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Friday, November 20, 2015

रूसी उपन्यास "कालापानी" - भाग-1 ; अध्याय-1: मुर्दाघर



कालापानी
(साइबेरिया में जेल के जिनगी)

भाग-1; अध्याय-1: मुर्दाघर

हमन्हीं के जेल एगो किला के बिलकुल किनारे छोर पर हलइ, किला के परकोटा के पीछू में । बाड़ा के दरार से भगवान के दुनिया के देखल जाय, त की कुच्छो नयँ देखाय देतइ ? आउ देखला पर खाली अकास के एगो हिस्सा देखाय दे हइ आउ लम्मा-लम्मा घास-पात से भरल मट्टी के उँचगर बाँध, जेकरा पर दिन-रात पहरेदार आगे-पाछे चक्कर लगइते रहऽ हइ । फेर तुरते सोचे लगऽ हूँ कि समुच्चे साल के साल गुजर जात आउ बाड़ा के दरार से हमरा देखे ल मिल्लत ओहे उँचगर बाँध, ओहे पहरेदार आउ ओहे अकास के एगो छोट्टे गो हिस्सा, ऊ अकास के नयँ, जे जेल के उपरे हइ, बल्कि दूर-दूर के मुक्त अकास के । एगो बड़गर प्रांगण के कल्पना करहो - दू सो डेग लम्मा आउ डेढ़ सो डेग चउला, एगो अनियमित षट्कोण के आकार में, उँचगर-उँचगर पट्टी से, मतलब जमीन के अंदर गहराई तक खनके मजबूती से गड़ल उँचगर-उँचगर खंभा के छरदेवाली से, चारो तरफ से पूरा घेरल, कसके एक दोसरा छोर के जोड़ल, आड़े-तिरछे तख्ता से मजबूत कइल आउ उपरे तरफ नोकदार - त ई हइ जेल के बाहरी छरदेवाली । (ई षट्कोणनुमा) छरदेवाली के एक भुजा (side ) में एगो मजबूत गेट बन्नल हइ, जे हमेशे बन रहऽ हइ, दिन-रात हमेशे संतरी द्वारा पहरा देल जा हइ; एकरा खाली जरूरत के मोताबिक खोलल जा हलइ, काम पर जाय लगी (कैदी सब के) छोड़े खातिर । ई गेट के बहरसी उज्ज्वल आउ स्वतंत्र संसार हलइ, जाहाँ बाकी सब नियन लोग रहऽ हलइ । लेकिन छरदेवाली के ई तरफ अइसन संसार हलइ, जे एक तरह के परीकथा के काल्पनिक दुनियाँ नियन हलइ । हियाँ एगो अपनहीं खास दुनियाँ हलइ, जे केकरो से मेल नयँ खा हलइ, हियाँ हलइ अप्पन खास कानून, अप्पन पेन्हावा-ओढ़ावा, अप्पन रस्म-रिवाज, आउ जिंदा मुरदा घर, अइसन जिनगी - जइसन आउ कधरो नयँ हलइ, आउ खास तरह के लोग । एहे खास कोना के हम वर्णन करे जा रहलिए ह ।

जइसीं छरदेवाली के अंदर घुसभो - त एकरा में कइएक बिल्डिंग देखभो ।  अंदर के चौड़गर प्रांगण के दुन्नु बगली दूगो एकमंजला लकड़ी के लमगर मकान हकइ । ई जेल के दूगो बैरक हइ । हियाँ परी कैदी रहते जा हइ, जेकरा कइएक श्रेणी (दर्जा) में विभाजित कइल हइ । बाद में, छरदेवाली के दूर वला भाग में आउ एगो ओइसने लकड़ी के मकान हइ - ई भनसाघर हइ, दू कक्ष में विभाजित; ओकरो आगू में एगो आउ मकान हइ, जेकरा में एक्के छत के निच्चे तहखाना, गोदाम, बखार (अनाजघर) हकइ । प्रांगण के बीच वला हिस्सा खाली हइ आउ ई एगो सपाट काफी बड़गो मैदान हइ । हियाँ कैदी सब के लाइन में खड़ी कइल जा हइ, सुबहे, दुपहर आउ साँझ के नाम पुकारके हाजिरी लेल जा हइ, कभी-कभी दिन में कइएक तुरी भी - संतरी सब के शक्का आउ ओकन्हीं के शीघ्रतापूर्वक गिन्ने के दक्षता के अनुसार । चारो बगली, बिल्डिंग सब आउ छरदेवारी के बीच में काफी बड़गर फासला हकइ । हियाँ, बिल्डिंग के पिछुत्ती में, जादे गैरमिलनसार आउ उदास प्रवृत्ति के कुछ कैदी काम से छुट्टी मिलला के बखत घुम्मे-फिरे लगी पसीन करऽ हइ, सब्भे के नजर से छिप्पल, अपन विचार में लीन रहे खातिर । घुम्मे-फिरे के बखत ओकन्हीं से मोलकात हो गेला पर, ओकन्हीं के उदास, अंकित चेहरा तरफ एकटक देखना हमरा अच्छा लगऽ हलइ, आउ ई अंदाज लगाना कि ओकन्हीं कउची बारे सोचब करऽ हइ ।
एगो कैदी अइसन हलइ, जेकरा फुरसत के समय छरदेवाली के स्तंभ के गिनती करना एगो प्रिय काम हलइ । ओकर संख्या कुल डेढ़ हजार हलइ, आउ ऊ सब के गिनती कर लेलके हल आउ सब ओकर ध्यान में हलइ । हरेक स्तंभ के मतलब ओकरा लगी एक दिन हलइ; हरेक दिन ऊ एक स्तंभ के हिसाब से अंकित करऽ हलइ, आउ ई तरह, बिन गिनती कइल स्तंभ के आधार पर स्पष्ट रूप से ऊ देख सकऽ हलइ, कि केतना दिन ओकरा आउ जेल में बितावे के बच्चल हइ । ऊ तहे दिल से खुश हो जा हलइ, जब ऊ षट्कोण के कोय एक भुजा के अंतिम तक पहुँच जा हलइ । ओकरा अभियो कइएक साल तक इंतजार करे के हलइ; लेकिन जेल में धीरज धरे के सीख मिल जा हइ ।

एक तुरी हम देखलिअइ, कि एगो कैदी अपन साथी सब से बिदाई ले रहले हल, जे जेल में बीस बरिस कटलके हल आउ आखिरकार अब मुक्त होके जा रहले हल । अइसनो लोग हलइ, जेकन्हीं के आद हलइ, जब ऊ जेल में पहिले तुरी अइले हल, एगो लापरवाह युवक के रूप में, जेकरा न तो अपन अपराध के बारे चिंता हलइ, आउ न अपन दंड के। ऊ अब उज्जर केश के साथ बूढ़ा के रूप में जा रहले हल, उदास आउ दुखी चेहरा के साथ । ऊ चुपचाप हमन्हीं के सब्भे छोवो बैरक से होके गुजरलइ । हरेक बैरक में प्रवेश करते, ऊ प्रतिमा के सामने प्रार्थना कइलकइ आउ फेर साथी सब के सामने कमर तक निच्चे झुकलइ, अपना बारे कुछ बुरा नयँ आद करे के निवेदन करते ।

हमरा एहो आद पड़ऽ हइ, जब एक दिन एगो कैदी के, जे पहिले साइबेरिया में एगो संपन्न किसान हलइ, साँझ होवे के पहिले गेट पर बोलावल गेले हल । एकर छो महिन्ना पहिले ओकरा समाचार मिलले हल, कि ओकर घरवली दोसर शादी कर लेलके हल, जेकरा चलते ऊ बहुत दुखी हो गेले हल । अब ऊ (ओक्कर घरवली) खुद्दे जेल में अइलइ, ओकरा बोलवइलकइ आउ ओकरा कुछ उपहार देलकइ । ओकन्हीं लगभग दू मिनट बात करते गेलइ, दुन्नु लोर बहइते गेलइ आउ हमेशे लगी अलग हो गेते गेलइ । हम ओकर चेहरा देखलिअइ, जब ऊ बैरक में लौटलइ ... हाँ, ई जगह में धीरज धरे लगी सिक्खल जा सकऽ हलइ ।

