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Saturday, May 06, 2017

विश्वप्रसिद्ध रूसी नाटक "इंस्पेक्टर" ; अंक-3 ; दृश्य-1

अंक -3
(पहिला अंक वला कमरा ।)
दृश्य-1
(आन्ना अंद्रेयेव्ना आउ मारिया अंतोनोव्ना बिलकुल पहिलौके परिस्थिति में खिड़की बिजुन खड़ी हका ।)

आन्ना अंद्रेयेव्ना - हूँ, अइकी पूरे एक घंटा से हमन्हीं इंतजार करब करऽ हिअइ, आउ ई सब तोर अपन मूर्खतापूर्ण नखरेबाजी के चलते - पूरा तरह से पोशाक से सज-धज चुकलँऽ हल, लेकिन नयँ, अभियो तोरा समय गमावे के हउ ... ओकर कुच्छो बात पर बिलकुल हमरा सुनहीं के नयँ चाही हल । केतना चिढ़ बरऽ हइ !  जानल-बूझल नियन, एक्को आत्मा (अदमी) नयँ देखाय दे हइ ! मानूँ सब कोय मर गेले ह ।
मारिया अंतोनोव्ना - हाँ, सच हइ माय, लगभग दू मिनट में सब कुछ पता चल जइतइ । जल्दीए अवदोत्या आवे वली हइ । (खिड़की से हुलकऽ हइ आउ चीख उठऽ हइ ।) आह, माय, माय ! कोय तो आ रहले ह, अइकी गल्ली के आखिर में ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - काहाँ आब करऽ हइ ? तोरा तो हमेशे कइसनो सनक चढ़ल रहऽ हउ । अच्छऽ, हाँ, आब करऽ हइ । ई केऽ आब करऽ हइ ? ठिगना कद के ... टेलकोट में ... ई केऽ हइ ? अयँ ? ई तो वास्तव में खेदजनक हइ! केऽ हो सकऽ हइ ई ?
मारिया अंतोनोव्ना - ई तो दोचिन्स्की हइ, माय ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - कउन दोबचिन्स्की ? तोरा तो हमेशे अचानक अइसन चित्र कल्पना में आ जा हउ ... दोबचिन्स्की बिलकुल नयँ । (रूमाल लहरावऽ हइ ।) ए जी, एन्ने आवऽ ! जल्दी से !
मारिया अंतोनोव्ना - सच में, माय, दोबचिन्स्की हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - तूँ जान-बूझके खाली बहस करऽ हँ । हम कहऽ हिअउ - ई दोबचिन्स्की नयँ हइ ।
मारिया अंतोनोव्ना - फेर केऽ हइ ? केऽ हइ, माय ? देखहीं, दोबचिन्स्की हइ ।
आन्ना अंद्रेयेव्ना - अरे हाँ, दोबचिन्स्की हइ, अब हमरा देखाय दे रहल ह - तूँ बहस काहे लगी करब करऽ हीं ? (खिड़की से चिल्ला हका) जल्दी, जल्दी ! एतना अराम से आब करऽ ह । लेकिन की बात हइ, ओकन्हीं काहाँ हथिन ? अयँ ? खैर, ओज्जे से बोलहो न - बात बराबर हइ । की ? बहुत नियमनिष्ठ (strict) हथिन ? अयँ ? आउ हमर पति, हमर पति ? (खिड़की से जरी हटते, चिढ़के) कइसन बेवकूफ हइ - जब तक कमरा में नयँ घुसतइ, तब तक कुछ नयँ बतइतइ !

  
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