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Friday, September 03, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 2; अध्याय 7

                                    अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 2

अध्याय 7

ठीक सात बजे हम मस्लोबोयेव के हियाँ हलिअइ। ऊ शेस्तिलवोचनयऽ स्ट्रीट में रहऽ हलइ, एगो छोटगर घर में, बहिर्भवन (outhouse) में, तीन कमरा के काफी गंदा फ्लैट में, लेकिन फर्नीचर के मामले में साज-सज्जा खराब नञ् हलइ। हियाँ तक कि कुछ सम्पन्नता भी देखाय दे हलइ आउ साथे-साथ अत्यंत अव्यवस्था। हमरा लगी दरवाजा खोललकइ एगो अत्यंत सुन्दर लगभग पनरह साल के लड़की, बहुत सादा पोशाक में, लेकिन बहुत निम्मन से धारण कइले, बहुत साफ-सुथरा आउ अत्यंत निम्मन, प्रसन्न आँख वली। हम तुरते अन्दाज लगा लेलिअइ, कि एहे हइ ठीख ऊ अलक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना, जेकरा बारे सुबह में सरसरी तौर पर (in passing) ऊ उल्लेख कइलके हल, ओकरा साथ परिचय प्राप्त करे लगी बहलइते। ऊ पुछलकइ - हम केऽ हिअइ, आउ, हमर सरनेम जानके, कहलकइ, कि ऊ हमर इंतजार कर रहले ह, लेकिन अभी अपन कमरा में सुत्तल हइ, जाहाँ ऊ हमरा ले गेलइ। मस्लोबोयेव एगो उत्तम मुलायम सोफा पर सुत्तल हलइ, अपन गंदा ओवरकोट से खुद के ढँकले, आउ अपन सिर के निच्चे जीर्ण तकिया के साथ। ओकर नीन बहुत संवेदनशील हलइ; जइसीं हमन्हीं प्रवेश कइलिअइ, ऊ तुरते हमरा नाम लेके पुकरलकइ।

"ओह! ई तूँ! इंतजार में हियो। अभी सपना में देखलियो, कि तूँ अइलऽ आउ हमरा उठा रहलऽ ह। मतलब, समय हो गेलइ। चलल जाय।"

"काहाँ जा रहलिए ह?"

"महिला के पास।"

"केकरा हीं? काहे लगी?"

"मैडम बुबनोवा के हियाँ, ओकर छुट्टी करे लगी। कइसन सुन्दरी हइ!" धीमे गति से बोललइ, अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना तरफ संबोधित करते, मैडम बुबनोवा के स्मरण पर ओकर अँगुरी के सिरा के चुमवो कइलकइ।

"चलऽ, जा, झूठ बोलऽ ह!" अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना बोललइ, जरी नराजगी देखाना अपन ड्यूटी समझके।

"उनका नञ् जानऽ हो? परिचित हो ल, भाय - अइकी, अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना, हम तोहरा परिचित करावऽ हियो - ई हथिन साहित्यिक जेनरल; इनकर खाली साल में एक तुरी फोकट में दर्शन कइल जा हइ, लेकिन दोसर समय में पैसा पर।"

"अच्छऽ, त अइकी हम बेवकूफ ढूँढ़लिअइ। तूँ ओकर बात, किरपा करके, मत सुनिहऽ, हमेशे हमरा पर हँस्सऽ हको। ई महाशय कइसन जेनरल हो सकऽ हथिन?"

[*273] "हम तो अपने के बारे बोल रहलिए ह, कि बहुत महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हथिन। आउ तूँ, महामहिम, नञ् सोचऽ, कि हमन्हीं बेवकूफ हिअइ; हमन्हीं बहुत बुद्धिमान हिअइ, बनिस्पत कि पहिला नजर में देखे में लगऽ हिअइ।"

"ओकर बात मत सुनिहऽ! हमेशे सज्जन लोग के बीज शरमा दे हका, बेशरम कहीं के। काश कभी थियेटर ले जइता हल।"

"प्यार करहो, अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना, अपन गृहस्थी के ... आउ भुला तो नञ् गेलहो न, कि प्यार करना की होवे के चाही? ई शब्द तो नञ् भुला गेलहो? एहे शब्द लगी हम तोहरा सिखइलियो हल न?"

"निस्सन्दे नञ् भुलइलिअइ। कुछ बकवास एकर मतलब होवऽ हइ।"

"अच्छऽ, त की हइ ऊ शब्द?"

"अइकी हम अतिथि के सामने खुद के बदनाम करबइ। एकर, शायद, कुछ तो 'शरमनाक' मतलब होवऽ हइ। हमर जीभ काट ल, अगर हम कहियो।"

"मतलब, भूल गेलथिन-जी?"

"लेकिन हम तो नञ् भुलइलिअइ; पिनातेस[1] ! प्यार करऽ अपन पिनातेस के ... त अइकी आखिर आविष्कार करते रहऽ हका! शायद, कभी कोय पिनातेस नञ् हलइ; आउ काहे लगी ओकरा प्यार कइल जाय? हमेशे बकवास करते रहऽ हका!"

"लेकिन मैडम बुबनोवा के हियाँ ..."

"उफ तूँ आउ तोहर बुबनोवा!" आउ अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना बड़गो गोस्सा में दौड़ल बाहर चल गेलइ।

"समय हो गेल! चलल जाय! अलविदा, अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना!"

हमन्हीं बाहर चल गेलिअइ।

"देखहो, वान्या, पहिला, ई गाड़ी में बैठल जाय। अइसे। आउ दोसरा, हम कल्हे,  जब हम तोहरा से बिदा हो रहलियो हल, कुछ तो आउ जनलिअइ आउ अन्दाज से नञ् जनलिअइ, बल्कि सही-सही। हम वसिल्येव्स्की द्वीप पर पूरे एक घंटा रहलिअइ। ई लेदहा - भयंकर बदमाश, गंदा, नीच, फालतू के आउ अनेक तरह के नीच हरक्कत करे वला अदमी हइ। ई बुबनोवा कब से बदनाम हइ अइसने कुछ हरक्कत खातिर। ऊ हाल में एगो शरीफ घराना के एगो लड़की के साथ लगभग पकड़ा गेलइ। ई मलमल के पोशाक, जेकरा में ऊ ई अनाथ लड़की के सज्जित कइलके हल (जइसन कि तू हाल में बतइलहो), हमरा शांति नञ् देलकइ; काहेकि ई मामले के बारे पहलहीं सुन चुकलिए ह। हाल में हमरा आउ कुछ पता चललइ, बिलकुल संयोगवश, लेकिन, लगऽ हइ, विश्वसनीय हइ। लड़की के उमर की हइ?"

"चेहरा से एहे कोय तेरह साल के।"

"लेकिन वास्तव में कमती हइ। अइसीं ऊ कररतइ। जरूरत पड़ला पर, एगारह बोलतइ, आउ दोसरा बखत पनरह। आउ चूँकि बेचारी के कोय सुरक्षा नञ् हइ, न परिवार, तब ..."

"वास्तव में?"

"आउ तूँ की सोच रहलहो हल? आखिर मैडम बुबनोवा खाली सहानुभूतिवश तो एगो अनाथ लड़की के नञ् रखलके होत। आउ अगर लेदहा हुआँ के आदत पकड़ लेलकइ, त एहे बात हइ। ऊ ओकरा आझ सुबह देखलकइ। आउ बेवकूफ सिज़ोब्रियूख़ोव के आझ सुन्दरी देवे के वचन देल गेले ह, एगो विवाहित औरत, एगो स्टाफ-अफसर के पत्नी। रंगरेली मनावे वलन में से व्यापारी लोग के बेटा सब एतना हद तक पागल होवऽ हइ; हमेशे रैंक के खोज में रहऽ हइ। ई हइ, जइसन कि लैटिन व्याकरण में हइ, आद हको - प्रत्यय के अपेक्षा अर्थ के वरीयता देल जा हइ। लेकिन, हम अभियो, लगऽ हको, सुबहे से नीसा में हियो। लेकिन, बुबनोवा अइसन काम करे के साहस नञ् करइ। ऊ पुलिस के भी आँख में धूल झोंके लगी चाहऽ हइ; लेकिन ई बकवास हइ! आउ ओहे से हमरो डर लगऽ हइ, काहेकि ऊ जानऽ हइ, कि हम गुर्रह रखले हिअइ ... इत्यादि - समझलहो?"

[*274] हमरा तो बड़गो अचंभा होलइ। ई सब समाचार हमर आत्मा के झकझोर देलकइ। हमरा लगातार चिंता लग रहल हल, कि हम सब लेट हो जइबइ, आउ कोचवान के जल्दी से गाड़ी हाँके लगी कहलिअइ।

"फिकिर मत करऽ; कदम उठा लेवल गेले ह", मस्लोबोयेव बोललइ। "हुआँ मित्रोश्का हइ। सिज़ोब्रियूख़ोव ओकरा पैसा चुकइतइ, लेकिन लेदहा नीच - माल के बदले माल से। ई बिलकुल हाल में निश्चित कइल गेलइ। अच्छऽ, आउ बुबनोवा हमर बाँटी में आवऽ हइ ... ओहे से ऊ साहस नञ् करे ..."

हम सब अइलिअइ आउ रेस्तोराँ के पास ठहरलिअइ; लेकिन ऊ अदमी, मित्रोश्का, हुआँ नञ् हलइ। कोचवान के रेस्तोराँ के ड्योढ़ी के पास इंतजार करे लगी आदेश देके, हमन्हीं बुबनोवा के हियाँ गेलिअइ। मित्रोश्का गेट बिजुन हमन्हीं के इंतजार कर रहले हल। खिड़की में तेज रोशनी हलइ, आउ सिज़ोब्रियूख़ोव के पीयल, लोट-पोट के हँसी सुनाय दे रहले हल।

"हुआँ ओकन्हीं सब्भे हइ, कोय पनरह मिनट से", मित्रोश्का सूचित कइलकइ। "अभिए उचित समय हइ।"

"लेकिन हम सब अन्दर कइसे जइबइ?" हम पुछलिअइ।

"अतिथि के रूप में", मस्लोबोयेव उत्तर देलकइ। "ऊ हमरा जानऽ हइ; आउ मित्रोश्का के भी जानऽ हइ। सच हइ, सब कुछ ताला से बन्द हइ, लेकिन हमन्हीं लगी नञ्।"

ऊ धीरे से गेट पर दस्तक देलकइ, आउ ई तुरते खुल गेलइ। दरबान खोललकइ आउ मित्रोश्का के साथ इशारा में बात होलइ। हम सब धीरे से अन्दर गेलिअइ; घर में हमन्हीं के कोय नञ् सुनलकइ। दरबान हमन्हीं के सीढ़ी पर से उपरे ले गेलइ आउ दस्तक देलकइ। ओकरा (अन्दर से) पुकारल गेलइ; ऊ उत्तर देलकइ, कि ऊ अकेल्ले हइ - "मिल्ले के हइ, बोलके"।

दरवाजा खुललइ, आउ हम सब एक्के साथ अन्दर गेलिअइ। दरबान गायब हो गेलइ।

"अरे, ई केऽ हइ?" बिबनोवा चिल्लइलइ, पीयल आउ बिखरल बाल में, सकेत प्रवेशमार्ग में, हाथ में मोमबत्ती लेले।

"केऽ?" मस्लोबोयेव बोललइ। "ई कइसे तूँ, आन्ना त्रिफ़ोनोव्ना, अपन प्रिय अतिथि के नञ् पछनलहो? आउ केऽ हइ, अगर हमन्हीं नञ् हिअइ? ... फ़िलिप फ़िलिपिच।"

"ओह, फ़िलिप फ़िलिपिच! ई तूँ हकहो जी ... प्रिय अतिथि ... लेकिन अपने जी ... हम जी ... कुछ नञ् जी ... एद्धिर पधारथिन जी।"

आउ ऊ बिलकुल भौंचक रह गेलइ।

"काहाँ एद्धिर? लेकिन हियाँ तो विभाजक टट्टी (partition) हइ ... नञ्, हमन्हीं के बेहतर स्वागत करऽ। हमन्हीं तोहरा हीं ठंढा पीबइ, लेकिन छोटकी मा शेर[2] नञ् हइ?"

मेहमानदारिन के पल भर में ढाढ़स बन्ह गेलइ।

"अइसन प्रिय अतिथि खातिर तो हम जमीन के अन्दर से खोज लेबइ; चीन साम्राज्य से मँगवा देबइ।"

"दू शब्द, डार्लिंग आन्ना त्रिफ़ोनोव्ना - हियाँ सिज़ोब्रियूख़ोव हइ?"

"ह...हियाँ।"

"ओहे तो हमरा चाही हल। ऊ, कमीना, कइसे साहस कइलकइ, हमरा बेगर रंगरेली मनावे के!"

"ऊ तो तोहरा, शायद, नञ् भुलइलो ह। लगातार केकरो तो इंतजार कर रहला हल, शायद, तोहर।"

मस्लोबोयेव दरवाजा के ढकललकइ, आउ हमन्हीम खुद के एगो छोटगर कमरा में पइलिअइ, जेकरा में दू गो खिड़की हलइ, जिरेनियम[3], बेंत के कुरसी आउ दयनीय हालत में पियानो के साथ; सब कुछ जइसन हालत में चाही हल। लेकिन एकर पहिले, जबकि हमन्हीं घुसलिअइ, आउ प्रवेशमार्ग में बतियाब करऽ हलिअइ, मित्रोश्का गायब हो चुकले हल। हमरा बाद मेम पता लगलइ, कि ऊ अन्दर अइवे नञ् कइले हल, बल्कि दरवाजा के पीछू इंतजार कर रहले हल। ओकरा लगी बाद में कोय तो दरवाजा खोले वला हलइ। बिखरल बाल आउ पाउडर से लाल कइल चेहरा वली औरत, जे सुबह में बुबनोवा के पीठ के पीछू से तक रहले हल, ओकर धर्ममाता (godmother) हलइ।

[*275] सिज़ोब्रियूख़ोव एगो पतरा महोगनी सोफा पर बैठल हलइ, एगो गोल टेबुल के सामने, जे कपड़ा से आच्छादित हलइ। टेबुल पर गरम शैम्पेन के दू गो बोतल रक्खल हलइ, आउ खराब रम (rum) के एक बोतल; प्लेट में मिठाय, केक आउ तीन तरह के नट हलइ। टेबुल के पीछू, सिज़ोब्रियूख़ोव के सामने, एगो करीब चालीस साल के चेचकरू घृणास्पद जीव बैठल हलइ, एगो करिया ताफ़्ता[4] पोशाक में आउ काँसा के कंगन आउ जड़ाऊ पिन के साथ। ई हलइ स्टाफ-अफसर के पत्नी, स्पष्टतः नकली। सिज़ोब्रियूख़ोव पीयल हलइ आउ बहुत खुश। ओकर लेदहा साथी ओकरा साथ नञ् हलइ।

"त लोग अइसे व्यवहार करऽ हइ!" गला फाड़के मस्लोबोयेव चिल्लइलइ, "आउ ऊ ड्यूसो लगी भी आमंत्रित करऽ हइ!"

"फ़िलिप फ़िलिपिच, अपने तो हमरा खुश कर देलथिन जी!" सिज़ोब्रियूख़ोव बड़बड़इलइ, हमन्हीं के स्वागत करे खातिर परमानंद के मुद्रा में उठते।

"पीयऽ हो?"

"जी, माफ करथिन।"

"माफी नञ् माँगऽ, लेकिन अतिथि लोग के आमंत्रित करऽ। तोरा साथ रंगरेली मनावे लगी अइते गेलथुन हँ। अइकी एगो आउ अतिथि के लइलियो ह - मित्र!" मस्लोबोयेव हमरा तरफ इशारा कइलकइ।

"खुशी होलइ जी, मतलब हमरा खुश कइलथिन जी ... खी!"

"देखहो, एकरा शैम्पेन कहल जा हइ! ई तो पतगोबी के खट्टा सूप नियन लगऽ हइ।"

"अपने हमरा अपमानित करऽ हथिन जी।"

"मतलब, तूँ ड्यूसो में अपन चेहरा नञ् देखावे के साहस करऽ हो; आउ ओहो आमंत्रित कइला पर!"

"ऊ अभी बता रहले हल, कि पेरिस होके अइले ह", स्टाफ-अफसर के पत्नी बोललइ, "ई तो झूठ हइ, शायद!"

"फ़िदोस्या तितिस्ना, नराज नञ् होथिन जी। जी, हम गेलिए हल। यात्रा कइलिए हल जी।"

"अच्छऽ, अइसन मुझीक (देहाती) पेरिस में?!"

"गेलिए हल जी। जा सकलिए हल जी। हम आउ कार्प वसील्यिच हुआँ दोसर हलिअइ। कार्प वसील्यिच के जानऽ हथिन जी?"

"आउ काहे लगी हम तोर कार्प वसील्येविच के जानबो?"

"जी, एहे बात हइ ... ई राजनीति के मामला हइ जी। आउ हमन्हीं दुन्नु हुआँ, पेरिस में हलिअइ जी, मैडम जूबेर (Joubert) के हियाँ जी, शेवल-ग्लास[5] के तोड़ देलिए हल जी।"

"कउची तोड़ देलहो हल?"

"शेवल-ग्लास जी। ई दर्पण पूरे देवाल पर छत (ceiling) तलुक हलइ; आउ कार्प वसील्यिच एतना पीयल हलइ, कि मैडम जूबेर जी के साथ रूसी में बोले लगलइ। ऊ ई दर्पण भिर खड़ी हलइ, आउ अपन केहुनी ओकरा से टिका देलकइ। आउ जूबेर तो ओकरा तरफ चिल्ला हइ, अपनहीं तरह से - «दर्पण के सात सो फ्रैंक कीमत हइ (हमन्हीं के मुद्रा के अनुसार चार सो रूबल), तूँ एकरा तोड़ देम्हीं!» ऊ दाँत निपोरऽ हइ आउ हमरा दने तक्कऽ हइ; आउ हम सामने के सोफा पर बैठल हिअइ, आउ एगो सुन्दरी हमर बगल में, आउ अइसन थोपड़ा नञ्, जइसन कि अइकी ई हइ जी, बल्कि सर्वांग सुन्दरी, एक शब्द में कहल जाय त जी। आऊ चिल्ला हइ - «स्तेपान तेरेन्तिच, ए स्तेपान तेरेन्तिच! आधा-आधा चलतइ की?» हम बोलऽ हिअइ - «चलतउ!» - आउ ऊ कइसन मुक्का लगइलकइ दर्पण पर - चनाक! आउ काच चूर-चूर होके बिखर गेलइ। जूबेर्त चिल्ला उठलइ, आउ सीधे ओकर चेहरा तरफ झपटऽ हइ आउ चढ़ जा हइ - «तूँ की कर रहलहीं हँ, डाकू, काहाँ आ गेलहीं हँ?» (मत लब अपन भाषा में)। आउ ऊ ओकरा - «तूँ, ऊ बोलऽ हइ, मैडम जूबेर्त, पैसा ले ल, आउ हमरा रोकऽ नञ्», आउ हिएँ परी ओकरा छो सो पचास फ्रैंक सौंप देलकइ। पचास फ्रैंक के मोल-जोल कर लेल गेलइ जी।"

[*276] तखनिएँ, जाहाँ हमन्हीं हलिअइ, कहीं तो कुछ दरवाजा के पीछू, हुआँ से दू-तीन कमरा दूर, एगो भयंकर आउ कर्णबेधी चीख सुनाय देलकइ। हम काँप गेलिअइ आउ चिखियो पड़लिअइ। हम ई चीख के पछान गेलिअइ - ई एलेना के अवाज हलइ। ई करुण चीख के तुरते बाद दोसरो चीख, गारी-गल्लम, धमा-चौकड़ी आउ आखिरकार स्पष्ट, ठनकदार, साफ-साफ चेहरा पर थप्पड़ के अवाज सुनाय देलकइ। ई, शायद, मित्रोश्का के अपन तरफ से कार्रवाई हलइ। अचानक फटाक से दरवाजा खुललइ आउ एलेना, पीयर होल, धुँधलाल आँख के साथ, उज्जर मलमल, लेकिन बिलकुल मचोरल आउ फट्टल-फुट्टल पोशाक में, कंगही करके झारल, लेकिन मानु झगड़ा में बिखरल, बाल के साथ कमरा में तेजी से अइलइ। हम दरवाजा के सामने हलिअइ, आउ ऊ सीधे हमरा तरफ अइलइ आउ हमरा से लिपट गेलइ। सब कोय उठ खड़ी होलइ, सब कोय के बीच हलचल मच गेलइ। ओकरा अइला पर चीख-चिल्लाहट सुनाय देलकइ। एलेना के बाद दरवाजा के प्रवेशमार्ग में मित्रोश्का प्रकट होलइ, अपन लेदहा दुश्मन के अत्यंत दयनीय हालत में बाल से घसीटते लइलकइ। ओकरा दहलीज तक घसीटते लइलकइ आउ हमन्हीं के सामने कमरा में बजाड़ देलकइ।

"अइकी हको! ल एकरा!" मित्रोश्का बिलकुल संतुष्ट मुद्रा में बोललइ।

"सुन्नऽ", मस्लोबोयेव बोललइ, शांति से हमरा भिर अइते आउ फेर हमर कन्हा थपथपाके, "हमन्हीं के गाड़ी पकड़ऽ, लड़की के ल आउ अपना हीं ले जा, आउ हियाँ तोरा आउ कुछ करे के नञ् हको। बिहान बाकी बच्चल काम के हम देख लेबो।"

हम आउ कुछ नञ् सोचलिअइ। एलेना के हाथ पकड़के, हम ओकरा ई अड्डा से निकास लेलिअइ। हमरा मालुम नञ्, कि ओकन्हीं बीच आगू के मामला के अंत कइसे होलइ। हमन्हीं के कोय नञ् रोकलकइ - मालकिन बुबनोवा तो आतंकित हलइ। सब कुछ एतना तेजी से घटलइ, कि ऊ दखल भी नञ् दे पइलकइ। कोचवान हमन्हीं के इंतजार कर रहले हल, आउ बीस मिनट के बाद हम अपन फ्लैट में हलिअइ।

एलेना तो अधमरू नियन हलइ। हमर ओकर पोशाक के हुक खोललिअइ, चेहरा पर पानी छिड़कलिअइ आउ सोफा पर पाड़ देलिअइ। ओकरा बोखार आउ सरसाम चालू हो गेलइ। हम ओकर पीयर चेहरा तरफ देखलिअइ, ओकर फीका पड़ल होंठ, ओकर कार केश, जेकरा निम्मन से सँवारल आउ केशलेप लगावल (pomaded) हलइ, लेकिन एक तरफ हो गेले हल, ओकर पूरा साज-शृंगार के तरफ देखलिअइ, ई सब गुलाबी फूलगाँठ (bows), जे ओकर पोशाक पर अभियो जाहाँ-ताहाँ रह गेले हल - आउ आखिरकार ई पूरा घृणास्पद कहानी समझ गेलिअइ। बेचारी! ओकर हालत लगातार बद से बत्तर होते गेलइ। हम ओकरा भिर से अलगे नञ् होलिअइ आउ आझ शाम नताशा के पास नञ् जाय के फैसला कइलिअइ। कभी-कभी एलेना अपन लमगर भौं उपरे उठावऽ हलइ आउ हमरा तरफ देखऽ हलइ, आउ देर तक एकटक देखते रहऽ हलइ, मानु हमरा पछाने के प्रयास कर रहले हल। पहिलहीं लेट हो चुकले हल, रात के एक बज गेले हल, त ओकरा नीन आ गेलइ। हम ओकर बगल में फर्श पर सुत गेलिअइ।

 

भूमिका                       भाग 2, अध्याय 6                   भाग 2, अध्याय 8



[1] पिनातेस (Penates) - (रोमन मिथक में) परिवार, घरेलू चूल्हा आउ पूरे राज्य के सुरक्षा करे वला देवता; प्राचीन रोमन लोग द्वारा वेस्ता (चूल्हा के देवता) आउ कुलदेवता के साथ-साथ पूजल जाय वला घरेलू देवता।

[2] मा शेर (ma chère) - (फ्रेंच) हमर प्रेयसी।

[3] जिरेनियम (geranium) - एक प्रकार के फूलदार पौधा।

[4] ताफ़्ता (taffeta) - कड़ा चमकदार कपड़ा।

[5] शेवल-ग्लास (cheval-glass) - स्टैंड पर लगल घुम्मे वला मनुष्य के ऊँचाई के दर्पण।


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