अपराध आउ दंड
उपन्यासकार
:
फ्योदर
दस्तयेव्स्की (11 नवम्बर 1821 - 9 फरवरी 1881)
अप्पन बात
मगही में अभी
तक प्रकाशित उपन्यास हमर नजर में एक्के गो आल ह, जे करीब दू सो पृष्ठ के हकइ; बाकी
जेकरा उपन्यास मानल गेले ह ऊ सब के लमगर कहानी चाहे लघु उपन्यास कहल जा सकऽ हइ । मगही
में उपन्यास के अइसन कमी के देखते हमरा लगलइ कि एगो अइसन उपन्यास प्रस्तुत कइल जाय,
जेकर कलेवर कम से कम पाँच सो पृष्ठ के होवे । हम कइएक मगही लेखक से एकरा बारे बातचीत
कइलिअइ, लेकिन अभी तक तो कोय फयदा नयँ होलइ । त हम फैसला कइलूँ कि अनुवादे रूप में
सही, हम एगो कोय मशहूर आउ लमगर उपन्यास मगही में प्रस्तुत करूँ । लेकिन सवाल ई हल कि
अइसन कउन उपन्यास चुन्नल जाय ?
मशहूर रूसी लेखक
फ्योदर दस्तयेव्स्की के सन् 1866 में प्रथम प्रकाशित उपन्यास "अपराध आउ दंड"
(मूल रूसी "преступление и наказание", अंग्रेज़ी अनुवाद "Crime and
Punishment") के अभियो प्रासंगिकता आउ लोकप्रियता ई बात से समझल जा सकऽ हइ कि
ई उपन्यास पर आधारित पचीसो फिल्म बन चुकले ह (सूची खातिर दे॰ “Fyodor Dostoyevsky”
पर अंग्रेजी विकिपीडिया), आउ एकर 170 से जादे भाषा में अनुवाद कइल जा चुकले ह [दे॰
Kjetsaa, Geir (1989). Fyodor Dostoyevsky: A Writer's Life. Foreword], जेकरा में
खाली अंग्रेजी में एकर कम से कम एगारह अनुवाद निकल चुकले ह, जेकरा में अद्यतन अनुवाद
हाले सन् 2014 में ऑक्सफोर्ड के डॉ॰ ओलाइवर रेडी के प्रकाशित होले ह । डॉ॰ रेडी से
पूर्व सफलतम अंग्रेजी अनुवादक हला - कॉन्सटेंस गार्नेट (1914), डैविड मैकडफ
(1991), आउ पति-पत्नी के टीम रिचार्ड पेवियर आउ लारिसा वोलोखोन्स्की (1992) । एकर लगभग
साढ़े आठ सो पृष्ठ के सचित्र हिन्दी अनुवाद रादुगा प्रकाशन, मास्को से 1982 में निकलले
हल (भूमिका - पृ॰5-14; मूल उपन्यास - पृ॰15-851; टिप्पणियाँ - पृ॰853-878) । त आखिर
हम मगही अनुवाद खातिर एहे उपन्यास के चयन कइलूँ ।
ई मगही अनुवाद,
लेनिनग्राद (अभी 'पितिर्बुर्ग') से प्रकाशित मूल रूसी पाठ "फ्योदर दस्तयेव्स्की
के सम्पूर्ण रचना-संग्रह - तीस खंड में" के खंड 6, प्रकाशन वर्ष 1973, पृ॰5-422,
पर आधारित हइ । ई अनुवाद के पाठ के, मूल रूसी के निकटतम रक्खे के भरसक प्रयास कइल जा
रहले ह । कइएक रूसी मित्र से ई-मेल के माध्यम से हमरा न केवल ई अनुवाद में शंका-समाधान
मिलल, बल्कि रूसी-अंग्रेजी, रूसी-हिन्दी कोश भी उपलब्ध होल । ई सब मदत के बिना हमर
ई मगही अनुवाद संभव नयँ होत हल ।
ई उपन्यास कुल
सात खंड में हइ, जेकर अंतिम खंड उपसंहार (epilogue)
हइ, जेकरा में दू अध्याय हइ । ई उपन्यास के सब्भे खंड में कुल मिलाके 41 अध्याय हइ
। मूल रूसी पाठ (कुल 418 पृष्ठ) में सबसे छोटगर अध्याय 7 पृष्ठ के आउ सबसे बड़गर अध्याय
17 पृष्ठ के हइ । एगो प्रकाशित अंग्रेजी अनुवाद (कुल 549 पृष्ठ) के सबसे छोटगर अध्याय
8 पृष्ठ के आउ सबसे बड़गर अध्याय 20 पृष्ठ के हइ । हिन्दी अनुवाद में ई क्रमशः 13 पृष्ठ
आउ 32 पृष्ठ के हइ ।
ई मगही अनुवाद
के जइसे-जइसे एक-एक अध्याय पूरा होल जइतइ, ओइसीं-ओइसीं अंतरजाल (इंटरनेट) पर क्रमशः
डालल जइतइ । आशा कइल जा हइ कि ई अनुवाद कोय चार साल में पूरा हो जइतइ ।
अभी प्रस्तुत
हइ - प्रथम खंड के प्रथम अध्याय ।
अनुवादक : नारायण
प्रसाद
29 सितम्बर
2014
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