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Wednesday, June 07, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-4 ; दृश्य-4

दृश्य-4
(ख़्लिस्ताकोव आउ पोस्टमास्टर)
पोस्टमास्टर - (वर्दी में तनके सावधान मुद्रा में हाथ में तलवार पकड़ले प्रवेश) खुद के परिचय देवे में सम्मानित अनुभव करऽ हिअइ - पोस्टमास्टर, कोर्ट काउंसिलर श्पेकिन ।
ख़्लिस्ताकोव - अपने के स्वागत हइ । हमरा प्रिय संगति बहुत पसीन हइ । बैठ जाथिन । अपने की हियाँ हमेशे रहऽ हथिन ?
पोस्टमास्टर - जी, बिलकुल सही ।
ख़्लिस्ताकोव - आउ हमरा ई शहर निम्मन लगऽ हइ । वस्तुतः, हियाँ के अबादी जादे नयँ हइ - लेकिन एकरा से की ? आखिर ई रजधानी तो नयँ हइ । सच हइ न - वास्तव में ई तो रजधानी नयँ हइ ?
पोस्टमास्टर - बिलकुल सही ।
ख़्लिस्ताकोव - जाहिर हइ कि खाली रजधानी में उच्च समाज होवऽ हइ, आउ प्रान्तीय हंस (अर्थात् गँवार) नयँ। अपने के की विचार हइ, अइसन बात हइ कि नयँ ?
पोस्टमास्टर - जी, बिलकुल सही बात हइ । (स्वगत) ई तो लेकिन कइसूँ अभिमानी नयँ हइ; सब कुछ के बारे पुच्छऽ हइ ।
ख़्लिस्ताकोव - लेकिन ई बात भी सही हइ, जे अपने स्वीकार करथिन, कि एगो छोटकुन्ना शहर में भी खुशहाल जिनगी गुजारल जा सकऽ हइ ।
पोस्टमास्टर - जी, बिलकुल सही बात हइ ।
ख़्लिस्ताकोव - हमर विचार से, की जरूरत हइ ? जरूरत हइ खाली ई बात के, कि लोग तोहरा आदर-सत्कार करइ, दिल से प्यार करइ - हइ न ?
पोस्टमास्टर - जी, बिलकुल सही ।
ख़्लिस्ताकोव - हम स्वीकार करऽ हिअइ, कि ई बात के हमरा खुशी हइ कि अपने के विचार हमर विचार से मेल खा हइ । वस्तुतः लोग हमरा विचित्र समझते जा हइ, लेकिन हमर ई स्वभाव हइ । (ओकरा आँख में आँख डालके देखते, स्वगत) ई पोस्टमास्टर से उधार काहे नयँ माँगके देखल जाय ! (प्रकट) कइसन विचित्र घटना हमरा साथ घटलइ - रस्ता में हमर सब पैसा खरच हो गेलइ । की अपने हमरा तीन सो रूबल उधार दे सकऽ हथिन ?
पोस्टमास्टर - काहे नयँ ? ई तो डाक विभाग के बहुत बड़गो खुशी के बात होतइ । जी, ई प्रस्तुत हइ । दिल से सेवा लगी तैयार हिअइ ।
ख़्लिस्ताकोव - बहुत आभार । आउ हम स्वीकार करऽ हिअइ, कि हम मर जइबइ लेकिन रस्ता में कुच्छो अस्वीकार नयँ करबइ, आउ काहे लगी ? सही बात हइ न ?
पोस्टमास्टर - जी, बिलकुल सही । (उठ जा हइ, सावधान मुद्रा में खड़ी हो जा हइ आउ तलवार हाथ में धर ले हइ) अब आउ अपन उपस्थिति से अपने के कष्ट देवे के साहस नयँ हइ ... डाक विभाग के मामले में अपने के कोय टिप्पणी ?
ख़्लिस्ताकोव - नयँ, कुछ नयँ ।
(पोस्टमास्टर आदरपूर्वक झुक जा हइ आउ बाहर चल जा हइ ।)
ख़्लिस्ताकोव - (सिगार जलइते) पोस्टमास्टर भी, लगऽ हइ, बहुत निम्मन अदमी हइ । कम से कम, सेवापरायण तो हइ । हमरा अइसन व्यक्ति पसीन पड़ऽ हइ ।

  
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