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Monday, October 25, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 4; अध्याय 8

             अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 4

अध्याय 8

तखनिएँ बिजली के काफी जोरदार गड़गड़ाहट सुनाय देलकइ, आउ बारिश के बौछार खिड़की के काच पर प्रहार करे लगलइ; कमरा में अन्हेरा छा गेलइ। बूढ़ी (आन्ना अन्द्रेयेव्ना) मानु डर गेलइ आउ क्रॉस कइलकइ। हमन्हीं सब्भे रुक गेलिअइ।

"अभिए बन्द हो जइतइ", बुढ़उ कहलथिन, खिड़की पर निगाह डालते; फेर उठ गेलथिन आउ कमरा में आगू-पीछू चहलकदमी करे लगलथिन। नेली नजर से उनकर पीछा करते रहलइ। ऊ अत्यंत दर्दनाक उत्तेजना में हलइ। हम ई देखलिअइ; लेकिन ऊ हमरा तरफ नजर डाले से बच रहले हल।

"अच्छऽ, फेर की होलइ?" बुढ़उ पुछलथिन, फेर से अपन अरामकुरसी पर बैठला पर।

नेली भीरुतापूर्वक चारो तरफ निगाह डललकइ।

"त तूँ फेर अपन नाना के नञ् देखलहीं?"

"नञ्, देखलिअइ ..."

"हाँ, हाँ! त बताव, हमर दुलारी, बताव", आन्ना अन्द्रेयेव्ना बोललइ।

"हम उनका तीन सप्ताह तक नञ् देखलिअइ", नेली शुरू कइलकइ, "ठीक शीतकाल शुरू होवे तक। शीतकाल शुरू हो गेलइ, आउ हिमपात होलइ। जब हम नाना के फेर से देखलिअइ, पहिलउका जगह पर, त बहुत खुश होलिअइ ... काहेकि माय उदास हलइ, कि ऊ नञ् चल्लऽ हथिन। हम, जइसीं उनका देखलिअइ, त हम जानबूझके स्ट्रीट के दोसरा तरफ दौड़े लगलिअइ, ताकि ऊ देख सकथिन, कि हम उनका भिर से भागल जा रहलिए ह। हम बस एक चारो तरफ के निगाह डललिअइ आउ देखलिअइ कि नाना शुरू में तेजी से हमरा पीछू आवे लगलथिन, आउ फेर दौड़ पड़लथिन, ताकि हमरा पकड़ सकथिन, आउ हमरा दने चिल्लाय लगलथिन - «नेली, नेली!» आउ अज़ोर्का उनकर पीछू दौड़े लगलइ। हमरा तरस अइलइ, आउ हम रुक गेलिअइ। नाना हमरा दने अइलथिन, आउ हमरा हाथ से पकड़ लेलथिन, आउ ले जाय लगलथिन, आउ जब देखलथिन, कि हम रो रहलिए ह, त ऊ ठहर गेलथिन, हमरा दने तकलथिन, निच्चे झुक गेलथिन आउ चूम लेलथिन। तभिए उनका नजर पड़लइ, कि हमर जुत्ता खराब हालत में हइ, आउ पुछलथिन कि की हमरा पास आउ दोसर नञ् हइ। हम तुरते उनका जल्दी-जल्दी बतइलिअइ, कि मइया के पास बिलकुल पैसा नञ् हइ आउ कि घर में बाकी रहे वला लोग हमन्हीं पर खाली दया करके कुछ खाय लगी दे दे हथिन। नाना कुछ नञ् बोललथिन, लेकिन हमरा बजार ले गेलथिन आउ हमरा लगी जुत्ता खरीद देलथिन आउ हमरा तुरते ओकरा पेन्हे लगी कहलथिन, आउ फेर हमरा अपन घर ले गेलथिन, गोरोख़ोवयऽ स्ट्रीट, लेकिन पहिले दोकान में गेलथिन आउ पाई आउ दू गो मिठाय खरदलथिन, आउ जब हमन्हीं पहुँचलिअइ, त बोललथिन, कि हम पाई खइअइ, आउ हमरा दने देखते रहलथिन, जब हम खा रहलिए हल, फेर बाद में हमरा मिठाय देलथिन। आउ अज़ोर्का [*415] टेबुल पर अपन पंजा रखलकइ आउ पाई मँगलकइ, आउ हम ओकरा देलिअइ, आउ नाना हँस पड़लथिन। तब ऊ हमरा लेलथिन, अपन बगल में बैठइलथिन, सिर सहलावे लगलथिन आउ पुच्छे लगलथिन, कि की हम कुछ सिखलिए ह आउ हम कउची जानऽ हिअइ। हम उनका बतइलिअइ, कि आउ ऊ हमरा कहलथिन, कि जइसीं संभव होवे, रोज दिन, तीन बजे, उनका हीं आवे के चाही, आउ ऊ खुद हमरा पढ़इथिन। फेर ऊ हमरा कहलथिन, कि हमरा मुड़ जाय के चाही आउ खिड़की में देखे के चाही, जब तक कि ऊ नञ् कहऽ हथिन, कि हम फेर से उनका तरफ मुड़िअइ। हम ओइसीं कइलिअइ, आउ चुपके से पीछे तरफ मुड़लिअइ आउ देखलिअइ, कि ऊ तकिया के सीयन उघरलथिन, निचला कोना से, आउ चानी के चार रूबल निकसलथिन। जब निकसलथिन, त हमरा भिर लइलथिन आउ कहलथिन - «ई खाली तोरा लगी हउ»। हम लेहीं वली हलिअइ, लेकिन फेर सोचलिअइ आउ कहलिअइ - «अगर खाली हमरे लगी हइ, त हम नञ् लेम»। नाना अचानक गोसाऽ गेलथिन हमरा कहलथिन - «अच्छऽ, ले जइसे तोर मन करउ, आउ जो»। हम बाहर निकसलिअइ, लेकिन ऊ हमरा नञ् चुमलथिन।

