विजेट आपके ब्लॉग पर

Tuesday, October 12, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 4; अध्याय 3

                  अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 4

अध्याय 3

एहे दिन हम नताशा के हियाँ पूरे शाम हलिअइ। हम देर से घर वापिस अइलिअइ। नेली सुत्तल हलइ। अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना के भी नीन आ रहले हल, लेकिन ऊ रोगी के पास अभियो तक बैठल हलइ आउ हमर इंतजार कर रहले हल। तुरते ऊ फुसफुसाहट में हमरा कहे लगलइ, कि नेली शुरू में बहुत खुश हलइ, हियाँ तक कि बहुत हँसवो कइलइ, लेकिन बाद में ऊ बोर हो गेलइ आउ, ई देखके, कि हम नञ् आब करऽ हिअइ, चुप हो गेलइ आउ विचारमग्न हो गेलइ। «बाद में शिकायत करे लगलइ, कि ओकर सिर दरद कर रहले ह, रोवे लगलइ आउ एतना बिलखलइ, कि हमरा समझ में नञ् आवऽ हलइ, कि ओकरा साथ की कइल जाय», अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना बोललइ। «हमरा से नताल्या निकोलायेव्ना के बारे बोले लगलइ, लेकिन कुच्छो नञ् कह पइलकइ; ऊ पूछताछ करना बन्द कर देलकइ आउ बाद में रोते रहलइ आउ अइसीं आँख में अश्रु के साथ सुत गेलइ। अच्छऽ, अलविदा, इवान पित्रोविच; ओकरा तइयो जरी हलका लगऽ हइ, जइसन कि हम नोटिस कइलिअइ, आउ हमरा घर जाय के हइ, एहे फ़लिप फ़िलिपिच औडर देलथिन हल। हम अपने सामने स्वीकार करऽ हिअइ, आखिर ऊ हमरा अबरी खाली दू घंटा लगी जाय खातिर अनुमति देलथिन हल, लेकिन हम खुद रह गेलिअइ। लेकिन कोय बात नञ्, हमरा बारे चिन्ता नञ् करथिन; ऊ हमरा पर गोसइथिन नञ् ... खाली शायद ... आह, हे भगमान, प्यारे इवान पित्रोविच, हम की करिअइ - हमेशे ऊ अब घर पर पीयल आवऽ हथिन! ऊ कोय मामले में बहुत व्यस्त हथिन, हमरा से नञ् बोलऽ हथिन, उदास रहऽ हथिन, उनकर दिमाग में कोय तो मुख्य बात हइ; हम तो ई देखऽ हिअइ; लेकिन तइयो शाम में पीयल ... हम खाली सोचऽ हिअइ - ऊ अब घर वापिस अइलथिन, केऽ उनका बिछौना पर ले जइतइ? खैर, जा हिअइ, जा हिअइ, अलविदा। अलविदा, इवान पित्रोविच। अपने हीं के पुस्तक देखलिअइ - अपने के पास केतना पुस्तक हइ, आउ सब, बुद्धिमत्तापूर्ण होवे के चाही; लेकिन हम तो मूर्ख हिअइ, कभियो तो कुछ पढ़लिअइ नञ् ... अच्छऽ, बिहान भेंट होतइ ...»

