अपमानित आउ तिरस्कृत
उपसंहार
अध्याय 2
निकोलाय
सिर्गेयिच, जे मोसकिल से दहलीज पार कइलथिन हल, अपन आदत के अनुसार, जोर-जोर से बोले
लगलथिन। आन्ना अन्द्रेयेव्ना उनका तरफ अइसीं हाथ लहरइलकइ। बुढ़उ तुरते शांत हो गेलथिन
आउ, हमरा आउ नताशा के देखके, फुसफुसाके आउ जल्दीबाजी में हमन्हीं के अपन दौड़धूप के
परिणाम के बारे बतावे लगला - ऊ पद, जेकरा चलते दौड़धूप कर रहलथिन हल, उनका मिल गेले
हल, आउ ऊ बहुत खुश हलथिन।
"दू
सप्ताह के बाद जाल जा सकऽ हइ", ऊ कहलथिन, हाथ रगड़ते, आउ चिन्तातुर मुद्रा में,
कनखी से नताशा तरफ निगाह डालते। लेकिन ऊ उनका मुसकान सहित उत्तर देलकइ आउ उनका गले
लगा लेलकइ, ओहे से उनकर शंका तुरते गायब हो गेलइ।
"जइते
जइबइ, जइते जइबइ, हमर मित्र लोग, जइते जइबइ!" ऊ बोललथिन, खुश होके। "अइकी
खाली तूँ, वान्या, खाली तोरा से अलग होना पीड़ादायक हइ ... (हियाँ हम टिप्पणी करबइ,
कि ऊ एक्को तुरी हमरा उनकन्हीं के साथ चले के प्रस्ताव नञ् रखलथिन, जे, उनकर स्वभाव
के अनुसार सोचल जाय तो, अवश्य कर सकऽ हलथिन ... दोसर परिस्थिति में, मतलब अगर नताशा
के प्रति हमर प्यार के बारे नञ् जानथिन हल।)
"खैर,
की कइल जाय, मित्र लोग, की कइल जाय! हमरा तकलीफ होवऽ हइ, वान्या; लेकिन जगह के बदलाव
हमन्हीं सब के सजीव बना देतइ ... जगह के बदलाव - मतल सब कुछ के बदलाव!" ऊ आगू
बोललथिन, एक तुरी आउ अपन बेटी तरफ निगाह डालते।
ऊ
एकरा में विश्वास करऽ हलथिन आउ अपन विश्वास में खुश हलथिन।
"आउ
नेली?" आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ।
"नेली?
एकरा में की हइ ... ऊ, हमर दुलारी, जरी बेमार हइ, लेकिन तब तक तो ऊ निश्चय चंगा हो
जइतइ। ओकरा तो अभियो बेहतर हइ - तोर की विचार हइ, वान्या?" ऊ बोललथिन, मानु भञभीत
होल, आउ बेचैनी से हमरा दने देखलथिन, मानु हमरे उनकर हैरानी के निर्णय करे के हलइ।
"ऊ
कइसन हइ? कइसे सुतले हल? ओकरा कुछ होले हल तो नञ्? अब की ऊ जग गेले ह? तूँ जानऽ हो
आन्ना अन्द्रेयेव्ना - हमन्हीं जल्दी से जल्दी टेबुल के [*431] टेरेस पर हटा देबइ, समावार लावल जइतइ, हमन्हीं के
दोस्त लोग अइते जइथिन, हमन्हीं सब्भे बैठते जइबइ, आउ नेली हमन्हीं पास बाहर अइतइ
... ई निम्मन होतइ। की ऊ जग गेलइ? हम ओकरा भिर जा हिअइ। खाली ओकरा एक नजर देखबइ
... ओकरा जगइबइ नञ्, चिंता मत करऽ!" ऊ आगू बोललथिन, ई देखके, कि आन्ना अन्द्रेयेव्ना
फेर से उनका पर हाथ लहरइलकइ।
लेकिन
नेली जग चुकले हल। पनरह मिनट के बाद हमन्हीं सब्भे, हमेशे नियन, टेबुल के चारो तरफ
शाम के समावार भिर बैठल हलिअइ।
नेली
के अरामकुरसी पर बाहर लावल गेलइ। डाक्टर अइलथिन, मस्लोबोयेव भी अइलइ। ऊ नेली खातिर
लिलैक के बड़गो पुष्प-गुच्छ (बुके) लइलकइ; लेकिन खुद कोय बात लगी चिंतित हलइ आउ मानु
झुँझलाल।
संयोगवश
- मस्लोबोयेव लगभग हरेक दिन आवऽ हलइ। हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह, कि सब कोय, आउ
खास करके आन्ना अन्द्रेयेव्ना, बहुत जादे प्यार करऽ हलइ, लेकिन कभी-कभी हमन्हीं हीं
अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना के बारे श्रव्य ध्वनि में एक्को शब्द नञ् बोलल जा हलइ;
आउ न खुद मस्लोबोयेव ओकरा बारे उल्लेख करऽ हलइ। आन्ना अन्द्रेयेव्ना, हमरा से जान लेला
पर, कि अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना अभियो तक ओकर कानूनी पत्नी नञ् हो पइले हल, अपन निश्चय कर चुकले हल, कि
ओकरा घर में स्वागत करना आउ ओकरा बारे बोलना असंभव हइ। अइसने अनुपालन कइल जा हलइ, आउ
अइसने खुद आन्ना अन्द्रेयेव्ना बहुत स्पष्ट देखाय दे हलइ। लेकिन, अगर नताशा ओकरा हीं
नञ् रहते हल आउ, मुख्य बात, ऊ नञ् होते हल, जे होलइ, त ऊ, शायद, ओतना नकचढ़ू (दुष्तोषणीय,
squeamish) नञ् होते हल।
नेली
ई शाम कइसूँ विशेष रूप से उदास हलइ आउ कोय मामले में परेशान हलइ। मानु ऊ खराब सपना
देखलके हल आउ कोय चीज के बारे विचारमग्न हलइ। लेकिन मस्लोबोयेव के उपहार से ऊ बहुत
खुश होलइ आउ आनंदपूर्वक फूल तरफ देख रहले हल, जेकरा ओकरा सामने ग्लास में रक्खल हलइ।
"मतलब
तोरा फूल बहुत पसीन हउ, नेली?" बुढ़उ पुछलथिन। "जरी ठहर!" ऊ सजीव होल
आगू बोललथिन, "बिहाने ... अइकी तूँ खुद देखम्हीं! ..."
