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Wednesday, October 12, 2016

रूसी उपन्यास "आझकल के हीरो" ; भाग-2 ; 2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-16



रूसी उपन्यास – “आझकल के हीरो”
भाग-2
2. राजकुमारी मेरी - अध्याय-16

14 जून

हमरा कभी-कभी खुद से नफरत होवऽ हइ ... की एहे कारण से हम दोसरो से नफरत करऽ हिअइ ? ... हम उदार आवेश लगी सक्षम नयँ रहलिअइ । हमरा खुद के सामने हास्यास्पद प्रतीत होवे के भय लगऽ हके । दोसरा कोय हमर जगह पर राजकुमारी के son coeur et sa fortune [सौँ कर ए सा फ़ोरतुन - (फ्रेंच) अपन हृदय आउ अपन भाग्य] अर्पित करते हल, लेकिन "विवाह करना" शब्द हमरा पर एक प्रकार के जादुई प्रभाव डालऽ हइ । हम कोय औरत के चाहे केतनो भावावेश में प्यार करिअइ, अगर खाली ऊ हमरा ई अनुभव करे के अवसर देइ, कि हमरा ओकरा से विवाह करे के चाही - अलविदा प्यार ! हमर हृदय पत्थल में बदल जा हइ, आउ फेर ओकरा कुच्छो नयँ गरमा सकऽ हइ । हम सब बलिदान लगी तैयार हिअइ, खाली एकरा छोड़के । हम बीस तुरी अपन जिनगी के, मान-सम्मान के भी, ताश के जूआ में दाँव पर लगइबइ ... लेकिन अपन स्वतंत्रता के हम नयँ बेचबइ । काहे लगी हम एकरा एतना मूल्य आँकऽ हिअइ ? एकरा में हमरा लगी की हइ ? ... खुद के कद्धिर जाय लगी तैयारी करऽ हिअइ ? भविष्य से हम की अपेक्षा करऽ हिअइ ? ... सच हइ, कुच्छो नयँ । ई एक प्रकार के जन्मजात भय हइ, अनिर्वचनीय पूर्वाभास (inexplicable presentiment) हइ ... अइसन लोग हइ, जे अचेतन रूप से मकड़ा, इसरौरी, चूहा ... से डेराऽ हइ । सच बतइअइ की ? ... जब हम बुतरुए हलिअइ, एगो बुढ़िया हमर भाग्य के बारे हमर माय के बतइलकइ । ऊ भविष्यवाणी कइलकइ कि हमर मौत दुष्ट पत्नी से होतइ । ई तखने हमर  दिमाग पर गहरा छाप छोड़लकइ । हमर दिल में विवाह के प्रति दुर्निवार घृणा (insuperable aversion) उत्पन्न होलइ ... तइयो हमरा कुछ तो कहऽ हइ (अर्थात् अइसन लगऽ हइ), कि ओकर भविष्यवाणी सच होतइ; कम से कम हम प्रयास तो करते रहबइ, कि यथासंभव ई जादे देरी से सच होवइ ।
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