जब अन्हेरा छा जा हलइ, त हमन्हीं सब के बैरक में ले जाल जा हलइ, जाहाँ रातो भर बन करके रक्खल जा हलइ । हमरा प्रांगण से वापिस बैरक लौटना हमेशे दर्दनाक लगऽ हलइ । ई लमगर, निचगर आउ दमघोंटू कमरा हलइ, मेदबत्ती (tallow candle, चरबी के बन्नल मोमबत्ती) से धुँधला रोशनी कइल, आउ भारी दमघोंटू गन्ह से भरल । अभी हमरा समझ में नयँ आवऽ हके, कि कइसे हम ओकरा में दस साल रहके गुजार देलूँ । हमर कमरा में बिछौना के रूप में लकड़ी के प्लैटफार्म पर बन्नल तीन गो तख्ता हलइ - एतने सुनी हमर जगह हलइ । एहे तख्ता सब पर हमन्हीं के एक्के कमरा में तीस अदमी के रक्खल गेले हल । जाड़ा में हमन्हीं के जल्दी बन कर देल जा हलइ; लगभग चार घंटा इंतजार करे पड़ऽ हलइ, एकर पहिले के सब लोग सुत जाय । आउ तब तक - शोरगुल, हुल्लड़बाजी, ठहाका, गर्रम-गारी, जंजीर के झनझनाहट, धुआँ आउ कारिख, मूँड़ल माथा, अंकित चेहरा, चिथड़ा कपड़ा, सब कुछ - गंदा आउ कलंकित ... हाँ,  मानव जीवनशक्ति संपन्न होवऽ हइ ! मानव अइसन जीव हइ, जे सब कुछ के अभ्यस्त हो जा हइ, आउ, हमर सोच से, ई ओकर सबसे उत्तम परिभाषा हइ ।

हमन्हीं के जेल में कुल मिलाके लगभग अढ़ाय सो अदमी हलइ - ई संख्या लगभग स्थिर रहऽ हलइ । कुछ आवऽ हलइ, त दोसरा कुछ लोग अपन अवधि पूरा करके चल जा हलइ, तेसरा कुछ लोग मर जा हलइ । आउ हियाँ कइसन लोग नयँ हलइ ! हमरा लगऽ हइ, रूस के हरेक गुबेर्निया (प्रांत), हरेक क्षेत्र के कोय न कोय प्रतिनिधि हियाँ परी हलइ । विजातीय (गैर-रूसी, विशेष रूप से रूस के पूर्वी क्षेत्र के लोग) भी हलइ, काकेशिया के पहाड़ी प्रदेश के भी कइएक कैदी हलइ ।

ई सबके अपराध के गंभीरता के अनुसार विभाजित कइल हलइ, आउ परिणामस्वरूप, अपराध के निर्धारित साल के संख्या के अनुसार, जेतना तक ओकन्हीं के जेल में गुजारे के हलइ। ई मानल जा सकऽ हइ, कि अइसन कोय अपराध नयँ हलइ, जेकर हियाँ कोय प्रतिनिधि नयँ हलइ । कुल कैदियन में से अधिकांश असैनिक अथवा सिविल (मिलिट्री के विपरीतार्थक) श्रेणी के ссыльнокаторжные (सिल्नो-कातोर्झनिए अर्थात् निर्वासित आउ सश्रम कारावास दंडित लोग) हलइ, जेकरा खुद कैदी लोग नादानी से अशुद्ध उच्चारण करके сильнокаторжные (सिल्नो-कातोर्झनिए अर्थात् घोर रूप से सश्रम कारावास दंडित) कहऽ हलइ [1] । ई अइसन अपराधी होवऽ हलइ, जे संपत्ति के अधिकार से सर्वथा वंचित, समाज से बहिष्कृत, बहिष्कार के शाश्वत प्रमाण के रूप में चिन्हा से अंकित चेहरा वला, रहऽ हलइ । ओकन्हीं के सश्रम कारावास खातिर आठ से दस बरिस के अवधि लगी भेजल जा हलइ आउ बाद में (दंड भुगत लेला पर) साइबेरिया के कउनो वोलस्त (जिला के उपविभाजित क्षेत्र) में उपनिवेशी (colonist, settler) के रूप में वास करे लगी वापिस भेज देल जा हलइ ।

मिलिट्री श्रेणी के भी अपराधी हलइ, जे संपत्ति के अधिकार से वंचित नयँ हलइ, जइसन कि साधारणतः रूसी मिलिट्री अनुशासनिक कंपनी में होवऽ हइ । ओकन्हीं के छोटगर अवधि लगी दंडित करल जा हलइ; आउ दंड के अवधि समाप्त हो गेला के बाद वापिस हुएँ भेज देवल जा हलइ, जाहाँ से अइले हल, साइबेरिया के लाइन बटालियन में सैनिक के रूप में । ओकन्हीं में से अधिकतर फेर से जेल में वापिस आ जा हलइ, कोय दोसर गंभीर अपराध के कारण, लेकिन अबरी छोटगर अवधि खातिर नयँ, बल्कि बीस बरिस खातिर । ई श्रेणी के "आजीवन कैदी" कहल जा हलइ । लेकिन तइयो "आजीवन कैदी" सब्भे तरह के अधिकार से बिलकुल वंचित नयँ रहऽ हलइ । आउ आखिर, सबसे भयंकर अपराधी सब के एगो विशेष श्रेणी हलइ, जे काफी बड़गर संख्या में, विशेष रूप से सैनिक लोग के, हलइ । एकरा "विशेष श्रेणी" के नाम से जानल जा हलइ । पूरे रूस से हियाँ अपराधी लोग के भेजल जा हलइ । ओकन्हीं खुद्दे अपना के आजीवन कैदी समझते जा हलइ आउ अपन दंड के अवधि के बारे नयँ जानऽ हलइ । कानून के मोताबिक ओकन्हीं से दोगना आउ तिगुना काम करवावे के हलइ । ओकन्हीं के जेल में अस्थायी रूप से रक्खल गेले हल, जब तक कि साइबेरिया में सबसे कठोर श्रम के कारावास नयँ स्थापित हो जाय । "तोहन्हीं सब लगी एगो निश्चित अवधि हको, लेकिन हमन्हीं के तो हमेशे लगी कठोर श्रम के दंड भुगते के हइ", ओकन्हीं दोसर कैदी सब के बोलते जा हलइ ।

हमरा सुन्ने में अइलइ, कि ई श्रेणी के समाप्त कर देल गेले ह । एकरा अलावे, हमन्हीं के समय वला जेल के असैनिक श्रेणी के भी समाप्त कर देल गेले ह, आउ एक्के गो समरूप सैनिक-कैदी के अनुशासनिक कंपनी बनावल गेले ह । जाहिर हइ, कि एकरे साथ प्रशासन अर्थात् अधिकारीगण में भी परिवर्तन हो गेले ह । मतलब, हम जेकर वर्णन कर रहलिए ह, ऊ पुरनका घटना हइ, बहुत पहिलहीं के गुजरल आउ बित्तल मामला हइ …

ई सब बहुत पहिले के बात हलइ; अब ई सब हमरा सपना नियन लगऽ हइ । हमरा आद पड़ऽ हइ, जब हम जेल में (पहिले तुरी) प्रवेश कइलिए हल । साँझ के बखत हलइ, दिसंबर महिन्ना । अन्हार होवे लगले हल; कैदी लोग काम से वापिस आ रहते गेले हल; हाजिरी के तैयारी हो रहले हल । एगो मोछैल सर्जेंट (under-officer, non-commissioned officer) आखिर ई विचित्र घर के दरवाजा हमरा लगी खोललकइ, जेकरा में हमरा एतना साल गुजारे के हलइ, एतना सारा संवेदना के बरदास करे के हलइ, जेकरा बारे, कोय वास्तविक अनुभव नयँ रहला से, हमरा कोय मोटा-मोटी भी अंदाजा नयँ हलइ । मसलन, हम कभियो अइसन भयंकर आउ कष्टदायक अनुभव के कल्पना नयँ कर सकलिए हल - कि पूरे दस साल के हमर जेल के दौरान एक्को मिनट लगी हमरा एकांत नयँ मिल्लत । काम के दौरान हमेशे गार्ड के निगरानी में, घर पर दू सो साथी के साथ आउ एक्को तुरी, एक्को तुरी - अकेल्ले नयँ ! लेकिन, तइयो हमरा एकर अभ्यस्त होवे पड़ल !