"जब हम घर अइलिअइ, त सब कुछ मइया के बतइलिअइ। आउ माय के तबीयत लगातार खराब होते जा रहले हल। ताबूतसाज के पास एगो छात्र अइते रहऽ हलइ; ऊ माय के इलाज करऽ हलइ आउ ओकरा दवाय लेवे लगी कहलकइ। आउ हम नाना के पास अकसर जा हलिअइ; माय ओइसने औडर दे हलइ। नाना न्यू टेस्टामेंट आउ एगो भूगोल के पुस्तक खरदलथिन आउ हमरा पढ़ावे लगलथिन; आउ कभी-कभी बतावऽ हलथिन, दुनियाँ में कइसन-कइसन देश हइ, आउ कइसन-कइसन लोग रहऽ हइ, आउ कइसन समुद्र हइ, आउ पहिले कउची हलइ, आउ कइसे जेसस हम सब के माफ कइलथिन। जब हम उनका खुद्दे पुच्छऽ हलिअइ, त ऊ बहुत खुश होवऽ हलथिन; ओहे से हम उनका अकसर प्रश्न करे लगलिअइ, आउ ऊ सब कुछ बतइलथिन आउ भगमान के बारे बहुत बोललथिन। आउ कभी-कभी पढ़ाय-लिखाय नञ् होवऽ हलइ आउ अज़ोर्का के साथ खेलते जा हलिअइ - अज़ोर्का हमरा से बहुत प्यार करे लगलइ, आउ हम ओकरा छड़ी के उपरे से उछले लगी सिखइलिअइ, आउ नाना हँस्सऽ हलथिन आउ लगातार हमर सिर फेरऽ हलथिन। खाली नाना बहुत कम हँस्सऽ हलथिन। एक तुरी ऊ बहुत जादहीं बोलथिन, त कभी अचानक चुप हो जाथिन आउ बैठ जाथिन, मानु उनका नीन आ गेलइ, लेकिन उनकर अँखिया खुल्ले रहइ। अइसीं बैठल रहथिन गोधूलि वेला तक, आउ गोधूलि वेला में ऊ एतना भयंकर लगथिन, एतना बूढ़ा ... नञ् तो, जब हम उनका पास अइअइ, आउ ऊ अपन कुरसी पर बैठल रहथिन, सोचते रहथिन आउ कुच्छो नञ् सुनथिन, आउ अज़ोर्का उनकर बगल में पड़ल रहइ। हम इंतजार करिअइ, इंतजार करिअइ आउ खोंखिअइ; नाना तइयो घूमके एक्को नजर नञ् डालथिन। हम अइसीं चल जइअइ। आउ घर पर हमर माय हमर इंतजार करते रहइ - ऊ पड़ल रहइ, आउ ओकरा हम सब कुछ बतइअइ, सब कुछ, अइसीं रात आ जाय, आउ हम बोलते रहिअइ, आउ ऊ नाना के बारे सुनते रहइ - आझ ऊ की कइलथिन आउ ऊ हमरा कउची बतइलथिन, कइसन कहानी, आउ ऊ कउन पाठ हमरा देलथिन। आउ जइसीं अज़ोर्का के बारे शुरू करिअइ, कि ओकरा हम छड़ी के उपरे से उछलइलिअइ आउ नाना हँसलथिन, त ओहो अचानक हँस्से लगइ आउ देर तक हँसते रहइ आउ खुश होवइ आउ फेर से हमरा दोहारावे कहइ, आउ बाद में प्रार्थना शुरू कर देइ। आउ हम सोचते रहिअइ - काहे लगी मइया नाना के एतना प्यार करऽ हइ, लेकिन ऊ एकरा नञ् प्यार करऽ हथिन, आउ जब नाना हीं अइअइ, त सोद्देश्य उनका पुच्छे लगिअइ, कि काहे माय उनका प्यार करऽ हइ। ऊ सुनते रहथिन, एतना गोसाल, आउ सब कुछ सुनते रहथिन आउ एक्को शब्द नञ् बोलथिन; तब हमहूँ पुछिअइ, काहे माय उनका एतना प्यार करऽ हइ, कि हमेशे उनके बारे पुछते रहऽ हइ, लेकिन ऊ माय के बारे कभियो नञ् पुच्छऽ हथिन। नाना गोसा गेलथिन आउ हमरा दरवाजा के बाहर हाँक देलथिन; हम थोड़े देर दरवाजा के पीछू खड़ी रहलिअइ, आउ ऊ अचानक फेर से दरवाजा खोललथिन आउ हमरा वापिस बोला लेलथिन, लेकिन ऊ गोसाल रहलथिन आउ चुप्पी साधले रहलथिन। आउ जब हमन्हीं गोस्पेल (भगमान के कानून) पढ़े लगी चालू कइलिअइ, त हम फेर से पुछलिअइ - काहे जेसस क्राइस्ट कहलथिन - एक दोसरा के प्यार करऽ आउ अपमान के [*416] माफ कर द, लेकिन ऊ माय के माफ करे लगी नञ् चाहऽ हथिन? तब ऊ उछल गेलथिन आउ चिल्लइलथिन, कि ई माय हमरा सिखइलकइ, हमरा दोसरा तुरी बाहर ढकेल देलथिन आउ कहलथिन, कि हम उनका हीं दोबारा आवे के साहस नञ् करिअइ। आउ हम कहलिअइ, कि हम खुद अब उनका हीं नञ् अइबइ, आउ हम उनका हीं से चल गेलिअइ ... आउ नाना दोसरा दिन ऊ फ्लैट छोड़ देलथिन ..."

