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Sunday, November 08, 2015

अपराध आउ दंड - भाग – 6 ; अध्याय – 2



अपराध आउ दंड

भाग – 6

अध्याय – 2

"अइकी ई सिगरेट !" आखिरकार पोरफ़िरी पित्रोविच जला चुकला के बाद आउ चैन के साँस लेके बोललइ, "हानि, खाली हानि, लेकिन हम एकरा छोड़ नयँ सकऽ हिअइ ! खोंखऽ हिअइ जी, गला में खराश रहऽ हइ, आउ दम फुल्लऽ हइ । जानऽ हथिन, हम जरी डरपोक अदमी हिअइ, हाले बे--न [1] के हियाँ गेलिए हल - हरेक रोगी के कम से कम आध घंटा जाँचऽ हका; जब ऊ हमरा देखलका, त हँसियो पड़ला - ठोंक-बजाके देखलका, आला लगाके देखलका - बोलऽ हका, 'दोसर बात के अलावे, अपने के तमाकू के सेवन उपयुक्त नयँ हइ; अपने के फेफड़ा फुल्लल (distended) हइ । अच्छऽ, त हम एकरा छोड़िअइ कइसे ? एकर जगह पर हम कउची के प्रयोग करिअइ ? हम तो पीयऽ हिअइ नयँ जी, एहे तो पूरा विपत्ति हइ, हे-हे-हे, चूँकि हम नयँ पीयऽ हिअइ, त ई विपत्ति हइ ! सब कुछ सापेक्ष (relative) हइ, रोदियोन रोमानोविच, सब कुछ सापेक्ष हइ !"

"ई की हइ ? ऊ अपन पहिलौके नौकरशाही चालू कर देलकइ कीऽ !" घृणा के साथ रस्कोलनिकोव के दिमाग में विचार उठलइ । ओकन्हीं बीच हाल के पिछलौका मोलकात के पूरा दृश्य ओकरा अचानक आद पड़ गेलइ, आउ तखने वला भावना के लहर फेर से ओकर दिल में उमड़ पड़लइ ।

"हम तो परसुन अपने के हियाँ साँझ के अइलिए हल; अपने के नयँ मालूम ?" कमरा के चारो तरफ नजर दौड़इते पोरफ़िरी पित्रोविच बात जारी रखलकइ, "एहे कमरा में हम अंदर अइलिए हल । आझे नियन तहियो पास से गुजरऽ हिअइ - सोचऽ हिअइ, काहे नयँ भेंट कर लेल जाय । अइलिअइ, आउ कमरा बिलकुल खुल्लल; चारो तरफ नजर दौड़इलिअइ, इंतजार कइलिअइ, लेकिन अपने के नौकरानी के भी नयँ सूचित कइलिअइ - आउ निकस गेलिअइ । अपन दरवाजा में ताला नयँ लगावऽ हथिन ?"
रस्कोलनिकोव के चेहरा गंभीरतर आउ गंभीरतर होल गेलइ । पोरफ़िरी, लगऽ हलइ, कि ओकर मन के विचार के भाँप लेलकइ ।

"हम अपन बात के समझावे खातिर अइलिए ह, प्रियवर रोदियोन रोमानोविच, समझावे खातिर, जी ! अपने के सामने हमरा अपन स्पष्टीकरण देवे के चाही आउ ई हमर कर्तव्य हइ, जी", ऊ मुसकान के साथ अपन बात जारी रखलकइ, आउ अपन हथेली से रस्कोलनिकोव के टेहुना के हलके से थपथपइवो कइलकइ, लेकिन लगभग ओहे क्षण ओकर चेहरा अचानक गंभीर आउ विचारमग्न रूप धारण कर लेलकइ; बल्कि मानूँ ओकरा पर उदासी छा गेलइ, जेकरा से रस्कोलनिकोव अचंभित हो गेलइ । ऊ अइसन कभियो नयँ देखलके हल, आउ न कभी अइसन चेहरा के शक्का कइलके हल । "विचित्र दृश्य हमन्हीं बीच पिछलौका भेंट के दौरान उपस्थित हो गेले हल, रोदियोन रोमानोविच । आउ शायद हमन्हीं बीच पहिलौका भेंट के दौरान भी विचित्र दृश्य होले हल; लेकिन तखने ... अच्छऽ, अभी सब कुछ एगो के बाद दोसर ! देखथिन जी - हम शायद अपने के सामने दोषी ठहरऽ हिअइ जी; हम ई महसूस करऽ हिअइ जी । वस्तुतः हमन्हीं कइसे तखनी एक दोसरा से अलग होलिए हल, अपने के तो आदे होतइ - अपने के स्नायु (nerves) गुनगुना रहले हल आउ टेहुना कँप रहले हल, आउ हमरो स्नायु गुनगुना रहले हल आउ टेहुना कँप रहले हल । आउ जानऽ हथिन, तखनी हमन्हीं बीच जे कुछ घटले हल, ऊ अनुचित हलइ, शिष्ट नयँ हलइ । लेकिन वस्तुतः हमन्हीं तइयो शिष्ट व्यक्ति हिअइ; मतलब, हरेक हालत में, सबसे पहिले शिष्ट व्यक्ति; ई समझे के चाही जी । वस्तुतः आद करथिन, बात काहाँ तक पहुँच गेले हल ... बिलकुल अशिष्ट भी हलइ जी ।

"ऊ कहे लगी की चाहऽ हइ, ऊ हमरा की समझऽ हइ ?" रस्कोलनिकोव अपने आप से अचरज के साथ पुछलकइ, सिर उपरे करते आउ लगातार पोरफ़िरी के नजर से नजर मिलइले ।

"हम फैसला कइलिए ह, कि हमन्हीं के अब दिल खोलके बात करना बेहतर होतइ", पोरफ़िरी पित्रोविच बात जारी रखलकइ, अपन सिर थोड़े सनी पीछू कइले आउ अपन नजर निच्चे मुँहें कइले, मानूँ अपन पहिलौका शिकार के अपन नजर से आउ अधिक परेशान करे लगी नयँ चाह रहल होवे आउ मानूँ अपन पहिलौका विधि आउ दाँव-पेंच के उपेक्षा कर रहल होवे, "जी हाँ, ओइसनका शक्का आउ ओइसनका दृश्य जादे समय तक जारी नयँ रह सकऽ हइ । तखनी तो मिकोल्का हमन्हीं के मामला निपटा देलकइ, नयँ तो मालूम नयँ, हमन्हीं बीच मामला काहाँ तक पहुँचते हल । ई अभिशप्त व्यापारी तखनी हमरा हीं ओट के पीछू बइठल हलइ - की अपने एकर कल्पना कर सकऽ हथिन ? जाहिर हइ, ई बात अपने जानऽ हथिन; आउ हमरो सूचना मिललइ, कि ऊ बाद में अपने हीं गेले हल; लेकिन जे कुछ तखनी अपने मान लेलथिन हल, ऊ सच नयँ हलइ - हम केकरो नयँ बोलइले हल आउ न तखनी हम कोय व्यवस्था कइलिए हल । अपने पुछथिन, काहे नयँ व्यवस्था कइलिअइ ? लेकिन हम अपने के की बतइअइ - हमरा खुद्दे ई तखनी मानूँ हमरा मार डाललक हल । हम मोसकिल से दरबान के बोलावे के व्यवस्था कर पइलूँ हल । (संभव हइ, पास से गुजरते बखत अपने दरबान सब के तो देखलथिन होत ।) एगो विचार तखने हमर दिमाग में कौंधलइ, एगो मानूँ बिजली नियन तेज विचार; देखवे करऽ हथिन, रोदियोन रोमानोविच, तखने हमरा पक्का अकीन हो गेले हल । हम सोचलिअइ, बल्कि हम एगो के तात्कालिक रूप से निकस जाय दिअइ, लेकिन दोसरा के तो हम पूँछ से पकड़ लेबइ - अप्पन के तो, अप्पन के तो, कम से कम हम हाथ से निकसे नयँ देबइ । अपने तो स्वभाव से बहुत चिड़चिड़ा हथिन जी, रोदियोन रोमानोविच; बल्कि अपने के चरित्र आउ हृदय के आउ सब दोसर मूल गुण के रहते तो बहुत अधिक जी, हमरा तो खुशी हइ, ई आशा के साथ, कि आंशिक रूप से हम समझ चुकलिए ह जी । हम तो वस्तुतः तखनियो समझ सकऽ हलिअइ, कि हमेशे अइसन नयँ होवऽ हइ, कि अइकी अदमी उठलइ आउ अपने के अपन सब गुप्त बात बता देलकइ । अइसन हलाँकि होवऽ हइ, खास करके जब अदमी के बहुत गोस्सा में लाके ओकर सब धैर्य के सीमा के बाहर कर देल जाय, लेकिन कइसनो हालत में, विरले अइसन होवऽ हइ । ई बात तो हमरो समझ में आवऽ हलइ । नयँ, सोचलिअइ, हमरा खाली एगो सुराग मिल जाय ! बल्कि बहुत छोटगर सुराग, खाली एगो, लेकिन खाली अइसन, कि ई हाथ ओकरा पकड़ सकइ, कि कुछ ठोस चीज होवइ, आउ खाली ई मनोविज्ञान नयँ । काहेकि हम सोचलिअइ, कि अगर अदमी दोषी हइ, त जाहिर हइ, कि हरेक हालत में कुच्छो ठोस चीज ओकरा हीं से मिल सकऽ हइ; आउ कोय बिलकुल अप्रत्याशित परिणाम भी उपलब्ध होवे के उमीद कइल जा सकऽ हइ । हम अपने के स्वभाव पर तखने आस लगइले हलिअइ, रोदियोन रोमानोविच, सबसे जादे स्वभाव पर जी ! हमरा तखने अपने पर बहुत आशा हलइ ।"