"पसीन
हके", नेली उत्तर देलकइ, "आउ हमरा आद पड़ऽ हके, कि कइसे हमन्हीं माय के फूल
से स्वागत करऽ हलिअइ। माय, जब हमन्हीं हुआँ हलिअइ (हुआँ के मतलब अभी विदेश में हलइ), एक तुरी पूरे
महिन्ना बहुत बेमार हलइ। हम आउ हाइनरिष (Heinrich) सहमत होलिअइ, कि जब ऊ उठतइ आउ जब
पहिले तुरी अपन शय्या-कक्ष से बाहर जइतइ, जाहाँ से ऊ पूरे महिन्ना बाहर नञ् गेले हल,
त हमन्हीं सब्भे कमरा के फूल से सजाऽ देते जइबइ। आउ अइसीं करते गेलिअइ। माय शाम में
कहलकइ, कि बिहान सुबह में ऊ पक्का हमन्हीं साथ बाहर नाश्ता करे लगी जइतइ। हमन्हीं भोरगरिए
उठ गेलिअइ। हाइनरिष बहुत सारा फूल लइलकइ, आउ हमन्हीं पूरा कमरा के हरियर पत्ता आउ माला
से सजाऽ देते गेलिअइ। आउ मारवल्ली (ivy) हलइ आउ अइसने चौलगर पत्ता हलइ - हमरा मालुम
नञ् कि ऊ सब के की नाम हइ - आउ दोसर-दोसर पत्ता, जे सब कुछ से चिमट जा हइ, आउ बड़गर-बड़गर
उज्जर फूल हलइ, आउ नार्सिसस हलइ,
आउ हम एकरा सब फूल के अपेक्षा सबसे जादे पसीन करऽ ही, आउ गुलाब हलइ, अइसन गौरवशाली
गुलाब, आउ कइएक-कइएक फूल हलइ। हमन्हीं ऊ सब के माला के रूप में लटका देलिअइ आउ बरतन
में रख देलिअइ, आउ अइसन फूल हुआँ हलइ, मानु पूरा पेड़ बड़गो टब में; हमन्हीं ऊ सब के
कोना में रख देलिअइ आउ माय के अरामकुरसी बिजुन, आउ जब माय बाहर निकसलइ, त अचंभित हो
गेलइ आउ बहुत खुश होलइ, आउ हाइनरिष खुश हलइ ... हमरा ई अब आद आवऽ हइ ..."
एहे
शाम नेली कइसूँ विशेष रूप से दुर्बल हलइ आउ अतिभावुक। डाक्टर चिंतातुर होल ओकरा तरफ
ताक रहलथिन हल। लेकिन ओकरा बोले के बहुत मन कर रहले हल। आउ बहुत देर तक, गोधूलि वेला
तक, ऊ हुआँ के [*432] अपन जिनगी के बारे बतइलकइ; हमन्हीं ओकरा नञ् टोकलिअइ।
हुआँ ऊ अपन माय आउ हाइनरिष के
साथ बहुत यात्रा कइलके हल, आउ पहिलउका संस्मरण ओकर स्मृति में बिलकुल स्पष्ट रूप से
फेर से ताजा हो रहले हल। ऊ उत्साहपूर्वक बतइलकइ नीला आकाश के बारे, उँचगर-उँचगर पहाड़
के बारे, हिम आउ बरफ से आच्छादित, जे ऊ देखलके हल आउ जेकरा से होके यात्रा कइलके हल,
आउ पर्वतीय जलप्रपात के बारे; फेर इटली के झील आउ घाटी के बारे, फूल आउ पेड़ के बारे,
ग्रामीण लोग के बारे, ओकन्हीं के पोशाक के बारे आउ ओकन्हीं के सामर चेहरा आउ करिया
आँख के बारे; तरह-तरह के भेंट-मोलकात, समारोह आउ घटना के बारे, जे ओकन्हीं के साथ होले
हल। बाद में बड़गर-बड़गर शहर आउ राजमहल के बारे, गुंबद के साथ उँचगर चर्च के बारे, जे
पूरा अचानक रंग-बिरंगा रोशनी से जगमगा गेले हल; बाद में नीला आकाश आउ नीला समुद्र के
साथ गरम, दक्षिणी शहर के बारे ... पहिले कभियो नेली हमन्हीं के एतना विस्तार से अपन
संस्मरण नञ् सुनइलके हल। हमन्हीं ओकरा अत्यन्त ध्यान से सुन रहलिए हल। हमन्हीं सब अब
तक खाली दोसर संस्मरण के बारे जानऽ हलिअइ - अन्हार, उदास शहर में, यातनादायक, विस्मयकारक
वातावरण के साथ, प्रदूषित वायु के साथ, बेशकीमती महल के साथ, हमेशे गंदगी से भरल; सूरज
के धुँधला रोशनी के साथ आउ दुष्ट, अधकपारी लोग के साथ, जेकरा से एतना जादे ऊ आउ ओकर
माय तकलीफ झेललके हल। आउ हमर मस्तिष्क में चित्रित हो उठलइ, कि कइसे ओकन्हीं दुन्नु
गंदा तलघर में, सीलन भरल अन्हार शाम में, अपन खस्ता हालत बिछावन के गले लगाके, अपन
भूतकाल के आद करऽ हलइ, स्वर्गीय हाइनरिष के बारे आउ आश्चर्यजनक दोसर देश के बारे
... हमरा नेली के भी कल्पना होलइ, जे अब अकेल्ले ई सब कुछ के आद करऽ हलइ, बिन अपन माय
के, जब बुबनोवा मार-धारके वहशी जानवर के निर्दयता के साथ ओकरा तोड़े लगी चाहऽ हलइ आउ
खराब काम करे लगी जबरदस्ती करऽ हलइ ...
लेकिन
आखिरकार नेली के घुमारी नियन लगलइ, आउ ओकरा वापिस अन्दर लावल गेलइ। बुढ़उ बहुत डर गेलथिन
आउ झुँझला गेलथिन, कि ओकरा एतना जादे बात करे के मोक्का देल गेलइ। ओकरा कइसनो दौरा
पड़लइ, एक प्रकार के सुन्न होय जाय वला। ई दौरा ओकरा साथ पहिलहीं कइएक तुरी दोहरइले
हल। जब ई समाप्त होवऽ हलइ, त नेली हमरा देखे लगी जिद करऽ हलइ। ओकरा कुछ तो हमरा अकेल्ले
में कहे के रहऽ हलइ। ऊ एकरा बारे एतना निवेदन करऽ हलइ, कि अबरी डाक्टर खुद जोर देलथिन,
कि ओकर इच्छा के पूरा कइल जाय के चाही, आउ सब कोय कमरा से बाहर निकस गेलइ।
"बात
ई हइ, वान्या", नेली कहलकइ, जब हमन्हीं दुइए गो रह गेलिअइ, "हम जानऽ हिअइ,
ओकन्हीं सोचऽ हथिन, कि हम ओकन्हीं साथे जइबइ; लेकिन हम नञ् जइबइ, काहेकि हम जा नञ्
सकऽ हिअइ, आउ हम तोहरा हीं रहबो, आउ ई हमरा तोरा बताना जरूरी हलो।"
हम
ओकरा समझावे लगलिअइ; कहलिअइ, कि इख़मेनेव परिवार में ओकरा सब कोय एतना प्यार करऽ हइ,
कि ओकरा सगी बेटी समझल जा हइ। कि सब लोग ओकरा लगी दुखी होथिन। कि हमरा हीं, एकर विपरीत,
ओकरा जीना कठिन होतइ आउ हलाँकि हम ओकरा बहुत मानऽ हिअइ, लेकिन कुछ नञ् कइल जा सकऽ हइ,
अलग होना आवश्यक हइ।
"नञ्,
असंभव!" दृढ़तापूर्वक नेली उत्तर देलकइ, "काहेकि हमरा माय अकसर सपना में आवऽ
हके, आउ ऊ हमरा से बोलऽ हके, कि हम ओकन्हीं साथ नञ् जइअइ आउ हिएँ रहिअइ; ऊ बोलऽ हइ,
कि हम बहुत बड़गो पाप कइलिअइ, कि नाना के अकेल्ले छोड़ देलिअइ, आउ लगातार रोते रहऽ हइ,
जब ई बात बोलऽ हइ। हम हियाँ रहे लगी चाहऽ हूँ आउ नाना के देखभाल करे लगी चाहऽ हूँ,
वान्या।"
"लेकिन
आखिर तोर नाना तो मर गेलथुन, नेली", हम कहलिअइ, ओकर बात के अचरज से सुनके।
ऊ
जरी सोचलकइ आउ एकटक हमरा दने देखते रहलइ।
[*433] "हमरा बतावऽ, वान्या, एक तुरी
आउ",
ऊ कहलकइ, "कि हमर
नाना के
मृत्यु कइसे
होलइ। सब
कुछ बतावऽ
आउ कुच्छो
नञ् छोड़ऽ।"
हम ओकर माँग
पर अचंभित
हो गेलिअइ,
लेकिन तइयो,
पूरा विस्तार
से बतावे
लगलिअइ। हमरा
शंका होलइ,
कि ऊ
सरसाम में
हइ या,
कम से
कम,
कि दौरा
के बाद
ओकर दिमाग
अभियो तक
ताजा नञ्
हइ।
ऊ ध्यान से
हमर कहानी
सुन्ने लगलइ,
आउ हमरा
आद पड़ऽ
हइ,
कि हमर
पूरे कहानी
के सुनावे
के दौरान,
कइसे ओकर
रोगी, ज्वरीय चमक से
चमकइत करिया
आँख एकटक
बिन हिलले-डुलले हमरा
देख रहले
ह। कमरा
में अन्हेरा
हो चुकले
हल।
"नञ्,
वान्या, ऊ नञ् मरलथिन!" - ऊ दृढ़तापूर्वक बोललइ, सब कुछ सुन लेला के बाद आउ एक
तुरी आउ थोड़े देर सोचला पर। "माय हमरा अकसर नाना के बारे बोलऽ हके, आउ जब हम ओकरा
कल्हे बतइलिअइ - «लेकिन आखिर नाना तो मर गेलथिन», त ऊ बहुत दुखी हो गेलइ, रो पड़लइ आउ
हमरा कहलकइ, कि नञ्, कि हमरा जानबूझके अइसे बतावल जा हके, लेकिन ऊ अभी जा हथुन आउ भीख
माँगऽ हथुन, «ओइसहीं जइसे तूँ आउ हम पहिले माँगऽ हलिअइ», माय बोललइ, «आउ ऊ जगहा पर
जा हथुन, जाहाँ परी हमन्हीं दुन्नु उनका से पहिले तुरी मिललिए हल, जब हम उनका सामने
गिर पड़लिए हल आउ अज़ोर्का हमरा पछान लेलके हल ...»"
