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Monday, June 22, 2020

भूदासत्व से मुक्ति तक - अध्याय 18


18. उज्ज्वल भविष्य के प्रभात
साल 1821 गुजर गेलइ। साल 1822 के भी अन्तिम चरण नगीच हलइ। हम अठारह साल के हो गेलिअइ। हमर परिस्थिति में कोय परिवर्तन नञ् होलइ। कभी परिवर्तन के कोय संकेत भी नञ् देखाय दे रहले हल। एहे दौरान, केकरो नञ् दृष्टिगोचर होवे वला एगो घटना परिपक्व हो रहले हल, जे हमरा लक्ष्य के नगीच लावे वला हलइ।
[*113] 1820 के दशक में रूस में लगभग सगरो बाइबिल सोसाइटी के स्थापना होलइ।[1] ओकर उद्देश्य हलइ पवित्र धर्मग्रन्थ के प्रचार-प्रसार, विशेष रूप से गोस्पेल के। ई काल में न्यू टेस्टामेंट (नवविधान) के रूसी भाषा में अनुवाद कइल गेलइ, आउ ओल्ड टेस्टामेंट (पूर्वविधान) से - प्साल्टर (स्तोत्रसंहिता) के, आउ स्लाविक पाठ के साथ प्रकाशित कइल गेलइ।
बाइबिल सोसइटी के स्थापना हमन्हीं हीं एक्के समय में होलइ, चाहे बेहतर कहल जाय, राजनैतिक घटना के चलते प्रोत्साहित कइल गेलइ, जे एकरा में अपन विशेष उद्देश्य खातिर एकरा उपयोगी हथियार देखलकइ। यूरोप में नैपोलियन के पराजय के बाद, जइसन कि सबके मालुम हइ, तीन राज्य से तथाकथित पवित्र सन्धि (Holy Alliance) के निर्माण होलइ - प्रुशिया, ऑस्ट्रिया आउ रूस से। क्रिश्चियन भाईचारा के मनोभाव (spirit) में ई सब राष्ट्र के राजा के पक्का इरादा के साथ शासन करे खातिर लोक-कल्याण के मजबूत बनावे के प्रयास के बहाना प्रदर्शित कइल गेलइ। वस्तुतः एकर (अर्थात् सन्धि के) दोसर गुप्त उद्देश्य हलइ।[2]
(आस्ट्रियन राजनीतिज्ञ) मेटेर्निष (Metternich) द्वारा निर्मित सन्धि के पीछू इरादा हलइ फ्रांसीसी क्रान्ति से प्रेरित विचार के विरोध करना, अर्थात्,  स्वतंत्रता हेतु, सामन्ती मनमानी पर लगाम हेतु, आउ ई महान सिद्धान्त के स्थापना हेतु कि प्रजा शासक लगी नञ् होवऽ हइ, बल्कि शासक प्रजा लगी - ई सब हेतु प्रजा के क्रान्ति के ठप कर देना। ई हलइ प्रजा के विरुद्ध वास्तविक षड्यंत्र। कइसनो संसाधन के बिन उपेक्षा कइले, सन्धि खुद के सहायता लगी धर्म के भी आश्रय लेलकइ, बल्कि बेहतर कहल जाय, एकर ऊ भाग के, जे ओकर उद्देश्य के अनुकूल हलइ, अर्थात् - नम्रता आउ आज्ञाकारिता के उपदेश। भ्रातृसुलभ समानता के भावना, जे क्राइस्ट के उपदेश के मुख्य सार हइ, के अवहेलना करके, ई (सन्धि) अनैतिक रूप से खाली प्रसिद्ध सत्य के अक्षर के अनुसरण कइलकइ, जेकरा, पृथक् रूप से विचार कइला पर, हमेशे मनमाना विकृत कइल जा सकऽ हइ। अइसहीं तो रूढ़िवादी (दकियानूसी) लोग सब काल में करते गेले ह। ओकन्हीं धर्म के उपयोग दिमाग के कुंठित करे लगी कइलकइ, लोग के हर तरह के पहल (initiative) से वंचित कर देवे के आउ ओकन्हीं के धूल में मिटा देवे के उद्देश्य से ... खाली स्मरण कइल जाय कि कइसे पोप सब काम करते गेलथिन आउ कइसे आझ तक फ्रांसीसी पादरीवर्ग आउ पोप के परमाधिकारवादी (ultramontanists) काम करऽ हइ। आउ हमन्हीं हीं कीऽ रूनिच आउ मागनित्स्की (Runichs and Magnitskys) के जमाना के यादगारी अभियो ताजा नञ् हइ?[3]
सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम (Alexander I) निम्मन इरादा आउ उच्च प्रकार के विचार के व्यक्ति हलथिन, लेकिन गंभीर विचारक नञ् आउ अस्थिर इच्छाशक्ति के। अइसन प्रकार के लोग हमेशे निम्मन काम के प्रति निष्ठावान आउ ओकरा करे लगी तैयार भी रहऽ हइ, जब तक किस्मत मेहरबान रहऽ हइ। लेकिन अगर ओकन्हीं के रस्ता में कहीं कठिनाई आ जा हइ - आउ ई अपरिहार्य हइ - त ओकन्हीं रस्ता भूल जा हइ, हतोत्साह हो जा हइ, पहिलौका बड़गर आउ निम्मन इरादा पर पछताय लगऽ हइ। ओकन्हीं के भूमिका बड़गो (महान) काम के माँग करऽ हइ, लेकिन ओकन्हीं के ऊ संसाधन नञ् होवऽ हइ, जेकर सहायता से ओइसन काम के निष्पादन कइल जा हइ - चरित्र। अइसन लोग, सामान्यावस्था (mediocrity) से बाहर नञ् निकस पावे से, सामान्य प्रकार के काम खातिर योग्य होवऽ हइ, न कि जिम्मेवारी भरल स्थिति में, जब ओकन्हीं जनता के भाग्य के संरक्षक आउ घटना के नेता होवऽ हइ, जेकन्हीं पर पूरे समाज सब के कल्याण निर्भर रहऽ हइ।
ई विदित हइ कि सम्राट् अलिक्सान्द्र पाव्लोविच में कइसन महापरिवर्तन होलइ पहिला गतिरोध (setbacks) के बाद, जे उनकर उदारवादी प्रवृत्ति के झेले पड़ले हल। उनकर हृदय भी रूस के प्रति ठंढा पड़ गेलइ, जइसीं लगलइ कि ओकर (रूस के) रूक्ष रीति-रिवाज, अज्ञानता, प्रशासनिक कुव्यवस्था के एतना जल्दी बदलल नञ् जा सकऽ हइ, जइसन कि उनकर निम्मन, [*114] लेकिन तुच्छ योजना के अनुसार उनका चाही हल। ऊ सुधार से इनकार कर देलथिन, जेकरा पहिले खुद आवश्यक आउ उपयोगी होवे के मान्यता देलथिन हल - इनकार कइलथिन ई कारण से कि ई सुधार, चरणबद्ध कठोर नीति के माँग करऽ हलइ, जेकरा न तो कोय कठिनाई झेले पड़तइ आउ न प्रारम्भिक विफलता। पवित्र सन्धि में प्रवेश करते समय, ऊ बचकाना ढंग से विश्वास कइलथिन कि महान क्रिश्चियन सत्य के घोषणा करना यथेष्ट होतइ ताकि लोग निम्मन बन जाय, सत्य  आउ शांति से प्रेम करइ; ताकि ओकन्हीं बीच मित्रभाव आउ कानून के प्रति आदर स्थापित हो जाय, आउ सरकारी अफसर आउ कर्मचारी राजकोष आउ लोग के लूटना बन्द कर देइ। ऊ, निस्संदेह, मेटेर्निष से जादे ईमानदार हलथिन, कम से कम जान-बूझके धर्म के राजनीतिक मोहरा नञ् बनइलथिन। लेकिन, विचित्र आत्म-वंचन के कारण, धर्म में सन्धि के व्यक्तिगत साथी (ally) देखलथिन, जे लोग के हृदय में नैतिकता के बीज बोतइ ताकि उनका ओकन्हीं पर शासन करना असान हो जइतइ। ओहे से ऊ हमन्हीं हीं (अर्थात् रूस में) स्थापित कइल जा रहल बाइबिल सोसाइटी के एतना अनुकूल ढंग से देखलथिन आउ ओकर क्रिया-कलाप के प्रोत्साहित कइलथिन, जेकर मार्गदर्शक हलथिन ओकर (बाइबिल सोसाइटी के) मुख्य संस्थापक राजकुमार अलिक्सान्द्र निकोलायेविच गोलित्सिन।
लेकिन, चालबाजी के अलगे रखके, ई बात से इनकार नञ् कइल जा सकऽ हइ कि बाइबिल सोसाइटी के बुनियादी विचार अपने आप में मनोहर हलइ। लोग के नैतिक स्तर ऊँचा उठावे के प्रयास में ई क्रिया-कलाप के चलते अपरोक्ष रूप से लोग के बीच साक्षरता के प्रसार होलइ। ओहे से ई सब बाइबिल सोसाइटी में सब्भे वर्ग आउ हैसियत वला प्रबुद्ध लोग के बीच रुचि आउ एकरा लगी सक्रिय समर्थन प्राप्त होलइ। रूस में, लगातार एकर नयका विभाग खुल रहले हल, "सहायक सोसाइटी" के नाम से, जेकर मुख्यालय पितिरबुर्ग में हलइ, राजकुमार ए॰एन॰ गोलित्सिन के अधीन।
ओस्त्रोगोझ्स्क जइसन प्रबुद्ध शहर, ई कहे के जरूरत नञ्, दोसर-दोसर शहर के अपेक्षा पीछू नञ् रहे लगी चहलकइ। ई काम के पहिलौकन प्रेरक हमन्हीं के प्रदेश में हलइ धनी जमींदार लोग। समृद्ध नागरिक लोग एकरा से स्वेच्छा से जुड़ गेते गेलइ, मामला आगू बढ़े लगलइ। ऊ रकम, जे नयका "सहायक सोसाइटी" खोले लगी जरूरी हलइ, तेजी से संग्रह कर लेल गेलइ, आउ एकर औपचारिक उद्घाटन 1822 के अंत में होलइ। अध्यक्ष (चेयरमैन) चुन्नल गेलथिन व्लादीमिर इवानोविच अस्ताफ़्येव, आउ सचिव (सेक्रेटरी) आउ कोय नञ्, बल्कि हम!
ई हमरा लगी बड़गो सम्मान के बात हलइ - सच में हम न तो रैंक में, न उमर में, आउ न हैसियत में ई पद के योग्य हलिअइ। कइएक लोग, हमरा से अधिक योग्य आउ हियाँ तक कि सहायक सोसाइटी के सदस्यगण में से अफसर लोग स्वेच्छा से ई जिम्मेवारी उठा सकऽ हलइ आउ खुश होते हल, अगर ओकन्हीं के चयन होते हल। सचिव के ड्यूटी, सच हइ, कोय आर्थिक लाभ नञ् देलकइ - ई अवैतनिक हलइ। लेकिन सहायक सोसाइटी में भाग लेवे वलन के चयन के अनुसार, आउ भूमिका के अनुसार, जे ओकन्हीं बीच सचिव के पाला में पड़ले हल, ई प्रादेशिक महत्त्वाकांक्षा खातिर महत्त्वपूर्ण प्रतीत होवऽ हलइ।
एहे सम्मान हमरो आउ हमर रिश्तेदार लोग के भी ई हमर चुनाव के सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू लगलइ। केकरो शंका नञ् हलइ कि वास्तविक बात तो आगू आवे वला हलइ, आउ ई तो खाली ओकरा तरफ के पहिला कदम हलइ।
हम उत्साहपूर्वक अपन नयका ड्यूटी के निबाहे में लग गेलिअइ। ई जिम्मेवारी ऊ बखत के हमर मनोदशा के अनुसार हलइ। नैतिकता के धारणा हमर सब आदर्श के बुनियाद में हलइ, आउ एकर नाम से काम करना [*115] हमरा सर्वोत्तम कल्याण के बात लगलइ। प्लुटार्च के हीरो लोग पहिलहीं नियन हमर सिर में घुस्सल हलइ, आउ हृदय खाली गोस्पेल के सत्य आउ सांत्वनादायक वचन में प्रकाश देखऽ हलइ। हमर कल्पना कइएक दिशा में फैलल हलइ आउ फेर से वास्तविकता से दूर ले जा हलइ। सहायक सोसाइटी के क्रिया-कलाप, हमर दृष्टि में, सिविल कारनामा के कदम उठइलके हल, आउ हम, जेकरा एकरा में भाग लेवे लगी अनुमति देल गेलइ, हमरा में देखावल गेल विश्वास के प्रमाणित करे खातिर खुद के लगभग संन्यास के मुँह में ढकेल देलिअइ। हमर काम में, जे वस्तुतः बहुत सामान्य हलइ, हमर उत्साह अबरी केकरो लगी आश्चर्य के बात नञ् हलइ। हमन्हीं सब्भे अपन प्रादेशिक सरलहृदयता में लक्ष्य आउ इरादा, जे हमन्हीं खुद के प्रोत्साहित करऽ हलइ, के बाहर कुछ नञ् देखते जा हलिअइ, आउ वास्तविक काम के अभाव में, खुद के काल्पनिक कारनामा से आश्वस्त करऽ हलिअइ।
स्पष्ट हइ, खरचा के बारे खेद नञ् करते जा हलिअइ, आउ संयोगवश, केन्द्रीय बाइबिल सोसाइटी के प्रकाशन के प्रचुर मात्रा में औडर दे हलिअइ, गोस्पेल खातिर हरेक प्रति के एक रूबल आउ प्साल्टर खातिर हरेक प्रति के 50 कोपेक (अर्थात् आधा रूबल) नगद चुकाके। आवश्यक पैसा सदस्य लोग के चंदा से आवऽ हलइ। फेर हमन्हीं खुद के हियाँ से पैरिश (parishes) में जाके पुस्तक के वितरित करऽ हलिअइ, जाहाँ परी चाहे वला के देल जा हलइ - जे चाहऽ हलइ आउ भुगतान करे में समर्थ रहऽ हलइ, त अप्पन तरफ से ओकरा लगी पैसा चुकावऽ हलइ; दोसर सब के मुफ्त में देल जा हलइ।
ई सब नयका काम में आउ हमर पहिलौका, अध्यापन कार्य, में आउ एक बरिस गुजर गेलइ। लेकिन हियाँ परी हमरा लगी अविस्मरणीय दिन अइलइ - 27 जनवरी 1824।  