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Saturday, November 16, 2019

पितिरबुर्ग से मास्को के यात्रा ; अध्याय 20. त्वेर


[*350]                                     त्वेर
"हमन्हीं हीं काव्यरचना", रेस्तोराँ में एक्के टेबुल पर भोजन के साथी हमरा से बोललइ,"कइएक अर्थ में जइसन कि समझल जा हइ, अभियो गरिमा से दूर हइ। काव्य जागृत होलइ, लेकिन फेर से सुप्तावस्था में चल गेले ह, आउ कव्यरचना एक कदम आगू बढ़इलकइ आउ फेर बुत बनके रह गेलइ।"
लोमोनोसोव[1], ई समझके कि हमन्हीं के छंद में हास्यास्पद ‘पॉलिश वस्त्र’ (Polish costume) हइ, असंबंधित अर्ध-कफ़्तान से ओकरा निकास देलथिन।[2] अपन नयका छंद के निम्मन उदाहरण प्रस्तुत करके, अपन अनुयायी लोग पर उत्कृष्ट उदाहरण के लगाम लगा देलथिन, आउ अब तक कोय उनका से अलगे होवे के साहस नञ् कइलके ह। दुर्भाग्यवश, सुमारोकोव[3] ओहे समय में हलथिन, आउ ओहो एगो उत्कृष्ट कवि हलथिन। ऊ लोमोनोसोव के उदाहरण के अनुसार छंद के रचना करऽ हलथिन, आउ आझ उनकन्हीं के बाद सब लोग कल्पनो नञ् कर पावऽ हइ कि आइऐम्बस [iambus, लघु-गुरु चरण (।ऽ)] के सिवाय कोय दोसरो छंद हो सकऽ हइ, जइसन कि [*351] ई दुन्नु प्रसिद्ध पुरुष लिक्खऽ हलथिन। हलाँकि ई दुन्नु कवि छंद रचना के दोसर-दोसर नियम के शिक्षा देलथिन, आउ सुमारोकोव कइएक प्रकार के उदाहरण छोड़के गेलथिन, लेकिन ऊ सब एतना कम महत्त्वपूर्ण हइ कि कोय ओकर अनुकरण करे के योग्य नञ् समझलकइ। अगर लोमोनोसोव, जॉब चाहे स्तोत्र (Job or the Psalms) के डैक्टिल  [dactyl, भगण (ऽ।।)] में, अथवा अगर सुमारोकोव, सेमिरा या देमेत्रिउस[4] (Semira or Demetrius) के त्रोख़ी [trochee, गुरु-लघु चरण (ऽ।)] में लिखथिन हल, त ख़ेरास्कोव भी सोचते हल कि आइऐम्बुस (iambus) के सिवाय दोसर छंद में भी काव्य रचल जा सकऽ हइ, त कज़ान विजय के वर्णन स्वाभाविक वीरगाथा के छंद में लिखके ऊ आठ साल के परिश्रम से आउ अधिक गौरव प्राप्त करते हल।[5] हमरा कोय अचरज नञ् होवऽ हइ कि विर्गिल के लोमोनोसोव के कान के ढँक्कन सहित प्राचीन टोप पेन्हावल गेले ह; लेकिन हमर इच्छा होतइ कि होमर हमन्हीं बीच आइऐम्बुस में अवतरित नञ् होथिन, बल्कि काव्य में ऊ अप्पन षट्पदी में, आउ कोस्त्रोव, जे हलाँकि मूल रूप से कवि नञ् बल्कि अनुवादक हलइ[6], हमन्हीं के काव्यरचना में एक युग निर्माण कर सकते हल; [*352] काव्यरचना के पूरा एक पीढ़ी आगू करके।
लेकिन खाली लोमोनोसोव आउ सुमारोकोव हीं रूसी काव्यरचना के विकास के नञ् ठहरा देलथिन हँ। अथक बोझ ढोवे वला त्रेदियाकोव्स्की अपन तिलिमाख़िदा से एकरा में कम योगदान नञ् कइलकइ।[7] अब काव्यरचना के नयका छंद के उदाहरण देना मोसकिल हइ, काहेकि निम्मन आउ खराब काव्यरचना के उदाहरण गहरा जड़ जमा लेलके ह। परनासुस[8] (Parnassus)  आइऐम्बुस से घिरल हइ, आउ तुक (rhymes)  सगरो पहरा पर रहऽ हइ। अगर कहीं कोय डैक्टिल में लिक्खे के बात सोचलकइ त त्रेदियाकोव्स्की के तुरतम्मे ओकर शिक्षक के रूप में लोग खड़ी कर देते जइतइ, आउ सबसे उत्कृष्ट बुतरू भी लमगर अवधि तक एगो अपाहिज लगतइ, जब तक कि कोय मिल्टन, शेक्सपियर चाहे वोल्टेयर नञ् पैदा हो जा हइ। तब तक त्रेदियाकोव्स्की के लोग विस्मृति के काई लग गेल कब्र से खोदके निकासते जइतइ, तिलिमाख़िदा में कुछ निम्मन छंद मिलतइ जेकरा उदाहरण (आदर्श, model) के रूप में प्रस्तुत कइल जइतइ।
काव्यरचना में निम्मन परिवर्तन लमगर अवधि तक बाधित होतइ काहेकि [*353] कान अन्तिम वर्ण (अर्थात् तुक) के अभ्यस्त होल हइ। लमगर अवधि तक काव्य के एक्के अन्तिम वर्ण के सुनते-सुनते, बिन तुक वला रुक्ष, कटु आउ विरूप लगतइ। अइसने ई होतइ, जब तक फ्रेंच भाषा रूस में आउ दोसर भाषा के अपेक्षा जादे प्रयोग में रहतइ। हम सब के भावना के, एगो लचीला छोटगर पेड़ नियन, सीधा चाहे टेढ़ा, अपन इच्छा के मोताबिक उगावल जा सकऽ हइ। एकरा अलावे हर चीज नियन काव्यरचना में फैशन के राज रह सकऽ हइ, आउ अगर एकरा में कुच्छो स्वाभाविक हइ, त एकरा बिन कइसनो एतराज के अपनाऽ लेल जइतइ। लेकिन सब फैशनदार चीज अस्थायी होवऽ हइ; विशेष रूप से काव्यरचना में। बाहरी चमक धुँधला पड़ सकऽ हइ, लेकिन वास्तविक सौन्दर्य कभी नञ् मुरझइतइ। होमर, विर्गिल, मिल्टन, रासिन, वोल्टायर, शेक्सपियर, तासो आउ कइएक दोसर कवि, मानव जाति के नष्ट होवे तक पढ़ल जइथिन। हम अपने के साथ रूसी भाषा के विभिन्न तरह के स्वाभाविक काव्य के बारे चर्चा करना [*354] अनावश्यक समझऽ हिअइ।
आइऐम्बुस, त्रोख़ी, डैक्टिल, चाहे ऐनऽपीस्ट [anapest, सगण (।।ऽ)] कीऽ होवऽ हइ, ई हर कोय जानऽ हइ, अगर ऊ जरी-मनी छन्दशास्त्र के नियम से परिचित हइ। लेकिन तइयो ई अनावश्यक नञ् होतइ, अगर हम हरेक के पर्याप्त उदाहरण दे पइअइ। लेकिन हमर शक्ति आउ ज्ञान सीमित हइ। अगर हमर सलाह कुछ कर सकऽ हइ, त हम कहबइ कि रूसी काव्यरचना, आउ खुद रूसी भाषा हीं, बहुत्ते समृद्ध हो जाय, अगर काव्य रचना सब के अनुवाद हमेशे आइऐम्बुस में नञ् कइल जाय। वीरगाथा के कविता बहुत्ते स्वाभाविक होवइ, अगर हेनरियाद (Henriade) के अनुवाद[9] आइऐम्बुस में नञ् कइल जइते हल, आउ बिन तुक के आइऐम्बुस तो गद्य से भी जादे खराब हइ।
एक्के टटेबुल पर के भोजन के उपर्युक्त हमर साथी एक्के साँस में कह गेलथिन, आउ अइसन वाक्पटुता के साथ, कि हम उनका कुच्छो एतराज नञ् कर पइलिअइ, हलाँकि हमरा पास बहुत कुछ आइऐम्बुस के अनुरक्षण (defence) में कहे के हलइ, आउ ऊ सब लोग के, जे ओकरा में लिक्खऽ हलथिन।
[*355] "हम खुद्दे", ऊ बात जारी रखलथिन, "संक्रामक उदाहरण के अनुकरण कइलिअइ, आउ आइऐम्बस में कविता लिक्खऽ हलिअइ, लेकिन ऊ संबोध-गीत (odes) हलइ। अइकी ओकरा में से एगो अवशेष हइ, बाकी सब आग में जल गेलइ; आउ जे बच गेले ह, एकरो ओहे भाग्य में लिक्खल हइ। मास्को में एकरा मुद्रित करे लगी नञ् चाहते गेलइ, दू कारण से, पहिला ई कि कविता में अर्थ स्पष्ट नञ् हइ, आउ कइएक कविता फूहड़ रचना हइ, आउ दोसर ई कि कविता के विषय हम सब के देश लगी उचित नञ् हइ। अभी हम पितिरबुर्ग जा रहलियो ह, एकरा प्रकाशित करावे खातिर निवेदन करे लगी, आउ अपन बुतरू के स्नेहमय पिता नियन लाड़-प्यार करते कि हो सकऽ हइ कि दोसरा कारण के चलते मास्को में एकरा मुद्रित करे लगी नञ् चाहते गेलइ, लेकिन हो सकऽ हइ कि (पितिरबुर्ग में) पहिला के अनुग्रहपूर्वक देखल जइतइ। अगर तोहरा कुछ छंद पढ़े में कष्ट नञ् होवो", ऊ हमरा कागज देते कहलथिन। हम एकरा खोललिअइ आउ निम्नलिखित मजमून पढ़लिअइ। स्वतंत्रता ... संबोध-गीत ... खाली शीर्षक के कारण ई कविता के प्रकाशित करे से इनकार कर देल गेलइ। [*356] लेकिन हमरा ठीक से आद हइ कि नयका विधि-संग्रह (कोड) लिक्खे के बारे नकाज़ (अध्यादेश)[10] में, स्वतंत्रता के बारे कहल गेले ह - "स्वतंत्रता के अर्थ हइ कि सब कोय एक्के कानून के माने।" ओहे से हमन्हीं हीं स्वतंत्रता के बारे बात करना उचित हइ।[11]
1.
ऐ! अभिमन्त्रित (blessed) उपहार आकाश के,
स्रोत सब्भे महान काम के;
ऐ! स्वतंत्रता, स्वतंत्रता, बहुमूल्य उपहार!
अनुमति दे कि दास तोर गुण गावे।
भर दे हमर दिल के तूँ अपन आग से,
ओकरा में अपन शक्तिशाली बाहुबल के प्रहार से,
बदल दे दासता के अंधकार के प्रकाश में
ताकि ब्रूटस[12] आउ टेल[13] फेर से जाग जाय,
शासन में बैठल सकुचाऽ जाय
तोर अवाज से राजा।
ई छंद (stanza) में दू कारण से दोष बतावल गेलइ, ई पंक्ति में - "वा स्वेत राब्स्त्वा त्मू प्रित्वरि" (बदल दे दासता के अंधकार के प्रकाश में)। ई बहुत कस्सल (stiff) हइ आउ 'त' वर्ण के अकसर दोहरावल जाय से उच्चारण करे में [*357] कठिनाई हइ, आउ कइएक संयुक्त व्यञ्जन वर्ण के अकसर प्रयोग के कारण - "ब्स्त्वा त्मू प्रित्व्" - दस व्यञ्जन वर्ण के बीच में खाली तीन स्वर वर्ण के प्रयोग, जबकि रूसी भाषा में ओतने लयदार लिक्खल जा सकइ, जेतना इटैलियन में ... सहमत ... हलाँकि कुछ लोग ई कविता के सफल मनलकइ, कविता के ई रुक्षता में विशेष क्रिया-कलाप (action) के कठिनाई के एगो आलंकारिक अभिव्यक्ति देखलकइ ... लेकिन अइकी दोसर आपत्ति (एतराज) हइ, "शासन में बैठल सकुचाऽ जाय तोर अवाज से राजा"। राजा लगी सकुचाहट के कामना, ठीक ओहे बात हइ कि ओकरा लगी बुरा कामना करना; ओहे से ... लेकिन हम तोहरा, अपन कविता में कइल सब टिप्पणी से, बोर करे लगी नञ् चाहऽ हियो। हम स्वीकार करऽ हिअइ कि ओकरा में से कइएक (टिप्पणी) तर्कसंगत हलइ। तोहर पाठक बन्ने के हमरा अनुमति दऽ (अर्थात् हमरा तोरा पढ़के सुनावे दऽ)।

2.
हम संसार में अइलूँ, आउ तूँ हमरा साथ ...

ई छंद के छोड़ देल जाय। ई एकर सारांश हइ - मानव सब कुछ में जन्म से स्वतंत्र हइ ...

[*358]
3.
लेकिन कउची आवऽ हइ हमर अजादी के बीच,
देखऽ हिअइ सगरो अपन कामना के बाधा;
पैदा होलइ लोग में सामुदायिक सत्ता,
सब्भे सत्ता द्वारा साझा कइल राज्य।
समाज ओकर सब कुछ सुन्नऽ हइ,
सगरो ओकरा साथ एकमत हइ।
सार्वजनिक कल्याण लगी कोय बाधा नञ्।
सब कोय के सत्ता में हम अप्पन हिस्सा देखऽ हिअइ,
अप्पन करऽ हिअइ, सबके इच्छा के आदर करते -
एहे तो हइ जे कहलाऽ हइ समाज में कानून।

4.
उपजाऊ घाटी के बीच,
अनाज से भारी होल खेत के बीच,
जाहाँ परी कोमल कुमुदिनी खिल्लऽ हइ,
जैतून पेड़ के शांत छाया में।
पारोस[14] संगमरमर से जादे उज्जर,
सबसे चमकीला दिन से जादे चमकीला,
सगरो से देखाय देवे वला हइ एगो मंदिर।
हुआँ परी झूठ-मूठ के यज्ञ के धुआँ नञ् हइ,
हुआँ परी एगो चमकदार शिलालेख देखाय दे हइ,
"अन्त, निर्दोष के विपत्ति के!"

[*359]
5.
जैतून के डाली से अभिषिक्त (crowned),
कठोर पत्थल पर बैठल;
निर्दयतापूर्वक आउ शांतचित्त होके,
बहिर देवता ...

इत्यादि; कानून के, देवता के रूप में मंदिर में दर्शावल हइ, जेकर गार्ड हइ सत्य आउ न्याय।

6.
उपरे करऽ हइ आँख के कठोर पुतली,
फैलावऽ हइ खुशी, भय, अपन चारो दने;
एक नियन सब चेहरा के देखऽ हइ,
न घृणा से, न प्रेम से।
ऊ अनजान हइ चापलूसी, पक्षपात के प्रति,
जाति, कुलीनता, धन-दौलत के प्रति,
घृणा करऽ हइ भ्रष्टाचार से;
रिश्तेदारी नञ् जानऽ हइ, न बन्धुत्व
एक जइसन बाँटऽ हइ पुरस्कार आउ दण्ड;
ऊ प्रतिमा हइ भगमान के पृथ्वी पर।

7.
आउ ई हइ राक्षस भयंकर,
हाइड्रा नियन, जेकर सो गो सिर हइ, [*360]
नम्र दिखऽ हइ आउ हमेशे आँख में लोर भरल,
लेकिन जबड़ा में भरल जहर।
पार्थिव शक्ति के रौंदऽ हइ,
सिर आकाश तक फैलावऽ हइ
ओकरा ऊ मातृभूमि कहऽ हइ।
भूत-पिशाच, अन्हेरा सगरो बोवऽ हइ
धोखा देना आउ चापलूसी करना जानऽ हइ,
आउ आँख मूनके विश्वास करे लगी सबके हुकुम दे हइ।

8.
ढँकके विवेक के अन्हेरा से,
आउ सगरो चापलूसी के जहर फैलइते; ...

धार्मिक अन्धविश्वास के चित्रण, जे मानवीय ग्रहणशीलता से वंचित करे वला हइ, ओकरा दासता के जुआ में आकृष्ट करे वला आउ भ्रम के कवच पेन्हावे वला हइ[15]

सत्य से डरे लगी आज्ञा देलकइ ...

सत्ता (शक्ति) एकरा कहऽ हइ, भगमान के प्रकाशना (Revelation); विवेक (एकरा कहऽ हइ) धोखा।

9.
देखल जाय विस्तृत प्रदेश में,
जाहाँ परी सिंहासन हइ दासता के ...

[*361]     शान्ति आउ चुप्पी में धार्मिक आउ राजनैतिक अन्धविश्वास, एक दोसरा के समर्थन करते,
एक साथ मिलके समाज के सतावऽ हइ।
एक विवेक के बेड़ी में डालऽ हइ,
दोसरा इच्छा के नष्ट करे के प्रयास करऽ हइ;
लोक-कल्याण खातिर - लोग के कहना हइ।

10.
दासता के शांति के छाया में,
फल सुनहरा नञ् पनप सकऽ हइ;
जाहाँ परी हरेक बुद्धि बाधित करऽ हइ प्रयास के,
बड़गो कुच्छो हुआँ परी नञ् पनपऽ हइ।
आउ दासता के सब बुरा परिणाम, जइसे कि लापरवाही, आलस्य, विश्वासघात, भूख इत्यादि।

11.
अपन अभिमानी त्योरी चढ़ाके,
पकड़के लोहा के राजदण्ड के (sceptre), राजा,
भयंकर सिंहासन पर, शान से बैठके,
लोग के देखऽ हइ खाली क्षुद्र जीव नियन।
जीवन आउ मृत्यु के अपन हाथ में धइले,
"अपन मर्जी से", ऊ बोललइ, "बदमाश के छोड़ दे हिअइ", [*362]
"(चाहे) अपन अधिकार दे दे सकऽ हिअइ;
"जाहाँ हम हँस्सऽ हिअइ, हुआँ सब हँस्सऽ हइ;
"जब हम धमकाके नाक-भौं सिकोड़ऽ हिअइ, त सब कोय बेचैन हो जा हइ।
"जित्ता रहमँऽ तब तक, जब तक तोरा जीए के अनुमति देबउ।"

12.
आउ हम सुन्नऽ हिअइ शांतचित्त से ...

लालची साँप नियन, सबके बुरा-भला सुनइते, मौज-मस्ती आउ खुशी के दिन के विषाक्त करऽ हइ। लेकिन हलाँकि तोर सिंहासन के चारो दने सब कोय टेहुना मोड़के बैठल हको; काँप जा, काहेकि ई प्रतिशोध लेवे वला पास आवऽ हको, स्वतंत्रता के भविष्यवाणी करते ...

13.
पैदा होतइ पलटन सगरो सेना के,
आशा सबके हथियार से लैस करतइ;
अभिषिक्त (crowned) अत्याचारी के खून में,
लज्जा के धोवे लगी हर कोय जल्दी करतइ।
तेज तलवार, हम देखऽ हिअइ, सगरो कौंधऽ हइ;
कइएक रूप में मौत मँड़राऽ हइ;
घमंडी सिर पर राजा के।
खुशी मनावऽ ऐ बेड़ी में जकड़ल लोग! [*363]
ई अधिकार प्रतिशोधी प्रकृति के
फाँसी के तख्ता पर ले अइलो राजा के।

14.
आउ ई रात के मिथ्या परदा के,
तड़ाका के साथ बलपूर्वक फाड़के,
अभिमानी आउ जिद्दी सत्ता के,
विशाल मूर्ति के कुचलके;
बेड़ी में जकड़के शतबाहु (hundred-armed) राक्षस के,
ले जा हइ ओकरा, एगो साधारण नागरिक नियन,
सिंहासन दने, जाहाँ परी (अब) लोग बैठल हइः
"हमर प्रदान कइल सत्ता (शक्ति) के अपराधी!
"बोल खलनायक, हमरा से अभिषिक्त (crowned) कइल,
"हमर विरुद्ध विद्रोह करे के साहस कइसे कइलहीं?"

15.
"तोरा सज्जित कइलिअउ हम जामुनी (रंग के परिधान) में,
"समानता समाज में बरकार रक्खे लगी,
"विधवा आउ अनाथ के देखभाल करे लगी,
"विपत्ति से निर्दोष के रक्षा लगी,
"ओकर बाप होवे लगी, बुतरुअन के प्रेमी होवे लगी,
"लेकिन निष्ठुर प्रतिशोधी (avenger) होवे लगी,
"बुराई, झूठ आउ मिथ्यापवाद (calumny) के;
"निष्ठापूर्वक सेवा के पुरस्कृत करे लगी,
"प्रबन्ध करके बुराई लगी चेतावनी देवे लगी,
"नीति आउ रीति-रिवाज के विशुद्धता के सुरक्षित रक्खे लगी।"

16.
ढँक देलिए ह हम समुद्र के जहाज से ...

धन-दौलत आउ लोक-कल्याण प्राप्ति हेतु संसाधन देलिअइ। हम चाहऽ हलिअइ कि कृषक अपन खुद के खेती पर कैदी नञ् रहे, आउ तोरो आशीर्वाद दे ...

17.
"अपन खून के हम बिन परवाह कइले
"गरजते पलटन के खड़ी कइलिअइ;
"हम तामा के ढललिअइ विशाल तोप,
"बाहरी दुश्मन दंडित करे लगी।
"हम आदेश देलिअइ (तोर) आज्ञापालन करे लगी
"तोरा साथ गौरव प्राप्त करे खातिर प्रयास करे लगी।
"सब कोय के कल्याण खातिर, हमरा लगी सब कुछ संभव हइ।
"धरती के अँतड़ी के हम चीरऽ हिअइ,
"चमकइत धातु निकासऽ हिअइ,
"तोरा अलंकृत करे लगी।

18.
"लेकिन तूँ हमरा अपन देल शपथ के भूलके,
"ई भूलके कि हम तोरा चुनलिअउ;
"खुद के ऐशो-आराम लगी अभिषिक्त (crowned)
"सोचलहीं कि तूँ प्रभु हकहीं, हम नञ्; [*365]
"तलवार से काट देलहीं हमर नियमावली के;
"निश्शब्द कर देलहीं सब अधिकार के,
"लजाय लगी सत्य के आदेश देलहीं।
"साफ कर देलहीं घिनौना हरक्कत के रस्ता,
"पुकारे लगलहीं हमरा नञ् बल्कि भगमान के,
"आउ हमरा घृणा करे लगी चहलहीं।"

19.
"खून के पसेना से पइते
"फल, जेकरा हम भोजन खातिर रोपलूँ,
"तोरा साथ रोटी के टुकरी साझा करते,
"अप्पन मेहनत के परवाह नञ् कइलूँ;
"तोरा लगी सब्भे खजाना कमती हउ!
"काहे लगी, बताव हमरा, ऊ काफी नञ् हलउ,
"जे कमीज हमर घींचके फाड़ देलहीं?
"दान करे लगी अपन प्रिय के जेकरा में चापलूसी भरल हउ!
"कि ऊ औरत के जेकरा लगी इज्जत अनजान हइ!
"कि स्वर्ण के तूँ भगमान मान लेलहीं?"

20.
"श्रेष्ठता के रूप में निश्चित कइल पदक
"तूँ लगलहीं निर्लज्जता लगी देवे;
"दुश्मन के विरुद्ध (देल) उत्कृष्ट हमर तलवार,
"तूँ लगलहीं निर्दोष लोग पर भाँजे; [*366]
"संगठित रेजिमेंट के (मातृभूमि के) रक्षा के नाम पर,
"कीऽ तूँ प्रसिद्ध युद्ध लगी ले जाब करऽ हीं,
"मानवता के नाम पर दंडित करे लगी?
"खूनी घाटी में युद्ध करऽ हीं,
"ताकि पीयल एथेंस के लोग,
"जम्हाई लेके (तोरा) कह सकउ हीरो।"[16]

21.
"सब्भे दुश्मन में से सबसे प्रचण्ड दुश्मन ...
तूँ सब्भे बुरा कर्म के एकट्ठा कइलँऽ हँऽ, आउ अपन दंश के हमरा पर निर्दिष्ट कइलँऽ हँऽ ...
"मर, मर जो तूँ सो तुरी!"
लोग कहलकइ ...

22.
"ऐ महान पुरुष, कपट से भरल,
"ढोंगी, आउ चापलूस, आउ धर्मविरोधी!
"अकेल्ले तूँ, संसार में एतना परोपकारी
"महान उदाहरण, दे सकलहीं।
"हम समझऽ हिअउ क्रॉमवेल[17] तोरा दुश्मन,
"कि शासन के बागडोर अपन हाथ में थामले,
"तूँ आजादी के परकोटा के नष्ट कर देलहीं।
"लेकिन सिखा देलहीं पीढ़ी दर पीढ़ी के,
"कि कइसे लोग अपन प्रतिशोध ले सकऽ हइ,
"तूँ चार्ल्स के, कानूनी ढंग से, फाँसी पर चढ़इलहीं ...

[*367]                         23.
आउ अजादी के ई अवाज हरेक कोना में सुनाय दे हइ ...
सभा में सब लोग टूट पड़ऽ हइ;
लौह सिंहासन के नष्ट-भ्रष्ट कर दे हइ,
जइसे सैमसन प्राचीन काल में हिला देलकइ,
भ्रष्टाचार आउ विश्वासघात से भरल राजमहल के।
कानून के नींव पर निर्माण करऽ हइ प्रकृति के किला।
महान, महान हकँऽ तूँ स्वतंत्रता के आत्मा;
सृजनकर्ता, जइसन कि खुद हइ भगमान!

24.
अगला एगारह छंद में स्वतंत्रता के राज के वर्णन हइ, आउ एकर क्रिया-कलाप के; अर्थात् सुरक्षा, शान्ति, कल्याण, महानता ...

34.
भावावेश (passions) दुष्टता के परिष्कृत करते ...

बदल दे हइ सिविल शांति के घोर संकट में ...

पिता के पुत्र के विरुद्ध प्रोत्साहित करऽ हइ,
वैवाहिक बन्धन के विच्छेदित कर दे हइ,

आउ शासन करे के असीम कामना के सब दुष्परिणाम ...

[*368]                         35, 36, 37
विलासिता के घातक परिणाम के वर्णन। अन्तर्द्वन्द्व। गृह युद्ध। मारिउस, सुल्ला, अगस्तस (Marius, Sulla, Augustus) ...
            आशंकाजनक स्वतंत्रता के (सम्मोहित करके) सुता देलकइ।
लौह राजदण्ड के फूल से लपेट देलकइ ...
परिणाम ओक्कर -  दासता ...

                                    38, 39.
अइसने हइ प्रकृति के कानून; अत्याचार से स्वतंत्रता पैदा होवऽ हइ, स्वतंत्रता से दासता ...

                                    40.
एकरा में अचरज करे के की बात हइ, मानव भी तो जन्म ले हइ मरे लगी ... अगला 8 छंद में (हमन्हीं के) पितृभूमि के भावी भाग्य के बारे भविष्यवाणी हइ, जेकरा कइएक भाग में विभाजित कइल , आउ जेतने जल्दी होतइ ओतने विस्तृत होतइ। लेकिन (ओकर) समय अभी नञ् अइले ह। जब अइतइ, तब
रात के भारी बेड़ी टूट जइतइ।
लचकदार (भंगुर) शक्ति (Power), अपन मौत के बखत, शब्द के विरुद्ध गार्ड स्थापित करतइ, आउ अपन समुच्चे ताकत के बटोरतइ, ताकि अपन आखरी साँस के दौरान [*369] उठ रहल अजादी के कुचल देइ।

                                    49.
लेकिन मानवता बेड़ी में दहाड़तइ, आउ अजादी के आशा आउ प्रकृति के अविनाशी कानून से मार्गदर्शन पाके आगू बढ़ते जइतइ ... आउ शक्ति हिल जइतइ। तखने  सब्भे ताकत के एकत्रीकरण, तखने भारी शक्ति (power),
बिखर जइतइ एक्के पल में।
सब्भे दिन के सबसे निम्मन चुन्नल दिन!

                                    50.
हमरा तो प्रकृति के अवाज सुनाय दे हइ,
प्राथमिक ध्वनि, ध्वनि भगमान के।

अंधकारमय दुर्ग हिल गेलइ, आउ स्वतंत्रता चमक उठलइ।
"आउ एहे अंत हइ", नयका फैशनदार कवि हमरा से कहलकइ।
हम एकरा से बहुत खुश होलिअइ, आउ उनका से कहहीं वला हलिअइ, शायद उनकर काव्य पर अप्रिय आपत्ति, लेकिन (घोड़ागाड़ी के) घंटी हमरा आद देलइलकइ कि यात्रा के दौरान कहीं बेहतर हइ डाक टट्टू से शीघ्रता करना, बनिस्पत पेगासुस[18] (Pegasus) पर चढ़े के, जब ऊ अड़ियल (restive) रहे।


[1] Mikhail Lomonosov (1711-1765) – Russian scientist, poet, courtier.
[2] Russian prosody as late as that of Prince Antiokh Dmitr’evich Kantemir (1708-1744) had followed the Polish model of syllabic verse (introduced by way of the Ukraine and Belorussia). In every Polish word, the accent falls on the penult, but in Russian the accent may fall on any syllable. Lomonosov began the use of accentual feet. For detailed references, see Note 137 in Italian Translation.
[3] Aleksandr Petrovich Sumarokov (1718-1777), chiefly famous as a dramatist, also wrote songs, fables, and satirical works. In 1759 he founded a literary magazine, Trudolyubivaya pchela (The Industrious Bee).
[4] Semira and Dimitry Samozvanets (the latter about the Pretender Dimitry who reigned briefly as Tsar, 1605-1606, during the Time of Troubles), tragedies by Sumarokov, published in 1768.
[5] Mikhail Matveevich Kheraskov (1733-1807) worked on the Rossiada (an epic poem on the conquest of Kazan’ by Tsar Ivan IV in 1552) from 1771 to 1779. The author refers to several works by Lomonosov Oda, Vybrannaya iz loba (free translation of some excerpts from the Bible) and Prelozhenia Psalmo (translation of Psalms from the Psalter) by Sumarokov (1718-1777) Semir (1768) and the false Dimitri (1771) and Jeraskov (1733-1808) Rosiada.
[6] Ermil Ivanovich Kostrov (ca. 1750-1796) translated the Iliad in alexandrines, 1787.
[7] See note on the Epigraph. Trediakovsky's Telemájida was written in Russian hexameters. Precisely a verse of this work is what serves as the beginning of this same book. Vasilij Kirillovič Trediakovskij (1703-1769) grew up in the environment of Feofan Prokopovič and A.D. Kantemir and was among the first representatives of modern Russian literature. On his Telemachide, from which Radiščev takes the epigraph to the Journey, see the article of A.S. Orlov in "XVIII vek" (1), 1935.
[8] परनासुस (Parnassus) - ग्रीक मिथकशास्त्र के अनुसार मध्य ग्रीस के पर्वत, जाहाँ परी संगीत आउ काव्य के देवी (Muses) के निवास-स्थल हलइ।
[9] नवार के हेनरी (Henry of Navarre) पर वोल्टेयर के वीरगाथा काव्य "La Henriade" (1726), के रूसी अनुवाद याकोव बोरिसोविच क्न्याझनिन (1742-1791) द्वारा सन् 1777 में मुक्त छन्द में कइल गेले हल।
[10] एकातेरिना (Catherine) के नकाज़ (अध्यादेश), 1767, अ॰5, अनुच्छेद 34, 38.
[11] सम्बोध-गीत "स्वतंत्रता" (वोलनस्त) रादिषेव लगभग 1781-1783 के दौरान लिखलथिन हल। "यात्रा" में ऊ खाली आंशिक रूप से प्रविष्टि कइलथिन, शायद सेंसर के कारण। ई सम्बोध-गीत के सम्पूर्ण पाठ उनकर जीते जिनगी तो कभी प्रकाशित नञ् होलइ, बल्कि सो साल से भी जादे तक अप्रकाशित रहलइ। केवल 1905 के क्रान्ति के बाद पूरा पाठ प्रकाशित करना संभव होलइ। दे॰ सम्पूर्ण रचनावली, खंड 1, 1938, पृ॰1 आउ आगू।
[12] Marcus Junius Brutus (85 ई॰पू॰ - 23 अक्टूबर 42 ई॰पू॰) - एक रोमन राजनीतिज्ञ आउ जूलियस सीज़र (12 या 13 जुलाई 100 ई॰पू॰ - 15 मार्च 44 ई॰पू॰), रोमन तानाशाह, के मित्र।
[13] टेल - विलहेल्म टेल (Wilhelm Tell), स्विस देशभक्त।
[14] पारोस एगियन समुद्र में एगो ग्रीक टापू हइ, जे सबसे जादे अपन समुद्री तट आउ परम्परागत गाम लगी प्रसिद्ध हइ।
[15] दे॰ बाइबिल, न्यू टेस्टामेंट, रोमन 13:12.
[16] शायद सन्दर्भ हइ रूसी-तुर्की युद्ध (1768-1774) के। एकातेरिना (Catherine) एगो बेड़ा भेजलकइ, जे 1770 में कुछ आदमी आउ हथियार ग्रीस में स्थल पर उतरलकइ आउ ग्रीक लोग के तुर्क लोग के विरुद्ध उकसइलकइ। ग्रीक लोग विद्रोह करते गेलइ लेकिन तुर्क लोग ओकरा फेर से शांत कर देलकइ। रूसी सेना ग्रीक जल में दू विजय प्राप्त कइलकइ (दे॰ "चुदोवो", नोट 16), लेकिन ग्रीस में स्थल पर कुच्छो प्रभावकारी नञ् कर पइलकइ।
[17] क्रॉमवेल - ओलिवर क्रॉमवेल (1599-1658), "Ironsides" (क्रॉमवेल के अश्वसेना) Puritan या "संत लोग" के नेता, आउ फेर क्रांति के दौरान राजा के साथ गृहयुद्ध में संसद के समुच्चे सेना के नेता, जे चार्ल्स प्रथम स्टीवर्ट (1606, 30 जनवरी 1649 के जेकर सिर काट लेल गेलइ) के अदालत में घसटलकइ आउ काट ब्लॉक (chopping block) के सौंपलकइ। इंग्लैंड में गणराज्य घोषित कइल गेलइ, आउ पूरा पावर 'हाउस ऑफ कॉमन्स' के केन्द्रित हो गेलइ, काहेकि 'हाउस ऑफ लॉर्ड्स' के समाप्त कर देल गेले हल। राज्य के नयका संरचना के साथ, क्रॉमवेल के सर्वोच्च शक्ति आउ रक्षक (1653) के उपाधि मिललइ।
[18] पेगासुस - ग्रीक मिथक में बिलकुल उज्जर आउ डैनेदार दैवी घोड़ा।

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