"लेकिन अपने ... लेकिन अपने अभियो ओइसीं काहे लगी बतिअइते जा रहलथिन हँ ?" आखिरकार रस्कोलनिकोव बड़बड़इलइ, बिन अपन खुद के सवाल के मतलब समझले । "ऊ कउची बारे बोल रहले ह ?" कुच्छो नयँ समझला पर ऊ अपने आप से पुछलकइ, "की वास्तव में ऊ हमरा बेकसूर समझऽ हइ ?"

"हम अइसे की बात कर रहलिए ह ? बात ई हइ, कि हम अपन स्पष्टीकरण (सफाई) देवे लगी अइलिए ह जी, कहल जा सकऽ हइ, कि ई हम अपन फर्ज समझऽ हिअइ । हम अपने के सब कुछ पूरा के पूरा बता देवे लगी चाहऽ हिअइ, जइसन सब कुछ हलइ; तखने के, कहल जा सकऽ हइ, कि जे कुछ धुंधला होल हलइ ऊ सबके पूरा खिस्सा । हम अपने के बहुत तकलीफ पहुँचइलिए ह, रोदियोन रोमानोविच । हम कोय राक्षस नयँ हिअइ जी । हम एहो समझऽ हिअइ, कि एगो अइसन अदमी के ई सब बात के ओकरा साथ घसीटते रहे के की मतलब होवऽ हइ, जबकि ऊ हतोत्साह हइ, लेकिन स्वाभिमानी, दबंग आउ अधीर हइ, खास करके अधीर ! हरेक हालत में, हम अपने के बहुत भलमानुस समझऽ हिअइ जी, आउ अपने में उदारता के झलक भी हइ जी, हलाँकि हम सहमत नयँ हिअइ अपने के सब्भे दृढ़ धारणा से, जेकरा बारे हम अपन कर्तव्य समझऽ हिअइ पहिलहीं से घोषित कर देना, सीधे आउ बिलकुल ईमानदारी के साथ, काहेकि सबसे पहिला बात ई हइ कि अपने के धोखा देवे के हमर कोय इच्छा नयँ हइ । अपने के जान लेला के बाद हमरा अपने के साथ कुछ लगाव हो गेलइ । अपने शायद हमर ई बात पर हँसथिन । अपने के अधिकार हइ जी । हम जानऽ हिअइ, कि पहिलहीं नजर से अपने हमरा पसीन नयँ करऽ हलथिन, काहेकि, वस्तुतः हमरा पसीन करे के कोय कारण नयँ हइ जी । लेकिन अपने जइसे चाहऽ हथिन ओइसे समझथिन, लेकिन अभी हम चाहऽ हिअइ, अपना तरफ से, कि सब्भे तरीका से अपना बारे बन्नल छाप (impression) के  मेटाके सुधार दिअइ आउ ई साबित करिअइ, कि हमहूँ दिल आउ अंतःकरण वला अदमी हिअइ । ई हम ईमानदारी से कह रहलिए ह जी ।"

पोरफ़िरी पित्रोविच गरिमा के साथ रुकलइ । रस्कोलनिकोव के मन में कोय तो नयका भय उमड़ पड़लइ । ई बात के विचार, कि पोरफ़िरी ओकरा बेकसूर समझऽ हइ, अचानक ओकरा डेरावे लगलइ ।

"सब कुछ सिलसिलेबार ढंग से बताना, जइसे कि अचानक तखने शुरू होले हल, शायदे जरूरी हइ", पोरफ़िरी पित्रोविच बात जारी रखलकइ, "हम एकरा फालतू भी समझऽ हिअइ । आउ ई हम शायदे कर सकबइ जी । काहेकि, एकरा हम विस्तार से कइसे समझा सकबइ ? शुरू-शुरू में तो अफवाह फैलल हलइ । ई कइसन अफवाह हलइ आउ केकर फैलावल आउ कखने ... आउ की कारण से, असल में, अपने तक ई बात पहुँचलइ, ई सब के बारे बताना भी हमर समझ से फालतू हइ । व्यक्तिगत रूप से हमरा साथ तो ई संयोगवश शुरू होलइ, बिलकुल एगो आकस्मिक संयोग से, जे जादे से जादे हद तक होइयो सकऽ हलइ, आउ नहिंयों हो सकऽ हलइ - कइसन संयोग ? हूँ, हमर समझ से, एहो बतावे के जरूरत नयँ हइ । ई सब अफवाह आउ संयोग मिलके हमर मन में एगो विचार उत्पन्न होलइ । हम स्पष्ट रूप से स्वीकार करऽ हिअइ, काहेकि अगर स्वीकार करहीं के हइ, त सब कुछ करे के चाही - सबसे पहिले तखने हमरा अपने पर शक होले हल । ई सब हुआँ, मसलन, गिरवी रक्खल चीज सब पर बुढ़िया के लगावल लेबुल आदि आदि - ई सब बकवास हइ जी । अइसन सैकड़ो चीज गिनावल जा सकऽ हइ । हमरा तखने थाना में के दृश्य के विस्तृत विवरण प्राप्त करे के संयोग मिललइ, एहो संयोगवश जी, आउ ओहो पास से गुजरते बखत नयँ, बल्कि एगो खास कथाकार, ओहो मुख्य, जे खुद एकरा बिन जाने, आश्चर्यजनक रूप से ई दृश्य के वर्णन कइलके हल । सब कुछ वस्तुतः एक के बाद एक जी, एक के बाद एक जी, रोदियोन रोमानोविच, प्रियवर ! त कइसे हियाँ परी हम एगो निश्चित दिशा में नयँ मुड़तिए हल? सो गो खरगोश से कभियो एगो घोड़ा नयँ बन सकऽ हइ, सो गो शक्का से कभियो सबूत नयँ बन सकऽ हइ, जइसन कि अंग्रेजी में एगो कहावत हइ, आउ ई बिलकुल समझदारी हइ जी, लेकिन भावावेश जी, भावावेश पर तो काबू रक्खे पड़ऽ हइ, काहेकि अन्वेषणकर्ता (छानबीन करे वला) भी एगो अदमी होवऽ हइ, जी । हियाँ परी हमरा अपने के लेख के भी आद पड़लइ, जे एगो पत्रिका में प्रकाशित होले हल; अपने के आद होतइ, अपने के पहिलौका मोलकात के दौरान हमन्हीं बीच एकरा बारे विस्तार से बातचीत होले हल । हम तखने एकर मजाक उड़इलिए हल, लेकिन ई वास्ते कि अपने के आउ आगू के बात लगी प्रेरित करिअइ । हम ई बात दोहरावऽ हिअइ, कि अपने बहुत अधीर आउ बेमार हथिन, रोदियोन रोमानोविच । अपने साहसी, स्वाभिमानी, गंभीर, आउ ... अनुभवी हथिन, बहुत कुछ अनुभव कइलथिन हँ, ई सब बात हम बहुत अरसा से जानऽ हलिअइ जी । हम ई सब भावना से परिचित हिअइ, आउ हम अपने के लेख जानल-पछानल नियन पढ़लिए हल । ई लेख रात के नीन हराम करके आउ उत्तेजना में, हाँफते आउ धड़कते दिल के साथ आउ उत्साह के दबाके, प्लान कइल हलइ । आउ ई दब्बल, स्वाभिमान भरल उत्साह नौजवान लगी खतरनाक हइ ! हम तखने एकर मजाक उड़इलिए हल, लेकिन अभी हम अपने के कहबइ, कि सामान्यतः, मतलब साहित्यप्रेमी होवे के नाते, कलम के ई पहिला, युवा, लगन के साथ कइल कोशिश के हम भयंकर रूप से पसीन करऽ हिअइ । धुआँ, कुहासा, कुहासा में तार के अवाज [2] । अपने के लेख बेतुका आउ कल्पनातीत हइ, लेकिन एकरा में अइसन ईमानदारी कौंधऽ हइ, एकरा में निष्कलंक युवा स्वाभिमान हइ, एकरा में निराशा के साहस हइ; ई उदासी भरल लेख हइ जी, लेकिन ई निम्मन हइ जी । अपने के लेख हम पढ़लिअइ, आउ एकरा अलगे रख देलिअइ, आउ ... तखने जब रखलिअइ, त सोचलिअइ - 'ई अदमी के साथ अइसे काम नयँ चलतइ !' अच्छऽ, अभी बताथिन, कि हम कइसे अइसन पहिले होला के बाद अगला के तरफ आकृष्ट नयँ होतिए हल ! हे भगमान ! लेकिन कीऽ हम कुच्छो बोल रहलिए ह ? की वास्तव में हम अभी कुच्छो के अनुमोदन कर रहलिए ह ? हम तखने खाली अइसन नोट कइलिए हल । 'एकरा में की हइ ?' हम सोचलिअइ ।