ई हलइ हमन्हीं के सहायक बाइबिल सोसाइटी के पहिला सार्वजनिक मीटिंग के दिन। एकरा यथासंभव एगो उत्सव नियन आयोजित करे लगी चाहल गेलइ। जिला के कइएक जमींदार लोग एकत्र होते गेलइ। मीटिंग हॉल में सम्माननीय नागरिक आउ सब मुख्य अफसर शामिल होलथिन। हम मीटिंग में एगो रिपोर्ट प्रस्तुत कइलिअइ, जे हम ई दिन खातिर तैयार कइलिए हल, जेकरा में सहायक सोसाइटी के काम-काज आउ आर्थिक संसाधन के विवरण हलइ, आउ अन्त में खुद के तैयार कइल भाषण[4] कइलिअइ। हम बोललिअइ - गोस्पेल द्वारा हमन्हीं के सामने प्रकट कइल धार्मिक सत्य के बड़गो महत्त्व के बारे, निजी आउ सार्वजनिक नैतिकता पर एकर लाभदायक प्रभाव के बारे, आउ उल्लेख कइलिअइ ऊ लाभ के, जे ई अर्थ में प्रबुद्ध नागरिक लोग के संयुक्त प्रयास द्वारा ई धार्मिक पुस्तक के वितरण के माध्यम से मिल सकऽ हइ।
हमरा अब लगऽ हइ कि हमर भाषण के पूरा महत्त्व हलइ - निष्ठा आउ युवा उत्साह में, जेकरा से हम ई कइलिअइ। ई भाषण श्रोतागण के दिल जीत लेलकइ, जेकरा में से अधिकतर हमरा प्रति मैत्री संबंध रक्खऽ हलथिन। (भाषण के अन्त में) उत्साह के मानुँ विस्फोट होलइ, आउ हमरा लगी दिल से ताली के गड़गड़ाहट कइल गेलइ। मीटिंग एकमत से हमर भाषण के, रूस के बाइबिल सोसाइटी के मुख्य अध्यक्ष (president), आध्यात्मिक क्रिया-कलाप एवं सार्वजनिक शिक्षा मंत्री, राजकुमार ए॰एन॰ गोलित्सिन, के सामने प्रस्तुत करे के आउ एकर प्रकाशन हेतु अनुमति लगी याचिका दायर करे के निर्णय कइलकइ।
हमरा नञ् मालुम कि हमर दोस्त लोग के ई सहमति के पीछू हमर मामले में कइसनो आशा हलइ। लेकिन हमरा पर एगो जीवनदायक किरण के प्रभाव डललकइ। हमर हृदय में हमर भाग्य के नगीची भविष्य में कोय असाधारण [*116] निर्णय के पूर्वाभास उत्पन्न होलइ। "अभी नञ् तो कभी नञ्", हम सोचलिअइ। "अगर ई अवसर अइसीं गुजर जात - तब सब कुछ खतम।" उत्तेजना में हमर नींद, भूख खो देलूँ, छाया नियन एन्ने-ओन्ने भटकऽ हलूँ, कहीं चैन नञ् पड़ऽ हल।
अइसीं एक महिन्ना तक चललइ। तब राजकुमार गोलित्सिन के अस्ताफ़्येव के नाम से एगो पत्र अइलइ। राजकुमार लिखलथिन हल - "हमरा हीं भेजल गेल भाषण के हम बहुत प्रसन्नतापूर्वक पढ़लिअइ, जे नञ् खाली लेखक के विद्वत्ता आउ प्रतिभा के साक्ष्य दे हइ, बल्कि ओकर उदार विचार के भी।" एकर अलावे राजकुमार निम्नलिखित सूचना देवे लगी कहलथिन - "भाषण के लेखक कउन हइ, ओकर रैंक आउ उमर कीऽ हइ, ओकरा परिवारो हइ कीऽ?" सहायक सोसाइटी के तरफ से सब संतोषजनक उत्तर शीघ्र भेजल गेलइ।
गण्यमान्य आउ प्रभावी व्यक्ति (grandee) लगी, जिनका पास निम्मन काम करे के संसाधन हइ, एगो गरीब अदमी, जे ओकर नजर में आ जा हइ, के स्थिति में उतरना आउ ओकरा भिर से गुजरते बखत मदत कर देना मोसकिल नञ् हइ। लेकिन अनुचित कलंक के पताल से हमेशे लगी बाहर निकासे के पक्का इरादा से कोय दलित व्तक्ति के तरफ मदत के हाथ उठाना - एकरा लगी दया आउ चरित्र में बड़गो दृढ़ता के आवश्यकता हइ। राजकुमार अलिक्सान्द्र निकोलायेविच गोलित्सिन वास्तव में दयालु आउ उदार हलथिन। हमरा साथ घट्टल घटना उनका लगी ध्यान के योग्य लगलइ, आउ ऊ ढेर सारा आउ अधिक महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक आउ अपन व्यक्तिगत कार्य के बीच ई काम के भार लेवे से मुँह नञ् मोड़लथिन। लेकिन ई काम में बिन कोय देरी के लगना आउ एकरा पर हर तरह के प्रयास के उपयोग करना जरूरी हलइ। क्षणिक उदार आवेश (fleeting magnanimous