विजेट आपके ब्लॉग पर

Tuesday, June 16, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 17


[*105]
17. फेर से ओस्त्रोगोझ्स्क में
माय के हमर (घर आवे के) आशा नञ् हलइ आउ ओहे से जादहीं खुश होलइ। हम ओकरा, हमेशे नियन, बहुत चिंतित देखलिअइ। हमर मामूली तनख्वाह, ओकरा हीं पहुँचला पर, हमेशे तेजी से समाप्त हो जा हलइ, आउ ओकरा अगला भुगतान तक खुद के परिश्रम से कमाय पड़ऽ हलइ। अब हम जेभी में तीस रूबल के साथ वापिस अइलिए हल, आउ ओकर मिल्ले के खुशी ई तरह से ओकरा लगी आर्थिक राहत से भी आउ बढ़ गेलइ। ई रकम हमरा कुछ आराम करे आउ नया काम खोजे के पहिले आसपास घुम्मे-फिरे के अवसर भी देलकइ।
ओस्त्रोगोझ्स्क के दोस्त लोग भी हमर गरमजोशी के साथ स्वागत करते गेलइ। लेकिन खाली ओकन्हीं के संख्या कम हो गेले हल, पूरे मिलिट्री कर्मचारीवर्ग (personnel) से। मास्को ड्रगून रेजिमेंट, जेकरा से हम एतना घुल-मिल गेलिए हल, दोसर शहर में स्थानान्तरित हो गेले हल, आउ ओकर स्थान पर हमन्हीं हीं  कार्गोपोल रेजिमेंट के नियुक्त कइल गेले हल। ई डिविजन के कमांडर जेनरल ज़ग्रियाझ्स्की हलथिन, आउ उनकर स्टाफ में से केकरो साथ हमरा परिचय नञ् हलइ। लेकिन शहर के सब्भे दोस्त लोग हलइ।
यात्रा के थकान दूर हो गेला के बाद हमरा अब सोचे के हलइ कि आगू कइसे जीयल जाय आउ परिवार के भरण-पोषण कइसे कइल जाय। लेकिन नयका चीज के बारे हम कीऽ सोच सकऽ हलिअइ, सिवाय पहिलौका कोल्हू के बैल नियन अध्यापन काम करे के? ओहे काम हम फेनुँ पकड़लिअइ। भाग्यवश, न तो शिष्य लोग आउ न ओकन्हीं के माता-पिता हमरा भुललथिन हल आउ अब, जबकि हम लौट गेलिए हल, असानी से हमर येलेत्स के प्रवास के माफ कर देते गेलथिन हल। पहिलौका शिष्य में से बहुत कम्मे हमरा से दूर गेले हल, आउ ओकन्हीं के बदले आउ जादहीं लोग नया आ गेले हल। जल्दीए एतना शिष्य एकत्र हो गेते गेलइ कि हम अपन घरवे में स्कूल खोल देलिअइ। हम मन लगाके काम कइलिअइ। माय हमरा बिन थकले मदत करऽ हलइ, आउ हमन्हीं, अपन मर्यादित आवश्यकता के चलते, खुद के लगभग संतुष्ट समझऽ हलिअइ। हाँ, खाली हमन्हीं पर कोय नयका विपत्ति नञ् आ गेला पर!
हमरा, निस्संदेह, शहर के प्राधिकारी लोग के बड़गो संरक्षण प्राप्त हलइ, लेकिन हमर परिस्थिति, तइयो, डाँवाडोल हलइ। लोग हमरा खाली बरदास करऽ हलइ, आउ हमरा, सच कहल जाय तो, पढ़ावे के कोय अधिकार नञ् हलइ, आउ स्कूल चलावे के बतिए दूर हलइ। आउ अभी तक हम बच गेलिए हल, त ई खाली कइसनो परिस्थिति में कानून के उल्लंघन करे के हमर समाज के अन्तर्निहित तैयारी के कारण संभव होलइ। लेकिन कउनो पल दोसर शक्ति प्रकट हो सकऽ हलइ, ओकर शत्रु, जे अभी तक हमरा समर्थन कइलके हल, आउ एक्के धक्का में हमर क्षुद्र समृद्धि के पलट सकऽ हलइ। खुद हमर सफलता एकरा शीघ्र संपादित कर सकऽ हलइ, आउ वास्तव में अइसहीं होलइ।
स्कूल इंस्पेक्टर, फ़िरोन्स्की, आउ उनकर बेटा निकान्द्र, जिला स्कूल के निम्न श्रेणी के क्लास में शिक्षक, जइसन कि हम पहिलहीं बता चुकलिए ह, हमर उत्तम मित्र में से एक हलथिन, आउ उनकन्हीं तरफ से हमरा कोय डर नञ् हलइ। लेकिन पूरा स्कूल स्टाफ उनकन्हिंएँ से तो समाप्त नञ् हो गेले हल, आउ सरकारी शिक्षक लोग में अइसनो हलथिन, जे अप्पन क्षेत्र में हम्मर दखलंदाजी के प्रति कम सहनशील हलथिन। उनकन्हीं में से एगो हमरा तरफ विशेष रूप से तिर्यक् दृष्टि से देखऽ हलइ। [*106] हमर प्रतियोगिता ओकरा अपमानजनक लगलइ, आउ हमर सफलता ओकरा में पित्त (bile) बढ़ा देलकइ। ऊ गुप्त रूप से बहुत पहिलहीं से हमरा पर गोसाल हलइ आउ स्पष्ट रूप से पहिले तुरी हमरा विरुद्ध कार्रवाई करे के अवसर धर लेलकइ।
