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Sunday, August 15, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 13

                                     अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 13

बुढ़उ अन्दर अइलथिन। ऊ उत्सुकतापूर्वक आउ मानु कोय बात से लजाल हमन्हीं दने तकलथिन, नाक-भौं सिकुड़इलथिन आउ टेबुल तरफ गेलथिन।

"समावार के की होलइ", ऊ पुछलथिन, "की अभियो तक नञ् लावल गेलइ?"

"लावल जा रहलो ह, जी, लावल जा रहलो ह; अच्छऽ, अइकी आ गेलो", आन्ना अन्द्रेयेव्ना उत्तेजित होल बोललइ।

मत्रेना तुरतहीं, जइसीं निकोलाय सिर्गेयिच के देखलकइ, कि समावार के साथ उपस्थित होलइ, मानु ऊ उनकर बाहर आवे के इंतजार में हलइ ताकि एकरा लावल जाय। ई हलइ एगो बूढ़ी, विश्वसनीय आउ निष्ठावान नौकरानी, लेकिन दुनियाँ के सब नौकरानी में सबसे अधिक स्वेच्छाचारी बड़बड़ाही, अटल आउ जिद्दी चरित्र के। ऊ निकोलाय सिर्गेयिच से डरऽ हलइ आउ उनकर उपस्थिति में हमेशे मुँह बंद कर ले हलइ। लेकिन आन्ना अन्द्रेयेव्ना के सामने ऊ एकर पूरे तरह से क्षतिपूर्ति कर ले हलइ, हरेक कदम पर ओकरा साथ रूक्ष व्यवहार करऽ हलइ आउ अपन मालकिन पर रोब जमावे के स्पष्ट दावा करऽ हलइ, हलाँकि एकर साथे-साथ ओकरा आउ नताशा के दिल से आउ मन से प्यार करऽ हलइ। ई मत्रेना के हम इख़मेनेव्का में रहतहीं जानऽ हलिअइ।

"हूँ ... आखिर खराब तो लगऽ हइ, जब पूरे तरह से भिंगल हकहो; आउ हियाँ तोहरा लगी चइयो बनावे लगी तैयार नञ् रहऽ हइ", बुढ़उ धीमे स्वर में बड़बड़इलथिन।

आन्ना अन्द्रेयेव्ना तुरतम्मे हमरा दने इशारा कइलकइ। ऊ ई सब गुप्त इशारा सहन नञ् कर पइलथिन आउ बल्कि एहे पल काहे नञ् होवे, ऊ हमन्हीं तरफ देखे के प्रयास नञ् कइलथिन, लेकिन चेहरा से उनका नोटिस कइल जा सकऽ हलइ, कि आन्ना अन्द्रेयेव्ना ठीक अभिए उनका खातिर हमरा दने इशारा कइलके हल आउ ऊ पूरे तरह से ई बात जानऽ हथिन।

"काम (केस) के वास्ते गेलियो हल, वान्या", ऊ अचानक बोललथिन। "कइसन कूड़ा चालू होले ह। की तोरा से बोललियो हल? बिलकुल हमर विरुद्ध चल रहल ह। देखवे करऽ हो, सबूत तो नञ् हइ; जरूरी दस्तावेज नञ् हइ; सूचना गलत सिद्ध होवऽ हइ ... हूँ ..."

ऊ अपन अदालती कार्रवाई के मामले में प्रिंस के साथ बोललथिन; ई अदालती कार्रवाई लगातार आगू घिंचाल जा रहले हल, लेकिन निकोलाय सिर्गेयिच खातिर अत्यंत खराब मोड़ ले लेलके हल। हम चुप हलिअइ, ई नञ् जानते, कि उनका हम की जवाब दिअइ। ऊ हमरा दने संशयास्पद दृष्टि से देखलथिन।