impulse) से हियाँ परी कुछ नञ् होवे वला हलइ। लेकिन राजकुमार ओइसन लोग में से नञ् हलथिन, जे असानी से ठंढा पड़ जइते जा हइ आउ खुद के खाली एगो सहानुभूति के शब्द तक सीमित रखते जा हइ। वांछित सूचना प्राप्त कर लेला पर, ऊ खुद से काउंट शेरेमेतेव के अपील कइलथिन। ऊ प्रशंसापूर्ण अभिव्यक्ति के साथ हमर योग्यता के उल्लेख कइलथिन आउ एकर उचित विकास के आवश्यकता पर जोर देलथिन, ताकि एकर सामाजिक उपयोग हो सकइ। ओहे समय में राजकुमार अस्ताफ़्येव के भी दोबारा लिखलथिन  - उनका हमर मामले में व्यक्तिगत रूप से काउंट से कइल संपर्क के बात बतइलथिन।
बातचीत, मेल-जोल, घोषणा (एलान) अप्रैल तक चलते रहलइ, आउ ई महिन्ना के अन्त में - हमरा पितिरबुर्ग बोलावल गेलइ! यात्रा के खरचा-बरचा (काउंट के जागीर) अलेक्सेयेव्का से मिल्ले वला हलइ। रकम के निर्धारण नञ् कइल गेले हल - हमरा तरफ से हमर जरूरत के प्रस्तुत करे के हलइ। काउंट के ऑफिस में हमरा हमर देल गेल अधिकार के जरी आउ निम्मन से उपयोग करे के सलाह देल गेलइ ताकि हमर माय के हमर प्रस्थान से घाटा नञ् होवइ। विचित्र लोग! ओकन्हीं के समझ में नञ् अइलइ कि हमन्हीं खाली स्वतंत्रता खोजऽ हलिअइ आउ स्वतंत्रता के सिवा आउ कुछ नञ्। काउंट के अनुग्रह उनकर शक्ति नियन हीं हमन्हीं पर एगो दबाव पड़ते हल। लेकिन दासता के अइसन भ्रष्ट प्रभाव हलइ - हमन्हीं हीं (अर्थात् रूस में) लमगर अवधि तक जमींदार आउ राजकोष के लूट के लज्जाजनक नञ् समझल गेलइ।
पितिरबुर्ग में हमर बोलाहट के समाचार ओस्त्रोगोझ्स्क में पल भर में फैल गेलइ आउ अइसन आन्दोलित कर देलकइ, मानुँ मामला कोय महत्त्वपूर्ण सामाजिक घटना के हलइ। अभी अपन निम्मन दोस्त लोग के बात नञ् करऽ हिअइ, ओकन्हीं के बारे, जे हमरा व्यक्तिगत रूप से जानऽ हलइ, बल्कि जे खाली हमरा बारे सुनलके हल आउ हमरा लगी खुश होले हल, मानुँ ई अपन बुतरू के मामले में हो रहले हल, आउ हमर पूर्ण सफलता के पहिलहीं से भविष्यवाणी कर रहले हल। कोय नञ् असारता (frivolity) लगी हमरा रोके चाहे हमर भर्त्सना करे के बारे सोचलकइ, जइसे कि ऊ बखत, जब हम येलेत्स जाय के तैयारी कर रहलिए हल। एकर विपरीत, सब कोय हमरा बिन समय बरबाद कइले ई अवसर के सदुपयोग करे आउ यथासंभव जल्दी से जल्दी जाय के प्रोत्साहन देलकइ।
[*117] आउ हम खुद? ऊ कइएक तरह के संवेदना, जे हमरा पर अचानक छा गेलइ, शब्द में अभिव्यक्त करना मोसकिल हइ। त ई हइ, बहुत पहिले से प्रतीक्षित आशा के किरण! उमड़ रहल लहर तैयार हलइ हमरा उठावे लगी आउ वांछित परन्तु अनजान संसार में ले जाय लगी। हमरा सामने खुल रहले हल विस्तृत क्षितिज के फैलाव। हम मानुँ बड़गो हो गेलिए हल आउ गौरवपूर्ण खुशी अनुभव कर रहलिए हल। लेकिन हिएँ परी एगो चिंताजनक प्रश्न खड़ी हो गेलइ - आउ आगू कीऽ? काउंट शेरेमेतेव हमरा से व्यवहार के मामले में अपन आत्मा के क्षुद्रता दर्शा चुकलथन हँऽ। कीऽ दोसर लोग द्वारा दर्शावल सहानुभूति से ऊ द्रवित होथन? आउ, आखिरकार, कीऽ खुद हमर संरक्षक के, ऊ सब कठिनाई आउ बाधा के बावजूद, जेकरा से उनका संघर्ष करे पड़तइ, एतना जोश-खरोश होतइ कि हमरा लगी स्वतंत्रता जीत सकथिन?
