विजेट आपके ब्लॉग पर

Friday, June 05, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 15


15. सेना के हमर दोस्त लोग - जेनरल यूज़ेफ़ोविच - पिताजी के निधन
हमन्हीं के पारिवारिक जिनगी में परिवर्तन होलइ। एकर अप्रत्यक्ष कारण हलइ ग्रिगोरी फ़्योदरोविच ततारचुकोव के मौत। उनकर जवान पत्नी अपन पति के मौत के एक साल पहिलहीं अपन छोटकुन्नी बेटी के साथ लेके अपन माय हीं मास्को चल गेलइ। ततारचुकोव के पीछू काफी बड़गो जायदाद रह गेलइ। उनकर उत्तराधिकारी के रूप में, विधवा आउ बेटी के अलावे, पहिला विवाह से दू गो बेटा हलइ। दू गो बेटियन में से, जेकर उल्लेख हम उपरे कर चुकलिए ह, एगो अपन पिता के जिन्दा रहतहीं किशोरावस्था में हीं मर गेले हल, आउ दोसरकी के, जे बिल्याकोव से शादी कर लेलके हल, ओकर हिस्सा पहिलहीं दे देल गेले हल।
स्वर्गीय के बेटवन अपन सौतेली मइया से नफरत करऽ हलइ, आउ अपन पिता के विपरीत, लालची हलइ। ओकन्हीं कइसनो हद तक जा सकऽ हलइ यूलिया के उत्तराधिकार (विरासत) से वंचित कर देवे में, आउ ओकन्हीं एकरा लगी बेशर्मी से ओकर अनुभवहीनता के फयदा उठइलकइ। अल्पवयस्क विधवा आउ ओकर बेटी के पूरा विनाश मँड़रा रहले हल, जब ऊ, आखिरकार, अपन सुरक्षा खातिर कोय जानकार आउ ईमानदार व्यक्ति के आश्रय लेवे के ठान लेलकइ, जे बिछावल गेल जाल से ओकरा बाहर निकास सकते हल। लेकिन अइसन व्यक्ति के काहाँ ढूँढ़ल जाय? ऊ व्यक्ति, शायद, ओकर बिलकुल पास में, हमर पिताजी के रूप में हलइ। लेकिन ऊ औरत उनकर अपना तरफ के आसक्ति से परिचित हलइ आउ लमगर अवधि तक उनकर सहारे लेवे से हिचकते रहलइ। लेकिन आखिरकार अतिसावधानता के ताक पर रक्खे पड़लइ। यूलिया हमर पिताजी के पत्र लिखलकइ, जेकरा में ऊ अपना तरफ से उनका अधिकारपत्र (power of attorney) लेवे के आउ बोगुचार आवे के शीघ्रता करके अपन बेटी के साथ खुद के उत्तराधिकार बचावे लगी निवेदन कइलकइ। पिताजी के क्षात्रधर्मी आत्मा पल भर में जागृत हो गेलइ, आउ ऊ खुशी से अपन प्रिय महिला के सेवा करे के अवसर अपन हाथ में ले लेलथिन। ऊ तुरन्त संघर्ष के मैदान लगी प्रस्थान कर गेलथिन आउ एतना कुशलतापूर्वक ई केस के निपटारा कइलथिन कि यूलिया के तुरन्त ऊ सब कुछ मिल गेलइ, जेकरा पर ओकर हक हलइ।
लेकिन हमर पिताजी के ओकरा लगी फिकिर हिएँ तक समाप्त नञ् हो गेलइ। उत्तराधिकार के कार्यवाही में गाम के भी बँटवारा कर देल गेले हल आउ जे कृषक लोग विधवा के देल गेले हल, ओकन्हीं के नयका जगह पर बन्दोबस्त करे के हलइ, अर्थात् नयका बस्ती में बसावे के हलइ। एकरा चलते अनिश्चित काल तक पिताजी के परिवार से वियोग बढ़ते गेलइ, जेकरा बेगर उनकर रहन-सहन हमेशे बत्तर रह गेलइ। आकर्षक विधवा के पूजा उनकर हवाई किला निर्माण खातिर प्रचुर खाद्य-सामग्री प्रदान कइलकइ, लेकिन उनकर हृदय लगी कुछ नञ् देलकइ, जे अपन विषाद आउ परिहार (evasions) में हमेशे स्वाभाविक रूप से सहारा आउ तसल्ली लगी [*84] ओद्धिर मुड़ऽ हलइ, जाहाँ ओकर अक्षय स्रोत हलइ - उदार पत्नी के सहानुभूतिपूर्ण हृदय में। एहे बात अभियो हलइ। पिताजी के एकान्तवास बरदास नञ् होलइ, हलाँकि ऊ अपन प्रेयसी के कल्याण के काम लगी समर्पित हलथिन, आउ अपन परिवार के बोगुचार जिला में बोलावे के शीघ्रता कइलथिन, जाहाँ परी ऊ खुद रह रहलथिन हल। मइया तुरतम्मे प्रस्थान कइलकइ आउ छोटकुन्ना बुतरुअन के साथ नयका बसावल गाम में आ गेलइ, जेकर नाम जर्मन वंश के जमींदार के खुश करे खातिर रुएतल[1]  रक्खल गेलइ, जे लेकिन सुंदर शांत वातावरण के कारण उचित ठहरऽ हलइ, जाहाँ ई नयका गाम हलइ। पिताजी हमरा तो पढ़ाय से वंचित नञ् करे लगी चाहऽ हलथिन, आउ ओहे से हम ओस्त्रोगोझ्स्क में अकेल्ले रह गेलिअइ।
एहे दौरान हमन्हीं के शहर में एगो अइसन घटना घटलइ, जे एकरा में एगो नयका सामाजिक विचार प्रस्तुत कइलकइ आउ हमरा लगी तो नयका, ताजा छाप छोड़लकइ। नैपोलियन के तरिंगन अस्त हो गेलइ। खूनी नाटक के, जे यूरोप के शांति भंग कर देलके हल, पर्दा अब सेंट हेलेन द्वीप पर गिर चुकले हल। हम सब के सेना विजय के लमगर शृंखला के बाद यथोचित अराम के आस्वादन खातिर वापिस आ गेले हल। एकरा रूसी साम्राज्य के विभिन्न राज्य आउ शहर में ठहरावल गेलइ। ओस्त्रोगोझ्स्क के भी बारी अइलइ। सन् 1818 के वसंत में एक सुहावना दिन, एकर सुप्त सड़क सब सजीव हो उठलइ, रंग-बिरंगा झंडा आउ वरदी से आच्छादित हो गेलइ, घोड़ा के टाप आउ मिलिट्री संगीत के अवाज से गूँज उठलइ। हीरो लोग भिर नञ् खाली शहर वासी लोग के भीड़ उमड़ पड़लइ, बल्कि आसपास के गाम के, कृषक के भी, जे विभिन्न दिशा से गाड़ी से आउ दौड़ल आके एकत्र होले हल, अइसन अदृष्टपूर्व दृश्य के झलक लेवे लगी आउ असाधारण अतिथि के स्वागत करे लगी। ओकन्हीं के स्वेच्छा से आश्रय देते गेलइ, आउ उच्च समाज के लोग छुट्टी बितावे खातिर आवल अफसर खातिर अपन-अपन घर के पूरा दरवाजा खोल देते गेलइ।
