कालापानी
(साइबेरिया में जेल के जिनगी)
भाग-2; अध्याय-6: जेल के पशु-पक्षी
ग्नेदको
[Gnedko, कुम्मैत घोड़ा, bay horse] के खरीद, जे जेल में (इंस्पेक्टर के भेंट के) तुरते
बाद होलइ, उच्च भेंट (exalted visit) के अपेक्षा कैदी लोग के प्रसन्नतापूर्वक कहीं
अधिक व्यस्त आउ आकर्षित कइलकइ । हमन्हीं हीं जेल में पानी लावे लगी, मल बाहर ले जाय
लगी, आदि काम के खातिर एगो घोड़ा रक्खल जा हलइ । ओकर देखभाल खातिर एगो कैदी के नियुक्त
कइल रहऽ हलइ । ओहे ओकरा पर चढ़के आवऽ-जा हलइ, जाहिर हइ, एगो मार्गरक्षी (convoy) के
अधीन । हमन्हीं के घोड़ा खातिर बहुत काफी काम हलइ, सुबह आउ शाम । ग्नेदको हमन्हीं हीं
बहुत लम्मा समय तक सेवा कइलके हल । घोड़वा निम्मन हलइ, लेकिन जरी बुढ़ाऽ गेले हल । एगो
निम्मन सुबह के बखत, ठीक सेंट पीटर दिवस [1] के पहिले, ग्नेदको, साँझ के पानी के बैरल
(barrel) ले अइला के बाद, गिर पड़लइ आउ कुच्छे मिनट के बाद मर गेलइ । हमन्हीं के ओकरा
लगी तरस अइलइ, सब कोय ओकर चारो तरफ जामा होलइ, बातचीत कइलकइ, वाद-विवाद कइलकइ । हमन्हीं
हीं जे पहिले घुड़सवार सैनिक, जिप्सी, पशुचिकित्सक आदि हलइ, ओकन्हिंयों अश्व संबंधी
बहुत कुछ अपन विशेष ज्ञान प्रस्तुत करते गेलइ, आपस में गारियो-गल्लम करते गेलइ, लेकिन
ग्नेदको के बचा नयँ पइते गेलइ । ऊ मरल पड़ल हलइ, ओकर पेट फुल्लल हलइ, जेकरा पर सब कोय
अँगुरी लगावे के अपन कर्तव्य समझलकइ; ओकन्हीं भगमान के ई इच्छा के बारे मेजर के रिपोर्ट
कइलकइ, आउ ऊ फैसला कइलकइ, कि एगो नयका घोड़ा तुरतम्मे खरीद लेवे के चाही । ठीक सेंट
पीटर दिवस पर, सुबह में, प्रार्थना सभा (mass) के बाद, जब हमन्हीं सब कोय जामा हलिअइ,
क्रय खातिर घोड़ा लावल गेलइ । जाहिर हइ, कि क्रय करे के काम खुद कैदिए लोग के करे के
हलइ । हमन्हीं हीं वास्तविक पारखी (विशेषज्ञ) लोग हलइ, दू सो पचास लोग के, जे पहिले
खाली अइसने काम में व्यस्त रहले हल, ओकन्हीं के उल्लू बनाना मोसकिल हलइ । किर्गिज़,
घोड़ा के व्यापारी, जिप्सी, शहर के लोग (निरीक्षण लगी अपन-अपन घोड़ा लेके) अइते गेलइ
। कैदी लोग अधीरता से हरेक नयका घोड़ा के आवे के इंतजार कर रहले हल । ओकन्हीं सब बुतरू
नियन खुश हलइ । सबसे बड़गो बात ई हलइ कि ओकन्हीं के खुशी हलइ, कि ओकन्हिंएँ, बिलकुल
स्वतंत्र लोग नियन, मानूँ अप्पन जेभी से पइसा देके अपना
लगी घोड़ा खरीद रहते गेले ह आउ खरीदे के पूरा अधिकार रखते जा हइ । तीन घोड़ा लावल गेलइ
आउ वापस ले जाल गेलइ, आउ चौठा में जाके सौदा पट गेलइ । अंदर आल व्यापारी लोग कुछ अचरज
के साथ आउ मानूँ डरते-डरते चारो तरफ देख रहले हल आउ कभी-कभार मार्गरक्षी दने देख ले
हलइ, जे ओकन्हीं के अंदर लइते गेले हल । सरमुंडन कइल, दागके छाप लगावल, बेड़ी में आउ
अपन घर में, जेल के अपन खोंथा में, जेकर दहलीज कोय पार नयँ करऽ हइ - अइसन दू सो लोग
के भीड़ अपन तरफ अपन तरह के आदर उत्पन्न करऽ हलइ । लावल जाल रहल हरेक घोड़ा के जाँच करे
खातिर हमन्हीं के कैदी अनेक तरह के चलाकी के इस्तेमाल करते गेलइ । काहाँ-काहाँ ओकन्हीं
ओकरा बारीक निरीक्षण नयँ कइलकइ, ओकरा की-की नयँ स्पर्श कइलकइ, आउ एकरा अलावे अइसन व्यापार
के तौर पे, अइसन गंभीरता से आउ व्यस्तता के साथ, मानूँ एकरे पर जेल के मुख्य रूप से
कल्याण निर्भर हलइ । चेर्केस लोग (Circassians) घोड़वा के पीठ पर उछलके बइठ भी जा हलइ;
ओकन्हीं के आँख चमकऽ हलइ, आउ तेजी से हमन्हीं लगी दुर्बोध अपन भाषा में बड़बड़ा हलइ,
अपन उज्जर दाँत देखइते, आउ अपन तोता नियन हुकदार नाक वला सामर चेहरा हिलइते । कुछ रूसी
लोग ओकन्हीं के वाद-विवाद में अपन पूरा ध्यान लगइले हइ, मानूँ ओकन्हीं के आँख में उछलके
पहुँच जाय लगी चाहऽ हइ । ओकन्हीं के भाषा के एक्को शब्द तो समझ में नयँ आवऽ हइ, त खाली
ओकन्हीं के आँख के नजर से अंदाज लगावे लगी चाहऽ हइ, कि कउची फैसला करते गेलइ - ई घोड़ा
ठीक हइ कि नयँ ? आउ एगो बाहरी दर्शक के अइसन तनावपूर्ण (strained) ध्यान विचित्र भी
लग सकऽ हलइ । लगऽ हइ, हियाँ काहे लगी कोय कैदी विशेष रूप से दौड़धूप आउ चिंता करऽ हइ,
आउ कोय अइसन कैदी, जे एतना शांत आउ दलित हइ, जे दोसर कैदी लोग के सामने चूँ-चापड़ करे
के हिम्मत नयँ कर पावऽ हइ ! लगऽ हइ, मानूँ ऊ खुद अपना लगी घोड़ा खरीदब करऽ हइ, मानूँ
ओकरा लगी सब कुछ बराबर नयँ हलइ कि कइसनो घोड़ा काहे नयँ खरीद लेल जाय । चेर्केस लोग
के अलावे, पहिले के जिप्सी आउ घोड़ा के व्यापारी लोग महत्त्वपूर्ण हलइ - ओकन्हीं के
पहिला स्थान आउ पहिला शब्द देल गेलइ । हियाँ परी बल्कि एक प्रकार के उदार द्वंद्वयुद्ध
होलइ, विशेष करके दू लोग के बीच - कैदी कुलिकोव, पूर्व जिप्सी, घोड़ा के चोर आउ व्यापारी,
आउ स्वयंशिक्षित पशुचिकित्सक, हाल में जेल आल, आउ कुलिकोव के पूरे शहर के प्रैक्टिस
(व्यवसाय) के छीन लेवे में सफल होल, साइबेरिया के धूर्त मुझिक (देहाती) । बात ई हलइ,