जिला स्कूल में वार्षिक दीक्षान्त समारोह होलइ। अइसन अवसर पर रिवाज के अनुसार नियमित भाषण हमर प्रतियोगी दे हलइ। ऊ विषयवस्तु चुनलकइ शिक्षा के विभिन्न विधि। अपन विषय के विस्तार करते, ऊ अचानक अहम्मन्य शिक्षक लोग के विरुद्ध द्वेषात्मक भर्त्सना भाषण (philippics)  पर उतर अइलइ, "भगमान जाने काहाँ से आवारा लोग प्रकट हो जा हइ, जे धृष्टतापूर्वक सरकारी शिक्षक लोग के रैंक में सेंध मारऽ हइ आउ खाली सज्जन लोग के मूर्ख बनावऽ हइ", आदि, आदि, अइसन-अइसन पारदर्शक संकेत से कि दोषारोपित व्यक्ति के पहचान केकरो लगी रहस्य नञ् रहलइ। वक्ता, स्पष्टतः, हमरा डेरावे लगी चाहऽ हलइ आउ सार्वजनिक विचार में हमरा नीचा देखावे लगी।
लेकिन ओकर भाषण के, ओकर आशा के विपरीत, बिलकुल दोसरे प्रभाव पड़लइ। एकरा अशिष्ट मानल गेलइ, आउ द्वेष के शिकार के रूप में हमरा लगी खेद प्रकट कइल गेलइ। हम खुद बहुत दुखी हो गेलिअइ, लेकिन अपन अपमान से ओतना नञ्, जेतना ऊ कटु सत्य के बोध से, जे ई प्रसंग के अवसर देलके हल। कीऽ हिअइ हम वास्तव में, अगर आवारा आउ छद्मवेषी नञ् हिअइ, ऊ समाज में, जाहाँ परी ऊ, हमर प्रतिद्वन्द्वी - समान सदस्य आउ बौद्धिक हित के कानूनी तौर पर प्रतिनिधि हइ? नञ्, ओकरा दोष देवे के नञ् चाही, बल्कि हमर बदकिस्मती के! ई सब कुछ हम गम्भीरतापूर्वक अनुभव कइलिअइ आउ ऊ लोग के समझावे के प्रयास कइलिअइ, जे हमरा प्रति, जे कुछ घटले हल, ओकरा लगी खेद प्रकट कइलथिन।
लेकिन हम ई विचार से केतनो अभिभूत काहे नञ् रहिअइ, हम, लेकिन, प्रहार के अधीन नम्रतापूर्वक अपन सिर झुका नञ् सकलिअइ। हमरा खुद लगी आउ हमर नगीच लोग लगी संघर्ष करना उचित हलइ। हमरा प्रति ओस्त्रोगोझ्स्क समाज के पूरा सहानुभूति के बावजूद ई घटना के हमरा लगी दुखद परिणाम हो सकऽ हलइ। शिक्षक के भाषण, परंपरागत प्रक्रिया के अनुसार, निदेशालय (directorate) के हियाँ पठावल गेलइ। हुआँ परी एकरा एगो गुप्त दोषारोप समझल गेलइ आउ कानूनी कार्रवाई हो सकऽ हलइ, जेकरा चलते खाली हमरे लगी समस्या नञ् होते हल। हो सकऽ हलइ कि वृद्ध फ़िरोन्स्की के अपन उदार सहिष्णुता खातिर परिणाम भुगते पड़ते हल। दोहरा विपत्ति के रोके के हलइ। हमर हितैषी लोग हमरा वोरोनेझ जाय के आउ हाल में नियुक्त स्कूल निदेशक, प्योत्र ग्रिगोरियेविच बुतकोव, के साथ व्यक्तिगत रूप से चर्चा कर लेवे के परामर्श देलथिन। ई बात पर विशेष रूप से जोर देलथिन हमन्हीं के आदरणीय अभिजातवर्ग के नायक (leader of the nobility), वसिली तिख़ोनोविच लिसानेविच, हमर संरक्षक लोग के बीच सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति। ऊ पितिरबुर्ग में बुतकोव के जानऽ हलथिन आउ उनका साथ दोस्ताना रिश्ता भी हलइ। हमरा अब उनका हीं भेजते बखत, ऊ हमरा अनुशंसा पत्र देलथिन, जेकरा में दिल खोलके प्रशंसा कइलथिन हल।
नयका निदेशक के बारे निम्मन अफवाह हलइ। कहल जा हलइ कि ऊ बुद्धिमान, शिक्षित आउ राजधानी में बड़गो संबंध वला व्यक्ति हइ। एकरा से हमरा साहस बन्हलइ, लेकिन तइयो हम उनका भिर डरते-डरते गेलिअइ।
नायक के पत्र पढ़ते बखत बुतकोव हमरा दने सरसरी निगाह डललथिन। हमर सरल बाह्याकृति, शायद, उनका में संशय नञ् उत्पन्न कइलके होत, आउ लिसानेविच के सिफारिशपत्र अपन प्रभाव देखइलकइ। प्योत्र ग्रिगोरियेविच हमरा से प्यार से बात कइलथिन, आउ सहानुभूतिपूर्वक हमर परिस्थिति के बारे बहुत कुछ पुछलथिन, कि हम खुद काहाँ पढ़लिए हल आउ अभी कइसे दोसरा लोग के पढ़ावऽ हिअइ। हमरा मुक्त करे बखत बोललथिन –
[*107] "हम तोहरा अध्पापन कार्य हेतु औपचारिक लिखित अनुमति नञ् दे सकऽ हियो। लेकिन, किरपा करके, शांत हो जा आउ पहिलहीं नियन पढ़ाना जारी रक्खऽ। हम खुद जल्दीए अपन निदेशालय क्षेत्र के निरीक्षण करे के तैयारी कर रहलियो ह, ओस्त्रोगोझ्स्क में अइबो, तब व्यक्तिगत रूप से तोहर मामला के ई तरह निपटइबो कि भविष्य में आउ तोरा चिंता करे के बात नञ् रह जइतो। अपन मित्र, लिसानेविच, के हम खुद लिखबो, आउ तूँ घर जा, ईश्वर तोहरा सहारा दे आउ फ़िरोन्स्की के ऊ सब कुछ बता देहो, जे कुछ तूँ हमरा से सुनलऽ।"