ई आउ अइसन शंका कभी-कभी क्रूरतापूर्वक हमरा पर हावी हो जा हलइ। सच हइ कि हम, युवा के असारता के साथ, ओकरा शीघ्रतापूर्वक भगा दे हलिअइ। मुख्य बात हइ, हम खुद के सांत्वना दे हलिअइ, पितिरबुर्ग तक पहुँचे के चाही, आउ ई ओइसन जगह हइ, जाहाँ परी सब संभव भाग्य के व्यवस्थित कइल जा हइ। हमर सितारा अब हुआँ परी चमक रहले ह आउ व्यर्थ में तो हमरा हुआँ नञ् बोला रहले ह। बाद में, खुशी आउ शंका, सब भय आउ आशा, अचानक आगामी वियोग के एगो सर्वभक्षी विषाद में लुप्त हो गेलइ - वियोग ऊ सब कुछ से, जे हमरा लगी प्रिय आउ नगीच हलइ, जे अभी तक हमर जिनगी के खुशी आउ उद्देश्य हलइ।
क्रूर विषाद के अइसन क्षण में हम ऊ स्वार्थपरक खुशी के अधिक भुगतान कर रहलिए हल, जे दोसर क्षण में हमरा आसमान में उठावऽ हलइ। हमर सम्मान में एक बिदाई के शाम में, मतलब फ़िरोन्स्की परिवार के हियाँ, हमरा आद पड़ऽ हइ कि हम कइसे अक्षरशः ई सब संवेदना के दबाव से पूरी तरह से थकके चूर हो गेलिए हल। हमर घनिष्ठ मित्रजन एकत्र होलथिन हल। ओकन्हीं उत्साहपूर्वक हमर आवे वला परिवर्तन के बारे बात कर रहलथिन हल, उज्ज्वल भविष्य के आशा व्यक्त कर रहलथिन हल, जे मानुँ पितिरबुर्ग में हमरा लगी आवे वला हलइ। हम चुपचाप उनकर उदार भाषण सुन रहलिए हल। हम कभी ठंढा पड़ जइअइ, त कभी जोश में भर जइअइ, आउ अचानक हमर आँख में आँसू आ गेलइ। सुबकन-सिसकन हमर गला रुँध देलक हल। बात कर रहल सब चुप हो गेलइ। कोय नञ् हमरा सांत्वना देवे के प्रयास कइलकइ। सब कोय सहज रूप से समझ गेलइ कि हम अइसन क्षण में कीऽ सोचऽ होतिअइ, जब पुनः अप्राप्य भूत (past) के धुंधलापन हमर अभी तक के सब प्रिय के हमेशे लगी छिपा देवे के तैयारी कर रहले हल, आउ आगू अनजान भविष्य के प्रभात के प्रारम्भ अब होहीं वला हलइ।
आउ हमरा सता रहल हल हमर बेचारी माय आउ लाचार बुतरुअन, हमर बाय-बहिन, के बारे विचार। हम ओकन्हीं के एकमात्र सहारा हलिअइ। ई विचार हमरा चैन नञ् दे हलइ। अइसन पल आवऽ हलइ, जब हमरा लगऽ हलइ कि बाहर जाके, हम पुत्र के कर्तव्य आउ प्रेम के सब धर्मादेश (commandments) के उल्लंघन कर रहलिए ह ... निराशा में हम चक्कर मार रहलिए हल, हमरा समझ में नञ् आब करऽ हलइ कि कीऽ करूँ। आखिरकार, हम अपन चिंता आउ शंका के फ़ादर सिमियोन स्त्सेपिन्स्की के सामने प्रकट कर देवे के निर्णय कइलिअइ। ऊ धैर्यपूर्वक हमर बात सुनलथिन आउ गंभीरता से, जे उनकर भव्य आकृति के योग्य हलइ, कहलथिन - "प्रिय अलिक्सान्द्र, तोहर भावना स्पष्ट आउ प्रशंसनीय हको, लेकिन तोहरा ऊ रस्ता से वापिस मुड़े के नञ् चाही, जेकरा पर तोहरा भाग्य पुकार रहलो ह। जा आउ पीछू मुड़के नञ् देखऽ। सब महान उद्यम नञ् खाली अपन लाभ के बलिदान से जुड़ल हइ, बल्कि अपन हृदय के उत्पीड़न से भी। भगमान तोर माय के देखभाल करथुन, जइसन कि ऊ तब कइलथुन हल, जब तूँ एतना छोटगर हलहो, कि तूँ उनकर देखभाल नञ् कर सकऽ हलहो, आउ खुद उनका तोहर देखभाल करे पड़ले हल। अभी आउ कुछ दोसर सोचना, सिवाय ई बात के, जे तोहरा आगू बोला रहलो ह, गलती आउ अपराध होतो।"
[*118] (फ़ादर के) ई शब्द हमर हिचकिचाहट (असमंजस) के समाप्त कर देलकइ, लेकिन हमर शोक के नञ्।
