अपमानित आउ तिरस्कृत
भाग 3
अध्याय 5
सुबह
में नेली हमरा कल्हे के भेंट के बारे काफी विचित्र बात बतइलकइ। लेकिन, एहो विचित्र
बात हलइ, कि मस्लोबोयेव ई शाम के आवे के मन बनइलके हल - ओकरा पक्का मालुम हलइ, कि हम
घर पर नञ् होबइ; हम खुद ओकरा विगत मिलन के दौरान पूर्वसूचना दे देलिए हल आउ ओकरा बहुत
निम्मन से ई बात आद हलइ। नेली बतइलकइ, कि शुरू में ऊ दरवाजा खोले लगी नञ् चाहऽ हलइ,
काहेकि ऊ डरऽ हलइ - साँझ के आठ बज चुकले हल। लेकिन मस्लोबोयेव ओकरा ताला लगल दरवाजा
के बाहर से ओकरा समझइलकइ, ई विश्वास देलइते, कि अगर ऊ हमरा लगी अभी नोट लिखके नञ् छोड़तइ,
त बिहान हमरा लगी कोय कारण से कुछ तो बहुत खराब होतइ। जब ऊ ओकरा अन्दर आवे देलकइ, त
ऊ तुरते नोट लिखलकइ, ओकरा भिर गेलइ आउ ओकर बगल में सोफा पर बैठ गेलइ।
"हम
उठ गेलिअइ आउ ओकरा से बात करे लगी नञ् चाहऽ हलिअइ", नेली बतइलकइ, "हमरा ओकरा
से बहुत डर लगऽ हले; ऊ बुबनोवा के बारे बोले लगलइ, कि ऊ अभी केतना गोस्सा करऽ हइ, कि
ऊ अब हमरा लेवे के साहस नञ् करऽ हइ, आउ तोहर प्रशंसा करे लगलो; कहलकइ, कि तोहन्हीं
दुन्नु बड़गो दोस्त हकहो आउ ऊ तोहरा छोटका बुतरुए रहते से जानऽ हको। तब हम ओकरा से बात
करे लगलिअइ। ऊ कुछ मिठाय निकसलकइ आउ हमरो लेवे लगी कहलकइ; हमरा नञ् चाही हल; ऊ तब हमरा
विश्वास देलावे लगलइ, कि ऊ एगो उदार व्यक्ति हइ, गीत गा सकऽ हइ आउ नाच सकऽ हइ; उछल
गेलइ आउ नच्चे लगलइ। हमरा हँस्सी आ गेलइ। बाद में कहलकइ, कि ऊ थोड़े देर आउ बैठतइ -
'वान्या खातिर इंतजार करबइ, शायद वापिस आ जाय' - आउ हमरा बहुत निवेदन कइलकइ, कि हम
नञ् डरिअइ आउ ओकर बगल में बैठिअइ। हम बैठ गेलिअइ; लेकिन ओकरा साथ कुच्छो बात करे लगी
नञ् चाहऽ हलिअइ। तब ऊ हमरा कहलकइ, कि ऊ हमर माय आउ नाना के जानऽ हलइ आउ ... तब हम बोले
लगलिअइ। आउ ऊ देर तक बैठल रहलइ।"
"आउ
तोहन्हीं कउची बात करते गेलहीं?"
"माय
के बारे ... बुबनोवा के बारे ... नाना के बारे। ऊ लगभग दू घंटा बैठलइ।"
नेली
मानु बतावे लगी नञ् चाहऽ हलइ, कि ओकन्हीं कउची बात करते गेलइ। हम पूछताछ नञ् कइलिअइ,
ई आशा करते कि मस्लोबोयेव से सब कुछ जान लेबइ। हमरा खाली लगलइ, कि मस्लोबोयेव जानबूझके
हमर अनुपस्थिति में अइलइ, ताकि नेली से अकेल्ले मिल सकइ। "ओकरा काहे लगी ई सब
चाही हल?" हम सोचलिअइ।
[*324] ऊ हमरा तीन मिठाय देखइलकइ, जे मस्लोबोयेव ओकरा देलके
हल। ई हलइ हरियर आउ लाल कागज में लपेटल लेमनचूस, बहुत खराब आउ, शायद, साग-सब्जी के
दोकान से खरदल। नेली हँस पड़लइ, हमरा ई देखइते।
"तूँ
एकरा काहे नञ् खइलहीं?" हम पुछलिअइ।
"नञ्
चाहऽ ही", ऊ गंभीरतापूर्वक उत्तर देलकइ, भौं सिकोड़ते। "हम ई ओकरा हीं से
नञ् लेलिए हल; ऊ खुद्दे सोफा पर छोड़ देलके हल ..."
