अध्याय
- 6
पुगाचोव
विद्रोह
तोहन्हीं
नवयुवक लोग, सुनते जा,
जे
हमन्हीं, पुरनकन बुढ़वन लोग, सुनावे वला हकियो ।
--- गीत [31]
एकर
पहिले कि हम ऊ विचित्र घटना सब के वर्णन करिअइ, जेकर हम प्रत्यक्षद्रष्टा हलिअइ, हमरा
ऊ परिस्थिति के बारे कुछ शब्द कहे के चाही, जे सन् 1773 के अंत में ओरेनबुर्ग गुबेर्निया
(प्रांत) में हलइ ।
ई
विशाल आउ समृद्ध गुबेर्निया कइएक अर्ध-बर्बर जाति से आबाद हलइ, जे अभी हाले में रूसी
सम्राट् के आधिपत्य (प्रभुत्व) स्वीकार करते गेले हल । ओकन्हीं के निरंतर विद्रोह,
कानून आउ सभ्य जीवन के अनभ्यास (अभ्यस्त नयँ होना), बेफिक्री आउ निर्दयता के कारण ओकन्हीं
के अनुशासन में रक्खे लगी सरकार के तरफ से निरंतर निगरानी आवश्यक हलइ । किला सब के
निर्माण अइसन जगह पर कइल गेले हल, जे सुविधाजनक मानल जा हलइ, आउ अधिकतर कज़ाक लोग से
आबाद हलइ, जे एक जमाना से याइक नदी के तट के निवासी हलइ । लेकिन याइक कज़ाक, जेकन्हीं
पर ई क्षेत्र के शांति आउ सुरक्षा बनइले रक्खे के जिम्मेवारी हलइ, खुद्दे कुछ समय से
सरकार लगी अशांत आउ खतरनाक प्रजा हलइ । सन् 1772 में ओकन्हीं के मुख्य शहर में विद्रोह
भड़क उठले हल । एकर कारण ऊ कठोर कदम हलइ, जे मेजर जेनरल त्राउबेनबेर्ग
[32] द्वारा सेना के उचित अनुशासन खातिर उठावल गेले हल । एकर परिणाम हलइ त्राउबेनबेर्ग
के बर्बरतापूर्ण हत्या, (कज़ाक) प्रशासन में मनमाना परिवर्तन, आउ आखिरकार, छर्रा बोजके
तोप से फायर करके (grapeshot) आउ क्रूर दंड से विद्रोह के दमन ।
ई
घटना हमरा बेलागोर्स्क किला में आवे के कुछ समय पहिले घटलइ । सब कुछ शांत हो चुकले
हल चाहे अइसन प्रतीत होवऽ हलइ; प्राधिकारी लोग (authorities) बड़ी असानी से धूर्त्त
विद्रोही लोग के देखावटी पश्चात्ताप पर विश्वास कर लेते गेलइ, जे गुप्त रूप से द्वेष
करऽ हलइ आउ फेर से उपद्रव करे लगी अनुकूल अवसर के ताक में हलइ ।
अब
हम अपन कहानी तरफ मुड़ऽ हिअइ ।
एक
दिन शाम के (ई अक्तूबर 1773 के शुरुआत के बात हइ) हम घर में अकेल्ले बैठल हलिअइ, पतझड़
ऋतु के हावा के सायँ-सायँ अवाज सुनते आउ खिड़की से बादल के तरफ नजर करते, जे चान के
पास से होके दौड़ रहले हल । हमरा कमांडर के तरफ से बोलाहट अइलइ । हम तुरतम्मे रवाना
हो गेलिअइ । कमांडर के हियाँ हम श्वाब्रिन, इवान इग्नातिच आउ कज़ाक सर्जेंट के उपस्थित
देखलिअइ । कमरा में न तो वसिलीसा इगोरोव्ना हलथिन आउ न मारिया इवानोव्ना । कमांडर हमरा
चिंतित मुद्रा में निम्मन स्वास्थ्य के कामना कइलथिन । ऊ दरवाजा के ताला लगाके बंद
कर देलथिन, सबके बैठइलथिन, सिवाय सर्जेंट के, जे दरवाजा बिजुन खड़ी हलइ, आउ अपन जेभी
से एगो कागज निकसलथिन आउ हमन्हीं के कहलथिन - "भद्र अधिकारीगण, एगो महत्त्वपूर्ण
सूचना ! ध्यान से सुनते जाथिन, जे जेनरल लिक्खऽ हथिन ।" हियाँ परी ऊ चश्मा लगा
लेलथिन आउ निम्नलिखित पढ़लथिन –
"बेलागोर्स्क किला के कमांडर महोदय
कप्तान मिरोनोव के ।
(गोपनीय)