"हम कहलिअइ, कि बारिश तुरत बन्द हो जइतइ, अइकी बन्द हो गेलइ, अइकी सूरज निकस अइलइ ... देखहो, वान्या", निकोलाय सिर्गेयिच कहलथिन, खिड़की तरफ मुड़ते।

आन्ना अन्द्रेयेव्ना अत्यंत अचरज से उनका दने तकलकइ, आउ अचानक अभी तक शांत आउ भयभीत बूढ़ी के आँख में क्रोध कौंधे लगलइ। चुपचाप ऊ नेली के हाथ से पकड़ लेलकइ आउ अपना बिजुन टेहुना पर बैठइलकइ।

"हमरा बताव, हमर देवदूत", ऊ कहलकइ, "हम तोर बात सुनबउ। जेकर दिल कठोर हइ, ओकन्हीं के ..."

ऊ अपन बात पूरा नञ् कह पइलकइ आउ रो पड़लइ। नेली प्रश्नात्मक ढंग से हमरा दने देखलकइ, मानु अचरज आउ डर से। बुढ़उ हमरा दने देखलथिन, अपन कन्हा झटकाहीं वला हलथिन, लेकिन तुरते मुँह मोड़ लेलथिन।

"बात जारी रख, नेली", हम कहलिअइ।

"तीन दिन तक हम नाना हीं नञ् गेलिअइ", नेली फेर शुरू कइलकइ, "आउ एहे दौरान माय के तबीयत आउ खराब हो गेलइ। हमन्हीं के पैसा सब खतम हो गेलइ, आउ दवाय खरदे लगी कुछ नञ् हलइ, आउ हमन्हीं कुछ नञ् खइलिअइ, काहेकि मकान के मालिक-मालकिन (ताबूतसाज आउ ओकर पत्नी) के पास भी कुछ नञ् हलइ, आउ ओकन्हीं हमन्हीं के बुरा-भला सुनावे लगलइ, कि हमन्हीं ओकन्हीं के खरचा पर जीयऽ हिअइ। तब हम तेसरा दिन सुबहे उठलिअइ आउ कपड़ा पेन्हके तैयार होवे लगलिअइ। माय पुछलकइ - हम काहाँ जा रहलिए ह? हम कहलिअइ - नाना के हियाँ, पैसा माँगे खातिर, आउ ऊ खुश होलइ, काहेकि हम मइया के सब कुछ पहिलहीं बता चुकलिए हल, कि ऊ कइसे हमरा अपना भिर से भगा देलथिन हल, आउ ओकरा बतइलिए हल, कि हम नाना हीं आउ जाय लगी नञ् चाहऽ हूँ, हलाँकि ऊ रो पड़लइ आउ हमरा जाय लगी समझइलकइ। हम अइलिअइ आउ हमरा मालुम चललइ, कि नाना कहीं अलगे चल गेलथिन हल, आउ उनका नयका घर में खोजे लगी चल पड़लिअइ। जइसीं हम उनकर नयका घर में अइलिअइ, त ऊ उछल पड़लथिन, हमरा पर झपट पड़लथिन आउ गोड़ पटके लगलथिन, आउ हम उनका तुरते बतइलिअइ, कि माय बहुत बेमार हइ, कि दवाय खातिर पैसा के जरूरत हइ, पचास कोपेक, लेकिन हमन्हीं हीं खाहूँ लगी कुच्छो नञ् हइ। नाना चीख उठलथिन आउ हमरा ढकेलके ज़ीना पर कर देलथिन आउ हमरा पीछू दरवाजा बन्द करके घड़का लगा लेलथिन। लेकिन जब ऊ हमरा ढकेल रहलथिन हल, हम उनका कहलिअइ, कि हम ज़ीना पर बैठल रहबइ आउ तब तक नञ् जइबइ, जब तक कि ऊ पैसा नञ् दे हथिन। आउ हम ज़ीना पर बैठ गेलिअइ। कुछ देर के बाद ऊ दरवाजा खोललथिन आउ देखलथिन, कि हम बैठल हिअइ, त ऊ फेर से बन्द कर लेललथिन। बाद में बहुत समय गुजर गेलइ, ऊ फेर से खोललथिन, फेर ऊ हमरा देखलथिन आउ फेर से बन्द कर लेलथिन। आउ बाद में कइएक तुरी खोललथिन आउ देखलथिन। आखिरकार ऊ अज़ोर्का के साथ निकसलथिन, दरवाजा बन्द कइलथिन आउ हमरा भिर से अहाता से गुजर गेलथिन आउ हमरा से एक्को शब्द नञ् बोललथिन। आउ हमहूँ एक्को शब्द नञ् बोललिअइ, आउ ओइसीं बैठल रहलिअइ, आउ गोधूलि वेला तक बैठल रहलिअइ।

"हमर दुलारी", आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्लइलइ, "लेकिन आखिर ज़ीना पर तो ठंढी रहलो होत न!"

"हम फ़र-कोट में हलिअइ", नेली उत्तर देलकइ।

"हूँ, फ़र-कोट में ... हमर दुलारी, तूँ केतना तकलीफ झेललँऽ! फेर ऊ, तोर नाना, की कइलथुन?"

नेली के होंठ थरथराय लगलइ, लेकिन ऊ असाधारण प्रयास कइलकइ आउ खुद के सम्हरलकइ।

[*417] "ऊ अइलथिन, जब बिलकुल अन्हेरा हो चुकले हल, आउ, अन्दर जाके, हमरा से टकरा गेलथिन आउ चीख उठलथिन - हियाँ केऽ हकँऽ? हम बतइलिअइ, कि ई हम हकूँ। लेकिन ऊ, शायद, सोच रहलथिन हल, कि हम कब के चल गेलिए होत, आउ जइसीं देखलथिन, कि हम अभी तक हिएँ हिअइ, त ऊ बहुत अचंभित होलथिन आउ देर तक हमरा सामने खड़ी रहलथिन। अचानक ऊ पौड़ी पर छड़ी बजड़लथिन, दौड़ पड़लथिन, अपन दरवाजा खोललथिन आउ एक मिनट बाद हमरा लगी तामा के कुछ सिक्का लइलथिन, सब्भे पाँच-पाँच कोपेक के, आउ ऊ सब के हमरा दने ज़ीना पर फेंक देलथिन। «अइकी तोरा लगी हउ», ऊ चिल्लइलथिन, «ले, बस एतने हमरा हीं हलउ, आउ अपन मइया के कह देहीं, कि हम ओकरा शाप दे हिअइ», आउ ऊ खुद दरवाजा फटाक से लगा लेलथिन। आउ पाँच कोपेक के सिक्का सब ज़ीना पर लुढ़क गेलइ। हम ई सब के अन्हरवे में चुन्ने लगलिअइ, आउ नाना, स्पष्टतः, अन्दाज लगा लेलथिन हल, कि ऊ सिक्का फेंक देलथिन हल आउ ओकरा अन्हार में जामा करना कठिन हलइ, दरवाजा खोललथिन आउ मोमबत्ती लइलथिन, आउ मोमबत्ती के रोशनी में हम ऊ सब के जल्दी से जामा कर लेलिअइ। आउ नाना हमरा साथे जामा कइलथिन, आउ हमरा बतइलथिन, कि ई कुल मिलाके सात ग्रिव्ना[1] होवे के चाही, आउ खुद चल गेलथिन। जब हम घर अइलिअइ, हम पैसा देलिअइ आउ माय के सब कुछ बतइलिअइ, आउ मइया के आउ खराब लगलइ, आउ खुद हम पूरे रात बेमार हलूँ आउ दोसरा दिन पूरा देह तप रहल हल, लेकिन हम खाली एक्के बात के बारे सोच रहलूँ हल, काहेकि हम नाना पर गोसाल हलिअइ, आउ जब माय के नीन पड़ गेलइ, हम स्ट्रीट में, नाना के फ्लैट तरफ चल पड़लिअइ, आउ, हुआँ बिन पहुँचले, पुल पर ठहर गेलिअइ। हिएँ परी से  गुजरलइ ..."

"ई अर्ख़िपोव[2] हलइ", हम कहलिअइ, "ऊ, जेकरा बारे हम बोललियो हल, निकोलाय सिर्गेयिच, जे बुबनोवा के हियाँ व्यापारी के साथ हलइ आउ जेकरा हुआँ पिटाई होले हल। ई पहिले तुरी नेली तहिया ओकरा देखलके हल ... बात जारी रख, नेली।"

"हम ओकरा रोकलिअइ आउ पैसा मँगलिअइ, चानी के एक रूबल। ऊ हमरा दने तकलकइ आउ पुछलकइ - «चानी के एक रूबल?» हम कहलिअइ - «हाँ»। तब ऊ हँस पड़लइ आउ हमरा कहलकइ - «हमरा साथ चल»। हमरा समझ में नञ् अइलइ, कि जाल जाय कि नञ्, कि अचानक एगो बुढ़उ अइलइ, सोना के चश्मा में - आउ ऊ सुन लेलकइ, जब हम चानी के एक रूबल माँग रहलिए हल - हमरा दने झुकलइ आउ पुछलकइ, ठीक काहे लगी हम एतना चाहऽ हिअइ। हम ओकरा कहलिअइ, कि माय बेमार हके आउ कि एतना पैसा दवाय खातिर जरूरत हके। ऊ पुछलकइ, कि हमन्हीं काहाँ रहऽ हिअइ, आउ पता लिख लेलकइ, आउ हमरा एगो चिट देलकइ आउ चानी के एक रूबल। आउ ऊ, जब बुढ़उ के चश्मा में देखलकइ, त चल गेलइ आउ हमरा खुद के साथ आवे लगी फेर नञ् कहलकइ। हम एगो दोकान में गेलिअइ आउ ऊ रूबल के तामा के सिक्का में भँजइलिअइ; तीस कोपेक हम कागज में लपेट लेलिअइ आउ माय लगी रखलिअइ, लेकिन सात ग्रिव्ना कागज में नञ् लपटलिअइ, बल्कि जानबूझके अपन हाथ में रखले रहलिअइ आउ नाना के हियाँ रवाना होलिअइ। जब उनका हीं अइलिअइ, त दरवाजा खोललिअइ, दहलीज पर रहलिअइ, लहरइलिअइ आउ पूरा पैसा उनका तरफ फेंक देलिअइ, आउ ऊ सब फर्श पर लुढ़क गेलइ।

"अइकी, ले ल अपन पैसा!" हम उनका कहलिअइ। "तोहरा हीं से एकर जरूरत नञ् हमर माय के, काहेकि तूँ ओकरा शाप दे हो", दरवाजा फटाक से लगइलिअइ आउ तुरते भाग गेलिअइ।

ओकर आँख चमक उठलइ, आउ ऊ बुढ़उ दने बचकाना चुनौतीपूर्ण मुद्रा में देखलकइ।

"ठीके तो हइ", आन्ना अन्द्रेयेव्ना कहलकइ, निकोलाय सिर्गेयिच तरफ बिन देखले आउ नेली के कसके अपन छाती से लगाके, "अइसने ओकरा साथ करे के चाही हल; तोर नाना दुष्ट आउ क्रूरहृदय हलउ ..."

"हूँ! ...", निकोलाय सिर्गेयिच प्रतिसाद देलथिन (responded)।

[*418] "अच्छऽ, फेर की होलइ, फेर की होलइ?" अधीरतापूर्वक आन्ना अन्द्रेयेव्ना पुछलकइ।

"हम नाना के हियाँ आगू जाना बन्द कर देलिअइ, आउ ऊ हमरा भिर आना बन्द कर देलथिन", नेली उत्तर देलकइ।

"अच्छऽ, त तूँ माय के साथ कइसे रहलहीं? ओह, बेचारी, गरीब लोग!"