हियाँ कुछ नयँ हइ, मतलब, ठीक कुछ नयँ, आउ शायद अधिकतम सीमा तक कुछ नयँ । आउ हमरा जइसन अन्वेषणकर्ता के तो ई तरह से प्रभावित होना बिलकुल शोभा भी नयँ दे हइ - अइकी हमरा पास हाथ में मिकोल्का हइ, आउ ओहो तथ्य के साथ - आउ ई मामला में कोय कुछ कहइ - लेकिन तथ्य हइ ! आउ अपन मनोविज्ञान भी साथ में लावऽ हइ; ओकरो पर ध्यान देवे के चाही; काहेकि हियाँ जिनगी आउ मौत के मामला हइ । काहे लगी हम अपने के ई सब समझा रहलिए ह ? ताकि अपने जान सकथिन, अपन बुद्धि आउ दिल से, आउ हमर तखने के विद्वेषपूर्ण व्यवहार के कारण हमरा दोष देथिन । विद्वेषपूर्ण नयँ जी, ईमानदारी से बोल रहलिए ह जी, हे-हे ! अपने की सोचऽ हथिन - हम तखने अपने हियाँ तलाशी लगी नयँ अइलिए हल ? अइलिए हल जी, अइलिए हल जी, हे-हे, अइलिए हल जी, जब अपने अपन छोटका बिछौनमा पर हियाँ बेमार पड़ल हलथिन । सरकारी तौर पर नयँ आउ खुद हम नयँ, लेकिन अइलिए हल जी । अपने के फ्लैट में एक-एक चीज, एक-एक तिनका तक, जाँचल गेले हल, पहिलौका सुराग पर भी; लेकिन - उमज़ोन्स्ट ! [umsonst! (जर्मन) - बेकार !] सोचलिअइ - अब ई अदमी अइतइ, खुद्दे अइतइ, आउ बहुत जल्दी; अगर दोषी हइ, त पक्का अइतइ । दोसर कोय नयँ अइतइ, बल्कि ई अइतइ । आउ आद हकइ अपने के, कि कइसे मिस्टर रज़ुमिख़िन अपने के सब भेद के बात खोले लगी शुरू कर देलकइ ? ई हमन्हिंएँ अइसन प्रबंध कइलिअइ, ताकि अपने के उत्तेजित कइल जा सकइ, ओहे से हमन्हीं जान-बूझके अफवाह भी फैलइलिअइ, ताकि ऊ अपने के सब बात उगल देइ, आउ रज़ुमिख़िन अइसन अदमी हइ, जे अपन गोस्सा पर काबू नयँ रख सकऽ हइ । मिस्टर ज़म्योतोव के सबसे पहिले अपने के गोस्सा आउ अपने के खुल्लल साहस ध्यान आकृष्ट कइलकइ - कइसे शराबखाना में अपने अचानक उगल देलथिन - 'हम्मे हत्या कइलिअइ !' बहुत बड़गो साहस के बात हइ जी, बहुत ढिठाई के बात हइ जी, आउ हमर सोचना हइ, कि अगर ऊ दोषी हइ, त ऊ भयंकर योद्धा हइ ! तखने तो हम अइसीं सोचलिए हल जी ! हम अपने के बड़ी बेचैनी से इंतजार कइलिअइ, आउ ज़म्योतोव के तो तखने असानी से अपने चाँप देलथिन हल आउ ... वस्तुतः एहे तो बात हइ, कि ई पूरा अभिशप्त मनोविज्ञान दुधारी हइ ! त हम अपने के इंतजार कर रहलिए ह, आउ अपने के भगमान प्रेरित करऽ हका - अपने आ जा हथिन ! हमर दिल तो धक् से रह गेलइ । आह ! त अपने के तखने आवे के की जरूरत हलइ ? आउ हँसी, अपने के हँसी, जइसीं अपने अंदर अइलथिन, अपने के आद हइ ? वस्तुतः सब कुछ तखने हम बिलकुल अइना के आर-पार नियन साफ-साफ देख लेलिअइ, आउ अगर हम अइसन खास तरह से अपने के इंतजार नयँ करते होतिए हल, त अपने के हँसी में हम कुछ नयँ नोटिस कर पइतिए हल । सही दिमागी हालत में होवे के एहे मतलब होवऽ हइ । आउ मिस्टर रज़ुमिख़िन तखने - आह ! आउ ऊ पत्थल, पत्थल, अपने के आद हइ, ऊ पत्थल, जेकर निच्चे सब चीज छिपावल हइ ? त अइकी हमरा जइसे लगऽ हइ, कि हमरा हुआँ, पाकशाला-उद्यान (kitchen garden) में, कहीं परी देखाय परऽ हइ - अपने ज़म्योतोव के कोय उद्यान के बारे उल्लेख कइलथिन हल न [3], आउ बाद में फेर हमरा बिजुन, दोसरा तुरी ? आउ जब हम तखने अपने के ई लेख के फेर से स्मरण करके जाँचे लगलिअइ, कि कइसे अपने एकर व्याख्या करे लगलथिन हल - त अपने के हरेक शब्द के दू-दू अर्थ देखाय देवे लगलइ, जइसे दोसरा अर्थ ओकर निच्चे बइठल हइ ! त अइकी, रोदियोन रोमानोविच, एहे तरीका से हम मील के अंतिम पत्थल तक पहुँचलिअइ, आउ जब हम एकरा से अपन सिर टकरइलिअइ, त होश में अइलिअइ । ‘नयँ’, हम अपने आप से बोलऽ हिअइ, ‘हम ई की कर रहलिए ह ! वस्तुतः अगर चाहिअइ, त ई सब्भे के’, हम अपने आप से बोलऽ हिअइ, ‘अंतिम लेश तक दोसरा अर्थ में समझावल जा सकऽ हइ, आउ ऊ जादे स्वाभाविक भी लगतइ ।’ कइसन यातना हइ, जी ! 'नयँ', सोचऽ हिअइ, 'बेहतर आउ कोय लेश ! ...' आउ जब हम तखने ऊ घंटी के बारे सुनलिअइ, त हम तो मानूँ पूरा जम गेलिअइ, आउ कँपहूँ लगलिअइ । 'हूँ', सोचऽ हिअइ, 'अइकी ई तो लेश हइ ! एहे हइ ऊ !' आउ तखने हम कुछ तर्क-वितर्क नयँ कइलिअइ, बस जी नयँ कइलकइ । हजार रूबल हम ऊ क्षण दे देतिए हल, अपन जेभी से, ताकि हम अपने के अपन आँख से देख पइतिए हल - कइसे अपने सो डेग ऊ छोटका व्यापारी के साथे-साथ गेलथिन हल, जब ऊ अपने के चेहरवे पर अपने के 'हत्यारा' कहलके हल, आउ पूरे सो डेग तक अपने के ओकरा से एक्को सवाल करे के हिम्मत नयँ पड़ले हल ! ... हूँ, आउ ई मेरु-रज्जु (spinal cord) में सिहरन ? आउ ई घंटी बजावे के बात, बेमार हालत में, आधा सरसामी हालत में ? आउ ओहे से, रोदियोन रोमानोविच, अपने के ओकरा बाद काहे अचरज होवे के चाही, कि हम अपने के साथ अइसन मजाक कइलिअइ ? आउ काहे अपने खुद बिलकुल ओहे समय अइलथिन ? कि वस्तुतः अपने के कोय तो मानूँ ढकेल रहले हल, भगमान कसम, आउ अगर मिकोल्का हमन्हीं के अलगे नयँ कर देते हल, त ... आउ ऊ बखत के मिकोल्का के आद आवऽ हइ ? ओकर अच्छा से आद अइलइ ? वास्तव में एगो वज्रपात हलइ जी ! वस्तुतः बादल के बीच से गरजते बिजली नियन हलइ, एगो गरज रहल तीर ! अच्छऽ, आउ कइसे ओकर सामना कइलिए हल ? तीर पर तो हम ओतना विश्वास नयँ कइलिअइ, अपने खुद्दे देखलथिन ! आउ काहाँ से ! आउ बाद में, अपने के चल गेला के बाद, जब ऊ कुछ बिंदु पर बहुत आउ बहुत सुव्यवस्थित ढंग से जवाब देवे लगलइ, त हम खुद अचंभित हो गेलिअइ, आउ ओकरा पर एगो अद्धी भर विश्वास नयँ कइलिअइ ! त इ मतलब होवऽ हइ हीरा जइसन कठोर होवे के । 'नयँ', हम सोचऽ हिअइ, 'मोर्गन फ़्री !' [morgen früh (जर्मन) - शाब्दिक अर्थ 'बिहान जल्दी'; हियाँ ई एगो आश्चर्यबोधक उद्गार प्रकट करऽ हइ] हियाँ परी मिकोल्का कइसन ! (अर्थात् एकरा में मिकोल्का के कोय हाथ नयँ हइ ।)"