"ई
सपना हउ, नेली, सपना जे बेमारी में आवऽ हइ, काहेकि तूँ अभी खुद्दे बेमार हकँऽ",
हम ओकरा कहलिहइ।
"आउ
हम खुद सोचलिअइ, कि ई खाली सपना हइ", नेली कहलकइ, "आउ केकरो नञ् बतइलिअइ।
खाली तोरा अकेल्ले बतावे लगी चाहऽ हलियो। लेकिन आझ, जब तूँ नञ् अइलहो आउ हमरा नीन पड़
गेलइ, त हम सपना में देखलिअइ ठीक अपन नाना के। ऊ अपन घर में बैठल हलथिन आउ हमर इंतजार
कर रहलथिन हल, आउ एतना भयंकर, दुब्बर हलथिन, आउ कहलथिन, कि ऊ दू दिन से कुछ नञ् खइलथिन
हँ आउ अज़ोर्का भी, आउ हमरा पर बहुत गोसाल हथिन आउ हमरा डँटलथिन। ऊ हमरा एहो कहलथिन,
कि उनका पास सुँघनी बिलकुल नञ् हइ, आउ कि ई तमाकू बेगर नञ् जी सकऽ हथिन। ऊ वास्तव में,
वान्या, हमरा पहिले एक तुरी बोललथिन हल, माय के मर गेला के बाद, जब हम उनका पास गेलिए
हल। तब ऊ बिलकुल बेमार हलथिन आउ लगभग कुच्छो नञ् समझ पावऽ हलथिन। अइकी जब हम उनका से
आझ सुनलिअइ, आउ सोचऽ हिअइ - हम जइबइ, पुल बपर खड़ी रहबइ आउ भीख माँगबइ, उनका लगी रोटी
खरीदबइ, आउ पकावल आलू, आउ तमाकू। अइकी मानु हम खड़ी हिअइ आउ माँगऽ हिअइ आउ देखऽ हिअइ,
कि नाना पास में चल रहलथिन हँ, जरी धीरे हो जा हथिन आउ हमरा दने आवऽ हथिन, आउ देखऽ
हथिन, हमरा केतना मिलले ह आउ ले ले हथिन। ई तो, बोलऽ हथिन, रोटी भर होलउ, अब तमाकू
खातिर जामा कर। हम जामा करऽ हिअइ, आउ ऊ आवऽ हथिन आउ हमरा से ले ले हथिन। हम उनका बोलवो
करऽ हिअइ, कि अइसूँ हम सब कुछ दे देबइ आउ कुच्छो नञ् छिपइबइ। «नञ्, बोलऽ हथिन, तूँ
हमरा से चोरी करऽ हँ; हमरा बुबनोवा भी बतइलको ह, कि तूँ चोरनी हकहीं, ओहे से तो हम
तोरा कभियो अपना हीं नञ् रक्खऽ हिअउ। तोर आउ पाँच कोपेक के सिक्का के की होलउ?» हम
ई बात लगी रो पड़लिअइ, कि ऊ हमरा पर विश्वास नञ् करऽ हथन, आउ हमर बात नञ् सुन्नऽ हथन
आउ हमेशे चिल्लइते रहऽ हथन - «तूँ पाँच कोपेक के एक सिक्का चोरा लेलँऽ!», आउ हमरा पिट्टे
लगलथन, हुएँ पुलवे पर, आउ दर्दनाक पिटाई कइलथन। आउ हम बहुत रो रहलूँ हल ... अइकी हमहूँ
अभी सोचलिअइ, वान्या, कि ऊ पक्का जिन्दा हथिन आउ कहूँ तो अकेल्ले जा हथिन आउ हमर इंतजार
करऽ हथिन, कि हम उनका हीं अइअइ ..."
हम
ओकरा फेर से समझावे लगलिअइ कि ओकरा गलतफहमी हइ आउ आखिरकार, लगऽ हइ, कि ओकरा विश्वास
देला देलिअइ। ऊ उत्तर देलकइ, कि ओकरा अब सुत्ते में डर लगऽ हइ, काहेकि ऊ नाना के सपना
मेम देखतइ। आखिरकार ऊ हमरा कसके गला से लिपट गेलइ।
[*434] "लेकिन तइयो हम तोरा छोड़ नञ् सकऽ हियो, वान्या!"
ऊ हमरा कहलकइ, अपन जरिकना चेहरा के हमर चेहरा से दबइते। "बल्कि नाना जिन्दा नहिंयों
रहथिन, तइयो हम तोरा से अलगे नञ् होबो।"
घर
में सब लोग नेली के दौरा से भयभीत हलथिन। हम शांतिपूर्वक डाक्टर के ओकर सब सपना के
बारे बतइलिअइ आउ उनका आखिरकार पुछलिअइ, कि ओकर रोग के बारे उनकर की विचार हइ।
"अभी
कुच्छो मालुम नञ्", ऊ उत्तर देलथिन, सोचके, "हमरा अभी खातिर अन्दाज हइ, अभी
सोचऽ हिअइ, प्रेक्षण करऽ हिअइ, लेकिन ... कुच्छो निश्चित कहल नञ् जा सकऽ हइ। सामान्य
रूप से स्वास्थ्यलाभ असंभव हइ। ऊ मर जइतइ। हम उनकन्हीं के नञ् बतावऽ हिअइ, काहेकि तूँ
अइसन निवेदन कइलहो, लेकिन हमरा खेद हइ, हम बिहाने डाक्टर लोग के विचार-विमर्श के प्रस्ताव
रक्खऽ हिअइ। शायद, विचार-विमर्श के बाद रोग कोय दोसरा दिशा लेतइ। लेकिन हमरा ई लड़की
पर बहुत तरस आवऽ हइ, अपन बेटी नियन ... प्यारी, प्यारी लड़की! आउ अइसन चंचल बुद्धि के
साथ!"
निकोलाय
सिर्गेयिच खास करके उत्तेजित हलथिन।
"अइकी,
वान्या, हम सोचलिअइ", ऊ कहलथिन, "ओकरा फूल बहुत पसीन हइ। जानऽ हो की? बिहान
हम सब के सजावट करे के चाही, ताकि जइसीं ऊ जागइ, त ओइसने स्वागत होवइ, फूल से, जइसन
कि ऊ हाइनरिष के साथ अपन माय खातिर कइलके हल, जे ऊ आझ बतइलके हल ... ऊ ई बात केतना
भावुकता के साथ बतइलके हल..."
"एहे
तो भावुकता के साथ हइ", हम उत्तर देलिअइ। "भावुकता तो ओकरा लगी अब खराब हइ
..."
"हाँ,
लेकिन आनंददायक उत्तेजना के मामले दोसरा हइ! विश्वास करऽ, प्यारे, हमर अनुभव पर विश्वास
करऽ, आनंददायक उत्तेजना से कोय हानि नञ्; आनंददायक उत्तेजना बेमारी के ठीक भी कर सकऽ
हइ, स्वास्थ्य के प्रभावित कर सकऽ हइ ..."
एक
शब्द में, बुढ़उ के सोच उनका खुद के एतना मंत्रमुग्ध कर देलके हल, कि ऊ एकरा से हर्षातिरेक
में हो चुकलथिन हल। उनका विरुद्ध एतराज करना असंभव हलइ। हम डाक्टर के सलाह पुछलिअइ,
लेकिन एकर पहिले कि ऊ कुछ सोचथिन, बुढ़उ अपन टोपी उठइलथिन आउ अपन काम लगी दौड़ पड़लथिन।
"अइकी
देखहो", जइते-जइते ऊ हमरा कहलथिन, "हियाँ थोड़हीं दूर पर एगो काँचघर
(greenhouse)हइ; उत्तम काँचघर। माली लोग फूल बेचऽ हइ, खरीदल जा सकऽ हइ, आउ सस्ते में!
... आश्चर्यजनक भी, कि एतना सस्ता हइ! तूँ ई बात आन्ना अन्द्रेयेव्ना के दिमाग में
बैठा देहो, नञ् तो ऊ अभिए गोसा जइता खरचा पर ...अच्छऽ, त अइकी ... हाँ! अइकी आउ, प्यारे
- काहाँ तू अभी जा रहलऽ ह? आखिर तूँ तो अब मुक्त हो गेलऽ, काम समाप्त कर लेलऽ, त फेर
काहे लगी घर जाय लगी जल्दीबाजी हको? हमरे हीं रात गुजारऽ, उपरे, रोशनदार कमरा में
- आद करहो, जइसन कि पहिले गुजारऽ हलहो। आउ तोर गद्दा आउ पलंग - सब हुआँ पहिलउके जगह
पर हको आउ बिन केकरो स्पर्श कइल। तोरा नीन अइतो, फ्रेंच राजा के नियन। ऐं? ठहर जा।
बिहान जरी जल्दी उठते जइबइ, फूल लावल जइतइ, आउ आठ बजे तक हम सब पूरा कमरा के सजइते
जइबइ। आउ नताशा मदत करतइ - ओकरा तो आखिर हमन्हीं दुन्नु के अपेक्षा जादे रुचि हइ
... अच्छऽ, सहमत तो हकहो न? रात गुजारभो न?"
तय
होलइ, कि हम रात भर ठहरबइ। बुढ़उ इंतजाम कइलथिन। डाक्टर आउ मस्लोबोयेव अलविदा कहलथिन
आउ चल गेते गेलथिन। इख़मेनेव परिवार जरी जल्दी सुत्तऽ हलइ, एगारह बजे। जइते बखत, मस्लोबोयेव
विचारमग्न हलइ आउ हमरा कुछ कहे लगी चाहऽ हलइ, लेकिन दोसरा समय तक स्थगित कर देलकइ।
आउ हम जब, बुजुर्ग लोग से अलगे होते बखत, अपन उपरे के रोशनदार कमरा में जाय लगलिअइ,
त, हमरा अचरज होलइ, जब हम उनका फेर से देखलिअइ। ऊ
हमर इंतजार में टेबुल भिर बैठल हलथिन आउ कोय तो पुस्तक उलट-पलट रहलथिन हल।
[*435] "रस्ते से लौट अइलियो, वान्या, काहेकि बेहतर
होत कि अभिए कह दियो। बैठ जा। देखवे करऽ हो, पूरा मामला तो एतना नीरस हइ, झुँझलाहट
भी होवऽ हइ ..."
"की
बात हइ?"
"तोर
नीच प्रिंस दुइए सप्ताह पहिले क्रोधावेश में आ गेले हल; आउ एतना क्रोधावेश में हलइ,
कि हमरा अभी तक जरनी बरऽ हइ।"
"की,
की बात हइ? की वास्तव में तोरा अभियो तक प्रिंस के साथ संपर्क हको?"
"अच्छऽ,
अइकी तोर हियाँ चालू हो गेलो - «की, की बात हइ?», जइसे भगमाने जानऽ हइ कि की होलइ।
तूँ, भाय वान्या, न लेना न देना (अर्थात् बिलकुल ठीक), हमर अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना
हकऽ, आउ सामान्य रूप से ई बरदास के बाहर औरत ... हम औरत के बरदास नञ् कर सकऽ ही!
... कौआ डकतइ - आउ हिएँ «की, की बात हइ?»"
"आउ
तूँ गोस्सा मत करऽ।"
"लेकिन
हम गोस्सा बिलकुल नञ् करऽ हियो, लेकिन हरेक मामला के सामान्य ढंग से देखे के चाही,
बढ़ा-चढ़ा के नञ् ... एहे हमरा कहना हको।"
ऊ
थोड़े देर चुप रहलइ, मानु अभियो तक हमरा पर गोसाल हलइ। हम ओकरा नञ् टोकलिअइ।
"देखहो,
भाय", ऊ फेर शुरू कइलकइ, " हमरा एक सुराग मिललइ ... मतलब वास्तव में नञ्
मिललइ आउ कोय सुराग नञ् हलइ, लेकिन हमरा अइसन लगले हल ... मतलब कुछ कल्पना से हम ई
निष्कर्ष पर अइलिअइ, कि नेली ... शायद ... खैर, एक शब्द में, प्रिंस के कानूनी बेटी
हइ"
"ई
तूँ की कह रहलहो ह!"
"अच्छऽ,
फेर से अभी गरजलऽ - «ई तूँ की कह रहलहो ह!» मतलब अइसन लोग के साथ कुछ नञ् बोलल जा सकऽ
हइ!" ऊ चिल्लइलइ, आवेश में अपन हाथ लहरइते।
"की
हम वास्तव में स्वीकारात्मक ढंग से (positively) कुच्छो कहलियो, तूँ अविवेकी मस्तिष्क
(frivolous head)? हम तोरा कहलियो, कि ऊ प्रिंस के सत्यापित कानूनी बेटी हइ? की हम
बोललियो, कि नञ्? ..."
"सुन्नऽ,
हमर आत्मा", हम ओकरा प्रचंड उत्तेजना में टोकलिअइ, "भगमान के नाम पर, चिल्ला
मत आउ ठीक-ठीक आउ साफ-साफ समझावऽ। भगमान कसम, हम तोरा समझबो। ई बात के समझहो, केतना
हद तक ई महत्त्वपूर्ण मामला हइ आउ कइसन परिणाम ..."
"एहे
तो परिणाम हइ, आउ कउची से? सबूत काहाँ हइ? मामला अइसे नञ् सलटावल जा हइ, आउ हम तोहरा
अभी रहस्य (भेद) के बात बोल रहलियो ह। आउ काहे लगी ई बात तोहरा बतइलियो - बाद में समझइबो।
मतलब, अइसन होवे के चाही हल। चुप रहऽ आउ सुन्नऽ आउ जानऽ, कि ई सब भेद (राज) के बात
हको ...
"देखहो,
मामला की हलइ। शीतकाल में हीं, स्मिथ के मरे के पहिलहीं, अभी-अभी वारसा (Warsaw)से
वापिस अइले हल, आउ ई मामला चालू कइलकइ। मतलब ई बहुत पहिलहीं चालू होले हल, परहीं साल।
लेकिन तब ऊ एक बात के खोज में हलइ, आउ अब दोसरे चीज खोजे लगलइ। मुख्य बात ई हइ, कि
ऊ सूत्र (thread) खो देलके ह। तेरह साल पहिले, जब ऊ पेरिस में स्मिथ के बेटी (नेली
के माय) से अलगे होले हल आउ ओकरा छोड़ देलके हल, लेकिन ई तेरहो साल ऊ ओकरा पर पक्का
नजर रखले हलइ, जानऽ हलइ, कि नेली के माय हाइनरिष के साथ रहऽ हइ, जेकरा बारे आझ बात
चल रहले हल, जानऽ हलइ, कि ओकरा साथ नेली हइ, जानऽ हलइ, कि ऊ खुद्दे बेमार हइ; खैर,
एक शब्द में, प्रिंस सब कुछ जानऽ हलइ, खाली अचानक सूत्र खो देलकइ। आउ होलइ ई, लगऽ हइ,
हाइनरिष के मौत के तुरते बाद, जब स्मिथ के बेटी पितिरबुर्ग आ रहले हल। पितिरबुर्ग में
ऊ, जाहिर हइ, ओकरा तुरते खोज लेते हल, चाहे रूस में ऊ कउनो नाम से काहे नञ् लौटते हल;
लेकिन बात ई हइ, कि ओकर विदेशी [*436] एजेंट
लोग ओकरा गलत सबूत से धोखा देलकइ - ओकरा विश्वास देलइलकइ, कि ऊ औरत दक्षिणी जर्मनी
में एगो कोय निर्जन छोटगर शहर में रहऽ हइ; ओकन्हीं के खुद्दे लापरवाही के चलते गलतफहमी
होलइ - एक औरत के बदले दोसर समझ लेलकइ। अइसने चलते रहलइ एक साल तक या जादहीं। लेकिन
पिछले साल के दौरान प्रिंस के शंका होवे लगलइ - कुछ तथ्य के आधार पर ओकरा पहिलहीं से
लगे लगलइ, कि ई औरत ऊ नञ् हइ। अब सवाल हलइ - स्मिथ के असली बेटी काहाँ गेलइ? आउ ओकर
दिमाग में अइलइ (अइसीं, बिन कोय आधार के) - कहीं ऊ पितिरबुर्ग में हीं तो नञ् हइ? जबकि
ई दौरान विदेश में एक जाँच-पड़ताल चल रहले हल, ऊ हियों दोसर चालू कर देलकइ, लेकिन, प्रतीयमानतः,
ऊ बहुत औपचारिक (कार्यालयीन) रस्ता के उपयोग नञ् करे लगी चहलकइ आउ हमरा से परिचित होलइ।
ओकरा हमर अनुशंसा कइल गेले हल - फलान-फलना, कहल जा हइ, (जासूसी के) बिज़नेस करऽ हइ,
शौकिया तौर पर - इत्यादि, इत्यादि ...
"खैर,
त अइकी ऊ हमरा मामला समझइलकइ; खाली अस्पष्ट रूप से, शैतान के बेटा, समझइलकइ, अस्पष्ट
रूप से आउ द्व्यर्थक रूप से (ambiguously)। गलती बहुत जादे हलइ, कइएक तुरी दोहरइलकइ,
तथ्य सब के एक्के साथ कइएक रूप में बतइलकइ ... खैर, मालुम हइ, चाहे केतनो चलाकी करहो,
सब्भे सूत्र के छिपा नञ् सकऽ हो। हम, जाहिर हइ, ताबेदारी आउ सरल हृदय से शुरू कइलिअइ
- एक शब्द में, दास नियन निष्ठा के साथ; लेकिन नियम के अनुसार, जे हम एक्के तुरी हमेशे
लगी अपनाऽ लेलिए हल, आउ एकर साथे-साथ प्रकृति के नियम के अनुसार (काहेकि ई प्रकृति
के नियम हइ) विचार कइलिअइ, पहिला - की ओहे जरूरत हइ, जे हमरा बतावल गेलइ? दोसरा - की
कहीं बतावल गेल जरूरत के अधीन दोसरो कुछ गुप्त हइ, जे हमरा बतावल नञ् गेलइ? काहेकि
ई परवर्ती दशा में, शायद, तूँहूँ प्रिय पुत्र, अपन कवि मस्तिष्क से समझ सकऽ हो - ऊ
हमरा धोखा दे रहले हल - काहेकि एक जरूरत के, मान लेल जाय, एक रूबल कीमत हइ, जबकि दोसरा
के एकर चार गुना; तब तो हम बेवकूफ होबइ, अगर हम ओकरा एक रूबल में काम करके दे दे हिअइ,
जेकर कीमत चार गुना हइ। हम गहराई से छानबीन करे आउ अन्दाज लगावे लगलिअइ आउ धीरे-धीरे
हमरा सुराग मिल्ले लगलइ; एगो तो हमरा ओकरे हीं से मिल गेलइ, दोसरा - कोय बाहरी अदमी
से, तेसरा अपन खुद के बुद्धि लगाके प्राप्त हो गेल। तूँ शायद पूछ सकऽ हो - ठीक काहे
लगी हम अइसे कार्रवाई करे लगी सोचलिअइ? हम जवाब देबो - बल्कि एक्के कारण रहइ, कि प्रिंस
कोय मामले में बहुत दौड़धूप कर रहले ह, कोय बात से बहुत भयभीत हइ। ओहे से असल में -
लगऽ हइ, काहे लगी भयभीत हइ? अपन प्रेमिका के ओकर बाप से भगाके ले गेलइ, जब ऊ गर्भवती
हो गेलइ, त ओकरा छोड़ देलकइ। अच्छऽ, त एकरा में आश्चर्य के की बात हइ? प्रिय, मनोहर
शरारत आउ एकरा से जादे कुच्छो नञ्। प्रिंस नियन अदमी के एकरा में भयभीत होवे के बात
हइ! लेकिन ऊ तो भयभीत हलइ ... ओहे से हमरा शंका होलइ। हमरा तो, भाय, कुछ रोचक सुराग
मिललो, संयोगवश हाइनरिष के माध्यम से। ऊ, निस्सन्देह मर गेलइ; लेकिन ओकर एक चचेरी बहिन
से (अब ऊ एगो नानबाई (baker)से हिएँ, पितिरबुर्ग में शादी कर लेलके ह), जे ओकरा पहिले
बहुत प्यार करऽ हलइ आउ ओकरा साथ लगातार पनरह साल तक प्यार करते रहले हल, ई मोटका नानबाई
के बावजूद, जेकरा से ऊ संयोगवश आठ बुतरू पैदा कर चुकले ह - ई चचेरी बहिन से, हम कहऽ
हियो, हम, तरह-तरह के वाक्चतुरता से महत्त्वपूर्ण जानकारी ले लेलिअइ - हाइनरिष जर्मन
रिवाज के अनुसार साधारणतः पत्र आउ डायरी लिखते रहऽ हलइ, आउ मौत के पहिले ऊ ओकरा कइसनो
अपन पेपर भेजलके हल। ऊ, बेवकूफ, ई सब पत्र में महत्त्वपूर्ण बात के नञ् समझ पावऽ हलइ,
आउ ऊ सब में खाली ओहे सब अंश समझ पावऽ हलइ, जाहाँ कहल जा हलइ चन्द्रमा के बारे, 'mein
lieber Augustin' के बारे आउ वीलांड के
बारे भी, लगऽ हइ। लेकिन हमरा तो आवश्यक सूचना मिल गेलइ आउ ई सब पत्र के माध्यम से एगो
नयका सुराग मिललइ। [*437] हमरा पता चललइ, मसलन,
मिस्टर स्मिथ के बारे, ऊ रकम के बारे, जे ओकरा हीं से ओकर बेटी चोरइलके हल, प्रिंस
के बारे, जे ऊ रकम के हथियाऽ लेलके हल; आखिरकार, विभिन्न उद्गार, संकेत (इशारा) आउ
अन्योक्ति के बीच, पत्र सब में असली मूलतत्त्व हमरा नजर अइलइ - मतलब, वान्या, तूँ समझऽ
हो! कुच्छो सकारात्मक नञ्। बेवकूफ हाइनरिष जानबूझके एकरा बारे छिपइलकइ आउ खाली संकेत
कइलकइ, खैर, ई सब संकेत से, सब कुछ एकत्र लेके विचार कइला पर, हमरा लगी एगो दिव्य समस्वरता
(heavenly harmony) के उद्भव होवे लगलइ - प्रिंस आखिर स्मिथ के बेटी के साथ विवाहित
हलइ! काहाँ विवाह कइलकइ, कइसे, ठीक-ठीक कब, विदेश में कि हियाँ, दस्तावेज सब काहाँ
हइ? - कुछ नञ् मालुम। मतलब, भाय वान्या, हम झुँझलाहट में केश नोचलिअइ आउ खोजते रहलिअइ,
खोजते रहलिअइ, मतलब दिन-रात खोजते रहलिअइ!
"खोज
लेलिअइ हम, आखिरकार, स्मिथ के भी, लेकिन ऊ अचानक मरियो गेलइ। हम ओकरा जिन्दा हालत में
देखियो नञ् पइलिअइ। तब, एगो संयोग से, हम अचानक जानऽ हिअइ, कि हमरा लगी एगो सन्देहात्मक
स्त्री वसिल्येव्स्की द्वीप में मर गेलइ, हम पूछताछ कर हिअइ - आउ हमरा सुराग मिल जा
हइ। हम द्रुतगति से वसिल्येव्स्की जा हिअइ, आउ, आद करहो, हमन्हीं दुन्नु के तखने भेंट
होलइ। तखने हमरा बहुत कुछ मिललइ। एक शब्द में, ई मामले में हमरा नेली भी बहुत मदत कइलकइ
..."
"सुन्नऽ",
हम ओकरा बीच में टोकलिअइ, "की वास्तव में तोरा लगऽ हको, कि नेली जानऽ हइ
..."
"की?"
"कि
ऊ प्रिंस के बेटी हइ?"
"आखिर
तूँ खुद जानऽ हो, कि ऊ प्रिंस के बेटी हइ", ऊ उत्तर देलकइ, हमरा तरफ एक प्रकार
के क्रोधित झिड़की के साथ, "त काहे लगी अइसन निरर्थक प्रश्न करऽ हो, तूँ बेवकूफ
अदमी? एकरा में मुख्य बात ई नञ् हइ, बल्कि ई, कि ओकरा मालुम हइ, कि ऊ नञ् खाली प्रिंस
के बेटी हइ, बल्कि प्रिंस के कानूनी बेटी हइ - समझलहो?"
"ई
नञ् हो सकऽ हइ!" हम चिल्लइलिअइ।
"हमहूँ
पहिले खुद्दे खुद से बोललिअइ «ई नञ् हो सकऽ
हइ», अभियो कभी-कभी खुद से कहऽ हिअइ «ई नञ् हो सकऽ हइ»! लेकिन एहे तो बात हइ, कि ई हो सकऽ हइ आउ, सब
संभावना के अनुसार, अइसन हइ।"
"नञ्,
मस्लोबोयेव, ई बात नञ् हइ, तूँ भावना में बह गेलऽ ह", हम चिल्लइलिअइ। "ऊ
नञ् खाली एकरा बारे नञ् जानऽ हइ, बल्कि ऊ वास्तव में अवैध (गैरकानूनी) बेटी हइ। की
वास्तव में माय, बल्कि कइसनो दस्तावेज अपन हाथ में रखते, अइसन दयनीय जिनगी हियाँ पितिरबुर्ग
में जीते हल, आउ, एकरा अलावे, अपन बुतरू के अइसन अनाथ के रूप में छोड़ते हल? बहुत हो
गेलो! अइसन नञ् हो सकऽ हइ।"
"हम
खुद्दे अइसन सोचऽ हलिअइ, मतलब ई अभियो तक हमरा सामने पहेली हइ। लेकिन तइयो मामला ई
हइ, कि आखिर स्मिथ के बेटी संसार में अपने आप में अत्यंत उन्मत्त आउ अत्यंत सनकी औरत
हलइ। ऊ असाधारण औरत हलइ; तूँ खाली सब परिस्थिति पर विचार करहो - आखिर ई रोमांसवाद
(स्वच्छंदतावाद) हइ - ई सब अत्यंत वहशी आउ पागलपन के हद तक अलौकिक मूर्खता हइ। एक बात
के लेहो - बिलकुल शुरुआते से ऊ कुछ तो पृथ्वी पर स्वर्ग के सपना देखऽ हलइ आउ देवदूत
के बारे, ओकर प्यार अअगाध हलइ, विश्वास असीम हलइ आउ, हमरा पक्का विश्वास हइ, बाद में
ऊ पागल हो गेलइ ई कारण से नञ्, कि ऊ (प्रिंस) ओकरा प्यार करना छोड़ देलकइ आउ ओकरा त्याग
देलकइ, बल्कि ई कारण से, कि ओकरा चलते ऊ धोखा खइलकइ, कि ऊ ओकरा धोखा देवे आउ त्याग
देवे के लायक हलइ; ई कारण से, कि ओकर देवदूत गंदगी में बदल गेलइ, ओकरा पर थूक देलकइ
आउ ओकरा अपमानित कइलकइ। ओकर रोमानी आउ पागल आत्मा ई बदलाव [*438] बरदास नञ् कर पइलकइ। आउ ओकरा उपरे अपमान - समझहो,
कइसन अपमान! भय में आउ, मुख्य रूप से, स्वाभिमान में ऊ ओकरा से असीम घृणा के साथ मुँह
फेर लेलकइ। ऊ सब संबंध तोड़ देलकइ, सब दस्तावेज फाड़ देलकइ; पैसा पर थूक देलकइ, हियाँ
तक कि भूल गेलइ, कि ई पैसा ओक्कर नञ् हइ, बल्कि ओकर बाप के, आउ ई रकम के अस्वीकार कर
देलकइ, गंदगी नियन, धूरी नियन, ताकि अपन धोखा देवे वला (पति) के आध्यात्मिक गरिमा से
कुचल देइ, ताकि ओकरा चोर समझइ आउ ओकरा जिनगी भर घृणा करे के अधिकार रक्खइ, आउ तबहिएँ,
शायद, कहलकइ, कि ऊ ओकर पत्नी कहलाय में अपन अपमान समझऽ हइ। हमन्हीं बीच तलाक नञ् होले
ह, लेकिन वास्तव में ओकन्हीं बीच तलाक होल हइ, आउ तब बाद में ओकरा हीं से मदत माँगे
लगी निवेदन करे लायक की रह गेले हल! आद रखहो, कि ऊ, पगली, नेली से अपन मृत्यु-शय्या
पर हीं बोलले हल - ओकरा हीं मत जइहँऽ, काम करिहँऽ, मर जइहँऽ, लेकिन ओकन्हीं हीं नञ्
जइहँऽ, चाहे जे कोय तोरा बोलावउ (मतलब, ऊ तबहियों सपना देखऽ हलइ, कि ओकरा बोलावल जइतइ,
आउ परिणामस्वरूप, एक तुरी आउ बदला लेवे के अवसर मिलतइ, बोलावे वला के घृणा से कुचले
के - एक शब्द में, रोटी के अपेक्षा बुरा सपना से जीयऽ हलइ)। हम नेली से पूछके बहुत
जानकारी प्राप्त कइलियो ह, भाय; हियाँ तक कि अभियो कभी-कभी पूछताछ करके जानकारी ले
हियो। निस्सन्देह, ओकर माय रोगी हलइ, तपेदिक (टीबी) के; ई रोग से विशेष रूप से कड़वाहट
विकसित होवऽ हइ आउ सब तरह के चिड़चिड़ाहट; लेकिन, तइयो, हमरा पक्का मालुम हइ, बुबनोवा
के हियाँ के एगो धर्ममाता (godmother)के माध्यम से, कि ऊ प्रिंस के लिखलके हल, हाँ,
प्रिंस के, ठीक बिलकुल प्रिंस के ..."
"लिखलके
हल! आउ पत्र पहुँचले हल?" हम अधीरतापूर्वक चिल्लइलिअइ।
"एहे
तो बात हइ, हमरा मालुम नञ्, कि ई पहुँचलइ, कि नञ्। एक तुरी स्मिथ के बेटी ई धर्ममाता
से हिल-मिल गेले हल (आद हको, बुबनोवा के हियाँ पावडर लगइले लड़की के? - अभी ऊ सुधार-गृह
में हइ), आउ ओकरा साथ ई पत्र भेजे वली हलइ आउ ओकरा (प्रिंस के) लिखियो चुकले हल, लेकिन
नञ् सौंपलकइ, वापिस ले लेलकइ; ई घटना ओकर मौत के तीन सप्ताह पहिले के हइ ... तथ्य महत्त्वपूर्ण
हइ - अगर एक तुरी ऊ भेजे के फैसला कइले हल, त सब एक्के बात हइ, बल्कि ऊ वापिस ले लेलके
हल - दोसरा तुरी भेज सकऽ हलइ। ई तरह, ऊ पत्र भेजलकइ कि नञ् भेजलकइ - हमरा मालुम नञ्;
लेकिन विश्वास करे के एक आधार हइ, कि नञ् भेजलकइ, काहेकि प्रिंस के शायद
पता चल गेलइ, कि ऊ पितिरबुर्ग में हइ आउ ठीक
काहाँ परी, लगऽ हइ, ओकर मौत के बादे पता चललइ। ऊ तो खुश होले होत!"
"हाँ,
हमरा आद पड़ऽ हइ, अल्योशा कोय तो पत्र के बारे बोल रहले हल, जे ओकरा बहुत खुश कर देलके
हल, लेकिन ई बहुत हाल के बात हइ, कुल्लम कोय दू महिन्ना पहिले के। खैर, बाद में की
होलइ, बाद में, प्रिंस के साथ तोहर कइसन चल रहलो ह?"
"हाँ,
त हमरा प्रिंस के साथ कइसन चल रहले ह? समझहो - हमरा पूरा नैतिक विश्वास हइ, लेकिन एक्को
पक्का सबूत नञ् - एक्को गो नञ्, चाहे हम केतनो प्रयास कइलिअइ। स्थिति नाजुक
हइ! विदेश में छानबीन करे के जरूरत हलइ, लेकिन विदेश में काहाँ? - मालुम नञ्। हम, निस्सन्देह,
समझ गेलिअइ, कि हमरा सामने युद्ध के बात हइ, कि हम ओकरा खाली संकेत से डरा सकऽ हिअइ,
देखावा कर सकऽ हिअइ, कि हमरा जादहीं कुछ मालुम हइ, बनिस्पत कि जेतना वास्तव में हमरा
मालुम हइ ..."
"अच्छऽ,
त एकरा से की?"
"ऊ
धोखा में नञ् पड़लइ, लेकिन तइयो, भयभीत हलइ, एतना भयभीत हलइ, कि अभियो भय खा हइ। हमन्हीं
बीच कइएक मीटिंग होलइ; कइसन लज़ारुस के स्वांग भरलकइ! एक तुरी, मित्रता के तौर पर, खुद
हमरा सब कुछ बतावे लगलइ। ई घटना तब के हइ, जब ऊ सोचऽ हलइ, कि हम सब कुछ जानऽ हिअइ।
निम्मन से बतावऽ हलइ, भावुकता के साथ, खुले दिल से - जाहिर हइ, निर्लज्जतापूर्वक झूठ
बोलऽ हलइ। तखनिएँ [*439] हमरा अन्दाज मिललइ,
कि केतना हद तक ऊ हमरा से भयभीत हलइ। हम ओकरा सामने एक समय अत्यंत भोला-भाला के रूप
में स्वांग कइलिअइ, आउ बाहर से देखइलिअइ, कि हम चाल चल्लब करऽ हिअइ। हम ओकरा अकुलशलतापूर्वक
भयभीत कइलिअइ, मतलब जानबूझके अकुशलतापूर्वक; हम ओकरा जानबूझके रूक्ष बनइलिअइ, हम ओकरा
धमकी देहीं वला हलिअइ - सब कुछ ई बात लगी, कि ऊ हमरा भोला-भाला समझइ आउ कइसूँ बात टुभक
देइ। ऊ अन्दाज लगा लेलकइ, नीच! दोसरा तुरी हम पीयल होवे के देखावा कइलिअइ, तइयो कोय
बात नञ् बनलइ - धूर्त! तूँ, भाय, की समझ सकऽ हो, वान्या, कि हमरा सब कुछ पता लगावे
के हलइ, कि केतना हद तक ऊ हमरा से भयभीत हइ, आउ दोसर - ओकरा ई विश्वास करावे के, कि
हमरा जादहीं कुछ मालुम हइ, बनिस्पत कि जेतना वास्तव में जानऽ हिअइ..."
"अच्छऽ,
आखिर की होलइ?"
"कुच्छो
फयदा नञ् होलइ। जरूरत हलइ सबूत, तथ्य के, लेकिन ऊ सब हमरा पास नञ् हलइ। एक्के बात खाली
ऊ समझऽ हलइ, कि हम तइयो ओकर बदनामी कर सकऽ हलिअइ। निस्सन्देह, ऊ खाली बदनामी से डरऽ
हलइ, ई बात लेके आउ जादे, कि हियाँ ऊ संबंध बनावे लगी शुरू कइलके हल। आखिर तूँ जानऽ
तो होतहो, कि ऊ शादी करे जा रहले ह?"
"नञ्
..."
"अगला
साल! अपना लगी दुलहिन ऊ परेसाल देख लेलके हल; ऊ तब चौदहे साल के हलइ, अब ऊ पनरह साल
के हइ, लगऽ हइ, अभियो तक पेटबन्द (pinafores) में चल्लऽ हइ, बेचारी। ओकर माता-पिता
खुश हइ! समझऽ हो, केतना ओकरा लगी जरूरी हलइ, कि ओकर पत्नी मर जाय? जेनरल के बेटी, पैसा
वली लड़की - बहुत पैसा! तूँ आउ हम, भाय वान्या, कभियो अइसन शादी नञ् कर सकऽ हिअइ
... हम खुद के जिनगी भर ई बात लगी माफ नञ् करबइ", मस्लोबोयेव चिल्लइलइ, कसके टेबुल
पर मुक्का से प्रहार करते, "ई - जेकरा से हमरा ऊ फाँस लेलकइ, दू सप्ताह पहिले
... नीच!"
"ई
कइसे?"
"अइसीं।
हम देखऽ हिअइ, ऊ समझ गेलइ, कि हमरा पास कुच्छो ठोस सबूत नञ् हइ, आउ, आखिरकार, खुद हमरा
लगऽ हइ, कि जेतने जादे मामला के आगू बढ़इबइ, ओतने जल्दी, मतलब, ऊ हमर कमजोरी भाँप लेतइ।
ओहे से ओकरा हीं दू हजार रूबल लेवे लगी सहमत हो गेलिअइ।"
"तूँ
दू हजार लेलहो! ..."
"चानी
के, वान्या; अनिच्छा से लेलिअइ। अच्छऽ, की अइसन मामला के कीमत दू हजार हो सकऽ हलइ!
बेइज्जती से लेलिअइ। ओकरा सामने हम खड़ी हलिअइ, मानु ऊ हमरा पर थूक देलके हल; ऊ बोलऽ
हइ - हम अपने के, मस्लोबोयेव, पूर्व परिश्रम हेतु अभियो नञ् भुगतान कइलिए ह (आउ पहिलउका
काम खातिर बहुत पहिलहीं डेढ़ सो रूबल चुकता कर चुकले हल, समझौता के अनुसार), अच्छऽ,
त हम जा रहलिए ह; हियाँ दू हजार हइ, आउ ओहे से, आशा करऽ हिअइ, कि हमन्हीं के पूरा बिज़नेस
अब बिलकुल समाप्त हो चुकले ह। खैर, हमहूँ ओकरा उत्तर देलिअइ - «बिलकुल समाप्त हो गेलइ,
प्रिंस», आउ खुद ओकर थोपड़ा पर नजर डाले के हिम्मत नञ् करऽ हिअइ; सोचऽ हिअइ - अइसने
ओकरा पर लिक्खल हइ - «की, बहुत ले लेलऽ? एतना तो खाली हम एगो बेवकूफ के उदारता से दे
रहलिए ह!» हमरा आद नञ्, कि कइसे हम ओकरा से बाहर निकसलिअइ!"
"लेकिन
आखिर ई नीच काम हलो, मसलोबोयेव!" हम चिल्लइलिअइ, "तूँ नेली के साथ की कइलहो?"
"ई
खाली नीच काम नञ् हइ, ई अपराध हइ, ई घिनौना काम हइ ... ई ... ई ... एकर वर्णन करे लगी
शब्द नञ् हइ!"
"हे
भगमान! आखिर ओकरा कम से कम नेली के परवरिश करे के चाही!"
"ओकरा
तो चाहवे करी। लेकिन ओकरा कइसे बाध्य कइल जाय? डरावे के चाही? शायद ऊ डरतइ नञ् - आखिर
हम पैसा लेलिअइ। खुद, खुद ओकरा सामने स्वीकार कइलिअइ, कि [*440] हमरा से ओकर भय के कीमत तो बस दू हजार रूबल हलइ,
खुद हम ई रकम अँकलिअइ! त ओकरा कउची से अब डरावल जाय?"
"आउ
की वास्तव में, वास्तव में नेली के मामला अइसीं समाप्त हो गेलइ?" हम लगभग निराशा
होल चिल्ला उठलिअइ।
"बिलकुल
नञ्!" जोश में मस्लोबोयेव चिल्लइलइ आउ कइसूँ पूरा चौंक भी उठलइ। "नञ्, हम
ओकरा अइसीं नञ् छोड़बइ! हम फेर से नाया तरह से चालू करबइ, वान्या - हम निश्चय कर चुकलिए
ह! की होलइ, अगर हम दू हजार लेलिअइ? हम थुक्कऽ हिअइ। हम, मतलब, अपमान खातिर लेलिअइ,
काहेकि ऊ, निठल्ला, हमरा धोखा देलकइ, मतलब, हमरा पर हँसलइ। ऊ धोखा देलकइ, आउ ओकरो पर
हँसलइ! नञ्, हम ओकरा खुद पर हँस्से नञ् देबइ ... अब हम, वान्या, ठीक नेली के साथहीं
शुरू करबइ। हमर कुछ प्रेक्षण के आधार पर, हमरा पक्का विश्वास हइ, कि ओकरा में ई पूरा
मामला के रहस्य छिप्पल हइ। ओकरा सब कुछ मालुम हइ, सब ... ओकरा खुद ओकर माय बतइलकइ।
बोखार में, उदासी में कहलके होत। कोय नञ् हलइ, जेकरा सामने ऊ शिकायत करते हल, नेली
ओकरा मिललइ, ऊ ओकरे बता देलकइ। आउ हो सकऽ हइ, कि हमन्हीं के कोय दस्तावेजे मिल जाय",
ऊ मधुर उल्लास में आगू बोललइ, अपन हाथ रगड़ते। "समझहो अब, वान्या, काहे हम हियाँ
मँड़रइते रहऽ हिअइ? पहिला, तोहरा साथ दोस्ती के चलते, ई जाहिर हइ; लेकिन मुख्य बात
- नेली के प्रेक्षण करऽ हिअइ, आउ तेसरा, मित्र वान्या, चाहहो चाहे नञ्, लेकिन तोरा
हमरा मदत करे के चाही, काहेकि तोहर नेली पर प्रभाव हको! ..."
"पक्का,
हम कसम खा हियो", हम चिल्लइलिअइ, "आउ आशा हको, मस्लोबोयेव, कि तूँ, मुख्य
बात, नेली खातिर प्रयासरत रहबहो - गरीब, अपमानित अनाथ खातिर, आउ खाली अप्पन लाभ खातिर
नञ् ..."
"लेकिन
तोरा एकरा से की लेना-देना हको, जेकर फयदा लगी हम प्रयासरत रहबइ, तूँ परम सुखी व्यक्ति?
खाली करना हइ, एहे मुख्य बात हइ! निस्सन्देह, मुख्य बात हइ अनाथ लगी, एहे मानवप्रेम
के उपदेश हइ। लेकिन तूँ, वन्यूशा, अन्तिम निर्णय नञ् कर लिहऽ, अगर हम अपना खातिर भी
फिकिर करऽ हिअइ। हम गरीब अदमी ही, आउ ऊ गरीब लोग के अपमानित करे के साहस नञ् करइ। ऊ
हमरा हीं से हम्मर ले ले हइ, आउ एकरो पर धोखा देलकइ, नीच, एकर अलावे। त की हम, तोहर
मत में, ओइसन धोखेबाज के साथ की शिष्टाचार बरते के चाही? Morgen früh!"
* * * * *
भूमिका उपसंहार, अध्याय 1 उपसंहार, अध्याय 3