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Saturday, October 23, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 4; अध्याय 7

              अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 4

अध्याय 7

रस्ता हमरा अन्तहीन लग रहले हल। आखिरकार, हमन्हीं अइलिअइ, आउ हम बैठल दिल के साथ अपन बुजुर्ग लोग के हियाँ अन्दर गेलिअइ। हमरा समझ में नञ् आवऽ हलइ, कि हम कइसे उनकन्हीं के घर से विदा लेबइ, लेकिन ई जानऽ हलिअइ, कि येन केन प्रकारेण माफी आउ सुलह के साथे घर से विदा होवे के चाही।

चार बज चुकले हल। बुजुर्ग लोग अकेल्ले हलथिन, हमेशे नियन। निकोलाय सिर्गेयिच परेशान आउ बेमार हलथिन आउ आधा लेटल हलथिन, अपन अरामकुरसी में देह पसारले, पीयर आउ क्लांत (निढाल), सिर पर रूमाल बान्हले। आन्ना अन्द्रेयेव्ना उनकर बगल में बैठल हलइ, कभी-कभार उनकर कनपट्टी के सिरका से भिंगा दे हलइ आउ लगातार, उत्सुक आउ दुखी नजर से, उनकर चेहरा के देखऽ हलइ, जे, लगऽ हइ, बुढ़उ के बहुत अशांत कर दे हलइ आउ हियाँ तक कि उनका लगी झुँझलाहट पैदा कर दे हलइ। ऊ दृढ़तापूर्वक चुप्पी साधले हलथिन, बूढ़ी बोले के साहस नञ् कर रहले हल। हमन्हीं के आकस्मिक आगमन उनकन्हीं दुन्नु के अचंभित कर देलकइ। आन्ना अन्द्रेयेव्ना तो कोय बात से अचानक डर गेलइ, हमरा नेली के साथ देखके, आउ शुरू के कुछ मिनट तक हमन्हीं के अइसे देखते रहलइ, मानु कोय मामले में अचानक खुद के दोषी महसूस करे लगलइ।

"अइकी हम अपने सब के हियाँ अपन नेली के ले अइलियो", हम कहलिअइ, अन्दर अइते। "ऊ फेर से सोच-विचार कइलकइ आउ अब खुद अपने हीं आवे लगी चहलकइ। ओकरा स्वागत आउ प्यार करहो ..."

बुढ़उ हमरा तरफ संशयात्मक दृष्टि से देखलथिन, आउ अब एक्के नजर से अनुमान लगावल जा सकऽ हलइ, कि उनका सब कुछ मालुम हइ, मतलब कि नताशा अब अकेल्ले हइ, छोड़ल, त्यागल आउ, शायद, अब तक अपमानित। उनका हमन्हीं के आगमन के रहस्य में प्रवेश करे के बहुत मन कइलकइ, आउ ऊ प्रश्नात्मक ढंग से हमरा आउ नेली तरफ देख रहलथिन हल। नेली थरथरा रहले हल, अपन हाथ से हमर हाथ के कसके दबइले, नजर जमीन तरफ कइले आउ कभी-कभार भयभीत नजर अपन चारो तरफ डाल ले हलइ, एगो जाल में फँस गेल जंगली जानवर नियन। लेकिन जल्दीए आन्ना अन्द्रेयेव्ना होश में अइलइ आउ अन्दाज लगा लेलकइ - ऊ नेली तरफ लपकके अइलइ, ओकरा चुमलकइ, पुचकरलकइ, [*408] हियाँ तक कि रोइयो पड़लइ आउ स्नेहशीलता के साथ अपन बगल में बैठइलकइ, अपन हाथ के ओकर हाथ से बिन अलगे कइले। नेली उत्सुकतापूर्वक आउ एक प्रकार के अचरज से तिरछे नजर से देख रहले हल।

लेकिन, खुद के बगल में नेली के दुलारके आउ बैठाके, बूढ़ी के आउ आगू कुछ समझ में नञ् आ रहले हल, कि की कइल जाय, आउ बचकाना प्रत्याशा से हमरा दने देखे लगलइ। बुढ़उ नाक-भौं सिकोड़ देलथिन, मोसकिल से अन्दाज लगइते, कि हम नेली के काहे लगी लइलिए हल। ई देखके, कि हम उनकर अप्रसन्न चेहरा आउ नाक-भौं सिकोड़ल निरार नोटिस करब करऽ हिअइ, ऊ अपन हाथ सिर पर ले अइलथिन आउ अचानक हमरा से बोललथिन -

"सिर में दरद हके, वान्या।"

हमन्हीं सब्भे बैठल आउ चुप हलिअइ; हम सोच रहलिए हल, कि कउची से शुरू कइल जाय। कमरा में जरी अन्हेरा हलइ; करिया बादर उमड़-घुमड़ रहले हल, आउ फेर से दूर के बिजली के गड़गड़ाहट सुनाय देलकइ।