लेकिन अगले सुबह नेली जगलइ, अवसादित आउ उदास, अनिच्छा से हमरा उत्तर देलकइ। अप्पन मन से हमरा साथ कुछ नञ् बोललइ, मानु हमरा पर गोसाल हलइ। हम खाली ओकर कुछ नजर नोटिस कइलिअइ, जे ऊ कनखियाके हमरा पर डललके हल, मानु चुपके-चोरी; ई नजर में बड़गो कइसनो गुप्त हार्दिक वेदना हलइ, लेकिन तइयो ओकरा में स्नेह झलकऽ हलइ, जे नञ् रहऽ हलइ, जब ऊ हमरा दने सीधे देखऽ हलइ। एहे दिन तो डाक्टर के साथ दवाय लेवे के दृश्य होलइ; हमरा समझ में नञ् आवऽ हलइ, कि कउची सोचिअइ। लेकिन आखिरकार नेली के हमरा तरफ व्यवहार बदल गेलइ। ओकर विचित्र ढंग, सनक, कभी-कभी हमरा प्रति लगभग घृणा - ई सब जारी रहलइ [*377] ठीक ऊ दिन तक, जब ऊ हमरा हीं रहे लगी बन्द कर देलकइ, ठीक ऊ महाविपत्ति तक, जे हमन्हीं के पूरा रोमांस के अन्त हलइ। लेकिन एकरा बारे बाद में।

कभी-कभी अइसन होवऽ हलइ, लेकिन, कि ऊ कोय एक घंटा तक हमरा प्रति पहिलहीं नियन स्नेही रहइ। ओकर स्नेह, लगऽ हलइ, ई पल में दोगना हो जाइ; सबसे अकसर ई पल में ऊ जोर-जोर से रोवइ। लेकिन अइसन घंटा जल्दीए गुजर जाय, आउ ऊ फेर से पहिलउके उदासी में पड़ जाय आउ फेर से हमरा दने शत्रुतापूर्ण ढंग से देखइ, चाहे सनक दर्शावे लगइ, जइसन कि डाक्टर के उपस्थिति में, चाहे अचानक, ई नोटिस करके, कि ओकर कइसनो नयका शरारत हमरा लगी अप्रिय हइ, ठहाका मारे लगइ आउ हमेशे अन्त अश्रु से करइ। ऊ एक तुरी अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना के साथ भी झगड़ पड़लइ, ओकरा कहलकइ, कि ओकरा से कुच्छो नञ् चाही। जब हम ओकरा डाँटे लगलिअइ, अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना के हीं उपस्थिति में, त ऊ गोसाऽ गेलइ, कइसूँ एक प्रकार के आवेशपूर्ण, संग्रहित क्रोध के साथ उत्तर देलकइ, लेकिन अचानक चुप हो गेलइ आउ पूरे दू दिन तक हमरा से एक्को शब्द नञ् बोललइ, दवाय के एक्को खुराक नञ् लेवे लगी चहलकइ, हियाँ तक कि खाहूँ-पीहूँ लगी नञ् चहलकइ, आउ खाली बुढ़उ डाक्टर ओकरा समझा आउ आश्वस्त कर पइलथिन।