"हमरा रज़ुमिख़िन अभी-अभी बतइलकइ, कि अपने अभियो निकोलाय के दोषी मानऽ हथिन आउ खुद रज़ुमिख़िन के ई मामला में आश्वस्त कइलथिन हँ ..."

ओकर साँस फुल्ले लगलइ, आउ ऊ अपन बात पूरा नयँ कर पइलकइ । ऊ अवर्णनीय उत्तेजना के साथ सुन रहले हल, ऊ अदमी के, जे ओकर भेद के तह तक पहुँच गेले हल, आउ अब खुद मुकर रहले हल । ऊ विश्वास करे से डरऽ हलइ आउ विश्वास करियो नयँ रहले हल । अभियो दू-दू अर्थ वला शब्द में ऊ लालच के साथ कुछ तो अधिक सुस्पष्ट आउ निर्णायक खोजे आउ पावे के कोशिश कर रहले हल ।

"मिस्टर रज़ुमिख़िन तो !" पोरफ़िरी पित्रोविच चिल्लइलइ, मानूँ रस्कोलनिकोव के अभी तक चुप्पी साधले रहला के बाद ओकर ई सवाल से ओकरा बहुत खुशी होल होवे, "हे-हे-हे ! हमरा रज़ुमिख़िन के तो सीधे रस्ता से हटाहीं के हलइ - दू अदमी के रहला पर संगति होवऽ हइ, तेसरा के होवे से भीड़ । मिस्टर रज़ुमिख़िन के ई मामला से कोय लेना-देना नयँ हइ, ऊ बाहरी अदमी हइ, ऊ हमरा भिर पूरा पीयर होल चेहरा के साथ दौड़ल अइले हल ... भगमान ओकर भला करइ, काहे लगी हियाँ परी ओकरा बीच में घुसावल जाय ! आउ जाहाँ तक मिकोल्का के संबंध हइ, की अपने ऊ विषय में जाने लगी चाहथिन, मतलब, हमरा जइसन एकरा बारे समझ हइ ? सबसे पहिला बात तो ई हइ, कि ऊ अभी अपरिपक्व बच्चा हइ, आउ ओकरा कायर तो नयँ कहल जा सकऽ हइ, बल्कि ऊ कोय प्रकार के कलाकार हइ । सचमुच जी, अपने हँसथिन नयँ, कि हमरा ओकरा बारे अइसन राय हइ । ऊ मासूम हइ आउ असानी से कोय चीज के असर में आ सकऽ हइ । ऊ दिल वला हइ; कल्पनाविहारी (fanciful) हइ । ऊ गावे लगी जानऽ हइ, नच्चे लगी जानऽ हइ, आउ कहल जा हइ, कि ऊ परी-कथा एतना अच्छा से सुनावऽ हइ, कि दोसरो जगह से आके लोग सुन्नऽ हइ । आउ इस्कूल जा हइ; आउ ओकरा तरफ कोय उँगली देखावऽ हइ, त हँसते-हँसते लोट-पोट हो जा हइ; आउ बेहोश होवे जेतना पी ले हइ, बदचलनी के चलते नयँ, बल्कि कभी-कभार, जब ओकरा लोग पिला दे हइ, ओहो बुतरू नियन । ऊ तखने चोरइलके हल, लेकिन ओकरा खुद एकरा बारे मालूम नयँ; काहेकि 'अगर जमीन पर से उठइलकइ, त ई चोरी कइसे हइ ?' आउ अपने के मालूम हइ, कि ऊ रस्कोलनिक (विच्छिन्न संप्रदाय) में से हइ, आउ रस्कोलनिक में से भी नयँ, बल्कि खाली एगो संप्रदायी (sectarian) हइ; ओकर परिवार में कुछ लोग 'भगोड़ा' हलइ, आउ ऊ खुद्दे हाले में, पूरे दो साल, गाँव में गुजरलके हल, कोय वृद्ध गुरु के आध्यात्मिक चेला बनके [4] । ई सब कुछ हमरा मिकोल्का आउ ओकर ज़रायस्क के दोस्त लोग से मालूम पड़लइ । आउ एकरो से बढ़के ! ऊ तो बस भागके रेगिस्तान चल जाय लगी चाहऽ हलइ ! ऊ बड़ी उत्साही हलइ, रात के भगमान के प्रार्थना करऽ हलइ, पुरनकन 'सचगर' किताब पढ़ते रहऽ हलइ आउ एकरा में लीन हो जा हलइ । पितिरबुर्ग के ओकरा पर बहुत असर पड़लइ, खास करके औरत जात के, आउ दारू के भी । ऊ चूँकि बड़ी भावुक हइ जी, ऊ वृद्ध गुरु आउ सब कुछ के बारे भूल गेलइ । हमरा मालूम हइ, एगो कलाकार ओकरा पसीन कइलकइ, ओकरा हीं आवे-जाय लगलइ, आउ ई मामला तक पहुँच गेलइ । त ऊ डर गेलइ - फाँसी लगावे के कोशिश कइलकइ ! भाग जाय के ! कउची कइल जाय अइसन धारणा के बारे, जे हमन्हीं के कानूनी कार्रवाई के संबंध में सामान्य जनता के बीच फैल गेले ह ? कुछ लोग के तो 'हमरा पर कानूनी कार्रवाई कइल जात' शब्दे वस्तुतः भयंकर लगऽ हइ । केकर दोष हइ ! अइकी नयका अदालत कुछ तो बतइतइ । ओह, भगमान करे कि ऊ कुछ निम्मन करइ ! त जी, जेल में तो, लगऽ हइ, ओकरा आदरणीय वृद्ध के आद आ गेलइ; बाइबिल भी फेर से आ गेलइ (अर्थात् पढ़े ल शुरू कर देलकइ) । जानऽ हथिन, रोदियोन रोमानोविच, की मतलब होवऽ हइ, ओकन्हीं में से कुछ खातिर 'तकलीफ झेले' के ? सवाल दोसर केकरो लगी नयँ, बल्कि बस खाली 'तकलीफ झेले के चाही'; तकलीफ के मतलब हइ तकलीफ के गले लगाना, आउ अगर ई प्रशासन के तरफ से आवऽ हइ - त आउ निम्मन । हम्मर समय में एगो बहुत शांत कैदी जेल में पूरे एक साल तक एगो स्टोव पे बइठके रात में बाइबिल पढ़ते रहलइ । बाइबिल पढ़ऽ हलइ, आउ लगन से पढ़लकइ, आउ जानऽ हथिन, बिलकुल एतना लगन से पढ़लकइ, कि बिन कोय कारण के ऊ एगो अइँटा उठइलकइ आउ जेलर पर फेंकलकइ, जे अपन तरफ से कोय गलती नयँ कइलके हल । आउ फेंकवो कइसे कइलके हल ! जान-बूझके एक अर्शीन ओकरा बिजुन से पहिले के निशाना साधके, ताकि ओकरा कोय प्रकार से चोट नयँ लगइ ! [5] ई तो जाहिर हइ, कि कैदी के की नतीजा होवऽ हइ, जे कोय अफसर पे हथियार से हमला करऽ हइ । मतलब कि ऊ 'तकलीफ के गले लगइलकइ' । ओहे से हमरा अभी शक्का होवऽ हइ, कि मिकोल्का 'तकलीफ के गले लगावे लगी' चाहऽ हइ, चाहे अइसने कुछ । ई बात हम पक्का जानऽ हिअइ, आउ ओहो तथ्य के साथ, जी । ओहो खुद नयँ जानऽ हइ, जे हम जानऽ हिअइ । की, ई बात नयँ मानथिन की, कि हमन्हीं के अइसन देश में से कुछ विचित्र लोग भी बाहर आवऽ हइ ? आउ सगरो ! ऊ वृद्ध अभी फेर से ओकरा पर अपन प्रभाव डाले लगले ह, खास करके ओकरा फाँसी के फंदा लगावे के बात आद अइला के बाद से । लेकिन तइयो, ऊ खुद्दे हमरा सब कुछ बता देतइ, अइतइ । अपने की सोचऽ हथिन, कि ऊ खुद के नियंत्रित कर लेतइ ? जरी इंतजार करथिन, ऊ अपन बयान से मुकर जइतइ ! घंटो घंटो हम इंतजार कर रहलिए ह, कि अब ऊ अइतइ आउ अपन सबूत के अस्वीकार कर देतइ । हमरा ई मिकोल्का में रुचि जग गेले ह आउ ओकरा हम बहुत निम्मन से समझे के कोशिश कर रहलिए ह । आउ अपने के कीऽ सोचना हइ ! हे-हे ! कुछ बिंदु पर तो ऊ हमरा बड़ी निम्मन से जवाब देलकइ, स्पष्टतः आवश्यक जानकारी लेलकइ, चलाँकी से खुद के तैयार कइलकइ; आद दोसर बिंदु पे ऊ बस, जइसे पोखरा में हइ, लेशमात्र भी नयँ जानऽ हइ, ओकरा कोय जानकारी नयँ हइ, आउ ओकरा खुद नयँ शक्का होवऽ हइ, कि ऊ नयँ जानऽ हइ ! नयँ, बबुआ रोदियोन रोमानोविच, हियाँ परी कोय मिकोल्का नयँ हइ ! हियाँ मामला अनोखा हइ, उदासी वला हइ, मामला आधुनिक हइ, हमन्हीं के काल के घटना जी, जब मानव हृदय धुंधला पड़ गेले ह; जब अइसन बात के उद्धरण देल जा हइ, कि खून 'ताजा' हो जा हइ, जब सुख-सुविधा जिनगी के उद्देश्य बताके उपदेश देल जा हइ । हियाँ किताबी सपना हइ जी, हियाँ सिद्धांत से झुंझलाल दिल हइ; हियाँ पहिला कदम लेवे के संकल्प हइ, लेकिन विशेष प्रकार के संकल्प - संकल्प लेलकइ, आउ जइसे पर्वत पर से गिर पड़लइ, चाहे गिरजाघर के घंटाघर से निच्चे कूद गेलइ; आउ पहुँच गेलइ, मानूँ अपन खुद के गोड़ पर नयँ, अपराध पर । अपन पीछू दरवाजा बन करे लगी तो भूल गेलइ, लेकिन हत्या कर देलकइ, दू-दू गो हत्या कर देलकइ, एगो सिद्धांत के अनुसार । हत्या तो कर देलकइ, लेकिन पइसा नयँ ले पइलकइ, आउ जे कुछ ले पइलकइ, ओकरो पत्थल के निच्चे छिपा देलकइ । ओकरा लगी कमती हलइ, कि ऊ यातना सहलकइ, जब ऊ दरवाजा के पीछू बइठल हलइ, जबकि बाहर से दरवाजा के जोर-जोर से हिलाके जबरदस्ती अंदर घुस्से के कोशिश कइल जा रहले हल आउ घंटी बज रहले हल - नयँ, ऊ बाद में खाली फ्लैट में, आधा सरसामी हालत में, ई घंटी के अवाज के खुद के दोबारा आद देलावे खातिर जा हइ, मेरुदंड में सिहरन के फेर से महसूस करे के जरूरत हलइ ... अच्छऽ, मान लेल जाय कि ई सब ऊ बेमारी के हालत में कइलकइ, लेकिन हियाँ आउ कुछ हइ - हत्या कइलकइ, तइयो ऊ अपना के ईमानदार अदमी समझऽ हइ, लोग से घृणा करऽ हइ, पीयर देवदूत नियन फिरल बुल्लऽ हइ - नयँ, हियाँ कइसन मिकोल्का हइ, बबुआ रोदियोन रोमानोविच, हियाँ परी मिकोल्का नयँ हइ !

पहिलौका सब कुछ कहल जा चुकल आउ एतना परित्याग नियन लग रहल बात के बाद, ई अंतिम शब्द बहुत्ते अप्रत्याशित हलइ । रस्कोलनिकोव के समुच्चे देह काँप उठलइ, मानूँ ओकरा कोय छूरा भोंक देलक होवे ।

"तब ... केऽ ... हत्या कइलकइ ? ..." ऊ पुछलकइ, खुद के नियंत्रित नयँ कइला पर आउ हँफते स्वर में ।
पोरफ़िरी पित्रोविच झटका के साथ कुरसी के पीछू तरफ हो गेलइ, मानूँ ऊ ई अप्रत्याशित प्रश्न से अचंभित हो गेल होवे ।
"की ? के हत्या कइलकइ ? ...", ऊ दोहरइलकइ, मानूँ अपन कान पर ओकरा विश्वास नयँ होल होवे, "अपने हत्या कइलथिन, रोदियोन रोमानोविच ! अपने हत्या कइलथिन, जी ...", ऊ लगभग फुसफुसाहट के साथ दृढ़ विश्वास के स्वर में बोललइ ।

रस्कोलनिकोव सोफा पर से उछल पड़लइ, कुछ सेकंड लगी खड़ी रहलइ आउ फेर से बइठ गेलइ, बिन एक्को शब्द बोलले । ओकर चेहरा पर से अचानक हलका ऐंठन (convulsion, spasm) गुजर गेलइ ।

"अपने के होंठ फेर से तहिया नियन थरथराब करऽ हइ", पोरफ़िरी पित्रोविच मानूँ सहानुभूति से भी बड़बड़इलइ । "अपने, रोदियोन रोमानोविच, लगऽ हइ, हमरा ठीक से समझलथिन नयँ जी", ऊ आगू बोललइ, थोड़े देरी चुप रहला के बाद, "ओहे से एतना अचंभित हो गेलथिन । हम हियाँ बस अपने के सब कुछ बता देवे लगी अइलिए हल आउ खुलके ई मामला पर बातचीत करे लगी ।"
"ई हत्या हम नयँ कइलिअइ", रस्कोलनिकोव बड़बड़इलइ, बिलकुल छोटकुन्ना बुतरुअन नियन, जब ओकन्हीं के रंगे हाथ पकड़ लेल जा हइ ।
"नयँ, ई अपनहीं कइलथिन जी, रोदियोन रोमानोविच, अपनहीं जी, आउ कोय दोसरा नयँ जी", पोरफ़िरी कठोरता आउ दृढ़ विश्वास के साथ फुसफुसइलइ ।

ओकन्हीं दुन्नु चुप हो गेलइ, आउ चुप्पी आश्चर्यजनक रूप से बहुत देर तक बन्नल रहलइ, लगभग दस मिनट तक। रस्कोलनिकोव अपन केहुनी के कुरसी पर टिका देलकइ आउ चुपचाप अँगुरी से अपन बाल फेरते रहलइ । पोरफ़िरी पित्रोविच शांति से बइठल रहलइ आउ इंतजार करते रहलइ । अचानक रस्कोलनिकोव घृणापूर्वक पोरफ़िरी तरफ देखलकइ ।
"फेर से अपने ओहे पुरनका चाल शुरू कर देलथिन, पोरफ़िरी पित्रोविच ! ओहे के ओहे अपने के तरीका - की वास्तव में अपने एकरा से तंग नयँ आवऽ हथिन ?"
"ओह, बहुत हो गेलइ, अब हमरा लगी चाल कउन काम के ! दोसर बात होते हल, अगर हियाँ परी गोवाह रहते हल; लेकिन वस्तुतः हमन्हीं तो अकेल्ले एक दोसरा के फुसफुसा हिअइ । अपने खुद्दे देखऽ हथिन, कि हम अपने के हियाँ ई लगी नयँ अइलिए ह, कि अपने के पीछा करके खरगोश नियन पकड़िअइ । कबूल करऽ हथिन, कि नयँ - अब हमरा सब कुछ बराबर हइ । हमरा अपने आप में अपने के बगैर भी अइसूँ पक्का अकीन हइ ।"
"अगर अइसन बात हइ, तब काहे लगी अपने अइलथिन ?" रस्कोलनिकोव चिढ़के पुछलकइ । "हम अपने से पहिलौके सवाल पुच्छऽ हिअइ - अगर हमरा दोषी समझऽ हथिन, तब हमरा जेल में काहे नयँ डाल दे हथिन ?"
"हूँ, बहुत उचित सवाल हइ ! हम एक-एक बिंदु के अनुसार अपने के जवाब दे हिअइ - पहिला, अपने के सीधे गिरफ्तार करके हमरा लगी कोय फयदा नयँ हइ ।"
"कइसे अपने के कोय फयदा नयँ हइ ! अगर अपने के पक्का अकीन हइ, त अपने के कर्तव्य हइ कि ..."
"ओह, एकरा से की होलइ, कि हमरा पक्का अकीन हइ ? वस्तुतः ई सब कुछ हमर सपना हइ जी । आउ अपने के हुआँ अराम करे खातिर काहे लगी डाल दिअइ ? खुद्दे जानऽ हथिन, अगर अपने खुद निवेदन कर रहलथिन हँ । मसलन, अगर हम अपने के दोषी सिद्ध करे लगी ऊ छोटका व्यापारी के लइअइ, त अपने ओकरा कहथिन - 'तूँ पीयल हकँऽ की ? केऽ हमरा तोरा साथ देखलकउ ?' हम तोरा बस पियक्कड़ समझ रहलियो हल, आउ तूँ पीयल भी हलँऽ' - आउ तब हम अपने की कहबइ, खास करके जबकि अपने के कहानी ओक्कर अपेक्षा जादे युक्तियुक्त (plausible) हइ, काहेकि ओक्कर विरुद्ध प्रमाण खातिर खाली मनोविज्ञान हइ - जे ओकर थोपड़ा लगी शोभा नयँ दे हइ - लेकिन अपने के तो तीर ठीक निशाना पर जाके लगतइ, काहेकि ऊ राक्षस पीयऽ हइ तो पानी के तरह आउ एकरा लगी बहुत बदनाम हइ । आउ हम खुद अपने के पहिलहीं कइएक तुरी साफ-साफ कबूल कर लेलिए ह, कि ई मनोविज्ञान दुधारी होवऽ हइ, आउ दोसरका धार आउ बड़गर होतइ, आउ बहुत जादहीं युक्तियुक्त; कि एकरा अलावे, अपने के विरुद्ध हमरा पास अभी आउ कुछ नयँ हइ । आउ हलाँकि हम अपने के तइयो जेल में डालबइ आउ हम अइबो कइलिए ह (जे बिलकुल शिष्टाचार आउ लोक-परंपरा के अनुसार नयँ हइ), अपने के सब कुछ के बारे पहिलहीं बता देवे लगी, लेकिन तइयो अपने के सीधे तौर पे बोलऽ हिअइ (आउ एहो शिष्टाचार आउ लोक-परंपरा के अनुसार नयँ हइ), कि एकरा से हमरा कोय फयदा नयँ होतइ । अच्छऽ जी, आद दूसरे, हम ई लगी अपने पास अइलिए ह ..."

"अच्छऽ हाँ, आउ दोसरा काहे लगी ?" (रस्कोलनिकोव अभियो तक हँफ रहले हल ।)
"ई लगी, कि जइसन कि पहिले हम बतइलिए हल, कि हम अपने के स्पष्टीकरण देना अपन कर्तव्य समझऽ हिअइ। हम ई नयँ चाहऽ हिअइ, कि अपने हमरा राक्षस समझथिन, खास करके ई लगी, कि हम सच्चा दिल से अपने के भला चाहऽ हिअइ, चाहे अपने विश्वास करथिन, चाहे नयँ । जेकर फलस्वरूप, तीसरे, अपने के पास हम खुल्लल आउ सीधा प्रस्ताव के साथ अइलिए ह - खुद आके अपन गुनाह कबूल कर लेथिन । ई अपने लगी बेहद जादे फायदेमंद होतइ, आउ हमरो लगी जादे फायदेमंद - काहेकि हमर कन्हा के भार दूर हो जइतइ । त हम अपन तरफ से खुलके बात कर रहलिए ह, कि नयँ ?"
रस्कोलनिकोव एक मिनट सोचते रहलइ ।
"सुनथिन, पोरफ़िरी पित्रोविच, वस्तुतः अपने खुद बोलऽ हथिन - ई खाली मनोविज्ञान हइ, आउ साथे-साथ अपने गणित में घुस गेलथिन हँ । अच्छऽ, अगर अपनहीं अभी गलती कर रहलथिन होत तब ?"
"नयँ रोदियोन रोमानोविच, हमरा कोय गलतफहमी नयँ हइ । हमरा पास अइसन लेश तो हइ । ई लेश (सुराग) तो हम तखने वस्तुतः खोज लेलिअइ जी; भगमान भेज देलथिन !"
"कइसन लेश ?"

"हम तो नयँ बतइबइ, कि कइसन, रोदियोन रोमानोविच । आउ कउनो हालत में, अब तो हमरा कोय अधिकार नयँ हइ एकरा आउ आगू टाले के; हम तो अपने के जेल में डालबे करबइ जी । तब अपने निर्णय करथिन - हमरा लगी तो सब कुछ बराबर हइ, आउ ओहे से, हम खाली अपने खातिर कह रहलिए ह । भगमान कसम, अपने लगी बेहतर होतइ, रोदियोन रोमानोविच !"

रस्कोलनिकोव घृणापूर्वक मुसकुरा देलकइ ।
"वस्तुतः ई केवल हास्यास्पद ही नयँ हइ, बल्कि निर्लज्जता भी हइ । अगर हम दोषी भी होतिए हल (जे हम बिलकुल नयँ बोल रहलिए ह), तइयो काहे लगी हम आके अपन दोष कबूल करबइ, जबकि अपने खुद्दे बोलऽ हथिन, कि हम अपने के हियाँ अराम करे लगी बइठबइ ?"

"ओह, रोदियोन रोमानोविच, खाली शब्द पर पूरा तरह से विश्वास नयँ करथिन; शायद, ई बिलकुल अराम लगी नयँ होतइ ! वस्तुतः ई खाली सिद्धांत हइ, ओकरो में खाली हम्मर जी, आउ हम अपने लगी कइसन प्राधिकारी (authority) हिअइ ? हो सकऽ हइ, कि अभियो हम अपने से कुच्छो छिपाब करऽ होतिअइ जी । अइसन तो नयँ हो सकऽ हइ, कि हम सब कुछ अइसीं लिअइ आउ अपने के सामने खोल दिअइ, हे-हे ! दोसर बात - एकरा से अपने के कहे के की मतलब हइ, कि की फयदा होतइ ? की अपने के मालूम हइ, कि एकरा चलते अपने के दंड में केतना कमी हो जइतइ ? वस्तुतः अपने कखने अइथिन, कइसन क्षण में ? ई अपनहीं सोचथिन ! जब दोसरा कोय, अपराध अपन सिर पर ले लेलके ह आउ पूरा केस के उलझा देलके ह ?

आउ हम अपने के खातिर, भगमान कसम, 'हुआँ' परी अइसन जाल बुनबइ आउ व्यवस्था कर देबइ, कि अपने के अपराध स्वीकृति मानूँ बिलकुल अप्रत्याशित होतइ । हम सब ई मनोविज्ञान के बात बिलकुल भूल जइबइ, अपने के ऊपर के सब शक्का के शून्य कर देबइ, अइसन कि अपने के अपराध एक प्रकार के मतिभ्रंश प्रतीत होतइ, काहेकि, अंतःकरण के अनुसार, ई मतिभ्रंश ही हइ । हम एगो ईमानदार व्यक्ति हिअइ, रोदियोन रोमानोविच, आउ हम अपन वचन पूरा करबइ ।"

रस्कोलनिकोव उदास होल चुप रहलइ आउ अपन मूड़ी गोत लेलकइ; ऊ देरी तक सोचते रहलइ आउ अंत में फेर से मुसकइलइ, लेकिन ओकर मुसकाहट हलका आउ उदास हलइ ।

“ओह, जरूरत नयँ !" ऊ बोललइ, मानूँ पोरफ़िरी से अब बिलकुल नयँ छिपा रहल होवे । "कोय बात नयँ ! हमरा अपने के देल दंड में कमी के बिलकुल जरूरत नयँ !”
“बस एहे बात के हमरा डर हलइ !" पोरफ़िरी जोश में, आउ मानूँ अनायास चीख पड़लइ, "एकरे हमरा डर हलइ, कि अपने के हमन्हीं के कम कइल सजा के जरूरत नयँ ।"

रस्कोलनिकोव ओकरा तरफ उदासी से आउ गंभीर होके देखलकइ ।
"ओह, जिनगी से घिनाथिन नयँ !" पोरफ़िरी बात जारी रखलकइ, "अभी तो आगू ओकर बहुत कुछ पड़ल हइ । अपने के दंड में कमी के कइसे जरूरत नयँ हइ, कइसे नयँ ! अपने अधीर व्यक्ति हथिन !"
"कउची के आगू बहुत कुछ पड़ल हइ ?"
"जिनगी के ! की अपने पैगंबर हथिन, की अपने बहुत जानऽ हथिन ? खोजथिन आउ अपने के मिल जइतइ । शायद, भगमान अपने के एहे बात लगी इंतजार कर रहला हल । आउ फेर ई हमेशे लगी तो होतइ नयँ, मतलब जंजीर ।"

"दंड में कमी हो जइतइ ...", रस्कोलनिकोव हँस पड़लइ ।
"त की अपने बुर्जुआ (bourgeois, मध्यवर्गीय) लाज से डेराऽ गेलथिन ? ई संभव हइ, कि अपने डेराऽ गेलथिन, काहेकि अपने खुद नयँ एकरा बारे जानऽ हथिन - काहेकि अभी नौजवान हथिन ! लेकिन तइयो अपन दोष के स्वीकार करे में अपने के डेराय के, चाहे लजाय के नयँ चाही ।"
"ओह, हम थुक्कऽ हिअइ एकरा पर !" रस्कोलनिकोव तिरस्कार आउ घृणा से फुसफुसइलइ, मानूँ ऊ बोलहूँ लगी नयँ चाह रहले हल । ऊ फेर उठलइ, मानूँ कहीं जाय लगी चाह रहले हल, लेकिन फेर से स्पष्ट उदासी के साथ बइठ गेलइ ।
"हूँ, थुक्कऽ हथिन एकरा पर ! अपने विश्वास खो देलथिन आउ सोचऽ हथिन, कि हम अपने के भद्दा ढंग से खुशामद कर रहलिए ह; त की अपने अभी तक लम्मा जिनगी जियलथिन हँ ? बहुत जादे समझऽ हथिन ? बस एगो सिद्धांत गढ़ लेलकइ, आउ अब शरम आवऽ हइ, कि ई काम नयँ कइलकइ, आउ ई मौलिक नयँ निकसलइ ! निकसवो कइलइ त बिलकुल घटिया, ई बात सच हइ, लेकिन अपने तो तइयो निराश घटिया अदमी नयँ हथिन। बिलकुल अइसन नीच नयँ हथिन ! कम से कम, खुद के लम्मा अरसा से धोखा देते नयँ अइलथिन हँ, एक्के तुरी आखिरी स्तंभ तक पहुँच गेलथिन । हम अपने के वस्तुतः कउन रूप में समझऽ हिअइ ? हम अपने के ओइसन लोग में से समझऽ हइ, जेकर बल्कि अँतड़ी चाहे काटके काहे नयँ निकास लेल जाय, लेकिन ऊ अटल होके मुसकइते यातना देवे वला के देखतइ - अगर खाली ऊ विश्वास चाहे भगमान के खोज लेइ । अच्छऽ, त एकरा खोजथिन आउ अपने जिंदा रहथिन । पहिले-पहल तो बहुत अरसा से अपने के हावा बदले के जरूरत हइ। की होलइ, तकलीफ झेलना भी अच्छा बात हइ । कष्ट झेलथिन । मिकोल्का तो शायद सहिए हइ, कि ऊ कष्ट झेले लगी चाहऽ हइ । हम जानऽ हिअइ, कि विश्वास असानी से नयँ होवऽ हइ - लेकिन अपने चलाँकी करके पंडिताई नयँ छाँटथिन; सीधे-सपट्टा, बिन कोय सोच-विचार कइले, खुद के अपन जिनगी के हवाले कर देथिन; फिकिर नयँ करथिन - सीधे ई अपने के किनारे लगा देतइ आउ गोड़ पर खड़ी कर देतइ । कइसन किनारा पर ? ई हम कइसे जानबइ ? हमरा खाली विश्वास हइ, कि अपने के अभियो बहुत लम्मा जीए के हइ । हम जानऽ हिअइ, कि हमर ई बात के अभी एगो रट्टल-रटावल उपदेश नियन समझ रहलथिन हँ; लेकिन शायद बाद में आद करथिन आउ कभी ई अपने के उपयोगी लगतइ; ओहे लगी हम बोल रहलिए ह । एहो अच्छा होलइ, कि अपने खाली एगो नटकी बुढ़िया के हत्या कइलथिन । अगर अपने के कोय दोसर सिद्धांत सूझते हल, त शायद, आउ एकरो से कुछ लाख गुना अधिक हरक्कत कर बइठथिन हल ! तइयो शायद अपने के भगमान के धन्यवाद देवे के चाही; की मालूम - शायद, अपने के भगमान कोय काम खातिर बचा रहला होत । आउ अपन हृदय के विशाल करथिन आउ जरी कमती डरथिन । की अपने आगामी महान काम के पूरा करे के मामले में कायर बन गेलथिन हँ ? नयँ, हियाँ डरना लज्जा के बात हइ । जब अइसन कदम ले लेलथिन हँ, त अभी दृढ़ रहथिन । एकरा में अब न्याय के बात हइ । तब ई पूरा करथिन, जे न्याय के माँग हइ । हम जानऽ हिअइ, कि अपने विश्वास नयँ करऽ हथिन, लेकिन भगमान के किरपा से, जिनगी अपने के आगू बढ़इतइ । बाद में सब कुछ अपने से अच्छा लगे लगतइ । अपने के अभी खाली हावा के जरूरत हइ, हावा के !"

रस्कोलनिकोव चौंकियो पड़लइ ।
"आउ अपने केऽ हथिन ?" ऊ चिल्ला उठलइ, "अपने काहाँ के पैगंबर हथिन ? अपने ई भव्य शांति के कउन शिखर से अपने ई उच्च कोटि के भविष्यवाणी कर रहलथिन हँ ?"
"हम केऽ हिअइ ? हम तो एगो समाप्त होल अदमी हिअइ, आउ कुछ नयँ । एगो अइसन अदमी, शायद, जे अनुभूति आउ सहानुभूति करे वला, शायद, कुच्छो जाने वला, लेकिन अब बिलकुल समाप्त होल हइ । लेकिन अपने के बाते दोसर हइ; अपने लगी जिनगी तैयार कइलका ह (आउ केऽ जानऽ हइ, शायद, अपने के ई सब मामला खाली धुआँ नियन उड़ जइतइ आउ कुच्छो नयँ होतइ) । लेकिन एकरा से की होतइ, कि अपने दोसर वर्ग के व्यक्ति बन जइथिन ? अपने के जइसन दिल वला के तो सुख-सुविधा के अफसोस नयँ होवे के चाही ? एकरा से की, कि अपने के शायद बहुत अरसा तक कोय देख नयँ पइतइ ? मामला समय के नयँ हइ, बल्कि अपने खुद के । सूरज बनथिन, त सब कोय अपने के देखतइ । सूरज के सबसे पहिले सूरज होवे के चाही । अपने फेर से की बात पर मुसका रहलथिन हँ - कि हम अइसन शिलर (Schiller) हिअइ ? हम दावा के साथ कह सकऽ हिअइ, कि अपने सोचब करऽ हथिन कि हम अभी अपने के चापलूसी कर रहलए ह ! ओकरा से की, हो सकऽ हइ, कि हम वास्तव में चापलूसी करब करऽ हिअइ, हे-हे-हे ! शायद अपने के हमर शब्द पर विश्वास नयँ करे के चाही, आउ शायद कभियो पूरा तरह से तो नयँ विश्वास करे के चाही - हमर स्वभावे अइसन हकइ, ई हम स्वीकार करऽ हिअइ; खाली हम एहे आउ कहे लगी चाहऽ हिअइ - हम केतना नीच अदमी हकिअइ आउ केतना ईमानदार, ई, लगऽ हइ, खुद्दे निर्णय कर सकऽ हथिन !"
"अपने हमरा कब गिरफ्तार करे लगी सोचऽ हथिन ?"
"ओह, हम अपने के अभियो डेढ़ चाहे दो दिन अजादी से घुम्मे लगी दे सकऽ हिअइ । सोच लेथिन बबुआ, भगमान के प्रार्थना कर लेथिन । ई अपने लगी जादे फायदेमंद होतइ, भगमान कसम, जादे फायदेमंद ।"
"आउ अगर हम भाग जइअइ तो ?" कइसूँ विचित्र ढंग से मुसकइते रस्कोलनिकोव पुछलकइ ।
"नयँ, अपने भागथिन नयँ । कोय किसान भाग जइतइ, कोय फैशनदार संप्रदायी भाग जइतइ - दोसर के विचार के गुलाम - काहेकि मिडशिपमैन [नौसेना में अफसर के एगो पदवी, जे कैडेट से उपरे आउ सब-लेफ्टेनेंट से निच्चे होवऽ हइ)] दिरका नियन, ओकरा खाली उँगली के सिरा (tip) देखइलऽ नयँ, कि जइसन चाहबऽ ओइसन बात पर ऊ सारी जिनगी विश्वास करतो [6] । लेकिन अपने तो अपनहीं सिद्धांत पर अब विश्वास नयँ करऽ हथिन - त अपन साथ की लेके भागथिन ? आउ भागते रहे से अपने के मिलतइ की ? भागते रहना गंदा आउ मोसकिल काम हइ, आउ अपने के सबसे पहिले चाही जिनगी आउ समाज में निश्चित हैसियत, उचित हावा; हूँ, त अपने के हुआँ उचित हावा मिलतइ की ? भाग जइथिन आउ खुद्दे वापिस अइथिन । हमन्हीं के बगैर अपने के काम नयँ चलतइ । आउ अगर हम अपने के काल कोठरी में डाल दिअइ - त एक महिन्ना, दू महिन्ना, चाहे तीन महिन्ना हुआँ बइठथिन, आउ अचानक - हमर बात के नोट करथिन - खुद्दे चल अइथिन, शायद अप्रत्याशित ढंग से अपने आप । एक्को घंटा पहिले तक अपने के पता नयँ चलतइ, कि अपन दोष स्वीकार करे लगी जा रहलथिन हँ । हमरा एहो अकीन हइ, कि अपने के ई विश्वास नयँ होवऽ हइ, लेकिन खुद अइसन निर्णय ले लेथिन । काहेकि कष्ट उठाना, रोदियोन रोमानोविच, एगो बड़गो चीज हइ; अपने हमरा अइसे नयँ देखथिन, कि हम मोटाऽ गेलिए ह, एकर जरूरत नयँ हइ, लेकिन हम जानऽ हिअइ; ई बात पर हँसथिन नयँ, कि कष्ट उठावे में कोय विचार हइ । मिकोल्का तो सही हइ । नयँ, भागथिन नयँ, रोदियोन रोमानोविच ।"

रस्कोलनिकोव अपन जगह से उठ खड़ी होलइ आउ अपन टोपी उठा लेलकइ । पोरफ़िरी पित्रोविच भी उठ गेलइ ।
"टहले जा रहलथिन हँ ? साँझ तो निम्मन होतइ, अगर खाली गरज वला तूफान नयँ आवइ । तइयो ई बेहतर होतइ, हावा साफ हो जइतइ ..."
ओहो टोपी उठा लेलकइ ।

"अपने, पोरफ़िरी पित्रोविच, किरपा करके, ई अपन दिमाग में नयँ बइठा लेथिन", रस्कोलनिकोव कठोर स्वर में आग्रहपूर्वक (with stern insistence) कहलकइ, "कि हम अपने के सामने अपराध स्वीकार कर लेलिए ह । अपने विचित्र व्यक्ति हथिन, आउ हम अपने के खाली उत्सुकतावश सुनलिए ह । लेकिन हम कुच्छो स्वीकार नयँ कइलिए ह ... ई बात आद रखथिन ।"
"हाँ, हम जानऽ हिअइ, आद रखबइ - अरे, देखऽ, वास्तव में, कँपियो रहले ह ! चिंता नयँ करथिन, बबुआ; जइसन अपने के मर्जी, ओहे होतइ । थोड़े-बहुत घूम-फिर लेथिन; खाली बहुत जादे दिन तक अब तो घूम-फिर नयँ सकथिन । कउनो परिस्थिति में, हमरा अपने के निवेदन करे के हइ", अपन अवाज धीमा करके ऊ आगू बोललइ, "ई जरी संवेदनशील हइ, लेकिन हइ मुख्य बात; मतलब, अगर कउनो परिस्थिति में (जेकरा बारे लेकिन हमरा विश्वास नयँ हइ आउ हम एकरा बारे पूरे तरह से अपने के असमर्थ मानऽ हिअइ), अगर अइसन परिस्थिति आ जाय, मतलब कउनो परिस्थिति में - ई चालीस-पचास घंटा के दौरान, कहीं अपने के ई इच्छा हो गेलइ, कि मामला के कोय दोसर ढंग से रफा-दफा कर देल जाय, कोय फैशनदार ढंग से - जइसे स्वयं के विरुद्ध हाथ उठाके (बिलकुल बेतुका सुझाव हइ, लेकिन एकरा बारे हमरा क्षमा करथिन), तब एगो संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट नोट छोड़ जइथिन । बस, दू लाइन, खाली दुइए लाइन, आउ पत्थल के उल्लेख करथिन - जादे शराफत के बात होतइ, जी । अच्छऽ जी, अब चलऽ हिअइ, फेर भेंट होतइ ... शुभकामना, शुभ पहल (undertakings) !”

पोरफ़िरी बाहर निकस गेलइ, कइसूँ झुकते आउ मानूँ रस्कोलनिकोव से अपन नजर बचइते । रस्कोलनिकोव खिड़की भिर अइलइ आउ चिड़चिड़ाल अधीरता के साथ समय के इंतजार करते रहलइ, जब तक कि ओकर हिसाब से ऊ अदमी बाहर निकसके सड़क पर जाके आउ कुछ दूर नयँ चल जाय । फेर ऊ तेजी से खुद भी कमरा से बाहर निकस गेलइ ।

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