दृश्य-8
(आन्ना अंद्रेयेव्ना
आउ मारिया अंतोनोव्ना)
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - आह, केतना मनोहर !
मारिया
अंतोनोव्ना - आह, केतना प्यारा !
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - लेकिन केतना परिष्कृत शिष्टाचार ! देखके तुरतम्मे समझल जा सकऽ हइ कि
रजधानी के व्यक्ति हइ । ई सब्भे व्यवहार ... आह, केतना सुंदर ! अइसन नवयुवक लोग हमरा
भयंकर रूप से पसीन पड़ऽ हइ ! हम तो बस अपन होश खो बैठऽ हूँ । उनका तो हम बहुत अधिक पसीन
पड़लिअइ; हम नोटिस कइलिअइ - हमेशे हमरा पर नजर गड़इले रहला ।
मारिया
अंतोनोव्ना - आह, माय, ऊ तो हमरा दने तक रहलथिन हल !
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - मेहरबानी करके अपन बकवास अलगे ले जो ! ई हियाँ परी बिलकुल नयँ फिट बैठऽ
हउ ।
मारिया
अंतोनोव्ना - नयँ, माय, सच में !
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - ले देखहीं ! भगमान बचावे, बहस करे से ! ई संभव नयँ, बस ! काहाँ परी
उनका तोरा निहारे के हउ ? आउ काहे लगी उनका तोरा निहारे के चाही ?
मारिया
अंतोनोव्ना - सच माय, ऊ पूरे समय हमरा निहार रहलथिन हल । आउ जब ऊ साहित्य के बारे बोले
लगलथिन, त हमरा दने तकलथिन, आउ बाद में, जब ऊ बता रहलथिन हल, कि ऊ राजदूत लोग के साथ
ह्विस्ट खेलऽ हलथिन, तखनियों हमरा दने देखलथिन ।
आन्ना
अंद्रेयेव्ना - अच्छऽ, शायद, एकाऽ तुरी, आउ अइसीं, शिष्टाचार खातिर, बस । "ओह",
खुद से बोलऽ होथिन, "ओकरो दने जरी देख लेवे के चाही !"
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