दू महिन्ना बाद बुतकोव वास्तव में ओस्त्रोगोझ्स्क अइलथिन। उनका हमरा बारे एकमत से याचिका दायर कइल गेलइ। एकरा अलावे, उनका सामने नागरिक लोग के हमर चरित्र आउ आचरण के बारे सामान्य आदर के प्रमाण के रूप में एगो औपचारिक दस्तावेज प्रस्तुत कइल गेलइ। “फलना-फलना”, दस्तावेज में लिक्खल हलइ, “सब मामले में खुद के एगो ईमानदार, उदार, हर तरह के ध्यान आउ प्रशंसा के योग्य व्यक्ति प्रमाणित कइलके ह, आउ एगो क्रिश्चियन आउ नागरिक के पवित्र कर्तव्य के पालन में सार्वत्रिक विश्वास के पात्र हइ। प्रदत्त 11 दिसम्बर, 1821”। एकर बाद लोग के हस्ताक्षर हलइ।
ई दस्तावेज के हम अभियो तक भलमानस लोग के प्रति हार्दिक कृतज्ञता के साथ संजोगले हिअइ, जेकन्हीं विपत्ति में नञ् खाली हमर साथ नञ् छोड़लथिन, बल्कि आदरपूर्वक एकरा से बाहर भी लइलथिन।
सबसे जादे दौड़धूप लिसानेविच आउ फ़िरोन्स्की कइलथिन। लेकिन, निदेशक भी कोय कष्ट नञ् देलथिन। स्कूल इंस्पेक्टर के हैसियत से फ़िरोन्स्की के, भविष्य में हमरा स्कूल में अध्यापन कार्य में बाधा नञ् डाले के एगो सार्वजनिक आदेश मिललइ। भलमानस वृद्ध के, मामला के अइसन फेरा से, हार्दिक खुशी होलइ।
निस्संदेह, ई नञ् कहल जा सकऽ हइ कि ई सब कुछ कानूनी तौर पर बिलकुल वैध हलइ, लेकिन तइयो ई अपराध नञ् हलइ। कानून के शब्द के उल्लंघन वर्तमान परिस्थिति में समाज के कोय हानि नञ् पहुँचावऽ हलइ, बल्कि एगो निजी बुराई के हटा देलके हल। कइएक साल बाद भाग्य फेर से हमरा आउ प्योत्र ग्रिगोरियेविच बुतकोव के साथ कर देलकइ - आउ काहाँ परी? विज्ञान अकादमी के देवाल के अन्दर, जाहाँ हमन्हीं सदस्य हलिअइ आउ अगल-बगल भी बैठऽ हलिअइ। ऊ तब बहुत वृद्ध हो चुकलथिन हल आउ शुरुआत में हमरा में पछान नञ् पइलथिन ऊ निर्धन पंखहीन (अनुभवहीन) युवक के, जे कभी उनका भिर याचिका-दाता (petitioner) के रूप में उपस्थित होले हल। हम उनका उनकर उदार काम के बारे आद देलइलिअइ, आउ हमन्हीं बीच घनिष्ठ मित्रता हो गेलइ, जे उनकर निधन तक समाप्त नञ् होलइ। 
हमरा नञ् मालुम कि तब लोग अधिक दयालु हलइ, अथवा भाग्य, ऊ बुराई के संतुलित करे के इच्छा से, जे हमर सामाजिक स्थिति के बुनियाद में हलइ, दोसर लोग के अपेक्षा जादे अकसर हमरा ओइसन (भलमानस) लोग से मिला दे हलइ, खाली ओकन्हिंएँ के वास्तव में खास करके हमरा से पाला पड़ जा हलइ - कम से कम हमर युवावस्था में। त अइकी ओहे हमर उत्पीड़क (persecutor), जे हमन्हीं के परिचय के शुरुआत में हमरा एतना कष्ट देलके हल, बिलकुल दोसर प्रकाश में देखावे में देरी नञ् कइलकइ। ईमानदार, बुद्धिमान आउ सामान्यतः सदाचारी, लेकिन अभिमानी आउ असहनशील, ऊ व्यक्ति हार्दिक रूप से हमरा एगो अहम्मन्य ढोंगी (self-styled charlatan) समझऽ हलइ, समाज लगी हानिकारक। जब आश्वस्त हो गेलइ कि ओकरा गलतफहमी हइ, त ऊ स्वेच्छा से अपन गलती स्वीकार कर लेलकइ आउ स्वयं अपन हाथ हमरा दने बढ़इलकइ। हियाँ तक कि ऊ हमर पक्का समर्थक हो गेलइ, आउ इंदे (आइन्दा) न तो शब्द से आउ न कर्म से हमरा हानि पहुँचावे के प्रयास कइलकइ। ई तरह, हमरा छुटकारा मिल गेल ऊ एकमात्र दुश्मन से, जे ओस्त्रोगोझ्स्क में हल।