कि हमन्हीं के जेल के स्वयंशिक्षित पशुचिकित्सक लोग के पूरे शहर में पूछ हलइ, आउ खाली
दोकनदार आउ व्यापारिए नयँ, बल्कि सर्वोच्च पदस्थ लोग भी जेल में अइते जा हलइ, जब ओकन्हीं
के घोड़ा बेमार पड़ जा हलइ, ई बात के बावजूद कि शहर में कइएक वास्तविक पशुचिकित्सक हलइ
। साइबेरिया के मुझिक, येल्किन, के आवे के पहिले कुलिकोव अपना लगी कोय प्रतिद्वंद्वी
नयँ जानऽ हलइ, ओकर बड़गर प्रैक्टिस हलइ, आउ जाहिर हइ, ओकरा पइसा के रूप में पुरस्कार
मिल्लऽ हलइ । ऊ दृढ़ जिप्सी आउ नीम-हकीम हलइ आउ जेतना देखावा करऽ हलइ ओकर अपेक्षा बहुत
कमती जानऽ हलइ । आमदनी के आधार पर ऊ हमन्हीं हीं अभिजात (aristocrat) हलइ । अपन अनुभव,
बुद्धि, साहस आउ दृढ़संकल्प से जेल के सब्भे कैदी के मन में अपना लगी स्वाभाविक आदर
उत्पन्न कर लेलके हल। हमन्हीं हीं लोग ओकर बात सुन्नऽ आउ मानऽ हलइ । लेकिन ऊ बहुत कम
बोलऽ हलइ - अइसे बोलऽ हलइ, जइसे एक-एक शब्द एक-एक रूबल के होवऽ हलइ, आउ ओहो बिलकुल
महत्त्वपूर्ण स्थिति में । ऊ एगो दृढ़ छैला हलइ, लेकिन ओकरा में बहुत कुछ वास्तविक,
अकृत्रिम ऊर्जा हलइ । ऊ उमरगर हो चुकले हल, लेकिन बहुत सुंदर, बुद्धिमान हलइ । हमन्हीं,
कुलीन लोग, के साथ ऊ परिष्कृत शिष्टाचार से व्यवहार करऽ हलइ आउ एकर साथ-साथ असाधारण
शालीनता से भी । हमरा लगऽ हइ, कि अगर ओकरा एगो कइसनो काउंट (count) के भेस में राजधानी
के कोय क्लब में लावल जइते हल, त ऊ हुओं बिलकुल सहज अनुभव करते हल, "ह्विस्ट"
(ताश के एगो खेल के नाम, कोटपीस) खेलते हल, अत्युत्तम ढंग से बोलते हल, जादे नयँ, लेकिन
बल (force) के साथ, आउ पूरे शाम, शायद, लेकिन केकरो शक्को नयँ होते हल, कि ऊ काउंट
नयँ हइ, बल्कि एगो अवारा हइ । हम गंभीरतापूर्वक बोलऽ हिअइ - सूझ-बूझ में ऊ एतना बुद्धिमान
हलइ, समझदार आउ तेज । एकरा अलावे ओकर आचार-व्यवहार अत्युत्तम, छबीला (foppish) हलइ
। हो सकऽ हइ, ऊ अपन जिनगी में बहुत कुछ अनुभव कइलके होत । लेकिन, ओकर अतीत अज्ञात के
अन्हेरा से ढँक्कल हलइ । हमन्हीं हीं ऊ विशेष विभाग में हलइ । लेकिन येलकिन, जे हलाँकि
मुझिक हलइ, लेकिन तइयो अत्यंत धूर्त मुझिक, करीब पचास साल के, रस्कोलनिकोव (पंथभेद
समर्थक, dissenters) में से, ओकर आगमन के साथ कुलिकोव के पशुचिकत्सा संबंधी यश पर ग्रहण
लग गेलइ। कोय दू महिन्ना में ऊ ओकर पूरा शहर के प्रैक्टिस खतम कर देलकइ । ऊ इलाज करऽ
हलइ, आउ बहुत असानी से, ओइसनकन घोड़वन के, जेकरा कुलिकोव बहुत पहिलहीं जवाब दे चुकले
हल । ऊ ओइसनकनो के इलाज करऽ हलइ, जेकरा शहर के पशुचिकित्सक सब भी जवाब दे चुकले हल
। ई मुझिक दोसर लोग के साथ नकली सिक्का बनावे के कारण (ई जेल में) अइले हल । ओकरा बस
बुढ़ारी में अइसन काम में साझेदार (पार्टनर) के रूप में उलझे के हलइ ! ऊ खुद्दे, खुद
पर हँसते, हमन्हीं के बतइलकइ, कि तीन असली सोना के सिक्का में से ओकन्हीं खाली एक्के
खोटा सिक्का बना पइलकइ । कुलिकोव ओकर पशुचिकित्सा में उन्नति देखके कुछ अपमानित महसूस
कइलकइ, ओकर नाम भी कैदी लोग के बीच कम होवे लगलइ । ऊ उपनगरीय क्षेत्र में एगो रखैल
रखले हलइ, मखमल के वेस्टकोट पेन्हऽ हलइ, चानी के अँगूठी, कनबाली हलइ, आउ झालर लगल खुद
के बूट हलइ, आउ अचानक, आमदनी नयँ रहला से, दारू के धंधा करे पर मजबूर हो गेलइ, आउ ओहे
से सब कोय के प्रत्याशा हलइ, कि अब ग्नेदको के खरीद के मामले में, दुश्मन लोग के बीच
शायद झगड़ा हो जइतइ । लोग उत्सुकतापूर्वक इंतजार कर रहले हल । ओकन्हीं में से हरेक के
अपन पार्टी हलइ । दुन्नु पार्टी के नेता पहिलहीं से उत्तेजित होवे लगलइ आउ आपस में
गारी-गल्लम करते गेलइ । खुद येलकिन पहिलहीं से अपन धूर्त चेहरा के व्यंग्यात्मक मुसकान
में ऐंठले हलइ । लेकिन अइसन कुछ नयँ होलइ - कुलिकोव गरियावे के बात नयँ सोचलकइ, लेकिन
बिन कोय गारी-गल्लम के दक्षतापूर्वक व्यवहार कइलकइ । ऊ समझौता के साथ शुरू कइलकइ, अपन
प्रतिद्वंद्वी के आलोचनात्मक विचार के आदरपूर्वक सुनलकइ, लेकिन, ओकरा एक बात पर पकड़के,
शिष्टाचारपूर्वक आउ आग्रहपूर्वक (insistently) ओकरा बतइलकइ, कि ऊ गलती में हइ, आउ एकर
पहिले कि येलकिन सँभल पावइ आउ अपन बचाव कर पावइ, साबित कर देलकइ, कि ऊ ठीक फलना-फलना
में गलती करब करऽ हइ । एक शब्द में, येलकिन बिलकुल अप्रत्याशित ढंग से आउ चलाकी से
पराजित हो गेलइ, आउ हलाँकि तइयो ऊ मजबूत स्थिति में हलइ, लेकिन कुलिकोव के पार्टी खुश
(संतुष्ट) हलइ ।
"नयँ,
बच्चो, तोहन्हीं जानऽ हो, ओकरा असानी से पराजित नयँ कर सकऽ हो, ऊ अपन बल पर खड़ी हो
सकऽ हइ; काहाँ !" कुछ लोग बोललइ ।
"येलकिन
के जादे मालूम हइ !" दोसर लोग टिप्पणी कइलकइ, लेकिन कइसूँ नम्रतापूर्वक टिप्पणी
कइलकइ । दुन्नु पार्टी अचानक अत्यंत नम्र तान (टोन) में बात करे लगलइ ।
"ई
बात नयँ हइ, कि ऊ (जादे) जानऽ हइ, ओकर हाथ जरी जादे हलका हइ । आउ जानवर के मामले में
तो कुलिकोव केकरो से डरे वला नयँ ।"
"डरे
वला छोकरा नयँ हइ !"