"आउ माय के हालत आउ खराब हो गेलइ, आउ ऊ विरले बिछौना पर से उट्ठऽ हलइ", नेली बात जारी रखलकइ, आउ ओकर स्वर में कंपन हलइ आउ बीच-बीच में टूट जा हलइ। "पैसा तो हमन्हीं हीं कुच्छो नञ् हलइ, आउ हम कप्तान के विधवा के साथ बाहर जाय लगलिअइ। आउ कप्तान के विधवा घर-घर जा हलइ, स्ट्रीट पर के उदार लोग के भी रोकऽ हलइ आउ भीख माँगऽ हलइ, आउ एकरे पर जीयऽ हलइ। ऊ हमरा से बोललइ, कि ऊ भिखारनी नञ् हइ, आउ कि ओकरा पास दस्तावेज हइ, जेकरा में ओकर रैंक लिक्खल हइ आउ एहो लिक्खल हइ, कि ऊ गरीब हइ। ई दस्तावेज ऊ देखइवो करऽ हलइ, आउ ओकरा लोग एहे लगी पैसा दे हलइ। ऊ हमरा बोलवो कइलइ, कि सब लोग के हियाँ से भीख माँगना शरमनाक नञ् हइ। हमहूँ ओकरा साथ जा हलिअइ, आउ लोग हमन्हीं के पैसा दे हलइ, आउ एकरे से हमन्हीं जीयऽ हलिअइ। मइया के एकरा बारे मालुम हो गेलइ, काहेकि किरायेदार लोग ओकरा बुरा-भला सुनावे लगलइ, कि ऊ भिखारनी हइ, आउ बुबनोवा खुद माय के पास अइलइ आउ बोललइ, कि बेहतर ऊ हमरा ओकरा हीं रहे देइ, आउ भीख नञ् माँगइ। ऊ पहिलहूँ माय भिर आवऽ हलइ आउ ओकरा लगी पैसा लावऽ हलइ; लेकिन जब माय ओकरा हीं से नञ् लेलकइ, त बुबनोवा बोललइ - काहे लगी तूँ एतना अभिमानी हकहो, आउ भोजन भेजऽ हलइ। आउ जब ऊ अब हमरा बारे बोललइ, त माय रो पड़लइ, डर गेलइ, लेकिन बुबनोवा ओकरा गरियावे लगलइ, काहेकि पीयल हलइ, आउ कहलकइ, कि हम तो अइसूँ भिखारिन हिअइ आउ कप्तान के विधवा के साथ जा हिअइ, आउ ओहे शाम कप्तान के विधवा के घर से निकास देलकइ। मइया के जब ई सब के बारे पता चललइ, त रोवे लगलइ, बाद में अचानक बिछावन पर से उठलइ, कपड़ा पेन्हलकइ, हमरा हाथ से पकड़ लेलकइ आउ अपन साथ ले गेलइ। इवान अलिक्सान्द्रिच ओकरा रोके लगलथिन, लेकिन ऊ नञ् ध्यान देलकइ, आउ हमन्हीं बाहर हो गेलिअइ। माय मोसकिल से चल पावऽ हलइ आउ मिनट-मिनट स्ट्रीट में बैठ जा हलइ, आउ हम ओकरा सहारा दे हलिअइ। माय बोलते रहऽ हलइ, कि ऊ नाना भिर जइतइ आउ हम ओकरा ले जइअइ, लेकिन कब के रात हो चुकले हल। अचानक हमन्हीं एगो चौड़गर स्ट्रीट में अइलिअइ; हियाँ एगो घर के सामने कइएक करेता (घोड़ागाड़ी) रुक रहले हल आउ कइएक लोग बाहर आब करऽ हलइ, आउ खिड़की में सगरो रोशनी हलइ, आउ संगीत सुनाय दे रहले हल। माय ठहर गेलइ, हमरा पकड़ लेलकइ आउ तखने हमरा कहलकइ - «नेली, गरीब रहिहँऽ, जिनगी भर गरीब रहिहँऽ, ओकन्हीं तरफ मत जइहँऽ, चाहे कोय तोरा बोलाबउ, चाहे कोय तोरा भिर आबउ। आउ तूँहूँ हुआँ रह सकऽ हीं, धनी आउ निम्मन पोशाक में, लेकिन हम ऊ नञ् चाहऽ हिअउ। ओकन्हीं दुष्ट आउ निर्दय हइ, आउ अइकी हमर औडर हउ - गरीब रह, काम कर आउ भीख माँग, आउ अगर कोय तोर पीछू आबउ, त ओकरा कह - हम तोहरा हीं नञ् आवे लगी चाहऽ ही! ...» ई बात हमरा से माय बोललइ, जब ऊ बेमार हलइ, आउ हम जिनगी भर ओकर आज्ञापालन करे लगी चाहऽ ही", नेली आगू बोललइ, उत्तेजना से काँपते, आउ चमकइत चेहरा के साथ, "आउ जिनगी भर सेवा करते आउ काम करते रहम, आउ तोहन्हिंयों हीं हम सेवा करे आउ काम करे लगी अइलियो ह, आउ बेटी बनके रहे लगी नञ् चाहऽ ही ..."

"बस हो गेलउ, बस हो गेलउ, हमर दुलारी, बस हो गेलउ!" बूढ़ी चीख पड़लइ, नेली के कसके गले लगइते। "आखिर तोर माय ऊ समय बेमार हलउ, जब तोरा ई बात बोललो हल।"

"पागल हलइ", स्पष्ट रूप से बुढ़उ बोललथिन।

"बल्कि पागल रहइ!" नेली बोललइ, उनका तरफ स्पष्ट रूप से संबोधित करते, "बल्कि पागल रहइ, लेकिन ऊ हमरा अइसन औडर देलके हल, त हम अइसने [*419] जिनगी भर रहम। आउ जब ऊ हमरा ई बतइलकइ, त मूर्च्छित होके गिरियो गेलइ।"

"हे भगमान!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्लइलइ, "बेमार, स्ट्रीट में, ठंढी में? ..."

"लोग हमन्हीं के पुलिस के सौंपे लगी चहलकइ, लेकिन एक महाशय दखल देलथिन, हमर फ्लैट के पता पुछलथिन, हमरा दस रूबल देलथिन आउ अपन घोड़ागाड़ी में माय के हमन्हीं के घर पहुँचावे के औडर देलथिन। एकर बाद माय कभी उठ नञ् सकलइ, आउ तीन सप्ताह के बाद मर गेलइ ..."

"आउ पिता के की होलइ? ओकरा नञ् माफ कइलथिन?" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चीख उठलइ।

"नञ् माफ कइलथिन!" नेली उत्तर देलकइ, यातना सहित खुद के नियंत्रित करते। "मौत के एक सप्ताह पहिले माय हमरा बोलइलकइ आउ कहलकइ - «नेली, एक तुरी आउ नाना हीं जो, अन्तिम तुरी, आउ निवेदन करहीं, कि हमरा हीं आथिन आउ हमरा माफ कर देथिन; उनका कहहीं, कि हम कुछ दिन में मर जइबइ आउ तोरा दुनियाँ में अकेल्ले छोड़ देबउ। आउ उनका आउ बताहीं, कि हमरा मरे में बहुत तकलीफ हो रहल ह ...» आउ हम गेलिअइ, नाना के दरवाजा पर दस्तक देलिअइ, ऊ खोललथिन आउ, जइसीं हमरा देखलथिन, ओइसीं हमरा सामनहीं दरवाजा बन्द करे लगी चहलथिन, लेकिन हम दुन्नु हाथ से दरवाजा के पकड़ लेलिअइ आउ हम उनका पर चिल्लइलिअइ - «माय मर रहले ह, तोहरा बोलावऽ हको, चलहो! ...» लेकिन ऊ हमरा ढकेल देलथिन आउ दरवाजा फटाक से लगा लेलथिन। हम माय हीं वापिस अइलिअइ, ओकर बगल में पड़ गेलिअइ, ओकरा गले लगइलिअइ आउ कुच्छो नञ् कहलिअइ ... मइयो हमरा गले लगइलकइ आउ कुच्छो पूछताछ नञ् कइलकइ ..."

ई पल में निकोलाय सिर्गेयिच कसके हाथ से टेबुल पर सहारा लेलथिन आउ उठ गेलथिन, लेकिन, आउ चारो तरफ से हमन्हीं के विचित्र, धुँधला नजर से देखके, मानु अशक्त होल कुरसी पर पड़ गेलथिन। आन्ना अन्द्रेयेव्ना उनका तरफ नञ् देख रहले हल, लेकिन, सुबकते, नेली के गले लगइलकइ ...

"अइकी अन्तिम दिन, ओकर मरे के पहिले, शाम के पहिले, माय हमरा अपना भिर बोलइलकइ, हमरा हाथ से पकड़ लेलकइ आउ कहलकइ - «हम आझ मर जइबउ, नेली», आउ कुछ कहे लगी चाह रहले हल, लेकिन बोल नञ् सकलइ। हम ओकरा दने देखलिअइ, लेकिन ऊ मानु हमरा दने नञ् देख पावऽ हइ, खाली अपन हाथ में हमरा हाथ के कसके पकड़ले हइ। हम आस्ते से अपन हाथ घींच लेलिअइ आउ घर से दौड़ पड़लिअइ, आउ पूरे रस्ता तेजी से दौड़ल गेलिअइ आउ नाना के हियाँ पहुँचलिअइ। जइसीं ऊ हमरा देखलथिन, त ऊ कुरसी पर से उछल गेलथिन आउ देखऽ हथिन, आउ एतना डर गेलथिन, कि बिलकुल पीयर पड़ गेलथिन आउ पूरा थरथराय लगलथिन। हम उनकर हाथ पकड़ लेलिअइ आउ खाली एतने बोललिअइ - «अभी मर रहले ह»। त ऊ अचानक घबरा गेलथिन; अपन छड़ी उठइलथिन आउ हमरा पीछू दौड़लथिन; हियाँ तक कि अपन हैट भी भूल गेलथिन, आउ ठंढी हलइ। हम हैट उठइलिअइ आउ उनका पेन्हइलिअइ, आउ हमन्हीं दुन्नु साथे बाहर दौड़ल गेलिअइ। हम उनका जल्दी करे लगी कहलिअइ आउ बोललिअइ, कि गाड़ी कर लेथिन, काहेकि माय अभी मर रहले ह; लेकिन नाना के पास कुल्लम सात कोपेक हलइ। ऊ कोचवान लोग के रोकवइलथिन, मोल-जोल कइलथिन, लेकिन ओकन्हीं खाली हँसलइ, आउ अज़ोर्का पर हँसलइ, आउ अज़ोर्का हमन्हीं साथ दौड़ रहले हल, आउ हमन्हीं सब्भे आगू दौड़ते रहलिअइ। नाना थक गेलथिन आउ उनका साँस लेवे में तकलीफ हो रहले हल, लेकिन तइयो जल्दी कइलथिन आउ दौड़ते रहलथिन। अचानक ऊ गिर गेलथिन, आउ उनकर हैट निच्चे गिर गेलइ। हम उनका उठइलिअइ, उनका फेर से हैट पेन्हइलिअइ आउ उनका हाथ पकड़के ले जाय लगलिअइ, आउ लगभग रात होवे के ठीक पहिले घर पहुँचते गेलिअइ ... लेकिन माय मरल पड़ल हलइ। जइसीं ओकरा नाना देखलथिन, अपन दुन्नु हाथ उपरे कइलथिन, काँप उठलथिन आउ ओकरा भिर खड़ी रहलथिन, लेकिन खुद कुछ नञ् बोलऽ हथिन। तब हम मर चुकल माय भिर गेलिअइ, नाना के हाथ से पकड़लिअइ आउ उनका चिल्लइते बोललिअइ - «अइकी, निर्दय आउ दुष्ट व्यक्ति,  [*420] अइकी, देखऽ!.. देखऽ!» त नाना चीख उठलथिन आउ फर्श पर मरल नियन गिर गेलथिन ..."

नेली उछल पड़लइ, खुद के आन्ना अन्द्रेयेव्ना के आलिंगन से छोड़ा लेलकइ आउ हमन्हीं बीच खड़ी हो गेलइ, पीयर, क्लान्त आउ भयभीत। लेकिन आन्ना अन्द्रेयेव्ना ओकरा तरफ ओकरा तरफ लपकके गेलइ आउ, फेर से गले लगाके, चीख उठलइ, मानु कइसनो अंतःप्रेरणा से -

"हम, हम अब तोर माय होबउ, नेली, आउ तूँ हमर बुतरू! हाँ, नेली, चलल जाय, ई सब निर्दय आउ दुष्ट लोग के छोड़ देल जाय! ओकन्हीं के लोग पर मजाक उड़ावे देहीं, भगमान, भगमान ओकन्हीं के हिसाब देखथिन ... चलल जाय, नेली, हियाँ से चलल जाय, चलल जाय! ..."

हम कभियो, न तो पहिले, न बाद में, ओकरा अइसन हालत में नञ् देखलिअइ, आउ न सोचलिअइ, कि ऊ कभी एतना उत्तेजित हो सकऽ हलइ। निकोलाय सिर्गेयिच अपन अरामकुरसी में सीधा हो गेलथिन, जरी उपरे उठलथिन आउ टुट्टल-फुट्टल स्वर में बोललथिन -

"तूँ काहाँ चललऽ, आन्ना अन्द्रेयेव्ना?"

"ओकरा हीं, बेटी हीं, नताशा हीं!" ऊ चिल्लइलइ आउ नेली के अपन पीछू घसीटले गेलइ।

"ठहरऽ, ठहरऽ, इंतजार करऽ! ..."

"इंतजार करे के जरूरत नञ्, निर्दय आउ दुष्ट व्यक्ति! हम बहुत समय तक इंतजार कइलियो, आउ ऊ बहुत समय तक इंतजार कइलको, लेकिन अब अलविदा! ..."

एतना उत्तर देके, बूढ़ी पीछू मुड़लइ, अपन पति दने निगाह डललकइ आउ स्तब्ध रह गेलइ - निकोलाय सिर्गेयिच ओकरा सामने खड़ी हलथिन, अपन हैट लेले, आउ अपन थरथराइत दुर्बल हाथ से शीघ्रतापूर्वक अपन कोट घींच रहलथिन हल।

"आउ तूँहूँ ... आउ तूँहूँ हमरा साथ!" ऊ चीख उठलइ, प्रार्थना के साथ हाथ जोड़ते आउ अविश्वास से उनका तरफ देखते, मानु अइसन खुशी पर विश्वास के साहस नञ् करते।

"नताशा, काहाँ हके हमर नताशा! काहाँ हके ऊ! काहाँ हके बेटी हमर!" आखिरकार, बुढ़उ के छाती से स्वर फूट पड़लइ। "हमरा हमर नताशा दे द! काहाँ, काहाँ हके ऊ!" आउ, छड़ी पकड़के, जे हम उनका देलिअइ, ऊ दरवाजा दने लपकलथिन।

"माफ कर देलथिन! माफ कर देलथिन!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चीख पड़लइ।

लेकिन बुढ़उ दहलीज तक जा नञ् पइलथिन। दरवाजा तेजी से खुललइ, आउ कमरा में दौड़ल प्रवेश कइलकइ नताशा, पीयर, चमकइत आँख के साथ, मानु बोखार में। ओकर पोशाक मचुराल हलइ आउ बारिश से तर-बतर होल। ओढ़नी, जेकरा से ऊ अपन सिर ढँकले हलइ, सरकके ओकर सिर के पीछू हो गेले हल, आउ बारिश के बड़गर-बड़गर बून ओकर घनगर केश के छितराल लट पर चमक रहले हल। ऊ दौड़ल अन्दर अइलइ, पिता के देखलकइ आउ चीख मारके उनकर सामने लपकके टेहुना के बल गिर गेलइ, अपन बाँह उनका तरफ फैलइते।


भूमिका               भाग 4, अध्याय 7              भाग 4, अध्याय 9 



[1] 1 ग्रिव्ना = 10 कोपेक।

[2] दे॰ भाग 2, अध्याय 5 (रूसी संस्करण में पृ॰264)।


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