हाँ, हमरा दुश्मन से छुटकारा मिल गेलइ आउ दुविधाजनक स्थिति पर विजय प्राप्त कर लेलिअइ - लेकिन केतना समय लगी? हमरा ई विचार सता रहले हल कि कानून अभियो हम्मर पक्ष में नञ् हइ आउ आज नञ् तो कल फेर से नया आकस्मिक [*108] द्वेषात्मक घटना के शिकार हो सकऽ हिअइ। आउ एहे केस, जेकर अस्थिरता के बारे शोक मनइलिअइ, कीऽ वास्तव में ई हमरा संतुष्ट कइलकइ? हम खुद के आउ अपन परिवार के भरण-पोषण खातिर निष्ठापूर्वक परिश्रम करऽ हलिअइ, लेकिन ई खाली हमर कर्तव्य हलइ, आउ जिनगी भर के लक्ष्य आउ मिशन नञ् हलइ। ई बेड़ी से निकसे के प्रयास आउ आखिरकार ठोस जमीन पर खड़ी होना लगातार अधिकाधिक दुर्निवार होते जा रहले हल। स्वतंत्रता, ज्ञान, क्रियाकलाप के विस्तार के प्रति उत्कट अभिलाषा कभी-कभी हमरा शारीरिक कष्ट के हद तक अभिभूत कर दे हलइ। तब हृदय अभिलाषा में मग्न हो जाय, सिर चकराय लगइ, बाहर प्रकाश में आवे खातिर जोर लगावे में। आउ उपाय हलइ, जेकरा में हमरा शंका नञ् हलइ, आउ ई चाहे केतनो विचित्र लगइ, लेकिन जइसे-जइसे अधीरता हमरा जकड़ते जाय, ओइसीं-ओइसीं हमर आशा भी बढ़ते जाय - कउची लगी? हमरा एकर कुच्छो स्पष्टीकरण समझ में नञ् आवऽ हलइ, लेकिन हमेशे ई आशा करऽ हलिअइ कि जरूर कुछ न कुछ होतइ आउ हमरा सही रस्ता पर ले जइतइ। एक शब्द में, हम, जइसन कि कहल जा हइ, अपन सितारा पर विश्वास करऽ हलिअइ - आउ विश्वास करऽ हलिअइ पागलपन तक के दृढ़ता से। हाँ अइकी, हम सोचलिअइ, अगर नैपोलियन, मिलिट्री स्कूल में रहतहीं, केकरो कहते हल कि ऊ (एक दिन) सम्राट् बन्ने के आशा करऽ हइ, त ओकरा, निस्संदेह, पागलखाना भेज देल जइते हल। हम नैपोलियन नञ् ही, लेकिन तइयो हमर दावा तो जादे मामूली हइ। हम कोय ताज के बारे सपना नञ् देखऽ हिअइ, बल्कि खाली यूनिवर्सिटी बेंच के बारे - एहे खाली हमरा लगी हमर सितारा के किरण में चमकऽ हइ, खाली एकरे तरफ हमर सब विचार निर्देशित (directed) हइ ...
लेकिन अभी तो हमरा पर दू गो जुआ (yokes) भार डाल रहले हल, एगो दोसरा के अपेक्षा जादे - भूदासत्व (serfdom) आउ गरीबी के जुआ। एकरा कइसे उतारल जाय? कइसे सबसे पहिले वांछित स्वतंत्रता उपलब्ध कइल जाय? खाली अपन सितारा पर विश्वास करना काफी नञ्, हम खुद के दृढ़तापूर्वक कहलिअइ - कुछ करे के चाही, प्रकाश में आगू जाय के चाही, जेकरा से ऊ (सितारा) पुकार रहल ह। आउ हमर दिमाग में एगो वहशी विचार अइलइ। हम बुराई के जड़ से उखाड़ देवे के निश्चय कइलिअइ, आउ ई - ओकर सहायता से, जेकर हाथ में हमर भाग्य हलइ। संक्षेप में, हम काउंट के लिक्खे के निर्णय कइलिअइ आउ उनका से स्वतंत्रता के निवेदन कइलिअइ, ई लगी कि हम अपन शिक्षा पूरा कर सकिअइ, जेकर मूल (प्रारम्भ) ऊ ठीक एहे पत्र में देख सकऽ हथिन।
हम कह नञ् सकऽ हिअइ कि अइसन कइला से हम गंभीरतापूर्वक सफलता में विश्वास करऽ हलिअइ। हमरा लगऽ हइ, हम खाली अपन अन्तरात्मा के संतुष्टि खातिर अइसन कइलिअइ। हम अनुभव करऽ हलिअइ कि हम अपन नाव के आकस्मिकता के अथाह समुद्र में उतार रहलिए ह आउ एकरा अलावे खाली "भाग्य भरोसे" अइसन कर रहलिए ह। सफलता के हमर दुर्बल साक्ष्य काउंट के उदारता आउ उनकर अल्पवयस्कता के बारे अफवाह पर आधारित हलइ। अल्पवयस्कता के कारण उनका अभियो कठोर बन्ने के अवसर नञ् मिलले होत, अइसन हम खुद के सांत्वना देलिअइ। उनकर उत्तम लालन-पालन साम्राज्ञी मारिया फ़योदोरोव्ना जइसन एगो उदार विशिष्ट व्यक्ति के निरीक्षण में होले ह। ऊ मानविकी (humanities) आउ इतिहास के अध्ययन कइलथिन हँ; निस्संदेह, ओकरा से कुलीनता, उदारता के पाठ प्राप्त कइलथिन होत, आउ उनका अपन प्रसिद्ध वंश के उत्तराधिकारी के रूप में अपन उच्च महत्त्व के बोध होतइ। अइसन नञ् हो सकऽ हइ कि ई सब कुछ उनका उदारहृदय नञ् बनइलके होत आउ अइसन व्यक्ति के प्रति सहानुभूति खातिर सक्षम नञ् कइलके होत, जे खुद के शिक्षित करे खातिर स्वतंत्रता के माँग कर रहले ह। आउ कइसन आर्थिक हानि उनका अपन अधीन डेढ़ लाख लोग में से एगो महत्त्वहीन लड़का के स्वतंत्र कर देला पर होतइ? अन्त में हम काउंट के निवेदन कइलिअइ कि हमरा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होवे के अनुमति देल जाय ताकि हम मौखिक रूप से विस्तार से अपन मामला के उनका भिर प्रस्तुत कर सकिअइ।