हम पहिलहीं उल्लेख कर चुकलिए ह, कि डाक्टर आउ ओकरा में, दवाय लेवे के ठीक पहिलउके दिन से, एक प्रकार के आश्चर्जनक सहानुभूति (प्रेम) शुरू हो गेलइ। नेली उनका बहुत प्यार करऽ हलइ आउ हमेशे उनकर स्वागत खुशी के मुसकान से करऽ हलइ, चाहे उनकर आगमन के पहिले ऊ केतनो उदास काहे नञ् रहइ। अपना तरफ से, बुढ़उ हमन्हीं हीं रोज दिन आवे लगलथिन, आउ कभी-कभी दिन में दू तुरी भी, तभियो, जब नेली चल्ले-बुल्ले लगले हल आउ बिलकुल ठीक हो चुकले हल, आउ लगऽ हलइ, ऊ उनका पर जादू कर देलके हल, कि ऊ दिन गुजार नञ् पावऽ हलथिन, बिन कोय ओकर हँसी सुनते आउ अपन उपरे मजाक, कभी-कभार बहुत मनोरंजक। ऊ ओकरा लगी चित्र-कथा के पुस्तक लावे लगलथिन, सब उपदेशात्मक प्रकार के। एक तो ऊ ओकरा लगी जानबूझके खरदलथिन। बाद में ओकरा लगी मिठाय लावे लगलथिन, सुन्दर डिब्बा में मिठाय। अइसन अवसर पर ऊ साधारणतः उल्लसित मुद्रा में प्रवेश करऽ हलथिन, मानु नाम दिवस मनावे वला हलथिन, आउ नेली तुरते अन्दाज लगा ले हलइ, कि ऊ उपहार के साथ अइला। लेकिन ऊ उपहार नञ् देखावऽ हलथिन, बल्कि खाली धूर्ततापूर्वक हँस पड़ऽ हलथिन, नेली बिजुन बैठ जा हलथिन, इशारा करऽ हलथिन, कि अगर नवयुवती अपन आचरण ठीक रखलकइ आउ उनकर अनुपस्थिति में आदर के लायक होतइ, त अइसन नवयुवती निम्मन पुरस्कार के योग्य होतइ। आउ ऊ एतना भोला-भाला आउ उदार रूप से ओकरा दने देखऽ हलथिन, कि नेली हलाँकि उनका पर अत्यंत खुले दिल से हँस्सऽ हलइ, लेकिन साथे-साथ ऊ पल में ओकर निर्मल आँख में हार्दिक, स्नेहपूर्ण निष्ठा चमकऽ हलइ। आखिरकार बुढ़उ उल्लासपूर्वक अपन कुरसी पर से उट्ठऽ हलथिन, मिठाय के डब्बा निकासऽ हलथिन आउ, ओकरा नेली के सौंपते, आवश्यक रूप से जोड़ऽ हलथिन - «हमर भावी आउ प्यारी पत्नी खातिर»। अइसन पल में ऊ खुद, नेली से भी जादे, खुश लगऽ हलथिन।

एकर बाद बातचीत चालू होवऽ हलइ, आउ हरेक तुरी ऊ गंभीरतापूर्वक आउ आश्वस्त करते ओकरा अपन स्वास्थ्य पर ध्यान देवे लगी समझावऽ हलथिन आउ ओकरा विश्वसनीय चिकित्सा परामर्श दे हलथिन।

"सबसे जादे खुद के स्वास्थ्य पर ध्यान देवे के चाही", ऊ हठधर्मी स्वर (dogmatic tone) में बोलऽ हलथिन, "पहिला, आउ मुख्य, जीवित रहे खातिर, आउ दोसरा, हमेशे स्वस्थ रहे खातिर आउ, ई तरह, [*378] जिनगी में सुख प्राप्त करे खातिर। अगर तोहरा, हमर प्रिय बुतरू, कइसनो शोक हको, त ओकरा भूल जा, चाहे सबसे निम्मन ओकरा बारे नञ् सोचे के प्रयास करऽ। अगर कइसनो प्रकार के शोक नञ् हको, त ... तइयो ऊ सब के बारे नञ् सोचऽ, बल्कि प्रयास करऽ खुशी के बारे सोचे के ... कुछ आनंददायक, विनोदी बात के बारे ..."

"आउ अइसन कउची हइ ई आनंददायक, विनोदी बात, जेकरा बारे सोचल जाय?" नेली पुछलकइ।

डाक्टर तुरते असमंजस में पड़ गेलथिन।

"अच्छऽ, कइसनो निर्दोष खेल के बारे, जे तोहर उमर लगी बिलकुल उचित रहे; चाहे ... अइसने आउ कुछ..."

"हम नञ् खेले लगी चाहऽ हूँ; हमरा खेलना पसीन नञ्", नेली बोललइ। "लेकिन हमरा बेहतर नयका पोशाक पसीन हके।"

"नयका पोशाक! हूँ। अच्छऽ, ई ओतना निम्मन नञ् हको। जिनगी में हम सब के सब कुछ में सामान्य भाग्य से संतुष्ट होवे के चाही। लेकिन तइयो ... शायद ... नयका पोशाको पसीन कइल जा सकऽ हइ।"

"आउ तूँ हमरा लगी ढेर सारा नयका पोशाक सिलके देबहो, जब हम तोरा से शादी कर लेबो?"

"कइसन विचार हइ!" डाक्टर बोललथिन आउ नाक-भौं सिकोड़े बेगर नञ् रह पइलथिन। नेली धूर्ततापूर्वक मुसकइलइ आउ एक तुरी, खुद के भूलके, एक तुरी हमरा दने मुसकइते देखवो कइलकइ।

"लेकिन तइयो ... हम तोहरा लगी पोशाक सिलबो, अगर तूँ अपन आचरण से एकर लायक बनइबऽ", डाक्टर बात जारी रखलथिन।

"आउ रोज दिन चूर्ण लेवे पड़तइ, जब हम तोहरा से शादी कर लेबो?"

"अच्छऽ, तहिया हमेशे चूर्ण लेवे के जरूरत नञ् पड़तो", आउ डाक्टर मुसकाय लगलथिन।

नेली हँसी से बातचीत में रुकावट डाल देलकइ। बुढ़उ ओकरा पीछू हँस पड़लथिन आउ प्यार से ओकर खुशी के देखते रहलथिन।

"विनोदी बुद्धि!" ऊ बोललथिन, हमरा दने मुड़ते। "लेकिन अभियो तक सनक आउ कइसनो विचित्रता आउ झुँझलाहट देखाय दे हइ।"

ऊ सही हलथिन। हमरा पक्का मालुम नञ् हलइ, कि ओकरा साथ की चल रहले हल। ऊ मानु हमरा साथ बिलकुल नञ् बोले लगी चाहऽ हलइ, मानु हम ओकरा सामने कोय मामले में दोषी हलिअइ। ई हमरा लगी बहुत कटु हलइ। हम खुद पर नाक-भौं सिकोड़लिअइ आउ एक तुरी दिन भर ओकरा साथ बात नञ् कइलिअइ, लेकिन दोसरा दिन हमरा शरम लगलइ। ऊ अकसर रोवऽ हलइ, आउ हमरा पक्का समझ में नञ् आवऽ हलइ, कि ओकरा कइसे सांत्वना दिअइ। लेकिन, ऊ एक दिन हमरा से अपन चुप्पी तोड़ देलकइ।

एक तुरी हम गोधूलि वेला से पहिले घर पहुँचलिअइ आउ देखलिअइ, कि नेली तेजी से तकिया के अंदर पुस्तक छिपइलकइ। ई हमर उपन्यास हलइ, जे ऊ टेबुल पर से लेलके हल आउ हमर अनुपस्थिति में पढ़ रहले हल। हमरा से एकरा छिपावे के की जरूरत हलइ? "मानु ऊ शरमा हइ", हम सोचलिअइ, लेकिन हम अइसन ढोंग कइलिअइ, कि हम कुछ नोटिस कइलिए हल। पनरह मिनट के बाद, जब हम एक मिनट खातिर रसोईघर में गेलिअइ, ऊ तेजी से बिछावन पर से उछलके उपन्यास के पहिलउके स्थान पर रख देलकइ - वापिस अइला पर एकरा हम टेबुलवे पर देखलिअइ। एक मिनट बाद ऊ हमरा खुद भिर बोलइलकइ; ओकर स्वर में कुछ तो उत्तेजना हलइ। चार दिन से ऊ हमरा से लगभग कुछ नञ् बोलले हल।

"तूँ ... आझ ... नताशा के पास जा रहलहो ह?" ऊ बीच-बीच में रुकते हमरा पुछलकइ।

"हाँ, नेली; हमरा ओकरा से आझ भेंट करना जरूरी हइ।"

नेली चुप हो गेलइ।

[*379] "तूँ ... ओकरा बहुत प्यार करऽ हो?" ऊ फेर से हमरा क्षीण स्वर में पुछलकइ।

"हाँ, नेली, बहुत प्यार करऽ हिअइ।"

"आउ हमहूँ ओकरा प्यार करऽ हिअइ", ऊ शांतिपूर्वक आगू बोललइ। ओकर बाद फेर से सन्नाटा छा गेलइ।

"हम ओकरा हीं जाय लगी चाहऽ ही आउ ओकरे साथ रहम", फेर से नेली बोलना चालू कइलकइ, हमरा तरफ भीरुतापूर्वक देखते।

"ई असंभव हउ, नेली", हम उत्तर देलिअइ, जरी अचंभित होल। "की वास्तव में तोरा हमरा हीं खराब लगऽ हउ?"

"असंभव काहे?" आउ ऊ लाल हो गेलइ। "आखिर तूँ तो हमरा समझइते रहऽ हो, कि हम ओकर पिताजी के हियाँ जाके रहिअइ; लेकिन हम जाय लगी नञ् चाहऽ ही। नताशा हीं नौकरानी हइ?"

"हइ।"

"अच्छऽ, त ओकरा अपन नौकरानी के भेज देइ, आउ हम ओकर नौकरानी के रूप में काम करबइ। हम ओकरा लगी सब कुछ करबइ आउ ओकरा हीं से कुछ नञ् लेबइ; हम ओकरा से प्यार करबइ आउ भोजन बनइबइ। तूँ ई बात ओकरा आझ बता देहो।"

"लेकिन काहे लगी, ई तोर कइसन सनक हउ, नेली? आउ ओकरा बारे तूँ कइसे निर्णय करम्हीं - की वास्तव में तूँ सोचऽ हीं, कि ऊ तोरा साथ में रसोइया के रूप में रक्खे लगी राजी होतउ? अगर ऊ तोरा रखवो करतउ, त अपन बराबर के रूप में, अपन छोटगर बहिन के रूप में।"

"नञ्, हम बराबर के रूप में नञ् चाहऽ ही। हम अइसन नञ् चाहऽ ही ..."

"काहे?"

नेली चुप हो गेलइ। ओकर होंठ थरथरा रहले हल - ऊ रोवे-रोवे पर हो गेलइ।

"आखिर जेकरा ऊ अभी प्यार करऽ हइ, ओकरा से दूर चल जइतइ आउ ओकरा अकेल्ले छोड़ देतइ?" आखिरकार ऊ पुछलकइ।

हम अचंभित हो गेलिअइ।

"लेकिन तूँ ई कइसे जानऽ हीं, नेली?"

"तूँ तो खुद्दे हमरा सब कुछ बतइलहो, आउ परसुन, जब अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना के पति सुबह में अइले हल, त हम ओकरा पुछलिए हल - आउ ऊ हमरा सब कुछ बता देलकइ।"

"की वास्तव में मस्लोबोयेव सुबह में अइलो हल?"

"अइले हल", ऊ उत्तर देलकइ, अपन नजर निच्चे करते।

"लेकिन काहे नञ् तूँ हमरा बतइलहीं, कि ऊ अइले हल?"

"अइसीं।"

हम एक मिनट सोचलिअइ। भगमान जाने, काहे लगी ई मस्लोबोयेव बेफुस्टंग के चक्कर मारते रहऽ हइ, अपन रहस्यपूर्णता के साथ। कइसन संबंध एकरा साथ स्थापित कइलके ह? ओकरा से भेंट करे के चाही।

"अच्छऽ, त एकरा से तोरा की लेना-देना, नेली, अगर ऊ ओकरा छोड़ दे हइ?"