हियाँ परी हलइ - संयोगवश हत्या करे वला आउ पेशेवर हत्यारा, डाकू आउ डाकू सब के अतमान (सरदार) । साधारण चोर-ठग हलइ आउ अइसन अवारा लोग, जे दक्ष पकिटमार चाहे सेंधमार हलइ । अइसनो लोग हलइ, जेकरा बारे ई निर्णय करना मोसकिल हलइ, कि काहे लगी ओकन्हीं हियाँ परी अइले होत । एकरा अलावे, हरेक के अपन कहानी हलइ, अस्पष्ट आउ भारी, कल्हे के नशा के मदहोशी नियन । साधारणतः ओकन्हीं अपन अतीत के बारे बहुत कम बोलऽ हलइ, एकरा बारे बातचीत करना पसीन नयँ करऽ हलइ, आउ स्पष्टतः अतीत के बारे सोचे के कोशिश नयँ करऽ हलइ । ओकन्हीं में से अइसन हत्यारो के जानऽ हलिअइ, एतना हद तक खुश रहे वला के, एतना हद तक कभियो नयँ सोचे आउ परवाह करे वला के, कि बाजी भी लगा सकऽ हलिअइ, कि ओकन्हीं के अंतःकरण कभियो ओकन्हीं के नयँ कोसलके हल । लेकिन उदास मनोवृत्ति के लोग भी हलइ, जे लगभग हमेशे चुपचाप रहऽ हलइ । साधारणतः कोय भी अपन जिनगी के बारे विरले बात करऽ हलइ, उत्सुकता के फैशन भी नयँ हलइ, एकर रिवाज नयँ हलइ, आउ एकर स्वागत भी नयँ होवऽ हलइ । अतएव विरले, संयोगवश, अगर कोय निकम्मा रहला से बात करे ल शुरू कर देय, त दोसरा अनमना ढंग से आउ उदासीन होल सुन्नइ । हियाँ परी कोय केकरो (कुछ कहके ओकरा) अचरज में नयँ डाल सकऽ हलइ । "हमन्हीं - पढ़ल-लिक्खल लोग हिअइ !" ओकन्हीं अकसर एक प्रकार से आत्मसंतुष्टि से बोलइ । हमरा आद पड़ऽ हइ, कि कइसे एक तुरी एगो डाकू, नशा में धुत्त (जेल में कभी-कभी पीके धुत्त हो जाना संभव हलइ), बतावे लगलइ, कि कइसे ऊ एगो पाँच साल के बुतरू के गला रेत देलके हल, कइसे ऊ पहिले ओकरा खिलौना से फुसलइलके हल, ओकरा कहीं तो एगो खाली पड़ल बखार में ले गेले हल आउ हुएँ ओकर गला रेत देलके हल । पूरा बैरक, जे अभी तक ओकर मजाक पर हँस्सब करऽ हलइ, समवेत स्वर में एक अदमी नियन चिल्लइलइ, आउ ऊ डाकू के चुप हो जाय पड़लइ; बैरक गोस्सा से नयँ चिल्लइलइ, बल्कि अइसीं, काहेकि एकरा बारे बोले के जरूरत नयँ हलइ, काहेकि एकरा बारे  बोले के मनाही हलइ ।

प्रसंगवश हम ई बात ध्यान में लावे लगी चाहबइ, कि ई कैदी लोग वास्तव में शिक्षित हलइ आउ आलंकारिक अर्थ में भी नयँ, बल्कि शाब्दिक अर्थ में । आउ निस्संदेह, ओकन्हीं में से आधा से जादे लोग पढ़ आउ लिख सकऽ हलइ । कउन दोसर जगह में, जाहाँ रूसी लोग बड़गर जगह में जामा होवऽ हइ, ओकरा में से दू सो पचास लोग के दल के अलगे कर सकऽ हो, जेकरा में से आधा लोग पढ़ल-लिक्खल होवइ ? बाद में हमरा सुन्ने में अइलइ, कि कोय तो अइसने आँकड़ा के आधार पर ई निष्कर्ष निकासे लगलइ, कि शिक्षा लोग के बिगाड़ऽ हइ । ई गलत हइ - हियाँ कारण कुछ दोसरे हइ; हलाँकि ई बात से असहमत तो नयँ होल जा सकऽ हइ, कि शिक्षा लोग में आत्मविश्वास विकसित करऽ हइ । लेकिन वस्तुतः ई कोय खामी (defect) बिलकुल नयँ हइ ।

कैदी सब के हरेक श्रेणी के अलग पोशाक हलइ - एक के शर्ट के आधा हिस्सा गाढ़ा भूरा रंग के, त दोसरा आधा हिस्सा धूसर (grey), आउ पैंट भी ओइसीं - एक गोड़ धूसर, आउ दोसरा गाढ़ा भूरा । एक तुरी, काम के दौरान, केक (cake) बेचे वली एगो लड़की कैदी सब बिजुन आके हमरा दने देर तक एक टक देखते रहलइ आउ फेर अचानक ठठाके हँस पड़लइ । "ओह, केतना खराब लगऽ हइ !" ऊ चिल्लइलइ, "धूसर कपड़ा भी कमती हलइ, आउ करिया कपड़ा भी कमती हलइ !" अइसनो श्रेणी के कैदी हलइ, जेकर पूरा शर्ट एक्के धूसर रंग के कपड़ा के हलइ, लेकिन खाली आस्तीन (बाँह) गढ़गर भूरा हलइ । मथवो अलगे-अलगे ढंग से मूड़ल रहऽ हलइ - एक के आधा सिर अनुदैर्घ्य दिशा में (longitudinally, गरदनियाँ भिर से निरार दने तक) आउ दोसरा के अनुप्रस्थ दिशा में (transversely, एक कान से दोसरा कान तक) ।

