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Friday, November 20, 2015

रूसी उपन्यास "कालापानी" - भाग-1 ; अध्याय-2: प्रथम राय (1)



कालापानी
(साइबेरिया में जेल के जिनगी)

भाग-1; अध्याय-2: प्रथम राय (1)

हमर जेल के जिनगी के पहिला महिन्ना आउ साधारणतः प्रारंभ अब हमर कल्पना में सजीव रूप से आवऽ हइ । बाद के जेल के साल हमर स्मृति में बहुत धुँधला रूप से कौंधऽ हइ । कुछ तो मानूँ बिलकुल धूमिल पड़ गेले ह, एक दोसरा से मिल-जुल गेले ह, अपने आप में एगो समेकित छाप (collective impression) छोड़के - कष्टदायक, एकसुरा (monotonous), दमघोंटू (suffocating)।

लेकिन ई सब कुछ, कि हम जेल के प्रारंभिक दिन में कष्टदायक जिनगी गुजारते जिंदा बच गेलूँ, हमरा अभी अइसन लगऽ हके मानूँ ई कल्हे के घटना होवे । आउ अइसीं होवहूँ के चाही ।

हमरा साफ-साफ आद पड़ऽ हके, कि ई जिनगी के पहिलौके कदम से हमरा ई बात के अचरज लगल, कि हमरा मानूँ एकरा में कुच्छो विशेष आश्चर्यजनक, असाधारण, चाहे, बेहतर कहल जाय, अप्रत्याशित, नयँ लगल । ई सब कुछ मानूँ पहिलहीं हमरा सामने कल्पना में कौंधल हल, जब हम, साइबेरिया जइते, अंदाज लगावे के प्रयास कइलूँ कि अपन भाग्य में आगू की हके । लेकिन जल्दीए बहुत सारा सबसे विचित्र अप्रत्याशा, सबसे दैत्याकार तथ्य हमरा लगभग हरेक कदम पर अटकावे लगल । आउ ई बादे में जाके, जेल में लम्मा समय गुजारला पर, हमरा पूरा तरह से अइसन अस्तित्व के सब अपवाद, सब अप्रत्याशा समझ में आल आउ लगातार अधिकाधिक एकरा पर हमरा अचरज होवे लगल । हम ई बात स्वीकार करऽ ही, कि ई अचरज हमरा जेल में रहे के पूरे लमगर अवधि तक रहल; हम कभियो एकर अभ्यस्त नयँ हो पइलूँ ।

हमर पहिला राय, जेल में प्रवेश करे पर, साधारणतः बिलकुल खराब हलइ; लेकिन, ई बात के बावजूद, विचित्र बात हइ, कि हमरा अइसन लगलइ, कि रस्ता में हम जइसन कल्पना कइलिए हल, ओकर अपेक्षा जेल में जिनगी गुजारना बहुत असान हइ । कैदी लोग, हलाँकि बेड़ी में रहऽ हलइ, तइयो पूरे जेल में अजादी से घुम्मऽ हलइ, गारी-गल्लम करऽ हलइ, गीत गावऽ हलइ, अपन काम करऽ हलइ, पाइप पीयऽ हलइ, शराबो पीयऽ हलइ (हलाँकि बहुत जादे लोग नयँ), आउ रात में ताश खेलते जा हलइ । खुद काम, मसलन, हमरा बिलकुल ओतना कष्टदायक, दंडस्वरूप कठोर नयँ लगलइ, आउ खाली काफी लम्मा समय के बाद हम अंदाज लगइलिअइ, कि ई काम के कठिनाई आउ दंडस्वरूप कठोरता ओतना एकर कठिनाई आउ अनवरतता में नयँ हइ, जेतना ई बात में, कि ई अनिवार्य, कर्तव्य, बेंत के बल पर हइ । किसान अपन मरजी से काम करऽ हइ, शायद, अपेक्षाकृत बहुत जादे, कभी-कभी रातो भर, खास करके गरमी के समय; लेकिन ऊ अपना लगी काम करऽ हइ, बुद्धिसंगत उद्देश्य से काम करऽ हइ, आउ ओकरा अपेक्षाकृत जादे असान लगऽ हइ, बनिस्बत एगो कैदी के बलपूर्वक करावल आउ ओकरा लगी बिलकुल अनुपयोगी काम के । हमरा एक तुरी दिमाग में अइसन विचार अइलइ, कि अगर एगो अदमी के पूरे तरह से दबा देवे लगी, ओकरा बरबाद कर देवे लगी चाहल जाय, ओकरा सबसे भयंकर दंड से दंडित कइल जाय, एतना कि सबसे खतरनाक हत्यारा भी अइसन दंड से काँप उट्ठइ आउ एकरा से पहिलहीं डरइ, त एतना काफी होबइ कि ओकरा खाली बिलकुल निरर्थक आउ असंगत काम देल जाय । हलाँकि वर्तमान दंडस्वरूप कठोर काम, कैदी लगी नीरस आउ उबाऊ हइ, तइयो ई अपने आप में काम के रूप में विवेकपूर्ण हइ - कैदी अइँटा बनावऽ हइ, जमीन खोदऽ हइ, प्लास्टर करऽ हइ, निर्माण करऽ हइ; ई काम में अर्थ आउ उद्देश्य हइ । दंडस्वरूप कठोर काम करे वला कभी-कभी एकरा में रुचि लेवे लगऽ हइ, जादे दक्षतापूर्वक करे लगी चाहऽ हइ, जादे तेजी से, बेहतर ढंग से । लेकिन अगर ओकरा विवश कर देल जाय, मसलन, एक बरतन में से दोसरा में स्थानांतरित करे लगी, आउ फेर दोसरा से पहिला में, बालू पिस्से लगी, मट्टी के एक जगह से ढोके दोसरा जगह ले जाय लगी आउ फेर हुआँ से पहिला ठामाँ - त हमरा लगऽ हइ, कि कैदी कुछ दिन के बाद फाँसी लगा लेतइ, चाहे हजारो अपराध करतइ, ताकि ऊ कम से कम मर जाय, बनिस्बत अइसन तिरस्कार, लाज आउ यातना सहे के । जाहिर हइ, अइसन दंड, यातना आउ बदला में बदल जइतइ आउ निरर्थक होतइ, काहेकि एकरा से कोय विवेकपूर्ण उद्देश्य प्राप्त नयँ होतइ । लेकिन चूँकि आंशिक रूप से अइसन यातना, निरर्थकता, तिरस्कार आउ लज्जा आवश्यक रूप से हरेक विवश कइल काम में रहवे करऽ हइ, ओहे से दंडस्वरूप कठोर श्रम वला काम, हरेक अपन मरजी वला काम के अपेक्षा अधिक कष्टदायक होवऽ हइ, खाली ई बात से कि ई बाध्यकारक हइ ।

लेकिन हम जेल में जाड़ा में अइलिए हल, दिसंबर महिन्ना में, आउ ग्रीष्म ऋतु में काम के कोय अंदाजा नयँ हलइ, जे पाँच गुना कष्टदायक हलइ । जाड़ा में हमन्हीं के किला में सरकारी काम साधारणतः बहुत कम रहऽ हलइ । कैदी लोग इर्तिश नदी भिर पुरनका सरकारी नाय (नाव) तोड़े लगी जा हलइ, कारखाना में काम करऽ हलइ, सरकारी बिल्डिंग से बर्फिला तूफान से जामा होल बरफ के हटावऽ हलइ, सिलखड़ी (alabaster) पकावऽ आउ कुट्टऽ हलइ, आदि आदि । जाड़ा के दिन छोटगर होवऽ हलइ, काम जल्दी खतम हो जा हलइ, आउ हम सब लोग जेल जल्दी वापिस आ जइते जा हलिअइ, जाहाँ हमन्हीं के लगभग कुछ करे के नयँ रहऽ हलइ, अगर कइसनो खुद अप्पन काम करे के नयँ रहइ । लेकिन अपन खुद के काम, शायद, खाली एक तिहाई कैदी करऽ हलइ, बाकी सब मक्खी मारते जा हलइ, बिन कोय जरूरत के अइसीं जेल के सब बैरक में घूमते रहऽ हलइ, गारी-गल्लम करते जा हलइ, आपस में षड्यंत्र रचते जा हलइ, कोय मुसीबत खड़ी कर दे हलइ, पीके धुत्त हो जा हलइ हलइ, अगर कइसूँ कुछ पइसा जामा कर ले हलइ; रात में अपन अंतिम शर्ट भी ताश के जूआ में हार जा हलइ, आउ ई सब कुछ बोरियत के कारण, निठल्ला रहे के कारण, कुछ नयँ करे लगी रहे के कारण । बाद में जाके हमरा समझ में अइलइ, कि अजादी से वंचित रहे के अलावा, बाध्य काम के अलावा, जेल के जिनगी में आउ एगो यातना हइ, बाकी सब के अपेक्षा लगभग अधिक प्रचंड । ई हलइ - विवश (forced) सामान्य सह-अस्तित्व । सामान्य सह-अस्तित्व, वस्तुतः, दोसरो जगह पर हइ; लेकिन जेल में तो अइसन लोग आवऽ हइ, कि कोय ओकन्हीं साथ रहे लगी नयँ चाहतइ, आउ हमरा पक्का विश्वास हइ, कि हरेक कैदी ई यातना के अनुभव करऽ हलइ, हलाँकि, वस्तुतः, अधिकतर हालत में अनजाने में ।

ओइसीं भोजन भी हमरा काफी संतोषजनक लगलइ । कैदी लोग भी विश्वास देलावऽ हलइ, कि अइसन भोजन तो यूरोपीय रूस के अनुशासनात्मक बटालियन में भी नयँ मिल्लऽ हइ । एकरा बारे हम अपन मत नयँ दे सकऽ हिअइ - हम हुआँ नयँ गेलिए ह । एकरा अलावे, कइएक लोग खुद के खाना प्राप्त कर सकऽ हलइ । एक पौंड गोमांस हमन्हीं हीं एक ग्रोश (आधा कोपेक) में मिल्लऽ हलइ, गरमी में तीन कोपेक में । लेकिन खुद के भोजन खाली ओहे लोग हासिल करऽ हलइ, जेकरा पास हमेशे पइसा रहऽ हलइ; अधिकतर कैदी तो सरकारिए भोजन करऽ हलइ । लेकिन कैदी लोग जब अपन भोजन के प्रशंसा करऽ हलइ, त ओकन्हीं के एकर मतलब खाली पावरोटी से हलइ, आउ प्रशंसा ई बात पर करऽ हलइ, कि रोटी हमन्हीं के सामान्य रूप से (अर्थात् हरेक कमरा के हिसाब से) बाँटल जा हके, नयँ कि हरेक के तौल के हिसाब से । ई अंतिम व्यवस्था ओकन्हीं लगी कष्टदायक लगते हल - अगर तौल के हिसाब से देल जइते हल, त एक तिहाई लोग भुक्खल रहते हल; अर्तेल में (सामूहिक रूप में) सब कोय लगी काफी हो जा हलइ । हमन्हीं के रोटी कइसूँ विशेष रूप से सवदगर (स्वादिष्ट) हलइ आउ एकरा बारे पूरा शहर प्रशंसा करऽ हलइ । ई बात के श्रेय जेल के भट्ठी (चूल्हा) के निम्मन निर्माण के देल जा हलइ । बंदागोभी के शोरबा (सूप) लेकिन अच्छा नयँ हलइ । एकरा एगो सामान्य कड़ाह में तैयार कइल जा हलइ, थोड़े सन दलिया (दरल मोटगर दाल) से भरल रहऽ हलइ, आउ खास करके काम के दिन ई पनगर, पतला रहऽ हलइ । ओकरा में ढेर सारा ईसरौरी (कॉक्रोच, तिलचट्टा) देखके हमर मन भिनभिना जा हलइ । कैदी लोग एकरा पर बिलकुल ध्यान नयँ देते जा हलइ ।

जेल में अइला के बाद पहिला तीन महिन्ना हमरा काम पर नयँ जाय पड़लइ, अइसन सब्भे नवागंतुक के साथ कइल जा हलइ - रस्ता के थकावट दूर करे खातिर विश्राम करे लगी देल जा हलइ । लेकन दोसरहीं दिन हमरा जेल से बहरसी जाय पड़लइ, बेड़ी बदलावे खातिर । हमर बेड़ी ठीक नयँ हलइ, छल्ला (रिंग) से बन्नल हलइ, "हलका अवाज करे वला", जइसन कि कैदी लोग बोलऽ हलइ । ओकरा बाहर से (यानी बस्तर के उपरे से) पेन्हल जा हलइ । कैदी सब के नियमित बेड़ी, जे काम के अनुकूल हलइ, छल्ला से नयँ, बल्कि चार गो लोहा के छड़ से बन्नल हलइ, लगभग अँगुरी एतना मोटगर, आउ एक दोसरा से तीन गो छल्ला से जोड़ल । एकरा पतलून के अंदर से पेन्हल जा हलइ । बिचला छल्ला से एगो पट्टा (कमरबंद) फँसवल हलइ, जे खुद अपने (कैदी के) चमोटी (पेटी) से जकड़ल हलइ, जे सीधे कमीज के उपरे पेन्हल जा हलइ । हमरा बैरक में के पहिला सुबह आद पड़ऽ हइ। जेल के पास गार्डरूम में सुबह में एगो ढोल बजलइ, आउ लगभग दस मिनट के बाद ड्यूटी पर के सर्जेंट बैरक सब के खोले लगलइ । लोग उट्ठे लगलइ । मेदबत्ती के धुँधला प्रकाश में, कैदी लोग ठंढी से कँपते अपन-अपन पटरा पर से उठते गेलइ ।  अधिकतर लोग निनारू होवे के चलते चुपचाप आउ उदास हलइ । ओकन्हीं जम्हाई ले रहले हल, अँगड़ाई ले रहले हल, आउ अपन अंकित निरार के सिकोड़के झुर्री पैदा कर रहले हल । कुछ लोग क्रॉस कर रहले हल, दोसरा कुछ लोग लड़ाय शुरू कर चुकले हल । घुटन भयंकर हलइ । ताजा ठंढगर हावा दरवाजा से अंदर घुसलइ, जइसीं ओकरा खोलल गेलइ, आउ बैरक में भाफ के बादल तेजी से फैल गेलइ । पानी से भरल बाल्टी तरफ कैदी लोग उमड़ पड़लइ; ओकन्हीं बारी-बारी से कलछी (scoop, dipper) लेलकइ, मुँह में पानी भरलकइ आउ अपन-अपन हाथ आउ चेहरा, मुँह से धोलकइ । ई पानी के इंतजाम सँझिए से पराशनिक (मल के टब या कठौता के सफाई करे वला) द्वारा कइल गेले हल । हरेक बैरक में नियम के अनुसार, बैरक के नौकर-चाकर लगी, अर्तेल (सहकारी समिति) द्वारा नियुक्त एगो कैदी होवऽ हलइ । ओकरा पराशनिक कहल जा हलइ आउ ऊ (दोसर कैदी के साथे) काम पर नयँ जा हलइ । ओकर ड्यूटी रहऽ हलइ - बैरक के सफाई के निरीक्षण करना, बिछौना के पटरा आउ फर्श के धोना-पोंछना, रात वला टब (कठौता) अंदर लाना आउ बाहर ले जाना आउ दू बाल्टा ताजा पानी लाना - सुबह में नहाय-धोवे लगी, आउ दिन में पीए लगी । कलछी लगी, जे एक्के गो हलइ, तुरते लड़ाय-झगड़ा चालू हो जाय ।

"कन्ने घुस्सल जा रहलहीं हँ, पोठिया के सिर !" एगो उँचगर खिन्नचित्त कैदी, जे दुब्बर-पातर आउ सामर, अपन मूड़ल सिर पर एक प्रकार के विचित्र उभार वला हलइ, एगो दोसर कैदी के, जे मोटगर, ठिगना आउ गठीला, खुशमिजाज गुलाबी चेहरा वला हलइ, ढकेलते बड़बड़इलइ, "ठहर !"
"चिल्लाब काहे लगी करऽ हीं ! इंतजार करे हियाँ पइसा लगऽ हइ; खुद्दे इंतजार करमँऽ त कर ! ओकरा देखहो, कइसन स्मारक नियन सीधा खड़ी हइ! मतलब, भाय, ओकरा में कउनो प्रकार के फ़ोर्तिकुल्यापनोस्त (forticultipation) नयँ हइ ।
"फ़ोर्तिकुल्यापनोस्त" कुछ असर देखइलकइ - कइएक लोग हँस पड़लइ । एहे तो खाली ऊ मोटू के जरूरत हलइ, जे, स्पष्टतः, बैरक में एक प्रकार के स्वैच्छिक जोकर (विदूषक) हलइ । लमढेंग (उँचगर) कैदी ओकरा तरफ बड़ी नफरत से देखलकइ ।
"ए बेर्लिन के गाय !" ऊ मानूँ खुद से कहलकइ, "देखहो, जेल के उज्जर पावरोटी खाके कइसन मोटाऽ गेले ह ! खुशी के बात हइ, कि बृहत् उपवास (Lent) के अंत में ऊ बारह सूअर लइतइ ।"
मोटू आखिर गोसा गेलइ ।
"हूँ, त तूँ कइसन पक्षी हकहीं ?" ऊ अचानक लाल होके चिल्लइलइ ।
"ओहे, पक्षी !"
"कइसन ?"
"ओइसन ।"
"कइसन ओइसन ?"
"बस खाली एक्के शब्द - ओइसन ।"
"लेकिन कइसन ?"
दुन्नु एक दोसरा के एकटक देखे लगलइ । मोटू जवाब के इंतजार कर रहले हल आउ मुट्ठी भींच लेलकइ, मानूँ तुरतम्मे लड़ाय करे लगी चाह रहले हल । आम सचमुच सोच रहलिए हल, कि लड़ाय हो जइतइ । हमरा लगी ई सब कुछ नावा हलइ, आउ हम उत्सुकतापूर्वक देख रहलिए हल । लेकिन बाद में हमरा पता चललइ, कि अइसन सब दृश्य बिलकुल अहानिकर (harmless) हलइ आउ प्रहसन नियन सामान्य मनोरंजन खातिर होवऽ हलइ; लड़ाय तक लगभग कभियो नयँ पहुँचऽ हलइ । ई सब कुछ काफी प्रातिनिधिक नमूना हलइ आउ जेल के रस्म-रिवाज प्रदर्शित करऽ हलइ ।

लमढेंग कैदी शांत आउ गौरव के साथ खड़ी रहलइ । ऊ अनुभव कर रहले हल, कि ओकरा तरफ लोग देख रहले ह आउ इंतजार कर रहले ह, कि ऊ अपन जवाब से शर्मींदगी उठइतइ कि नयँ; कि ओकरा अपन बात पर अड़ल रहे के चाही, साबित करे के चाही, कि ऊ वास्तव में पक्षी हइ, आउ ई देखावे के चाही कि पक्का कउन प्रकार के पक्षी हइ । ऊ अपन प्रतिपक्षी दने अनिर्वचनीय (inexpressible ) घृणा के साथ तिर्यक् दृष्टि से देखलकइ, अधिक तिरस्कार लगी, ओकरा तरफ कइसूँ कन्हा से उपरे से निच्चे तरफ देखे के प्रयास करते, मानूँ ओकरा एगो छोट्टे गो कीड़ा नियन देख रहले हल, आउ धीरे-धीरे स्पष्ट रूप से बोललइ - "शार्दूल पक्षी ! ..."

मतलब ऊ शार्दूल पक्षी हइ । एगो जोरदार ठहाका के बाढ़ ऊ कैदी के हाजिरजवाबी के स्वागत कइलकइ ।
"तूँ नीच हकहीं, शार्दूल नयँ !" मोटू  क्रोधावेश में आके गरजलइ, ई अनुभव करके, कि ऊ सब्भे बिंदु पर विफल हो चुकले हल ।
लेकिन जइसीं झगड़ा गंभीर हो गेलइ, नौजवान लोग तुरते रुक गेलइ ।
"काहे लगी चिल्लाब करते जाहीं !" समुच्चे जेल ओकन्हीं पर गरज उठलइ ।
"बेहतर होतइ कि लड़-झगड़के मामला खतम करहो, आउ खाली गला नयँ फाड़हो !" कोय तो कोनमा से चिल्लइलइ ।
"हाँ, रोकऽ ओकन्हीं के, लड़े जा रहलो ह !" जवाब सुनाय देलकइ । "हमन्हीं हियाँ के लोग चतुर आउ साहसी होवऽ हइ; सत-सत गो के सामने एगो अकेलहूँ नयँ डरते जा हिअइ ।"
"हाँ, आउ दुन्नु अच्छा (लड़ाका) हइ ! एगो एक पौंड पावरोटी (चोरावे) खातिर ई जेल में अइले हल, आउ दोसरा - मट्टी के बरतन रंडी, एगो देहाती औरत के हियाँ दही गटक गेलइ, ओहे चलते कोड़ा खइलके हल ।
"अच्छऽ-अच्छऽ-अच्छऽ ! बहुत हो गेलो तोहन्हीं के !" अपंग सेवा-निवृत्त सैनिक चिल्लइलइ, जे बैरक में कानून-व्यवस्था कायम रक्खे लगी रहऽ हलइ आउ ओहे से कोना में एगो विशेष बिछौना पर सुत्तऽ हलइ ।
"पानी, बुतरू सब ! अपंग पित्रोविच जग गेला ! अपंग पित्रोविच खातिर, अपन प्रिय भाय खातिर !"
"भाय - हम तोर कइसन भाय हिअउ ? एगो रूबल के तो हमन्हीं साथ कभी नयँ पीते गेलिअइ, आउ भाय !" अपंग बड़बड़इलइ, अपन बाँह ओवरकोट के आस्तीन में डालते ।

हाजिरी के तैयारी चल रहले हल; पौ फट रहले हल; भनसाघर में कसमकस भीड़ जामा हो गेलइ, बीच में से भीड़ के ढकेलके आगू बढ़ना असंभव हलइ । कैदी लोग भेड़ के खाल के अपन छोटका ओवरकोट आउ दुरंगिया टोपी में ऊ पावरोटी बिजुन भीड़ लगइले हलइ, जेकरा रसोइयन में से एगो रसोइया ओकन्हीं लगी काटब करऽ हलइ । रसोइयन के चुनाव अर्तेल द्वारा कइल जा हलइ, हरेक भनसाघर लगी दूगो । पावरोटी आउ मास काटे लगी भनसाघर के छूरी सहेजल जा हलइ, पूरे भनसाघर में बस एगो ।

सब कोना में आउ टेबुल सब बिजुन कैदी लोग बइठल हलइ, टोपी आउ भेड़ के खाल के छोटका ओवरकोट में आउ चमोटी लगइले, सब्भे अभी काम पर जाय लगी तैयार । कुछ लोग के सामने लकड़ी के मग में क्वास [1] हलइ । क्वास में रोटी के खुंडी-खुंडी करके डाल रहले हल आउ चुसकी ले रहले हल । हल्ला आउ शोरगुल बरदास के बाहर हलइ; लेकिन कुछ लोग समझदारी से आउ शांतिपूर्वक कोना में बतियाऽ रहले हल ।
"बुजुर्ग अंतोनिच खातिर नून-रोटी, नमस्ते !" एगो नौजवान कैदी बोललइ, नाक-भौं सिकोड़ले आउ बिन दाँत वला कैदी भिर बइठते ।
"अच्छऽ, नमस्ते, अगर मजाक नयँ करऽ हीं", ऊ बोललइ, नजर बिन उठइले आउ अपन दंतहीन मसूढ़ा से चबावे के कोशिश करते ।
"आउ हम तो वास्तव में सोच रहलियो हल, अंतोनिच, कि तूँ मर गेलहो ह; सचमुच में ।"
"नयँ, तूँ पहिले मर जो, आउ हम बाद में ।"

हम ओकन्हीं बिजुन बइठ गेलिअइ । हमर दहिना दने दूगो गंभीर कैदी बतियाऽ रहले हल, स्पष्टतः एक दोसरा के सामने अपन प्रतिष्ठा के बचइले रक्खे के प्रयास करते ।
"हमरा हीं चोरी नयँ करते जइतइ, ई हमरा विश्वास हइ", एगो बोललइ, "हमरा तो, भाय, ई बात के डर हइ, कि शायद हमहीं केकरो हीं चोरी कर लिअइ ।"
"हूँ, आउ हमरा हीं कोय चोरी नयँ करे - हम जलाके खाक कर देबइ ।"

"लेकिन तूँ जलइमहीं कइसे ! ओइसने तो वर्नाक [3] हकहीं; हमन्हीं के तो आउ दोसर नाम नयँ हकइ - ऊ (औरत) तो तोरा लूट लेतउ, आउ तोरा सामने झुकवो नयँ करतउ । हिएँ तो, भाय, हमर कोपेक साफ हो गेल । हाल में ऊ खुद अइले हल । ओकरा साथ काहाँ जाय के ? हम निवेदन करे लगलिअइ फ़ेदका-जल्लाद हियाँ जाय लगी; ओकरा शहर के अंत में अभियो घर हकइ, जे, स्कर्वी रोग से ग्रस्त सोलोमोन, यहूदी हीं से खरदलके हल, जे बाद में फाँसी लगा लेलकइ ।"
"हमरा मालूम हइ । ऊ हियाँ तीन साल पहिले कलाली में दारू बेचऽ हलइ, आउ उपनाम हलइ ग्रिश्का - करिया कलाली । हमरा मालूम हइ ।
"आउ ई बात नयँ जानऽ हीं; ई दोसरा कोय करिया कलाली हलइ ।"
"की मतलब, दोसरा कोय ! तू समझऽ हीं, कि बहुत जादे जानऽ हीं ! हम तोरा ढेरो गोवाह लाके देखा सकि हउ।"
"(गोवाह) लइमहीं ! तूँ काहाँ के हकहीं, आउ हम काहाँ के ?"
"काहाँ के ! हम तोरा पीटते रहऽ हलिअउ, लेकिन हम कभी ई बात के डींग नयँ हाँकऽ हिअइ, आउ तइयो तूँ पुच्छऽ हीं कि हम काहाँ के हिअइ !"
"तूँ पीटते रहऽ हलहीं ! जे अदमी हमरा पीट सकइ, ऊ अभियो तक पैदा नयँ होले ह; आउ जे पिटलकइ, ऊ जमीन के अंदर पड़ल हइ ।"
"ए बेंदेर के प्लेग-ग्रस्त !"
"अरे, तोरा साइबेरिया के गिलटी रोग धरउ !"
"अरे, तुर्की के तलवार तोरा से कुछ कहउ ! ..."
आउ गारी-गल्लम के बारिश होवे लगलइ ।
"अरे-अरे-अरे ! फेर से भिड़ गेते गेलइ !" चारो दने से चिल्लाय लगते गेलइ । "ओकन्हीं अजादी से जी नयँ सकलइ; खुश हइ, कि हियाँ निम्मन उज्जर रोटी मिललइ ..."

तुरतम्मे ओकन्हीं शांत कर देतइ । गारी-गल्लम करे, जीभ से "मारे-पिट्टे" लगी अनुमति हइ । ई आंशिक रूप से सब्भे लगी मनोरंजन हकइ । लेकिन हाथा-पाई तक के मामला हमेशे आवे नयँ देल जा हइ, आउ खाली वस्तुतः अपवादात्मक परिस्थिति में दुश्मन लोग लड़ऽ हइ । लड़ाय के मामला मेजर के रिपोर्ट कइल जइतइ; खोज-बीन कइल जइतइ, खुद मेजर अइतइ - एक शब्द में, सब्भे लगी बुरा होतइ, ओहे से लड़ाय-झगड़ा नयँ होवे देल जा हइ । आउ खुद दुश्मन लोग गारी-गल्लम अधिकतर मनोरंजन खातिर करते जा हइ, अपन भाषायी शैली के अभ्यास लगी । अकसर अपनहीं आप के धोखा देते जा हइ, भयंकर गरमाहट आउ आक्रोश के साथ ... सोचबहो, अइकी अब एक दोसरा पर टूट पड़ते जइतइ; लेकिन अइसन कुछ नयँ होवऽ हइ - एक बिंदु (हद) तक जइतइ आउ फेर तुरतम्मे अलगे हो जइतइ । ई सब हमरा शुरू-शुरू में बहुत हैरत में डाल दे हलइ । हम जान-बूझके हियाँ अभियुक्त लोग के बातचीत के एगो बिलकुल सामान्य नमूना प्रस्तुत कइलिए ह । पहिले हम कल्पनो नयँ कर सकऽ हलिअइ, कि कइसे आनंद लगी लोग गारी-गल्लम कर सकऽ हइ, एकरा में मनोरंजन, मनमोहक अभ्यास, प्रसन्नता खोज सकऽ हइ । लेकिन, मान-प्रतिष्ठा के तो भुलाय के नयँ चाही । द्वंद्वात्मक अपशब्दभाषी के आदर के दृष्टि से देखल जा हलइ । ओकरा लगभग अभिनेता जइसन प्रशंसा कइल जा हलइ ।

कल्हे सँझिए से हम नोटिस कइलिअइ, कि हमरा दने लोग तिर्यक् दृष्टि (तिरछा नजर) से देखब करऽ हइ ।
हमरा कइएक करिया नजर पकड़ में आ चुकले हल । दोसरा तरफ, कुछ कैदी हमर आसपास चक्कर लगइते रहलइ, ई शक्का करते कि हम अपन साथ पइसा लेके अइलिए ह । ओकन्हीं तुरतम्मे हमर अनुग्रह (favour) पावे के कोशिश करे लगलइ - हमरा सिखावे लगलइ, कि कइसे नयका बेड़ी पेन्हे के चाही; हमरा लगी ताला सहित एगो संदूक लाके देलकइ, जाहिर हइ पइसा लगी, ताकि ओकरा में हमरा बाँटल गेल सरकारी समान आउ कुछ हमर कपड़ा,जे हम जेल में लइलिए हल, छिपावल जा सकइ । दोसरहीं दिन ओकन्हीं हमरा हीं से ओकरा (संदूक के) चोरा लेलकइ आउ बेचके पी-पा गेलइ । ओकन्हीं में से एगो बाद में हमरा से घुल-मिलके बहुत अधिक निष्ठावान बन गेलइ, हलाँकि हरेक सुविधाजनक मौका पर हमरा हीं चोरी करे से बाज नयँ अइलइ । ऊ अइसन बिन कोय संकोच के करऽ हलइ, लगभग शांत भाव से, मानूँ अपन ड्यूटी कर रहल होवे, आउ ओकरा पर गोस्सा करना असंभव हलइ ।

एकरा अलावे, ओकन्हीं हमरा सिखइलकइ, कि हमरा खुद के अप्पन चाय रक्खे के चाही, कि बेहतर होतइ कि हम अप्पन केतली भी ले लिअइ, आउ तब तक लगी हमरा लगी दोसरा से किराया पर लाके देलकइ आउ हमरा एगो रसोइया के अनुशंसा कइलकइ, कि तीस कोपेक फी महिन्ने में ऊ हमरा जे चाही ऊ पकाके देतइ, अगर हम खुद अप्पन खास तरह से खाय लगी  आउ अपन खाद्य सामग्री खरीदे लगी चाहऽ हिअइ ... जाहिर हइ, ओकन्हीं हमरा हीं से पइसा उधार लेलकइ, आउ ओकन्हीं में से हरेक अदमी पहिला दिन तीन तुरी उधार लेवे लगी अइते गेलइ ।

भूतपूर्व कुलीन व्यक्ति (noblemen) के जेल में साधारणतः कैदी लोग खराब आउ नफरत के नजर से देखऽ हइ । ई बात के बावजूद, कि ओकन्हीं अपन सब्भे रैंक के अधिकार से वंचित होल रहऽ हइ आउ पूरे तरह से बाकी कैदी नियन बराबर हो जा हइ - कैदी लोग कभियो ओकन्हीं के अपन साथी नयँ समझते जा हइ । अइसन कोय चेतन पूर्वाग्रह से भी नयँ होवऽ हइ, बल्कि अइसीं, बिलकुल तहे दिल से, अचेतन रूप से । ओकन्हीं वास्तव में हमन्हीं के कुलीन व्यक्ति ही मानते जा हलइ, एकर बावजूद कि खुद्दे  हमन्हीं के पतन पर हमन्हीं के चिढ़ाना पसीन करऽ हलइ ।
"नयँ, अब बस हो गेलइ ! ठहर ! पहिले मास्को में प्योत्र शान से गाड़ी से सफर करते रहऽ हला, आउ अभी प्योत्र बइठल वाद्ययंत्र के तार छेड़ऽ हका", आदि आदि वाहवाही ।

ओकन्हीं दिलचस्पी से हमन्हीं के पीड़ा देखऽ हलइ, जेकरा हमन्हीं ओकन्हीं के देखावे लगी नयँ चाहऽ हलिअइ । शुरू-शुरू में हमन्हीं के काम के बखत कुछ खास रूप से खराब समय चल रहले हल, ई वजह से, कि हमन्हीं के ओतना ताकत नयँ हलइ, जेतना ओकन्हीं के, आउ ओकन्हीं के हम सब पूरा-पूरा मदत नयँ कर पावऽ हलिअइ । कुच्छो ओतना कठिन नयँ हइ, जेतना लोग के विश्वास जीतना (आउ खास करके ओइसन लोग के) आउ ओकर प्यार पाना ।

जेल में कुच्छे लोग कुलीन घराना के हलइ । पहिला, पाँच गो पोलिस्तानी (Poles)। ओकन्हीं बारे हम कभी विशेष रूप से चर्चा करबइ । कैदी लोग भयंकर रूप से पोलिस्तानी लोग से घृणा करऽ हलइ, कुलीन घराना के रूसी कैदी से भी जादे । पोलिस्तानी (हम खाली राजनीतिक अपराधी के बात कर रहलिए ह) ओकन्हीं साथ कइसूँ सूक्ष्म-सूक्ष्म बात पर, अपमानपूर्वक विनम्र, अत्यंत अनभिव्यक्तिशील (uncommunicative) हलइ आउ कैदियन के सामने ओकन्हीं के प्रति अपन घृणा के नियंत्रित नयँ कर पावऽ हलइ, आउ ओकन्हीं ई बात के निम्मन से समझऽ हलइ आउ पोलिस्तानी सब के साथ ओइसने व्यवहार करऽ हलइ ।

हमरा जेल में लगभग दू साल गुजारे पड़लइ, तब कहीं जाके कैदियन में से कुछ के सहानुभूति प्राप्त कर पइलिअइ। लेकिन आखिरकार अधिकांश हमरा पसीन करे लगलइ आउ हमरा "निम्मन अदमी" के रूप में स्वीकार करे लगलइ ।

रूसी कुलीन घराना के, हमरा छोड़के, चार लोग हलइ । एगो - नीच आउ कमीना जीव, भयंकर दुराचारी, पेशा से गुप्तचर आउ संदेशवाहक हलइ । हम जेल में आवे के पहिलहीं से ओकरा बारे सुनलिए हल आउ पहिलहीं कुछ दिन के बाद से ओकरा से सब संबंध तोड़ लेलिए हल । दोसरा - ओहे खुद पितृहन्ता, जेकरा बारे हम पहिलहीं अपन चिट्ठा में उल्लेख कर चुकलिए ह । तेसरा हलइ अकीम अकीमिच; हम विरले अइसन सनकी अदमी के देखलूँ हँ, जइसन ई अकीम अकीमिच हलइ । ऊ हमर स्मृति में सजीव रूप से अंकित हइ । ऊ उँचगर, दुब्बर-पातर, मंदबुद्धि, भयंकर रूप से निरक्षर, बहुत तर्क-वितर्क करे वला, आउ जर्मन जइसन समयनिष्ठ (वक्त के पाबंद) हलइ । कैदी लोग ओकरा पर हँस्सऽ हलइ; लेकिन कुछ लोग ओकरा से डरवो करऽ हलइ, ओकर छिद्रान्वेषी, कठोर आउ झगड़ालू स्वभाव के कारण । ऊ पहिलौके क्षण से ओकन्हीं साथ बराबरी के आधार पर घुलमिल गेलइ, ओकन्हीं साथ गारी-गल्लम करऽ हलइ, झगड़वो करऽ हलइ । ऊ विलक्षण रूप से ईमानदार हलइ । अगर ओकरा कहीं अन्याय देखाय देइ त तुरतम्मे ओकरा में दखल दे देइ, चाहे ओकरा से ओकर कोय संबंध नयँ रहे । ऊ हद दर्जा के सीधा-सादा अदमी हलइ - ऊ, मसलन, कैदियन के साथ झगड़ते बखत, ओकन्हीं के झिड़क दे हलइ ई लगी, कि ओकन्हीं चोर हलइ, आउ ओकन्हीं के गंभीरतापूर्वक चोरी करे से माना करऽ हलइ। ऊ काकेशिया में प्रापोर्शिक (लेफ़्टेनेंट) के पद पर सेवा कइलके हल । हम ओकरा साथ पहिलौके दिन से घुलमिल गेलिअइ, आउ ऊ हमरा अपन रामकहानी सुनइलकइ । ऊ अपन करियर (जीवन-वृत्ति) काकेशिया से ही शुरू कइलके हल, पैदल सेना में यूंकर (कैडेट) के रूप में, लम्मा समय तक पापड़ बेललकइ, आखिरकार अफसर में ओकर प्रोन्नति (प्रोमोशन) हो गेलइ आउ वरिष्ठ अफसर के रूप में ओकरा एगो किला के सँभाले खातिर भेजल गेलइ । एगो पड़ोसी सहबद्ध (allied) छोटगर राजकुमार ओकर किला में आग लगा देलकइ आउ ओकरा पर रात में आक्रमण कर देलकइ; ई सफल नयँ हो पइलइ । अकीम अकीमिच चलाँकी बरतलकइ आउ एहो बात के भान नयँ होवे देलकइ, कि ऊ जानऽ हइ, कि केऽ अइसन दुर्भाव कइलके ह । ई मामला के श्रेय विद्वेषी लोग के देल गेलइ, आउ एक महिन्ना बाद अकीम अकीमिच ऊ राजकुमार के अतिथि के रूप में आमंत्रित कइलकइ । ऊ अइलइ, बिन कइसनो शक्का कइले । अकीम अकीमिच अपन दस्ता के तैयार कइलकइ; सबके सामने ऊ राजकुमार के दोषी सिद्ध कइलकइ आउ बुरा-भला कहलकइ, कि किला के जलाना शरमनाक बात हइ। आउ तभिए ओकरा बहुत विस्तार से दिशानर्देश देलकइ कि कइसे सहबद्ध राजकुमार के भविष्य में व्यवहार करे के चाही, आउ अंत में ओकरा गोली मार देलकइ, आउ जेकरा बारे सब्भे विस्तृत रिपोर्ट प्राधिकारी (authorities) के तुरते भेज देलकइ । ई सब खातिर ओकरा कोर्ट-मार्शल कइल गेलइ, मृत्यु-दंड के निर्णय होलइ, लेकिन फेर दंड के कम करके ओकरा साइबेरिया भेज देवल गेलइ, कठोर श्रम के द्वितीय श्रेणी के किला कारावास में, बारह बरिस लगी । ऊ पूरे तरह से अनुभव कइलकइ, कि ऊ गलत काम कइलकइ, हमरा से बोललइ, कि ऊ, राजकुमार के शूट करे के पहिलहीं ई जानऽ हलइ, ई बात जानऽ हलइ, कि कानून के मोताबिक सहबद्ध के विरुद्ध मोकदमा करे के चाही हल, लेकिन, एकर बावजूद, ओकरा मानूँ कइसूँ अपन दोष वास्तविक रूप में समझ में नयँ आ रहले हल ।

"माफ कइल जाय ! वास्तव में ऊ हमर किला के जला नयँ देलके हल ? त की हम एकरा लगी ओकरा गोड़ परतिए हल !" ऊ हमरा कहलकइ, हमर एतराज के जवाब देते ।
लेकिन, एकर बावजूद कि कैदी लोग अकीम अकीमिच के बेवकूफी पर हँस्सऽ हलइ, तइयो ओकन्हीं ओकर सुव्यवस्था आउ व्यावहारिक क्षमता लगी ओकरा आदर करऽ हलइ ।

अइसन कोय पेशा नयँ हलइ, जेकरा अकीम अकीमिच नयँ जानऽ होतइ । ऊ हलइ - बड़ही, जुत्ता बनावे वला, बूट बनावे वला, रंगसाज (पेंटर), कोफ़्तगर (gilder), फिटर, तालासाज, आउ ई सब काम ऊ जेलवे में सिखलके हल । ऊ सब कुछ खुद सिखलके हल - एक तुरी देख लेइ कि बना देइ । ऊ एहो सब करऽ हलइ - तरह-तरह के बक्सा, टोकरी (गाँजा), लालटेन, बुतरुअन के खिलौना आउ ई सब के शहर में बेचऽ हलइ । ई तरह से ऊ कुछ पइसा कमा ले हलइ, आउ ऊ धीरे-धीरे ओकर उपयोग अतिरिक्त कपड़ा, अधिक नरम तकिया, मुड़े वला गद्दा खरीदे में करऽ हलइ । ऊ आउ हम एक्के बैरक में रहते जा हलिअइ आउ जेल के शुरुआत वला दिन में ऊ हमरा बहुत मदत कइलकइ ।
जेल से बाहर काम पर निकलते बखत, गार्ड-हाउस के सामने कैदी लोग के दू कतार में खड़ी कइल जा हलइ; कैदी लोग के आगू आउ पीछू लोड कइल राइफल के साथ अनुरक्षक सैनिक कतार में खड़ी रहऽ हलइ । तब पहुँचते जा हलइ - इंजीनियर अफसर, सुपरिंटेंडेंट आउ निचला रैंक के कुछ इंजीनियर, जे काम के निरीक्षण करऽ हलइ । सुपरिंटेंडेंट कैदी लोग के गिनती करऽ हलइ आउ ओकन्हीं के दल में बाँटके, जाहाँ जरूरत होवऽ हलइ, हुआँ काम पर भेजऽ हलइ ।
दोसरा लोग के साथ हम इंजीनियरिंग वर्कशॉप लगी रवाना होलिअइ । ई निचगर छत वला पत्थल के बिल्डिंग हलइ, जे एगो बड़गो प्रांगण में हलइ, जेकरा में तरह-तरह के समान भरल हलइ । हियाँ हलइ - लोहार, तालासाज, बड़ही, पेंटर आदि के वर्कशॉप । अकीम अकीमिच हियाँ आवऽ हलइ आउ पेंटिंग वर्कशॉप में काम करऽ हलइ, तेल उबालऽ हलइ, कइएक रंग के मिश्रण करऽ हलइ आउ टेबुल आउ फर्नीचर के पेंट करके अखरोट नियन रंग बनवऽ हलइ ।

अपन बेड़ी के परिवर्तन के प्रतीक्षा करते बखत हम अकीम अकीमिच से जेल में अपन पहिलौका विचार (राय) के बारे बतिअइलिअइ ।
"जी हाँ, ओकन्हीं कुलीन लोग के नयँ पसीन करऽ हइ", ऊ टिप्पणी कइलकइ, "खास करके राजनीतिक (अपराधी लोग के), खुशी से निंगल जाइतइ; एकरा में कोय अचरज के बात नयँ हइ जी । पहिला, अपने सब दोसरे तरह के लोग हथिन, ओकन्हीं से कोय समानता नयँ; आउ दोसरा, ओकन्हीं सब पहिले या तो बंधुआ मजूर (serfs) हलइ, चाहे सैनिक । खुद्दे फैसला करथिन, की ओकन्हीं अपने के प्यार कर सकऽ हइ, जी? हियाँ, हम अपने से कहबइ, जीना मोसकिल हइ । आउ रूसी अनुशासनात्मक बटालियन में तो आउ मोसकिल हइ, जी । अइकी हियाँ परी हुआँ से आवल कुछ लोग हइ, ओकन्हीं हमन्हीं हियाँ (अर्थात् यूरोपीय रूस) के जेल के प्रशंसा नयँ करऽ हइ, (ओकन्हीं के कहना हइ) जइसे नरक से हियाँ स्वर्ग में आ गेलूँ हँ । (हुआँ) काम कोय विपत्ति नयँ हइ, जी । कहल जा हइ, हुआँ, पहिलौका श्रेणी में तो, प्राधिकारी (authorities) पूरा के पूरा मिलिट्री वला नयँ हइ (जइसन कि हियाँ हइ), कम से कम हमन्हीं हीं के अपेक्षा तो दोसरे तरह से व्यवहार कइल जा हइ, जी । हुआँ, कहल जा हइ, अभियुक्त खुद के घर में रह सकऽ हइ । हम हुआँ कभी नयँ गेलिए ह, लेकिन लोग के अइसन कहना हइ, जी । सिर नयँ मूँड़ल जा हइ; वरदी नयँ पेन्हते जा हइ; हलाँकि ई बात निम्मन हइ, कि हियाँ वरदी में ओकन्हीं रहऽ हइ आउ सिर मूँड़ल रहऽ हइ; तइयो हियाँ व्यवस्थित अधिक हइ, आउ आँख के अधिक मनोरम लगऽ हइ, जी । लेकिन खाली ओकन्हीं के ई अच्छा नयँ लगऽ हइ । आउ देखथिन, कइसन लुच्चा-लफंगा हइ ओकन्हीं, जी ! कोय कान्तोनिस्त [2] हइ, दोसरा चेर्केस (Circassian)हइ, तेसरा कोय रस्कोलनिकोव (भिन्नमतावलंबी), चौठा कोय प्राच्य चर्च के अनुयायी कृषक (orthodox peasant), जे अपन परिवार आउ प्रिय बुतरुअन के अपन मातृभूमि (रूस) में छोड़के अइले ह, पचमा एगो यहूदी, छट्ठा जिप्सी, सतमा नयँ मालूम केऽ, आउ ई सब के कइसनो हालत में साथे-साथ रहे पड़ऽ हइ, एक दोसरा से सहमत होवे पड़ऽ हइ, एक्के बरतन में खाय पड़ऽ हइ, एक्के पटरा पर सुत्ते पड़ऽ हइ । आउ अजादी तो कइसन हइ - एगो अतिरिक्त कोर खाली चोरी-चुपके खाल जा सकऽ हइ, हरेक ग्रोश (अद्धी, आधा कोपेक) बूट में छिपावे पड़ऽ हइ, आउ जे कुछ हइ ऊ खाली जेल आउ जेल ... इच्छा के विरुद्ध बकवास विचार दिमाग में आवऽ हइ ।"

लेकिन ई सब हमरा पहिलहीं से मालूम हलइ । हमरा खास करके इच्छा हलइ हमन्हीं के मेजर के बारे पूछताछ करे के । अकीम अकीमिच कुछ नयँ छिपइलकइ, आउ हमरा आद पड़ऽ हइ, हमर विचार (impression) बिलकुल अच्छा नयँ हलइ ।
हमरा अभियो दू साल ओकर शासन के अधीन रहे के किस्मत में बद्दल हलइ । ऊ सब कुछ, जे अकीम अकीमिच हमरा बतइलकइ, बिलकुल सच प्रतीत होलइ, ई अंतर के साथ, कि अनुभव से मस्तिष्क में निर्मित विचार, वर्णन कइल सामान्य विचार के अपेक्षा, हमेशे अधिक प्रबल होवऽ हइ । ई अदमी भयंकर बस ई बात से हलइ, कि अइसन अदमी लगभग असीम शक्ति वला प्रधान हलइ, दू सो आत्मा (souls) पर । अपने आप में ऊ खाली उच्छृंखल आउ विद्वेषी अदमी हलइ, आउ अधिक कुछ नयँ । कैदियन के ऊ अपन स्वाभाविक दुश्मन नियन देखऽ हलइ, आउ ई ओकर पहिला आउ सबसे बड़गर गलती हलइ । ओकरा में वस्तुतः कुछ क्षमता हलइ; लेकिन सब कुछ, निमनो चीज, ओकरा में विकृत रूप में देखाय दे हलइ । असयंमी, द्वेषी, होवे के चलते, ऊ कभी-कभी रतियो के जेल में घुस जाय, आउ जब देखइ, कि कैदी बामे करवट सुत्तल हइ, चाहे चित, त सुबह में ओकरा सजा देलवा दे हलइ; "दहिने करवट सुत्ते के", ऊ बोलइ, "जइसन हम औडर देलियो हल ।" जेल में ओकरा लोग नफरत करऽ हलइ आउ प्लेग नियन डरऽ हलइ । ओकर चेहरा किरमिजी (crimson), आउ भयंकर हलइ । सब कोय जानऽ हलइ, कि ऊ पूरे तरह से अपन अर्दली, फ़ेदका के वश में हलइ । सबसे जादे प्यार करऽ हलइ ऊ अपन पूडल (घुँघराला बाल वला नस्ल के एगो कुत्ता), त्रेज़ोरका के, आउ ऊ लगभग पगलाऽ गेलइ, जब त्रेज़ोरका बेमार पड़ गेलइ । लोग के कहना हइ, कि ऊ ओकरा चलते अपन सगा बेटा नियन सुबक रहले हल; एगो पशु-चिकित्सक के दूर भगा देलकइ, आउ अपन आदत के अनुसार, लगभग ओकरा से झगड़ पड़लइ, आउ फ़ेदका से ई बात सुनके, कि जेल में अइसन कैदी हइ, जे खुद से सिक्खल पशु-चिकित्सक हइ, जे चमत्कारिक रूप से सफलतापूर्वक इलाज करऽ हइ, त ऊ ओकरा तुरते बोलवइलकइ ।

"हमरा मदत कर ! हम तोरा पर पइसा के बौछार कर देबउ, त्रेज़ोरका के खाली ठीक कर दे !" ऊ कैदी के चिल्लइते बोललइ ।
ई साइबेरिया के एगो कृषक हलइ, चलाँक, बुद्धिमान, वास्तव में एगो बहुत दक्ष पशु-चिकित्सक, लेकिन एगो पक्का कृषक ।
"हम त्रेज़ोरका तरफ देखऽ हिअइ", ऊ बाद में कैदियन के बतइलकइ, लेकिन मेजर से अपन भेंट के बहुत बाद, जब सब कुछ भुला देल गेले हल; देखऽ हिअइ - कुतवा सोफा के उज्जर गद्दी पर पड़ल हइ; आउ वस्तुतः देखऽ हिअइ, कि सूजन हइ, कि खून निकासे पड़तइ, आउ हो सकऽ हइ, कि कुतवा ठीक हो जाय, सच में ! लेकिन अपने आप में सोचऽ हिअइ - "आउ अगर हम एकरा ठीक नयँ कर पइअइ, आउ ई मर जाय ?" "नयँ", हम बोलऽ हिअइ, "महामहिम, अपने देरी से बोलइलथिन; अगर कल्हे चाहे परसुन एहे बखत बोलइथिन हल, त हम कुतवा के ठीक कर देतिए हल; लेकिन अभी हम नयँ कर सकऽ हिअइ, इलाज नयँ कर सकऽ हिअइ ..."
आउ त्रेज़ोरका मर गेलइ ।

हमरा विस्तार से बतावल गेलइ, कि कइसे लोग हमन्हीं के मेजर के मार देवे लगी चाहऽ हलइ । जेल में एगो कैदी हलइ । ऊ हमन्हीं हीं कइएक साल गुजार चुकले हल आउ अपन नम्र व्यवहार लगी मशहूर हलइ । एहो नोटिस कइल गेले हल कि ऊ लगभग केकरो से कभियो बात नयँ करऽ हलइ । ओकरा लोग एक प्रकार के पागल समझऽ हलइ । ऊ पढ़ल-लिक्खल हलइ आउ पिछले पूरे साल लगातार बाइबिल पढ़ते रहलइ - दिन-रात । जब सब कोय सुत जाय, ऊ अधरात के उट्ठइ, गिरजाघर के मोमबत्ती जलावइ, स्टोव पर चढ़ जाय, किताब खोलइ आउ सुबह तक पढ़ते रहइ । एक दिन ऊ गेलइ आउ सर्जेंट के एलान कर देलकइ, कि ऊ काम पर नयँ जाय लगी चाहऽ हइ । मेजर के रिपोर्ट कइल गेलइ; ऊ गरम हो गेलइ आउ तुरते खुद पहुँच गेलइ । कैदी पहिलहीं से तैयार कइल अइँटा लेके टूट पड़लइ, लेकिन निशाना चूक गेलइ । ओकरा पकड़ लेल गेलइ, मोकदमा चलावल गेलइ आउ सजा देल गेलइ । सब कुछ बहुत जल्दी में हो गेलइ । तीन दिन बाद ऊ अस्पताल में मर गेलइ । मरते बखत, ऊ बोललइ, कि ओकरा केकरो प्रति द्वेष नयँ हइ, बस ऊ खाली कष्ट झेले लगी चाहऽ हलइ । लेकिन ऊ कोय रस्कोलनिकोव (भिन्न मतावलंबी) नयँ हलइ । जेल में ओकरा आदर के साथ आद कइल जा हलइ ।

आखिरकार हमर बेड़ी बदलल गेलइ । ई दौरान वर्कशॉप में एक पर एक कइएगो कलाच बेचे वला अइते गेलइ । ओकरा में कुछ बिलकुल छोटगर लड़की हलइ । ओकन्हीं बड़गो होवे तक अकसर कलाच के साथ अइते रहलइ; ओकन्हीं के मइअन पकावऽ हलइ, आउ ओकन्हीं बेचऽ हलइ । जवान होला पर ओकन्हीं आना जारी रखलकइ, लेकिन अब बिन कलाच के; अइसन लगभग हमेशे होवऽ हलइ । छोटगर लड़कियो नयँ रह गेले हल । एक कलाच के कीमत एक ग्रोश (अद्धी, आधा कोपेक) हलइ, आग लगभग सब्भे कैदी ओकरा खरीदऽ हलइ ।

हम एक कैदी के नोटिस कइलिअइ, एगो बड़ही, सिर के बाल उज्जर हो चुकले हल, लेकिन लाल चेहरा वला आउ मुसकइते ऊ कलाच बेचे वली लड़कियन के साथ हाव-भाव देखा रहले हल । ओकन्हीं के आवे के पहिले अभी-अभी अपन गियारी से लाल सूती कपड़ा के रूमाल लपेट लेलके हल । एगो मोटगर आउ बिलकुल चेचक के दाग भरल चेहरा वली किसैनी ओकर काम करे वला टेबुल पर अपन टोकरी रखलकइ । ओकन्हीं दुन्नु के बीच गपशप चालू होलइ ।
"कल्हे तूँ काहे नयँ अइलहो हल ?" कैदी आत्मसंतुष्ट मुसकान के साथ पुछलकइ ।
"हूँ ! हम तो अइवे कइलिए हल, लेकिन तूँहीं तो नयँ मालूम कन्ने लापता हलऽ", चुलबुली औरत जवाब देलकइ ।
"हमरा बोलाके ले जाल गेले हल, नयँ तो हमन्हीं जगहे पर होतिए हल ... लेकिन परसुन तोहन्हीं के दल के सब कोय हमरा से मिल्ले खातिर अइते गेला हल ।"
"केऽ-केऽ ?"
"मर्याश्का अइलो हल, ख़ावरोश्का अइलो हल, चेकुन्दा अइलो हल, द्वुग्रोशोवाया (शा॰ "दू ग्रोश वली") अइलो हल ..."
"ई की हइ ?" हम अकीम अकीमिच के पुछलिअइ, "वास्तव में ? ..."
"अइसन होवऽ हइ, जी", ऊ जवाब देलकइ, सहजतापूर्वक आँख निच्चे करते, काहेकि ऊ बहुत पवित्र (सदाचारी) अदमी हलइ ।
अइसन, वस्तुतः, होवऽ हलइ, लेकिन बहुत विरले आउ बड़ी मोसकिल से । बाध्य जिनगी के पूरा स्वाभाविक कठिनाई के बावजूद, साधारणतः अधिकतर लोग, मसलन, (दारू) पीए लगी चाहऽ हलइ, बनिस्बत ओइसन मामला में फँस्से के । औरतियन तक पहुँच बनाना कठिन हलइ । जरूरी होवऽ हलइ समय आउ जगह चुन्ने के, प्रबंध करे के, मिलन निश्चित करे के, एकांत खोजे के, जे विशेष रूप से कठिन हलइ, गार्ड के मनावे के, जे आउ जादे कठिन हलइ, आउ हर हालत में, तुलनात्मक दृष्टि से विचार कइला पर, बहुत जादे पइसा खरच करे के । लेकिन तइयो बाद में हमरा कभी-कभार प्रेम दृश्य के गोवाह बने में सफलता मिल गेलइ । हमरा आद पड़ऽ हइ, एक दिन गरमी में इर्तिश नदी के किनारे एगो बखार में हमन्हीं तीन अदमी हलिअइ आउ एगो अइँटा के भट्ठी के गरम कर रहलिए हल; गार्ड स्वभाव से निम्मन हलइ । आखिरकार, दूगो "सूफ़्ल्योर" (अनुबोधक, गाइड) पधारलइ, जइसन कि कैदी लोग ओकन्हीं के पुकारऽ हइ ।

"अच्छऽ, कउची तोहरा एतना देर ठहरइले रखलको? हमरा तो लगऽ हको, कि ज़्वेरकोव परिवार के हियाँ होतऽ।" कैदी ओकन्हीं के मिलते बोललइ, जेकरा हीं ओकन्हीं अइते गेले हल, आउ जेकन्हीं लगी ऊ बहुत देर से इंतजार कर रहले हल ।
"हम देर तक बइठल रहलिअइ? लेकिन हम ओकरा हीं जेतना देर बइठल रहलिअइ, ओकरा अपेक्षा अभी एगो मुटरी (magpie) खंभा पर जादे देर बइठल रहलो होत ।" लड़की खुशी से जवाब देलकइ ।
ऊ तो संसार के सबसे गंदा लड़की हलइ । ओहे हलइ चेकुन्दा । ओकरे साथ द्वुग्रोशोवाया अइले हल । ई तो वर्णन के बाहर हलइ ।
"आउ तोहरा साथ तो हमरा लम्मा समय तक भेंट नयँ होलइ", औरतबाज कैदी बात जारी रखलकइ, द्वुग्रोशोवाया के संबोधित करते, "की बात हइ, तूँ बहुत दुबराल देखाय दे हो ?"    
"हो सकऽ हइ । पहिले तो हम कहीं मोटगर हलिअइ, लेकिन अब - अइकी, लगऽ हइ, जइसे काँटा निंगल गेलिए ह ।"
"हमेशे सैनिक सब के पास चक्कर लगावऽ हो, जी ?"
"नयँ, ई सब बात तोहरा नफरत करे वला लोग बतइलको होत, लेकिन एकरा से की होलइ जी ? हमरा चाहे बिन ... के जाय पड़इ, लेकिन तइयो सैनिक के प्यार करबइ !"
"छोड़ऽ ओकन्हीं के, आउ हमन्हीं के प्यार करऽ; हमन्हीं के पास पइसा हको ..."
ई तस्वीर के पूरा करे खातिर, कल्पना करते जाथिन ई औरतबाज के, जे मूँड़ल सिर वला, बेड़ी में, धारीदार बस्तर में आउ गार्ड के निगरानी में हलइ ।
हम अकीम अकीमिच से विदा होलिअइ, आउ ई जानके, कि हमरा जेल में वापिस जाय के हइ, गार्ड लेलिअइ आउ घर वापिस रवाना होलिअइ । लोग एकट्ठा हो रहले हल । काम से सबसे पहिले वापिस ऊ लोग आवऽ हइ, जेकरा आंशिक रूप से कोय निश्चित काम देल जा हइ । कैदी के उत्साह से परिश्रमपूर्वक काम करे खातिर एकमात्र उपाय हइ कि ओकरा कोय निश्चित काम (fixed assignment) देल जाय ।  कभी-कभी भारी-भरकम काम देल जा हइ, लेकिन तइयो ओकन्हीं दोगना गति से काम समाप्त कर ले हइ, बनिस्बत कि अगर रात के भोजन के बखत के ढोल बज्जे तक काम करावल जइते हल । काम खतम हो गेला पर, कैदी बिन कोय बाधा के घर जा हलइ, आउ ओकरा कोय नयँ रोकऽ हलइ ।

ओकन्हीं सब्भे एक्के साथ भोजन नयँ करते जा हइ, बल्कि जे पहिले आवऽ हइ, ऊ पहिले भोजन करऽ हइ; भनसाघर में सबके एक्के तुरी बइठावे के जगह नयँ हलइ । हम शोरबा (सूप) के अजमाके देखलिअइ, लेकिन हम ओकर अभ्यस्त नयँ होवे के चलते खा नयँ पइलिअइ आउ हम खुद अपना लगी चाय बनइलिअइ । हमन्हीं टेबुल के अंतिम छोर पर बइठ गेते गेलिअइ । हमरा साथ एगो साथी हलइ, हमरे नियन, एगो कुलीन घर के ।

कैदी लोग अइते रहलइ आउ जइते रहलइ । लेकिन काफी जगह हलइ, अभियो सब्भे जामा नयँ हले हल । पाँच लोग के एगो दल एगो बड़गर टेबुल के पीछू बइठ गेलइ । रसोइया ओकन्हीं लगी दूगो बरतन में शोरबा उझललकइ आउ टेबुल पर एगो पूरे कठौती में तल्लल मछली रख देलकइ । ओकन्हीं कुछ तो उत्सव मना रहले हल आउ अपन-अपन खाना खा रहले हल । हमन्हीं दने ओकन्हीं तिरछा नजर से देख रहले हल । एगो पोलिस्तानी अंदर अइलइ आउ ओकन्हीं के बगली में बइठ गेलइ ।
"घर नयँ गेलिए ह, लेकिन सब कुछ जानऽ हिअइ !" एगो उँचगर कैदी जोर से चिल्लइलइ, भनसाघर में घुसते आउ सब उपस्थित लोग पर नजर डालते ।

ऊ लगभग पचास बरिस के हलइ, मांसपेशीदार (muscular) आउ दुब्बर-पातर । ओकर चेहरा से कुछ तो धूर्तता आउ साथे-साथ खुशी झलक रहले हल । खास करके ओकर मोटगर, निचगर, लटकल होंठ अद्वितीय हलइ; ई ओकर चेहरा के कुछ तो बहुत हास्यजनक बना रहले हल ।
"अच्छऽ, रात तो ठीक से गुजारलऽ ! त 'सलाम अलैकुम' काहे नयँ कहऽ हकहो ? हमर कुर्स्क दोस्त !" ऊ बात जोड़लकइ, अपन खुद के भोजन करते लोग के बगली में बइठते, "नून आउ रोटी ! मेहमान लोग से मिलथिन ।"
"लेकिन भाय साहब, हमन्हीं कुर्स्क नयँ हकिअइ ।"
"त तंबोव से ?"
"नयँ, तंबोव से भी नयँ । हमन्हीं से, भाय साहब, तोहरा कुछ नयँ मिलतो । तूँ धनगर किसान के पास जा, हुआँ पुच्छऽ ।"
"हमर पेट में तो, भाय लोग, आझ इवान तस्कून आउ मारिया इकोतिश्ना हइ; आउ काहाँ परी ऊ, धनगर किसान, रहऽ हइ ?"
"अउकी ऊ गाज़िन धनगर किसान हको; ओकरे हीं जा ।"
"गाज़िन तो आझ खरीदारी कर रहले ह, भाय लोग, पी-पा गेलइ; पूरा बटुआ पी-पाके खतम कर रहले ह ।"
"बीस रूबल हइ", दोसरा टिप्पणी कइलकइ । "कलाली में दारू बेचे वला बनना फायदेमंद हइ, भाय लोग ।"
"त की, मेहमान के स्वागत नयँ करबहो ? अच्छऽ, तब तो (हमन्हीं के) सरकारी भोजन से काम चलावे पड़तइ ।"
"त तूँ जाके चाय माँग ल गन । अउकी कुलीन लोग (noblemen) पी रहलथुन हँ ।"
"कइसन कुलीन लोग, हियाँ कोय कुलीन नयँ हइ; ओइसने हइ, जइसन हमन्हीं अभी हकिअइ", कोना में बइठल एगो कैदी उदासीनतापूर्वक बोललइ । अभी तक ऊ एक्को शब्द नयँ टुभकले हल ।
"चाय पी सकऽ हलिअइ, लेकिन एकरा लगी निवेदन करना लज्जा के बात हइ - आखिर शान के बात हइ !" मोटगरका होंठ वला कैदी टिप्पणी कइलकइ, हमन्हीं दने सुदृष्टि से देखते ।
"अगर चाहऽ हथिन, त हम अपने के देबइ", हम कहलिअइ, ऊ कैदी के आमंत्रित करते, "अपने के चाही?"
"चाही ? काहे नयँ चाही ?" ऊ टेबुल भिर अइलइ ।
"अरे ! घर पर तो छाल के जुत्ता से शोरबा पीयऽ हलइ (अर्थात् बिलकुल निरक्षर हलइ), आउ हियाँ चाय के बारे जान गेलइ; कुलीन घर के पेय चाही ओकरा", उदास कैदी बोललइ ।
"की वास्तव में हियाँ परी कोय नयँ चाय पीयऽ हइ ?" हम ओकरा पुछलिअइ, लेकिन ऊ हमरा जवाब देवे के मेहरबानी नयँ कइलकइ ।
"अइकी लोग कलाच लेले आ रहले ह । त कलाच भी साथ में लेवे के मेहरबानी करथिन !"
कलाच अंदर लावल गेलइ । नौजवान कैदी रोल के एगो पूरा बंडल लेके आवऽ हलइ आउ जेल में बेचऽ हलइ । कलाच बेचे वली ओकरा हरेक दस कलाच बिकला पर एक कलाच दे हलइ; एहे कलाच पर ओहो हिसाब लगावऽ हलइ ।
"कलाच ले, कलाच ले !" भनसाघर में घुसके ऊ चिल्लइलइ, "मास्को कलाच, गरमागरम ! हम खुद्दे खा जइतूँ हल, लेकिन हमरा पइसा के जरूरत हके । लेकिन, बुतरू सब, ई आखिरी कलाच बचलो ह - ओकरा लगी जेकरा माय हलो ।"
माय के प्यार लगी ई अपील सब्भे के हँसा देलकइ, आउ ओकरा हीं से कुछ कलाच खरदलकइ ।

"सुनते जा भाय लोग", ऊ बोललइ, "वास्तव में गाज़िन तो आझ पाप के हद तक पहुँच जइतइ ! हे भगमान ! जब ऊ फिजूलखर्ची के बात सोच लेलकइ । अठअँक्खा (आठ आँख वला) कभी भी पहुँच जा सकऽ हइ ।
"छिपा लेते जइतइ । की बात हइ, बहुत जादे पी लेलके ह, की ?"
"हाँ न ! बदमाश, लोग के परेशान करब करऽ हइ ।"
"हूँ, तब तो मुक्का-मुक्की तक बात पहुँच जइतइ ..."
"ओकन्हीं केकरा बारे बतियाऽ रहले ह ?" हम अपन बगल में बइठल पोलिस्तानी के पुछलिअइ ।
"गाज़िन के बारे, जे एगो कैदी हइ । ऊ शराब के धंधा करऽ हइ । जे कुछ पइसा मिल्लऽ हइ, तुरतम्मे ओकरा पी-पाके खतम कर दे हइ । ऊ क्रूर आउ बदमाश हइ; लेकिन जब पीयल नयँ रहऽ हइ, त शांत रहऽ हइ; जब चढ़ा लेतइ, त सब कुछ बहरसी आ जइतइ; ऊ लोग पर चम्मच लेके टूट पड़ऽ हइ । तब ओकरा शांत करते जा हइ ।"
"कइसे ओकरा नियंत्रित कइल जा हइ ?"
"ओकरा पर करीब दस कैदी लोग टूट पड़ते जा हइ आउ भयंकर रूप से ओकर पिटाई शुरू कर देते जा हइ, तब तक, जब तक कि ऊ होश नयँ खो दे हइ, मतलब पीट-पीटके अधमरू कर देल जा हइ । तब ओकरा पटरा के बिछौना पर डाल देल जा हइ आउ भेड़ के खाल के अधकटिया कोट ओढ़ा देवल जा हइ ।"
"लेकिन अइसे तो ओकन्हीं ओकरा जान मार दे सकऽ हइ ?"
"दोसरा कोय के मार डालते हल, लेकिन ओकरा नयँ । ऊ भयंकर रूप से बलवान हइ, हियाँ जेल के सब लोग से आउ बहुत मजबूत काठी के । दोसरहीं सुबह में ऊ बिलकुल स्वस्थ हो जा हइ ।"
"मेहरबानी करके हमरा बताथिन", हम पोलिस्तानी के पूछताछ करना जारी रखलिअइ, "वस्तुतः ओकन्हियों तो अपन खुद के खाना खइते जा हइ, आउ हम चाय पीयऽ हिअइ । तइयो ओकन्हीं मानूँ चाय के चलते हमरा से ईर्ष्या करऽ हइ । एकर की मतलब हो सकऽ हइ ?"

"चाय के एकरा से कुछ मतलब नयँ हइ", पोलिस्तानी जवाब देलकइ, "ओकन्हीं अपने सब से ई बात से जरऽ हइ, कि अपने सब कुलीन घराना के हथिन आउ ओकन्हीं से अपने के कोय समानता नयँ हइ । ओकन्हीं में से कइएक लोग अपने सब से लड़ाइयो-झगड़ा करे लगी चाह सकऽ हइ । ओकन्हीं के बहुत इच्छा होतइ कि अपने सब के अपमानित करइ, नीचा देखावइ । अपने सब आउ बहुत कुछ हियाँ परी कष्टदायक घटना देखथिन । हियाँ परी हमन्हीं सब लगी भयंकर रूप से कठिन समय हकइ । हमन्हीं सब्भे लगी हर तरह से अधिक कठिन समय हइ । एकरा मामले में अभ्यस्त होवे खातिर बहुत विरक्ति के आवश्यकता हइ । अपने के चाय के चलते आउ खास भोजन के चलते अभियो कइएक तुरी कष्टदायक घटना आउ गारी-गल्लम से पाला पड़तइ, ई बात के बावजूद कि हियाँ परी बहुत सारे लोग अकसर अपन खाना खइते जा हइ, आउ कुछ लोग हमेशे चाय पीते जा हइ । ओकन्हीं जे चाहइ, कर सकऽ हइ, लेकिन अपने सब के बिलकुल नयँ करे के चाही ।
एतना कहके ऊ उठ गेलइ आउ टेबुल भिर से चल गेलइ । कुछ मिनट के बाद ओकर बात सच साबित होलइ ।


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