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Saturday, August 19, 2017

रूसी उपन्यास - "कप्तान के बिटिया" ; अध्याय-9

अध्याय - 9
वियोग

मधुर हलो मिलना
हमरा, प्यारी, तोहरा साथ;
दुखदायी, दुखदायी हको बिछुड़ना,
दुखदायी, जइसे आत्मा से अलग होना ।
--- ख़ेरास्कोव [45]
सुबह में जल्दीए हमर नीन ढोल के अवाज से टूट गेलइ । हम लोग के एकत्र होवे के जगह तरफ चल देलिअइ। हुआँ परी पुगाचोव के लोग टिकठी बिजुन भीड़ लगा चुकले हल, जाहाँ अभियो तक कल के शिकार लोग लटकल हलइ । कज़ाक लोग घोड़ा पर सवार हलइ, सैनिक लोग हथियार से लैस । झंडा लहराब करऽ हलइ । कइएक तोप, जेकर बीच हम अपन भी पछान लेलिअइ, चलनशील तोप-गाड़ी पर लादल हलइ । सब वाशिंदा लोग हुएँ परी हलइ, आउ नकली सम्राट् के इंतजार कर रहले हल । कमांडर के घर के ड्योढ़ी बिजुन एगो कज़ाक एगो किर्गिज़ नस्ल के उत्तम उज्जर घोड़ा के लगाम से पकड़ले हलइ । हम कमांडर के पत्नी के लाश के नजर से ढूँढ़े के प्रयास कइलिअइ । एकरा जरी बगली कर देवल गेले हल आउ छालटी (bast) के चटाय से ढँक देल गेले हल । आखिरकार पुगाचोव बाहरी प्रवेश-कक्ष से बहरसी अइलइ । लोग अपन-अपन टोपी उतार लेते गेलइ । पुगाचोव ड्योढ़ी पर रुकलइ आउ सबके साथ निम्मन स्वास्थ्य के कामना कइलकइ । एक चीफ़ ओकरा तामा के सिक्का के एगो बोरी सौंपलकइ, आउ ऊ ओकरा से मुट्ठी-मुट्ठी भर लेके बिखेरे लगलइ । लोग ओकरा चुन्ने लगी चीखते झपट पड़लइ, आउ मामला बिन गंभीर चोट के अंत नयँ होलइ । पुगाचोव के प्रमुख विद्रोही लोग घेरले हलइ । ओकन्हीं बीच श्वाब्रिन भी हलइ । हमन्हीं दुन्नु के नजर मिललइ; हमर नजर में ऊ तिरस्कार पढ़ सकलकइ, आउ ऊ आंतरिक घृणा आउ देखावटी उपहास के मुद्रा के साथ अपन मुख मोड़ लेलकइ । पुगाचोव हमरा भीड़ में देखके अपन सिर हिलइलकइ आउ अपना बिजुन बोलइलकइ ।
"सुन्नऽ", ऊ हमरा कहलकइ । "अभिए ओरेनबुर्ग चल जा आउ हमरा तरफ से गवर्नर आउ सब जेनरल (सेनापति) के कह देहो कि एक सप्ताह में हमर राह देखे । ओकन्हीं के सलाह देहो कि हमरा साथ बाल-सुलभ स्नेह आउ आज्ञाकारिता के साथ हमर स्वागत करते जाय; नयँ तो क्रूर प्राणदंड से बच नयँ सकतइ । शुभ यात्रा, अत्र उच्चकुलीन !" फेर ऊ लोग के सामने मुखातिब होलइ आउ श्वाब्रिन दने इशारा करते कहलकइ - "बच्चो, ई तोहन्हीं के नयका कमांडर हको - हर मामला में ओकर बात मानते जइहऽ, आउ ऊ तोहन्हीं आउ किला खातिर हमरा सामने जिम्मेदार होतइ ।"
ई शब्द हम बड़ी आतंकित होल सुनलिअइ - श्वाब्रिन के किला के कमांडर बना देल गेलइ; मारिया इवानोव्ना ओकर वश में रह गेलइ ! हे भगमान, ओकर की होतइ ! पुगाचोव ड्योढ़ी से निच्चे उतरलइ । ओकरा लगी घोड़ा लावल गेलइ । ऊ तेजी से उछलके जीन पर चढ़ गेलइ, आउ कज़ाक लोग के इंतजार नयँ कइलकइ, जे ओकरा बैठावे लगी चाहऽ हलइ ।
एतने में लोग के भीड़ में से, देखऽ हिअइ, हमर सावेलिच आगू अइलइ, पुगाचोव दने जा हइ आउ ओकरा कागज के एक पन्ना दे हइ । हम कल्पना नयँ कर पइलिअइ कि एकर की परिणाम होतइ । "ई की हइ ?" पुगाचोव शान से पुछलकइ । "पढ़ ल, त मालुम हो जइतो", सावेलिच उत्तर देलकइ । पुगाचोव कगजवा लेलकइ आउ देर तक गंभीर मुद्रा में देखते रहलइ । "कइसन विचित्र ढंग के तोर लिखावट हउ ?" आखिरकार ऊ कहलकइ । "हमर राजकीय आँख एकर कोय अर्थ नयँ लगा पावऽ हइ । काहाँ परी हइ हमर मुख्य सेक्रेटरी?"