पहिलहीं नजर में, ई पूरे विचित्र परिवार में एक प्रकार के प्रचंड समानता देखल जा सकऽ हलइ; सबसे मुख्य आउ सबसे मौलिक व्यक्तित्व भी, जे अनजाने में दोसरा अभियुक्त पर अपन प्रभुत्व जमावऽ हलइ, ओहो पूरे जेल के सामान्य सुर (tone) अपनावे के प्रयास करऽ हलइ । सामान्य रूप से हम कहबइ, कि ई सब लोग - कुछ इन्नल-गिन्नल बेहद खुश लोग के अपवाद के छोड़के, जेकरा सामान्य रूप से घृणा के दृष्टि से देखल जा हलइ, लोग खिन्न, ईर्ष्यालु, भयंकर रूप से अहंकारी, डींग हाँके वला, चिड़चिड़ा आउ उँचगर दर्जा के औपचारिकतावादी हलइ । कउनो चीज से आश्चर्यचकित नयँ होवे के क्षमता ओकन्हीं के सबसे बड़गर गुण हलइ । सब कोय ई मामले में पागल हलइ, कि बाहर से खुद के नियंत्रित रक्खल जाय । लेकिन अकसर सबसे अहंकारी रूप बिजली के गति से बदलके सबसे कायर हो जा हलइ । कुछ वास्तव में शक्तिमान लोग हलइ; ई सीधा-सादा लोग हलइ आउ अप्रभावित रहऽ हलइ । लेकिन ई विचित्र बात हलइ - अइसन वास्तविक शक्तिशाली लोग में से कुछ लोग हद से बाहर दर्जा के अहंकारी हलइ, लगभग बेमारी के हद तक । साधारणतः अहंकार, बाह्याडंबर ओकन्हीं के पहिला योजना रहऽ हलइ । ओकन्हीं में से अधिकतर भ्रष्ट आउ भयंकर रूप से बदचलन हलइ । अफवाह लगातार जारी रहऽ हलइ - ई नरक हलइ, घुप्प अन्हेरा । लेकिन जेल के आंतरिक नियम आउ स्वीकृत रस्म-रिवाज के विरुद्ध अवाज उठावे के कोय साहस नयँ करऽ हलइ; सब कोय आत्मसमर्पण कर दे हलइ । कुछ अपवादात्मक चरित्र हलइ, जे तीक्ष्ण रूप से विलक्षण हलइ, मोसकिल से आउ लचारी में झुक्के वला, लेकिन तइयो झुक जाय वला तो हइए हलइ । जेल में अइसन लोग आवऽ हलइ, जे सीमा से बहुत बाहर चल जा हलइ, स्वतंत्र रहला पर बिन सोचले-समझले निश्चित मापदंड के बाहर बहुत कुछ कर बइठऽ हलइ, कुछ ई तरह कि अपन अपराध आखिर मानूँ अपन होश में नयँ रहला से करऽ हलइ, मानूँ खुद ओकरा एकर कारण के भान नयँ होवऽ हलइ, मानूँ सरसाम में हलइ, नशा में हलइ; अकसर अहंकारवश, सबसे उँचगर दर्जा तक उत्तेजित होके । लेकिन हमन्हीं हीं ओकन्हीं के तुरते नियंत्रित कर लेल जा हलइ, एकर बावजूद कि कुछ लोग जेल में आवे के पहिले पूरे गाँव-कसबा आउ शहर के आतंकित करके रखले रहऽ हलइ । अपन चारो बगली नजर डालला पर, नयका-नयका आवल कैदी जल्दीए समझ जा हलइ, कि ऊ ओइसन जगह पे नयँ अइले ह, कि हियाँ ऊ अब केकरो हैरान नयँ कर सकऽ हइ, आउ स्पष्ट रूप से शांत पड़ जा हलइ आउ सामान्य सुर अपनाऽ ले हलइ । ई सामान्य सुर, बाह्य रूप से एक प्रकार के विशेष आत्मसम्मान में हलइ, जे जेल के लगभग हरेक निवासी में अंतर्निहित हलइ । ई मानूँ वस्तुतः कठोर श्रम से दंडित कैदी के प्रतिष्ठा (status) के मामला हलइ, कउनो पद (रैंक) के बात हलइ, आउ ओहो सम्मानजनक । लाज आउ पश्चात्ताप के कोय चिन्हा नयँ ! लेकिन, एक प्रकार के बाह्य रूप से शांति हलइ, अइसन कहल जाय कि औपचारिक, एक प्रकार के शांत दार्शनिकता - "हमन्हीं तो मृत लोग हिअइ", ओकन्हीं बोलऽ हलइ, "अजादी से तो जी नयँ सकलऽ, त अब हरियरका रोड पर परेड करऽ, आउ रैंक गिन्नऽ" । "बाप-माय के कहना नयँ सुनलऽ, त अब ढोल के थाप सुन्नऽ" । "ज़रदोज़ी के काम तो नयँ करे लगी चाहलऽ, त अब हथौड़ी से पत्थल तोड़ऽ" । ई सब कुछ अकसर बोलल जा हलइ, नैतिक शिक्षा के रूप में आउ सामान्य मुहावरा आउ कहावत के रूप में, लेकिन गंभीरता से कभी नयँ । ई सब खाली शब्द हलइ । मोसकिल से ओकन्हीं में से कोय एक्को गो आंतरिक रूप से अपन गैरकानूनीपन (lawlessness) के स्वीकार करऽ हलइ । अगर कैदी सब में से छोड़के कोय अनजान व्यक्ति कोय कैदी के ओकर अपराध के कारण निंदा करइ, ओकरा झिड़की देय (हलाँकि, कोय अपराधी के निंदा करना रूसी रिवाज नयँ हइ) - त गारी-घिन्ना के कोय अंत नयँ होबइ । आउ गारी देवे में केतना माहिर हलइ ओकन्हीं ! गारी ओकन्हीं बिलकुल विशुद्ध रूप में आउ कलात्मक ढंग से दे हलइ । गारी देवे के कला तो ओकन्हीं हीं एगो विज्ञान के दर्जा तक पहुँच गेले हल; ओकन्हीं गारी के शब्द पर ओतना नयँ जा हलइ, जेतना गारी के अर्थ, मर्म आउ विचार पर जा हलइ - आउ ई अधिक परिष्कृत आउ विषैला हइ । ओकन्हीं बीच लगातार लड़ाय ई विज्ञान के आउ जाद हीं विकसित कर रहले हल । ई सब लोग छड़ी के बल पर काम करऽ हलइ - परिणामस्वरूप, ऊ निकम्मा हलइ, परिणामस्वरूप, दुराचारी बन जा हलइ - अगर पहिलहीं दुराचारी नयँ हलइ, त जेल में दुराचारी बन रहले हल । ओकन्हीं सब हियाँ अपन मन से जामा नयँ होते गेले हल; ओकन्हीं सब्भे एक दोसरा लगी अजनबी हलइ ।

"शैतान तीन जोड़ा जुत्ता घिस चुकले होत, एकर पहिले कि हमन्हीं के हियाँ एक टोली में एकट्ठा कइल गेलइ !" ओकन्हीं अपने आप में बोलते जा हलइ; आउ ओहे से चुगलखोरी, षड्यंत्र, औरतानी तोहमत, ईर्ष्या, झगड़ा-झंझट, घृणा - ई नारकीय जिनगी में पहिला प्लान में हलइ । कोय चुड़ैल ओइसन चुड़ैल नयँ हो सकऽ हलइ, जइसन ई हत्यारा सब में से कुछ लोग हलइ । हम ई बात दोहरावऽ हिअइ, कि हमन्हीं बीच बरियार, चरित्रवान, समुच्चे जिनगी आगू बढ़े आउ शासन करे के अभ्यस्त, पनिया (tempered), निडर लोग भी हलइ । एकन्हीं सब के स्वाभाविक रूप से आदर के दृष्टि से देखल जा हलइ; ओकन्हीं, अपना तरफ से, हलाँकि अकसर अपन प्रतिष्ठा पर बहुत ईर्ष्यालु हलइ, लेकिन साधारणतः ई प्रयास करऽ हलइ, कि दोसरा लगी भार नयँ होबइ, छोटगर-छोटगर बात पर झगड़ा नयँ करऽ हलइ, असाधारण गौरव के साथ आचरण करऽ हलइ, समझदार आउ अधिकारी के लगभग हमेशे आज्ञाकारी हलइ - आज्ञापालन के सिद्धांत पर नयँ, फर्ज के आधार पर नयँ, बल्कि ई तरह, मानूँ कउनो प्रकार के समझौता के अनुसार, परस्पर लाभ समझके । एकर विपरीत, (अधिकारीगण द्वारा) ओकन्हीं के साथ सावधानी से व्यवहार कइल जा हलइ ।