ओस्त्रोगोझ्स्क आउ ओकर आसपास में ठहरे लगी निश्चित कइल गेलइ पहिला ड्रगून (घुड़सवार सिपाही) डिविजन के, जेकरा में चार रेजिमेंट हलइ - स्टाफ सहित मास्को रेजिमेंट, रीगा रेजिमेंट, नोवोरोसिस्क रेगिमेंट आउ किनबूर्न रेजिमेंट, जे थोड़े देरी से पहुँचले हल। हमन्हीं हीं ओकन्हीं के बसावे के साथ हम सब के सरल कोना (प्रदेश) में परिवर्तन अइलइ। एकरा में एगो नयका जिनगी जोर-शोर से चालू हो गेलइ आउ नयका रुचि जागृत हो गेलइ। ई सब रेजिमेंट के अफसर, खास करके मास्को के, जाहाँ परी मुख्यालय (हेडक्वार्टर्स) में रेजिमेंट सोसाइटी के विशिष्ट वर्ग (elite) केन्द्रित हलइ, लोग के अइसन समूह जे अपन प्रकार के अद्वितीय हलइ। विश्व घटना में भागीदार, कार्यकर्ता जे व्यर्थ के वाद-विवाद में व्यस्त नञ्, बल्कि कठोर आउ वास्तविक कर्तव्य के सीमा में, विशेष दृढ़ता, आउ विचार आउ अभिलाषा में निश्चितता प्राप्त कइलकइ, जे हम सब के सुदूर प्रदेश के प्रगतिशील लोग के साथ एगो तीव्र विषमता (sharp contrast) उत्पन्न करऽ हलइ, जेकन्हीं सजीव आउ होश में लावे वला क्रियाकलाप के अभाव में, स्वप्न नगरी में उड़ान भरऽ हलइ आउ अपन शक्ति के तुच्छ, फलहीन विरोध में बरबाद करऽ हलइ। दोसरा तरफ, पश्चिम यूरोपीय सभ्यता के संपर्क से, आउ अधिक भाग्यशाली सामाजिक वर्ग के साथ व्यक्तिगत परिचय, जे विगत शताब्दी के अन्त के विचारक लोग द्वारा विकसित कइल गेलइ, आउ आखिरकार, स्वतंत्रता आउ पितृभूमि के महान सिद्धान्त लगी संघर्ष, ई सब ओकन्हीं पर गंभीर मानवता के छाप छोड़लकइ - आउ ई मामले में ओकन्हीं हम सब के स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग के प्रतिनिधि लोग के साथ पूरे तरह से एक मत के हलइ। कोय अचरज के बात नञ् हइ, अगर ओकन्हीं आउ हमन्हीं के स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग के बीच सतत संपर्क विकसित होलइ। आउ हम ओकन्हीं द्वारा उपेक्षित नञ् कइ गेलिअइ, एकर विपरीत, हमरा बाहु तानके आउ भ्रातृत्व के भाव के साथ स्वागत कइल गेलइ। ओकन्हीं हमरा में प्रचलित व्यवस्था के शिकार देखते गेलइ, जेकरा से [*85] घृणा करते जा हलइ, आउ ई घृणा के प्रभाव के अन्तर्गत मानुँ हमरा आवर्धक लेन्स (magnifying glasses) से देखते जा हलइ - आउ ई तरह हमर प्रतिभा के, आउ एकरे साथ-साथ हमर भाग्य के त्रासदी के बढ़ा-चढ़ाके दर्शइते जा हलइ। ओहे से, ओकन्हीं के गरीब, अभागल बालक के प्रति मनोवृत्ति नञ् खाली सहानुभूति दर्शावऽ हलइ, बल्कि एगो अपन प्रकार के सम्मान। हमरा से दोगना-तिगुना उमर के लोग आउ ज्ञान आउ अनुभव में हमरा से कहीं अधिक श्रेष्ठ हमरा साथ बराबर नियन व्यवहार करते जा हलइ। हम ओकन्हीं के चर्चा, शाम के मीटिंग आउ मनोरंजन में नियमित भागीदार रहऽ हलिअइ। ओकन्हीं हमरा अपन साथ परेड में ले जा हलइ; हम ओकन्हीं साथ शिकार पर जा हलिअइ, आउ एगो घनिष्ठ मित्र के साथ हम जा हलिअइ, जब रात में पोस्ट के मुआइना करे खातिर ऊ ड्यूटी पर होवऽ हलइ।
ई सब हमरा दिलचस्पी पैदा करऽ हलइ आउ बहलावऽ हलइ, लेकिन हमरा भविष्य लगी चिंता के लोरी नञ् दे हलइ। हम दोहरा जिनगी जीयऽ हलिअइ - बेपरवाह युवावस्था आउ निराशा के - क्षणिक सुख में मग्न हो जा हलिअइ, लेकिन कटु अनुभव के अकालिक प्रौढ़ता हमरा ई बात के दृष्टि से ओझल नञ् करऽ हलइ कि जिनगी में वास्तविक आउ अपेक्षाकृत उज्ज्वल कालावधि के सीमा के बाहर हमरा लगी कउची प्रतीक्षा कर सकऽ हलइ। झुँझलाल आत्मसम्मान हमरा नयका जोश के साथ बहुत आगू के आउ अधिक टिकाउ सफलता के बारे सपना देखे लगी आउ हमर कन्हा पर के भारी जुआ के वहन करे लगी आउ अधिक अधीरतापूर्वक प्रेरित करऽ हलइ। हमर हवाई किला उठके उँचगर आउ उँचगर होते गेलइ, लेकिन आत्महत्या के विचार भी हमरा में बढ़के आउ शक्तिशाली होते गेलइ - हमर किला गिर जइतइ आउ हम खंडहर के तले दबके मर जइबइ ...
चाहे जे होवे, लेकिन ई लोग के साथ नगीची हमर विकास में एगो नयका प्रोत्साहन देलकइ आउ हमर बौद्धिक क्षितिज के सार्थक रूप से विस्तृत कइलकइ। ओकन्हीं, अन्य बात के अलावे, पहिले तुरी रूसी साहित्य के अद्यतन रचनावली से परिचित करइते गेलइ। ई मामले में हमर पूरा ज्ञान अभी तक खाली लोमोनोसोव, देरझाविन आउ "रोस्सियादा" आउ "व्लादीमिर" सहित ख़ेरास्कोव[2] तक सीमित हलइ। बचपन के शुरुआती दौर में हीं हम लोमोनोसोव से परिचित होलिए हल, घुमक्कड़ आन्हर गायक से गीत सुनते बखत, जेकन्हीं भिक्षा लगी गाम आउ बस्ती में घूमते बखत गावऽ हलइ - "सर्वोच्च प्रभु के प्रशंसा के गीत प्रयास कर हमर दिल गावे के" आउ ई लेखक के आउ दोसर-दोसर आध्यात्मिक गीत। लेकिन आधुनिक ललित साहित्य (belles lettres) के बारे हमरा कोय जानकारी नञ् हलइ। आउ अचानक केतना सारा नयका-नयका अनुभव! अफसर लोग के शाम के पार्टी के बाद कइसन चकाचौंध होल घुम्मऽ हलिअइ, जाहाँ परी पाठ (reading) हमेशे अन्तिम कार्यक्रम नञ् रहऽ हलइ, बल्कि अकसर मुख्य भूमिका अदा करऽ हलइ। कुछ अफसर कभी-कभी पूरा के पूरा नाटक के निम्मन से वाचन कर दे हलथिन। हियाँ परी हम पहिले तुरी ओज़ेरोव[3] के "Oedipus in Athens" सुनलिअइ आउ बत्यूश्कोव[4] आउ झुकोव्स्की[5] के रचना से परिचित होलिअइ, जे अभी-अभी प्रकाशित होले हल। हम सब अक्षरशः ओकन्हीं के संगीत से मदमस्त हो गेलिअइ आउ पूरा के पूरा नाटक के कंठस्थ कर गेलिअइ, उदाहरणस्वरूप - "My Penates", "The Dying Tasso", "At the Castle Ruins in Sweden", चाहे "A Bard in the Camp of Russian Warriors" के उद्धरण, इत्यादि। कइएक लोग नोटबुक लेले अइले हल, जेकरा में ओकन्हीं वाचन कइल गेल में से कोय कारणवश विशेष रूप से खुद के रोचक लगे वला उक्ति चाहे उद्धरण नोट कर ले हलइ।
लगभग एहे समय, हमरा सामने एगो अइसन व्यक्तित्व कौंधलइ, जे कुछहीं बाद, कइएक दोसर लोग के साथ, हमर भाग्य पर निर्णयात्मक प्रभाव डललकइ, लेकिन खुद गंभीर त्रासदी के एगो मुख्य शिकार हो गेलइ, जे तब घटलइ जब निकोलाय प्रथम (Nicholas I) [*86] सिंहासनारूढ़ होलथिन। ओस्त्रोगोझ्स्क में हर साल एगो मेला लगऽ हलइ, जेकरा में वोरोनेझ से अन्य सामान के साथ-साथ पुस्तक भी लावल जा हलइ। एगो दोस्त के साथ हम एगो दोकान में हुलके में देरी नञ् कइलिअइ, जेकरा में हमरा लगी मोहक वस्तु सब के बिक्री कइल जा रहले हल। हुआँ, काउंटर भिर, हमन्हीं के आगू में एगो अल्पवयस्क अफसर खड़ी हलइ। हम ओकरा दने तकलिअइ आउ ओकर गंभीर आउ साथे-साथ स्पष्ट आँख के चमक आउ ओकर पूरा नम्र आउ विचारमग्न चेहरा से हम आकृष्ट हो गेलिअइ। ओकरा मोन्टेस्क्यू के "Spirit of Laws" चाही हल, कीमत चुकइलकइ आउ घर में खुद लगी पुस्तक लावे के ऑडर कइलकइ। "हम अपन स्क्वैड्रन के साथ शहर में पड़ाव डाले वला नञ्", ऊ व्यापारी से कहलकइ, "हम सब काफी दूर में ठहरल हिअइ। हम हियाँ परी थोड़े समय लगी अइलिए ह, बस खाली कुछ घंटा खातिर - हमरा अपने से निवेदन हइ, पुस्तक भेजे में देरी नञ् कइल जाय। हम रुक गेलिअइ (ऊ पता देलकइ)। अपने के भेजल अदमी के लेफ़्टेनेंट रिलेयेव[6] के बारे पुच्छे के चाही।"
ऊ समय ई नाम के हमरा लगी कोय विशेष महत्त्व नञ् हलइ, लेकिन अल्पवयस्क अफसर के भव्य मूर्ति हमर स्मृति-पटल में एक अमिट छाप छोड़लकइ। हम बाद में ओकरा अपन प्रदेश में कभी नञ् देखलिअइ। आउ ओहो तुरतम्मे हुआँ से चल गेलइ, शादी कइलकइ आउ सेवा-निवृत्त हो गेलइ। हमरा ओकरा से फेर तब भेंट होलइ जब हम पितिरबुर्ग में हलिअइ आउ बिलकुल दोसरहीं परिस्थिति में। हम सब के अफसर मंडली जल्दीए अभी-अभी अफसर में प्रोन्नति पावल दोसर अल्पवयस्क लोग के मंडली से विस्तृत हो गेलइ। ई नञ् कहल जा सकऽ हइ कि ओकन्हीं एकरा में कुछ नया आउ ताजा चीज प्रस्तुत कइलकइ। सीधे कैडेट कोर, जाहाँ ऊ जमाना में विज्ञान उतना उँचगर नञ् हलइ, से आवल ओकन्हीं सीनियर आउ अधिक अनुभवी कामरेड के बराबरी नञ् कर सकऽ हलइ। लेकिन तइयो ओकन्हीं निष्ठापूर्वक अपन कर्तव्य निभावऽ हलइ, लेकिन अपन फुरसत के समय कमोबेस प्रचंड रंगरेली (wild drinking sprees) में गुजारऽ हलइ। निम्मन लड़कन लोग हमरा से दोस्ती करते गेलइ, हमरा अपन रंगरेली में निमंत्रण देते जा हलइ। आउ अइसन तब जबकि हमर पिताजी के चाहे आउ कउनो मार्गदर्शक के अभाव में हमर आदत पर घातक प्रभाव डाल सकऽ हलइ। भाग्यवश, हमरा, संयोग से, हर तरह के अत्यासक्ति (excesses) से बिलकुल भौतिक घृणा (physical aversion) हलइ। रंगरेली में उपस्थित रहके, हमहूँ, निस्संदेह, पंच[7] के गिलास के अपन होंठ से स्पर्श करऽ हलिअइ आउ फेनदार दोन पेय (Don concoction) एक-दू गिलास पीयऽ हलिअइ। लेकिन ई हम एगो चटोरा लड़का के रूप में करऽ हलिअइ, जे अभियो तक ऊ उमर से बाहर नञ् अइले हल, जब ओकन्हीं के मिठाय पसीन पड़ऽ हइ। नशा के प्रति हमरा घृणा हलइ, व्यक्ति के सम्मान आउ आत्म-गौरव के हमर आदर्श दृष्टिकोण के कारण भी, जे हमर युवावस्था खातिर चाभुक हलइ, लेकिन साथे-साथ एगो लगाम, जे हमरा पतन से बचावऽ हलइ।
लेकिन ई दू प्रकार के - 1812 के हीरो लोग आउ (कैडेट कोर से सीधे फ्रेश आवल) निम्मन लड़कन - के साथ ओस्त्रोगोझ्स्क में ठहरल सैनिक के प्रकार समाप्त नञ् हो गेलइ। ओकन्हीं बीच आउ एगो तेसरा प्रकार भी हलइ, पुरनका विचारधारा (old school) के सेवक, नित्यचर्या में दृढ़ीभूत (hardened), खाली युद्ध में हीं बहादुर नञ्, बल्कि शांतिकाल में भी, अधीनस्थ लोग के साथ हाथोहाथ बल के प्रयोग में। ओकन्हीं के सैनिक लोग के प्रति व्यवहार, अगर कम कहल जाय, क्रूर, बर्बर हलइ। भाग्यवश, हमन्हीं हीं अइसन पिता-कमांडर कम हलइ। हमर स्मृति-पटल में दू गो रह गेलइ - मास्को के ड्रगून रेजिमेंट के लाइफ़-स्क्वैड्रन के कमांडर, त्रोफ़िम इसेयेविच मकारोव, आउ ओहे रेजिमेंट के रिज़र्व स्क्वैड्रन के कमांडर, कप्तान पोतेमकिन। हमरा विशष रूप से आद हइ मकारोव के। विशाल कद, चेहरा पर झुर्री भरल, घना लटकल भौं के निच्चे त्योरी चढ़ल, [*87] ओकर खाली बाह्याकृति हीं अधीनस्थ लोग में कँपन पैदा कर दे हलइ।
ओकर विशिष्ट लक्षण, कहल जा हइ, बहादुरी हलइ, लेकिन बहादुरी हलइ अपन ढंग के विलक्षण, बिन आवेश आउ भावना में बहे शांत, हमेशे आउ सगरो संतुलित, अगर अइसन कहल जा सकइ, व्यवस्थित। एगो साथी के गोवाही के मोताबिक, ऊ साधारणतः आक्रमण करे में पहिला रहऽ हलइ, लेकिन साथे-साथ एक्को मिनट लगी अपन संतुलन नञ् खोवऽ हलइ, जेकरा से ओकर प्रहार हमेशे लक्ष्य पर होवऽ हलइ। हलाँकि ऊ रैंक में स्टाफ-कप्तान हलइ, लेकिन ओकर गरदन पर सेंट आन्ना के पदक आउ धनुष सहित व्लादीमिर के पदक हलइ। अइसहीं शांतचित्त रूप से, जेकरा उदासीनतापूर्वक नञ् कहल जा सकऽ हइ, बिन लेशमात्र के क्रोध चाहे क्रोधावेश में, सैनिक लोग के साथ, बिलकुल तुच्छ दोष खातिर, ऊ डंडा, चाभुक से, तलवार के सपाट हिस्सा दने से, नञ् तो खाली घुँस्सा से थोपड़ा पर प्रहार करके दंडित करऽ हलइ। एकरा से अनुशासन के कइसनो जीत नञ् होवऽ हलइ - एकरा बेगर भी हमन्हीं के सैन्यदल (troops) में एकर कठोरतापूर्वक पालन कइल जा हलइ। ई समझ के बाहर हइ कि काहाँ से मकारोव के अर्दली आउ अश्वसेना के सर्जेंट-मेजर वसील्येव अक्षरशः कुचलल शारीरिक बल - नैतिक बल के बात नञ् करऽ हिअइ - पावऽ हलइ, ताकि यातना के सहन कर सकइ, जे ओकन्हीं के, कप्तान के घनिष्ठतम लोग के हैसियत से, लगभग रोज दिन झेले पड़ऽ हलइ। आउ तइयो, ई कहना विचित्र प्रतीत हो सकऽ हइ, लेकिन त्रोफ़िम इसेयेविच बुरा अदमी बिलकुल नञ् हलइ। ऊ तो, जरूरत पड़ला पर, हार्दिक गरमजोशी आउ मानवता दर्शावऽ हलइ। उदाहरण के तौर पर, ओकर हमरा प्रति व्यवहार के लेल जाय, जे अइसन उदारता से ओत-प्रोत हलइ, हियाँ तक कि लाड़-प्यार से भी, जइसन ई जानवर नियन अदमी में कल्पना करना मोसकिल हो सकऽ हलइ। हमरा से भेंट हो गेला पर ऊ, जरी सुन मुसकाके, दुलार से हमर कन्हा पर थपथपा दे हलइ, अपना हीं बोलावऽ हलइ; हमरा शिकार पर ले जा हलइ; हमरा अपन घोड़ा के सवारी करे खातिर दे हलइ। लेकिन सैनिक लोग के साथ बर्ताव में ऊ पक्का लकीर के फकीर हलइ, प्राचीन किंवदन्ती के अनुसरण करऽ हलइ आउ सरलहृदयता से विश्वास करऽ हलइ, कि ओकन्हीं साथ बिन चाभुक के काम नञ् चल सकऽ हइ। एकरा लगी, निस्संदेह, ओकरा में प्राथमिक शिक्षा के बिलकुल अभाव जिम्मेदार हलइ। हमरा नञ् मालुम कि ओकर पदवी कीऽ हलइ आउ ऊ कहीं पढ़ाइयो कइलके हल कि नञ्, खाली मोसकिल से कइसूँ आधा-अधूरा अपन नाम के हस्ताक्षर कर ले हलइ।
आउ अइकी क्पतान पोतेमकिन हइ, ऊ पहिलहीं से पक्का दुष्ट हलइ आउ केकरो लगी अपवाद के रूप में नञ् ले हलइ। क्रूरता, जे मकारोव में अज्ञानता आउ उत्तरदायित्व के ठीक से नञ् समझे के ही परिणाम हलइ, पोतेमकिन में नैसर्गिक रूप में हलइ, ओकर खुद के प्रकृति में गहराई से जड़ पकड़ल। ऊ एकरा अपन प्रकार के विलासिता के साथ बेलगाम कर दे हलइ आउ मानुँ आनंदित होवऽ हलइ, जब ओकर सुनावल दंड के अनुसार अभागल सैनिक सब के पीट-पीटके आउ चाभुक से मार-मारके अधमरू कर देल जा हलइ। एकरा अलावे, ऊ तथाकथित उच्च समाज से हलइ आउ बुद्धि आउ शिक्षा के आधार पर मकारोव के अपेक्षा बहुत उपरे हलइ। रेजिमेंट के बाकी अफसर ई दुन्नु कप्तान के क्रियाकलाप के रोषपूर्वक देखते जा हलइ आउ स्पष्ट रूप से ओकन्हीं से दूर रहऽ हलइ। लेकिन न तो साथी सब के नफरत, न तो भला, बहादुर आउ उदार कमांडर कर्नल के फटकार या चेतावनी के ओकन्हीं पर कोय असर होवऽ हलइ। ओकन्हीं के निर्दयता के नियंत्रित करे खातिर आउ अधिक कठोर कदम के सहारा नञ् लेल जा सकऽ हलइ, काहेकि ओकन्हीं तइयो कानून के सीमा के अंदर कार्रवाई करऽ हलइ।
स्टाफ अफसर के मंडली में हमर स्थिति जल्दीए आउ अधिक मजबूत हो गेलइ। हमरा पर ध्यान आकृष्ट होलइ पहिला [*88] ड्रगून डिविजन के खुद मुख्य कमांडर मेजर-जेनरल दिमित्री मिख़ायलोविच यूज़ेफ़ोविच के, जे ओस्त्रोगोझ्स्क में डेरा डललथिन हल। ई पूरा तरह से समझे लगी कि ई नयका परिस्थिति, हमरा अपन साथी नागरिक लोग के नजर में, केतना उपरे उठा देलकइ, ई आद रक्खे के चाही कि ऊ जमाना में मिलिट्री जेनरल के पदवी के केतना सम्मानजनक मानल जा हलइ।
निकोलाय प्रथम (Nicholas I) के समय में आउ सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम (Alexander I) के शासनकाल के अन्तिम वर्ष के दौरान - ई जेनरल अपन प्रकार के एगो विशिष्ट व्यक्ति हलथिन। हमन्हीं के सामाजिक आउ प्रशासनिक जीवन के सब क्षेत्र में उनकर अप्रतिम महत्त्व हलइ। सरकार में अइसन कोय उच्च पद नञ् हलइ, जेकर नियुक्ति के दौरान मोटगर रजत चाहे स्वर्ण स्कन्धिका[8] (epaulettes) धारी व्यक्ति के वरीयता नञ् देल जा हलइ। ई स्कन्धिका सब के बुद्धि, ज्ञान आउ क्षमता के मान्यता देल जा हलइ युद्धक्षेत्र में भी, जाहाँ परी, विशेष प्रशिक्षण के जरूरत पड़ऽ हइ। अपन स्कन्धिका के जादुई शक्ति में आश्वस्त, एकर धारण करे वलन अपन सिर ऊँचा रखते जा हलइ। ओकन्हीं अपन अत्रुटिशीलता (अमोघत्व, infallibility) में प्रबल धारणा से ओत-प्रोत  रहऽ हलइ आउ साहसपूर्वक अतिक्लिष्ट गाँठ (Gordian knots) के काट दे हलइ। प्रारम्भ में खुद्दे कठोर मिलिट्री अनुशासन के जोश में प्रशिक्षित, बाद में सैन्यदल के रैंक में एकर संरक्षक के हैसियत से, ओकन्हीं शांतिमय सिविल समाज के प्रबन्धन में भी ओहे बिन शर्त अनुशासन के नीति प्रवर्तित करते गेलइ (introduced)। लेकिन एकरा में, ओकन्हीं खाली प्रशासन के विचार के समर्थन करऽ हलइ, जे, लगऽ हलइ, खुद के लक्ष्य राज्य (राष्ट्र) के अनुशासित करना निश्चित कर लेलके हल, अर्थात् एकरा अइसन स्थिति में लाना, ताकि एकरा में कोय व्यक्ति न तो आउ कुछ दोसर चीज सोचे आउ न करे, सिवाय एक निश्चित कइल नीति के। ई, तथाकथित, बैरक प्रणाली के बल पर, हरेक जेनरल, चाहे ओकरा प्रशासन के कइसनो शाखा के प्रबन्धन लगी काहे नञ् बोलावल जा हलइ, सबसे पहिले ऊ ई बात के फिकिर करऽ हलइ कि अधीनस्थ लोग पर यथासंभव अधिक भय पैदा करे। ओहे से ऊ त्योरी चढ़ाके आउ गोस्सा से देखऽ हलइ, स्पष्ट रूप से बोलऽ हलइ आउ लेशमात्र के बहाना से, हियाँ तक कि ओकरा बेगर भी, सब के आउ हरेक के फटकारऽ हलइ।
ई नञ् कहल जा सकऽ हइ कि मेजर-जेनरल यूज़ेफ़ोविच अइसनकन डाँट-फटकार करे वलन जेनरल के काफी समान हलथिन। लेकिन जेनरल लोग के विशिष्ट गुण अइसन हद तक एक प्रकार से रिवाज बन चुकले हल कि कोय जेनरल के, ओकरा से बिलकुल मुक्त होना ऊ जमाना में सोचल नञ् जा सकऽ हलइ। दिमित्री मिख़ाइलोविच के अइसहीं रूस आउ यूरोप के स्वतंत्रता सेनानी के रूप में शामिल नञ् कइल गेले हल। पश्चिम के मुठभेड़ से ऊ बहुत कुछ मानवोचित विचार आउ व्यवहार में नियंत्रण लइलथिन हल, जे साधारणतः उनकर समकालिक लोग के बहुत कम मालुम हलइ। जब सहबद्ध सैन्यदल (allied armies)फ्रांस में प्रवेश कइलकइ, त उनकर नियुक्ति नान्सी (Nancy) के गवर्नर-जेनरल के पद पर होलइ आउ ऊ अपन पीछू विशिष्ट स्मृति छोड़ गेलथिन। लेकिन, परिस्थिति के अनुसार खुद के ढाले वला, आउ अपन बुद्धि आउ शिक्षा के बल पर, अपन नैसर्गिक प्रवृत्ति के नियंत्रित रक्खे वला, ऊ तइयो निरंकुश जन्मजात रुझाव (despotic streak) से वंचित नञ् हलथिन, आउ हलाँकि ई विरल हलइ, लेकिन उनकर व्यक्तिगत आउ कार्यालयीन दुन्नु संबंध में उभर पड़ऽ हलइ। जब केकरो पसीन कर ले हलथिन, त ऊ ओकरा पर अपन ध्यान के लक्षण के झड़ी लगा दे हलथिन, लेकिन जब कोय तुच्छ कारण से मामूली गलतफहमी हो जा हलइ, त उनकर व्यवहार बेपरवाही से उदासीन (carelessly cold) हो जा हलइ। उनकर मुख्य विशेषता महत्त्वाकांक्षा हलइ, जे पेशा के प्रारंभिक अवस्था में सूक्ष्म आउ नियंत्रित हलइ, लेकिन अन्तिम अवस्था में एतना प्रचंड हो गेलइ कि ई उनकर नैतिक पतन के कारण हो गेलइ।
[*89] जब हमरा उनका से परिचय होलइ, उनकर उमर लगभग पैंतालीस साल हलइ, लेकिन एकरा से जादे नञ्। उँचगर कद, बन्नल-ठन्नल, बहुत सजीव चेहरा, तीव्र बोली आउ आदेशात्मक संकेत (imperious bearing) उनका प्रभावोत्पादक आकृति बनावऽ हलइ। उनकर गरदन पर सेंट जॉर्ज क्रॉस शोभा दे हलइ, जेकरा कभी अलगे नञ् करऽ हलथिन। दोसर पदक पहिला दर्जा के आन्ना आउ प्रसियन उकाब (Prussian Eagle), खाली बड़गो उत्सव के अवसर पर, परेड में आउ सार्वजनिक प्रार्थना के अवसर पर धारण करऽ हलथिन। बहुमुखी शिक्षाप्राप्त, साहित्य के प्रति उनका बहुत रुचि हलइ, एकर सब्भे नयका प्रकाशन पर नजर रक्खऽ हलथिन, सब रूसी पत्रिका आउ अखबार के ग्राहक हलथिन, हियाँ तक कि "कज़ान समाचार" नियन कोय खराब अखबार के भी छोड़ले बिना, आउ सब उत्तम पुस्तक के, जे पुनर्मुद्रित कइल जा हलइ। फुरसत में, शाम के, अपन नगीची रिश्तेदार या मित्र मंडली के समक्ष, अद्यतन कवि, देरझाविन से लेके मिर्ज़्ल्याकोव[9], बत्यूश्कोव, झुकोव्स्की तक, के रचना जोर-जोर से पढ़के सुनावऽ हलथिन। उनका हरेक नयका विचार पसीन पड़ऽ हलइ, आउ हरेक उत्तम कोटि के कविता, युक्तियुक्त अभिव्यक्ति, मुहावरा से ऊ आनंदित होवऽ हलथिन।
दिमित्री मिख़ाइलोविच लेखन में भी उतरलथिन, लेकिन, लगऽ हइ, कुच्छो प्रकाशित नञ् करा पइलका, सिवाय एगो के, आउ ओहो फ्रेंच से अनुवाद कइल लेख, जेकर प्रकाशन ऊ जमाना के ख़ार्कोव से प्रकाशित "यूक्रेनियन हेरल्ड" में। ई एगो प्रिय अल्पवयस्क लड़की, ज़्विरेवा, के अलबम खातिर पूर्वनिर्धारित कइल हलइ, जे अपन माय के साथ ख़ार्कोव से कुछ दूर के जागीर (estate) में रहऽ हलइ, जाहाँ परी कभी-कभी दिमित्री मिख़ाइलोविच कुछ समय खातिर भेंट करे जा हलथिन। ऊ वृद्धा के आदर करऽ हलथिन आउ ओकर बेटी से प्रेम करऽ हलथिन, जेकरा से ऊ शादी करे के कामना कर सकऽ हलथिन। लेकिन एकरा में ई बाधा हलइ कि उनका पहिलहीं से एगो पत्नी हलइ। विचित्र बात हलइ कि ऊ कइसूँ बचपने में ओकरा से शादी कर लेलथिन हल आउ अब व्यर्थ में ओकरा से छुटकारा पावे के प्रयास कर रहलथिन हल। कहल जा हलइ कि ऊ अनपढ़ हलइ आउ बहुत मूर्ख। लेकिन ओकरा कोय नञ् जानऽ हलइ, काहेकि ऊ कहीं तो दूर-दराज के गाम में रहऽ हलइ, जाहाँ से ऊ कभी बाहर नञ् जा हलइ।
ओस्त्रोगोझ्स्क में जेनरल यूज़ेफ़ोविच अपन बहिन, आन्ना मिख़ाइलोव्ना, आउ ओकर लगभग दस साल के बेटी के साथ रहऽ हलथिन। कुछ समय के बाद ओकन्हीं सब के साथ जेनरल के एगो आउ दोसर भतीजी, मारिया व्लादीमिरोव्ना, आके रहे लगलइ। ऊ बेटी हलइ उनकर भाय के, जे रोगभ्रम (hypochondria) से पीड़ित हलइ आउ अकेल्ले गाम में रहे लगी पसीन करऽ हलइ। हमरा नञ् मालुम कि कइसे हमरा बारे अफवाह जेनरल तक पहुँचलइ, लेकिन एक सुहावना दिन उनकर भतीजी आउ भगनी के टिसनी पढ़ावे खातिर बातचीत लगी हमरा उनका हीं आमंत्रित कइल गेलइ। दिमित्री मिख़ाइलोविच अन्दर अइलथिन, हमरा दने एगो उकाबी नजर (eagle eye, piercing glance) डललथिन, कुछ शब्द बोललथिन आउ गायब हो गेलथिन, आगू के बातचीत के काम अपन बहिन पर छोड़ते। आन्ना मिख़ाइलोव्ना हमरा साथ देर तक विस्तृत चर्चा कइलथिन। ऊ सूक्ष्म स्त्रीजन्य व्यवहार-कौशल (tact) से हमरा बिलकुल चकमा देके ऊ हमरा से सब कुछ उगलवा लेलथिन, जे उनका जाने के हलइ। आखिरकार हमरा ऊ काम लगी योग्य समझल गेलइ, जे हमरा सौंपे लगी चाहल जा हलइ, आउ हम बिन कोय देरी कइले दुन्नु लड़कियन के टिसनी पढ़ावे के काम चालू कर देलिअइ - रूसी भाषा आउ इतिहास में। ई काम में हमर सोल्लह साल के उमर बाधक नञ् प्रतीत होलइ। एकरा में हमर प्रदेश में फेर से सरकारी शिक्षक लोग के विरुद्ध पूर्वाग्रह प्रकट हो गेलइ। यूज़ेफ़ोविच जइसन बुद्धिमान व्यक्ति, खुद एगो सरकारी व्यक्ति होके भी आखिर में अर्द्ध-शिक्षित बालक के बेहतर समझलथिन।
चाहे जे होवे, हम जेनरल के घर में शिक्षक हो गेलिअइ आउ हुआँ परी दृढ़ आधार प्राप्त कर लेलिअइ। दुन्नु शिष्या हमर पाठ में रुचि ले हलइ, घर के मालकिन के [*90] हमरा में असीम विश्वास हो गेलइ, आउ सबसे मुख्य बात ई कि हमरा में खुद जेनरल रुचि देखावे लगलथिन। हमर पारिश्रमिक छोटगर हलइ। लेकिन दिमित्री मिख़ाइलोविच, एकरा अलावे, हमरा पोशाक के खरचा देलथिन आउ पड़ोस में किराया पर लेके एगो छोटगर फ्लैट देलथिन।
धीरे-धीरे हम उनकर अप्पन व्यक्ति हो गेलिअइ। हमर शिक्षक के काम में दोसर काम भी जोड़ देल गेलइ, पुस्तकालय से संबंधित। जेनरल के ई पुस्तकालय काफी बड़गर हलइ, लेकिन अव्यवस्थित। हम एकरा लगी सूची बनइलिअइ आउ बिन थकावट के पुस्तक सब में छानबीन कइलिअइ। दिमित्री मिख़ाइलोविच, अखबार आउ पत्रिका प्राप्त करके, ऊ सब पर नोट कर दे हलथिन। हमरा ऊ सब के एगो विशेष नोटबुक में विवरण लिक्खे के हलइ आउ अपन खुद के टिप्पणी से पूरा करे के हलइ - कीऽ उद्देश्य से, हमरा नञ् मालुम। साधारणतः दिमित्री मिख़ाइलोविच, हमरा प्रति अपन अनुग्रह के अवधि में, कइएक तुरी हमरा कुछ विशेष अधिकार प्रदान कइलथिन हल। ई तरह से, एक दिन ऊ हमरा अपन अध्ययन-कक्ष में बोलइलथिन आउ हमरा सुंदर चर्म-पत्र के कागज (vellum paper) के एगो मोटगर नोटबुक सौंपलथिन।
"हियाँ परी नोट करके लाना", ऊ बोललथिन, "ऊ सब कुछ जे हम बोलबउ आउ आदेश देबउ, आउ एकरा में अपन टिप्पणी जोड़ देना, बिन कोय हिचकिचाहट के, अगर ऊ सब हमेशे हमर काम के नञ् रहे तइयो। अब से तूँ हमरा भिर व्यक्तिगत रूप से रहना, हमर पुस्तकाध्यक्ष (लाइब्रेरियन) आउ पत्रकार के रूप में।"
दोसरा तुरी ऊ हमरा अपन रचना के प्रारम्भ देलथिन - "रूस के गौरव आउ महानता के संबंध में" आउ हमरा एकरा जारी रक्खे के आदेश देलथिन। रचना उत्कृष्ट हलइ, आउ ओहो जमाना खातिर, विरल शब्दाडम्बरपूर्ण हलइ, आउ कइएक सुधार आउ शैली में परिवर्तन के आधार पर निर्णय कइल जाय, त कहल जा सकऽ हइ कि लेखक के एकरा में बहुत परिश्रम करे पड़ले हल।
लेकिन तखने हम ई नञ् देखे लगी चाहऽ हलिअइ चाहे देख नञ् सकलिअइ, आउ अपन संरक्षक के इच्छा के अनुसार करके, उत्साहपूर्वक उनकर आडम्बर आउ आलंकारिक उड़ान के अनुकरण कइलिअइ, लेकिन उनकर साथ एक्के उँचाई तक उट्ठे के संभावना में पहिलहीं शंका अभिव्यक्त करके। आउ वास्तव में हम ई नञ् कर सकलिअइ। ऊ सब कुछ के, जे हमर हृदय चाहे कल्पना के कोय कारणवश कुच्छो सुझावऽ हलइ, आदर्श बनावे के हमर प्रवृत्ति के प्रभाव के अधीन, हम दिमित्री मिख़ाइलोविच के उच्च आसन (pedestal) पर बैठा देलिअइ। ऊ हमरा लगी एगो महान ऐतिहासिक कार्यकर्ता हलथिन, आउ हम उनका में कोय खामी माने में, चाहे उनकर कहे मोताबिक उनकर अनुकरण करे में धृष्टता समझऽ हलिअइ, चाहे ई उनकर आमंत्रण के अनुसार ही काहे नञ् होवे। वस्तुतः सब कुछ बहुत असान हलइ। रूस के गौरव आउ महानता ऊ ठीक-ठीक कउची में समझऽ हलथिन, एकर स्पष्ट धारणा (idea) के अभाव के कारण, जेनरल शब्दाडम्बर के पेचीदगी में उलझ गेलथिन आउ हमरा ऊ खुद के हुआँ से बाहर निकासे लगी कहलथिन। हम सहज ढंग से उनकर चुनौती के जस के तस स्वीकार कर लेलिअइ आउ अपन डैना फैला लेलिअइ, लेकिन ऊ हमरा सहारा नञ् देलकइ - हमरा असंभव कार्य से इनकार करे पड़लइ। स्पष्टतः, हमरा जे भूमिका अदा करे लगी देल गेले हल ओकर निच्चे के स्तर के हलिअइ। लेकिन प्रारम्भिक चरण में अभियो जेनरल के साथ हमर संबंध के बरबाद नञ् कइलकइ - ऊ लमगर अवधि तक हमरा पर अनुग्रह जारी रखलथिन आउ अपन ध्यान के संकेत के झड़ी लगइते रहलथिन।
जेनरल के बहिन हमरा साथ आउ बहुत सरल आउ गरमजोशी के साथ व्यवहार करऽ हलथिन। आन्ना मिख़ाइलोव्ना अभियो अल्पवयस्क हलथिन - लगभग सताइस-अठाइस साल के। उनका तो सुंदर नञ् कहल जा सकऽ हलइ, लेकिन अपन मनोहर चेहरा पर बुद्धि आउ दया के भाव से आकृष्ट करऽ हलथिन, आउ उनकर व्यवहार एक प्रकार के विशेष निष्कपट सरलता से अइसन ओत-प्रोत हलइ, जे जाने-अनजाने उनका सामने खुल्लल दिल से बात करे लगी बाध्य कर दे हलइ। उनकर शिक्षा-दीक्षा पितिरबुर्ग में, एकातेरिना इंस्टिच्यूट (Catherine Institute) में होले हल, आउ बड़ी [*91] सजीवता से ऊ समय के आद करऽ हलथिन हल, जे ऊ हुआँ परी बितइलथिन हल। ऊ अकसर इंस्टिच्यूट के छात्रा लोग के रीति-रिवाज के बारे बतावऽ हलथिन, ओकन्हीं के क्रिया-कलाप, मनोरंजन आउ शिक्षक, आउ खास करके ओकन्हीं सब लगी प्रिय शिक्षक, आई॰आई॰ मार्तिनोव, के बारे प्रशंसात्मक ढंग से, जे रूसी साहित्य पढ़ावऽ हलथिन। बाद में ऊ सार्वजनिक शिक्षा मंत्रालय में एगो विभाग के निदेशक बन गेलथिन आउ ग्रीक क्लासिक साहित्य के अनुवाद हेतु वैज्ञानिक जगत् में प्रसिद्ध हो गेलथिन। हमरा प्रति उदार भाव में बहके, आन्ना मिख़ाइलोव्ना कभी-कभी एकातेरिना इंस्टिच्यूट के छात्र लोग के बीच मार्तिनोव के लोकप्रियता आउ हमरा प्रति ओस्त्रोगोझ्स्क के शिष्या के मनोभाव के बीच तुलना करऽ हलथिन। ऊ, मजाक में चाहे गंभीरता से, हमर उज्ज्वल शिक्षण जीविका के भविष्यवाणी कइलथिन। न तो उनका आउ न हमरा दिमाग में अइलइ कि भाग्य वास्तव में हमरा ओहे संस्था के देवाल के अन्तर्गत कइसनो सफलता लगी तैयार कर रहले हल, जाहाँ परी मार्तिनोव काम करऽ हलथिन, आउ उनके विषय में। हम वस्तुतः अपन शिष्या लोग के साथ खुश हलिअइ। हम दोसरा लोग के बारे नञ् कहऽ हिअइ, लेकिन आन्ना मिख़ाइलोव्ना के बेटी भी, बुद्धिमान आउ सक्षम, लेकिन बड़गो मूरख, एतना हमर पाठ के प्रति लगाव रक्खऽ हलइ कि ओकरा जरूरत से जादे उत्साह के नियंत्रित करे पड़ऽ हलइ। हमरा ई अभी घट रहल घटना नियन लगऽ हइ, ओकर तेज आँख के हमरा दने तीक्ष्ण दृष्टि के अनुभव करऽ हिअइ, जब ऊ, अपन सिर एक दने झुकाके आउ होंठ भींचके, हमर व्याख्या सुन्नऽ हलइ। ओकर ममेरी बहिन, मारिया व्लादीरोव्ना, चाहे, जइसन कि लोग ओकरा पुकारते जा हलइ, माशिन्का, क्षमता आउ परिश्रम ओकरा से कहीं अधिक पिछुआल हलइ। लेकिन ऊ बहुत सुन्दर हलइ। आउ बाद में हम अइसन तजगर आउ एतना कमाल के सुन्दर औरत बहुत कम्मे देखलिअइ। ऊ अभी-अभी बचपन से बाहर आना शुरू कइलके हल आउ बालसहज निष्कपटता आउ स्त्रीजन्य गुण के बोध के प्रथम किरण के मोहक मिश्रण प्रस्तुत करऽ हलइ। अगर एगो अल्पवयस्क बालिका के खिल रहल गुलाब से तुलना पहिलहीं घिसापिटा (hackneyed)  नञ् हो चुकले ह, त एकर आविष्कार माशिन्का लगी करे के चाही। ई जाने-अनजाने दिमाग में आ जा हलइ, ओकर हलका गुलाबी रंगत के साथ हलका उज्जर गाल पर नजर गेला पर, जे आत्मा के लेशमात्र हलचल पर, लज्जा से लालिमा उभर आवऽ हलइ आउ ओकर पूरे चेहरा, गरदन आउ बाँह पर पसर जा हलइ। आउ विशेष सौन्दर्य ओकरा प्रदान करऽ हलइ विचारमग्नता के साया, जे ओकर नजर आउ मुख के सूक्ष्म चाप (subtle arc) के कोना में रहऽ हलइ। माशिन्का बहुत भावुक हलइ। कइएक तुरी हमरा देखे में अइलइ, कि ओकर होंठ काँप रहले ह, आउ ओकर आँख के पिपनी पर अश्रु लटक जइतइ। ई विचारमग्नता, ओकर बालसहज चेहरा के अस्पृष्ट (अछूता) ताजगी के साथ, हृदय के स्पर्श भी करऽ हलइ आउ सोचे पर विवश भी। आउ ई नञ् कहल जा सकऽ हलइ कि माशिन्का के सोच-विचार करे के कारण नञ् हलइ। ओकर माता-पिता गाम में रहऽ हलइ आउ अपन बेटी के लालन-पालन के बारे नञ् सोचऽ हलइ। ओकर बचपन गुजरलइ भ्रम-रोगी बाप के साथ आउ माय के साथ, जे हलाँकि दयालु आउ बुद्धिमान हलइ, लेकिन तपेदिक (टीबी) से पीड़ित हलइ। आखिरकार, ओकरा चाचा अपन घर पर ले गेलथिन आउ पहिले तुरी ओकर शिक्षा के खियाल रखलथिन। लेकिन उनका लगातार ओकरा पर नजर रक्खे के समय नञ् हलइ, आउ ऊ ओकरा अपन बहिन के सौंप देलथिन। आन्ना मिख़ाइलोव्ना, जे बाकी दोसर सब मामले में योग्य औरत हलथिन, ई मामले में ऊ ओइसन योग्यता नञ् दर्शा पइलथिन। ऊ एगो भावपूर्ण माय हलथिन, लेकिन उनकर बेटी के प्रकृति सबसे साधारण सुन्दरता से भी वंचित कर देलके हल - एहे सुन्दर माशिन्का के विरुद्ध उनकर झल्लाहट के स्रोत हलइ। ऊ ओकरा से ईर्ष्या करऽ हलथिन, आउ अपन बुतरू के साथ अलाभकारी तुलना से बच्चे खातिर भाँजी के दूर रक्खऽ हलथिन। ई तरह से, बेचारी माशिन्का अपन चाचा के घर में भी [*92] अकेली रह गेलइ। हियाँ परी, संयोगवश चाहे संयोगवश नञ्, हम स्टेज पर पहुँच गेलिअइ। शुरू-शुरू में ऊ हमरा से बच्चऽ हलइ आउ अपन लमगर पिपनी के निच्चे से हमरा पर शत्रुवत् निगाह डालऽ हलइ। हम ओकरा लगी एगो शिक्षक हलिअइ, एगो सहानुभूतिविहीन जीव, जे, ओकर विचार में, पहिलहीं से नीरस जीवन में ओकरा लगी बोरियत के एगो नयका तत्त्व आउ विवशता जोड़ देवे वला हलइ।
