विजेट आपके ब्लॉग पर

Saturday, December 31, 2011

1. अरे भाई, साबुन चाहिए, साबुन, साबुन !


मूल अंग्रेज़ी - रूपा गुप्ता                            मगही अनुवाद - नारायण प्रसाद

एक दिन लम्बा आउ थकान भरल सैर-सपाटा के बाद होटल वापस अइलूँ त, जइसन कि हमर आदत हके, सीधे नेहाय लगी चल पड़लूँ । हमर खीझ के अन्दाजा लगा सकऽ हथिन जब हमरा पता चलल कि साबुन खतम हो गेल ह ।

खैर, रूम सेवा लगी नियुक्त लड़का के बोलइलूँ आउ तब हमरा पता चलल कि अंग्रेज़ी-फ्रेंच शब्दकोश गलत जगह रखा गेल ह । बिना चश्मा के अन्धा नियन अनुभव कइले ओकरा अंग्रेजी में बतइलूँ कि हमरा सोप चाही । ओकर चेहरा पर अचरज देखाय देलक लेकिन ऊ वापस आल एक कटोरा भफइते सूप (शोरबा) लेले । सूपनयँ .... सोप’ ”, ओकरा कहलूँ, अप्पन चेहरा आउ हाथ के सोपसे रगड़े के इशारा करते । वी कहके ऊ गायब हो गेल आउ आध घंटा के बाद वापस आल लेके एगो तौलिया ! न्येत, न्येत”, उत्तेजना में हम कह बइठलूँ - एहो भूल गेलूँ कि हम नकार रहलूँ हल रूसी में, न कि फ्रेंच में ।

एने देख”, हम कहलूँ, “सोप अइसन होवऽ हउ”, आउ हावा में चार-इंच के अंडा के अकार खींचलूँ । आउ फिन ओकरा समझे के खातिर अभिनय करके नहाय के पूरा सजीव चित्र प्रस्तुत कइलूँ । ऊ लड़का दिलचस्पी लेते प्रतीत होल लेकिन ओकरा लगी ई सब पहिलहीं जइसन रहस्यमय हल । ऊ चल गेल आउ कुछ देर के बाद वापस आल त एक बक्सा प्रसाधन के ऊ हरेक समान लेके, जेकरा बारे में अपने सोच सकऽ हथिन । टिशू पेपर, शौच के कागज, हाथ आउ देह के लोशन, रउदा के देह पर असर दूर करे वला क्रीम, झुर्री मेटावे वला क्रीम, बाल हटावे वला क्रीम, इत्र ... मतलब सब कुछ, खाली साबुन के छोड़ के ।

ओह ! ई तो हम्मर बरदास के बाहर हो गेल आउ अप्पन मानसिक सन्तुलन खो बइठलूँ, जइसे हमेशा होवऽ हके जब हम जादे उत्तेजित हो जाहूँ । हम हिन्दी में बोल उठलूँ । अरे भाई, साबुन चाहिए, साबुन, साबुन !” - अप्पन सिर के दुनहूँ हाथ से पकड़ले ओकरा तरफ चिल्लइलूँ । अन्त में ओकर चेहरा पर समझ प्रकट होते देखाय देलक । वी, सेरतैंमाँ”, ऊ बोल उठल आउ तेजी से बाहर जाके तुरन्ते वापस आल एक बक्सा सब्भे आकार, परिमाण आउ सुगन्धी वाला साबुन लेले । साबुन !” - ऊ सन्तुष्टिपूर्वक सुनइलक (खाली ऊ एकर जरी स अलगे तरह से उच्चारण कइलक)। ऊ बखत हमरा लगल - अलीबाबा खुद के केतना बेचारा अनुभव कइलक होत जब जादुई शब्द खुल जा सिम-सिम ओकर ठोर पर संजोग से अचानक निकल पड़ल होत ।

हम्मर माय अप्पन दास्तान खतम कइलक आउ हमरा तरफ मुसकइते बोलल - त अब पार्ले-वू फ़्रँसेआउ आप्रे म्वा ल देल्यूजके बाद एगो आउ फ्रेंच शब्द जानऽ हूँ - साबुन’ ”

नोटः

Oui (वी) = हाँ

нет, нет  (न्येत, न्येत) - नयँ, नयँ

Oui, certainment (वी, सेरतैंमाँ) - हाँ, जरूर

Savon ( सावौं ) - साबुन
Parlez-vous français ? (पार्ले-वू फ़्रँसे ?) - अपने फ्रेंच बोलऽ हथिन ? (अपने के फ्रेंच आवऽ हइ ?)

“Après moi le déluge” (आप्रे म्वा ल देल्यूज) - शाब्दिक अर्थ  - “After me, the deluge” अर्थात्, “हम्मर बाद, प्रलय । भावार्थ कुछ ई प्रकार होवऽ हइ - हमरा चल गेला के बाद केकरो कुछ होवइ, हमरा एकरा से की मतलब ।

****************************************************************************
[Original English Text]

As They Say in French
by
Rupa Gupta

(Published in an Engish Daily dated 7.11.1979 under the topic “Now & Again”)

One day, after a long and tiring sight-seeing tour, I returned to the hotel, and as is my habit made a beeline for the bath. Imagine my chagrin when I discovered that I had run out of soap.

Anyway, I called for the room boy and then realized that I had misplaced my English-French Dictionary. Feeling like a myopic without his glasses, I told the fellow in English that I wanted soap. He looked surprised but came back with a bowl of steaming soup. “Not soup …. soap”, I said going through the motions of rubbing soap on my face and hands. “Oui” he said and vanished, returning after half an hour with a towel. “Niet, niet”, I said in exasperation quite forgetting that I was expressing my denial in Russian, not French.

“Now look here”, I said, “this is how a soap looks”, and drew a four-inch oval shape in the air. And, once more for his benefit, I performed the entire tableau of taking a bath. The fellow looked interested but as mystified as before. He went away and returned after some time with a box containing every toilet article you could think of. There were tissues, toilet paper, hand and body lotions, sun tan creams, anti-wrinkle creams, hair removing creams, perfume … just about everything except a soap.

Well, it was too much for me and I broke down, as always when I am overexcited. I broke into Hindi. “Arre bhai, sabun chahiye, sabun, sabun”, I screamed at him clutching my head with both hands. At last I saw comprehension dawning on his face. “Oui, certainment”, he said, rushing out and was back in no time with a box of soap of all shapes, sizes and fragrances. “Sabun” he announced smugly (only he pronounced it a little differently). It was then that I realized how poor Alibaba must have felt when he had accidently stumbled upon the magic words “Open Sesame”.

My mother ended her narrative and looked at me with a smile and added, “So, besides ‘Parlez-vous français’ and ‘Après moi le déluge’, I now know another French word – ‘Sabun’ ”.

1 comment:

दिनेशराय द्विवेदी said...

क्या बात है नारायण जी,
इस से एक सीख मिली कि पहले अपनी ही भाषा का प्रयोग कर लेना चाहिए।