"बिजली के गड़गड़ाहट तो ई वसन्त में जरी जल्दी हइ", बुढ़उ कहलथिन। "लेकिन 1837 में, आद पड़ऽ हइ, हमन्हीं के एरिया में आउ जादे जल्दी हलइ।"

आन्ना अन्द्रेयेव्ना आह भरलकइ।

"की समावार जलावल जाय?" भीरूतापूर्वक ऊ पुछलकइ; लेकिन ओकरा कोय नञ् उत्तर देलकइ, आउ ऊ फेर से नेली तरफ मुड़लइ।

"तोर की नाम हउ, दुलारी?" ऊ ओकरा पुछलकइ।

नेली क्षीण स्वर में अपन नाम बतइलकइ आउ अपन मुड़ी आउ जादे गोत लेलकइ। बुढ़उ ओकरा दने एकटक देख रहलथिन हल।

"ई एलेना हइ की?" बूढ़ी बात जारी रखलकइ, सजीव (animated) होते।

"हाँ", नेली उत्तर देलकइ, आउ फेर से मिनट भर सन्नाटा हो गेलइ।

"प्रस्कोव्या अन्द्रेयेव्ना के बहिन के एलेना नाम के भतीजी हलइ", निकोलाय सिर्गेयिच बोललथिन, "ओकरो नेली से भी पुकारल जा हलइ। हमरा आद पड़ऽ हइ।"

"की दुलारी, तोरा कोय रिश्तेदार, बाप, माय नञ् हउ?" फेर से आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ।

"नञ्", अचानक आउ डरते-डरते नेली फुसफुसइलइ।

"हम ई सुनलियो हल, सुनलियो हल। तोर माय के गुजरला की बहुत समय हो गेलउ?"

"नञ्, हाले गुजरलइ।"

"हमर दुलरी, अनाथ बुतरू", बूढ़ी बात जारी रखलकइ, ओकरा तरफ सहानुभूतिपूर्वक देखते। निकोलाय सिर्गेयिच अधीर होके टेबुल पर अँगुरी से खटखटइलथिन।

"माय तोर विदेशी हलथुन की? एहे तूँ कहलहो हल न, इवान पित्रोविच?" बूढ़ी के भीरू प्रश्न जारी रहलइ।

नेली अपन करिया आँख से हमरा पर सरसरी निगाह डललकइ, मानु हमरा सहायता खातिर पुकारते। ऊ कइसूँ अनियमित ढंग से आउ भारी साँस ले रहले हल।

"ओकर माय, आन्ना अन्द्रेयेव्ना", हम शुरू कइलिअइ, "एगो अंग्रेज बाप आउ रूसी माय के बेटी हलथिन, ओहे से ऊ रूसी जादे हलथिन; नेली विदेश में पैदा होले हल।"

"कइसे ओकर माय अपन पति के साथ विदेश चल गेलथिन हल?"

नेली अचानक लाल हे गेलइ। बूढ़ी पल भर में अन्दाज लगा लेलकइ, कि ओकरा से गलती हो गेलइ, आउ बुढ़उ के गोस्सा भरल नजर से काँप गेलइ। बुढ़उ ओकरा दने कड़ी नजर से देखलथिन आउ अपन चेहरा खिड़की दने कर लेलथिन।

[*409] "ओकर माय एगो दुराचारी आउ नीच अदमी से धोखा खइलके हल", बोललथिन, अचानक आन्ना अन्द्रेयेव्ना तरफ संबोधित करते। " अपन पिता के छोड़के ओकरा साथ चल गेले हल आउ पिता के पैसा अपन प्रेमी के दे देलके हल; आउ पैसा ओकरा से धोखा से ले लेलके हल, ओकरा विदेश ले गेलइ, लूट लेलकइ आउ ओकरा त्याग देलकइ। एगो भला अदमी ओकरा नञ् छोलकइ आउ ओकरा अपन मौत के पहिले-पहिले तक मदत कइलकइ। आउ जब मरलइ, नेली के माय, दू बरस पहिले, वापिस अपन बाप के हियाँ चल अइलइ। एहे बात तूँ बतइलहो हल, वान्या?" अचानक पुछलथिन।

नेली अत्यंत उत्तेजित होल अपन जगह से उठ गेलइ आउ दरवाजा दने जाय लगी चहलकइ।

"हियाँ आव, नेली", बुढ़उ कहलथिन, आखिरकार ओकरा तरफ हाथ बढ़इते। "हियाँ बैठ, हमर बगल में बैठ, अइकी हियाँ, बैठ!" ऊ झुक गेलथिन, ओकरा निरार पर चुमलथिन आउ ओकर सिर सहलावे लगलथिन। नेली के पूरा शरीर थरथरा रहले हल ... लेकिन खुद के सम्हार लेलकइ। आन्ना अन्द्रेयेव्ना, भावना में, आनंदमय आशा के साथ देखलकइ, जब ओकरा, अनाथ लड़की के, निकोलाय सिर्गेयिच आखिरकार दुलारे-पुचकारे लगलथिन।