लेकिन काउंट शेरेमेतेव, जइसन कि हमरा बाद में पता चललइ, बहुत संकीर्ण-हृदय (narrow-minded) हलथिन। ऊ सब कुछ, जे हम उनका से आशा कर सकऽ हलिअइ, बिन कोय आदर्शवाद में गेले, [*109] उनका लगी पहुँच के बिलकुल बाहर हलइ। उनका सबसे सामान्य शिष्टाचार भी मालुम नञ् हलइ, जे शिक्षित लोग के बीच आउ उनकर स्थिति में कभी-कभी सफलतापूर्वक मन आउ दिल के आउ अधिक टिकाऊ गुण विकसित कर ले हइ। उनका बहुत आउ निम्मन से पढ़ावल गेलइ, लेकिन ऊ कुछ नञ् सीख पइलथिन। कहल जा हलइ कि ऊ उदार हथिन। वस्तुतः ऊ न तो उदार हलथिन आउ न अनुदार - ऊ कुछ नञ् हलथिन आउ अपन नौकर लोग के वश में हलथिन, आउ साथी, अश्व गार्ड रेजिमेंट के अफसर लोग के भी, जेकरा में ऊ सेवा में हलथिन। उनकर नौकरवन बेशर्मी से उनका लुट्टऽ हलइ; दोस्त लोग ओहे करऽ हलइ, लेकिन शिष्टाचार के साथ - ओकन्हीं फिजूलखर्ची करऽ हलइ आउ जुआ आदि में पैसा हार जा हलइ आउ उनका अपन करजा चुकावे लगी जबरदस्ती करऽ हलइ।
खुद काउंट अत्यंत विरक्त व्यक्ति हलथिन आउ अपन सम्पत्ति के आनन्द उठावे के भी योग्य नञ् हलथिन। उनकर व्यक्तिगत फिजूलखर्ची के एक्के केस मालुम हइ। उनका एगो नर्तकी इस्तोमिना के साथ घनिष्ठ संबंध हलइ, आउ ओकरा पर, जइसन लोग कहऽ हइ, तीन लाख रूबल खर्च होले हल। लेकिन ई रकम नगण्य हलइ ओकर तुलना में, जे उनका हीं से उनकर संबंधी लोग चोरा लेलके हल। आखिरकार, उनकर अपार सम्पत्ति भी डाँवाडोल हो गेलइ। एकरा बारे अफवाह उनकर उच्च संरक्षिका के पास पहुँचलइ, आउ ऊ उनकर काम के प्रबंधन के कउनो ईमानदार आउ बुद्धिमान प्रशासक के सौंपे लगी काउंट के समझइलथिन। अइसन एक व्यक्ति मिल गेलइ - त्सार्स्कए सेलो लाइकियम (Tsarskoye Selo Lyceum) के भूतपूर्व प्रोफेसर आउ बाद में विदेशी धर्म विभाग के निदेशक कुनित्सिन। चयन सफल रहलइ। काउंट के नयका विश्वासपात्र (मुखतार) उनकर सम्पत्ति पर के बड़गो करजा के भुगतान कर देलकइ आउ फालतू खरचा के बहाव के रोक देलकइ। दुर्भाग्यवश, ओकर मौत ओकर निम्मन से शुरू कइल काम के अन्तिम रूप देवे में बाधा डाल देलकइ। लेकिन तइयो मुख्य काम हो चुकले हल आउ काउंट के सम्पत्ति बच गेलइ।
एकरा अलावे, कुनित्सिन एगो वैज्ञानिक आउ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानल जा हइ।
दू महिन्ना गुजर गेलइ। पत्र के कोय जवाब नञ्। हम दोसरा तुरी लिखलिअइ। तब निर्णय पहुँचलइ, जे हमरा 17 जनवरी 1821 के उनकर अलिक्सेयेव्का पैतृक जायदाद के प्रशासन के माध्यम से सूचित कइल गेलइ। ई हमरा निर्णायक दृढ़ता से स्तब्ध कर देलकइ - "ध्यान के योग्य नञ्" (not worthy of attention)। बस एतने हमर उपलब्धि हलइ।
आउ ई तरह, हमर भाग्य के, प्रतीयमानतः, हमेशे लगी निर्णय हो गेलइ। लग सकऽ हलइ, कइसे हतोत्साह नञ् होल जाय? लेकिन हम अपन प्रयास से आउ कुछ दोसर के आशा नञ् कइलिए हल। विफलता से हमरा दुख होलइ, लेकिन हमर आशा के बिलकुल समाप्त नञ् कइलकइ। हमर मानवीय गुण के गौरवपूर्ण बोध में, हमरा विश्वास नञ् हो रहले हल कि हमरा वास्तव में हमेशे लगी दोसर व्यक्ति के हाथ में रहे के बद्दल होतइ, आउ ओहो बौद्धिक आउ नैतिक रूप से तुच्छ व्यक्ति के हाथ में। वास्तविक विफलता, हमर आंतरिक आवाज हमरा फुसफुसइलइ, अभी नञ् हइ, हमर भाग्य के ई अंतिम शब्द नञ् हो सकऽ हइ, मतलब, अभियो समय नञ् अइले ह एकरा से मुक्ति के अंतिम उपाय के। सम्पूर्ण शक्ति अब हमर दोसर आदर्श वाक्य में हइ - "धैर्य बुद्धिमानी हइ"। हम आशा के सम्पूर्ण समाप्ति तक सहन करते रहबइ, विश्वास के सम्पूर्ण समाप्ति तक ...