एकर माध्यम से हम अपने के सूचित करऽ हिअइ,
कि जेल के भगोड़ा आउ विधर्मी इमिल्यान पुगाचोव, दिवंगत सम्राट् प्योत्र तृतीय [33] के
स्वयं नाम धारण करे के अक्षम्य धृष्टता करके, दुर्जन लोग के एगो गिरोह जामा कर लेलके
ह, याइक गाँव सब में विद्रोह पैदा कर देलके ह आउ सगरो लूटमार आउ हत्या करते कइएक किला
पर कब्जा कर चुकले ह आउ ऊ सब के तहस-नहस कर देलके ह । ओहे से, ई पत्र के मिलतहीं, अपने,
कप्तान महोदय, तुरंत उपर्युक्त दुर्जन आउ झूठा दावेदार के रोके लगी, आउ अगर ऊ अपने
के सुरक्षा में सौंपल किला पर धावा बोलइ, त यथासंभव ओकर बिलकुल सत्यानाश भी करे लगी
उचित कदम उठाथिन ।"
"उचित
कदम उठावे के !" अपन चश्मा अलग करते आउ पत्र के तह करते कमांडर बोललथिन ।
"सुनहो, कहना तो असान हइ । दुर्जन तो, लगऽ हइ, बरियार हइ; आउ हमन्हीं हीं कुल्लम
एक सो तीस अदमी हइ, कज़ाक लोग के छोड़के, जेकन्हीं पर भरोसा नयँ कइल जा सकऽ हइ, तोर तिरस्कार
के कोय बात नयँ हइ, माक्सीमिच। (सर्जेंट मुसकुरा देलकइ ।) लेकिन कइल कुछ नयँ जा सकऽ
हइ, भद्र अधिकारीगण ! कर्तव्यनिष्ठ रहते जाथिन, संतरी सब के आउ रात के पहरा के व्यवस्था
कर देते जाथिन । आक्रमण के परिस्थिति में फाटक बंद कर देथिन आउ सैनिक लोग के बहरसी
मैदान में ले अइते जाथिन । तूँ, माक्सीमिच, अपन कज़ाक लोग पर कड़ा नजर रक्खऽ । तोप के
जाँच-परखके निम्मन से साफ कर लेवे के चाही । आउ सबसे बड़गो बात, ई सब के गोपनीय रक्खल
जाय ताकि किला में केकरो समय से पहिले एकरा बारे मालुम नयँ पड़ सके ।"
ई
आदेश देला के बाद इवान कुज़मिच हमन्हीं के जाय
लगी कहलथिन । हम श्वाब्रिन के साथे निकसलिअइ, जे कुछ सुनलिए हल ओकरा बारे बहस करते
।
"तोहरा
की लगऽ हको, एकर अंत की होतइ ?" हम ओकरा पुछलिअइ ।
"भगमान
जाने", ऊ उत्तर देलकइ, "देखल जइतइ । अभी तो कुच्छो महत्त्वपूर्ण हमरा नयँ
देखाय दे हइ । अगर कहीं ..." हियाँ परी ऊ सोच में पड़ गेलइ आउ अन्यमनस्क अवस्था
में फ्रेंच ऑपरा के एगो धुन (aria) पर सीटी बजावे लगलइ ।
हमन्हीं
के सब्भे सवधानी के बावजूद पुगाचोव के प्रकट होवे के समाचार किला भर में फैल गेलइ ।
इवान कुज़मिच, हलाँकि अपन पत्नी के बहुत आदर करऽ हलथिन, तइयो मिलट्री सेवा से संबंधित
अपन सौंपल गेल गोपनीय बात कइसनो हालत में उनका भिर नयँ खोलऽ हलथिन । जेनरल से पत्र
पइला पर ऊ काफी कुशल ढंग से वसिलीसा इगोरोव्ना के बाहर भेज देलथिन, उनका ई बात कहके
कि फ़ादर गेरासिम के कीदो ओरेनबुर्ग से कुछ तो बहुत निम्मन खबर मिलले ह, जेकरा ऊ बड़ी
गुप्त रखले हथिन । वसिलीसा इगोरोव्ना तुरतम्मे पादरी के पत्नी से भेंट करे लगी जाय
ल चहलथिन, इवान कुज़मिच के सलाह से अपन साथ में माशा के भी ले लेलथिन, ताकि ऊ अकेले
में बोर नयँ होवइ ।
इवान
कुज़मिच, एकछत्र स्वामी रह गेला पर, तुरतम्मे हमन्हीं के बोला पठइलथिन, आउ पलाश्का के
भंडार कक्ष में ताला लगाके बंद कर देलथिन, ताकि ऊ हमन्हीं के बातचीत चुपके से सुन नयँ
सकइ ।
वसिलीसा
इगोरोव्ना पादरी के पत्नी से कइसनो गुप्त बात निकसवावे में विफल होके घर वापिस आ गेलथिन,
आउ उनका पता चललइ कि उनकर अनुपस्थिति के दौरान इवान कुज़मिच के हियाँ मीटिंग होले हल
आउ पलाश्का के ताला से भित्तर में बंद कर देवल गेले हल । ऊ अंदाज लगा लेलका, कि पति
द्वारा ठगा गेला हल, आउ ऊ उनका से खोद-खोदके सवाल करे लगला । लेकिन इवान कुज़मिच आक्रमण
लगी खुद के तैयार कर लेलका हल । ऊ बिलकुल नयँ संकोच कइलथिन आउ अपन उत्सुक जीवनसंगिनी
के ओजस्वी ढंग से उत्तर देलथिन - "अजी सुनहो न, माय, हमन्हीं के औरतानी लोग के
दिमाग में स्टोव के पोवार से गरम करे के विचार समा गेले हल ; लेकिन एकरा चलते दुर्घटना
हो सकऽ हइ, ओहे से हम औरतियन के कठोर आदेश देलिअइ कि भविष्य में पोवार से स्टोव गरम
नयँ कइल जाय, बल्कि सुक्खल टहनी से आउ सुक्खल पेड़-पौधा से गरम कइल जाय ।"
"आउ
तोहरा पलाश्का के ताला लगाके कमरा में बंद करे के की जरूरत पड़लो ?" कमांडर के
पत्नी पुछलथिन। "काहे लगी बेचारी लड़की के भंडार कक्ष में बैठल रहे पड़लइ, जब तक
कि हमन्हीं वापिस नयँ अइते गेलिअइ?"
इवान
कुज़मिच अइसन सवाल लगी तैयार नयँ हलथिन; ऊ उलझन में पड़ गेलथिन आउ कुछ तो बहुत असंगत
बात बड़बड़ा गेलथिन । वसिलीसा इगोरोव्ना के अपन पति के विश्वासघात देखाय देलकइ; लेकिन,
ई जानके, कि उनका से कुच्छो उगलवावल नयँ जा सकऽ हइ, ऊ सवाल करना बंद कर देलका आउ खीरा
के अँचार के चर्चा करे लगला, जे अकुलिना पम्फ़िलोव्ना बिलकुल विशेष ढंग से तैयार करऽ
हलइ । रातो भर वसिलीसा इगोरोव्ना के नीन नयँ अइलइ आउ ऊ कुच्छो अंदाज नयँ लगा पइलका
कि उनकर पति के दिमाग में आखिर की हइ, जेकरा बारे उनका जाने के मनाही हलइ ।
अगले
दिन गिरजाघर से वापिस अइते बखत ऊ इवान इग्नातिच के देखलका, जे तोप के अंदर से, बुतरुअन
द्वारा ठुँस्सल चिथड़ा, कंकड़, चेली (चैली), हड्डी आउ हर तरह के कूड़ा-कचरा निकासब करऽ
हलइ । "ई सब युद्ध के तैयारी के की मतलब हो सकऽ हलइ ?" कप्तान के पत्नी सोचलथिन,
"कहीं किर्गिज़ के आक्रमण के आशंका तो नयँ हइ ? लेकिन की इवान कुज़मिच अइसन मामूली
बात हमरा से छिपइता ?" ऊ इवान कुज़मिच के बोलइलका, उनका से ऊ रहस्य के उगलवावे
लगी पक्का इरादा के साथ, जे स्त्रीजन्य उत्सुकता उनका यातना देब करऽ हलइ ।
वसिलीसा
इगोरोव्ना उनका से घरेलू कामकाज के मामले में कुछ टिप्पणी कइलका, एगो जज नियन, जे अन्वेषण
के शुरुआत असंबंधित प्रश्न से करऽ हइ ताकि उत्तर देवे वला के सबसे पहिले सम्मोहित करके
ओकरा असावधान कर देल जाय । बाद में, कुछ मिनट तक चुप्पी साधके, ऊ गहरा साँस लेलका आउ
सिर हिलइते कहलका - "हे भगमान ! कइसन समाचार ! एकर परिणाम की होतइ ?"
"ओह,
माय !" इवान इग्नातिच उत्तर देलकइ । "भगमान दयालु हथिन - हमन्हीं हीं सैनिक
काफी हइ, बहुत बारूद हइ, तोप हम साफ कर देलिए ह । शायद पुगाचोव के सामना कर लेते जइबइ
। अगर भगमान हमन्हीं के भूल नयँ जइथिन, त सुअरियन हमन्हीं के नयँ खा जइतइ !"
"आउ
ई पुगाचोव कइसन अदमी हइ ?" कप्तान के पत्नी पुछलथिन ।
हियाँ
परी इवान इग्नातिच के ध्यान गेलइ कि भेद खुल चुकले हल, आउ अपन जीभ कट लेलकइ । लेकिन
अब देर हो चुकले हल । वसिलीसा इगोरोव्ना सब कुछ स्वीकार करे लगी बाध्य कर देलथिन, ओकरा
ई वचन देते कि एकरा बारे केकरो नयँ बतइथिन ।
वसिलीसा
इगोरोव्ना अपन वचन के पालन कइलथिन आउ एक्को शब्द केकरो नयँ बतइलथिन, सिवाय पादरी के
पत्नी के, ओहो खाली ई चलते कि ओकर गाय अभियो तक स्तेप में चरब करऽ हलइ आउ बदमाश लोग
द्वारा पकड़ लेल जा सकऽ हलइ ।
जल्दीए
सब कोय पुगाचोव के बारे बात करे लगलइ । अफवाह कइएक तरह के हलइ । कमांडर सर्जेंट के
आसपास के गाँव आउ किला से सब कुछ के बारे निम्मन से जनकारी लेवे के आदेश के साथ भेजलथिन
। सर्जेंट दू दिन के बाद वापिस अइलइ आउ रिपोर्ट कइलकइ कि स्तेप में किला से कोय साठ
विर्स्ता दूर ऊ बहुत सारा प्रकाश देखलकइ आउ बश्कीर लोग से सुनलकइ कि कोय अनजान फौज
आब करऽ हइ । लेकिन ऊ निश्चित रूप से कुच्छो नयँ कह सकऽ हलइ, काहेकि आगू जाय में ओकरा
डर लगऽ हलइ । किला में कज़ाक लोग के बीच असाधारण उत्तेजना देखाय देवे लगले हल; सब्भे
गलियन में ओकन्हीं दल बनाके जामा होवइ, आपस में धीमे बतियाय आउ जब कोय घुड़सवार चाहे
गैरिसन के सैनिक के देखते जाय त तितर-बितर हो जइते जाय। ओकन्हीं हीं जासूस लोग के भेजल
गेलइ । युलाय, जे एगो ईसाई धर्म अपनावल कल्मीक हलइ, कमांडर के एगो महत्त्वपूर्ण सूचना
देलकइ । सर्जेंट के सूचना, युलाय के शब्दानुसार, झूठ हलइ - अपन वापसी के बाद धूर्त्त
कज़ाक अपन सथियन के बतइलके हल कि ऊ विद्रोही लोग हीं गेले हल, ओकन्हीं के सरदार के सामने
खुद के पेश कइलके हल, जे ओकरा अपन हाथ चुम्मे लगी देलके हल आउ बहुत देर तक ओकरा साथ
बात कइलके हल । कमांडर तुरतम्मे ओकरा पहरा के अधीन कर देलथिन, आउ युलाय के ओकर स्थान
पर नियुक्त कर देलथिन । ई समाचार से कज़ाक सब के साफ तौर पर नराजगी होलइ । ओकन्हीं उच्च
स्वर में असंतोष प्रकट करते गेलइ, आउ इवान इग्नातिच, जे कमांडर के आदेश के पालन कइलकइ,
खुद अपन कान से सुनलकइ कि ओकन्हीं की बोलते गेलइ - "तोरा देख लेबउ, इंतजार कर,
गैरिसन चूहे !" कमांडर ओहे दिन अपन कैदी से पूछताछ करे के सोचलथिन; लेकिन सर्जेंट
पहरेदारी से भाग चुकले हल, शायद अपन समर्थक (सह-अपराधी) लोग के मदद से ।
एगो
नयका परिस्थिति कमांडर के चिंता बढ़ा देलकइ । एगो बश्कीर भड़काऊ पर्चा (inflammatory
leaflets) के साथ पकड़इले हल । ई घटना के चलते कमांडर अपन अफसर सब के फेर से एकत्र करे
के सोचलथिन आउ एकरा लगी वसिलीसा इगोरोव्ना के कोय निम्मन बहाना बनाके फेर से दूर करे
लगी चहलथिन। लेकिन चूँकि इवान कुज़मिच बिलकुल सीधा-सादा आउ ईमानदार व्यक्ति हलथिन, उनका
कोय दोसर उपाय नयँ सुझलइ, सिवाय पहिले एक तुरी अजमावल उपाय के ।
"सुनहो
तो, वसिलीसा इगोरोव्ना", ऊ खोंखते उनका कहलथिन । "फ़ादर गेरासिम, कहल जा हइ,
शहर से ..."
"बहुत
झूठ हो गेलो, इवान कुज़मिच", कमांडर के पत्नी बीच में टोक देलथिन, "मतलब तूँ
मीटिंग बोलावे लगी आउ हमरा बेगर इमिल्यान पुगाचोव के बारे चर्चा करे लगी चाहऽ हो; लेकिन
अबरी अइसन नयँ कर सकबऽ!" इवान कुज़मिच तो आँख फाड़के देखे लगलथिन ।
"अच्छऽ,
माय", ऊ बोललथिन, "अगर तोरा पहिलहीं से सब कुछ मालुम हको, त एज्जे रहऽ; हमन्हीं
तोर उपस्थिति में ही चर्चा कर लेबइ ।"
"ई
होलइ न बात, हमर पिताजी", ऊ उत्तर देलथिन, "तोरा चलाकी करे में बनतो नयँ;
बोलावऽ अफसर सब के ।"
हमन्हीं
फेर से एकत्र होते गेलिअइ । इवान कुज़मिच अपन पत्नी के उपस्थिति में पुगाचोव के एलान
पढ़लथिन, जे कोय अर्द्धशिक्षित कज़ाक द्वारा लिक्खल गेले हल । ऊ डाकू हमन्हीं के किला
पर आक्रमण करे के अपन इरादा के एलान कइलके हल; कज़ाक आउ सैनिक लोग के अपन गिरोह में
शामिल होवे लगी आमंत्रित कइलके हल, आउ कमांडर लोग के विरोध नयँ करे लगी सलाह देलके
हल, नयँ तो मृत्यु-दंड के धमकी देलके हल । घोषणा रूक्ष भाषा में, लेकिन प्रबल अभिव्यक्ति
में लिक्खल गेले हल आउ साधारण लोग के दिमाग पर खतरनाक प्रभाव डाले वला हलइ ।
"कइसन
बदमाश हइ !" कमांडर के पत्नी अपन उद्गार प्रकट कइलथिन । "जे हमन्हीं के अइसन
प्रस्ताव रक्खे के जुर्रत करऽ हइ ! बाहर जाके ओकर स्वागत करिअइ आउ ओकर गोड़ पर झंडा
रख दिअइ ! आह, कुत्ता के पिल्ला ! की ऊ वास्तव में नयँ जानऽ हइ कि हम सब चालीस साल
से फौजी सेवा में हिअइ आउ भगमान के किरपा से सब कुछ देख चुकलिए ह ? की अइसन कमांडर
होतइ जे डाकू के बात सुनतइ ?"
"लगऽ
तो हइ कि नयँ होवे के चाही", इवान कुज़मिच उत्तर देलथिन । "लेकिन सुन्नल जा
हइ कि ई बदमाश कइएक किला पर कब्जा कर लेलके ह ।"
"देखे
में तो लगऽ हइ कि ऊ वास्तव में शक्तिशाली हइ", श्वाब्रिन टिप्पणी कइलकइ ।
"अइकी
अभिए ओकर असली शक्ति जान लेते जइबइ", कमांडर बोललथिन । "वसिलीसा इगोरोव्ना,
गोदाम के चाभी तो द । इवान इग्नातिच, ऊ बश्कीर के लाव आउ युलाय के हियाँ परी चाबुक
लावे लगी कह दे ।"
"ठहरहो,
इवान कुज़मिच", अपन जगह से उठते कमांडर के पत्नी बोललथिन, "हमरा माशा के घर
पर से कहीं ले जाय देहो; नयँ तो अगर ऊ चीख सुनतइ, त डर जइतइ । आउ हमरो, सच कहल जाय
तो, पूछताछ में रुचि नयँ । शुभकामना !"
यातना,
पुरनका जमाना में, अदालती काररवाई में एतना जड़ जमा लेलके हल कि कल्याणकारी आदेश, जे
एकरा समाप्त कर देलके हल, लमगर अवधि तक बिन कोय असर के रह गेलइ [34] । अइसन सोचल जा
हलइ कि अपराधी के स्वयं के स्वीकारोक्ति ओकर सम्पूर्ण दोषसिद्धि लगी आवश्यक हइ - अइसन
विचार जे नयँ खाली निराधार, बल्कि विवेकपूर्ण कानूनी अभिप्राय के बिलकुल विरुद्ध भी
हइ; काहेकि अगर अपराधी के इनकार के ओकर निर्दोषता के प्रमाण नयँ मानल जा हइ, त ओकर
स्वीकारोक्ति तो ओकर दोष के आउ कम प्रमाण मानल जाय के चाही । आझो हमरा कभी-कभार सुन्ने
में आवऽ हइ कि वृद्ध जज ई बात लगी खेद प्रकट करते जा हथिन कि ई बर्बर परंपरा के अंत
कर देल गेलइ । हमन्हीं के समय में केकरो यातना के आवश्यकता के मामले में संदेह नयँ
हलइ, न तो जज के आउ न अभियुक्त लोग के (अर्थात् सब कोय मानऽ हलइ कि यातना आवश्यक हइ)
। आउ ओहे से कमांडर के आदेश से हमन्हीं में से केकरो न तो अचरज होलइ आउ न परेशानी ।
इवान इग्नातिच बश्कीर के लावे लगी रवाना हो गेलइ, जे गोदाम (बखार, अन्नभंडार-कक्ष)
में बंद हलइ, जेकर चाभी कमांडर के पत्नी के जिम्मे हलइ, आउ कुछ मिनट के बाद कैदी के
ड्योढ़ी में लावल गेलइ । कमांडर ओकरा अपन सामने पेश करे के औडर देलथिन ।
बश्कीर
मोसकिल से दहलीज पार कइलकइ (ओकर गोड़ में बेड़ी हलइ) आउ अपन उँचगर टोपी उतारके दरवाजा
भिर खड़ी हो गेलइ । हम ओकरा दने नजर डललिअइ आउ काँप गेलिअइ । हम कभियो ई अदमी के नयँ
भुला पइबइ । ऊ सत्तर साल के उपरे लग रहले हल । ओकरा न तो नाक हलइ आउ न कान । ओकर सिर
मूँड़ल हलइ; दाढ़ी के जगह कुछ उज्जर बाल लटकल हलइ; ऊ नटगर कद के हलइ, दुब्बर-पातर आउ
देह झुक्कल; लेकिन ओकर छोटगर-छोटगर आँख अभियो आग नियन चमकऽ हलइ ।
"ओहो
!" कमांडर बोललथिन, ओकर भयानक कइएक निशानी से सन्
1741 में दंडित एगो विद्रोही के पछानके [35] । "अच्छऽ, त ई साफ हइ कि तूँ
ओहे पुरनका भेड़िया हकहीं, हमन्हीं के जाल में फँस गेलहीं । तूँ पहिले तुरी विद्रोह
नयँ करब करऽ हीं, काहेकि तोर सिर एतना चिकना जे कइल हउ । जरी आउ नगीच तो आहीं; बोल,
केऽ तोरा भेजलकउ ?"
बूढ़ा
बश्कीर चुप रहलइ आउ कमांडर दने बिलकुल अइसन मुद्रा में तकते रहलइ मानूँ ओकरा कुछ नयँ
समझ में अइलइ ।
"तूँ
चुप काहे लगी हकहीं ?" इवान कुज़मिच बात जारी रखलथिन, "कि रूसी बिलकुल नयँ
समझ में आवऽ हउ ? युलाय, तूँ अपन भाषा में जरी पुछहीं तो, कि केऽ ओकरा हमन्हीं के किला
में भेजलकइ ?"
युलाय
तातार भाषा में इवान कुज़मिच के प्रश्न दोहरइलकइ । लेकिन बश्कीर उनका ओहे मुद्रा में
तकते रहलइ, आउ एक्को शब्द नयँ बोललइ ।
"याक्शी",
[36] कमांडर बोललथिन, "तूँ तो हमरा भिर बोलवे करम्हीं । ए लड़कन सब ! एकर ई बेहूदा
धारीदार चोगा उतार देहीं आउ एकर पीठ के चमड़ी उधेड़ देहीं । ध्यान रहे, युलाय - जरी निम्मन
से ओकरा!"
दू
गो अपंग सैनिक बश्कीर के कपड़ा उतारे लगलइ । अभागल के चेहरा पर चिंता चित्रित हो गेलइ
। ऊ, बुतरुअन से पकड़ लेल गेल जानवर नियन, चारो दने नजर दौड़इलकइ । जब अपंग सैनिक लोग
में से एक ओकर दुन्नु बाँह पकड़लकइ आउ अपन कन्हा पर रखके अपन गरदन से लपेटके ओकरा उपरे
उठा लेलकइ, आउ युलाय चाबुक लेलकइ आउ लहरइलकइ, तब बश्कीर धीमे से निवेदन स्वर में कराह
उठलइ, आउ सिर हिलइते अपन मुँह खोल देलकइ, जेकरा में जीभ के जगह में ओकर कट्टल ठूँठ
हिल-डुल रहले हल ।
हमरा
जब आद आवऽ हइ कि ई हमर जीवन काल में होले हल, कि हम अब सम्राट् अलिक्सांद्र के नम्र
शासनकाल [37] के देखे तक जीवित रहलिए ह, त शिक्षा आउ मानव-प्रेम के नियम के प्रचार-प्रसार
के तेजी से विकास से आश्चर्यचकित होले बेगर नयँ रह सकऽ हिअइ । नौजवान ! अगर हमर संस्मरण
(नोट) तोर हाथ में आ जाय, त आद रखिहऽ, कि सबसे निम्मन आउ पक्का परिवर्तन ऊ होवऽ हइ,
जे बिन कोय हिंसात्मक कायापलट के नैतिकता में
सुधार से होवऽ हइ ।
हमन्हीं
सब्भे स्तम्भित रह गेलिअइ ।
"हूँ",
कमांडर बोललथिन, "ई बात तो साफ हइ, एकरा से लेशमात्र भी जानल नयँ जा सकऽ हइ ।
युलाय, ई बश्कीर के वापिस गोदाम में पहुँचा दे । आउ हम सब, भद्रजन, जरी आउ कुछ चर्चा
करते जइबइ ।"
हम
सब अपन परिस्थिति के बारे चर्चा करे लगलिअइ कि अचानक वसिलीसा इगोरोव्ना हँफते आउ अत्यधिक
चिंतातुर मुद्रा में कमरा में प्रवेश कइलथिन ।
"तोरा
ई की होलो ह ?" हैरान होल कमांडर पुछलथिन ।
"प्रिय
जन, मुसीबत !" - वसिलीसा इगोरोव्ना उत्तर देलथिन । "निझ्निओज़ेर्नाया किला
पर आझ सुबहे कब्जा कर लेल गेलइ । फ़ादर गेरासिम के कार्यकर्ता अभी हुआँ से वापिस अइलइ
। ऊ (अपन आँख से) देखलकइ कि एकर कइसे कब्जा कइल गेलइ । कमांडर आउ सब्भे अफसर के फाँसी
पर लटका देल गेलइ । सब्भे सैनिक के कैद कर लेल गेलइ । देखतहीं-देखतहीं ई बदमाश लोग
हियाँ पहुँच जइतो ।"
ई
अप्रत्याशित समाचार से हम स्तब्ध रह गेलिअइ । निझ्निओज़ेर्नाया किला के कमांडर से, जे
शांत प्रकृति के आउ विनम्र युवक हलइ, हम परिचित हलिअइ - दू महिन्ना पहिले जब ऊ अपन
जवान पत्नी के साथ ओरेनबुर्ग से होके गुजर रहले हल त इवान कुज़मिच के हियाँ ठहरले हल
। निझ्निओज़ेर्नाया किला हमन्हीं के किला से करीब पचीस विर्स्ता पर हलइ । कोय भी पल
हमन्हीं पुगाचोव के आक्रमण करे के प्रत्याशा कर सकऽ हलिअइ। मारिया इवानोव्ना के भाग्य
हमर दिमाग में सजीव रूप से चित्रित हो उठलइ आउ हमर दिल बैठ गेलइ ।
"सुनथिन,
इवान कुज़मिच !" हम कमांडर के कहलिअइ । "हमन्हीं के कर्तव्य अंतिम साँस तक
किला के रक्षा करना हइ; एकरा बारे आउ कुछ बोले के नयँ हइ । लेकिन नारी लोग के सुरक्षा
के बारे सोचना आवश्यक हइ। उनकन्हीं के ओरेनबुर्ग भेज देवल जाय, अगर रस्ता अभियो खुला
हइ, चाहे दूर के कोय विश्वसनीय किला में, जाहाँ परी ई बदमाश लोग पहुँच नयँ सकइ ।"
इवान
कुज़मिच पत्नी दने मुड़लथिन आउ उनका कहलथिन - "सुन्नऽ हो न, प्रिये, वास्तव में
तोहन्हीं सब के दूर नयँ भेज देल जाय जब तक कि विद्रोही लोग के हमन्हीं वश में नयँ कर
लेते जा हिअइ ?"
"बकवास
!" कमांडर के पत्नी बोललथिन । "काहाँ परी ओइसन किला हइ, जद्धिर गोली उड़के
नयँ जइतइ ? बेलागोर्स्क कइसे अविश्वसनीय हइ ? भगमान के किरपा से एकरा में रहते हमन्हीं
के बइसमा साल चल रहले ह । बश्कीर आउ किर्गिज़ लोग के देखते गेलिए ह - शायद पुगाचोव से
भी किला के आड़ में बच जइते जइबइ!"
"खैर,
प्रिये", इवान कुज़मिच एतराज कइलथिन, "हियाँ ठहरऽ, अगर अपन किला पर तोरा भरोसा
हको । लेकिन माशा लगी हमन्हीं की करिअइ ? ठीक हइ, अगर हमन्हीं बच जा हिअइ चाहे कुमक
(सेना के सहायतार्थ भेजल गेल सेना) आ जा हइ; लेकिन अगर बदमाश लोग किला पर कब्जा कर
लेइ ?"
"खैर,
तखने ..." हियाँ परी वसिलीसा इगोरोव्ना संकोच में पड़ गेलथिन आउ अत्यंत चिंतित
मुद्रा में चुप्पी साध लेलथिन ।
"नयँ,
वसिलीसा इगोरोव्ना", कमांडर बात जारी रखलथिन, ई नोटिस करके कि उनकर बात अपन असर
देखइलकइ, शायद उनकर जिनगी में पहिले तुरी । "माशा के हियाँ ठहरना ठीक नयँ । ओकरा
ओरेनबुर्ग में ओकर धर्ममाता के हियाँ भेज देते जइबइ - हुआँ परी सेना आउ तोप काफी हइ,
आउ देवाल पत्थल के । आउ तोरो हम ओकरे साथ हुएँ भेज देवे लगी चाहबो; फिकिर नयँ करऽ कि
तूँ बूढ़ी हकऽ, बल्कि एक्कर खियाल करऽ कि तोरा साथ की होतो, अगर आक्रमण करके ई किला
पर कब्जा कर लेते जइतो ।"
"ठीक
हइ", कमांडर के पत्नी कहलथिन, "अइसीं होवे, माशा के भेज देते जइबइ । लेकिन
हमरा सपनो में नयँ जाय लगी कहऽ - नयँ जइबो । बुढ़ारी में हमरा कुच्छो तोहरा से अलगे
नयँ कर सकतइ आउ अनजान जगह में अकेला कब्र खोजबइतइ । साथे जीना हइ, साथहीं मरना हइ ।"
"त
मामला तय", कमांडर कहलथिन । "लेकिन देर नयँ करे के चाही । माशा के यात्रा
के तैयारी में लग जा । बिहान भोरहीं ओकरा भेज देते जइबइ, आउ ओकरा अनुरक्षक दल (convoy) देबइ, हलाँकि हमरा हीं अतिरिक्त लोग नयँ हइ । लेकिन
माशा काहाँ हइ ?"
"अकुलिना
पम्फ़िलोव्ना के हियाँ", कमांडर के पत्नी उत्तर देलथिन । "जइसीं ऊ निझ्निओज़ेर्नाया
किला पर कब्जा के बात सुनलकइ, ओकरा गश आ गेलइ; हमरा आशंका हइ, कि कहीं ऊ बेमार नयँ
पड़ जाय । हे भगमान, कइसन दिन देखे लगी हमन्हीं जिंदा हिअइ !"
वसिलीसा
इगोरोव्ना बेटी के प्रस्थान के तैयारी करे लगी चल गेला । कमांडर हियाँ बातचीत जारी
रहलइ; लेकिन हम ओकरा में भाग नयँ लेलिअइ आउ कुछ नयँ सुनलिअइ । मारिया इवानोव्ना रात्रि
भोजन के बखत पीयर आउ रूआँसा चेहरा में प्रकट होलइ । हमन्हीं चुपचाप भोजन समाप्त करते
गेलिअइ आउ हमेशे के अपेक्षा जरी जल्दी टेबुल भिर से उठ गेते गेलिअइ; पूरा परिवार से
विदा लेके हमन्हीं अपन-अपन घर चल गेते गेलिअइ। लेकिन हम जान-बूझके अपन तलवार हुएँ छोड़
देलिअइ आउ ओकरा लेवे लगी वापिस अइलिअइ - हमरा पूर्वाभास हो रहले हल कि मारिया इवानोव्ना
हमरा अकेल्ले मिलतइ । वास्तव में ऊ हमरा दरवाजा भिर मिललइ आउ हमरा तलवार सौंप देलकइ
।
"अलविदा,
प्योत्र अन्द्रेइच !" ऊ डबडबाल आँख से हमरा कहलकइ । "हमरा ओरेनबुर्ग भेजल
जाब करऽ हइ । अपने जीवित आउ खुश रहथिन; शायद, भगमान हमन्हीं के एक दोसरा से फेर भेंट
करबइथिन; आउ अगर नयँ ..."
हियाँ
परी ऊ सिसके लगलइ । हम ओकरा गले लगा लेलिअइ ।
"अलविदा,
हमर देवदूत", हम कहलिअइ, "अलविदा, हमर प्रिये, हमर दिल के रानी ! हमरा चाहे
कुच्छो होवे, विश्वास करऽ, कि हमर अंतिम विचार आउ अंतिम प्रार्थना तोरे बारे होतो
!"
माशा
हमर छाती से चिपकके सुबक रहले हल । हम गरमाहट के साथ ओकरा चूम लेलिअइ आउ तेजी से कमरा
के बाहर हो गेलिअइ ।
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