हमरा आद पड़ऽ हइ, कि कइसे ओइसनकन कैदी में से एगो के, जे निडर आउ दृढ़ हलइ, आउ अधिकारीगण के बीच अपन वहशी प्रवृत्ति लगी मशहूर हलइ, कोय प्रकार के अपराध लगी एक तुरी दंड लगी बोलावल गेलइ । गरमी के दिन हलइ, काम से फुरसत के समय हलइ । स्टाफ अफसर, जे निकटतम आउ जेल के प्रबंधन से सीधे संबंधित हलइ, दंड के समय उपस्थित रहे खातिर खुद गार्ड-रूम अइलइ, जे हमन्हीं के गेट के सबसे नगीच हलइ। ई मेजर कैदियन लगी एक प्रकार से भाग्यनिर्णायक हलइ; ऊ ओकन्हीं के अइसन दशा में पहुँचा देलके हल, कि ओकन्हीं ओकरा देखके थरथरा जा हलइ । ऊ पागलपन के हद तक कठोर हलइ, "लोग पर टूट पड़ऽ हलइ", जइसन कि कैदियन के कहना हलइ । ओकन्हीं सबसे जादे डरऽ हलइ ओकर बनबिलाड़ नियन तीक्ष्ण दृष्टि से, जेकरा से कुच्छो छिपाना असंभव हलइ । ऊ कइसूँ बिन नजर डाललहीं देख ले हलइ । जेल में घुसतहीं ओकरा पता चल जा हलइ, कि ओकरा अंतिम छोर पर की चल रहले ह । कैदी सब ओकरा "आठ आँख वला" उपनाम (nickname) देलके हल । ओकर प्रणाली भ्रामक हलइ । ऊ अपन उन्मत्त, घृणास्पद हरक्कत से पहिलहीं से उत्तेजित लोग के खाली उत्तेजित करऽ हलइ, आउ अगर ओकर उपरे जेल के गवर्नर नयँ रहते हल, जे भलमानुस आउ समझदार व्यक्ति हलइ, आउ जे कभी-कभी ओकर वहशी हरक्कत के शांत कर देलके हल, त ऊ अपन प्रशासन से बड़गो विपत्ति खड़ी कर देते हल । हमरा समझ में नयँ आवऽ हइ, कि कइसे ऊ सकुशल अपन सेवा समाप्त कर पइलकइ; ऊ जिंदा आउ स्वस्थ दशा में सेवानिवृत्त (रिटायर) हो गेलइ, हलाँकि ओकरा कोर्ट-मार्शल (फौजी अदालत) में पेश कइल गेले हल ।

कैदी के चेहरा पीयर पड़ गेलइ, जब ओकर नाम पुकारल गेलइ । साधारणतः ऊ चुपचाप आउ दृढ़तापूर्वक बेंत के मार खाय लगी पड़ जा हलइ, चुपचाप दंड सह ले हलइ आउ दंड भुगतला के बाद उठ खड़ी होवऽ हलइ - अस्तव्यस्त रूप में, शांति से आउ दार्शनिक रूप से अपन आल विपत्ति के देखते । लेकिन ओकरा साथ हमेशे सवधानी के साथ बरताव कइल जा हलइ । लेकिन अबरी ऊ खुद के कोय कारणवश निर्दोष समझ रहले हल । ओकर चेहरा पीयर पड़ गेलइ, आउ चुपके से गार्ड से बचके, ऊ अपन आस्तीन में एगो अंगरेजी जुत्ता सीए वला तेज (नोकदार) सूआ घुसा लेवे में सफल हो गेलइ । छूरी आउ हरेक तरह के तेज हथियार (औजार) रक्खे के जेल में सख्त मनाही हलइ । जाँच अकसर, अप्रत्याशित आउ गंभीर होवऽ हलइ, आउ दंड कठोर; लेकिन चूँकि चोर के हियाँ से ढूँढ़ निकासना मोसकिल काम हइ, जब ऊ अपन पास कुछ खास करके छिपाके रक्खे लगी फैसला कर ले हइ, आउ चूँकि छूरी आउ औजार जेल में हमेशे आवश्यक होवऽ हलइ, ओहे से, जाँच के बावजूद, ऊ समाप्त नयँ होवऽ हलइ (अर्थात् हमेशे रहऽ हलइ) । आउ अगर ओकरा हटा लेल जा हलइ, त तुरते नयका ले आवल जा हलइ।

पूरा जेल (के कैदी) छरदेवाली बिजुन उमड़ पड़लइ आउ धड़कते दिल से स्तंभ के बीच के दरार से देखे लगलइ । सबके मालूम हलइ, कि पित्रोव अबरी बेंत के मार खाय लगी पड़े लगी नयँ चाहतइ आउ मेजर के काल आ गेले ह । लेकिन खास निर्णायक क्षण में हमर मेजर द्रोश्की (टमटम) में बइठ गेलइ आउ चल गेलइ, दंड के निष्पादन (execution) के काम दोसरा अफसर के सौंपके । "खुद भगमान ओकरा बचा देलकइ !" बाद में कैदियन बोललइ । जाहाँ तक पित्रोव के बात हइ, ऊ शांतिपूर्वक दंड सहन कइलकइ । ओकर क्रोध मेजर के प्रस्थान के साथ समाप्त हो गेलइ । कैदी कोय खास हद तक आज्ञाकारी आउ विनम्र रहऽ हइ; लेकिन एकर सीमा हइ, जेकर उल्लंघन नयँ कइल जा सकऽ हइ । ई सिलसिले में, अधीरता आउ विद्रोह के ई विचित्र उबाल (outbursts) से अधिक कुछ आउ कौतूहलपूर्ण नयँ हो सकऽ हइ । अकसर अदमी कइएक बरिस तक धीरज रक्खऽ हइ, शांति बरतऽ हइ, कठोरतम दंड बरदास कर ले हइ आउ अचानक कइसनो छोटगर बात पर फूट पड़ऽ हइ, कोय क्षुद्र बात पर, लगभग नगण्य बात पर । दोसर दृष्टि से ओकरा पागल भी कहल जा सकऽ हइ; आउ अइसीं लोग करवो करऽ हइ ।

हम पहिले उल्लेख कर चुकलिए ह, कि कइएक बरिस के दौरान हमरा कभियो ई लोग के बीच जिरिक्को सनी पछतावा के लक्षण नयँ देखाय देलकइ, ओकन्हीं के अपन अपराध के बारे जिरिक्को सन कष्टदायक सोच में डुब्बल नयँ देखलिअइ, आउ ओकन्हीं में से अधिकतर आंतरिक रूप से खुद के बिलकुल सही मानऽ हइ । ई एगो तथ्य हइ। वस्तुतः, अहंकार, खराब उदाहरण, दुस्साहस, मिथ्या लज्जा अधिकांश में एकर कारण हइ । आउ दोसरा तरफ, केऽ कह सकऽ हइ, कि ई सब मृत हृदय के गहराई के थाह पा लेलके ह आउ ओकन्हीं के अंदर पूरे संसार से जे कुछ गुप्त हइ, ओकर अध्ययन कर चुकले ह ? लेकिन अइसन लग सकऽ हइ, कि एतना साल के दौरान, तनिक्को सनी कुछ तो नोटिस कइल जा सकऽ हलइ, कुछ पावल जा सकऽ हलइ, कुछ तो लेश भर भी ई सब के दिल में समझल जा सकऽ हलइ, जे ओकन्हीं के आंतरिक व्यथा, कष्ट के बारे साक्षी हो सकऽ हलइ । लेकिन अइसन कुछ नयँ हलइ, निश्चित रूप से नयँ हलइ । हाँ, प्रतीत होवऽ हइ, कि अपराध के आकलन कोय बन्नल-बनावल (अर्थात् पारंपरिक) दृष्टिकोण से नयँ कइल जा सकऽ हइ, आउ एकर दर्शन (philosophy), जइसन समझल जा हइ, ओकरा से कुछ जादहीं कठिन हइ । वस्तुतः, जेल आउ कठोर श्रम के प्रणाली अपराधी के सुधार नयँ पावऽ हइ; ई खाली ओकरा दंड दे हइ आउ समाज के सुरक्षा पर आगू के कोय अपराधी के प्रयास (आक्रमण) से बचावऽ हइ । जेल आउ कठोरतम श्रम अपराधी में खाली ईर्ष्या, निषिद्ध सुख के पिपासा आउ भयंकर लापरवाही उत्पन्न करऽ हइ । लेकिन हमरा पक्का विश्वास हइ, कि प्रसिद्ध गोपनीय (अर्थात् प्रशंसित एकांत कारावास) प्रणाली केवल मिथ्या, भ्रामक, बाह्य उद्देश्य प्राप्त करऽ हइ । ई मानव के जीवन रस चूस ले हइ, ओकर आत्मा के ऊर्जाहीन कर दे हइ, ओकरा दुर्बल बना दे हइ, भयभीत कर दे हइ आउ बाद में पश्चात्ताप आउ सुधार के आदर्श (नमूना) के रूप में नैतिक रूप से एगो अर्द्धविक्षिप्त शुष्क ममी (mummy, परिरक्षित शव) प्रस्तुत करऽ हइ ।
वस्तुतः, समाज से विद्रोह करे वला अपराधी एकरा से घृणा करऽ हइ आउ लगभग हमेशे खुद के सही मानऽ हइ, आउ समाज के दोषी । एकरा अलावे, ऊ पहिलहीं एकरा चलते दंड भुगत चुकले ह, आउ एकर बाद ऊ खुद के लगभग दोषमुक्त आउ ऋणमुक्त अर्थात् हिसाब चुकता कइल मानऽ हइ । ई राय बनावल जा सकऽ हइ, कि आखिरकार, अइसन दृष्टिकोण के साथ, अपराधी के ही लगभग न्यायसंगत ठहरावे पड़तइ । लेकिन हर संभव दृष्टिकोण के बावजूद, हरेक कोय ई बात से सहमत होतइ, कि अइसन अपराध हकइ, जे हमेशे आउ सगरो, हर संभव कानून के अनुसार, ई संसार के प्रारंभ से बिन कोय विवाद के अपराध मानल जा हइ आउ अइसीं तब तक मानल जइतइ, जब तक मानव मानव रहतइ । खाली जेले में हम सबसे भयंकर कहानी के बारे, सबसे अप्राकृतिक हरक्कत के बारे, सबसे राक्षसीय हत्या के बारे, सबसे दुर्निवार, सबसे बचकाना खुशहाल हँसी के साथ कहल गेल सुनलूँ । विशेष करके हमर स्मृति से एगो पितृहन्ता (पिता के हत्यारा) नयँ जइतइ । ऊ एगो कुलीन घर के हलइ, सरकारी नौकरी करऽ हलइ आउ अपन साठ साल के बाप लगी एक प्रकार के बदचलन बेटा हलइ । व्यवहार में ऊ बिलकुल दुराचारी हलइ, करजा में फँस गेलइ । ओकर बाप ओकरा पाबंदी लगइलकइ, समझावे के कोशिश कइलकइ; लेकिन बाप के पास घर हलइ, फार्म हलइ, आउ शक्का कइल जा हलइ, कि पइसा भी हलइ, आउ - बेटा ओकर हत्या कर देलकइ, विरासत के लोभ । अपराध के पता एक महिन्ना के बादे चललइ । खुद हत्यारा पुलिस के सूचना देलकइ, कि बाप नयँ मालूम काहाँ गुम हो गेला ह । ई पूरे महिन्ना ऊ बिलकुल दुराचार में बितइलकइ । आखिरकार, ओकर अनुपस्थिति में, पुलिस के लाश मिल गेलइ । प्रांगण में, एकर पूरे लंबाई में, गंदा पानी वला एगो नाला बहऽ हलइ, जे तख्ता से ढँक्कल हलइ । लाश एहे नाला में पड़ल हलइ । एकरा निममन कपड़ा पेन्हावल हलइ, धूसर सिर सीधे रेतल हलइ, धड़ के साथ रक्खल हलइ, आउ सिर के निच्चे हत्यारा तकिया रख देलके हल । ऊ अपन अपराध स्वीकार नयँ कइलकइ; ओकरा कुलीनता, नौकरी के रैंक से वंचित कर देल गेलइ आउ बारह बरिस के कठोर श्रम पर भेज देल गेलइ । ऊ पूरे समय के दौरान, जब तक हम ओकरा साथ रहलिअइ, ऊ बहुत बेहतर आउ बहुत खुश हालत में हलइ । ऊ सनकी, बेपरवाह, हद दर्जा के नासमझ अदमी हलइ, हलाँकि ऊ बेवकूफ तो बिलकुल नयँ हलइ । हम ओकरा में कउनो प्रकार के विशेष निर्दयता कभियो नोटिस नयँ कइलिअइ । कैदी लोग ओकरा से नफरत करते जा हलइ, ओकर अपराध के कारण नयँ, जेकरा बारे कभी उल्लेख नयँ होवऽ हलइ, बल्कि बकवास के कारण, ई कारण से, कि ऊ ठीक से व्यवहार करे लगी नयँ जन्नऽ हलइ । बातचीत के दौरान ऊ कभी-कभी अपन बाप के बारे आद करऽ हलइ । एक तुरी, हमरा साथ अपन परिवार में आनुवंशिक स्वस्थ शरीरगठन के बारे बोलते बखत, ऊ आगू बोललइ - "अइकी हमर पिताजी, अपन मौत के पहिले, कभियो कोय बेमारी के शिकायत नयँ कइलका हल" । अइसन वहशी निर्ममता, जाहिर हइ, असंभव प्रतीत होवऽ हइ । ई एगो अद्भुत घटना हइ; हियाँ शरीरगठन के एक प्रकार के खामी (defect) हइ, एक प्रकार के शारीरिक आउ नैतिक विकृति, जे अभियो विज्ञान लगी अनजान हइ, आउ बस (simply) अपराध नयँ हइ । जाहिर हइ, ई अपराध पर हमरा विश्वास नयँ हो रहले हल । लेकिन ओकर शहर के लोग, जेकरा ओकर पूरा खिस्सा निश्चित रूप से विस्तार से मालूम होतइ, ओकर सब हरक्कत के बारे बतइते गेलइ । तथ्य एतना स्पष्ट हलइ, कि विश्वास नयँ करना असंभव हलइ ।

कैदी लोग के सुनाय पड़लइ, कि कइसे ऊ एक तुरी रतिया में सपना में चिल्लाब करऽ हलइ - "पकड़ ओकरा, पकड़ ! ओकर सिर छोप ले, सिर, सिर ! ..."
लगभग सब्भे कैदी रात में बोलऽ हलइ आउ बड़बड़ा हलइ । गारी-गल्लम, चोर के विशिष्ट शब्द (slang), छूरा, कुल्हाड़ी ओकन्हीं के जीभ पर  बड़बड़ाहट में सबसे अकसर आवऽ हलइ ।
"हम तो टुट्टल लोग हकूँ", ओकन्हीं बोलइ, "हमन्हीं के आत्मा तो रौंद देल गेल ह, ओहे से हम सब रात में चिल्ला ही ।"
किला के दंडित रूप में कठोर श्रम हमन्हीं के पेशा नयँ हलइ, बल्कि अनिवार्य काम हलइ - कैदी अपन काम पूरा करऽ हलइ चाहे सौंपल निश्चित घंटा के काम करऽ हलइ आउ जेल में वापिस आ जा हलइ । काम के घृणा के दृष्टि से देखऽ हलइ । अपन विशेष निजी काम के, जेकरा ऊ अपन पूरे दिमाग लगाके समर्पित होके करते हल, पूरे जवाबदेही के साथ, अदमी  ओकरा बगैर जेल में जी नयँ सकऽ हलइ । आउ कइसे ई सब, विकसित, शानदार ढंग से जिनगी गुजारल आउ जीए के इच्छा कइले, बलपूर्वक हियाँ एक टोली में एकट्ठा कइल, बलपूर्वक समाज से आउ सामान्य जिनगी से अलगे कइल, लोग हियाँ स्वाभाविक रूप से आउ ठीक ढंग से, अपन इच्छा आउ मरजी से रह सकऽ हलइ ? हियाँ खाली निठल्लापन ओकरा में आपराधिक प्रवृत्ति विकसित कर सकऽ हलइ, जेकरा बारे ओकरा पहिले कोय खियाल भी नयँ हलइ । बिन परिश्रम, बिन वैध सामान्य  संपत्ति के अदमी जी नयँ सकऽ हइ, ऊ दुराचारी बन जा हइ, जानवर में बदल जा हइ । आउ ओहे से जेल में हरेक कैदी के, स्वाभाविक आवश्यकता आउ आत्मसंरक्षण के एक प्रकार के भावना के अनुसार अपन कारीगरी आउ काम होवऽ हलइ । गरमी के लमगर दिन लगभग पूरा के पूरा कठोर श्रम में बीत जा हलइ; छोटगर रात मोसकिल से सुत्ते लगी काफी होवऽ हलइ ।
लेकिन जाड़ा में कैदी के, नियम के अनुसार, जइसीं अन्हेरा होवे लगऽ हलइ, कि जेल में बन कर देवे पड़ऽ हलइ । जाड़ा के लमगर नीरस शाम में की कइल जाय ? आउ ओहे से लगभग हरेक बैरक, बन रहलो पर, एगो बड़गर कारखाना में बदल जा हलइ । वस्तुतः (जेल के अंदर) परिश्रम, काम के मनाही नयँ हलइ; लेकिन अपने साथ जेल में औजार रक्खे के सख्त मनाही हलइ, परंतु एकरा बगैर काम असंभव हलइ ।  लेकिन लोग चुपके-चोरी काम करते जा हलइ, आउ, लगऽ हइ, प्रशासन कुछ हालत में ई सब के एकटक नयँ देखऽ हलइ (अर्थात् अइसन काम के मामले में नियम के अनुपालन के उपेक्षा कर दे हलइ) । कैदी लोग में से कइएक जेल में बिन कोय पेशा के बारे जानले आवऽ हलइ, लेकिन हियाँ दोसरा लोग से सीख ले हलइ आउ बाद में अपन मरजी से दक्ष कारीगर बनके जा हलइ।

हियाँ हलइ - मोची, बूट बनावे वला, दर्जी, बड़ही, फिटर, तालासाज, तक्षक (woodcarvers) आउ कोफ़्तगर (gilders) । एगो यहूदी भी हलइ, इसाय बूम्स्टाइन, एगो जौहरी, जे सूदखोर भी हलइ । ओकन्हीं सब्भे परिश्रम करके एक-एक कोपेक करके अर्जित करऽ हलइ । काम के औडर शहर से मिल्लऽ हलइ । पइसा एगो उत्कीर्णित (coined) स्वतंत्रता हइ, आउ ओहे से अइसन मनुष्य लगी, जे स्वतंत्रता से बिलकुल वंचित हइ, ऊ दस गुना कीमती हइ । अगर पइसा ओकर जेभी में खनकऽ हइ, त ओकरा आधा सांत्वना मिल जा हइ, चाहे ऊ ओकरा खरच नयँ कर पावइ । लेकिन पइसा हमेशे आउ सगरो खरच कइल जा सकऽ हइ, आउ एकरा अलावे, निषिद्ध फल दोगना मीठा होवऽ हइ । आउ जेल में शराब प्राप्त करना भी संभव हलइ । पाइप के सबसे सख्त मनाही हलइ, लेकिन सब कोय धूम्रपान करऽ हलइ । पइसा आउ तमाकू स्कर्वी आउ दोसर-दोसर बेमारी से बचावऽ हलइ । (स्कर्वी - एगो रोग जे विटामिन सी के कमी से होवऽ हइ, आउ जेकरा में सुज्जल मसूड़ा से खून गिरऽ हइ आउ पहिलौका ठीक होल घाव भी जिंदा हो जा हइ ।) काम ओकन्हीं के अपराध से बचावऽ हलइ - बिन काम के कैदी लोग एक दोसरा के, बंद बोतल में मकरा नियन, खा जइते हल । एकर बावजूद काम आउ पइसा दुन्नु पर प्रतिबंध हलइ ।

अकसर रात में आकस्मिक जाँच कइल जा हलइ, कानूनन वर्जित (निषिद्ध) सब समान जब्त कर लेल जा हलइ, आउ पइसा चाहे कइसूँ छिपावल रहइ, तइयो खोज-बीन करे वला के कभी-कभी मिल जा हलइ । एहे आंशिक कारण हलइ, कि ओकन्हीं (पइसा के जादे समय तक) बचाके नयँ रखते जा हलइ, बल्कि जल्दीए पी-पाके अँचा जइते जा हलइ; ओहे से जेल में शराब भी लावल जा हलइ । हरेक छान-बीन के बाद दोषी के, सब वर्जित समान जब्त कर लेला के अलावे, साधारणतः दर्दनाक रूप से दंडित कइल जा हलइ । लेकिन, हरेक खोज-बीन के बाद, तुरतम्मे सब कमी के पूर्ति कर लेल जा हलइ, जल्दीए नयका समान ले आवल जा हलइ, आउ सब कुछ पहलिहीं नियन चल्ले लगऽ हलइ । प्रशासन के ई सब मालूम रहऽ हलइ, आउ कैदी दंड के मामले में शिकायत नयँ करऽ हलइ, हलाँकि अइसन जिनगी वेसुवियस पहाड़ पर के निवासी लोग के जिनगी जइसन हलइ ।

जेकरा कोय पेशा में दक्षता हासिल नयँ हलइ, ऊ दोसरा तरह के धंधा करऽ हलइ । अइसन करे के तरीका काफी मौलिक हलइ । कुछ लोग, मसलन, खरीदारी में बिचौलिया के काम करऽ हलइ, आउ कभी-कभी अइसन चीज बेचऽ हलइ, कि जेल के देवाल के बाहर, ओकरा खरीदे आउ बेचे के बात, केकरो दिमागो में नयँ घुस सकऽ हलइ, बल्कि ओकरा एहो समझ में नयँ आ सकऽ हलइ कि ई कोय चीज हइ । लेकिन जेल (अर्थात् कैदी) बहुत गरीब हलइ आउ आश्चर्यजनक व्यावसायिक दक्षता रक्खऽ हलइ । आखिरी चिथड़ा के भी कीमत हलइ आउ कोय न कोय काम के चीज हलइ । गरीबी के वजह से हीं जेल में पइसा के, अजाद दुनियाँ के अपेक्षा, बिलकुल दोसरा कीमत हलइ (अर्थात् विनिमय के दर ओकर अंकित दर से जादे हलइ) । बड़गर आउ क्लिष्ट काम लगी ग्रोश (आधा कोपेक के सिक्का) में चुकावल जा हलइ ।

कुछ लोग सूदखोरी के धंधा सफलतापूर्वक चला ले हलइ । फिजूलखर्ची से बरबाद हो चुकल कैदी, अपन आखिरी समान सूदखोर के पास लावऽ हलइ, आउ ओकरा से तामा के कुछ पइसा, भयंकर सूद पर पावऽ हलइ । अगर ऊ निश्चित समय पर ई सब गिरवी रक्खल समान नयँ छोड़ा पावऽ हलइ, त एकरा बिन कोय देरी कइले बेरहमी से बेच देल जा हलइ; सूदखोरी के धंधा अइसन फल्लल-फुल्लल हलइ, कि जाँच (inspection) कइल  जाय वला सरकारी समान भी गिरवी पर रक्खल जाय लगलइ, जइसे - सरकारी कपड़ा-लत्ता, बूट-जुत्ता, आदि आदि - अइसन समान, जे हरेक कैदी के पास हरेक पल रहना जरूरी हलइ । लेकिन अइसन गिरवी के मामला दोसरहीं, लेकिन बिलकुल अप्रत्याशित नयँ, मोड़ ले ले हलइ - गिरवी पर समान देके आउ पइसा ले लेला के बाद तुरतम्मे, बिन कोय आगू के बातचीत के, जेल के सबसे नगीच अधिकारी, वरिष्ठ सर्जेंट, के पास चल जा हलइ, जाँच कइल जाय वला समान के गिरवी के सूचना दे दे हलइ, आउ तुरतम्मे गिरवी रक्खे वला सूदखोर के हियाँ से समान वापिस ले लेल जा हलइ, उच्चतर अधिकारी के बिन रिपोर्ट कइलहूँ । कौतूहल के बात हइ, कि कभी-कभी एकरा बारे कोय झगड़ो नयँ होवऽ हलइ - सूदखोर चुपचाप आउ उदास होके जे कुछ जरूरत हलइ ओकरा वापिस कर दे हलइ आउ मानूँ खुद्दे प्रत्याशा करऽ हलइ, कि अइसने कुछ होतइ । शायद, ऊ खुद ई नयँ स्वीकार नयँ कर पावऽ हलइ, कि गिरवी पर समान देवे वला के जगह पर अगर ऊ रहते हल त ओहो ओइसीं करते हल । आउ ओहे से अगर कभी बाद में बुरा-भला भी कहऽ हलइ, त बिन कोय दुर्भावना के, आउ अइसीं खाली अपन अंतःकरण के सांत्वना देवे खातिर ।

साधारणतः सब कोय एक दोसरा हीं भयंकर रूप से चोरी करऽ हलइ । लगभग हरेक के पास संदूक आउ ताला रहऽ हलइ, सरकारी समान के संजोगे खातिर । एकर अनुमति हलइ; लेकिन संदूक से सुरक्षा के गारंटी नयँ हलइ। हमरा लगऽ हइ, कि अइसन कोय भी कल्पना कर सकऽ हइ, कि कइसन दक्ष चोर हुआँ हलइ । एगो कैदी, जेकरा हमरा से हार्दिक रूप से लगाव हलइ (ई बात हम बिन कोय अतिशयोक्ति के बोल रहलिए ह), हमरा हीं से बाइबिल चोरा लेलकइ, एकमात्र पुस्तक, जेकरा जेल में अपन पास रक्खे के अनुमति हलइ; ऊ ओहे दिन हमरा भिर ई बात के स्वीकार कर लेलकइ, कोय पश्चात्ताप के कारण नयँ, बल्कि तरस खाके, काहेकि हम एकरा बहुत देर तक खोजलिअइ । कुछ अइसन "भठियारा" हलइ, जे शराब के धंधा करे वला हलइ आउ जल्दीए धनगर बन गेले हल । ई धंधा के बारे हम कभी खास समय पर चर्चा करबइ; काहेकि ई काफी महत्त्वपूर्ण मुद्दा हइ । जेल में कइएक कैदी तस्करी (smuggling) के कारण अइले हल, आउ ओहे से एकरा में कोय अचरज के बात नयँ हइ, कि निरीक्षण आउ निरीक्षक के बावजूद जेल में शराब पहुँच जा हलइ । वस्तुतः, तस्करी, अपन प्रकृति के अनुसार, एक प्रकार के विशेष अपराध हइ । मसलन, की कल्पना कइल जा सकऽ हइ, कि पइसा, लाभ, कुछ तस्कर (स्मगलर) खातिर गौण भूमिका अदा करऽ हइ, दोसर प्लान में रहऽ हइ ? तइयो बात अइसने हइ । तस्कर सनक आउ रुझान (प्रवृत्ति) के अनुसार काम करऽ हइ । ई आंशिक रूप से कवि होवऽ हइ । ऊ सब कुछ दाँव पर लगा दे हइ, भयंकर खतरा उठावऽ हइ, धूर्तता करऽ हइ, आविष्कार करऽ हइ, बच निकसऽ हइ; कभी-कभी एक प्रकार के प्रेरणा से काम करऽ हइ । ई सनक ओतने प्रबल होवऽ हइ, जेतना ताश के जूआ । हम जेल में एगो अइसन कैदी के जानऽ हलिअइ, जे बाहर से मोटगर-तजगर लगऽ हलइ, लेकिन एतना शांत, भद्र, सीधा-सादा, कि कल्पना नयँ कइल जा सकऽ हलइ, कि ऊ जेल में कइसे आ गेलइ । ऊ एतना नेकदिल आउ मिलनसार हलइ, कि ऊ जेल में रहे के पूरे अवधि के दौरान केकरो से झगड़ा नयँ कइलके हल । ऊ पश्चिमी सीमा से हलइ, तस्करी के कारण जेल अइले हल, आउ जाहिर हइ, ऊ शराब के तस्करी करके जेल में लावे से खुद के रोक नयँ पइलकइ । केतना तुरी ओकरा दंडित कइल गेलइ, आउ बेंत के मार से ओकरा केतना डर लगऽ हलइ ! आउ खाली शराब अंदर लावे लगी ओकरा नाम मात्र के लाभ होवऽ हलइ । शराब से खाली एगो ठेकेदार पइसा बनावऽ हलइ । ई विचित्र अदमी कला के कला खातिर पसीन करऽ हलइ । ऊ बूढ़ी नियन रुआँसा हो जा हलइ आउ केतना तुरी, दंड के बाद, कसम खइलके हल, कि ऊ फेर तस्करी नयँ करतइ । कभी-कभी ऊ एक महिन्ना तक कसम के अनुसार स्वयं के नियंत्रण में रखलकइ, लेकिन आखिरकार ऊ सहन नयँ कर पइलकइ ... अइसन व्यक्ति के चलते जेल में शराब के कमी नयँ होवऽ हलइ ।

आखिर, आमदनी के एगो आउ जरिया हलइ, हलाँकि एकरा से कैदी लोग पइसा नयँ बना पावऽ हलइ, लेकिन स्थिर आउ लाभदायक हलइ । ई हलइ उपहार । हमन्हीं के समाज के उच्च वर्ग के लोग के ई अंदाज नयँ हइ, कि व्यापारी, व्यवसायी आउ हमन्हीं के जनता के ई "अभागल" [2] लोग के केतना चिंता रहऽ हइ । ई उपहार  लगभग हमेशे मिल्लऽ हइ आउ लगभग हमेशे पावरोटी, सायका (गोहूम के आटा के बन्नल लमगर गोलाकार रोटी), कलाच (तालेनुमा डबल रोटी), आउ बहुत विरले पइसा के रूप में रहऽ हलइ । ई उपहार के बगैर, कइएक जगह में, कैदी लोग के, विशेष करके जेकरा पर मुकदमा चालू हइ, जेकरा साथ अभियुक्त से बहुत जादे बुरा बर्ताव कइल जा हइ, बहुत मोसकिल होते हल । उपहार के धार्मिक रूप से कैदी लोग के बीच बिलकुल बराबर हिस्सा में बाँटके देल जा हइ। अगर सब कोय लगी काफी नयँ होवऽ हइ, त कलाच के बराबर-बराबर टुकड़ा कइल जा हइ, कभी-कभी छो हिस्सा में भी, आउ हरेक कैदी के पक्का अपन टुकड़ा मिल्लऽ हइ ।



हमरा आद पड़ऽ हके, जब हमरा पहिले तुरी उपहार के रूप में पइसा मिल्लल हल । ई घटना जेल में हमरा आवे के तुरते बाद घट्टल हल । हम सुबह के काम के बाद अकेल्ले वापिस आ रहलूँ हल, गार्ड के साथ । हमरा से मिल्ले खातिर अइते गेले हल एगो माय आउ ओकर बेटी, दस बरिस के एगो लड़की, देवदूत नियन सुंदर । हम ओकन्हीं के पहिलहीं एक तुरी देखलिए हल । माय एगो सैनिक के विधवा हलइ । ओकर पति, एगो नवयुवक सैनिक, के मोकदमा चल रहले हल आउ अस्पताल में मर गेले हल, अभियुक्त वार्ड में, ऊ बखत, जब हम हुएँ बेमार पड़ल हलिअइ । पत्नी आउ बेटी ओकरा बिदा करे लगी अइते गेले हल; दुन्नु जार-बेजार कन रहले हल । हमरा देखके लड़किया के चेहरा लाल हो गेलइ, अपन मइया के कान में कुछ फुसफुसइलइ; ऊ तुरतम्मे रुक गेलइ, अपन बेग में से एक चौथाई कोपेक ढूँढ़लकइ आउ लड़किया के दे देलकइ । ऊ हमरा पीछू दौड़ल अइलइ - "हलऽ लऽ, 'बेचारे अभागल', क्राइस्ट के नाम पर ई कोपेक ले लऽ !" ऊ चिल्लइलइ, हमरा आगू दौड़ल आके आउ हमर हाथ में पइसा देते । हम ओकर कोपेक ले लेलिअइ, आउ लड़किया बिलकुल खुश होल अपन माय दने वापिस चल गेलइ । ई कोपेक के हम लम्मा समय तक संजोगके अपन पास रखले रहलिअइ ।



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