एगो नौजवान कार्पोरल के वर्दी में तेजी से दौड़ते पुगाचोव भिर अइलइ । "जोर-जोर से पढ़", ओकरा कागज देते नकली सम्राट् बोललइ । हमरा जाने के अत्यधिक उत्सुकता हलइ कि हमर प्राथमिक शिक्षक आखिर पुगाचोव के कउची लिक्खे के बात सोचलके हल । मुख्य सेक्रेटरी जोर-जोर से अक्षर-अक्षर करके निम्नलिखित पढ़े लगलइ -
"दू गो ड्रेसिंग गाउन, एगो सूती कपड़ा आउ दोसरा धारीदार रेशमी कपड़ा के - छो रूबल ।"
"एकर की मतलब हइ ?" नाक-भौं सिकोड़ते पुगाचोव पुछलकइ ।
"आगू पढ़े लगी औडर देहो", सावेलिच शांतिपूर्वक उत्तर देलकइ ।
हेड सेक्रेटरी पढ़ना जारी रखलकइ -
"महीन हरियर बनात के वर्दी - सात रूबल ।" (बनात - एक प्रकार के निम्मन ऊनी कपड़ा ।)
"उज्जर बनात के पतलून - पाँच रूबल ।"
"कफ़ (cuff) सहित बारह सूती डच कमीज - दस रूबल ।"
"चाय के बरतन सहित संदूकड़ी (cellaret) - अढ़ाय रूबल ..." (cellaret - चाय, बरतन आउ पेय पदार्थ रक्खे खातिर यात्रा के दौरान प्रयुक्त छोटगर बक्सा)
"ई सब की बकवास हइ ?" पुगाचोव बिच्चे में टोकलकइ । "हमरा की लेना-देना संदूकड़ी आउ कफ़ सहित पतलून से ?"
सावेलिच जरी खोंखके गला साफ कइलकइ आउ समझावे लगलइ ।
"ई, हुजूर, जाने के किरपा करथिन, हमर मालिक के ऊ सब समान के सूची हइ, जेकरा दुष्ट लोग चोरा लेते गेले ह ..."
"कइसन दुष्ट लोग ?" गोस्सा से गरजते पुगाचोव पुछलकइ ।
"माफ करऽ, जबान फिसल गेलइ", सावेलिच उत्तर देलकइ । "दुष्ट रहे चाहे नयँ, लेकिन तोर लड़कन पूरा जगह छान मालको आउ सब कुछ लूट लेलको । नराज नयँ होवऽ - घोड़ा के चार टाँग होवऽ हइ तइयो लड़खड़ा जा हइ । पूरा पढ़े लगी कहो ।"
"पूरा पढ़ डाल", पुगाचोव कहलकइ ।
सेक्रेटरी पढ़ना जारी रखलकइ -
"एगो छींट के आउ दोसर सूती के अस्तर के साथ ताफ़्ता रजाय - चार रूबल ।" (ताफ़्ता - एक प्रकार के चमकदार रेशमी कपड़ा ।)
"लाल ऊनी कपड़ा के अस्तर के साथ लोमड़ी के फ़र-कोट - 40 रूबल ।"
"आउ खरगोश के खाल के कोट, जे हुजूर के सराय में देल गेले हल - 15 रूबल ।"
"आउ ई कइसन बकवास हइ !" अपन धधकल आँख के चमकइते पुगाचोव चिल्ला उठलइ ।
हम ई स्वीकार करऽ हिअइ कि अपन प्राथमिक शिक्षक खातिर हम भयभीत हो गेलिअइ । ऊ फेर से अपन स्पष्टीकरण देवे लगी चहलकइ, लेकिन पुगाचोव ओकरा बिच्चे में टोक देलकइ -
"अइसन बकवास के साथ हमरा भिर आवे के तोरा साहस कइसे होलउ ?" ऊ चिल्ला उठलइ, अपन सेक्रेटरी के हाथ से कागज छीनके सावेलिच के मुँह पर फेंकते । "बेवकूफ बुड्ढे ! एकन्हीं के लूट लेल गेलइ - त कइसन आफत आ गेलइ ? लेकिन तोरा, खुसट बुड्ढे, हमेशे लगी हमर आउ हमर लड़कन खातिर भगमान से ई लगी प्रार्थना करे के चाही कि तूँ अपन मालिक के साथ हियाँ परी हमर आज्ञा के उल्लंघन करे वलन के साथ लटक नयँ रहलँऽ हँ ... खरगोश के तुलूप (खाल के कोट) ! हम देबउ खरगोश के तुलूप ! लेकिन तूँ जानऽ हीं कि हम जिंदा तोर चमड़ी उधेड़े के आदेश देके तोर चमड़ी के कोट बनवा दे सकऽ हिअउ ?"
"जइसन तोहर मर्जी", सावेलिच उत्तर देलकइ, "लेकिन हम एगो गुलाम अदमी हिअइ आउ मालिक के संपत्ति खातिर हम जिम्मेवार हिअइ ।"
पुगाचोव, लगऽ हइ, उदारता के मूड में हलइ । ऊ मुड़लइ आउ बिन कोय शब्द बोलले घोड़ा आगू बढ़ाके चल गेलइ । श्वाब्रिन आउ कज़ाक चीफ़ लोग ओकर पीछू-पीछू गेलइ । गिरोह व्यवस्थित ढंग से किला से बाहर चल गेलइ । लोग पुगाचोव के विदा करे खातिर गेते गेलइ । हम सावेलिच के साथ चौक पर अकेल्ले रह गेलिअइ । हमर प्राथमिक शिक्षक अपन सूची हाथ में लेले हलइ आउ बहुत अफसोस के साथ ओकरा देख रहले हल ।
पुगाचोव के साथ हमर निम्मन तालमेल देखके ऊ ओकर फयदा उठावे लगी सोचलके हल; लेकिन ई नेक इरादा में सफल नयँ हो पइलइ । हम ओकरा अनुचित उत्साह देखावे खातिर डाँटे-फटकारे वला हलिअइ आउ हँस्से बेगर नयँ रह पइलिअइ ।
"हँसहो मालिक", सावेलिच उत्तर देलकइ, "हँसहो; लेकिन जइसीं हमन्हीं के फेर से पूरा घर-गिरहस्थी स्थापित करे पड़तइ, त देखते जइबइ कि हँस्सी बरऽ हइ कि नयँ ।"
हम मारिया इवानोव्ना के देखे लगी पादरी के घर जाय के शीघ्रता कइलिअइ । पादरिन (पादरी के पत्नी) उदास समाचार के साथ हमरा से भेंट कइलथिन । रात में मारिया इवानोव्ना के जोर के बोखार चढ़ गेले हल । ऊ बेहोश पड़ल हलइ आउ सरसाम (delirium) में हलइ । पादरिन हमरा ओकर कमरा में ले गेलथिन । हम दबे पाँव ओकर पलंग भिर गेलिअइ । ओकर चेहरा के परिवर्तन से हम दंग रह गेलिअइ । रोगी हमरा पछान नयँ पइलकइ । देर तक हम ओकरा सामने खड़ी रहलिअइ, न तो फ़ादर गेरासिम के बात सुनते, न तो उनकर उदार पत्नी के, जे शायद हमरा सांत्वना देब करऽ हलथिन । उदासी भरल विचार हमरा व्याकुल करब करऽ हलइ । दुष्ट विद्रोही लोग के बीच छोड़ देल गेल बेचारी असहाय अनाथ के स्थिति आउ हमर स्वयं के विवशता हमरा आतंकित कर रहले हल । श्वाब्रिन, सबसे अधिक श्वाब्रिन, हमर कल्पना के पीड़ित कर रहले हल । नकली सम्राट् के द्वारा प्रदत्त सत्ता के चलते किला में नेतृत्व करते, जाहाँ परी ओकर घृणा के निर्दोष पात्र ई अभागल लड़की रह गेले हल, ऊ सब कुछ करे पर उतारू हो सकऽ हलइ । हम की करतिए हल ? ओकरा कइसे मदत करतिए हल ? कइसे दुष्ट के हाथ से ओकरा मुक्त करिअइ ? एक्के उपाय रह गेले हल - हम तुरतम्मे ओरेनबुर्ग प्रस्थान करे के निश्चय कर लेलिअइ, ताकि बेलागोर्स्क किला के त्वरित मुक्ति मिल सकइ आउ यथासंभव एकरा में सहयोग करिअइ । हम पादरी आउ अकुलिना पम्फ़िलोव्ना से विदा लेलिअइ, भावावेश में उनका ओकरा सौंपते, जेकरा हम अब पत्नी मानऽ हलिअइ । हम बेचारी लड़की के हाथ पकड़लिअइ आउ अपन अश्रु से ओकरा भिंगोते चूम लेलिअइ । "अलविदा", हमरा विदा करते पादरिन बोललथिन, "अलविदा, प्योत्र अन्द्रेइच । शायद आउ बेहतर समय में हमन्हीं के भेंट होतइ । हमन्हीं के भूलथिन नयँ आउ हमन्हीं के अकसर लिखथिन । बेचारी मारिया इवानोव्ना के, तोरा सिवाय, अब कोय न तो सांत्वना देवे वला हइ, न संरक्षक ।"
बाहर चौक में पहुँचला पर हम एक मिनट लगी रुकलिअइ, एक नजर टिकठी दने डललिअइ, ओकरा दने सिर नवइलिअइ, किला से बहरसी अइलिअइ आउ सावेलिच के साथ, जे लगातार हमर पीछू-पीछू आब करऽ हलइ, ओरेनबुर्ग रोड पर रवाना हो गेलिअइ ।
हम अपन विचार-शृंखला में मग्न जाब करऽ हलिअइ, कि अचानक अपन पीछू घोड़ा के टाप सुनलिअइ । पीछू मुड़के देखलिअइ; देखऽ हिअइ - किला से एगो कज़ाक सरपट घोड़ा दौड़इते आब करऽ हइ, एगो बश्कीर घोड़ा के लगाम से पकड़ले आउ दूरहीं से हमरा इशारा करते । हम रुक गेलिअइ आउ तुरते हमन्हीं के सर्जेंट के पछान लेलिअइ । ऊ तेजी से घोड़ा दौड़इते हमरा भिर पहुँचला पर घोड़वा पर से उतर गेलइ आउ दोसरका घोड़वा के लगाम सौंपते बोललइ - "अत्र उच्चकुलीन ! हमन्हीं के पिता अपने के भेंट में घोड़ा आउ अपन पीठ पर के फ़र-कोट भेजलथिन हँ" (जीन से भेड़ के खाल के कोट बन्हल हलइ) । "आउ", हिचकिचइते सर्जेंट आगू बोललइ, "ऊ अपने के ... आधा रूबल भेंट कइलथिन हँ ... लेकिन रस्ता में हमरा से खो गेलइ; किरपा करके माफ कर देथिन ।" सावेलिच ओकरा दने तिरछा नजर से देखलकइ आउ बड़बड़इलइ - "रस्ता में खो गेलइ ! आउ तोर अंदर के धोकड़िया में कउची खनकऽ परऽ हउ ? बेशरम कहीं के !"  
"हमर अंदर के धोकड़ी में कउची खनकऽ हइ ?" जरिक्को सनी नयँ घबरइते सर्जेंट एतराज कइलकइ । "भगमान तोर भला करो, बाबा ! ई लगाम खनकऽ हइ, आधा रूबल के सिक्का नयँ ।"
"ठीक हउ", विवाद के समाप्त करते हम कहलिअइ । "हमरा तरफ से ओकरा धन्यवाद देना, जे तोरा भेजलको ह; आउ वापसी यात्रा के दौरान हेराल आधा रूबल के सिक्का के खोजे के प्रयास करना आउ एकर वोदका पी लेना ।"
"बहुत-बहुत धन्यवाद, अत्र उच्चकुलीन !" अपन घोड़वा के मोड़ते ऊ उत्तर देलकइ, "हमेशे अपने खातिर भगमान के प्रार्थना करबइ ।" एतना कहके ऊ वापिस घोड़ा के सरपट दौड़इते चल गेलइ, एक हाथ से अपन अंदर के धोकड़ी के सँभालते, आउ मिनट भर में आँख से ओझल हो गेलइ ।
हम भेड़ के तुलूप पेन्ह लेलिअइ आउ घोड़ा पर सवार हो गेलिअइ, आउ सावेलिच के अपन पीछू बैठा लेलिअइ। "त देखऽ हथिन न, मालिक", बुढ़उ बोललइ, "कि हम बेकार में ऊ दुष्ट के याचिका नयँ दायर कइलिए हल - ई चोर के तो आखिर शरम लगलइ, हलाँकि ई लंबा टाँग वला बश्कीर मरियल टट्टू आउ भेड़ के तुलूप ओकर आधो कीमत के नयँ हइ, जे ओकन्हीं दुष्ट सब हमन्हीं हीं से चोरा लेते गेले हल आउ जे तूँ खुद किरपा करके भेंट में देलहो हल; तइयो काम के हइ, भागते भूत के लंगोटिए सही ।"

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