"डरे
वला नयँ ..."
नयका
ग्नेदको आखिरकार चुन्नल गेलइ आउ खरीद लेल गेलइ । ई एगो निम्मन घोड़ा हलइ, नौजवान, सुंदर,
बरियार आउ अत्यधिक प्यारा, प्रसन्न चेहरा वला । जाहिर हइ, बाकी सब मामला में ई निष्कलंक
हलइ । मोल-जोल होवे लगलइ - तीस रूबल माँगल गेलइ, हमन्हीं के लोग पचीस दे हलइ । मोल-जोल
गरमजोशी के साथ देर तक चललइ, कमती करऽ हलइ आउ फेर मान जा हलइ । आखिरकार खुद्दे ओकन्हीं
के हास्यास्पद लगलइ ।
"तूँ
की अपन जेभिया से पइसवा देवे वला हकहीं की ?" कुछ लोग बोललइ । "मोल-जोल काहे
लगी ?"
"सरकारी
खजाना के परवाह करऽ हीं की ?" दोसर लोग चिल्लइलइ ।
"ई
सब कुछ, भाय, ई सब पइसा - समूह के पइसा हइ ..."
"समूह
के ! नयँ, स्पष्टतः, हमन्हीं नियन मूरख के बोवल नयँ जा हइ, बल्कि हमन्हीं खुद्दे पैदा
होवऽ हिअइ ..."
आखिरकार
अठाइस रूबल में सौदा पक्का हो गेलइ । मेजर के रिपोर्ट कइल गेलइ, आउ खरीद के निश्चय
कइल गेलइ । जाहिर हइ, तुरतम्मे नून-रोटी लावल गेलइ आउ आदर के साथ ग्नेदको के जेल में
लावल गेलइ । लगऽ हइ, अइसन कोय कैदी नयँ हलइ, जे अइसन अवसर पर ओकर गरदन पर नयँ थपथपइलकइ
चाहे ओकर थुथुना नयँ सहलइलकइ । ओहे दिन पानी लावे खातिर ग्नेदको के जोतल गेलइ, आउ सब
कोय उत्सुकतापूर्वक देखलकइ, कि कइसे नयका ग्नेदको अपन बैरल ढोके लावऽ हइ । हमन्हीं
के पानी लावे वला रोमान नयका घोड़वा पर असाधारण संतुष्टि के साथ नजर फेरते रहलइ । ई
करीब पचास साल के मुझिक हलइ, अल्पभाषी आउ गंभीर स्वभाव के । आउ सब्भे रूसी कोचवान तो अत्यंत गंभीर आउ अल्पभाषी
स्वभाव के होवे करऽ हइ, मानूँ ई सचमुच सही हइ, कि लगातार घोड़ा पर ध्यान देवे से अदमी
में एक प्रकार के विशेष गंभीरता आउ महत्त्व भी प्रदान करऽ हइ । रोमान शांत हलइ, सब
के साथ नम्र, अल्पभाषी, छोटका थैली से सुँघनी लेके सूँघते रहइ आउ हमेशे स्मरणातीत काल
से जेल के ग्नेदको के देखभाल कइलके हल । नयका खरीदल तेसरा (ग्नेदको) हलइ । हमन्हीं
हीं सब कोय आश्वस्त हलइ, कि जेल में कुम्मैत रंग के घोड़ा अइतइ, कि मानूँ ई रंग हमन्हीं
के घर
लगी उचित हइ । रोमान भी ई बात के पुष्टि कइलकइ । मसलन, चितकबरा घोड़ा ओकन्हीं
कउनो हालत में नयँ खरीदते हल । पानी ढोवे वला के काम हमेशे लगी, मानूँ कइसनो अधिकार
के अनुसार, रोमान लगी आरक्षित हलइ, आउ हमन्हीं हीं कभियो कोय ओकर ई अधिकार के बारे
विवाद नयँ कर सकले हल । जब पहिले वला ग्नेदको गिरके मर गेलइ, केकरो दिमाग में ई नयँ
अइलइ, मेजर के भी, कि रोमन के एकरा में कइसनो प्रकार के दोष हइ - भगमान के इच्छा हलइ,
बस, लेकिन रोमान तो निम्मन कोचवान हइ । जल्दीए ग्नेदको जेल के प्रिय हो गेलइ । कैदी
सब हलाँकि कठोर लोग होवऽ हइ, लेकिन अकसर ओकरा सहलावे लगी अइते जा हलइ । नदी पर से वापिस
आते बखत रोमान जब गेट बन करइ, जेकरा सर्जेंट ओकरा लगी खोलइ, आउ ग्नेदको, जेल के अंदर
जाके पानी के बैरल के साथ ओकर इंतजार करइ, ओकरा तिरछा नजर से देखइ । "अकेल्ले
चल जो !" रोमान ओकरा चिल्लाके बोलइ, आउ ग्नेदको तुरतम्मे अकेल्ले ढोवइ, भनसाघर
तक ढोके लावइ, आउ रुक जाय, स्त्र्यापका आउ पराशनिक के इंतजार करते रहइ, ताकि ओकन्हीं
पानी ले जाय लगी बरतन लेके आवइ ।
"बुद्धिमान,
ग्नेदको !" लोग ओकरा चिल्लइते बोलऽ हइ, "अकेल्ले ले अइलइ ! ... जे कहल जा
हइ ऊ सुन्नऽ हइ ।"
"अरे,
वास्तव में - जानवर हइ, लेकिन समझऽ हइ !"
"शाबाश,
ग्नेदको !"
ग्नेदको
अपन सिर हिलावऽ हइ आउ फुफकारऽ हइ, मानूँ ऊ वास्तव में समझऽ हइ आउ प्रशंसा से खुश हइ
। आउ कोय निश्चय हियाँ ओकरा लगी नून-रोटी लावऽ हइ । ग्नेदको खा हइ आउ फेर से अपन सिर
हिलावऽ हइ, मानूँ कहऽ हइ - "हम तोरा जानऽ हियो, जानऽ हियो ! हम प्यारा घोड़ा, आउ
तूँ निम्मन अदमी !"
हमरो
ग्नेदको लगी रोटी पहुँचाना पसीन हलइ । ओकर सुंदर थुथुना के तरफ देखे में निम्मन लगऽ
हलइ, आउ अपन हथेली पर ओकर कोमल, गरम होंठ के स्पर्श के अनुभव करना, जे अर्पित कइल वस्तु
के तुरंत उठा ले हलइ।
सामान्यतः
हमन्हीं के कैदी जानवर सब के प्यार कर सकऽ हलइ, आउ अगर ओकन्हीं के अनुमति देल जइते
हल, त ओकन्हीं खुशी से जेल में कइएक घरेलू जानवर आउ पक्षी के पाल-पोस लेते हल । आउ,
लगऽ हइ, कैदी लोग के कठोर आउ वहशी स्वभाव के आउ कउची अधिक कोमल आउ सुसंस्कृत बना सकऽ
हलइ, बनिस्बत मसलन अइसन काम के ? लेकिन एकर अनुमति नयँ हलइ । न तो हमन्हीं के नियमावली,
आउ न तो जगह अनुमति दे हलइ ।
तइयो
जेल में हमर समय में संयोगवश कइएक प्राणी हलइ । ग्नेदको के अलावा, हमन्हीं हीं कुत्ता,
हंस, बकरा वास्का, आउ कुछ समय तक एगो चील भी हलइ ।
जेल
के एगो स्थायी कुत्ता के हैसियत से हमन्हीं हीं, जइसन कि हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए
ह, शारिक, बुद्धिमान आउ निम्मन स्वभाव के कुत्ता, रहऽ हलइ, जेकरा साथ हमर स्थायी दोस्ती
हलइ । लेकिन चूँकि पूरे सामान्य लोग के बीच कुत्ता एगो गंदा जीव समझल जा हइ, जेकरा
पर कोय ध्यान देवे के जरूरत नयँ हइ, ओहे से शारिक पर हमन्हीं हीं लगभग कोय नयँ ध्यान
दे हलइ । कुतवा अपने से रहऽ हलइ, प्रांगण में सुत्तऽ हलइ, भनसाघर के जुट्ठा-कुट्ठा
खा हलइ आउ केकरो में कोय विशेष रुचि नयँ जगावऽ हलइ, लेकिन सब्भे के जानऽ हलइ आउ जेल
में सबके अपन मालिक समझऽ हलइ । जब कैदी लोग काम से वापिस आवइ, गार्डहाउस के चिल्लाहट
"कार्पोरल !" पर गेट दने दौड़के जाय, प्यार से हरेक के स्वागत करइ, अपन दुम
हिलावइ आउ अंदर प्रवेश करे वला हरेक के आँख में हार्दिक रूप से झाँकइ, कइसनो दुलार-पुचकार
के आशा में । लेकिन लगातार कइएक साल के दौरान ओकरा कोय दुलार केकरो से नयँ मिललइ, खाली
हमरा छोड़के । एकरे चलते तो ऊ हमरा सबसे जादे मानऽ हलइ । हमरा आद नयँ, कि कइसे बाद में
हमन्हीं हीं एगो दोसर कुत्ता, बेल्का, आ गेलइ । आउ तेसरा, कुलत्यापका, के तो हम खुद
लेके अइलिअइ, कइसूँ काम के जगह पर से, जब ऊ एगो पिल्ला हलइ । बेल्का एगो विचित्र जीव
हलइ । ओकर देहिया पर से होके कोय तो गाड़ी पार कर देलके हल, आउ ओकर पीठिया थोड़े अंदर
तरफ दब्बल हलइ, ओहे से जब ऊ दौड़इ, त दूरहीं से लगइ, कि जइसे दूगो एकजोट्टा उज्जर प्राणी
एक्के साथ पल्लल-बढ़ल दौड़ब करऽ हइ । एकरा अलावे, ओकर पूरा देह एक तरह से खरसैला (पामग्रस्त,
mangy) हलइ, अँखिया से पीप बहते रहऽ हलइ; पुँछिया के केश झर गेले हल, लगभग पूरा के
पूरा बिन रोमा के हलइ, आउ हमेशे दुन्नु गोड़वा के बीच में घुसइले रहऽ हलइ । भाग्य से
अपमानित, ऊ, स्पष्टतः, शांत रहे के फैसला कर लेलके हल । कभियो ऊ केकरो पर नयँ भुँक्कऽ
हलइ आउ नयँ गुर्रा हलइ, मानूँ ओकरा हिम्मत नयँ पड़ऽ हलइ । ऊ जादेतर रोटी के आशा में
बैरक के पिछुआनी में रहऽ हलइ; अगर हमन्हीं में से केकरो देख लेइ, त तुरतम्मे कुछ डेग
पहिलहीं से, नम्रता के संकेत के रूप में, पीठ के बल लुढ़कते आवइ - "जे मन हको ऊ
हमरा साथ करऽ", मानूँ ऊ कहे लगी चाहइ, "लेकिन हम, देख सकऽ हो, विरोध करे
के बारे सोचवो नयँ करऽ हियो ।" आउ हरेक कैदी, जेकरा सामने ऊ लुढ़कते आवइ, ओकरा
अपन बूट से ठोकरा देइ, मानूँ ऊ एकरा आवश्यक कर्तव्य समझइ । "धत्, नीच !"
कैदी लोग बोलइ । लेकिन बेल्का जइसे केंकिआहूँ के साहस नयँ कर पावइ, आउ अगर ओकरा दरद
बहुत जादे हो जाय, त कइसूँ दब्बल आउ करुण कराह निकासइ । बिलकुल ओइसीं ऊ शारिक के सामने
भी लुढ़कइ आउ दोसरो कउनो कुत्ता के सामने, जब ऊ अपन काम से जेल के बाहर दौड़ल जाय । ऊ
लुढ़कइ आउ शांति से पड़ल रहइ, जब कोय बड़गो लमगर कान वला कुत्ता तेजी से ओकरा दने गुर्रइते-भूँकते
आवइ । लेकिन कुतवन अपन जात के लोग में विनम्रता आउ आज्ञाकारिता पसीन करऽ हइ । भयंकर
कुतवा तुरतम्मे शांत पड़ जाय, टाँग उपरे कइले सामने पड़ल विनम्र कुतवा के उपरे एक तरह
के विचारमग्न मुद्रा में रुक जाय आउ धीरे-धीरे बड़गो उत्साह से ओकर देह के समुच्चे भाग के सूँघे लगइ । अइसन बखत में समुच्चे देह से
काँप रहल बेल्का की सोच रहऽ होतइ ? "की ऊ एगो डाकू नियन हमरा नोच-खसोट लेतइ
?" शायद ओकर दिमाग में आवऽ होतइ । लेकिन, ध्यान से सूँघके, कुतवा ओकरा छोड़ देइ,
ओकरा में कोय खास रुचि के बात नयँ पाके । बेल्का तुरतम्मे उछलके उठ खड़ी होवइ आउ कोय
झुचका कुतिया के पीछू पड़ल कुतवन के एगो लमगर झुंड के पीछू फेर से लंगड़इते चल पड़इ ।
आउ हलाँकि ऊ पक्का जानऽ हलइ, कि ऊ झुचका से ओकर कभियो नगीची परिचय नयँ हो पइतइ, लेकिन
तइयो, बल्कि दूरहीं से सही, लंगड़इते जाना - ओकर दुर्भाग्य में ओकरा लगी एक प्रकार से
सांत्वना हलइ। अपन प्रतिष्ठा के बारे, स्पष्टतः, सोचे लगी छोड़ चुकले हल । भविष्य के
कउनो प्रगति के सब आशा खोके, ऊ खाली बस रोटी लगी जीयऽ हलइ आउ ई बात से पूरा अवगत हलइ
। हम ओकरा एक तुरी सहलावे के कोशिश कइलिअइ; ई ओकरा लगी एतना नावा आउ अप्रत्याशित हलइ,
कि ऊ अचानक चारो पंजा के साथ जमीन पर बइठ गेलइ, पूरा देह से कँप्पे लगलइ आउ हृदयस्पर्शी
आवेश में जोर-जोर से केंकिआय लगलइ । तरस खाके हम ओकरा अकसर सहलावऽ हलिअइ । आउ ऊ बिन
केंकिआहट के हमर स्वागत नयँ करऽ हलइ । दूरहीं से हमरा देख लेइ आउ केंकिआय, दर्दनाक
रूप से आउ आँख में लोर भरके । ई सब कुछ तब खतम हो गेलइ, जब ओकरा जेल के पिछुआनी में
कुतवन सब ओकरा परकोटा पर चीर-फाड़ देलकइ ।
बिलकुल
दोसरहीं तरह के हलइ कुलत्यापका । हम ओकरा कारखाना (वर्कशॉप) से जेल में काहे लगी लइलिअइ
जखने ऊ अँखियो नयँ फोड़लके हल, हमरा मालूम नयँ । हमरा ओकरा खाना खिलावे आउ पाले-पोसे
में अच्छा लगऽ हलइ । शारिक तुरतम्मे कुलत्यापका के अपन संरक्षण में ले लेलकइ आउ ओकरा
साथे सुत्तइ । जब कुलत्यापका बढ़े लगलइ, त ऊ (शारिक) ओकरा अपन कान काटे लगी इजाजत दे
देइ, अपन रोमा उखाड़े देइ आउ ओकरा साथ खेलइ, जइसन कि साधारणतः प्रौढ़ कुत्ता सब पिल्ला
के साथ खेलऽ हइ । विचित्र बात हलइ, कि कुलत्यापका उँचाई में लगभग नयँ बढ़लइ, लेकिन लंबाई
आउ चौड़ाई में पूरा बढ़लइ । ओकर रोमा झबरा हलइ, हलका चूहा के रंग के; एक कान लटकल रहऽ
हलइ, जबकि दोसरा उपरे दने टाठ । ऊ उत्साही आउ हर्षित स्वभाव के हलइ, जइसन कि हरेक पिल्ला
होवऽ हइ, जे खुशी से अपन मालिक के देखतहीं साधारणतः केंकिआऽ हइ, भुँक्कऽ हइ, खास चेहरा
चट्टे लगी उपरे चढ़े लगऽ हइ आउ हिएँ तोहर सामनहीं अपन सब्भे भावना के नियंत्रण खोके
अभिव्यक्त कर देवे लगी तैयार हो जा हइ - "खाली भावोद्रेक (हर्षातिरेक) देखाय देलकइ
त बस, शिष्टाचार के कोय महत्त्व नयँ !" हम कहूँ रहिअइ, लेकिन जब हम चिल्लइअइ
- "कुलत्यापका !", त ऊ अचानक कउनो कोना से नजर आ जाय, मानूँ जमीन के अंदर
से, आउ केंकिअइते हर्षावेश में हमरा दने उड़ते पहुँच जाय, रस्ता में गेंद नियन लोटते-लोघड़ते
। हमरा ई छोटका राक्षस के प्रति भयंकर रूप से लगाव हो गेलइ । लगऽ हलइ, भाग्य ओकरा जिनगी
में संतुष्टि आउ बस खाली खुशी लगी तैयार कइलके हल । लेकिन एगो निम्मन दिन के कैदी निउस्त्रोएव
के, जेकर पेशा औरत के बश्माक सीए आउ चमड़ा तैयार करे के काम हलइ, ओकरा पर विशेष ध्यान
गेलइ । ओकरा अचानक कुछ तो दिमाग में अइले होत । ऊ कुलत्यापका के अपना तरफ बोलइलकइ,
ओकर रोमा के स्पर्श करके सहलइलकइ आउ ओकरा प्यार से जमीन पर लुढ़कइलकइ । कुलत्यापका,
जेकरा कइसनो शक्का नयँ होलइ, खुशी से केंकिअइलइ । लेकिन दोसरे दिन ऊ गायब हो गेलइ ।
हम बहुत समय तक ओकरा खोजलिअइ; मानूँ ऊ पानी में डूब गेलइ; आउ दू सप्ताह गुजर गेला के
बादे सब कुछ साफ होलइ - कुलत्यापका के रोमा निउस्त्रोएव के अत्यधिक पसीन पड़ गेले हल
। ऊ ओकर खाल उतार लेलकइ, चमड़ा तैयार कइलकइ (tanned), आउ एकरा से अस्तर लगाके शीतकाल
के मखमल के आधा बूट बनइलकइ, जेकर लेखा-परीक्षक (auditor) के घरवली औडर देलके हल । ऊ
हमरा आधा बूट देखइवो कइलकइ, जब ऊ तैयार हो गेलइ । रोमा आश्चर्यजनक रूप से बूट पर निम्मन
लग रहले हल । बेचारा कुलत्यापका !
जेल
में हमन्हीं हीं कइएक लोग चमड़ा कमाय (tanning) के काम करऽ हलइ आउ अकसर अपन साथ निम्मन
लोमचर्म वला कुत्ता साथ लेके अइते जा हलइ, जे पल भर में गायब हो जा हलइ । कुछ तो चोरी
चल जा हलइ, आउ कुछ खरीद भी लेवल जा हलइ । हमरा आद पड़ऽ हइ, भनसाघर के पिछुआनी में हम
दूगो कैदी के देखलिअइ । ओकन्हीं कोय बात के चर्चा आउ दौड़-धूप करब करऽ हलइ । ओकरा में
से एक कैदी रस्सी के सहारे एगो बहुत सुंदर बड़गो कुत्ता के पकड़ले हलइ, स्पष्टतः निम्मन
नस्ल के । कोय नीच नौकर अपन मालिक के हियाँ से एकरा चोरा लेलके हल आउ जुत्ता बनावे
वला के चानी के तीस कोपेक में बेच देलके हल । कैदी लोग ओकरा लटकाहीं वला हलइ । ई बड़ी
असानी से कइल जा हलइ - खाल उतार लेल जा हलइ, आउ लाश के एगो बड़गो गहिड़ा कूड़ा-कर्कट के
गड्ढा में फेंक देल जा हलइ, जे हमन्हीं के जेल के सबसे पिछला हिस्सा के एगो कोना में
हलइ, आउ जे झुलसावे वला गरमी में भयंकर रूप से अन्नक तोड़ऽ (दुर्गंध मारऽ) हलइ । एकरा
कभिए-कभार साफ कइल जा हलइ । बेचारा कुतवा के, लगऽ हलइ, कि समझ में आवऽ हलइ, कि ओकर
किस्मत में की होवे वला हइ । ऊ प्रश्नात्मक आउ बेचैनी के दृष्टि से हमन्हीं तीनों के
बारी-बारी से देखइ आउ कभिए-कभार अपन दुन्नु टाँग के बीच घुसइले रोएँदार पूँछ के हिलावे
के हिम्मत करइ, मानूँ ई संकेत से हमन्हीं के प्रति विश्वास के मृदु बनावे लगी चाहइ
। हम जल्दीए दूर चल गेलिअइ, आउ ओकन्हीं, जाहिर हइ, अपन काम सफलतापूर्वक पूरा कर लेलकइ
।
हंस
भी हमन्हीं हीं कइसूँ संयोगवश आ गेले हल । केऽ ओकन्हीं के लइलके हल आउ वस्तुतः केक्कर
ऊ सब हलइ, हमरा मालूम नयँ, लेकिन कुछ समय तक ऊ सब कैदी लोग के बहुत मनोरंजन कइलकइ आउ
शहरो में मशहूर हो गेलइ । ऊ सब जेल में पैदा होले हल आउ भनसाघर में रक्खल गेले हल ।
जब चूजा सब बढ़ गेलइ, त काम पर जइते कैदी सब के साथ ऊ सब के शोरगुल करते पीछू-पीछू जाय
के आदत हो गेलइ । जइसीं ढोल बज्जइ आउ पूरा जेल के कैदी लोग गेट दने जाय लगइ, कि हमन्हीं
के हंस सब चीखते हमन्हीं के पीछू दौड़े लगइ, अपन डैना पसारले, चक्रद्वार (विकेट गेट)
से होके उँचगर दहलीज के एक के बाद दोसरा उछल-उछलके पार करइ आउ आवश्यक रूप से दहिना
बाजू चल पड़इ, जाहाँ कतार बना लेइ, आउ कैदी लोग के काम के तैनाती लगी इंतजार करते रहइ
। ऊ सब हमेशे सबसे बड़गर पार्टी के साथ मिल जाय आउ काम के बखत थोड़हीं दूर पर कहीं चरते
रहइ । जइसीं पार्टी काम से वापिस जेल तरफ रवाना होवइ, त ऊ सब भी उठ जाय । किला में
अफवाह उड़लइ, कि हंस सब कैदी लोग के साथ काम पर जा हइ । "अरे, कैदी लोग अपन हंस
के साथ आ रहले ह !" रस्ता में भेंट हो गेल लोग बोलइ । "ऊ सब के कइसे प्रशिक्षित
करते गेलहो !" - "अइकी तोहन्हीं के हंस खातिर !" दोसर कोय बात आगू बढ़ावइ
आउ दान देइ । लेकिन, ऊ सब के निष्ठा के बावजूद, कोय भोज के दौरान ऊ सब्भे के हलाल कर
देल गेलइ ।
लेकिन
हमन्हीं के बकरा वास्का के कइसनो हालत में जबह नयँ कइल जइते हल, अगर विशेष परिस्थिति
उत्पन्न नयँ होते हल । हमरा एहो नयँ मालूम, कि ऊ काहाँ से हमन्हीं हीं पहुँच गेले हल
आउ केऽ ओकरा लइलके हल, लेकिन अचानक जेल में एगो छोटकुन्ना, उज्जर, बहुत सुंदर बकरा
देखाय देलकइ । कुछ दिन में हमन्हीं हीं सब कोय ओकरा प्यार करे लगलइ, आउ ऊ हमन्हीं लगी
एगो सामान्य मनोरंजन आउ आनंद के पात्र हो गेलइ । ओकरा रक्खे के कारण भी खोज लेवल गेलइ
- जेल के अस्तबल में एगो बकरा रक्खे के जरूरत हलइ [2] । लेकिन ऊ अस्तबल में नयँ रहऽ
हलइ, बल्कि शुरू में भनसाघर में, आउ बाद में पूरे जेल में चक्कर लगइते रहऽ हलइ । ऊ
बहुत शानदार आउ बहुत नटखट जीव हलइ । बोलावल गेला पर ऊ दौड़ल आवइ, बेंच आउ टेबुल पर उछलइ,
सिंघिया से कैदी लोग के टक्कर मारइ, हमेशे खुश आउ विनोदी रहइ । एक तुरी, जब ओकर सींघ
काफी बड़गर हो गेले हल, एक दिन साँझ के लेज़गिन बाबाय, जेल के ड्योढ़ी पर दोसर कैदी लोग
के भीड़ में बइठल, ओकरा साथ सिर के परस्पर टक्कर मारे के बारे सोचलकइ । ओकन्हीं दुन्नु
देर तक परस्पर निरार लड़इते रहलइ - ई बकरा के साथ कैदी लोग के प्रिय मनोरंजन हलइ - कि
अचानक वास्का ड्योढ़ी के सबसे उपरौका सोपान (step) पर उछल पड़लइ आउ जइसीं बाबाय बगल दने
देखे लगलइ, पल भर में ऊ अप्पन पिछला दुन्नु गोड़ पर खड़ी हो गेलइ, अगला खुर के मोड़के
पेटवा पर दबइलकइ आउ पूरा ताकत लगाके बाबाय के सिर के पिछला हिस्सा पर अइसन ढाही मालकइ,
कि ड्योढ़ी पर से ऊ कलाबाजी खइते लुढ़क गेलइ, जेकरा से सब उपस्थित कैदी लोग के बड़गो मजा
अइलइ आउ सबसे जादे तो खुद बाबाय के । एक शब्द में, वास्का के सब कोय भयंकर रूप से पसीन
करऽ हलइ । जब ऊ बढ़े लगलइ, ओकरा पर, सामान्य आउ गंभीर बैठक के बाद, एगो अपरेशन कइल गेलइ,
जे हमन्हीं के पशुचिकित्सक लोग दक्षतापूर्वक कर सकलइ । "नयँ तो बोतू के गन्ह अइतइ",
कैदी लोग बोललइ । ओकर बाद वास्का भयंकर रूप से मोटाय लगलइ । आउ ओकन्हीं ओकरा खिलावऽ
हलइ मानूँ जबह करे खातिर । आखिरकार ऊ बढ़के एगो बहुत बड़गर बकरा हो गेलइ, सबसे लमगर सींघ
आउ असाधारण मोटापा के साथ । जब ऊ चल्लइ त झूमते चल्लइ । ओकरा हमन्हीं के साथ कामो पर
जाय के आदत हो गेलइ, जे कैदी लोग आउ रस्ता में भेंटे वला लोग खातिर मनोरंजन के बात
हलइ । सब कोय जेल के बकरा वास्का के जानऽ हलइ । कभी-कभी, मसलन, अगर नदी के किनारे काम
करते जा हलइ, त कैदी लोग भिसा (willow) के लचीला टहनी तोड़ लेइ, आउ कइसनो पत्ता जामा
कर लेइ, परकोटा पर से कुछ फूल तोड़ लेइ आउ वास्का के पूरे देह पर सजाऽ देइ - सींघ के
टहनी आउ फूल से गूँथ देइ, ओकर पूरे धड़ वला हिस्सा पर माला टाँग देइ । वास्का जेल में
वापिस हमेशे कैदी लोग के आगू आवइ, सज्जल-सजावल, आउ ओकन्हीं ओकर पीछू-पीछू आवइ आउ मानूँ
गुजरते लोग के सामने गौरव महसूस करइ । बकरा के ई प्रशंसा हियाँ तक पहुँच जाय, कि ओकन्हीं
में से कुछ के अइसन बचकाना विचारो दिमाग में आ जाय - "वास्का के सींघ में सोना
के मोलम्मा काहे नयँ चढ़ा देवल जाय !" लेकिन लोग खाली अइसे बोलते जा हलइ, लेकिन
वास्तव में अइसन करऽ नयँ हलइ । हमरा, लेकिन, आद पड़ऽ हइ, कि हम अकीम अकीमिच के पुछलिअइ,
जे इसाय फ़ोमिच के बाद हमन्हीं के सबसे बेहतर मोलम्मा चढ़ावे के काम करे वला हलइ – “की
वास्तव में बकरवा के सींघ पर सोना के मोलम्मा चढ़ावल जा सकऽ हइ ?” ऊ शुरू-शुरू में बड़ी
ध्यान से बकरवा दने तकलकइ, गंभीरतापूर्वक सोचलकइ आउ जवाब देलकइ, कि शायद कइल जा सकऽ
हइ, "लेकिन टिकाऊ नयँ होतइ जी आउ एकरा अलावे बिलकुल बेकार होतइ ।" बात हिएँ
खतम हो गेलइ । आउ वास्का जेल में लमगर जिनगी जीते हल आउ शायद साँस फुल्ले से दम तोड़ते
हल, लेकिन एक दिन, काम से वापिस अइते कैदी लोग के आगू, सज्जल-सजावल, ओकरा मेजर से पाला
पड़ गेलइ, जे द्रोश्की से जा रहले हल । "ठहर !" ऊ चिल्लइलइ । "केक्कर
बकरा हइ ई ?" ओकरा बतावल गेलइ । "की ! जेल में बकरा, आउ हमर बिन अनुमति के
! सर्जेंट !" सर्जेंट अइलइ, आउ तुरतम्मे ओकरा औडर देल गेलइ कि बकरा के बिन कोय
देरी कइले जबह कर देल जाय । खाल उतार लेल जाय, आउ बजार में बेच देल जाय आउ प्राप्त
पइसा के कैदी के सरकारी खाता में डाल देल जाय, आउ मांस के कैदी लोग के शोरबा में परस
देल जाय । जेल में लोग के बीच बहस होलइ, तरस खइते गेलइ, लेकिन तइयो अवज्ञा करे के हिम्मत
नयँ करते गेलइ । वास्का के हमन्हीं के कूड़ा-कर्कट के गड्ढा में काट देल गेलइ । कैदी
लोग में से एगो समुच्चे मांस खरीद लेलकइ, जेल के डेढ़ रूबल चुकाके । ई पइसा से कलाची
खरीदल गेलइ, आउ वास्का के खरीदे वला मांस के टुकरी-टुकरी करके खुद्दे झौंसे लगी कैदी
लोग के बीच बेच देलकइ । मांस वास्तव में असाधारण रूप से स्वादिष्ट निकसलइ ।
हमन्हीं
हीं कुछ समय तक जेल में, एगो करागूश उकाब (eagle) हलइ, जे स्तेप के
छोटका प्रजाति के उकाब में से एक हइ । कोय तो ओकरा जेल में घायल आउ दर्द झेल रहल अवस्था
में लइलके हल । जेल के सब कैदी ओकरा घेर लेलके हल; ऊ उड़ नयँ पावऽ हलइ - ओकर दहिना डैना
जमीन पर टँगल रहऽ हलइ, एक टाँग टूट गेले हल । हमरा आद पड़ऽ हइ, कि कइसन क्रोध में ऊ
चारो दने नजर डाल रहले हल, उत्सुक भीड़ के तकते, आउ अपन हुकदार चोंच के खोल रहले हल,
मानूँ अपन जिनगी के बड़गो कीमत पर बेचे लगी खुद के तैयार कर रहले हल (अर्थात् अपन बचाव
के पूरा कोशिश कर रहले हल) । जब ओकरा काफी देख चुकला पर लोग जाय लगलइ, ऊ लंगड़इते, एक्के
गोड़ पर उदकते आउ अपन स्वस्थ डैना के फड़फड़इते, जेल के सबसे दूर के छोर पर चल गेलइ, जाहाँ
परी एगो कोना में दबक गेलइ, छरदेवारी के खंभा से खुद के टिकाके । हियाँ परी हमन्हीं
हीं ऊ लगभग तीन महिन्ना रहलइ आउ ई पूरे अवधि के दौरान ऊ अपन कोना से कभी बाहर नयँ निकसलइ
। शुरू-शुरू में लोग ओकरा अकसर देखे लगी अइते जाय, आउ ओकरा पर कुत्ता के लगा देइ ।
शारिक ओकरा पर उग्र होल झपटऽ हलइ, लेकिन स्पष्टतः अधिक नगीच जाय में डरऽ हलइ, जेकरा
से कैदी लोग के बड़गो मनोरंजन होवऽ हलइ । "जंगली जीव हइ !" ओकन्हीं बोलइ,
"हार नयँ मानतइ !" बाद में शारिक भी ओकरा दर्दनाक रूप से चोट पहुँचावे लगलइ;
ओकर डर भाग गेलइ, आउ ऊ लोग के भड़कइला पर ओकरा घायल डैना से कइसूँ पकड़ लेइ । उकाब पूरा
जोर लगाके पंजा आउ चोंच से खुद के बचाव करइ, आउ गौरवपूर्वक आउ वहशीपन से, एगो घायल
राजा नियन, अपन कोना में दबकल, ओकरा देखे लगी आवे वला उत्सुक लोग के तरफ तकते रहइ ।
आखिरकार सब कोय ओकरा से ऊब गेलइ; सब कोय ओकरा छोड़ देलकइ आउ भूल गेलइ, आउ तइयो, रोज
दिन ओकरा भिर ताजा मांस के टुकड़ा आउ एगो टुट्टल बरतन में पानी धइल देखल जा सकऽ हलइ
। कोय तो ओकर देखभाल करब करऽ हलइ । ऊ शुरू-शुरू में खाहूँ लगी नयँ चहलकइ, कइएक दिन
तक नयँ खइलकइ; आखिरकार खाना लेना चालू कइलकइ, लेकिन कभियो केकरो हाथ से चाहे लोग के
उपस्थिति में नयँ । हमरा ओकरा प्रेक्षण करे
के कइएक तुरी मौका मिललइ । केकरो नयँ देखके आउ ई सोचके, कि ऊ अकेल्ले हइ, ऊ कभी-कभी
कोनमा से थोड़े दूर बाहर जाय के फैसला कर लेइ आउ लंगड़इते छरदेवारी के खंभा के किनारे-किनारे
जाय, अपन जगह से कोय बारह डेग, फेर वापिस आ जाय, बाद में फेर से बाहर निकसइ, मानूँ
सैर-सपाटा करऽ हलइ । हमरा पर नजर पड़ला पर, ऊ तुरतम्मे अपन पूरा जोर लगाके, लंगड़इते
आउ उदकते, शीघ्रतापूर्वक अपन जगह पर चल गेलइ, आउ अपन सिर पीछू झुकाके, चोंच खोलके,
गोस्सा में, तुरतम्मे युद्ध लगी खुद के तैयार कर लेलकइ । कइसनो दुलार-पुचकार से हम
ओकरा शांत नयँ कर पइलिअइ - ऊ काट ले हलइ आउ संघर्ष करऽ हलइ, हमरा से बीफ़ नयँ ले हलइ
आउ हमेशे जब हम ओकरा भिर रहिअइ, त एकटक हमर आँख में आँख मिलाके अपन क्रुद्ध आउ तीक्ष्ण
दृष्टि से देखते रहइ । एकांतवासी आउ गोसाल ऊ मौत के इंतजार कर रहले हल, बिन केकरो पर
विश्वास कइले आउ केकरो साथ बिन कोय समझौता कइले । आखिरकार कैदी लोग के मानूँ ओकरा बारे
आद पड़ गेलइ, आउ हलाँकि कोय ओकरा बारे परवाह नयँ करऽ हलइ, ओकरा बारे दू महिन्ना से कोय
उल्लेख नयँ कइलके हल, लेकिन अचानक सब में मानूँ ओकरा प्रति सहानुभूति उत्पन्न हो गेलइ
। ओकन्हीं बोले लगलइ, कि उकाब के बाहर कर देवे के चाही । "ओकरा मरे देल जाय, लेकिन
जेल में नयँ", ओकन्हीं बोललइ ।
"सही
हइ, पक्षी अजाद आउ कठोर हइ, ऊ जेल के अभ्यस्त नयँ हइ", दोसरा लोग सहमति प्रकट
करते गेलइ ।
"मतलब,
ऊ हमन्हीं नियन नयँ हइ", कोय तो आगू बोललइ ।
"धत्,
बकवास करऽ हीं - ऊ पक्षी हइ, आउ हमन्हीं अदमी ।"
"उकाब,
भाय लोग, जंगल के राजा हइ ...", स्कुरातोव बोले लगी शुरू कइलकइ, लेकिन ओकर बात
पर अबरी कोय ध्यान नयँ देते गेलइ । एक दिन दुपहर के भोजन के बाद, जब काम पर जाय खातिर
ढोल बजलइ, उकाब के ले लेते गेलइ, ओकर चोंच कसके दाबले, काहेकि ऊ भयंकर रूप से संघर्ष
करे लगले हल, आउ जेल के बाहर ले अइते गेलइ । परकोटा तक पहुँचलइ । बारह लोग, जे ई पार्टी
में हलइ, उत्सुकतापूर्वक देखे लगी चहलकइ, कि (छोड़ देला पर) उकाब काहाँ जइतइ । विचित्र
बात - सब कोय, कोय बात से खुश हलइ, मानूँ ओकन्हीं आंशिक रूप से खुद्दे अजादी पा लेलके
हल ।
"अरे,
देखहीं ई कुत्ता के मांस के - ओकरा लगी भला कर रहलिए ह, आउ ऊ लगातार काटब करऽ हइ
!" ओकरा पकड़ले ले जाय वला बोललइ, लगभग प्यार से गोसाल पक्षी तरफ देखते ।
"ओकरा
छोड़ देहीं, मिकित्का !"
"शायद,
शैतान के बक्सा में नयँ कैद कर सकऽ हीं । ओकरा अजादी दे देहीं, असली प्यारा अजादी ।"
उकाब
के परकोटा पर से स्तेप (विस्तृत घास के मैदान) में फेंक देवल गेलइ । आधा शरत्काल गुजर
चुकले हल, ठंढा आउ धुंधला दिन हलइ । खुल्लल स्तेप में हावा सायँ-सायँ कर रहले हल आउ
स्तेप वला पीयराल, सुक्खल, गुच्छेदार घास में सरसराहट हो रहले हल । उकाब सीधे आगू बढ़
गेलइ, अपन घायल डैना के फड़फड़इते आउ मानूँ जद्धिर बन पड़इ, ओद्धिर हमन्हीं से दूर भाग
जाय के शीघ्रता करते । उत्सुकता से कैदी लोग नजर से ओकर पीछा करते रहलइ, कि कइसे घास
में ओकर सिर कौंध रहले ह ।
"देखहीं
ओकरा !" विचारमग्न मुद्रा में एगो बोललइ ।
"आउ
अगल-बगल भी नयँ देखऽ हइ !" दोसरा कोय आगू बोललइ । "एक्को तुरी, भाय लोग,
पीछू मुँहें नयँ तकलकइ, खाली भागल जाब करऽ हइ !"
"आउ
तूँ की सोच रहलहीं हल, धन्यवाद देवे लगी वापिस अइतइ ?" तेसर कैदी टिप्पणी कइलकइ
।
"बात
समझऽ हिअइ, अजादी । अजादी के अनुभव कइलकइ ।"
"मतलब
अजादी ।"
"आउ
अब देखाइयो नयँ दे हइ, भाय लोग ..."
"सब
लोग खड़ी काहे लगी हकहीं ? मार्च !" मार्गरक्षी लोग चिल्लइते गेलइ, आउ सब कोय चुपचाप
काम पर धीरे-धीरे चल पड़लइ ।
No comments:
Post a Comment