"आखिर तूँ ओकरा से बहुत प्यार जे करऽ हो", नेली उत्तर देलकइ, हमरा दने अपन नजर बिन उपरे कइले। "आउ अगर प्यार करऽ हो, त एकर मतलब हइ, कि ओकरा से शादी कर लेबहो, जब ऊ चल जइतइ।"

"नञ्, नेली, ऊ हमरा ओतना प्यार नञ् करऽ हइ, जेतना कि हम ओकरा, आउ हम ... नञ्, अइसन नञ् होतइ, नेली।"

"आउ अगर हम तोहन्हीं दुन्नु के नौकरानी बनके सेवा करियो, त तोहन्हीं एक साथ रहके खुश रहभो", ऊ लगभग फुसफुसाहट में बोललइ, हमरा दने बिन देखले।

"ओकरा की हो गेले ह, ओकरा की हो गेले ह!" हम सोचलिअइ, आउ हमर पूरा आत्मा हमरा में उलट गेलइ। नेली चुप हो गेलइ आउ आगू पूरे शाम तक एक्को शब्द नञ् [*380] बोललइ। जब हम चल गेलिअइ, त ऊ रोवे लगलइ, पूरे शाम रोते रहलइ, जइसन कि हमरा अलिक्सान्द्रा सिम्योनोव्ना बतइलकइ, आउ अइसीं ओकरा अश्रु सहित नीन आ गेलइ। हियाँ तक कि रात में, सपना में, ऊ रो रहले हल आउ रात में कुछ तो बड़बड़ा रहले हल।

लेकिन ऊ दिन से ऊ आउ जादे उदास आउ चुप रहे लगलइ आउ हमरा साथ बिलकुल नञ् बोलऽ हलइ। सच हइ, हम ओकर अप्पन तरफ चोरी-चुपके डालल, दु-तीन नजर नोटिस कइलिअइ, आउ ई नजर में केतना स्नेहशीलता हलइ! लेकिन समाप्त हो जा हलइ ई पल के साथ, जे ई आकस्मिक स्नेहशीलता उत्पन्न करऽ हलइ, आउ, मानु ई चुनौती के प्रतिरोध में, नेली लगभग हरेक घंटे अधिकाधिक उदास हो जा हलइ, हियाँ तक कि डाक्टर के साथ भी, जे ओकर व्यवहार में बदलाव से चकित हो गेलथिन। ई दौरान ऊ लगभग चंगा हो चुकले हल, आउ डाक्टर ओकरा ताजा हावा में घुम्मे लगी आखिरकार अनुमति दे देलथिन, लेकिन बहुत कम। मौसम साफ आउ गरम हलइ। ई पुण्य सप्ताह (Holy Week) हलइ, जे अबरी बड़ी देरी से पड़ले हल; हम सुबहे निकस गेलिअइ; हमरा नताशा के हियाँ जाना आवश्यक हलइ, लेकिन हमरा जल्दी घर वापिस आवे के इरादा हलइ, ताकि नेली के लेके ओकरा साथ घुम्मे लगी जा सकिअइ; घर में अभी ओकरा अकेल्ले छोड़ देलिअइ।

लेकिन हम वर्णन नञ् कर सकऽ हिअइ, कि कइसन आघात हमरा लगी प्रतीक्षा कर रहले हल। हम शीघ्रतापूर्वक घर अइलिअइ। आवऽ हिअइ त देखऽ हिअइ, कि चाभी दरवाजा के बाहर लटकल हलइ। अन्दर जा हिअइ - कोय नञ् हइ। हम तो स्तब्ध हो गेलिअइ। देखऽ हिअइ - टेबुल पर चिट पड़ल हइ, आउ ओकरा में पेंसिल से बड़गर विषम लिखावट में लिक्खल हइ -

"हम तोहरा छोड़ देलियो आउ फेर तोहरा हीं कभियो नञ् अइबो। लेकिन हम तोहरा बहुत प्यार करऽ हियो।

                                     तोहर विश्वासी नेली"

हम तो भय से चीख पड़लिअइ आउ फ्लैट से तेजी से दौड़ल बाहर चल पड़लिअइ।

 

भूमिका               भाग 4, अध्याय 2              भाग 4, अध्याय 4 

No comments: