ, ई विश्वास देलावऽ हलइ कि ऊ जे देखलके हल, ओकरा आउ कोय नञ् देखलकइ, आउ ऊ जे जानऽ हइ, ऊ आउ कोय नञ् जानऽ हइ। हम रहस्यवाद पर शोधकार्य "Zion Messenger"[17] से समाप्त कइलिअइ, लेकिन एकर तीन अंक से जादे के अध्ययन नञ् कर पइलिअइ।
केतना स्पष्ट, विश्वासजनक (convincing) हमरा लगलइ, अन्हेरा में एतना भटके के बाद ईसाई धर्म के उपदेश के सरल, वास्तविक सत्य! हम ई नञ् कहे लगी चाहऽ हिअइ कि ऊ समय में हमरा ई सब में छिप्पल प्रज्ञा (wisdom) के सम्पूर्ण गहराई समझ में आ गेले हल। नञ्, ई मामले में, हम कोय विचार या तर्क-वितर्क करे में नञ् घुसलिअइ। हमर विश्वास बिलकुल शुद्ध बालसहज हलइ। शुरुआत में हम खाली ई लगी विश्वास करऽ हलिअइ कि हम ई सब माय के गोदी में सिखलिअइ, आउ बाद में, वर्णन कइल जाय वला समय में, क्राइस्ट के जीवन आउ उपदेश के हमरा लगी एगो विशेष, व्यक्तिगत अर्थ हलइ, जे कभी-कभी लोग आउ अपन क्रूर भाग्य के अभिभूत कर देवे वला कड़वाहट के बीच हमर उद्धार के लंगर (anchor) हलइ। जब कभी हम कैथेड्रल के कोय चैपेल में उद्धारक के चेहरा तरफ देखऽ हलिअइ, त हमरा हमेशे ओकर कोमल पुकार सुनाय दे हलइ - "हमरा भिर आवऽ, ऐ सब मेहनती आउ दलित लोग, आउ तोहन्हीं सब हमर आश्रय में होबऽ।" एकरा से कीऽ - लोग चाहे क्रूर आउ अन्यायी होवे, हमरा लगी रक्षक हके, विश्वसनीय आश्रय, जाहाँ परी हम हर तरह के क्रूरता आउ यातना से आड़ ले सकऽ हिअइ। ऊ, सर्वकल्याणकारी आउ सर्वज्ञ हइ, हमरा भगा नञ् देतइ ओहो बखत, जब बरदास के बाहर भार से थक के चूर हो जइबइ आउ अपन मन से ओकरा भिर खड़ी होबइ!
लेकिन बाहरी धार्मिक अनुष्ठान सुस्ती से करऽ हलिअइ आउ हमेशे इच्छापूर्वक नञ्। एकर कारण हलइ, शायद, हमर आसपास के उदाहरण में। ई सब अस्ताफ़्येव, दोलझिकोव, पानोव - वोल्टायर आउ विश्वकोशकार लोग के स्वतंत्र विचार से संक्रमित - चर्च के अनुष्ठान के उपेक्षा करऽ हलइ। आउ, हलाँकि ओकन्हीं में से एक्को गो एक्को तुरी अपन चाहे हमर धार्मिक आस्था के हमर उपस्थिति में स्पर्श नञ् कइलके हल, तइयो ओकन्हीं अइसन औपचारिक पहलू के प्रति [*83] अपन उदासीनता के गुप्त नञ् रख पइलकइ। लेकिन सहज भावना अकसर हमरा चर्च में आकृष्ट कर ले हलइ, विशेष रूप से, जब गायकमंडली गावऽ हलइ, चाहे तेजस्वी सिमियो स्त्सेपिन्स्की पूजा के निष्पादन करऽ हलथिन। हमरा आद पड़ऽ हइ शांत गंभीरता के भावना के, जे हम पवित्र गुरुवार के दिन अनुभव करऽ हलिअइ, जब एगो सीधा-सादा, कम पढ़ल-लिक्खल पुरोहित द्वारा इल्यिन चर्च में बारह गोस्पेल के पाठ कइल जा हलइ। ऊ बिन कइसनो उद्घोष (चिल्लाहट) के पढ़ऽ हलइ, लेकिन जे कुछ पढ़ऽ हलइ, अइसन हृदयस्पर्शी आवेश आउ सहानुभूति के साथ कि उपस्थित लोग के ऊ भावना के जाने-अनजाने सम्प्रेषित कर दे हलइ, जेकरा से ऊ खुद प्रेरित होवऽ हलइ।


[1] Charles Dickens (1812 – 1870) was an English writer and social critic. He created some of the world's best-known fictional characters and is regarded by many as the greatest novelist of the Victorian era. His works enjoyed unprecedented popularity during his lifetime, and by the 20th century, critics and scholars had recognised him as a literary genius. His novels and short stories are still widely read today.
[2] William Hogarth (1697 – 1764) was an English painter, printmaker, pictorial satirist, social critic, and editorial cartoonist.
[3] Kharkov College was founded in 1721 in Belgorod and transferred to Kharkov in 1726. In 1805 Kharkov University was founded.
[4] Alexander Ypsilanti (1792–1828) was a member of a prominent Greek family that fought for the independence of Greece.
[5] Merchants as serf owners: Dolzhikov was a wealthy merchant. A series of laws enacted between 1730 and 1762 limited ownership of settled estates with peasant inhabitants to members of the nobility. Wealthy merchants were not permitted to acquire serfs, although from the early eighteenth century they could employ “assigned” peasants in their manufacturing establishments. Peter Kolchin  (1987): “Unfree Labor: American Slavery and Russian Serfdom” (Cambridge: Belknap Press of Harvard University Press), 39, 40.
[6] Charles Bonnet (1720 – 1793) was a Genevan naturalist and philosophical writer.
[7] Friedrich Christian Baumeister (1709 – 1785) was a German philosopher.
[8] The Corpus Juris Civilis ("Body of Civil Law") is the modern name for a collection of fundamental works in jurisprudence, issued from 529 to 534 by order of Justinian I, Eastern Roman Emperor. It is also sometimes referred to as the Code of Justinian, although this name belongs more properly to the part titled Codex Justinianeus.
[9] Charles-Louis de Secondat, Baron de La Brède et de Montesquieu (1689 – 1755), generally referred to as simply Montesquieu, was a French judge, man of letters, and political philosopher. His anonymously-published "The Spirit of Law" in 1748, which was received well in both Great Britain and the American colonies, influenced the Founding Fathers in drafting the United States Constitution.
[10] Frederick II (1712 – 1786) ruled the Kingdom of Prussia from 1740 until 1786. Prussia had greatly increased its territories and became a leading military power in Europe under his rule. He became known as Frederick the Great.
[11] The Song of Roland is an 11th century epic poem based on the Battle of Roncevaux Pass in 778, during the reign of Charlemagne. It is the oldest surviving major work of French literature and exists in various manuscript versions, which testify to its enormous and enduring popularity in the 12th to 16th centuries.
[12] Vasily Kirillovich Trediakovsky (1703 - 1768) a Russian poet, who laid foundations of classical Russian literature.
[13] John Millar of Glasgow (1735 – 1801) was a Scottish philosopher, historian and Regius Professor of Civil Law at the University of Glasgow from 1761 to 1800.
[14] Alexander Ivanovich Galich (1783 – 1848) was a Russian teacher, philosopher, and writer. Galich was a teacher of Latin and Russian literature at the German Saint Peter's School in St. Petersburg, a professor at St. Petersburg University, a teacher of Alexander Pushkin, and a writer and philosopher who was one of the first followers of the German philosopher Friedrich Wilhelm Joseph Schelling in Russia. From 1818–1819, Galich published A History of Philosophical Systems in two volumes, compiled on the basis of German works by Sacher, Ast, Tenneman, and other German philosophers, and ending with an essay on the philosophical exposition of Schelling.
[15] Karl von Eckartshausen (1752 – 1803) was a German Catholic mystic, author, and philosopher.
[16] Johann Heinrich Jung (1740 – 1817), better known by his assumed name Heinrich Stilling, was a German author.
[17] नैतिक-क्रिश्चियन मासिक पत्रिका, जेकर प्रकाशन 1806 एवं 1817-1818 में प्रसिद्ध रहस्यवादी A.F. Lazbin द्वारा कइल गेले हल।

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