जबकि हमर प्रस्थान के पूरा तैयारी कइल जा रहले हल, सहायक सोसाइटी हमरा, जिला में कइल गेल हमन्हीं के काम के प्रगति के सूचना एकत्र करे के काम सौंपलकइ। बाद में ई सब सूचना के, सहायक सोसाइटी के लिखित रिपोर्ट के साथ, व्यक्तिगत रूप से राजकुमार ए॰एन॰ गोलित्सिन के सामने प्रस्तुत करे के हलइ।
ई तरह, हमरा फेर से ऊ सब जगह के यात्रा करे के अवसर मिललइ, जेकरा से हमरा एतना प्यार हलइ, आउ अपना साथ सुदूर उत्तर तक उपजाऊ दक्षिण के सजीव स्मृति ले जाय के। अप्रैल (1824) के अन्तिम दिन हलइ, साफ, शांत, सुगंधित। हम उत्सुकतापूर्वक सुन्दर जगह सब के एकटक निहारऽ हलिअइ, जे शांत दोन या कलितवा नदी के किनारे किनारे-किनारे चाहे आसपास पड़ऽ हलइ, नेकदिल लघु रूसी लोग के बातचीत ध्यानपूर्वक सुन्नऽ हलिअइ, जे सगरो हमरा परंपरानुसार अतिथि-सत्कार आउ प्यार के साथ स्वागत करते जा हलइ - हम जानऽ हलिअइ कि अगर हमेशे लगी नञ्, तो कइसूँ लमगर अवधि तक ओकन्हीं के छोड़ रहलिए ह। विशेष स्मरणीय हमरा लगी हइ, धनी जमींदार लज़ारेव-स्तानिषेव के घर में स्वागत, जे हमरा स्वागत-सत्कार कइलथिन, जइसन कि कहल जा हइ, गौरव हेतु, आउ दोसर (स्वागत) - कलितवा के युवा आउ सुशिक्षित पुरोहित के सरल आश्रय, जिनकर साथ वार्तालाप हमरा लगी कम यथेष्ट आध्यात्मिक भोजन नञ् प्रदान कइलकइ।
दूरद्रष्टा मित्र लोग द्वारा सोचल-समझल आउ प्लान कइल ई दौरा से ताजा होल हम ओस्त्रोगोझ्स्क वापिस आ गेलिअइ, आउ अब हम बड़गो आत्मविश्वास के साथ अपन भावी परिवर्तन के सामना कर सकऽ हलिअइ। ओस्त्रोगोझ्स्क में हमर निवास के अन्तिम सप्ताह एक तरह से बिदाई, मैत्रीपूर्ण बिदाई के शब्द, शुभकामना, आशीर्वाद के भँवर में गुजरलइ। प्रस्थान के दिन भी आ गेलइ। हमर घर सुबह से एगो सजीव दृश्य हलइ। ई (घर) अन्तिम घड़ी में हमरा साथ हाथ मिलावे लगी आवल सब लोग के अँटा नञ् पइलकइ। भेंटकर्ता ऊपर के कमरा में, अतिथि-कक्ष में, स्ट्रीट में भीड़ लगइले हलइ। आउ जब हम किबित्का (घोड़ागाड़ी) में बैठे लगी बाहर निकसलिअइ, त हमरा ओकरा भिर जाय के रस्ता नञ् हलइ। ओकरा कदम के रफ्तार से आगू बढ़ावल जाय के औडर देल गेलइ, आउ हम अपन घर के लोग से घिरल, पैदल ओकरा पीछू-पीछू गेलिअइ, रंग-बिरंगा आउ शोरगोल मचा रहल भीड़ के केन्द्र से होके। किबित्का मोसकिल से सरक रहले हल, एकरा अलावे मिनट-मिनट पर एकरा रोकल जा हलइ - कभी ई घर से, त कभी ऊ घर से बैग, बंडल, पैकेट के साथ घर के मालिक सब बाहर निकसऽ हलइ आउ ई सब कुछ रस्ता में हमरा लगी गाड़ी में लादल जा हलइ। एकरा में हलइ - झौंसल पक्षी, चिकेन से लेके हंस आउ टर्की तक, समुच्चा हैम (hams; सूअर के रान के सुखावल मांस) , सब तरह के संभव साइज आउ भराव (stuffing) के पाई (pies), जार में जैम (jams), शराब के बोतल, इत्यादि। कोय तो तकियन के बीच में मिठगर मोर्स (फल के रस) के बोतल घुसा देलके हल ...
लेकिन अइकी वोरोनेझ शहर के गेट पहुँचलइ, जेकर आगू राजमार्ग (highway) के अनन्त पट्टी चालू होवऽ हलइ। हमरा आद नञ् कि हम कइसे किबित्का में खुद के पइलिअइ, आउ कइसे कुछ पहिला विर्स्ता के दूरी तय होलइ। हम अचेतन में हलिअइ, कुछ नञ् पछान रहलिए हल, आउ खाली हमर कान में झनझना रहले हल, हमर दिल में असहनीय दरद, अन्तिम चीख-पुकार - बेहतर कहल जाय कि हमर माय के कराह, आउ ओकर हाथ अनियमित रूप से लकड़ी के क्रॉस के पकड़ले हलइ, जेकरा से ऊ हमरा अन्तिम पल में आशीर्वाद देलके हल ...
लेकिन उच्च से लेके हास्यास्पद तक खाली एक्के कदम होवऽ हइ। गाड़ी के चक्का खड़खड़ा रहले हल, कोचवान उत्साहपूर्वक घोड़वन के हाँक रहले हल। अचानक गड्ढा, किबित्का निच्चे ढुलकलइ आउ कुशलपूर्वक बाहर निकस अइलइ, लेकिन हिचकोला हमरा अपन सीट से फेंक देलकइ। हम खुद के गाड़ी के फर्श पर सर-समान, जेकरा से ई ठूँसके भरल हलइ, के निच्चे पइलइ। बोतल, जे चलाकी से तकियन के बीच नुकावल हलइ, अवाज करते उछल गेलइ आउ हमरा [*119] लाल मिठका मोर्स के धार से सराबोर कर देलकइ। एकरा सुखावे पड़लइ, फर्श के साफ करे पड़लइ, आउ ई सब छोटगर-छोटगर फिकिर हमरा होश में ले अइलइ।
हम किबित्का से बाहर हुलकलिअइ। हमर प्रिय ओस्त्रोगोझ्स्क अब ओझल हो चुकले हल। लेकिन कभियो कुच्छो हमर स्मृति से ओकरा निकास नञ् पइतइ। ऊ स्नेह, जे हुआँ हमरा मिललइ, लोग के साथ हमर सुदूर संबंध के बुनियाद में होवे के चाही। ओकन्हीं से चाहे कइसनो साजिश भविष्य में हमरा लगी इंतजार कर रहल होवे, हम मानवीय हृदय में, एकर प्रेम करे के क्षमता आउ भला सोचे में विश्वास नञ् खोबइ। हमर ओस्त्रोगोझ्स्क के निवासी जन ई विश्वास हमर दिमाग में बैठा देते गेले ह, आउ ई विश्वास हमरा अन्तिम क्षण तक नञ् त्यागतइ।



[1] बाइबिल सोसाइटी - दिसम्बर 1812 में सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम (Alexander I) रूसी बाइबिल सोसाइटी नामक जाल के स्थापना के प्राधिकृत कइलथिन आउ एकर पहिला अध्यक्ष के रूप में राजकुमार अलिक्सान्द्र निकोलायेविच गोलित्सिन के नियुक्त कइलथिन। राजकुमार गोलित्सिन के बारे आउ अधिक जानकारी खातिर दे॰ अध्याय 19.
[2] पवित्र सन्धि (Holy Alliance) सामाजिक व्यवस्था बरकरार रक्खे खातिर प्रशिया, आस्ट्रिया आउ रूस के शासक लोग के बीच एगो समझौता हलइ। लिखित समझौता के मसौदा सम्राट् अलिक्सान्द्र प्रथम (Alexander I) द्वारा दिसम्बर 1815 में तैयार कइल गेले हल। ऊ लिखलथिन हल, "राजा लोग के क्रिश्चियन धर्म के उपदेश के एकमात्र मार्गदर्शन के रूप में लेवे के चाही।" दे॰ Hugh Seton-Watson, "The Russian Empire, 1801–1917", Oxford at the Clarendon Press, 1988, p.175.
[3] रूनिच आउ मागनित्स्की के जमाना (Era of Runichs and Magnitskys)- मिख़ाइल लियोन्त्येविच माग्नित्स्की (1778 –1855), कज़ान जिला स्कूल के सुपरिन्टेंडेंट (1819 –1826), सन् 1819 में कज़ान यूनिवर्सिटी के स्वतंत्र विचारक प्रोफेसर लोग के हटा देवे के आदेश देलकइ। दोसर-दोसर यूनिवर्सिटी के बाद में एहे हाल होलइ। दिमित्री पाव्लोविच रूनिच (1780 –1860) ,  पितिरबुर्ग जिला स्कूल के सुपरिन्टेंडेंट के हैसियत से 1821 में सबसे प्रगतिशील आउ प्रतिभाशाली प्रोफेसर लोग के हटा देवे के व्यवस्था कइलकइ।  दे॰ Seton-Watson, “The Russian Empire, 1801–1917”, pp.168 –169.
[4] ई भाषण, संयोगवश, परिषत्सदस्य (Academician) ए॰ एफ़॰ बिचकोव द्वारा लिखित ए॰ वी॰ निकितेन्को के मृत्यु-सूचना (obituary) के साथ प्रकाशित कइल गेले हल। दे॰ "राजकीय विज्ञान अकादमी के रूसी भाषा आउ साहित्य विभाग के रिपोर्ट, 1877", पृ॰ 42-51.

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