ई सब विचार से प्रेरित होल, हम हमेशे उत्तेजना में जीयऽ हलिअइ, जेकर चकाचौंध में हम दिन-रात यूनिवर्सिटी के कल्पना करऽ हलिअइ - वस्तुतः पितिरबुर्ग के - प्रकाश से चमकते मन्दिर के रूप में, जाहाँ परी शांति आउ सत्य रहऽ हइ ...
[*110] लेकिन हमर बाह्याकृति में कुच्छो हमर गुप्त यातना आउ महत्त्वाकांक्षी कामना नञ् देखाय दे हलइ। देखे में हम एगो सरल शिक्षक लगऽ हलिअइ, मानुँ अपन अवांछनीय भाग्य के साथ समझौता कर लेलिए हल। खाली डायरी हमर विश्वासपात्र हलइ। अब एकर पन्ना पलटते, हम एकरा में जबरदस्ती रोकल आँसू के केतना संकेत पावऽ हिअइ, आउ तइयो जीवन-शक्ति (vitality) के कइसन बहुलता, अच्छाई आउ सत्य के अनिवार्य विजय में विश्वास! ई अन्तिम (अर्थात् सत्य) अनुभव के साथ मुठभेड़ से जरी कमजोर पड़ गेलइ, लेकिन ओहे अनुभव, समय के साथ, एकरा फेर से जीवित कर देलकइ, एगो दोसर, शुद्ध रूप में - लेकिन अब हमन्हीं के लौकिक आवश्यकता के व्यवहार में नञ्, बल्कि सत्य आउ अच्छाई के ऊ शाश्वत, निर्विवाद कानून के, जेकर स्रोत पृथ्वी के सीमा के बाहर हइ।
हमर (अध्यापन) कार्य पहिलहीं नियन चल रहले हल। हमर स्कूल फूल-फल रहले हल, आउ हमरा पहिलहीं नियन ओस्त्रोगोझ्स्क के नागरिक लोग के अनुग्रह मिल रहले हल। सबसे अकसर हम फ़िरोन्स्की आउ दोलझिकोव के हियाँ भेंट करे जा हलिअइ, आउ स्त्सेपिन्स्की आउ लिसानेविच के हियाँ भी। हम शब्द के सम्पूर्ण अर्थ में उनकन्हीं के अदमी हलिअइ। अस्ताफ़्येव भी हमरा कम नञ् प्यार करऽ हलथिन, जब ऊ शहर में आवऽ हलथिन। ऊ हमन्हीं के मंडली में एगो नया जीवन डाल दे हलथिन। लगभग एहे समय में एकरा में एगो नया सदस्य जुड़ गेले हल, जे एकरा में अन्तिम स्थान नञ् रक्खऽ हलइ। ई हलथिन हाल में हमन्हीं हीं नियुक्त कइल ओस्त्रोगोझ्स्क के मेयर, गाव्रिलो इवानोविच चिकमारेव। ऊ कभी तो मिलिट्री सेवा में हलथिन आउ अभियान में भाग लेलथिन हल, जेकर गोवाही दे हलइ उनकर चेहरा पर के तलवार के प्रहार के गहरा घाव। लेकिन ऊ, सन् 1812 के (नैपोलियन के आक्रमण के) कइएक साल पहिले, मेजर के रैंक से सेवानिवृत्त हो चुकलथिन हल।
गव्रिलो इवानोविच (चिकमारेव) सांसारिक (अर्थात् चर्च से बाहर के) शिक्षा प्राप्त कइलथिन हल। उनका अपन पुरनका कुलीन परिवार के गौरव हलइ, आउ उनकर धन-सम्पत्त के खाली दयनीय होल स्थिति उनका एगो जिला स्तर के शहर के मेयर के सामन्य भूमिका स्वीकार करे पड़ले हल। एकरा अलावे, उनका आउ बड़गो दुख हलइ - अत्यन्त प्रिय पत्नी के बेमारी। चिकमारेव परिवार में दू बुतरू हलइ। ओकरा में से बड़का, सात साल के वान्या, जल्दीए हमर शिष्य लोग के बीच जगह ले लेलकइ।
गव्रिलो इवानोविच के एगो विशेष गुण हलइ, जे लगभग विश्वास करे के सीमा से बाहर के हलइ, मतलब - एगो मेयर के हैसियत से, आउ ओहो एगो स्पष्टतः धनी शहर में, ऊ घूस बिलकुल नञ् ले हलथिन। ई दौरान ऊ (सालाना) कुल तीन सो रूबल वेतन पावऽ हलथिन आउ नाम मात्र के आमदनी अपन दयनीय होल तम्बोव के खोंथा (जायदाद) से। ई तरह, उनका मोसकिल से गुजारा होते हल, अगर ओहे अद्वितीय ओस्त्रोगोझ्स्क समाज के लोग उनकर सहायता खातिर आगू नञ् अइते हल। ई समाज चिकमारेव के हार्दिक निष्ठा से कइल आउ स्वार्थहीन सेवा के प्रशंसा कइलकइ, आउ सरकारी वेतन के अतिरिक्त उनका लगी पूरक वेतन निश्चित कइलकइ, निस्संदेह, बिन कोय कार्यालयीन औपचारिकता के। शहर, ई तरह, अपन मेयर के लायक साबित होलइ। दुन्नु घनिष्ठ मैत्री के साथ रहलइ आउ एक दोसरा के सहारा देलकइ।
चिकमारेव हमरो गरमजोशी के साथ सहारा देलथिन। शुरुआत में उनकर घर में शिक्षक के रूप में आमंत्रित, हम जल्दीए हुआँ सामान्य रूप से प्रिय हो गेलिअइ। खुद मेयर, उनकर पत्नी आउ बुतरुअन हमरा साथ रिश्तेदार नियन व्यवहार करते जा हलथिन। हम उनकन्हीं से कुच्छे कदम के दूरी पर रहऽ हलिअइ आउ हमरा नञ् मालुम, केक्कर घर जादे हम्मर हलइ - उनकन्हीं के, कि हमर अप्पन।
[*111] चिकमारेव के हमन्हीं हीं नियुक्ति के पहिले निम्नलिखित घटना घटलइ। उनकर पहिले ओस्त्रोगोझ्स्क के मेयर हलइ ग्रिगोरी निकोलायेविच ग्लिनका, सेहो सेवानिवृत्त मिलिट्री के व्यक्ति। लेकिन ई बेलगाम प्रकृति के हलइ। अपन भाय, नामी सिर्गेय आउ फ़्योदर ग्लिनका, के संरक्षण के दुरुपयोग करके, ऊ छोटगर आउ गरीब नागरिक लोग के साथ व्यवहार करे में संयम नञ् बरतऽ हलइ, अपन भाषा आउ हाथ के प्रयोग में बिलकुल स्वेच्छाचारी हलइ, क्रूरतपूर्वक ओकन्हीं से घूस ले हलइ आउ अन्त में शहर के अधिकतर भाग के आग लगा देलकइ। ई अइसे घटलइ।
एगो दयनीय झोंपड़ी के मालिक व्यापारी के हियाँ से घूस के बड़गो रकम उगाहे लगी, ऊ ओकरा पर जोर डललकइ, रेजिमेंट के बेकरी खातिर अपन झोंपड़ी देवे के आदेश देलकइ। एगो छोटका घर, निस्संदेह, लकड़ी के बन्नल, सरपत से छारल हलइ आउ शहर के केन्द्र में हलइ। लेकिन बेकरी के भट्ठी में लगातार आउ तीव्र गति से ईंधन डाले के जरूरत हलइ। शहर के घनी आबादी वला भाग में बेकरी स्थापित करना कानूनन बिलकुल मना हलइ। लेकिन हमन्हीं के ई साहसी मेयर लगी कानून के कीऽ अर्थ हलइ!
गरमी के दिन हलइ। सूखा हलइ। घर में भट्ठी कभियो बन्द नञ् रहऽ हलइ। गरीब मालिक के कोय शांति नञ् हलइ, ई आशंका में कि अइकी अब ई भड़क उठतइ, आउ तब न तो ओकरा लगी भला होतइ आउ न पड़ोसी लगी। ऊ आँसू भरल आँख से मेयर के अपन घर से बेकरी के आउ अधिक सुरक्षित जगह हटावे के निवेदन कइलकइ। ऊ, शायद, सहमत हो गेलइ, लेकिन घूस के अइसन शर्त पर, जे निश्चित रूप से घर के गरीब मालिक के वश के बाहर हलइ। दिन पर दिन भट्ठी अधिकाधिक गरम होते गेलइ, आउ आखिरकार, फूट भड़क उठलइ - बेकरी में वास्तव में आग लग गेलइ। आधा ग्रीष्म ऋतु गुजरले हल, दिन गरम हलइ, लेकिन हवा चल रहले हल। आग तेजी से पड़ोस के मकान में फैल गेलइ आउ धारा नियन शहर के स्ट्रीट सब में पसर गेलइ। हमन्हीं हीं आग बुतावे के दमकल खाली चार गो क्षतिग्रस्त पाइप तक सीमित हलइ। निवासी लोग आग बुतावे के मामले में कुछ नञ् कर पइलकइ, जे अन्त में निमनकन स्ट्रीट पर के तीन सो घर से जादहीं के बरबाद कर देलकइ। ओस्त्रोगोझ्स्क के निमनका एक तिहाई खंडहर के ढेर में बदल गेलइ, जेकरा से कम से कम हमर आँख के सामने तो फेर उठ नञ् पइलइ। ऊ घर, जाहाँ हम रहऽ हलूँ, हमर किस्मत से, बच गेल हल, हलाँकि हमन्हिंयों सब बहुत डर गेलूँ हल आउ हानि से बच नञ् पइलूँ हल।
मेयर के अपराध बिलकुल स्पष्ट हलइ, जेकरा छिपावल नञ् जा सकऽ हलइ। लेकिन, शायद, ओकर वास्तव में शक्तिशाली संरक्षक हलइ - ओकरा कुच्छो हर्जाना नञ् भरे पड़लइ, आउ खाली ओकरा दोसर शहर में मेयर के रूप में स्थानान्तरित कर देल गेलइ, मतलब, बोब्रोव में। तखनहीं हमन्हीं के ओक्कर बदले चिकमारेव के देल गेलइ। हम सब जीत गेलिअइ, लेकिन बोब्रोव के निवासी लोग नञ्, जेकन्हीं के, जइसन कि कहावत हइ, "अनजान दावत (भोज) में खुमारी के स्वाद लेवे पड़लइ" (अर्थात् दोसर के दोष के कारण कष्ट झेले पड़लइ)। कीऽ ई क्रिलोव के पाइक (मछली) के बारे नीतिकथा के आद नञ् देलावऽ हइ, जेकरा जज लोग ओकर गलती के सजा देते गेलइ कि ओकरा नदी में डुबा देल जाय?
बड़गो सांत्वना हमरा ई समय लगी हली ऊ सब पत्र, जे हमरा चुगुयेव के अपन दोस्त लोग से नियमित रूप से प्राप्त होवऽ हलइ। ऊ सब पत्र में एतना बुद्धि आउ दया रहऽ हलइ, हमरा प्रति एतना सहानुभूति रहऽ हलइ कि जे दिन हम ओकरा प्राप्त करऽ हलिअइ ऊ हमरा लगी हमेशे वास्तविक उत्सव हो जा हलइ। लेकिन ई सब पत्र के हमरा लगी आउ दोसरो अर्थ होवऽ हलइ - ऊ सब हमरा लगी मानुँ एगो कड़ी हलइ, जे हमरा ऊ माध्यम से जोड़ऽ हलइ, जेकरा से हम अलग हो गेलिए हल, लेकिन जेकरा दने हम सब विचार से जाय के प्रयास करऽ हलिअइ। जल्दीए, लेकिन, एहो कड़ी टूट गेलइ। हमर दोस्त लोग पर प्रहार पड़लइ, जे ओकन्हीं साथ हमर संबंध के अन्त कर देलकइ।
[*112] सन् 1821 के जून के अन्त में आन्ना मिख़ाइलोव्ना के हियाँ से हमरा शोकसूचक पत्र मिललइ। ऊ हमरा सूचित कइलथिन हल कि उनकर भाय, दिमित्री मिख़ाइलोविच, पागल हो गेलथिन हल। "हाय!", ऊ लिखलथिन हल, "ऊ, जेकरा पर हम सब, अनाथ, के भाग्य निर्भर हलइ,  आउ विशेष रूप से हमर आउ ल्यूलेया के, अपन होश बिलकुल खो चुकले ह आउ हमन्हीं लगी अब तो अर्द्धमृत हइ ... हम तो कइसूँ दुख-तकलीफ के आदी हो चुकलूँ हल", ऊ बात जारी रखलथिन, "लेकिन ई विपत्ति तो हमरा बुत बना देलक ह। हम खाली सब के एतने पूछ सकऽ ही - हमरा, गरीब अनाथ, के अब कीऽ करे के चाही?" बाद में कुछ विस्तार हलइ। सम्राट् दिमित्री मिख़ाइलोविच लगी डिविजन के कमांडर के रैंक, पूरा वेतन आउ भोजन भत्ता बरकरार रखलथिन। पूरा परिवार कीव चल गेलइ, आउ हुआँ से इलाज खातिर कार्ल्स्बाद के यात्रा के तैयारी कइलकइ। लकोन्ते एकरे बारे लिखलकइ। जेनरल के विचित्रता, जेकर हमहूँ गोवाह हलिअइ, एकर कारण नगीच के रिश्तेदार आउ दोस्त लोग सर्विस में अतिश्रम से झुँझलाहट के आउ पहिलहीं लमगर अवधि से महसूस करे लगलथिन हल। वस्तुतः ई (विचित्रता) पागलपन के अनिष्टसूचक पूर्वसंकेत हलइ। आउ अब ई जेनरल के असीम महत्त्वाकांक्षा के रूप में समझल जा हलइ आउ ऊ आंतरिक द्वन्द्व के रूप में, जे उनका में वास कर लेलके हल। मोसकिल से मिलिट्री उपनिवेश के अराक्चेयेव प्रणाली वस्तुतः उनका दिल से पसीन पड़ऽ हलइ। लेकिन कइसहूँ प्रसिद्धि पावे के उनकर इच्छा उनकर अपन दृढ़ विश्वास के भी भूल जाय लगी आउ प्रबुद्ध मन आउ उदार हृदय के उपदेश के उपेक्षा करे लगी बाध्य कर देलकइ। एकरा चलते पैदा होलइ हिचकिचाहट, खुद से आउ आसपास के लोग से असंतुष्टि आउ आखिरकार महाविपत्ति (catastrophe)। कीऽ ई सब आउ कहीं अधिक सरलता से नञ् समझल जाल सकऽ हइ, मतलब, आनुवंशिक व्याधि से, जेकर शिकार उनकर सहोदर भाय पहिलहीं हो चुकले हल? चाहे जे होवे, दिमित्री मिख़ाइलोविच यूज़ेफ़ोविच में एगो उच्च प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के मौत हो गेलइ, जे एगो आउ अधिक विस्तृत आउ निष्पक्ष आकलन के योग्य हलइ। हम तो, उनका प्रति अपन व्यक्तिगत संबंध के आधार पर, खाली कृतज्ञतापूर्वक उनका बारे आद कर सकऽ हिअइ। उनका जादे समय तक कष्ट नञ् झेले पड़लइ आउ कार्ल्स्बाद पहुँचे के पहिलहीं उनकर मौत हो गेलइ।
आउ दू-तीन पत्र हमरा आन्ना मिख़ाइलोव्ना से प्राप्त होलइ, स्वर्गीय जेनरल के पोलतावा जागीर, सोतनिकोव्का, से। जुनियर यूज़ेफ़ोविच आउ लकोन्ते से भी एक-दू पत्र मिललइ, बाद में कुछ नञ्। अभी उनकन्हीं के बारे हमरा कुच्छो मालुम नञ्। लेकिन उनकन्हीं कहीं होते जाथिन, जीवित चाहे मृत, हमरा लगी उनकन्हीं सबसे उत्तम लोग में से हथिन, जिनकन्हीं के हम कभी जानऽ हलिअइ, आउ उत्तम मित्रगण, जे कभी हमर हलथिन।


No comments: