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Wednesday, June 07, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-4 ; दृश्य-5

दृश्य-5
(ख़्लिस्ताकोव, आउ लुका लुकीच, जेकरा लगभग दरवाजा से अंदर ढकेल देल जा हइ । पीछू से ओकरा लगभग साफ-साफ सुनाय दे हइ - "डरऽ हीं काहे लगी ?")
लुका लुकीच - (सावधान मुद्रा में खड़ी, लेकिन कँपते, आउ तलवार हाथ में धरले) खुद के परिचय देवे में सम्मानित अनुभव करऽ हिअइ - स्कूल इंस्पेक्टर, टिट्यूलर काउंसिलर ख़्लोपोव ।
ख़्लिस्ताकोव - अपने के स्वागत हइ ! बैठ जाथिन, बैठ जाथिन । सिगार लेथिन ? (ओकरा सिगार दे हइ ।)
लुका लुकीच - (स्वगत, हिचकिचइते) हलऽ लऽ ! एकर तो हम कइसूँ कल्पना भी नयँ कइलिए हल । लेना चाही कि नयँ ?
ख़्लिस्ताकोव - लेथिन, लेथिन; ई एगो निम्मन सिगार हइ । जाहिर हइ, ओइसन नयँ, जइसन पितिरबुर्ग में मिल्लऽ हइ । हुआँ तो, प्यारे, हम पचीस रूबल में सो सिगार पीयऽ हलिअइ, आउ जइसीं पिबहो कि अपन हाथ के चुमभो (चुमबहो) । अइकी सलाय हइ, सुलगाथिन । (ओकरा मोमबत्ती पेश करऽ हइ । लुका लुकीच सिगार जलावे के कोशिश करऽ हइ, लेकिन ऊ सिर से पाँव तक काँपऽ हइ ।) ऊ तरफ से नयँ !
लुका लुकीच - (डर से ओकर हाथ से सिगार छूट जा हइ, ऊ थूक दे हइ आउ हाथ लहरहइते, स्वगत) भाड़ में जाय ! ई अभिशप्त कायरता तो हमरा ले डूबल !
ख़्लिस्ताकोव - जइसन कि हमरा देखाय दे हइ, अपने सिगार के शौकीन नयँ हथिन । आउ हम स्वीकार करऽ हिअइ - ई हमर कमजोरी हइ । आउ औरत के मामले में तो हम कइसूँ विरक्त नयँ रह सकऽ हिअइ । आउ अपने? अपने के जादे कइसन पसीन पड़ऽ हइ - कार केश वली कि सुनहरा केश वली ?
(लुका लुकीच बिलकुल किंकर्तव्यविमूढ़ हो जा हइ कि की कहल जाय ।) नयँ, साफ-साफ कहथिन - कार केश वली कि सुनहरा केश वली ?
लुका लुकीच - हमरा तो ई बात जाने के हिम्मत नयँ करऽ हइ ।
ख़्लिस्ताकोव - नयँ, नयँ, विषय से हटके नयँ बात करथिन ! हमरा पक्का अपने के पसंद जाने के इच्छा हइ ।
लुका लुकीच - त हम बतावे के हिम्मत करऽ हिअइ ... (स्वगत) लेकिन हमरा तो खुद्दे नयँ समझ में आवऽ हके कि हम की बोल रहलूँ हँ ।
ख़्लिस्ताकोव - ओहो ! त बतावे लगी नयँ चाहऽ हथिन । शायद, कोय कार केश वली अपने पर कुछ असर डाल देलके ह । स्वीकार कर लेथिन, कइलके ह न ? (लुका लुकीच कुछ नयँ बोलऽ हइ ।) आहा ! शरमा गेलथिन! देखथिन ! देखथिन ! अपने बोलऽ हथिन काहे नयँ ?
लुका लुकीच - हम डर गेलिअइ, महा ... महि ... म ... (स्वगत) हमर अभिशप्त जीभ बरबाद कर देलक, बरबाद !
ख़्लिस्ताकोव - डर गेलथिन ? लेकिन हमर नजर में कुछ न कुछ तो जरूर हइ, जे डर पैदा करऽ हइ । कम से कम, हम ई बात जानऽ हिअइ, कि एक्को औरत एकरा सहन नयँ कर सकऽ हइ, हइ न ?
लुका लुकीच - जी, बिलकुल सही ।
ख़्लिस्ताकोव - अइकी हमरा साथ एगो बहुत विचित्र घटना घट गेलइ - रस्ता में हमर पाकिट बिलकुल खाली हो गेलइ । की अपने हमरा तीन सो रूबल उधार दे सकऽ हथिन ?
लुका लुकीच - (अपन जेभी टटोलते, स्वगत) अइकी हइ, नयँ ! हकइ, हकइ ! (जेभी से निकासऽ हइ आउ काँपते हाथ से नोट दे हइ ।)
ख़्लिस्ताकोव - हार्दिक धन्यवाद ।
लुका लुकीच - (तनके खड़ी होवऽ हइ आउ तलवार हाथ में लेते) अपन उपस्थिति से हम अपने के आउ कष्ट देवे लगी हिम्मत नयँ करऽ हिअइ ।
ख़्लिस्ताकोव - अलविदा ।
लुका लुकीच - (लगभग दौड़ते बाहर जा हइ आउ स्वगत) हे भगमान ! आशा हइ, क्लास में नयँ हुलकतइ !

  
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