"हम जानऽ हिअउ, नेली, कि तोर माय के एगो बदमाश अदमी, बदमाश आउ अनैतिक अदमी, बरबाद कर देलकउ, लेकिन एहो जानऽ हिअउ, कि तोर माय अपन बाप के प्यार करऽ हलउ आउ आदर करऽ हलउ", उत्तेजित होल बुढ़उ बोललथिन, नेली के सिर पर सहलाना जारी रखते आउ हमन्हीं के सामने पल में चुनौती के रक्खे बेगर उनका नञ् रहल गेलइ। उनकर पीयर गाल पर हलका लाली छा गेलइ; हमन्हीं तरफ नञ् नजर डाले के प्रयास कइलथिन।

"हमर प्रिय माय हमर नाना के जादे प्यार करऽ हलइ, बनिस्पत कि नाना ओकरा प्यार करऽ हलथिन", भीरुतापूर्वक, लेकिन दृढ़तापूर्वक नेली बोललइ, ओहो केकरो तरफ नञ् नजर डाले के प्रयास करते।

"आउ तोरा कइसे मालुम?" अचानक बुढ़उ पूछ देलथिन, एगो बुतरू नियन उतावला होल, आउ मानु खुद अपन अधीरता खातिर लजइते।

"मालुम हइ", अचानक नेली उत्तर देलकइ। "ऊ हमर माय के स्वागत नञ् कइलथिन आउ ... ओकरा भगा देलथिन ..."

हम देखलिअइ, कि निकोलाय सिर्गेयिच कुछ तो बोले वला हलथिन, एतराज करे लगी, मसलन, ई बतावे लगी, कि बुढ़उ के अपन बेटी के नञ् स्वागत करे के कारण हलइ, लेकिन ऊ हमन्हीं दने नजर डललथिन आउ चुप हो गेलथिन।

" कइसे, काहाँ परी तोहन्हीं रहऽ हलहीं, जब नाना तोहन्हीं के स्वागत नञ् कइलथुन?" आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ, जेकरा में अचानक ओकरा जिद आउ इच्छा पैदा होलइ, ठीक एहे विषय के जारी रक्खे के।

"जब हमन्हीं अइलिअइ, नाना के बहुत समय तक खोजते रहलिअइ", नेली उत्तर देलकइ, "लेकिन कइसूँ खोज नञ् पइलिअइ। माय हमरा तब कहलकइ, कि नाना पहिले बहुत धनी हलथिन आउ फैक्ट्री बनावे लगी चाहऽ हलथिन, लेकिन अब बहुत गरीब हथिन, काहेकि , जेकरा साथ हमर माय चल गेले हल, ओकरा हीं से नाना के सब पैसा ले लेलकइ आउ ओकरा नञ् देलकइ। हमरा बात खुद्दे बतइलकइ।"

"हूँ ...", सहानुभूति प्रकट कइलथिन।

"आउ हमरा आउ बहुत कुछ बतइलकइ", नेली बात जारी रखलकइ, अधिकाधिक सक्रिय होते आउ मानु निकोलाय सिर्गेयिच के बात के एतराज करे लगी चाहते, लेकिन आन्ना अन्द्रेयेव्ना के तरफ संबोधित करते, " हमरा से बोललइ, कि नाना ओकरा पर बहुत नराज हथिन, आउ कि खुद्दे सब कुछ लगी उनका सामने दोषी हइ, आउ कि ओकरा पास अब दुनियाँ में, नाना के सिवाय, आउ दोसर कोय नञ् हइ। आउ जब हमरा बोललइ, रो रहले हल ... « हमरा नञ् माफ करथिन», [*410] बोललइ, तभिए जब हमन्हीं हियाँ रहलिए हल, «लेकिन, शायद, तोरा देखथुन आउ तोरा प्यार करथुन, आउ तोरा खातिर हमरा माफ कर देथुन»" माय हमरा बहुत प्यार करऽ हलइ, आउ जब ई बोलऽ हलइ, त हमेशे हमरा चुम्मऽ हइ, लेकिन ऊ नाना के पास जाय से बहुत डरऽ हलइ। ऊ हमरा नाना खातिर प्रार्थना करे लगी सिखइलकइ, आउ खुद प्रार्थना करऽ हलइ आउ हमरा बहुत कुछ आउ बतावऽ हलइ, कि पहिले ऊ नाना के साथ कइसे रहऽ हलइ आउ नाना ओकरा केतना प्यार करऽ हलथिन, सबसे जादे। माय उनका लगी पियानो बजावऽ हलइ आउ शाम में पुस्तक पढ़के सुनावऽ हलइ, आउ नाना ओकरा चुम्मऽ हलथिन आउ ओकरा बहुत कुछ उपहार दे हलथिन ... सब कुछ दे हलथिन, हियाँ तक कि एक तुरी उनकन्हीं बीछ झगड़ा होलइ, माय के नामकरण दिवस पर; काहेकि नाना सोचलथिन, कि माय के अभियो नञ् मालुम हइ, कि उपहार कइसन होतइ, लेकिन मइया के पहिलहीं कब के पता चल गेले हल कि कइसन होतइ। माय के कनबाली चाही हल, आउ नाना ओकरा जानबूझके धोखा देते रहलथिन आउ बोलऽ हलथिन, कि कनबाली नञ् देथिन, बल्कि ब्रोच (brooch, जड़ाऊ पिन); आउ जब ऊ कनबाली लइलथिन आउ जइसीं जनलथिन, कि मइया के पहिलहीं से मालुम हइ, कि कनबाली मिलतइ, न कि ब्रोच, त उनका ई बात लगी गोस्सा बरलइ, कि मइया के पता चल गेले हल, आउ आधा दिन तक ओकरा से नञ् बोललथिन, लेकिन बाद में खुद अइलथिन ओकरा चुम्मे खातिर आउ ओकरा से माफी माँगे खातिर ..."

 नेली उत्साह से बतइलकइ, आउ हियाँ तक कि ओकर पीयर, अस्वस्थ गाल पर लाली छा गेलइ।

ई बात साफ हलइ, कि ओकर माय  कइएक तुरी अपन छोटकुन्नी नेली के साथ अपन विगत खुशहाल दिन के बारे बतइलके हल, तलघर के एक कोना में बैठल, अपन बेटी (जे ओकर जिनगी में एकमात्र आनंददायक रह गेले हल) के गले लगइते आउ चूमते आउ ओकरा पर रोते, आउ एकर साथे-साथ बिन कोय शंका करते, कि ई सब ओकर कहानी के केतना शक्तिशाली प्रभाव रोगियाही बुतरू के दर्दनाक संवेदनात्मक आउ असामयिक रूप से विकसित हृदय में पड़तइ।

लेकिन भावविह्वल होल नेली मानु अचानक होश में अइलइ, अपन चारो तरफ अविश्वासपूर्वक तकलकइ आउ चुप हो गेलइ। बुढ़उ नाक-भौं सिकोड़ लेलथिन आउ फेर से टेबुल पर अँगुरी से ठकठकइलथिन; आन्ना अन्द्रेयेव्ना के आँख में आँसू आ गेलइ, आउ ऊ चुपचाप ओकरा रूमाल से पोछ लेलकइ।

"माय हियाँ बहुत बेमार अइलइ", नेली शांत स्वर में आगू बोललइ, "ओकर छाती में बहुत दरद रहऽ हलइ। हमन्हीं बहुत लमगर अवधि तक नाना के खोजलिअइ आउ खोज नञ् पइलिअइ, आउ खुद तलघर में, एक कोना किराया पर ले लेते गेलिअइ।"

"कोना में, ओहो रोगी!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्लइलइ।

"हाँ ... कोना में ...", नेली उत्तर देलकइ। माय गरीब हलइ। माय हमरा बतइलकइ", ऊ सक्रिय होल आगू बोललइ, "कि गरीब होना पाप नञ् हइ, लेकिन धनी होके लोग के अपमानित करना पाप हइ ... आउ कि भगमान ओकरा दंड देब करऽ हथिन।"

"की तोहन्हीं वसिल्येव्स्की द्वीप में किराया पर मकान लेलऽ हल? ई हुआँ बुबनोवा के हियाँ, की?" बुढ़उ पुछलथिन, हमरा संबोधित करते आउ अपन प्रश्न में जरी लापरवाही देखावे के प्रयास करते। ऊ पुछलथिन, मानु उनका चुपचाप बैटल रहना खराब लग रहले हल।

"नञ्, हुआँ नञ् ... बल्कि पहिले मेषान्स्की स्ट्रीट में", नेली उत्तर देलकइ। "हुआँ बहुत अन्हार हलइ आउ सीलन", ऊ बात जारी रखलकइ, थोड़े देर चुप रहला के बाद, "आउ माय बहुत बेमार हलइ, लेकिन तइयो तखने चल्लऽ-बुल्लऽ हलइ। हम ओकर कपड़ा साफ करऽ हलिअइ, आउ ऊ रोवऽ हलइ। हुआँ एगो आउ बूढ़ी रहऽ हलइ, कप्तान के विधवा, आउ एगो सेवानिवृत्त लिपिक रहऽ हलइ, आउ हमेशे नीसा में धुत्त आवऽ हलइ, आउ हरेक रात चिल्ला हलइ आउ शोर मचावऽ हलइ। हमरा ओकरा से बहुत डर लगऽ हलइ। माय हमरा अपन बिछौना पर ले जा हलइ आउ हमरा गले लगावऽ हलइ, आउ खुद ओकर पूरा देह काँपते रहऽ हलइ, लेकिन लिपिक चिल्लइते आउ गारी-गल्लम करते रहइ। ऊ एक तुरी कप्तान के विधवा के पिट्टे लगी चहलकइ, [*411] आउ ऊ बहुत बूढ़ी हलइ आउ लाठी के सहारे चल्लऽ हलइ। मइया के ओकरा पर तरस अइलइ, आउ ऊ ओकर पक्ष में खड़ी हो गेलइ; लिपिक हमर मइयो पर प्रहार कइलकइ, आउ हम ऊ लिपिक पर ..."

नेली रुक गेलइ। स्मृति ओकरा उत्तेजित कर देलकइ; ओकर आँक चमक उठलइ।

"हे भगमान!" आन्न अन्द्रेयेव्ना चीख उठलइ, कहानी में अत्यंत उत्सुक होल आउ नेली के तरफ से अपन नजर नञ् हटइते, जे मुख्य रूप से ओकरा संबोधित कर रहले हल।

"तब माय बाहर चल गेलइ", नेली बात जारी रखलकइ, "आउ हमरा अपन साथ लेले गेलइ। ई दिन में होले हल। हमन्हीं स्ट्रीट पर घूमते रहलिअइ, शाम तक, आउ माय रोते रहल आउ चलते रहलइ, आउ हमरा हाथ में पकड़ले लेले जा हलइ। हम बहुत थक गेलिअ; हमन्हीं ई दिन खइवो नञ् कइलिअइ।

आउ माय खुद से बात करते रहऽ हलइ आउ हमरा कहते रहऽ हलइ - «गरीब रह, नेली, आउ जब हम मर जइबउ, केकरो कुच्छो नञ् सुनिहँऽ। केकरो पास नञ् जइहँऽ; अकेल्ले रहिहँऽ, गरीब, आउ काम करिहँऽ, आउ कोय काम नञ् मिल्लउ, त भीख माँगिहँऽ, लेकिन ओकन्हीं हीं  नञ् जइहँऽ»। गोधूलि वेला आ गेले पर हमन्हीं एगो बड़गो स्ट्रीट पार कइलिअइ; अचानक मइया चिल्लइलइ - «अज़ोर्का! अज़ोर्का!» - आउ अचानक एगो बड़गर कुत्ता, बिन केश वला, दौड़ल मइया भिर अइलइ, केंकियाय लगलइ आउ ओकरा तरफ उछले लगलइ, आउ मइया डेराऽ गेलइ, पीयर पड़ गेलइ, चीख उठलइ आउ एगो उँचगर बुढ़उ के सामने टेहुना के बल गिर गेलइ, जे छड़ी के सहारे जा रहले हल आउ जमीन दने ताक रहले हल। आउ ई उँचगर कद के बुढ़उ हीं हमर नाना हलथिन, आउ एतना दुब्बर-पातर, खराब पोशाक में। तभिए हम पहिले तुरी अपन नाना के देखलिअइ। नाना भी बहुत डर गेलथिन आउ पूरा पीर पड़ गेलथिन, आउ जइसीं देखलथिन, कि माय उनकर बगल में पड़ल हइ आउ उनकर गोड़ लपेटले हइ - त ऊ खुद के छोड़ा लेलथिन, मइया के ढकेल देलथिन, छड़ी से पत्थर पर प्रहार कइलथिन आउ तुरते हन्हीं भिर से चल गेलथिन। अज़ोर्का रह गेलइ आउ अभियो केंकियाब करऽ हल आउ मइया के चट रहले हल, फेर नाना तरफ दौड़ल गेलइ, उनकर पल्ला धर लेलकइ आउ उनका पीछू घिंच्चे लगलइ, लेकिन नाना ओकरा छड़ी से मार बैठलथिन। अज़ोर्का हमन्हीं तरफ दौड़के आहीं वला हलइ, लेकिन नाना ओकरा बोलइलथिन, आउ ऊ दौड़ल नाना तरफ चल गेलइ आउ केंकिअइते रहलइ। आउ मइया मरल नियन पड़ल रहलइ, चारो दने लोग जामा हो गेलइ, पुलिस आ गेलइ। हम चीखते रहलिअइ आउ मइया के उठइलिअइ। आउ ऊ खड़ी हो गेलइ, चारो दने तकलकइ आउ हमरा पीछू चल पड़लइ। हम ओकरा घर लइलिअइ। लोग हमन्हीं के देर तक देखते रहलइ आउ सिर हिलइते रहलइ ..."

नेली दम लेवे लगी आउ खुद के सुदृढ़ करे लगी रुक गेलइ। ऊ बहुत पीयर हलइ, लेकिन ओकर नजर में दृढ़संकल्पता चमकऽ हलइ।

स्पष्ट हलइ, कि ऊ निश्चय कर लेलके हल, आखिरकार, सब कुछ बता देवे लगी। ओकरा में ई पल में कुछ तो चुनौतीपूर्ण हलइ।

"अच्छऽ", विषम स्वर में निकोलाय सिर्गेयिच टिप्पणी कइलथिन, कइसनो चिड़चिड़ा कटु वचन के साथ, "अच्छऽ, त तोर माय अपन पिता के अपमानित कइलको हल, आउ ऊ ओकरा एहे चलते ठुकराऽ देलथुन हल ..."

"माय हमरा सेहे बोललइ", नेली झट से उत्तर देलकइ, "आउ, जब हमन्हीं घर जा रहलिए हल, ऊ बोलते रहलइ - ई तोर नाना हथुन, नेली, आउ हम उनका सामने दोषी हिअइ, ओहे से ऊ हमरा शाप देलथिन, आउ एहे चलते भगमान हमरा दंड देब करऽ हथिन, आउ ई पूरे शाम आउ अगला पूरे दिन एहे बोलते रहलइ। आउ अइसे बोल रहले हल, जइसे ओकरा समझ में नञ् आ रहले हल कि ऊ की बोल रहले ह ..."

बुढ़उ चुप हलथिन।

"आउ बाद में तोहन्हीं दोसरा फ्लैट में कइसे स्थानान्तरित होलहीं?" आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ, शांतिपूर्वक रोना जारी रखते।

[*412] "माय ओहे रात बेमार पड़ गेलइ, आउ कप्तान के विधवा बुबनोवा के हियाँ फ्लैट खोजलकइ, आउ तेसरा दिन हमन्हिंयों स्थानान्तरित हो गेलिअइ, आउ कप्तान के विधवा भी हमन्हीं साथ; आउ जइसीं स्थानान्तरित होलिअइ, कि माय बिलकुल पड़ गेलइ आउ तीन सप्ताह तक रोगी के रूप में पड़ल रहलइ, आउ हम ओकर देखभाल कइलिअइ। हमन्हीं के पैसा बिलकुल खरच हो गेलइ, आउ हमन्हीं के कप्तान के विधवा आउ इवान अलिक्सान्द्रिच मदत कइलथिन।"

"ताबूतसाज, मकान मालिक", हम बात स्पष्ट कइलिअइ।

"आउ जब माय बिछावन से उठलइ आउ बुल्ले-चल्ले लगलइ, तब हमरा अज़ोर्का के बारे भी बतइलकइ।"

नेली चुप हो गेलइ। बुढ़उ मानु खुश हो गेलथिन, कि बातचीत अब अज़ोर्का पर मुड़ गेलइ।

"तोरा अज़ोर्का के बारे की बतइलथुन?" ऊ पुछलथिन, अपन अरामकुरसी पर आउ जादे निच्चे मुड़ते, ताकि अन चेहरा के आउ जादे छिपा सकथिन आउ निच्चे देख सकथिन।

"ऊ हमरा खाली नाना के बारे बतइते रहऽ हलइ", नेली उत्तर देलकइ, "आउ बेमार पड़ला पर हमेशे उनके बारे बोलऽ हलइ, आउ जब सरसाम में रहऽ हलइ, तइयो बोलऽ हलइ। आउ ऊ जइसीं चंगा होवे लगलइ, त ऊ हमरा फेर से बतावे लगलइ कि पहिले ऊ कइसे रहऽ हलइ ... हिएँ परी ऊ अज़ोर्का के बारे बतइलकइ, काहेकि एक तुरी नदी के किनारे, उपनगरीय क्षेत्र में, लड़कन-बुतरू अज़ोर्का के रस्सी से घींचते डुबावे लगी लेके गेते गेलइ, आउ हमर माय ओकन्हीं के पैसा देके अज़ोर्का के खरीद लेलकइ। नाना, जब अज़ोर्का के देखलथिन, त ओकरा पर बहहुत हँस्से लगलथिन। लेकिन अज़ोर्का तो भाग गेलइ। मइया रोवे लगलइ; नाना डर गेलथिन आउ कहलथिन, कि ऊ ओकरा सो रूबल देथिन, जे अज़ोर्का के लाके देतइ। तेसरा दिन ओकरा लइते गेलइ; नाना सो रूबल देलथिन आउ तहिया से अज़ोर्का के प्यार करे लगलथिन। आउ मइया ओकरा एतना प्यार करे लगलइ, कि ओकरा अपन बिछौनो पर लावऽ हलइ। ऊ हमरा कहऽ हलइ, कि अज़ोर्का पहिले अभिनेता लोग के साथ स्ट्रीट में जा हलइ, आउ प्रदर्शन कर सकऽ हलइ, आउ अपन पीठ पर बन्दर के ढोके ले जा हलइ, आउ बन्दूक के प्रयोग करे लगी जानऽ हलइ, आउ दोसरो बहुत कुछ कर सकऽ हलइ ... आउ जब माय नाना के हियाँ से चल गेलइ, त नाना अज़ोर्का के खुद के पास रख लेलथिन आउ हमेशे ओकरे साथे लेके बाहर जा हलथिन, ओहे से स्ट्रीट में, जइसीं मइया अज़ोर्का के देखलकइ, त तुरते अन्दाज लगा लेलकइ, कि नाना भी पासे में होथिन ..."

बुढ़उ, स्पष्टतः, अज़ोर्का के बारे अइसन आशा नञ् करऽ हलथिन आउ अधिकाधिक नाक-भौं सिकोड़ते रहलथिन। ऊ आगू आउ कुछ नञ् पूछताछ कइलथिन।

"मतलब, तोहन्हीं बाद में कभी नाना के नञ् देखलऽ?" आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ।

"नञ्, जब माय चंगा होवे लगलइ, त हम फेर से नाना से मिललिअइ। हम दोकान में ब्रेड लावे लगी जा रहलिए हल - अचानक हम एक व्यक्ति के अज़ोर्का के साथ देखलिअइ, ध्यान से देखलिअइ आउ नाना के पछान लेलिअइ। हम बगल में हो गेलिअइ आउ देवाल से चिपक गेलिअइ। नाना हमरा दने तकलथिन, देर तक देखते रहलथिन आउ एतना भयंकर हलथिन, कि हम उनका से बहुत डर गेलिअइ, हम पास से गुजरलिअइ; अज़ोर्का के हमर आद आ गेलइ आउ हमरा भिर उछले लगलइ आउ हमर हाथ चट्टे लगलइ। हम जल्दी से जल्दी घर चल अइलिअइ, पीछू तरफ देखलिअइ, आउ नाना दोकान में चल गेलथिन। हिएँ परी हम सोचलिअइ - शायद, पूछताछ करथिन, आउ हम आउ जादे डर गेलिअइ, आउ जब घर अइलिअइ, त मइया के कुछ नञ् बतइलिअइ, ताकि माय कहीं फेर से बेमार नञ् हो जाय। खुद्दे दोसरा दिन दोकान नञ् गेलिअइ; कहलिअइ, कि हमर सिर में दरद हके; आउ जब तेसरा दिन गेलिअइ, त केकरो से भेंट नञ् होल आउ हम बहुत डर रहलिए हल, ओहे से तेजी से दौड़ल गेलिअइ। लेकिन आउ एक दिन बाद हम जा हिअइ, त अचानक जइसीं कोना भिर पहुँचलिअइ, कि हमरा सामने नाना आउ अज़ोर्का। हम [*413] भाग गेलिअइ आउ दोसरा स्ट्रीट में मुड़ गेलिअइ आउ दोसरा बगल से दोकान में गेलिअइ; लेकिन अचानक सीधे उनके से भेंट हो गेलइ आउ हम एतना डर गेलिअइ, कि तुरते रुक गेलिअइ आउ आगू जा नञ् पावऽ हिअइ। नाना हमरा सामने खड़ी हलथिन आउ फेर से हमरा दने देर तक तकते रहलथिन, आउ फेर हमर सिर सहलइलथिन, हमरा हाथ पकड़के ले गेलथिन, आउ अज़ोर्का हमन्हीं पीछू-पीछू आउ अपन पूँछ हिलावऽ हइ। हिएँ परी हम देखलिअइ, कि नाना सीधे चल भी नञ् सकऽ हथिन आउ हमेशे छड़ी के सहारा ले हथिन, आउ उनकर हाथ बिलकुल काँपते रहऽ हइ। ऊ हमरा एगो फेरीवाला भिर ले गेलथिन, जे कोना में बैठल जिंजर-ब्रेड आउ सेब बेच रहले हल। नाना जिंजर-ब्रेड मुर्गा आउ मछली खरदलथिन, आउ एगो मिठाय, आउ सेब, आउ जब चमड़ा के थैली (पर्स) से पैसा निकसलथिन, त उनकर हाथ बहुत थरथरा रहले हल, आउ उनकर हाथ से एगो पाँच-कोपेक के सिक्का गिर गेलइ, आउ हम एकरा उठाके उनका देलिअइ। ऊ हमरा ई पाँच कोपेक दे देलथिन, आउ जिंजर-ब्रेड देलथिन, आउ हमर सिर पर हाथ फेरलथिन, लेकिन फेर से कुच्छो नञ् बोललथिन, आउ हमरा भिर से घर चल गेलथिन।

"तब हम माय भिर गेलिअइ आउ ओकरा नाना के बारे सब कुछ बतइलिअइ, (एहो बतइलिअइ कि) कइसे पहिले हम उनका से डरऽ हलिअइ आउ उनका से नुक जा हलिअइ। माय शुरू में तो हमरा पर विश्वास नञ् कइलकइ, लेकिन बाद में एतना खुश होलइ, कि पूरे शाम ऊ हमरा से पूछताछ करते रहलइ, हमरा चुमते रहलइ आउ रोते रहलइ, आउ जब हम ओकरा सब कुछ बता देलिअइ, त हमरा आगू लगी आदेश देलकइ - कि हम नाना से कभी नञ् डरिअइ आउ कि, मतलब, नाना हमरा प्यार करऽ हथिन, अगर ऊ सोद्देश्य हमरा भिर अइलथिन। आउ ऊ हमरा आदेश देलकइ, कि हम नाना के साथ प्यार करिअइ आउ उनका साथ बोलिअइ। आउ दोसरा दिन हमरा सुबह में कइएक तुरी बाहर भेजलकइ, हलाँकि हम ओकरा बतइलिअइ, कि नाना हमेशे खाली शाम के पहिले आवऽ हथिन। ऊ खुद दूरहीं से हमरा पीछू-पीछू अइलइ आउ कोना में छिप गेलइ आउ दोसरो दिन ओइसीं, लेकिन नाना नञ् अइलथिन, आउ ई दिन में बारिश होब करऽ हलइ, आउ माय के बहुत सर्दी धर लेलकइ, काहेकि ऊ हमरा साथ गेट के बाहर आवऽ हलइ, आउ फेर से बिछौना पकड़ लेलकइ।

"नाना एक सप्ताह पर अइलथिन आउ फेर से हमरा लगी एगो मछली आउ सेब खरदलथिन आउ फेर से कुछ नञ् बोललथिन। आउ जब हमरा भिर से जाय लगलथिन, त हम चुपके से उनका पीछू-पीछू गेलिअइ, काहेकि पहिलहीं हम निश्चय कर लेलिए हल, कि हम मालुम कर लेबइ कि नाना काहाँ रहऽ हथिन, आउ मइया के बता देबइ। हम दूर से स्ट्रीट के दोसरा तरफ से जा रहलिए हल, ताकि नाना के नजर हमरा पर नञ् पड़इ। आउ ऊ बहुत दूर रहऽ हलथिन, हुआँ नञ्, जाहाँ ऊ बाद में रहलथिन आउ गुजर गेलथिन, बल्कि गोरोख़ोवयऽ स्ट्रीट में, हियों एगो बड़गो घर में, चौठा मंजिला पर। हम ई सब मालुम कइलिअइ आउ घर देरी से लौटलिअइ। माय बहुत डर गेलइ, काहेकि ओकरा मालुम नञ् हलइ, कि हम काहाँ हलिअइ। जब हम ओकरा बतइलिअइ, त मइया फेर से बहुत खुश हो गेलइ आउ तुरते नाना के पास जाय लगी चहलकइ, दोसरे दिन; लेकिन दोसरा दिन सोचे लगलइ आउ डर गेलइ आउ डरते रहलइ, पूरे तीन दिन तक; आउ नञ् गेलइ। आउ तब ऊ हमरा बोलइलकइ आउ कहलकइ - सुन, नेली, हम अभी बेमार हिअउ आउ हम चल नञ् सकऽ हिअउ, लेकिन हम तोर नाना के पत्र लिखलियो ह, उनका हीं जो आउ उनका पत्र दे दे। आउ देखिहँऽ, नेली, कि ऊ कइसे पढ़ऽ हथुन, की कहऽ हथुन आउ कउची करऽ हथुन; आउ तूँ उनका भिर टेहुना के बल बैठल रहिहँऽ, उनका चूमिहँऽ आउ उनका से निवेदन करिहँऽ, कि ऊ तोर माय के माफ कर देथुन ... आउ माय बहुत कनलइ, आउ हमरा चूमते रहलइ, आउ जाय घड़ी क्रॉस कइलकइ आउ भगमान से प्रार्थना कइलकइ, आउ हमरा अपन साथ प्रतिमा के सामने टेहुना के बल बैठइलकइ आउ हलाँकि ऊ बेमार हलइ, लेकिन तइयो हमरा गेट तक छोड़े अइलइ, आउ जब हम चारो बगली नजर दौड़इलिअइ, त देखलिअइ कि ऊ अभियो तक खड़ी हलइ आउ हमरा जइते देख रहले हल ...

[*414] हम नाना हीं अइलिअइ आउ दरवाजा खोललिअइ, दरवाजा में कोय सिटकिनी नञ् हलइ। नाना टेबुल भिर बैठल हलथिन आउ ब्रेड आउ आलू खा रहलथिन हल, आउ अज़ोर्का उनका सामने खड़ी हलइ, देख रहले हल, कि ऊ कइसे खा रहलथिन हँ आउ पूछ हिलाब करऽ हलइ। नाना के हियाँ भी ऊ फ्लैट में खिड़की निचगर हलइ, अन्हेरा आउ खाली एगो टेबुल आउ एगो कुरसी। आउ ऊ अकेल्ले रहऽ हलथिन। हम अन्दर गेलिअइ, आउ ऊ एतना डर गेलथिन, कि पूरा पीयर पड़ गेलथिन आउ थरथराय लगलथिन। हमहूँ डर गेलिअइ आउ कुच्छो नञ् बोललिअइ, आउ खाली टेबुल भिर गेलिअइ आउ पत्र रख देलिअइ। नाना जब पत्र देखलथिन, त एतना गोस्सा कइलथिन, कि उछल गेलथिन, छड़ी लेलथिन आउ हमरा दने उसहलथिन, लेकिन मालथिन नञ्, बल्कि खाली हमरा प्रवेशमार्ग तक बाहर लइलथिन आउ हमरा ढकेल देलथिन। हम अभियो पहिलउका ज़ीना से उतरहूँ नञ् पइलिए हल, कि ऊ फेर से दरवाजा खोललथिन आउ हमरा दने वापिस बिन खोलल पत्र फेंक देलथिन। हम घर अइलिअइ आउ सब कुछ बतइलिअइ। तब माय फेर से बिछौना पकड़ लेलकइ ..."


भूमिका               भाग 4, अध्याय 6              भाग 4, अध्याय 8 

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