अपमानित आउ तिरस्कृत
भाग 3
अध्याय 9
काउंटेस
उत्तम ढंग से रहऽ हलइ। सब कमरा सुख-सुविधा आउ रुचि के अनुसार सजावल हलइ, हलाँकि ठाट-बाट
बिलकुल नञ् हलइ। सब कुछ, लेकिन, तात्कालिक ठहराव के विशेषता रक्खऽ हलइ; ई खाली तात्कालिक
रूप से उत्तम फ्लैट हलइ, न कि हमेशे लगी, जइसन कोय धनी परिवार के निवास स्थान में कुलीनता
के शैली में स्थापित रहऽ हइ आउ ओकर सब सनक के साथ आवश्यक समझल जा हइ। अफवाह हलइ, कि
काउंटेस ग्रीष्मकाल में अपन जागीर (विध्वस्त आउ दोबारा गिरवी पर रक्खल) में जाय वली
हइ, सिम्बिर्स्क गुबेर्निया (प्रान्त) में, आउ प्रिंस ओकरा साथ जा रहले ह। हम एकरा
बारे सुन चुकलिए हल आउ उदासी से सोचलिअइ - अल्योशा कइसे व्यवहार करतइ, जब कात्या काउंटेस
के साथ चल जइतइ? नताशा से हम एकरा बारे अभियो नञ् बोललिए हल, डरऽ हलिअइ; लेकिन कुछ
संकेत से हम नोटिस कइलिअइ, कि, शायद, ओकरो ई अफवाह मालुम हइ। लेकिन ऊ चुप हलइ आउ अंदर
से दुखी हलइ।
काउंटेस
हमरा उत्तम ढंग से स्वागत कइलकइ, हार्दिक रूप से हमरा लगी हाथ बढ़इलकइ आउ पुष्टि कइलकइ,
कि ऊ हमरा कब से अपना हीं देखे लगी चाहऽ हलइ। ऊ खुद्दे चानी के एगो उत्तम समावार से
चाय ढरलकइ, जेकरा भिर हमन्हीं बैठल हलिअइ - हम, प्रिंस आउ एगो आउ कोय वइसगर बहुत संभ्रांत
महाशय आउ छाती पर तारा (स्टार) लगइले, कुछ कलफदार (starchy) आउ राजनयिक
(diplomatic) शिष्टाचार के साथ। ई अतिथि के, लगऽ हइ, बहुत आदर कइल जा हलइ। काउंटेस,
विदेश से वापिस अइला पर, अभियो ई शीतकाल में पितिरबुर्ग में बड़गो सम्पर्क नञ् बना आउ
अपन स्थिति स्थापित कर पइलके हल, [*344] जइसन
कि चाहऽ आउ आशा करऽ हलइ। ई अतिथि के सिवाय, आउ कोय नञ् हलइ, आउ पूरे शाम में कोय नञ्
अइलइ। हम नजर से कतेरिना फ़्योदोरोव्ना के खोज रहलिए हल; ऊ दोसर कमरा में अल्योशा के
साथ हलइ, लेकिन, हमन्हीं के आगमन के बारे सुनके, तुरते बहरसी होके हमन्हीं तरफ अइलइ।
प्रिंस ओकर हाथ के नम्रतापूर्क चुमलकइ, आउ काउंटेस ओकरा हमरा दने संकेत कइलकइ। प्रिंस
तुरते हमन्हीं दुन्नु के परिचय करइलकइ। हम अधीर ध्यान से ओकरा तरफ तकलिअइ - ई हलइ एगो
नाजुक सुनहरा केश वली (blonde), श्वेत पोशाक धारण कइले, निम्न कद के, चेहरा पर शांत
आउ प्रिय हाव-भाव के साथ, बिलकुल नीला आँख वली, जइसन कि अल्योशा बोलऽ हलइ, यौवन के
सौन्दर्य वली आउ बस। हम सौन्दर्य के आदर्श के आशा कइलिए हल, लेकिन सौन्दर्य नञ् हलइ।
सुडौल, चेहरा हलका अंडाकार, काफी नियमित नाक-नक्शा, घना आउ वास्तव में अत्यंत सुन्दर
केश, सरल आउ घरेलू केश शैली, शांत आउ एकाग्र दृष्टि; कहीं अलगे ओकरा साथ भेंट होला
पर हम ओकरा भिर से गुजर जइतिए हल, ओकरा पर बिन कोय विशेष ध्यान देले; लेकिन ई पहिला
नजर के छाप हलइ, आउ बाद में ई शाम ओकरा आउ बेहतर से देख पइलिअइ। ऊ एक्के बात, जइसन
कि ऊ अपन हाथ हमरा तरफ बढ़इलकइ, एक प्रकार के बचकाना तीव्र ध्यान से हमर आँख में देखते
रहते आउ बिन कोय एक्को शब्द बोलले, हमरा अपन विचित्रता से अचंभित कर देलकइ, आउ कइसूँ
ओकरा तरफ जाने-अनजाने मुसकाय बेगर नञ् रह पइलिअइ। स्पष्टतः, हम तुरते अपना भिर एगो
विशुद्ध हृदय वला जीव के अनुभव कइलिअइ। काउंटेस ओकरा (कात्या के) एकटक देख रहले हल।
हमरा से हाथ मिलाके, कात्या हमरा भिर से कुछ शीघ्रता से चल गेलइ आउ दोसर कमरा के अन्त
में, अल्योशा के साथ, बैठ गेलइ। हमरा अभिवादन करते, अल्योशा हमरा से फुसफुसइलइ -
"हम हियाँ परी मिनट भर लगी हकियो, लेकिन तुरते हुआँ"।
«कूटनीतिज्ञ»
- हम ओकर नाम नञ् जानऽ हीहइ आउ ओकरा कूटनीतिज्ञ नाम दे हिअइ, ताकि कइसूँ ओकरा पुकारल
जाय - शांतिपूर्वक आउ शान से बोललइ, कोय तो विचार के विकसित करते। काउंटेस ध्यानपूर्वक
ओकर बात सुन रहले हल। प्रिंस प्रशंसापूर्वक आउ चापलूसी से मुसका रहले हल; वक्ता अकसर
ओकरा तरफ मुड़ऽ हलइ, शायद ओकरा एगो योग्य श्रोता के रूप में महत्त्व देते। हमरा लगी
चाय परसल गेलइ आउ शांति से रहे देल गेलइ, जेकरा से हम खुश हलिअइ। एहे दौरान हम काउंटेस
तरफ देख रहलिए हल। प्रथमदृष्ट्या ऊ हमरा कइसूँ अनिच्छा से पसीन पड़लइ। शायद, ऊ अब युवती
नञ् रह गेले हल, लेकिन हमरा लगलइ, कि ऊ अठाइस साल से जादे के नञ् होतइ। ओकर चेहरा अभियो
ताजा हलइ आउ कभी तो, पहिलउका जवानी में, शायद, बहुत सुन्दर रहले होत। गाढ़ा सुनहरा केश
अभियो काफी घना हलइ; नजर अत्यंत स्नेहमय हलइ, लेकिन एक प्रकार से चंचल आउ शरारती रूप
से हास्यास्पद। लेकिन अभी कोय कारणवश, स्पष्टतः, खुद के नियंत्रित कइले हलइ। एहे नजर
में बहुत बुद्धि भी अभिव्यक्त होवऽ हलइ, लेकिन सबसे जादे उदारता आउ प्रसन्नचित्तता।
हमरा लगलइ, कि ओकर सबसे प्रमुख गुण हलइ कुछ चंचलता, मनोरंजन पिपासा आउ एक प्रकार के
उदारहृदय अहंकार, शायद विशाल भी। ऊ प्रिंस के वश में हलइ, जेकर ओकरा पर असाधारण प्रभाव
हलइ। हम जानऽ हलिअइ, कि ओकन्हीं के बीच कुछ (अवैध) संबंध हलइ, सुनवो कइलिए हल, कि ओकन्हीं
के विदेश में रहते ऊ बहुत ईर्ष्यालु प्रेमी नञ् हलइ; लेकिन हमरा लगते रहऽ हलइ - शायद
अभियो - कि ओकन्हीं के पहिलउका संबंध के अलावा, कुछ तो आउ दोसर हलइ, आंशिक रूप से रहस्यमय,
एक प्रकार के कइसनो पारस्परिक परिस्थिति, कोय स्वार्थ पर आधारित, जे ओकन्हीं के जोड़ले
हलइ [*345] ... एक शब्द में, कुछ तो अइसन हइए
होतइ। हमरा एहो मालुम हलइ, कि प्रिंस वर्तमान समय में ओकरा से तंग आ चुकले हल, आउ तइयो
ओकन्हीं के संबंध-विच्छेद नञ् होले हल। शायद, ओकन्हीं के कात्या पर के आशा जोड़ले हलइ,
जे, निस्सन्देह, प्रिंस के पहल से होले होत। ई आधार पर प्रिंस काउंटेस से विवाह के
पिंड छोड़इलकइ, जे वास्तव में विवाह के माँग कर रहले हल, अल्योशा के ओकर सतेली बेटी
से विवाह में मदत के सहयोग करे खातिर ओकरा आश्वस्त करके। ई तरह, कम से कम, अल्योशा
के पहिलउका सब सरलहृदय कहानी के आधार पर निष्कर्ष पर अइलिअइ, जेहो हलाँकि कुछ तो नोटिस
कइलके होत। हमरो लगते रहऽ हलइ, आंशिक रूप से ओहे सब कहानी से, कि प्रिंस के, ई बात
के बावजूद, कि काउंटेस ओकर बिलकुल वश में हलइ, ओकरा से डरे के कुछ तो कारण हलइ। अल्योशा
भी ई नोटिस कइलकइ। हमरा बाद में पता चललइ, कि प्रिंस काउंटेस के विवाह कोय दोसरा के
साथ कर देवे लगी बहुत चाहऽ हलइ आउ आंशिक रूप से एहे उद्देश्य से ऊ ओकरा सिम्बिर्स्क
गुबेर्निया भेज देलके हल, ई आशा करते कि प्रदेश में ओकरा लगी उत्तम पति खोज सकइ। हम
बैठल रहलिअइ आउ सुनते रहलिअइ, ई बिन जानले, कि कइसे हमरा जल्दी से जल्दी कतेरिना फ़्योदोरोव्ना
के साथ आमने-सामने बात करे लगी मिल्लत। कूटनीतिज्ञ काउंटेस के कोय तो प्रश्न के उत्तर
दे रहले हल वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति के बारे, कइल जा रहल सुधार के बारे आउ ई बारे,
कि एकरा से भयभीत होवे के चाही कि नञ्। ऊ बहुत आउ देर तक बोललइ, शांतिपूर्वक आउ एगो
प्राधिकारी (authority) नियन। ऊ अपन विचार परिष्कृत रूप में आउ बुद्धिमानी से विकसित
कर रहले हल, लेकिन ओकर विचार अरुचिकर हलइ। ऊ ई बात पर अडिग हलइ, कि सुधार आउ संशोधन
के ई सब उत्साह जल्दीए निश्चित परिणाम लइतइ; कि, ई सब परिणाम के देखके, लोग होश में
अइतइ आउ खाली समाज में हीं नञ् (निस्सन्देह, एकर कोय निश्चित अंश में) ई नयका उत्साह
गुजर जइतइ, बल्कि अनुभव से अपन गलती देखतइ आउ तब दोगना उत्साह से पुरनका परम्परा के
समर्थन करतइ; कि अनुभव, चाहे कष्टदायक होवे, बहुत लाभदायक होतइ, काहेकि ई पुरनका उद्धारक
परम्परा के कायम रक्खे लगी सिखइतइ, एकरा लगी नयका आँकड़ा (आधार) लइतइ; आउ परिणामस्वरूप,
ई आशा करे के भी चाही, कि अब जल्दी से जल्दी हद दर्जा तक लापरवाही तक पहुँच सकऽ हइ।
"हमन्हीं बेगर असंभव हइ", ऊ निष्कर्ष पर अइलइ, "हमन्हीं बेगर एक्को
समाज कभियो नञ् ठहरले ह। हमन्हीं कुछ नञ् खोबइ, बल्कि एकर विपरीत, आउ जितते जइबइ; हम
सब उपरे अइते जइबइ, उपरे अइते जइबइ, आउ हम सब के वर्तमान पल में आदर्शोक्ति () होवे
के चाही - «Pire ça va, mieux ça est»[1]। प्रिंस
घृणास्पद सहानुभूति के साथ ओकरा तरफ मुसकइलइ। वक्ता खुद से बिलकुल संतुष्ट हलइ। हम
एतना बेवकूफ हलिअइ, कि एतराज करे वला हलिअइ; हमर दिल खौल रहले हल। लेकिन हमरा प्रिंस
के जहरीला नजर रोक देलकइ; ऊ पल भर लगी हमरा दने नजर कइलकइ, आउ हमरा लगलइ, कि प्रिंस
हमरा तरफ से कोय तो ठीक विचित्र आउ यौवन के शरारत के आशा कर रहले ह; ऊ, शायद, ई चाहवो
करऽ हलइ, कि ऊ मजा लुट्टइ ई बात से कि हम खुद के जोखिम में डाल लिअइ। ई दौरान हमरा
पक्का विश्वास हलइ, कि कूटनीतिज्ञ निश्चित रूप से हमर आपत्ति के नोटिस नञ् करतइ, आउ
शायद, आउ खुद हमरो। हमरा ओकन्हीं साथ बैठे में खराब लग रहले हल; लेकिन अल्योशा हमरा
उबार लेलकइ।
ऊ
शांतिपूर्वक हमरा भिर अइलइ, हमर कन्हा पर स्पर्श कइलकइ आउ हमरा साथ दू शब्द बात करे
के निवेदन कइलकइ। हम अंदाज लगा लेलिअइ, कि ऊ कात्या के दूत हइ। आउ एहे बात हलइ। एक
मिनट के बाद हम कात्या के बगल में बैठ चुकलिए हल। शुरू में ऊ हमरा एकटक [*346] देखते रहलइ, मानु खुद से बात करते - «त तूँ अइसन
हकऽ», आउ पहिले मिनट में हमन्हीं दुन्नु के बातचीत के शुरुआत खातिर शब्द नञ् मिललइ।
हमरा, लेकिन, पक्का विश्वास हलइ, कि ओकरा खाली बोले लगी शुरू करे के देरी हइ, आउ शुरू
कइला पर ऊ सुबह होवे तक भी नञ् रुकतइ। "कोय पाँच-छो घंटा के बातचीत", जेकरा
बारे अल्योशा कहलके हल, हमर दिमाग में कौंध गेलइ। अल्योश हिएँ बैठल हलइ आउ अधीरतापूर्वक
इंतजार कर रहले हल, कि हमन्हीं कइसे शुरू करबइ।
"अपने
सब काहे कुछ नञ् बोलऽ हथिन?" ऊ शुरू कइलकइ, मुसकइते हमन्हीं दने तकते। "साथ
अइते गेलथिन आउ चुप हथिन।"
"ओह,
अल्योशा, कइसन तूँ ... हमन्हीं अभी", कात्या उत्तर देलकइ। "हमन्हीं के साथ
में एतना सारा बात करे के हइ, इवान पित्रोविच, कि हमरा समझ में नञ् आवऽ हइ, कि कउची
से शुरू कइल जाय। हमन्हीं बहुत देर से एक दोसरा से परिचित होलिए ह; पहिले मिल्ले के
चाही हल, हलाँकि हम अपने के बहुत पहिले से जानऽ हिअइ। आउ हमरा केतना अपने के देखे के
मन करऽ हलइ। हम अपने के पत्र भी लिक्खे के सोच रहलिए हल ..."
"कउची
के बारे?" हम पुछलिअइ, जाने-अनजाने मुसकइते।
"कुछ
कहना मोसकिल हइ", ऊ गंभीरतापूर्वक उत्तर देलकइ। "अइकी बल्कि एकरा बारे, की
ऊ सच कहऽ हथिन नताल्या निकोलायेव्ना के बारे, कि ऊ बुरा नञ् मानऽ हइ, जब ऊ ओकरा अइसन
बखत अकेल्ले छोड़ दे हथिन? अच्छऽ, अइसन व्यवहार कइल जा सकऽ हइ, जइसन ऊ करऽ हथिन? अच्छऽ,
काहे तूँ अभी हियाँ हकहो, बताहो, मेहरबानी करके?"
"ओह,
हे भगमान, हम अभी चल जा हियो। हम आखिर कहलियो, कि हियाँ खाली एक मिनट रहबो, तोहन्हीं
दुन्नु के देखबो, कि दुन्नु एक साथ कइसे बात करऽ हो, आउ तब हम हुआँ।"
"हाँ,
हम सब साथ में हिअइ, आउ तइयो बैठल हिअइ - देखलहो? आउ हमेशे ऊ ओइसने रहऽ हका",
ऊ आगू बोललइ, जरी सुन लाल होते आउ हमरा ओकरा तरफ अँगुरी से इशारा करते। «एक मिनट, बोलऽ
हका, खाली एक मिनट», आउ देखऽ हो, आउ आधी रात तक बैठल रहला, आउ हुआँ लगी तब तक लेट हो
चुकलइ। «ऊ, बोलऽ हका, गोस्सा नञ् करऽ हथिन, ऊ दयालु हथिन», त अइसे ऊ सोचऽ हथिन! अच्छऽ,
की ई निम्मन बात हइ, अच्छऽ, की ई उदार बात हइ?"
"अच्छऽ,
हम, सोचऽ हियो, चल जइबो", करुण स्वर में अल्योशा उत्तर देलकइ, "खाली हमरा
तोहन्हीं भिर रहे के बड़गो मन करऽ हके ..."
"लेकिन
तोहरा हमन्हीं से की काम हको? हमन्हीं के, एकर विपरीत, बहुत कुछ के बारे एकान्त में
बात करे के हइ। आउ सुन्नऽ, तूँ गोस्सा मत करऽ; ई जरूरी हइ - ठीक से समझहो।"
"अगर
जरूरी हइ, त हम तुरते ... एकरा में गोस्सा के की बात हइ। हम खाली मिनट भर लगी लेविन्का
भिर, फेर हुआँ तुरते नताशा के पास। अइकी, इवान पित्रोविच", ऊ बात जारी रखलकइ,
अपन हैट लेते, "तोहन्हीं जानऽ हो, कि पिताजी ऊ पैसा छोड़ देवे लगी चाहऽ हथिन, जे
मोकदमा में इख़मेनेव से जीत गेलथिन।"
"मालुम
हइ, ऊ हमरा से बोललथुन हँ।"
"ऊ
केतना उदार काम कर रहलथिन हँ। अइकी कात्या के विश्वास नञ्, कि ऊ उदारता से व्यवहार
कर रहलथिन हँ। ओकरा से एकरा बारे बोलते जाहो। अलविदा, कात्या, आउ, किरपा करके, शंका
मत करऽ, कि हम नताशा के साथ प्रेम करऽ हिअइ। आउ काहे तोहन्हीं दुन्नु हमरा पर अइसन
शर्त लादऽ हो, हमरा बुरा-भला सुनावऽ हो, हमरा पर नजर रक्खऽ हो - मानु हम तोहन्हीं के
निगरानी में हियो! ऊ जानऽ हइ, कि हम ओकरा से केतना प्रेम करऽ हिअइ, आउ हमरा पर ओकरा
पक्का विश्वास हइ, आउ हमरा पक्का विश्वास हइ, कि ओकरा हमरा में पक्का विश्वास हइ। हम
ओकरा बिन कोय शर्त के प्यार करऽ हिअइ, बिन कइसनो परिस्थिति के। हमरा मालुम नञ्, कि
हम ओकरा केतना प्यार करऽ हिअइ। बस प्यार करऽ हिअइ। आउ ओहे से हमरा से प्रश्न करे के
कोय बात नञ् हइ, एगो दोषी के रूप में। अइकी [*347]
इवान पित्रोविच से पुछहो, अभिए ऊ हियाँ तोरा पुष्टि कर देथुन, कि नताशा ईर्ष्यालु हइ
आउ हलाँकि हमरा प्यार करऽ हइ, लेकिन ओकर प्यार में अहंकार हइ, काहेकि ऊ हमरा लगी कुच्छो
बलिदान करे लगी नञ् चाहऽ हइ।"
"ई
कइसे?" हम अचरज में पुछलिअइ, अपन कान पर विश्वास नञ् करते।
"तूँ
ई की कह रहलहो ह, अल्योशा?" कात्या लगभग चिल्ला उठलइ, अपन हाथ उपरे करते।
"अच्छऽ;
एकरा में अचरज के की बात हइ? इवान पित्रोविच जानऽ हथिन। ऊ हमेशे माँग करऽ हइ, कि हम
ओकरा साथ रहिअइ। ऊ हलाँकि एकर माँग नञ् करऽ हइ, लेकिन साफ हइ, कि ऊ अइसन चाहऽ हइ।"
"आउ
लाज नञ् आवऽ हको, तोरा लाज नञ् आवऽ हको!" कात्या कहलकइ, गोस्सा से लाल होते।
"लेकिन
एकरा में लाज के की बात हइ? कइसन तूँ, वास्तव में, हकऽ कात्या! हम आखिर ओकरा कहीं जादे
प्यार करऽ हिअइ, बनिस्पत कि जेतना ऊ सोचऽ हइ, आउ अगर ऊ हमरा वास्तव में ओतने प्यार
करऽ हइ, जेतना कि हम ओकरा प्यार करऽ हिअइ, त, शायद, ऊ हमरा लगी अपन खुशी के बलिदान
कर देतइ। ऊ, सचमुच, खुद्दे हमरा जाय दे हइ, लेकिन ओकर चेहरा से हम समझऽ हिअइ, कि ई
बात ओकरा लगी कष्टदायी होवऽ हइ, मतलब, हमरा लगी एक्के बात हइ अगर ऊ हमरा नञ् जाय देइ।"
"नञ्,
एकरा में कोय कारण हइ!" कात्या चिल्लइलइ, फेर से हमरा दने गोसाल चमकइत नजर से
मुड़ते। "स्वीकार करऽ, अल्योशा, अभिए स्वीकार करऽ, ई सब तोहरा पिताजी बतइलथुन?
आझ बतइलथुन? आउ, किरपा करके, हमरा साथ चलाँकी नञ् करऽ - हमरा तुरते पता चल जइतो! ई
बात हइ कि नञ्?"
"हाँ,
बतइलथिन हल", सकुचाल अल्योशा उत्तर देलकइ, "त एकरा में की हइ? ऊ आझ हमरा
से एतना प्यार से बोललिथन, एतना मित्रतापूर्वक, आउ ओकर प्रशंसा करते रहलथिन, एतना कि
हमरा अचरजो होलइ - ऊ (नताशा) उनका एतना अपमानित कइलके हल, लेकिन ऊ ओकर एतना प्रशंसा
करऽ हथिन।"
"आउ
तूँ, तूँ विश्वासो कर लेलहो", हम कहलिअइ, "तूँ, जेकरा लगी ऊ सब कुछ न्योछावर
कर देलकइ, जे कर सकऽ हलइ, आउ अभियो, आझे ओकर सब चिंता तोहरे बारे हलो, ताकि तूँ कइसूँ
बोर नञ् होहो, ताकि कइसूँ तोरा कतेरिना फ़्योदोरोव्ना से मिल्ले के संभावना से वंचित
नञ् कर सको! ऊ खुद्दे हमरा से आझ बोललइ। आउ अचानक तूँ मिथ्या अपवाद (तोहमत) पर विश्वास
कर लेलहो! की तोरा लाज नञ् बरऽ हको?"
"अकृतज्ञ!
एकरा में की, इनका कभियो कुच्छो लगी लाज नञ् बरऽ हइ!" कात्या बोललइ, अपन हाथ ओकरा
दने लहरइते, मानु बिलकुल खोवल व्यक्ति दने।
"तूँ
वास्तव में की कह रहलहो ह!" अल्योशा करुण स्वर में बात जारी रखलकइ। "आउ हमेशे
तो तूँ अइसन रहऽ ह, कात्या! हमेशे तूँ हमरा बारे खाली बुरा के शंका करऽ ह ... हम इवान
पित्रोविच के बारे बोलऽ हियो! तूँ सोचऽ हो, कि हम नताशा के नञ् प्यार करऽ हिअइ। हमर
कहे के ई मतलब नञ् हलइ कि ऊ अहंकारी (स्वार्थी) हइ। हम खाली एहे कहे लगी चाहऽ हलिअइ,
कि ऊ हमरा बहुत प्यार करऽ हइ, एतना कि एकरा नापल नञ् जा सकऽ हइ, आउ एकरा चलते हमरा
लगी आउ ओकरो लगी कष्टदायी हइ। आउ पिताजी हमरा कभियो धोखा नञ् देथन, बल्कि चाहवो करथिन
तइयो। हम आत्मसमर्पित नञ् करबइ। ऊ बिलकुल नञ् बोललथिन, कि नताशा अहंकारी (स्वार्थी)
हइ, ई शब्द के कोय बुरा अर्थ में; हम आखिर समझ गेलिअइ। ऊ बिलकुल हू-ब-हू ओहे कहलथिन,
जे हम अभी बतइलियो - कि ऊ हमरा एतना हद तक प्यार करऽ हइ, एतना प्रचंड रूप से, कि ई
बस सहज स्वार्थ होवऽ हइ, एतना कि हमरा आउ ओकरो कष्टकारक अनुभव होवऽ हइ, आउ परिणामस्वरूप
हमरा आउ जादे कष्टकारक होतइ। आउ आखिर ऊ सच कहलथिन, हमरा प्यार करते, आउ एकर ई बिलकुल
मतलब नञ् होवऽ हइ, कि ऊ नताशा के अपमानित कइलथिन; एकर विपरीत, ऊ [*348] ओकरा में अत्यंत दृढ़ प्रेम देखलथिन, अइसन प्रेम
जेकरा नापल नञ् जा सकऽ हइ, असंभावना के हद तक ..."
लेकिन
कात्या ओकरा टोकलकइ आउ ओकरा समाप्त नञ् करे देलकइ। ऊ ओकरा जोश में बुरा-भला सुनावे
लगलइ, ई साबित करे, कि ओकर पिता एहो लगी नताशा के प्रशंसा करऽ हलथिन, ताकि ओकरा उदारता
के देखावा करके धोखा दे सकथिन, आउ ई सब ओकन्हीं के सम्बन्ध-विच्छेद करे के इरादा से,
ताकि अगोचर रूप से ओकर विरुद्ध ठीक अल्योशा के शस्त्रसज्जित कर सकथिन। ऊ गरमजोशी में
आउ बुद्धिमानी से निष्कर्ष निकसलकइ, कि नताशा ओकरा प्यार करऽ हलइ, कि कोय प्यार ऊ बात
के नञ् माफ करतइ, जे ऊ ओकरा साथ करब करऽ हइ - आउ असली स्वार्थी तो ऊ खुद, अल्योशा हइ।
धीरे-धीरे कात्या ओकरा में भयंकर हद तक उदासी आउ संपूर्ण पश्चात्ताप पैदा कर देलकइ;
ऊ हमन्हीं के बगल में बैठल हलइ, जमीन के तरफ नजर कइले, बिन कोय उत्तर देले, बिलकुल
बरबाद होल आउ चेहरा पर कष्टकारी भाव हलइ। लेकिन कात्या निष्ठुर हलइ। हम अत्यंत उत्सुकतापूर्वक
ओकरा तरफ देख रहलिए हल। हमरा ई विचित्र लड़की के जल्दी से जल्दी जाने के इच्छा होलइ।
ऊ एगो बिलकुल बुतरू हलइ, लेकिन कइसनो विचित्र, दृढ़ धारणा वली बुतरू, कठोर नियम वली
आउ उदारता आउ न्याय के प्रति उत्कट, जन्मजात प्रेम करे वली। ओकरा वास्तव में अभियो
बुतरू कहल जा सकऽ हलइ, त ऊ चिंतनशील बुतरुअन में से ऊ वर्ग के हलइ, जे हमन्हीं के
(रूसी) परिवार में काफी संख्या में पावल जा हइ। स्पष्ट हलइ, कि ऊ अब बहुत कुछ चिंतन
करे लगले हल। ई चिंतनशील सिर में झाँकना (देखना) रोचक हो सकऽ हलइ आउ ई देखना कि कइसे जीवन के गंभीर छाप आउ अनुभव (काहेकि कात्या कुछ
जिनगी गुजार चुकले हल) से प्राप्त बिलकुल बालसुलभ
विचार आउ ज्ञान हुआँ मिश्रित हो रहले हल, आउ ई दौरान ऊ विचार के साथ, जे ओकरा लगी अभियो
तक अनजान हलइ, ओकर अनुभव में नञ् अइले हल, लेकिन जे ओकरा वास्तविकता से दूर, पुस्तक
से प्राप्त होले हल आउ अचंभित कर देके हल, जे अब बहुत संख्या में होवे के चाही हल आउ
जे ऊ, शायद, खुद के द्वारा अनुभूत समझब करऽ हलइ। ई पूरे शाम आउ बाद में, हमरा लगऽ हइ,
हम ओकर काफी अध्ययन कइलिअइ। ओकर दिल जोशीला आउ ग्रहणशील (receptive) हलइ। दोसर परिस्थिति
में ऊ मानु आत्मनियंत्रण के क्षमता के उपेक्षा कर दे हलइ, सबसे पहिले सत्य के सामने
रखते, आउ जीवन के हरेक नियंत्रण के निर्धारित पूर्वाग्रह समझऽ हलइ आउ, लगऽ हइ, अइसन
दृढ़ धारणा पर गौरवान्वित होवऽ हलइ, जे बहुत अकसर उत्साही लोग के साथ होवऽ हइ, हियाँ
तक कि ओकरो में जे बहुत कम उमर के नञ् हइ। लेकिन एहो तो ओकरा एगो विशेष सौन्दर्य प्रदान
करऽ हलइ। ऊ चिंतन करे आउ सत्य के प्राप्त करे के बहुत पसीन करऽ हलइ, लेकिन ऊ विद्याडंबरी
के हद तक नञ् पहुँचले हल, एतना हद तक बालोचित, बालसुलभ शरारती हलइ, कि तूँ पहिलहीं
नजर में ओकर सब मौलिकता से प्यार करे लगभो आउ ओकरा सहन कर लेबहो। हमरा लेविन्का आउ
बोरिन्का के आद पड़लइ, आउ हमरा लगलइ, कि ई सब कुछ स्वाभाविक हलइ। आउ विचित्र हइ - ओकर
चेहरा, जेकरा में हम पहिला नजर में कुच्छो विशेष नञ् नोटिस कर पइलिए हल, एहे शाम के
पल-पल हमरा लगी अधिकाधिक सुन्दर आउ आकर्षक लग रहले हल। बुतरू आउ चिंतनशील औरत के ई
बचकाना द्विभाजन (split into two), सत्य आउ न्याय के ई बालसुलभ आउ हद दर्जा के निष्कपट
पिपासा आउ अपन अभिलाषा में अदम्य विश्वास - ई सब सत्यनिष्ठा के कइसनो उत्तम प्रकाश
ओकरा प्रकाशित करऽ हलइ, ओकरा एक प्रकार के उच्च, आध्यात्मिक सौन्दर्य प्रदान करऽ हलइ,
आउ तूँ समझे लगलहो, कि ई सौन्दर्य के सम्पूर्ण अर्थ के एतना जल्दी निश्चित नञ् कइल
जा सकऽ हइ, जे (सौन्दर्य) हरेक साधारण, सहानुभूतिविहीन नजर के [*349] तुरते स्पष्ट नञ् हो पावऽ हइ। आउ हमरा समझ में अइलइ,
कि अल्योशा के ओकरा साथ भावुकतावश आसक्त होवे के चाही हल। अगर ऊ खुद चिंतन आउ तर्क
नञ् कर सकऽ हलइ, त ठीक ओहे सब पसी करऽ होतइ, जे ओकरा लगी चिंतन करऽ हलइ आउ हियाँ तक
कि कामना करऽ हलइ - आउ कात्या ओकरा अपन पक्ष में कर चुकले हल। अल्योशा के दिल उदार
आउ अनुपम हलइ, एक्के तुरी ऊ सब कुछ के आत्मसमर्पित कर दे हलइ, जे निष्ठावान आउ सुन्दर
होवऽ हलइ, आउ कात्या बचपन के सम्पूर्ण निष्ठा आउ सहानुभूति के साथ ओकरा सामने बहुत
कुछ बता चुकले हल। अल्योशा के खुद के इच्छाशक्ति के एक बून नञ् हलइ; कात्या के बहुत
जादे दृढ़, प्रचंड आउ पुरजोश इच्छाशक्ति हलइ; आउ अल्योशा खाली ओकरा से आसक्त हो सकऽ
हलइ, जे ओकरा पर धाक जमा सकऽ हलइ आउ हियाँ तक कि आदेश दे सकऽ हलइ। एकरे चलते नताशा
ओकरा अपना तरफ आशक्त करऽ हलइ, ओकन्हीं के प्रारम्भिक संबंध में, लेकिन नताशा के सामने
कात्या में बड़गो बढ़त हलइ - ई, कि ऊ खुद अभियो बुतरू हलइ आउ, लगऽ हइ, बहुत लमगर समय
तक अइसन रहते हल। ई ओकर बालकपन, ओकर तीव्र बुद्धि आउ साथे साथ तर्क के कुछ अभाव - ई
सब कइसूँ अल्योशा के जादे सदृश हलइ। अल्योशा ई अनुभव करऽ हलइ, आउ ओहे से कात्या ओकरा
अपना तरफ अधिकाधिक आकृष्ट कइलकइ। हमरा पक्का विश्वास हइ, कि जब ओकन्हीं एकान्त में
आपस में बात कइलकइ, त कात्या के गंभीर «प्रचारात्मक» बातचीत के साथ-साथ, मामला, शायद,
ओकन्हीं के खिलौना (अर्थात् बचपन) तक पहुँच जा हलइ। आउ हलाँकि कात्या, शायद, बहुत अकसर
अल्योशा के फटकारऽ हलइ आउ ओकरा अपन वश में रक्खऽ हलइ, तइयो अल्योशा के, स्पष्टतः, ओकरा
साथ जादे सहज लगऽ हलइ, बनिस्पत नताशा के साथ। ओकन्हीं एक दोसरा के साथ जादे जोड़ी बैठऽ
हलइ, आउ ई बात महत्त्वपूर्ण हलइ।
"बहुत
हो गेलो, कात्या, बहुत हो गेलो, काफी हो गेलो; तूँ हमेशे सच साबित होवऽ ह, आउ हम नञ्।
अइसन ई कारण से, कि तोहर हृदय हमर से अधिक शुद्ध हको", अल्योशा बोललइ, उठते आउ
ओकरा तरफ बिदाई पर हाथ बढ़इते। "तुरते हम ओकरा हीं, आउ लेविन्का हीं नञ् रुकबो
..."
"आउ
तोरा लेविन्का हीं कुच्छो तो नञ् करे के हको; आउ अभी मानऽ आउ जा, ई बात में तो तूँ
बहुत निम्मन हकऽ।"
"आउ
तूँ तो सबसे हजारो गुना प्रिय हकऽ", उदास अल्योशा उत्तर देलकइ। "इवान पित्रोविच,
हमरा तोहरा से दू शब्द कहे के हको।"
हमन्हीं
दू कदम दूर हट गेलिअइ।
"आझ
हम बेशरमी से व्यवहार कइलिअइ", ऊ हमरा से फुसफुसइलइ, "हम नीचता से व्यवहार
कइलिअइ, दुनियाँ के सब के सामने हम दोषी हिअइ, आउ ओकन्हीं दुन्नु के सामने सबसे जादे।
आझ पिताजी दुपहर के भोजन के बाद हमरा अलिक्सान्द्रिना (एगो फ्रेंच) से परिचय करइथिन
- एगो मोहिनी औरत। हम ... आकृष्ट हो गेलिअइ आउ ... अच्छऽ, एकरा की बात करना, हम ओकन्हीं
के साथ रहे के लायक नञ् हिअइ ... अलविदा, इवान पित्रोविच!"
"ऊ
दयालु, ऊ उदार हथिन", शीघ्रतापूर्वक कात्या शुरू कइलकइ, जब हम फेर से ओकर बगल
में बैठलिअइ, "लेकिन हमन्हीं ओकरा बारे बाद में बहुत बोलते जइबइ; लेकिन अभी हमन्हीं
के सहमत होवे के जरूरत हइ - तूँ प्रिंस के बारे की सोचऽ हो?"
"बहुत
खराब अदमी"
"आउ
हमहूँ। परिणामस्वरूप, हमन्हीं ई बात पर सहमत हिअइ, आउ ओहे से हमन्हीं के आउ अधिक सहज
होतइ निर्णय करना। अब नताल्या निकोलायेव्ना के बारे ... जानऽ हथिन, इवान पित्रोविच,
हम अभी मानु अन्हार में हकूँ, हम तोहर इंतजार कर रहलियो हल, प्रकाश नियन। तूँ हमरा
ई सब कुछ समझावऽ, काहेकि सबसे मुख्य बिन्दु पर हम अंदाज से निर्णय करऽ हकूँ, ओकरा से,
जे हमरा अल्योशा बतइलका। आउ कुछ जादे आउ [*350]
दोसर केकरो से मालुम नञ् कइल जा सकऽ हलइ। बतावऽ, पहिला (ई मुख्य हइ), तोहर मत से -
अल्योशा आउ नताशा साथ-साथ सुखी रह पइथिन कि नञ्? ई हमरा सबसे पहिले जाने के जरूरत हइ
हमर अन्तिम निर्णय खातिर, ताकि हम खुद जान सकिअइ कि हमरा की करे के चाही।"
"एकरा
बारे अइसन विश्वास के साथ कइसे कहल जा सकऽ हइ? ..."
"हाँ,
निस्सन्देह, विश्वास के साथ नञ्", ऊ टोकते बोललइ, "लेकिन तोहरा कइसन लगऽ
हको? - काहेकि तूँ बहुत बुद्धिमान व्यक्ति हकहो।"
"हमर
विचार से, ओकन्हीं सुखी नञ् रह सकऽ हइ।"
"काहे?"
"ओकन्हीं
जोड़ी नञ् हइ।"
"हमहूँ
एहे सोचऽ हलिअइ!" आउ ऊ अपन दुन्नु हाथ जोड़ लेकइ, मानु गहरा उदासी में।
"जरी
आउ विस्तार से बतावऽ। सुन्नऽ - हमरा नताशा से मिल्ले के बड़गो मन कर रहल ह, काहेकि हमरा
ओकरा साथ बहुत बात करे के हके, आउ हमरा लगऽ हइ, कि हमन्हीं दुन्नु मिलके सब कुछ के
निर्णय कर सकबइ। लेकिन अभी ओकरा दिमाग में चित्रित करऽ हिअइ - ऊ बहुत बुद्धिमान, गंभीर,
सच्ची आउ सुन्दर होवे के चाही। हइ न?"
"हाँ।"
"ओइसीं हमरो
पक्का विश्वास
हलइ। अच्छऽ,
अगर ऊ
अइसन हइ,
त ऊ कइसे अल्योशा
के प्रें
में पड़
गेलइ, अइसन बालक से?
हमरा ई
समझावऽ; हम अकसर एकरा
बारे सोचऽ
ही।"
"ई समझावल नञ् जा
सकऽ हइ,
कतेरिना फ़्योदोरोव्ना;
ई कल्पना करना मोसकिल
हइ,
कि काहे
लगी आउ
कइसे प्रेम
में पड़ल
जा सकऽ
हइ। हाँ,
ऊ बालक हइ। लेकिन
जानऽ हो,
बालक के
प्रेम कइसे
कइल जा
सकऽ हइ?"
(हमर हृदय
पिघल गेलइ,
ओकरा तरफ
देखते आउ
ओकर आँख
तरफ,
जे एकटक,
गहराई से,
गंभीरतापूर्वक आउ
अधीर ध्यान
से हमरा
पर केन्द्रित
हलइ।) "आउ जेतने जादे
नताशा खुद
नञ् बालिका
सदृश हइ",
हम बात
जारी रखलिअइ,
"जेतने जादे
ऊ गंभीर रहऽ हइ,
ओतने जादे
ऊ ओकर प्रेम में
पड़ सकऽ
हइ। अल्योशा
सच्चा, निष्ठावान, अत्यंत भोला-भाला, आउ कभी-कभी शानदार
बच्चा लगऽ
हइ। नताशा,
शायद, ओकर प्रेम में
पड़ गेलइ
- ई कइसे कहल जाय?
... मानु कोय
तरस के
कारण। उदार
हृदय तरस
खाके प्यार
में पड़
सकऽ हइ
... लेकिन, हमरा लगऽ हइ,
कि हम
तोहरा कुछ
नञ् समझा
सकऽ हियो,
लेकिन हम
तोहरे पुच्छऽ
हियो - आखिर तूँ ओकरा
प्यार करऽ
हो?"
हम साहसपूर्वक ओकरा
से ई
प्रश्न कइलिअइ
आउ हमरा
लगलइ, कि अइसन प्रश्न
के शीघ्रता
से हम
ई स्वच्छ आत्मा के
असीम, बालसहज पवित्रता के
संकोच में
नञ् डाल
सकऽ हिअइ।
"भगमान कसम,
हमरा अभियो
नञ् मालुम",
ऊ शांतिपूर्वक उत्तर देलकइ,
हमरा तरफ
साफ-साफ आँख
में देखते,
"लेकिन, लगऽ हइ,
बहुत प्यार
करऽ हिअइ
..."
"अच्छऽ, त अइकी देखवे
करऽ हो।
आउ समझा
सकऽ हो,
काहे लगी
ओकरा प्यार
करऽ हो?"
"ओकरा में
झूठ नञ्
हइ",
सोचके ऊ
उत्तर देलकइ,
"आउ जब
ऊ सीधे आँख में
देखऽ हइ
आउ साथे
साथ कुछ
बोलऽ हइ,
त हमरा बहुत पसीन
पड़ऽ हइ
... सुनऽ, इवान पित्रोविच, अइकी हम तोहरा
से एकरा
बारे बोल
रहलियो ह,
हम लड़की
हिअइ, आउ तूँ पुरुष;
त की हम ई
ठीक कर
रहलिए ह,
कि नञ्?"
"लेकिन एकरा
में अइसन
की बात
हइ?"
"एहे तो।
निस्सन्देह, एकरा
में अइसन
की हइ?
लेकिन अइकी
ओकन्हीं (ऊ आँख से
समूह के
तरफ इशारा
कइलकइ, जे समावार भिर
बैठल हलइ),
ओकन्हीं, शायद, कहतइ, कि ई निम्मन नञ् हइ।
त ओकन्हीं सही हइ,
कि नञ्?"
[*351]
"नञ्!
आखिर तूँ
दिल में
ई नञ् सोचऽ हो,
कि कुछ
गलत कर
रहलहो ह,
मतलब ..."
"अइसीं हम
हमेशे करऽ
हिअइ", ऊ टोकलकइ, स्पष्टतः यथासंभव हमरा
साथ जादे
से जादे
बात करे
लगी शीघ्रता
करते, "जइसीं हम कोय
बात में
संकोच में
पड़ जा
हिअइ, त तुरते अपन
दिल से
पुच्छऽ हिअइ,
आउ अगर
ई सहज रूप में
हइ,
त हमहूँ सहज होवऽ
हिअइ। अइसीं
हमेशे करे
के चाही।
आउ हम
ओहे से
तोहरा साथ
बिलकुल खुले
दिल से
बोलऽ हियो,
मानु हम
खुद से
(बात कर
रहलिए ह),
कि,
पहिला, तूँ बहुत निम्मन
अदमी हकऽ,
आउ हम
अल्योशा के
पहिले के
नताशा के
साथ तोहर
कहानी जानऽ
हियो, आउ हम रो
पड़लिअइ, जब हम सुनलिअइ।"
"आउ तोहरा
केऽ कहलको?"
"जाहिर हइ,
अल्योशा, आउ ऊ खुद आँसू बहइते
बतइलकइ - ई आखिर ओकरा
तरफ से
निम्मन हलइ,
आउ हमरा
बहुत पसीन
पड़लइ। हमरा
लगऽ हइ,
ऊ तोहरा जादे प्यार
करऽ हको,
बनिस्पत तूँ
ओकरा, इवान पित्रोवच। अइकी
एहे बात
से तो
हमरा ऊ
पसीन पड़ऽ
हइ। अच्छऽ,
आउ दोसरा,
हम ई
वजह से
तोहरा साथ
बोलऽ हियो,
मानु खुद
से,
कि तूँ
बहुत बुद्धिमान
व्यक्ति हकहो
आउ हमरा
बहुत सलाह
दे सकऽ
हो आउ
हमरा सिखा
सकऽ हो।"
"तूँ कइसे
जानऽ हो,
कि हम
एतना बुद्धिमान
हिअइ, कि हम तोहरा
सिखा सकऽ
हियो?"
"अइकी; ई तूँ की
कह रहलहो
ह!"
ऊ सोच में पड़
गेलइ।
"हम तो
आखिर अइसीं
बोल देलियो;
सबसे मुख्य
बात पर
बात कइल
जाय। हमरा
बतावऽ, इवान पित्रोविच - अइकी हमरा अभी
लगऽ हइ,
कि हम
नताशा के
प्रतिद्वन्द्वी हिअइ,
हम आखिर
ई बात जानऽ हिअइ,
त हमरा की करे
के चाही?
हम ओहे
से तोहरा
पुछलियो - की ओकन्हीं सुखी
होतइ? हम एकरा बारे
दिन-रात सोचऽ
हिअइ। नताशा
के परिस्थिति
दयनीय हइ,
दयनीय! आखिर अल्योशा ओकरा
प्यार करना
बिलकुल बंद
कर देलकइ,
आउ ऊ
हमरा अधिकाधिक
प्यार करे
लगले ह।
हइ न?"
"लगऽ तो
अइसने हइ।"
"आउ आखिर
ऊ ओकरा धोखा नञ्
दे हइ।
ओकरा खुद
नञ् समझ
में आवऽ
हइ,
कि ऊ
प्यार करना
बंद कर
रहले ह,
आउ नताशा
शायद ई
बात जानऽ
हइ। ओकर
हालत केतना
दयनीय हइ!"
"तूँ की
करे लगी
चाहऽ हो,
कतेरिना फ़्योदोरोव्ना?"
"हमरा पास
बहुत प्लान
हइ",
ऊ गंभीरतापूर्वक उत्तर देलकइ,
"लेकिन ई
दौरान हम
बिलकुल दुविधा
में हिअइ।
ओहे से
तो हम
तोहर एतना
आतुरता से
इंतजार कर
रहलियो हल,
कि तूँ
हमरा ई
सब के
बारे निर्णय
कर सकहो।
तूँ ई
सब हमरा
से कहीं
बहुत जादे
जानऽ हो।
आखिर तूँ
हमरा लगी
अब तो
मानु एक
प्रकार से
भगमान हकऽ।
"सुनऽ, हम पहिले अइसन
सोचऽ हलिअइ
- अगर ओकन्हीं
एक दोसरा
के प्यार
करऽ हइ,
त ई जरूरी हइ,
कि ओकन्हीं
सुखी रहइ,
आउ ओहे
से हमरा
खुद के
बलिदान कर
देवे के
चाही आउ
ओकन्हीं के
मदत करे
के चाही।
एहे बात
हइ!"
"हम जानऽ
हियो, कि तूँ खुद
के बलिदान
कइलहो।"
"हाँ,
बलिदान कइलिअइ,
लेकिन बाद
में जब
ऊ हमरा हीं भेंट
देवे लगलइ
आउ लगातार
जादे से
जादे हमरा
प्यार करे
लगलइ, त हम खुद
के बारे
सोचे लगलिअइ
आउ लगातार
सोचते रहऽ
हिअइ - बिलदान कइल जाय,
कि नञ्?
आखिर ई
बहुत खराब
बात हइ,
सच हइ
न?"
"ई
स्वाभाविक हइ", हम उत्तर देलिअइ, "अइसन होवे के चाही ... आउ तूँ दोषी नञ्
हकऽ।"
"हम
नञ् सोचऽ हिअइ; ई तूँ बोलऽ हो, काहेकि तूँ दयालु हकहो। आउ हम अइसे सोचऽ हिअइ, काहेकि
हमर हृदय बिलकुल शुद्ध नञ् हइ। अगर हृदय शुद्ध रहते हल, त हम जनतिए हल, कि की निर्णय
करे के चाही। लेकिन ई बात के रहे देल जाय! बाद में हमरा ओकन्हीं के संबंध में प्रिंस
से जरी आउ विस्तार से मालुम चललइ, मामन से, खुद अल्योशा से आउ हम अंदाज लगइलिअइ, कि
ओकन्हीं बराबर नञ् हइ; तूँ अइकी अभी पुष्टि कइलहो। हमहूँ [*352] आउ अधिक सोलिअइ - अब की कइल जाय? आखिर अगर ओकन्हीं
सुखी नञ् होतइ, त ओकन्हीं के बेहतर हइ कि अलगे हो जइते जाय; आउ बाद में हम सोचलिअइ
- कि सब कुछ के बारे तोहरा से पूछताछ कइल जाय आउ सीधे नताशा के पास जाल जाय, आउ ओकरा
साथ सब मामला के निर्णय कइल जाय।"
"लेकिन
निर्णय कइसे कइल जाय? ई प्रश्न हइ।"
"हम
तो ओकरा एहे कहबइ - «आखिर तूँ उनका सबसे जादे प्यार करऽ हो, आउ ओहे से अपन सुख के अपेक्षा
उनकर सुख के जादे खियाल रक्खे के चाही; परिणामस्वरूप, उनका से अलगे हो जाय के चाही»।"
"हाँ,
लेकिन ऊ एकरा कइसे स्वागत करतइ? अगर ऊ तोहर बात से सहमत हो जा हइ, त की अइसन करे के
ओकरा हिम्मत पड़तइ?"
"अइकी
एकरे बारे तो हम दिन-रात सोचते रहऽ हिअइ आउ ... आउ ..."
आउ
ऊ अचानक रो पड़लइ।
"तोहरा
विश्वास नञ् होतो, कि नताशा लगी हमरा केतना तरस आवऽ हइ", ऊ फुसफुसइलइ, आँसू से
अपन हिलते होंठ के साथ।
आउ
कुछ कहे लायक नञ् हलइ। हम चुप हलिअइ, आउ हमरो रोनी सूरत हो गेलइ, ओकरा तरफ देखते, कइसनो
प्रेम के कारण। केतना प्यारी हलइ ई बालिका! हम ओकरा नञ् पुछलिअइ, कि काहे ऊ खुद के
अल्योशा के सुखी बनावे के योग्य समझऽ हइ।
"तूँ
तो संगीत पसीन करऽ हो न?" ऊ पुछलकइ, कुछ शांत होला पर, अभियो कुछ पल के पहिले
के आँसू से विचारमग्न होल।
"पसीन
हइ", हम उत्तर देलिअइ, कुछ अचरज से।
"अगर
समय होतो हल, त हम तोहरा लगी बेटहोवेन के तेसरा कोन्सेर्तो (Beethoven's third
concerto) बजइतियो हल। हम अभी ओकरा बजावऽ हियो। एकरा में ई सब्भे भावना हइ ... बिलकुल
ओइसीं, जइसन कि हम अभी अनुभव करऽ हिअइ। अइसन हमरा लगऽ हइ। लेकिन ई दोसरा समय; आउ अभी
बात करे के चाही।"
हमन्हीं
सब चर्चा करे लगलिअइ, कि कइसे ओकरा नताशा के साथ मिलना होतइ आउ ई सब के इंतजाम कइसे
कइल जइतइ। ऊ हमरा बतइलकइ, कि ओकरा पर नजर रक्खल जा हइ, हलाँकि ओकर सतेली माय निम्मन
हइ आउ ओकरा प्यार करऽ हइ, लेकिन ओकरा नताल्या निकोलायेव्ना से कइसनो हालत में मिल्ले
नञ् देतइ; आउ ओहे से एगो चाल चल्ले के फैसला कइलकइ। सुबह में ऊ कभी टहले जा हइ, लगभग
हमेशे काउंटेस के साथ। कभी-कभी काउंटेस ओकरा साथ नञ् जा हइ, लेकिन ओकरा अकेल्ले फ्रेंच
औरत के साथ जाय दे हइ, जे अभी बेमार हइ। अइसन तब होवऽ हइ, जब काउंटेस के सिरदर्द रहऽ
हइ; आउ ओहे से इंतजार करे पड़तइ, जब ओकरा सिरदर्द होतइ। आउ एकर पहिले अपन फ्रेंच औरत
के समझइतइ (एक तरह से संगति के रूप में, एगो बूढ़ी), काहेकि फ्रेंच औरत बहुत दयालु हइ।
परिणामस्वरूप अइसन होलइ, कि कइसूँ पहिले से नताशा के हियाँ भेंट लगी दिन निश्चित करना
असंभव हलइ।
"नताशा
के साथ तूँ मिलबऽ आउ तोरा एकरा लगी पछतावा नञ् होतो", हम कहलिअइ। "ऊ खुद
तोहरा जाने लगी चाहऽ हको, आउ ई जरूरी हइ कम से कम ओकरा जाने लगी, कि ऊ अल्योशा के केकरा
सौंप रहले ह। ई मामला में जादे चिंता मत करऽ। समय तोहर चिंता के बेगर फैसला करतइ। त
तूँ गाम जा रहलहो ह?"
"हाँ,
जल्दीए, शायद एक महिन्ना के बाद", ऊ उत्तर देलकइ, "आउ हम जानऽ हिअइ, कि प्रिंस
ई बात लगी जिद कइले हथिन।"
"तूँ
की सोचऽ हो, तोहरा साथ अल्योशा जइतो?"
"अइकी
हमहूँ एहे सोच रहलिए हल!" ऊ बोललइ, एकटक हमरा दने तकते। "आखिर ऊ तो जइतइ।"
"जइतो।"
[*353] "हे भगमान, ई सब के अन्त की होतइ - मालुम नञ्।
सुनऽ, इवान पित्रोविच। हम तोहरा सब कुछ के बारे लिखते रहबो, अकसर लिखबो आउ बहुत। अब
हम तोहरा बहुत कष्ट देवे लगलियो ह। की हमन्हीं हीं अकसर अइते रहबहो?"
"मालुम
नञ्, कतेरिना फ़्योदोरोव्ना - ई परिस्थिति पर निर्भर हइ। शायद, हम बिलकुल नञ् आ पइबो।"
"काहे?"
"ई
कइएक कारण पर निर्भर हइ, आउ मुख्य, प्रिंस के साथ हमर संबंध पर।"
"ई
बेईमान अदमी हइ।", दृढ़ स्वर में कात्या बोललइ। "आउ जानऽ हो, इवान पित्रोविच,
अगर हम तोहरा हीं अइलियो तब!" ई निम्मन होतइ कि नञ्?"
"तूँ खुद की सोचऽ हो?"
"हमरा तो लगऽ हइ, कि ई निम्मन
बात हइ। त, हम तोहरा हीं भेंट दे सकऽ हियो ...", ऊ आगू बोललइ, मुसकइते।
"आउ हम आखिर ई लगी कहऽ हियो, कि हम एकरा अलावे, तोहरा आदर करऽ हियो - हम तोहरा
बहुत प्यार करऽ हियो ... आउ तोहरा से बहुत कुछ सीख सकऽ हिअइ। आउ हम तोहरा पसीन करऽ
हियो ... आउ की आखिर ई शरम के बात नञ् हइ, कि हम तोहरा ई सब बोलऽ हियो?"
"एकरा में शरम के की बात
हइ? तूँ खुद्दे अब ओतने प्रिय लगऽ हो, जेतना कि हमर परिवार।"
"त आखिर तूँ हमर मित्र बन्ने
लगी चाहऽ हो?"
"ओह, हाँ, हाँ!" हम
उत्तर देलिअइ।
"अच्छऽ, लेकिन लोग पक्का
कह सकऽ हइ, कि ई शरमनाक बात हइ आउ नवयुवती के अइसे व्यवहार नञ् करे के चाही",
ऊ टिप्पणी कइलकइ, फेर से हमरा चाय के टेबुल भिर बतियाऽ रहल मंडली तरफ इशारा करके।
"हियाँ हम देखऽ हिअइ, कि प्रिंस, लगऽ हइ, जानबूझके हमन्हीं के अकेल्ले में मनमाना
बात करे लगी छोड़ देलके ह।"
"आखिर हम बहुत निम्मन से
जानऽ हिअइ", ऊ आगू बोललइ, "प्रिंस के हमर पैसा चाही। हमरा बारे ओकन्हीं सोचऽ
हइ, कि हम बिलकुल बुतरू हिअइ, आउ हियाँ तक कि सीधे ई बात बोलऽ हइ। हम लेकिन अइसन नञ्
सोचऽ हिअइ। हम अब बुतरू नञ् हिअइ। ओकन्हीं विचित्र लोग हइ - खुद्दे आखिर ओकन्हीं बुतरू
नियन हइ; अच्छऽ, ओकन्हीं कउची लगी दौड़धूप कर रहले ह?"
"कतेरिना फ़्योदोरोव्ना,
हम पुच्छे लगी भूल गेलियो - ई लेविन्का आउ बोरिन्का केऽ हइ, जेकन्हीं हीं एतना अकसर
अल्योशा आवऽ हइ?"
"एकन्हीं हमर दूर के रिश्तेदार
हइ। ओकन्हीं बहुत बुद्धिमान आउ बहुत ईमानदार हइ, लेकिन बहुत बोलऽ हइ ... हम ओकन्हीं
के जानऽ हिअइ ..."
आउ ऊ मुसकइलइ।
"की ई सच हइ, कि तूँ ओकन्हीं
के कभी भविष्य में दस लाख रूबल देवे लगी चाहऽ हो?"
"अच्छऽ, अइकी देखवे करऽ
हो, बल्कि ई दस लाख के बात होवे, ओकन्हीं एकरा बारे एतना बकबक करते जा हइ, कि बरदास
के बाहर हो जा हइ। हम, निस्सन्देह, खुशी से कोय भी उपयोगी चीज पर योगदान करबइ, काहे
लगी एतना बड़गो रकम चाही, हइ न? लेकिन आखिर कभियो हम एकरा दान करबइ; लेकिन ओकन्हीं हुआँ
अभी विभाजित करते जा हइ, चर्चा करऽ हइ, चिल्ला हइ, वाद-विवाद करऽ हइ - काहाँ एकर बेहतर
उपयोग कइल जा सकऽ हइ, एकरा चलते झगड़ते भी जा हइ - एतना कि ई विचित्र भी लगऽ हइ। बहुत
जल्दी करब करऽ हइ। लेकिन तइयो ओकन्हीं एतना निष्ठावान हइ आउ ... बुद्धिमान। ओकन्हीं
अध्ययन करब करऽ हइ। ई कइसूँ बेहतर हइ, बनिस्पत कि दोसरा लोग के नियन। ठीक हइ न?"
आउ बहुत कुछ हमन्हीं बात करते
गेलिअइ। ऊ हमरा लगभग पूरे जिनगी के बारे बतइलकइ आउ उत्सुकतापूर्वक हमर कहानी सुनलकइ।
हमेशे माँग करते रहलइ, कि हम ओकरा नताशा आउ अल्योशा के बारे जादे से जादे विस्तार से
बतइअइ। बारह बज चुकले हल, जब प्रिंस हमरा भिर अइलइ आउ सूचित कइलकइ, [*354] कि अब छुट्टी लेवे के समय हो गेलइ। हम अलविदा कहलिअइ।
कात्या गरमजोशी के साथ हमरा से हाथ मिलइलकइ आउ भावपूर्ण ढंग से हमरा दने देखलकइ। काउंटेस
हमरा फेर से भेंट देवे लगी कहलकइ; हम आउ प्रिंस साथ-साथ निकसलिअइ।
हम एगो विचित्र आउ, शायद, बिलकुल
अप्रासंगिक टिप्पणी करे से खुद के रोक नञ् सकऽ हिअइ। कात्या के साथ अपन तीन घंटा के
बातचीत से, हम, प्रसंगवश, एक प्रकार के विचित्र, लेकिन साथे-साथ गंभीर धारणा सिखलिअइ,
कि ऊ अभी तक बिलकुल बुतरू हइ, कि पुरुष आउ स्त्री के बीच के संबंध के सब रहस्य के बारे
ऊ बिलकुल नञ् जानऽ हइ। ई ओकर कुछ विचार के असाधारण हास्यजनक विशिष्टता प्रदान कइलकइ,
आउ सामान्य रूप से ऊ गंभीर स्वर के, जेकरा से ऊ कइएक बहुत महत्त्वपूर्ण विषय पर बोललइ
...
भूमिका भाग 3, अध्याय 8 भाग 3, अध्याय 10
No comments:
Post a Comment