ई
दिन हमरा कइएक तुरी दौड़-धूप करे लगलइ। हम नेली के अलविदा कहे लगलिअइ।
"की
अकेल्ले तोरा बोर लगऽ हउ?" हम ओकरा पुछलिअइ, बाहर जइते बखत।
"बोरियत
होवऽ हइ आउ नहिंयों। बोरियत होवऽ हइ ई चलते, कि तूँ देर तक हियाँ से गायब रहऽ हो।"
आउ
ऊ अइसन प्यार से हमरा दने तकलकइ, ई कहके। ई पूरा सुबह ऊ हमरा दने अइसने स्नेहमय दृष्टि
से देखलकइ आउ एतना खुश लगलइ, एतना स्नेहमय, आउ एकरा साथे-साथजरी लजाल, ओकरा में कुछ
भीरुता भी हलइ, मानु ऊ हमरा कइसूँ झुँझलाहट नञ् पैदा कर देइ, हमर प्रेम नञ् खो देइ
आउ ... आउ अपन भावना बहुत अभिव्यक्त कर देइ, मानु ई बात से लजइते।
"आउ
तोरा काहे नञ् बोरियत होवऽ हउ? आखिर तूँहीं कहलहीं, कि तोरा «बोरियत होवऽ हउ आउ नहिंयों»?"
हम पुछलिअइ, जाने-अनजाने ओकरा तरफ मुसकइते, ऊ हमरा लगी प्रिय आउ मधुर हो गेले हल।
"हमरा
खुद मालुम हइ कि कइसे", ऊ उत्तर देलकइ, अपन दाँत निपोरते, आउ फेर से कइसूँ लजइते।
हमन्हीं दहलीज पर बात कर रहलिए हल, दरवाजा खुल्लल हलइ। नेली हमरा सामने खड़ी हलइ, आँख
निच्चे कइले, एक हाथ से हमर कन्हा पकड़ले, आउ दोसरा हाथ से बीच-बीच में हमर कोट के आस्तीन
के चुट्टी काटते।
"ई
की हइ, रहस्य?" हम पुछलिअइ।
"नञ्
... कुछ नञ् ... हम - हम तोहर अनुपस्थिति में तोहर पुस्तक पढ़े लगलियो", ऊ धीमे
स्वर में बोललइ आउ, हमरा तरफ स्नेहमय, तीक्ष्ण दृष्टि डालते, पूरा लाल हो गेलइ।
"ओह,
त ई बात हइ! की तोरा पसीन पड़ऽ हउ?" हम एगो लेखक के हैसियत से संकोच में हलिअइ,
जेकरा ओकर नजर के सामने प्रशंसा कइल जा हलइ, लेकिन भगमान जाने हम की दे सकऽ हलिअइ,
अगर हम ई पल ओकरा चुमतिए हल। लेकिन कइसूँ चूमना असंभव हलइ। नेली चुप हलइ।
"काहे,
काहे ऊ मर गेलइ?" ऊ गहरा उदासी के साथ पुछलकइ, हमरा दने एक नजर डालके आउ अचानक
फेर से नजर निच्चे करके।
"ई
केऽ हइ?"
"अइकी
ई, नवयुवक, टीबी से ग्रसित ... पुस्तक में?"
"की
कइल जाय नेली, अइसन होवे के हलइ, नेली।"
"कइसूँ
जरूरत नञ् हलइ", ऊ लगभग फुसफुसाहट में उत्तर देलकइ, लेकिन कइसूँ अचानक, फटाक से,
लगभग गोसाल, मुँह बिचकइते आउ जादे फर्श दने कठोर दृष्टि से देखते।
एक
मिनट आउ गुजर गेलइ।
"आउ
ऊ ... अइकी ओकन्हीं ... लड़किया आउ बुढ़उ", ऊ फुसफुसइलइ, कइसूँ आउ जोर से हमर
कोट के आस्तीन के चुट्टी काटना जारी रखते, "की, ओकन्हीं साथे रहतइ? आउ गरीब
नञ् रहतइ?[1]"
"नञ्,
नेली, ऊ लड़की दूर चल जइतइ; एगो जमींदार से विवाह कर लेतइ, आउ ऊ बुढ़उ अकेल्ले रह जइतइ",
हम ओकरा अत्यन्त खेद के साथ उत्तर देलिअइ, वास्तव में खेद प्रकट करते, कि हम ओकरा आउ
कुछ अधिक सांत्वनादायक नञ् कह सकऽ हिअइ।
[*325] "अच्छऽ, अइकी ... अइकी! त अइसन बात हइ! ओह,
कइसन ... आउ हम अब पढ़े लगी नञ् चाहऽ हूँ!"