हम, अपना तरफ से, कुछ घबराहट के साथ ओकरा साथ पाठ चालू कइलिअइ। अइसन शिष्या से हमरा पहिले कभियो पाला नञ् पड़ल हल। हमरा से एक्के साल छोट, ऊ, अपन खिल रहल सौन्दर्य आउ सुषुप्त मन के साथ, हमरा, जे उपन्यास से सनकी होल हलइ, ई सुत्तल राजकुमारी लगलइ, जेकरा जगावे लगी हमरा आमंत्रित कइल गेले हल। हम कल्पना में बह गेलिअइ आउ हम माशिन्का के मन आउ हृदय के सक्रिय बनावे के मन बना लेलिअइ। हाय! पहिला तो अइसीं सपना रह गेलइ, आउ दोसरा हमरा क्षणिक आउ अधूरा संतोष देलकइ। माशिन्का जल्दीए आश्वस्त हो गेलइ कि हम बोरिंग शिक्षक नञ् हिअइ, बल्कि सजीव, आकर्षक युवक हिअइ, जे, सब देखावटी महत्त्व आउ कड़ाई के बावजूद, जेकरा लगी ओकर अध्यापन कार्य विवश करऽ हलइ, ओकरा से सहानुभूति जतावे के भी योग्य हइ, आउ यथासंभव, ओकर (शिक्षा के) भार हलका कर सकऽ हइ। छोट औरत के कठोर आउ संयमी भाव ओकरा में बालसहज विश्वास के स्थान दे देलकइ। ऊ अपन छोटगर से छोटगर रहस्य आउ चिंता के हमरा विश्वासपात्र बना देलकइ। आउ हम, परिस्थिति के अनुसार, कभी ओकरा दुलार से सान्त्वना दे हलिअइ, त कभी परामर्शदाता के हैसियत से ओकरा निर्देश दे हलिअइ। लेकिन धीरे-धीरे हमन्हीं बीच भ्रातृसुलभ स्नेह के अपेक्षा आउ अधिक तीव्र आउ आग्रही भावना (ardent and demanding feeling) उत्पन्न हो गेलइ, जेकरा से हमन्हीं, लेकिन, खुद के धोखा देते रहलिअइ। हमन्हीं खुद पर छोड़ देल गेलिए हल - आन्ना मिख़ाइलोव्ना हमन्हीं के पाठ के दौरान उपस्थित नञ् रहऽ हलथिन - हमरा मालुम नञ् कि हमन्हीं अपन अनुभवहीनता में केतना दूर तक जइतिए हल आउ ई खतरनाक खेल के आखिर कीऽ नतीजा होते हल, जेकरा में आग्नेय दृष्टि आउ कोमल हस्तांदोलन अब मिश्रित होवे लगले हल। लेकिन एतने में ओस्त्रोगोझ्स्क से जेनरल के प्रस्थान के समय आ गेलइ। दिमित्री मिख़ाइलोविच अपन मिलिट्री खानाबदोशी जिनगी के आकस्मिक घटना के खतरा उठावे लगी माशिन्का के पात्र नञ् बनावे लगी चाहऽ हलथिन आउ ओकरा ख़ार्कोव इंस्टिच्यूट में शिक्षा समाप्त करे लगी दाखला दे देलथिन। हमन्हीं के बिछुड़ना कष्टकारक हलइ; हमन्हीं जानऽ हलिअइ कि हमन्हीं अब कभियो नञ् मिल पइबइ। हमन्हीं के अन्तिम पाठ अश्रु में आउ अपन किस्मत पर कटु विलाप में गुजरलइ। आखिरकार हमन्हीं के बरदास नञ् होलइ, लपकके एक दोसरा के गले में लिपट गेते गेलिअइ आउ पहिले आउ आखिर तुरी एक दोसरा के चुंबन लेलिअइ। माशिन्का चल गेलइ, आउ हम ओकर पीछू में बिदाई के एगो लमगर शोकगीत लिखलिअइ, निस्संदेह, गद्य में, जेकरा, परामर्शदाता के हैसियत से, उच्च सूक्ति आउ उपदेश के साथ बहुरंगी बनावे के प्रयास कइलिअइ।
त ई तरह हमर जिनगी के पहिला रोमानी प्रसंग (romantic episode) समाप्त हो गेलइ। ई तो तुच्छ बात हइ, लोग कहतइ। ठीक हइ, अइसने मानल जाय, लेकिन, हमर श्रमिक आउ पूर्ण वंचित युवावस्था में आउ अधिक खुशी के उज्ज्वल दिन के अनुपस्थिति में, एहो हमरा लगी एगो उद्दीप्त किरण हलइ, जेकर स्मृति अभियो तक हमरा गरमी दे हइ।
नयका परिस्थिति जल्दीए जेनरल यूज़ेफ़ोविच के साथ हमर संबंध आउ अधिक मजबूत कर देलकइ। पिताजी यूलिया ततारचुकोव के काम निपटाके बोगाचुर वापिस आ गेलथिन। ऊ अपन मुवक्किल (client)से अलग हो गेलथिन, जइसीं ओकरा लगी ऊ अनावश्यक हो गेलथिन। लेकिन खुद पिताजी ओकरा लगी अपन लगाम ढीला छोड़ देलथिन। अल्पवयस्क विधवा के प्रति उनकर रोमानी भावावेश लगातार बढ़ते गेलइ, आउ आखिरकार, अइसन हद तक पहुँच गेलइ, जे ओकर शांति खातिर गंभीर [*93] खतरा बन गेलइ। ओकरा लगी खोंथा के प्रबंध कर देला पर, यूलिया के चंचल प्रेमी खुद लगी अर्कादिया (Arcadia) के परिकल्पना कइलकइ आउ एकर निर्माण करके खुद हुआँ बस गेलइ, बल्कि एतनो खातिर कि अपन देवी के बिन कोय बाधा के हमेशे दर्शन करते रहइ। अल्पवयस्क औरत सहमत नञ् होलइ। दुन्नु के बीच झगड़ा हो गेलइ, आउ ओकन्हीं अलगे हो गेते गेलइ, आउ अबरी हमेशे खातिर - ऊ औरत अपन प्रेमी के ढीठ योजना पर गोसाल, आउ ऊ प्रेमी अपन अस्वीकृत प्रेम के गहरा घाव लेले।
जेनरल यूज़ेफ़ोविच एहे दौरान बहुत पहिलहीं से खुद के मामला के संचालन खातिर हमर पिताजी के हासिल करे लगी चाहऽ हलथिन। ऊ ई अवसर के लाभ उठावे में शीघ्रता कइलथिन आउ उनका पोलतावा प्रान्त के, प्रियातिन पोवेत (जइसन कि 'जिला' के ई नाम से लघु रूसी लोग ऊ जमाना में कहऽ हलइ) में, अपन जायदाद के केस निपटावे के काम अपन हाथ में लेवे के प्रस्ताव रखलथिन। पिताजी के, ई तरह, परिवार से फेर से नयका वियोग के सामना करे पड़लइ; उनका केस के ठीक स्थान, जेनरल के वोतचिना (पैतृक जायदाद), सोतनिकोव्का, जाय पड़लइ। उनका साधारणतः मोकदमेबाजी वला काम बिलकुल पसीन नञ् पड़ऽ हलइ, खास करके संदेहजनक प्रकृति वला, जइसन कि उनका बाद में अब सौंपल जाय वला काम के बारे पता चललइ। जेनरल, कृषक लोग के ओइसन जमीन लगी मोकाबला कर रहलथिन हल, जे, लगऽ हइ, ओकन्हीं हीं से अवैध ढंग से हथिअइलथिन हल। खैर, परिस्थिति जे रहइ, लेकिन ऊ बखत पिताजी के अभी तक एकरा बारे कुच्छो पता नञ् हलइ, आउ कहीं बिन रोजी-रोटी के नञ् रह जाथिन, एक तुरी आउ घृणास्पद भँवर में गोता मारे लगी सहमत हो गेलथिन। ऊ सोतनिकोव्का चल गेलथिन, आउ दिमित्री मिख़ाइलोविच उनकर अनुपस्थिति में हमन्हीं के पूरे परिवार के जिम्मेवारी ले लेलथिन। आउ, वास्तव में, हमर माय खातिर सब कुछ अइसन प्रबन्ध कइलथिन कि ओकरा कम से कम तात्कालिक रूप से कोय बात के कमी नञ् रहलइ।
एकरा अलावे, कुछ महिन्ना के बाद, ऊ, घर के कउनो सदस्य से मिल्ले के पिताजी के कामना से सहमत होके हमरा उनका हीं भेज देलथिन। जेनरल, अपन विरल विचारशीलता के साथ, हमरा यात्रा यात्रा लगी सुसज्जित कइलथिन, यात्रा के पूरा खरचा-बरचा के भार खुद पर लेलथिन, आउ हमर अनुभवहीनता के ध्यान में रखते, हमर सुरक्षा खातिर साथ में एगो सम्माननीय अनायुक्त अफसर (non-commissioned officer) गाइड के रूप में देलथिन। हम पिताजी के काम के बोझ से अधिभारित (overburdened) आउ बहुत चिंताग्रस्त  पइलिअइ। हृदय के पीड़ा, एकाकीपन के बोरियत के साथ अब आउ जुड़ गेले हल अपने आप में असंतुष्टि के टीस मार रहल भावना, जे पैदा होले हल लापरवाही से खुद पर मोकदमेबाजी (litigation) के निपटारा करे के लेल जिम्मेवारी के कारण, जेकर औचित्य के बारे ऊ निराश होवे लगलथिन हल। उनका साथ हमर भेंट, लेकिन, उनका बहुत तरोताजा कर देलकइ, आउ हम उनका से बिदाई लेलिअइ, बिन कोय शंका के, कि हम उनका आखरी बार देख रहलिए ह। हमर मइया के जादे दिन तक यूज़ेफ़ोविच के अधीन अपेक्षाकृत बेफिक्र जिनगी गुजारे लगी नञ् मिललइ। हमर पोलतावा प्रान्त के यात्रा के दू महिन्ना बाद, हमन्हीं के पिताजी के निधन के समाचार मिललइ। उनकर निधन पिर्यातिन में होलइ, पाँच दिन के बेमारी के बाद। बेचारे पीड़ित के अन्तिम घड़ी तक किस्मत नरम नञ् पड़लइ। ऊ मर गेलथिन, अपन परिश्रम के विफलता के बोध से हतोत्साह होके। अनजान लोग के हाथ उनकर आँख बन्द कइलकइ। नगीची लोग के उपस्थिति उनकर अन्तिम पल के कड़वाहट के कम नञ् कर पइलकइ। बेचारे, बेचारे पिताजी! उनकर प्रतिभा (क्षमता), भावना के उदारता आउ काम के निष्ठा कीऽ काम देलकइ? माहौल आउ परिस्थिति से कुचल देल गेला से ई सब कुछ उनका में विकृत हो गेलइ। कीऽ उनका ई बात के दोषी कहल जा सकऽ हइ कि ऊ अपन किस्मत के काबू नञ् कर पइलथिन, कभियो नञ् अपन भावावेश पर नियंत्रण कर पइलथिन? नञ्, लोग के जाहाँ मन करे हुआँ परी हीरो खोजे, लेकिन एगो रूसी भूदास में नञ्, जेकरा लगी ओकर स्वभाव के हरेक श्रेष्ठता एगो नयका चाभुक (शाप) हलइ, [*94] पतन के एगो नयका कारण हलइ। आउ हमर पिताजी, अपन अन्तिम साँस तक, अपन कुचलल मानवीय गौरव के एतना सम्मान बरकरार रखलथिन, कि अपन स्थिति के अपकीर्ति के बावजूद, न तो एक्को नीच काम से, आउ न एक्को बेईमान विचार से खुद के बदनाम कइलथिन।



[1] रुएतल (Ruetal) - Ruetal शब्द के निर्माण जर्मन शब्द ruhig (शान्त, शान्तिप्रिय) से होले ह।
[2] मिख़ाइल मतवेयेविच ख़ेरास्कोव, महाकाव्य "रोसियादा" (1779) आउ "व्लादीमिर पुनर्जीवित" (1785) के लेखक। महाकाव्य “रोसियादा” सन् 1552 में इवान ग्रोज़्नी (इवान भयंकर, Ivan the Terrible) द्वारा कज़ान के विजय के वर्णन करऽ हइ, जबकि "व्लादीमिर पुनर्जीवित" में रूस में क्रिश्चियन धर्म के प्रारम्भ से संबंधित हइ।
[3] व्लादिस्लाव अलिक्सान्द्रोविच ओज़ेरोव (1769 –1816) - नाटक विधा में भावुकतावाद (sentimentalism) के प्रमुख प्रतिनिधि। "Oedipus in Athens" में ईडिपस के एगो भावुक क्रिश्चियन के रूप में चित्रित कइल गेले ह।
[4] कोन्स्तान्तिन निकोलायेविच बत्यूश्कोव (1787–1855) - करुण रस के रूसी कवि, जिनकर वैषयिक (sensual) आउ मधुर स्वर, कहल जा हइ, महन रूसी कवि अलिक्सान्द्र पुश्किन (1799-1837) के प्रभावित कइलके हल। उनकर चयनित रचनावली 1817 में प्रकाशित होले हल, आउ ओकर कुच्छे समय बाद ऊ लिखना बन्द कर देलथिन। मानसिक बेमारी से पीड़ित उनका इलाज के आशा में विदेश भेजल गेलइ, लेकिन कोय फयदा नञ् होलइ। निकितेन्को अपन डायरी में (दिनांक 13 अगस्त, 1834) बत्यूश्कोव से अपन पहिला भेंट के बारे लिक्खऽ हथिन, जब कवि के एगो रिश्तेदार उनका कवि से परिचित करइलथिन।
[5] वसिली अन्द्रेयेविच झुकोव्स्की (1783 –1852)- रूसी कवि आउ अनुवादक, रूसी काव्य शैली आउ भाषा के निर्माण में पुश्किन के पुरोगामी (precursors) में से एक। रूस में ऊ जर्मन आउ अंग्रेजी समकालिक लेखक लोग से आउ होमर के महाकाव्य "ओडिशी" (Odyssey) आदि से परिचय करइलथिन। निकितेन्को के डायरी (1826 –1877) में झुकोव्स्की से संबंधित कइएक प्रविष्टि हइ, जेकरा में निकितेन्को के माय आउ भाय के स्वतंत्रता देलावे में कवि के भूमिका के चर्चा भी हइ।
[6] कोन्द्राती फ़्योदरोविच रिलेयेव (1795 –1826)- कवि आउ दिसम्बर विद्रोह (1825) के प्रमुख नेता में से एक। निकितेन्को के भूदासत्व से मुक्ति में उनकर बड़गो भूमिका हलइ। सन् 1826 में उनका विद्रोह के विफलता के बाद, चार अन्य नेता के साथ फाँसी पर लटका देल गेलइ।
[7] पंच - पानी, फल के रस, मसाला आदि मिश्रित कइल शराब। शायद ई शब्द संस्कृत के 'पञ्च' (पाँच, पाँच तरह के) से बन्नल हइ काहेकि एकरा में पाँच संघटक (ingredients) हलइ।
[8] स्कन्धिका - वरदी के कन्हा पर लगावे जाय वला पदसूचक चिह्न या पट्टी।
[9] अलिक्सेय फ़्योदरोविच मिर्ज़्ल्याकोव (1778 –1830) - कवि, समालोचक, अनुवादक, आउ मास्को विश्वविद्यालय के प्रोफेसर। रीतिवाद (classicism) के अनुयायी होला के बावजूद, लोक शैली में भी गीत रचना लगी प्रसिद्ध। ओकरा में से कुछ गीत लोकप्रिय हो चुकले ह।

No comments: