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Sunday, September 18, 2011

69. मगही भाषियों का विकास जरूरी : डा. भरत


18 Sep 2011, 08:12 pm
वारिसलीगंज (नवादा), निज प्रतिनिधि : अखिल भारतीय मगही मंडप वारिसलीगंज शाखा के कार्यालय उदघाटन रविवार को हुआ। मौके पर कवि सम्मेलन एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डा. भरत सिंह ने कार्यालय का उदघाटन करते हुए कहा कि अथक प्रयासों के बाद साहित्य अकादमी दिल्ली से मगही को बोली की बजाय भाषा का दर्जा दिया गया है। मगही अकादमी की स्थापना पटना में की गयी है। वर्तमान में मगही भाषियों को विकसित होने की जरुरत है। कार्यक्रम का संचालन कृष्णनंदन पाठक ने किया। इस दौरान सह कार्यकारिणी का अध्यक्ष डा. शंभुशरण तथा सचिव श्रीकांत कुमार को बनाया गया। मौके पर आयोजित कवि सम्मेलन में कवि परमेश्वरी तथा कृष्ण कुमार भटटा के कविता पाठ किया। 'स्वर्ग के बसा ले अपन गांव में, अमा के मीठे-मीठे छाव में''इ कैसन हवा चल रहल की आदमी से आदमी डर रहल' पर लोग वाहवाह करते नजर आये। मौके पर कवि मिथलेश नागेन्द्र शर्मा बंधु, रामचन्द्र, परमानंद, डा. गोविन्द जी तिवारी, जटा शंकर पाठक, रणधीर कुमार, राजेन्द्र शर्मा आदि मौजूद थे।

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