आउ
ऊ गोसाल हमर हाथ के झटक देलकइ, तेजी से हमरा तरफ से मुड़ गेलइ, टेबुल भिर चल गेलइ आउ
अपन चेहरा कोना तरफ कर लेलकइ, नजर जमीन तरफ कइले। ऊ पूरा लाल हो गेलइ आउ अनियमित रूप
से साँस लेब करऽ हलइ, मानु कइसनो भयंकर कष्ट से।
"बस,
नेली, तूँ नराज हो गेलँऽ!" हम शुरू कइलिअइ, ओकरा तरफ जइते - आखिर ई सब कुछ झूठ
हइ, जे लिक्खल हइ - गढ़ल बात हइ; अच्छऽ, हियाँ गोसाय लायक की हइ! तूँ तो भावुक लड़की
हकँऽ!"
"हम
गोसाल नञ् ही", ऊ भीरुतापूर्वक बोललइ, हमरा दने अइसन स्पष्ट, अइसन स्नेहमय दृष्टि
कइले; फेर अचानक हमर हाथ पकड़ लेलकइ, हमर छाती से अपन चेहरा दबा लेलकइ आउ कोय कारण से
रोवे लगलइ।
लेकिन
ओहे पल ऊ हँसियो पड़लइ - रोइयो रहले हल आउ हँसियो रहले हल - सब साथे। हमरो हास्यजनक
लगलइ आउ कइसूँ ... मधुर। लेकिन ऊ कइसनो हालत में हमरा तरफ सिर उठावे लगी नञ् चहलकइ,
आउ जब हम ओकर चेहरा अपन कन्हा से अलगे करे लगलिअइ, त ऊ आउ ओकरा से कसके दबइलकइ आउ अधिकाधिक
जोर से हँसते रहलइ।
आखिरकार
ई भावुक दृश्य समाप्त होलइ। हमन्हीं बिदा होलिअइ; हम जल्दीबाजी मेम हलिअइ। नेली, पूरा
लाल होल आउ अभियो मानु लज्जित आउ नक्षत्र नियन चमकइत आँख के साथ, हमरा पीछू ठीक ज़ीना
तक पहुँच गेलइ आउ हमरा जल्दी वापिस आवे लगी निवेदन कइलकइ। हम वचन देलिअइ, कि हम पक्का
दुपहर के भोजन के बखत वापिस आ जइबइ आउ यथासंभव जरी आउ पहिले। सबसे पहिले हम बूढ़ा-बूढ़ी
हीं रवाना होलिअइ। दुन्नु बेमार हलथिन। आन्ना अन्द्रेयेव्ना बिलकुल बेमार हलइ; निकोलाय
सिर्गेयिच अपन अध्ययन-कक्ष में बैठल हलथिन।
ऊ
सुनलथिन, कि हम अइलिए ह, लेकिन हम जानऽ हलिअइ, कि ऊ अपन आदत के अनुसार पहिले बाहर नञ्
अइथिन, जब तक लगभग पनरह मिनट नञ् गुजर जाय, ताकि हमन्हीं के बात करे के मोक्का दे सकथिन।
हम आन्ना अन्द्रेयेव्ना के बहुत परेशान नञ् करे लगी चाहऽ हलिअइ आउ ओहे से यथासंभव कल्हे
शाम के अपन कहानी के नरम करे के प्रयास कइलिअइ, लेकिन सच कहलिअइ; हमरा अचरज होलइ, बूढ़ी
हलाँकि दुखी होलइ, लेकिन अलगाव के संभावना के समाचार के कइसूँ बिन अचरज के लेलकइ।
"अच्छऽ,
बबुआ, हमहूँ एहे सोचऽ हलिअइ", ऊ बोललइ। "जब तूँ तब चल गेलऽ हल, लेकिन हम
देर तक सोचते रहलिअइ आउ सोच-विचारके ई निष्कर्षष पर पहुँचलिअइ, कि अइसन नञ् होतइ। हम
भगमान के तरफ से तो अइसन आशीर्वाद के लायक नञ् हलिअइ, आउ अदमी तो एतना नीच हइ; की ओकरा
से कोय निम्मन चीज के आशा कइल जा सकऽ हइ। की ई मजाक हइ, दस हजार हमन्हीं हीं से फोकट
के नञ् ले हइ, आखिर जानऽ हइ, कि ई फोकट के हइ, आउ तइयो ले हइ। रोटी के आखरी टुकड़ा छीन
ले हइ; इख़मेनेवका बेच देल जइतइ। आउ नताशेच्का सही आउ बुद्धिमान हइ, कि ऊ ओकन्हीं पर
विश्वास नञ् कइलकइ। लेकिन की तूँ जानऽ हो, बबुआ", ऊ बात जारी रकलकइ, अपन अवाज
धीमा करते, "हमर अदमी तो, हमर तो! बिलकुल ई विवाह के विरुद्ध जा हथिन। बोले लगलथिन
- नञ् चाही, बोलऽ हथिन! हम पहिले तो सोचऽ हलिअइ, कि ऊ सनकी हथिन; नञ्, वास्तव में।
कउची तब ओकरा साथ होतइ, दुलारी बुतरू के साथ? आखिर ऊ ओकरा तब बिलकुल अभिशाप दे देथिन।
आउ ऊ, अल्योशा, ओकरा की कहना हइ?"
आउ
देर तक ऊ हमरा से पूछताछ करते रहलइ आउ हमेशे नियन ओह-आह कइलकइ आउ हमर हरेक उत्तर पर
शिकायत कइलकइ। सामान्यतः हम नोटिस कइलिअइ, कि ऊ हाल में कइसूँ बिलकुल अपन होश-हवाश
खो चुकले हल। हरेक समाचार ओकरा कँपा दे हलइ। नताशा के मामले में ओकर चिंता ओकर दिल
आउ सेहत के बरबाद कर रहले हल। बुढ़उ अन्दर अइलथिन, ड्रेसिंग-गाउन आउ जुत्ता में; उनका
बोखार के शिकायत हलइ। लेकिन स्नेहमय दृष्टि से पत्नी तरफ देखलथिन आउ लगातार, जब हम
उनका हीं हलिअइ, [*326] ओकर देखभाल कइलिअइ,
एगो नर्स नियन, ओकर आँख में आँख डालके देखलिअइ, हियाँ तक कि ओकरा सामने भीरु बन्नल रहलिअइ। उनकर आँख में केतना स्नेहशीलता हलइ।
ऊ ओकर बेमारी से भयभीत हलथिन; अनुभव करऽ हलथिन, कि अगर ऊ ओकरा खो दे हथिन, त ऊ जिनगी में सब कुछ से वंचित हो जइथिन।
हम
उनकन्हीं साथ एक घंटा बैठलिअइ। बिदा होते बखत, ऊ हमरा पीछू बाहर निकसलथिन आउ बैठका
तक अइलथिन आउ नेली के बारे बोले लगलथिन। उनका अपन बेटी के स्थान पर ओकरा अपन घर लावे
के गंभीर विचार हलइ। ऊ हमरा साथ सलाह-मशविरा करे लगलथिन, कि कइसे आन्ना अन्द्रेयेव्ना
के एकरा लगी मनावल जाय। विशेष उत्सुकता के साथ नेली के बारे हमरा से पूछताछ कइलथिन
आउ पुछलथिन कि हम ओकरा बारे आउ कुछ नया समाचार जनलिए ह। हम जल्दी-जल्दी उनका बतइलिअइ।
हमर कहानी उनका प्रभावित कइलकइ।
"हम
सब आउ एकरा बारे बात करते जइबइ", ऊ दृढ़तापूर्वक कहलथिन, "लेकिन अभी खातिर
... लेकिन हम, हम खुद तोरा हीं अइबो, अइकी जइसीं हमर तबीयत जरी बेहतर हो जाय। तभिए
हम सब निर्णय करते जइबइ।
ठीक
बारह बजे हम मस्लोबोयेव के हियाँ हलिअइ। हमरा बड़गो अचरज होलइ, जब पहिला व्यक्ति, जेकरा
से हमरा भेंट होलइ, ऊ प्रिंस हलइ। ऊ बैठका में अपन कोट पहन रहले हल, आउ मस्लोबोयेव
हड़बड़ी में ओकरा मदत कर रहले हल आउ ओकरा ओकर छड़ी देलकइ। ऊ पहिलहीं हमरा प्रिंस के साथ
परिचय के बारे बता चुकले हल, लेकिन तइयो ई भेंट हमरा अत्यंत अचंभित कर देलकइ।
प्रिंस
मानु हमरा देखके संकोच में पड़ गेलइ।
"ओह,
ई अपने हथिन!" ऊ कइसूँ कुछ जादहीं गरमजोशी के साथ, "कल्पना करथिन, कइसन भेंट
होलइ! लेकिन, हमरा अभी मिस्टर मस्लोबोयेव से मालुम चललइ, कि अपने उनका से परिचित हथिन।
हमरा खुशी होलइ, खुशी, बहुत खुशी होलइ, कि अपने से भेंट होलइ; हम तो अपने के देखे लगी
चाहऽ हलइ आउ यथासंभव हम अपने के हियाँ भेंट देबइ, अपने अनुमति दे हथिन? हमरा अपने से
एगो निवेदन हइ - हमरा मदत करथिन, हमन्हीं के वर्तमान परिस्थिति के समझाथिन। अपने, निस्सन्देह,
समझ गेलथिन होत, कि हम कल के बारे बात कर रहलिए ह ... अपने हुआँ मित्र के रूप में परिचित
हथिन, अपने ई मामला के हरेक गति के समझलथिन हँ - अपने के प्रभाव हइ ... हमर बहुत खेद
हइ, कि अपने के साथ अभिए ... काम हइ! लेकिन कुछ हीं दिन में आउ, शायद, जल्दी से जल्दी
अपने के हियाँ भेंट देवे के खुशी मिलतइ। लेकिन अभी ..."
ऊ
कइसूँ बहुत कसके हमरा साथ हाथ मिलइलकइ, मस्लोबोयेव के साथ नजर के आदान-प्रदान कइलकइ
आउ बाहर निकस गेलइ।
"
हमरा तूँ बतावऽ, भगमान के नाम पर ...", कमरा में घुसते हम शुरू कइलिअइ।
"ठीक-ठीक
तो हम तोहरा कुच्छो नञ् बतइबो", मस्लोबोयेव टोकलकइ, शीघ्रतापूर्वक अपन टोपी उठइते
आउ बैठका दने सीधिअइते, "काम हको! हम तो, भाय, खुद जल्दी में हियो, देर हो चुकलो
ह! ..."
"लेकिन
आखिर तूँ तो खुद लिखलऽ हल, कि बारह बजे आवऽ।"
"ई
की बात हइ, की लिखलियो हल? हम कल्हे लिखलियो हल, आउ आझ हमरा ओकन्हीं लिखते गेले ह,
आउ अइसन, कि हमर सिर चकरा रहल ह - अइसन काम हइ! हमर इंतजार कइल जा रहल ह। माफ करऽ,
वान्या। हम तोहर संतुष्टि लगी एतने प्रस्ताव रख सकऽ हियो कि हमरा सिर पर मारऽ ई खातिर,
कि हम बेकार में तोरा तकलीफ देलियो। अगर तूँ संतुष्टि चाहऽ हकऽ, त मारऽ, लेकिन क्राइस्ट
के नाम पर जली जल्दी से जल्दी! हमरा रोकऽ मत, जरूरी काम हइ, इंतजार कइल जा रहले ह
..."
"लेकिन
काहे लगी हम तोरा मारियो? जरूरी काम हको, त जल्दी करऽ, अप्रत्याशित घटना केकरो साथ
घट सकऽ हइ। लेकिन खाली ..."
[*327] "नञ्, हम काली ओकरा बारे कहऽ हियो", ऊ
टोकलकइ, बैठका में उछलते जइते आउ ओवरकोट धारण करते (ओकरा पीछू हमहूँ पोशाक पेन्हे लगलिअइ)।
"हमरा तोरो से काम हको; बहुत जरूरी काम, ओकरे लगी तो हम तोरा बोलइलियो हल; सीधे
तोरे से संबंधित हको आउ तोरे हित के। आउ चूँकि एक मिनट में, अब, बताना असंभव हको, त,
भगमान के नाम पर, वचन द, कि तूँ आझ ठीक सात बजे अइबऽ, न तो पहिले आउ न बाद में। घरे
पर रहबो।"
"आझ",
हम हिचकिचइते बोललिअइ, "अच्छऽ, भाय, आझ शाम के भेंट देवे के हलइ ..."
"जा,
प्रिय, अभी हुआँ, जाहाँ तूँ शाम के जाय लगी चाहऽ हलऽ, लेकिन शाम के हमरा हीं। ई वजह
से, वान्या, आउ तूँ कल्पना नञ् कर सकऽ ह, कि कइसन बात हम तोरा बतइबो।"
"अच्छऽ,
जइसन तोहर मर्जी, तोहर मर्जी; ई की हइ? स्वीकार करऽ हियो, तूँ तो हमरा उत्सुक बना देलऽ।"
एहे
दौरान घर के गेट के बाहर आ गेलिअइ आउ फुटपाथ पर खड़ी हलिअइ।
"मतलब
तूँ अइबहो?" ऊ जिद करते पुछलकइ।
"कहलियो
न, कि अइबो।"
"नञ्,
वचन द।"
"उफ,
कइसन अदमी हके! अच्छऽ, वचन दे हियो।"
"बहुत
अच्छा आउ कुलीन बात। तोहरा कन्ने जाय के हको?"
"एद्धिर",
हम उत्तर देलिअइ, दहिना तरफ इंगित करते।
"अच्छऽ,
आउ हमरा एद्धिर", ऊ कहलकइ, बामा दने इंगित करते। "अलविदा, वान्या! आद रखिहऽ,
सात बजे।"
"विचित्र
बात हइ", हम सोचलिअइ, ओकरा पीछू देखते।
शाम
के हम नताशा के हियाँ जाय लगी चाहऽ हलिअइ। लेकिन चूँकि अब मस्लोबोयेव के वचन देलिए
हल, त हम नताशा के हियाँ तुरते रवाना होवे के फैसला कइलिअइ। हमरा पक्का विश्वास हलइ,
कि हम अल्योशा के ओकरा भिर पइबइ। वास्तव में, ऊ हुएँ हलइ आउ बहुत खुश होलइ, जब हम अन्दर
गेलिअइ।
ऊ
नताशा के साथ बहुत प्रिय, अत्यंत स्नेहशील बन्नल हलइ आउ हमरा अइला पर भी खुशी से फूला
नञ् समइलइ। नताशा हलाँकि खुश होवे के प्रयास कइलकइ, लेकिन साफ हलइ, कि ई प्रयास हलइ।
ओकर चेहरा बेमरियाहा आउ पीयर हलइ; रात के ओकरा ठीक से नीन नञ् अइले हल। अल्योशा के
प्रति ऊ कइसूँ जरूरत से जादहीं स्नेह देखाब करऽ हलइ।
अल्योशा
हलाँकि बहुत बोललइ, बहुत कुछ बतइलकइ, स्पष्टतः ओकरा खुश करे के इच्छा से आउ ओकर होंठ
पर मुसकान लावे खातिर, जे अनिच्छा से बिन मुसकान के गंभीर बन्नल हलइ, लेकिन अल्योशा
स्पष्टतः बातचीत में कात्या आउ अपन बाप के उल्लेख करे से बच रहले हल। स्पष्टतः, कल्हे
के समझौता के ओकर प्रयास सफल नञ् होले हल।
"जानऽ
हो? एकरा हमरा भिर से चल जाय के बड़गो मन करऽ हइ", जल्दी से नताशा हमरा फुसफुसइलइ,
जब ऊ मावरा के कुछ तो बतावे खातिर मिनट भर लगी बाहर निकसलइ, "लेकिन डरऽ हइ। आउ
हम खुद्दे ओकरा बतावे से डरऽ हिअइ, कि ऊ चल जाय, काहेकि ऊ तब, शायद, जानबूझके नञ् जइतइ,
आउ सबसे जादे हमरा डर हइ, कि ऊ बोर होवऽ हइ आउ ई वजह से बिलकुल हमरा प्रति भावशून्य
होल जा हइ! की कइल जाय?"
"हे
भगमान, कइसन परिस्थिति में तोहन्हीं खुद के डाल लेते गेलँऽ हँ! आउ केतना तोहन्हीं शंकालु
हो गेलँऽ हँ, एक दोसरा पर नजर रखते जा हँ!"
"बस
खाली समझा देवे के, आउ बात खतम। अइकी एहे परिस्थिति के चलते ऊ, शायद, वास्तव में बोर
होवऽ हइ।"
"कइसे
हो सकऽ हइ?" ऊ चिल्लइलइ, भयभीत होल।
[*328] "ठहर, हम तोहन्हीं लगी इंतजाम करऽ हिअउ
...", आउ हम रसोईघर में गेलिअइ, मावरा के अपन एगो बहुत गंदा होल गलोश[2] के
साफ करे लगी कहे के बहाना से।
"जरी
सावधानी से, वान्या!" हमरा पीछू ऊ चिल्लइलइ।
जइसीं
हम मावरा तरफ गेलिअइ, ओइसीं अल्योशा हमरा तरफ लपकल अइलइ, मानु हमरे इंतजार कर रहले
हल -
"इवान
पित्रोविच, प्यारे, हम की करिअइ? हमरा सलाह द - हम कल्हिंएँ वचन देलिए हल कात्या के
हियाँ आझ, ठीक अभी, भेंट देवे के। हम एकर उपेक्षा नञ् कर सकऽ हिअइ! हम नताशा के अवर्णनीय
रूप से प्यार करऽ हिअइ, अगियो में कूद जाय लगी तैयार हिअइ, लेकिन, खुद्दे स्वीकार करभो,
हमरा हुआँ जाय के जल्दीबाजी हइ, आखिर ई असंभव हइ कि ..."
"त
फेर, जा ..."
"लेकिन
नताशा के कइसे? आखिर हमरा अइसे कइला से ऊ दुखी होतइ, इवान पित्रोविच, कुछ तो करहो
..."
"हमर
विचार से, बेहतर चल जा। तूँ जानऽ ह, कि ऊ तोरा केतना प्यार करऽ हको; ओकरा हमेशे लगतइ,
कि तूँ ओकरा साथ बोर होब करऽ हो आउ तोरा अनिच्छा से ओकरा साथ जबरदस्ती रहे पड़ रहलहो
ह। बिन कोय जोर-जबरदस्ती के बेहतर होतो। लेकिन, चलल जाय, हम तोरा मदत करऽ हियो।"
"प्यारे,
इवान पित्रोविच! तूँ केतना निम्मन हकऽ!"
हमन्हीं
अन्दर गेलिअइ; एक मिनट के बाद हम ओकरा कहलिअइ -
"आउ
हमरा तोहर पिताजी से भेंट होलो।"
"काहाँ?"
डर से ऊ चीख पड़लइ।
"स्ट्रीट
में, संयोगवश। ऊ हमरा साथ एक मिनट ठहरलथुन, फेर से ऊ आउ अधिक परिचित होवे के निवेदन
कइलथुन। तोहरा बारे पूछ रहलथुन हल - कि की हमरा मालुम हइ कि तूँ अभी काहाँ हकहो। उनका
तोहरा देखे के बहुत जरूरत हलइ, कुछ तो तोहरा बतावे के हलइ।"
"ओह,
अल्योशा, जाके उनका अपन चेहरा देखाहो", नताशा बोललइ, जेकरा समझ में आ गेलइ कि
हमर कहे के की मतलब हइ।
"लेकिन
... उनका से अभी काहाँ भेंट होतइ? ऊ घर में हथिन?"
"नञ्,
हमरा आद पड़ऽ हइ, ऊ कहलथुन, कि ऊ काउंटेस के हियाँ जइथुन।"
"अच्छऽ,
त कइसे ..." अल्योशा बचकाना ढंग से बोललइ, उदासी से नताशा तरफ देखते।
"ओह,
अल्योशा, एकरा में की हइ!" नताशा बोललइ। "की तूँ वास्तव में ई परिचित के
छोड़ देवे लगी चाहऽ हो, ताकि हमरा सांत्वना दे सकहो। आखिर ई तो बचकाना हको। पहिला, ई
असंभव हको, आउ दोसरा, तूँ बस कात्या के सामने अकृतज्ञ होबहो। तोहन्हीं दोस्त हकऽ; की
संबंध के एतना रुखाई से तोड़ देल जा सकऽ हइ। आखिरकार, तूँ खाली हमरा अपमानित करऽ ह,
अगर तूँ सोचऽ हो, कि हम तोहरा से एतना ईर्ष्या करऽ हियो। जा, जल्दी से जा, हम तोहरा
विनती करऽ हियो! आउ तोहर पिताजी के भी तो सांत्वना मिल जइतो।"
"नताशा,
तूँ देवदूत हकऽ, आउ हम तो तोर कानी अँगुरियो के बराबर नञ् हियो!" हर्षातिरेक आउ
पश्चात्ताप के साथ अल्योशा चिल्लइलइ। "तूँ एतना उदार हकऽ, आउ हम ... हम ... मालुम
कर ल! हम अभिए, हुआँ, रसोईघर में, इवान पित्रोविच के निवेदन कइलिअइ कि ऊ हमरा तोहरा
हीं से बाहर जाय में मदत करथिन। ऊ एहे प्लान बनइलका। लेकिन हमरा दोष नञ् द, देवदूत
नताशा! हम बिलकुल दोषी नञ्, काहेकि हम तोहरा संसार में हजारो गुना जादे प्यार करऽ हियो
आउ ओहे से ई नयका विचार सोचलियो - कात्या के सब कुछ के बारे जाहिर कर देल जाय आउ ओकरा
हमन्हीं के वर्तमान परिस्थिति के बारे तुरते सब कुछ बता देल जाय आउ ऊ सब, जे कल्हे
घटले हल। ऊ कुछ तो हमन्हीं के उद्धार खातिर सोचता, ऊ हमन्हीं के प्रति पूरे हृदय से
समर्पित हथिन ..."
"अच्छऽ
त जा", नताशा उत्तर देलकइ, मुसकइते, "आउ अइकी, [*329] मित्र हमर, हम खुद कात्या के साथ मिल्ले लगी चाहबइ।
एकर कइसे इंतजाम कइल जइतइ?"
अल्योशा
के आनंद के कोय सीमा नञ् हलइ। ऊ तुरतहीं प्लान बनावे लगलइ कि कइसे परिचय करावल जाय।
ओकर दिमाग से ई बड़ी असान हलइ - कात्या सोच लेतइ। ऊ अपन विचार के गरमजोशी आउ उत्तेजना
के साथ विकसित कइलकइ। आझे ऊ उत्तर लावे के वचन देलकइ, दुइए घंटा में, आउ शाम में नताशा
के साथ बैठे के।
"सचमुच
तूँ अइबहो?" नताशा पुछलकइ, ओकरा जाय लगी छोड़ते।
"की
वास्तव में तोरा शंका होवऽ हको? अलविदा, नताशा, अलविदा, डार्लिंग हमर - शाश्वत हमर
प्रेमिका! अलविदा, वान्या! हे भगमान, हम तोहरा गलती से वान्या कह देलियो; सुनऽ, इवान
प्त्रोविच, हम तोहरा प्यार करऽ हियो - काहे नञ् हमन्हीं 'तूँ' संबोधित करके बोलते जइअइ।
'तूँ' से संबोधित करते जइबइ।"
"ठीक
हइ, 'तूँ' से संबोधित करते जइबइ।"
"भगमान
कसम! आखिर हमरा ई सो तुरी दिमाग में अइलइ। लेकिन हम कइसूँ अपने के कहे के साहस नञ्
कर पइलिअइ। अइकी अभियो 'अपने' कहके बोलऽ हिअइ। लेकिन आखिर बहुत कठिन हइ 'तूँ' बोलना।
ई, लगऽ हइ, कहीं तो तोल्स्तोय (टॉल्सटॉय) के रचना में निम्मन से वर्णन कइल हइ -
दू लोग एक दोसरा के 'तूँ' से संबोधित करे के वचन देते गेलइ, लेकिन ओकन्हीं कइसूँ नञ्
कर पावऽ हइ आउ हमेशे अइसन शब्दगुच्छ (phrase) के प्रयोग टालऽ हइ, जेकरा में सर्वनाम
हइ[3]। आह,
नताशा! फेर से कभी पढ़ल जाय «बचपन आउ किशोरावस्था»; आखिर केतना निम्मन हइ!"
"हाँ,
जा, जा", नताशा ओकरा भगा देलकइ, हँसते-हँसते, "खुशी में बड़बड़ाब करऽ हला
..."
"अलविदा!
दू घंटा के बाद तोहरा हीं!"
अल्योशा
ओकर हाथ चुमलकइ आउ शीघ्रतापूर्वक निकस गेलइ।
"देखहो,
देखहो, वान्या!" ऊ बोललइ आउ ओकर आँख से लोर ढरे लगलइ।
हम
ओकरा साथ लगभग दू घंटा बैठलिअइ, ओकरा सांत्वना देलिअइ आउ सब कुछ में आश्वस्त करे में
सफल हो गेलिअइ। जाहिर हइ, ऊ सब मामले में सही हलइ, अपन सब आशंका में। हमर दिल में उदासी
में टीस उट्ठऽ हलइ, जब हम ओकर वर्तमान परिस्थिति के बारे सोचऽ हलिअइ; हमरा ओकरा लगी
डर लगऽ हलइ। लेकिन की कइल जा सकऽ हलइ?
विचित्र
हलइ हमरा लगी अल्योशा भी - ऊ ओकरा प्यार करऽ हलइ पहिले के अपेक्षा कम नञ्, हियाँ तक
कि, शायद, आउ जादहीं, जादहीं यातनापूर्वक, पछतावा आउ कृतज्ञता से। लेकिन साथे-साथ नयका
प्रेम ओकर दिल में कसके बैठ गेले हल। कइसे एकर अन्त होतइ - पहिले से अंदाज लगाना असंभव
हलइ। हमरा अत्यंत उत्सुकता हलइ कात्या के देखे लगी। हम फेर से नताशा के वचन देलिअइ
ओकरा साथ परिचित होवे लगी।
आखिर
ऊ मानु खुश देखाय देलकइ। संयोगवश, ओकरा हम नेली, मस्लोबोयेव, बुबनोवा, मस्लोबोयेव आउ
प्रिंस के साथ हमर आझ के भेंट आउ सात बजे के मिलन के निश्चय के बारे सब कुछ बतइलिअइ।
ई सब ओकरा अत्यंत रोचक लगलइ। बुजुर्ग लोग के बारे थोड़हीं बतइलिअइ, लेकिन इख़मेनेव (अर्थात्
नताशा के पिता निकोलाय सिर्गेयिच) के भेंट के बारे हम चुप रहलिअइ, जब तक कि समय नञ्
आवे; निकोलाय सिर्गेयिच के प्रिंस के साथ प्रस्तावित द्वन्द्वयुद्ध ओकरा भयभीत कर सकऽ
हलइ। ओकरो प्रिंस के मस्लोबोयेव के संबंध विचित्र लगलइ आउ ओकर हमरा साथ परिचित होवे
के उत्कट कामना भी, हलाँकि वर्तमान परिस्थिति से ई सब काफी कुछ समझल जा सकऽ हलइ
...
लगभग
तीन बजे हम घर वापिस आ गेलिअइ। नेली हमरा अपन खुश चेहरा के साथ स्वागत कइलकइ ...
भूमिका भाग 3, अध्याय 4 भाग 3, अध्याय 6
[1] "आउ ऊ ... अइकी ओकन्हीं
... लड़किया आउ बुढ़उ ... आउ गरीब नञ् रहतइ?" - नेली पुच्छऽ हइ वारेन्का दोब्रोसिलोवा
आउ माकर देवुश्किन के भाग्य के बारे [दस्तयेव्स्की के पहिलउका उपन्यास "Бедные
люди" (गरीब लोग) के नायिका आउ नायक]।
[2] गलोश (galosh) - जुत्ता के उपरे
पेन्हल जाय वला रबड़ के जलसह (waterproof) बड़गर बूट।
[3]
कहीं तो तोल्स्तोय के
रचना में ... हमेशे अइसन शब्दगुच्छ के प्रयोग टालऽ हइ, जेकरा में सर्वनाम हइ - इशारा हइ, लेव तोल्स्तोय के
आत्मकथा "Детство" (बचपन) के अध्याय XXIII, "После
Мазурки" (माज़ुर्का नृत्य के बाद), में के एगो घटना के तरफ।
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