"की बात हको!" ऊ अचानक बोललथिन, मानु हमन्हीं के चुप्पी साधले रहे से उत्तेजित हो गेलथिन हल, "जेतने जल्दी, ओतने निम्मन। हमरा ऊ नीच नञ् बना सकते जा हइ, बल्कि एहो फैसला काहे नञ् करइ, कि हमरा भुगतान करहीं पड़तइ। हमरा साथ हमर अंतःकरण हइ, आउ ओकन्हीं के फैसला करे देल जाय। कम से कम केस तो खतम हो जइतइ; निपटारा हो जइतइ, हमरा बरबाद कर देते जइतइ ... सब कुछ छोड़ देबइ आउ साइबेरिया चल जइबइ।"

"हे भगमान, काहाँ जाय के! लेकिन काहे लगी एतना दूर!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना कहे बेगर नञ् रह पइलइ।

"आउ हियाँ नगीच कउची हइ?" ऊ रुखाई से पुछलथिन, मानु एतराज से खुश होके।

 [*221] "तइयो ... लोग से ...", आन्ना अन्द्रेयेव्ना बोललइ आउ हमरा तरफ उदासी से तकलकइ।

"कइसन लोग से?" ऊ चिल्लइलथिन, अपन गरम नजर हमरा दने से ओकरा दने मोड़ते आउ फेर वापिस हमरा दने, "कइसन लोग से? लुटेरवन से, चुगलखोरन से, द्रोही लोग से? अइसनकन सगरो बहुत हइ; परेशान मत हो, आउ साइबेरिया में भी मिलतइ। आउ अगर हमरा साथ नञ् जाय लगी चाहऽ हँ, त, किरपा करके, हिएँ रह; हम तोरा जबरदस्ती नञ् करऽ हिअउ।"

"प्यारे, निकोलाय सिर्गेयिच! लेकिन तोहरा बेगर हम केकरा साथ रहम!" बेचारी आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्ला उठलइ। "आखिर हमरा पास, तोहरा बेगर, दुनियाँ भर में, कोय नञ् ..."

"ऊ हकलइते बोललइ, चुप हो गेलइ आउ हमरा दने भयभीत दृष्टि से मुड़लइ, मानु समर्थन आउ सहायता माँगते। बुढ़उ चिढ़ल हलथिन, सब के मीन-मेख निकासऽ हलथिन - उनकर विरोध करना असंभव हलइ।

"बहुत हो गेलो, आन्ना अन्द्रेयेव्ना", हम कहलिअइ, "साइबेरिया में एतना खराब नञ् हइ, जइसन लगऽ हइ। अगर विपत्ति आवऽ हइ आउ तोहरा इख़मेनेव्का बेचे पड़ऽ हको, तइयो निकोलाय सिर्गेयिच के इरादा बहुत निम्मन होतो। साइबेरिया में ढंग के प्राइवेट जगह (काम) मिल सकऽ हइ, आउ तब ..."

"कम से कम तूँ तो, इवान, काम के बात कहऽ ह। हमहूँ ओइसीं सोच रहलिए हल। सब कुछ छोड़ देबइ आउ चल जइबइ।"

"खैर, हम तो अइसन आशा नञ् करऽ हलूँ!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्लइलइ, अपन हाथ उपरे करते, "आउ तूँ, वान्या, हुएँ! हम तो तोहरा, इवान पित्रोवच, से अइसन आशा नञ् कइलूँ हल ... लगऽ हको, प्यार के छोड़के, तूँ हमन्हीं हीं से आउ कुच्छो नञ् देखलऽ, लेकिन अब ..."

"हा-हा-हा! आउ तूँ कउची आशा कर रहलऽ हल! हम हियाँ कउची पर जीबइ, सोचहो तो जरी! पैसा सब खरच हो गेलइ, ई अन्तिम कोपेक खरच करब करऽ हिअइ!"

"कहीँ तूँ हमरा प्रिंस प्योत्र अलिक्सान्द्रोविच के हियाँ जाके माफी माँगे लगी तो औडर नञ् देबहो?"

प्रिंस के बारे सुनके, बूढ़ी अइसीं भय से काँप गेलइ। चाय के चम्मच ओकरा हाथ में तश्तरी से जोर से झनझनाय लगलइ।

"नञ्, वास्तव में", इख़मेनेव खुद से शत्रुतापूर्ण, दृढ़ प्रसन्नता से गरम होते, बोललथिन, "तूँ की सोचऽ हो, वान्या, आखिर सच में जाय के चाही! साइबेरिया काहे लगी जाल जाय! बेहतर होतइ कि बिहान हम पोशाक पेन्हिअइ, बाल झारिअइ आउ केश चिकना कर लिअइ; आन्ना अन्द्रेयेव्ना हमरा लगी एगो नयका मनिश्का (shirt−front) तैयार करता (अइसन व्यक्ति के साथ भेंट आउ कोय दोसरा तरह से नञ् कइल जा सकऽ हइ!), पूरा बोन्तोन (bonton) खातिर पैताबा खरीदल जाय आउ महामहिम के पास जाल जाय - पिता, महामहिम, अन्नदाता, प्रिय पिता! माफ कर द आउ अनुग्रह करऽ, रोटी के टुकरी द - पत्नी, छोटगर-छोटगर बुतरू हके! ... अइसीं चाही न, आन्ना अन्द्रेयेव्ना? एहे चाहऽ हकहो?"

"प्यारे ... हमरा कुच्छो नञ् चाही! अइसीं, बेवकूफी में बोल देलियो; माफ कर द, अगर हम तोहरा चिढ़ा देलियो, लेकिन बस चिल्ला मत", ऊ बोललइ, लगातार जादे आउ जादे भय से काँपते।

हमरा पक्का विश्वास हइ, कि उनकर दिल में पूरा टीस हलइ आउ ई पल में पूरा उलटा-पलटा हो गेलइ, आँसू तरफ आउ अपन बेचारी सहेली के भय तरफ देखते; हमरा पक्का विश्वास हइ, कि ओकरा अपेक्षा उनका कहीं जादे दर्द हलइ; लेकिन ऊ एकरा रोक नञ् पइलथिन। अइसन कभी-कभी अत्यंत उदार, लेकिन अतिभावुक लोग के साथ होवऽ हइ, जे, अपन सब उदारता के बावजूद, अपन खुद के शोक आउ क्रोध में आत्मानंद के हद तक बह जा हइ, चाहे बल्कि कुच्छो हो जाय, [*222] खुद के बात के अभिव्यक्त करे के प्रयास करऽ हइ, हियाँ तक कि दोसरा के, निर्दोष आउ खास करके अपन अत्यंत नगीच के व्यक्ति के, अपमानित करे के हद तक। औरतियन के, मसलन, कभी-कभी खुद के अभगली, अपमानित अनुभव करे के जरूरत होवऽ हइ, बल्कि कोय अपमान, चाहे विपत्ति के बात नञ् रहे। कइएक अइसन मर्द लोग हइ, ई मामले में औरतियन से मिलते-जुलते, आउ हियाँ तक कि कमजोर मर्द नञ्, जेकन्हीं में ओइसन जादे कुछ औरतानी गुण बिलकुल नञ् होवऽ हइ। बुढ़उ झगड़ा के जरूरत अनुभव करऽ हलथिन, हलाँकि ऊ खुद ई जरूरत से तकलीफ भोगलथिन हल।

आद पड़ऽ हइ, कि हमरा हिएँ परी विचार कौंधलइ - की वास्तव में एकरा पहिले ऊ कुछ हरक्कत तो नञ् कइलथिन हल, आन्ना अन्द्रेयेव्ना के अनुमान नियन! कहीं अइसन तो नञ् होलइ, कि भगमान उनका सुझाव देलकइ आउ ऊ वास्तव में नताशा के पास गेलथिन, आउ रस्ता में अपन विचार बदल लेलथिन, चाहे कुछ में सफलता नञ् मिललइ, उनकर इरादा चौपट हो गेलइ - जइसन कि होवे के चाही हल - आउ अइकी ऊ घर वापिस अइलथिन, गोसाल आउ अपमानित होल, अपन हाल के इच्छा आउ भावना से लजाल, आउ ओहे से अपने कमजोरी खातिर केकरो दोसरा पर अपन गोस्सा निकासे लगी खोज रहलथिन हल, आउ बिलकुल ओहे लोग के चुनलथिन, जेकरा में ओइसने इच्छा आउ भावना के शंका करऽ हलथिन? हो सकऽ हइ, बेटी के माफ करे के इच्छा से, ऊ अपन बेचारी आन्ना अन्द्रेयेव्ना के हर्षातिरेक आउ खुशी के कल्पना कइलथिन, आउ, विफलता के बाद, जाहिर हइ,  एकरा लगी ओहे पहिला व्यक्ति मिललइ।

लेकिन आन्ना के मरल चेहरा, जे उनका सामने भय से काँप रहले हल, उनकर दिल के छू गेलइ। ऊ मानु अपन गोस्सा पर लाज अनुभव कइलथिन आउ पल भर खातिर खुद के नियंत्रित कर लेलथिन। हम सब चुप हलिअइ; हम उनका दने देखे के प्रयास नञ् कइलिअइ। लेकिन निम्मन पल देर तक नञ् रहलइ। चाहे जइसे होवे, मन के भड़ास निकासे के हलइ, चाहे आवेश में होवइ, चाहे शाप के साथ।

"देखऽ, वान्या", ऊ अचानक बोललथिन, "हमरा खेद हइ, कि हमरा बोले के इच्छा नञ् हलइ, लेकिन अइसन बखत अइलइ, आउ हमरा साफ-साफ बता देवे के चाही, बिन कोय भूमिका बान्हले, जइसन कि हरेक सीधा-सादा व्यक्ति के चाही ... समझऽ हो, वान्या? हमरा खुशी हको, कि तूँ अइलऽ, आउ ओहे से तोर सामनहीं जोर-जोर से बता देवे लगी चाहऽ हियो, ई तरह से, ताकि दोसरो लोग सुन लेइ, कि ई सब कुछ बकवास हइ, ई सब आँसू, आह, तकलीफ हमरा आखिरकार बोर कर देलक ह। ऊ, जे हम अपन दिल से तोड़के निकास देलूँ, शायद खून आउ दर्द के साथ, अब कभियो हमर दिल में वापिस नञ् आवत। हाँ! हम बता देलियो आउ बतइबो। हम ओकरा बारे बोल रहलियो ह, जे छो महिन्ना पहिले होलो हल, समझऽ हो, वान्या! आउ हम ई एतना खुलके साफ-साफ बता रहलियो ह, एतना सीधे तरह से ठीक ई बात लगी, कि तोरा हमर शब्द में कोय गलतफहमी नञ् होवो", ऊ आगू बोललथिन, हमरा तरफ अपन प्रज्वलित दृष्टि से देखते, आउ प्रतीयमानतः, पत्नी के भयभीत दृष्टि से बचते। "हम दोहरावऽ हियो - ई बकवास हको; हमरा इच्छा नञ्! ... हमरा बिलकुल क्रोध आवऽ हइ, कि बेवकूफ नियन, एगो अत्यंत नीच नियन हमरा सब कोय अइसन नीच, अइसन दुर्बल भावना वला समझते जा हइ ... सोचते जा हइ, कि हम शोक से पगलाऽ जइबइ ... बकवास! हम पुरनका भावना छोड़ देलिअइ, हम पुरनका भावना भूल गेलअइ! हमरा लगी कोय संस्मरण नञ् हइ ... हाँ! हाँ! हाँ! आउ हाँ! ..."

ऊ कुरसी पर से उछल गेलथिन आउ टेबुल पर अइसन प्रहार कइलथिन, कि कप सब झनझनाय लगलइ।

"निकोलाय सिर्गेयिच! की वास्तव में तोहरा आन्ना अन्द्रेयेव्ना पर तरस नञ् आवऽ हको? देखहो, कि तूँ ओकरा पर की कर रहलहो ह", हम कहलिअइ, खुद के नियंत्रित नञ् कर सकते आउ लगभग गोस्सा से उनका तरफ देखते। लेकिन हम खाली आग में घी डाले के काम कइलिअइ।

[*223] "नञ् तरस आवऽ हके!" ऊ चिल्लइलथिन, काँपते आउ पीयर पड़ते, "कोय तरस नञ्, काहेकि हमरो पर केकरो तरस नञ् आवऽ हइ! कोय तरस नञ्, काहेकि हमरे घर में हमर प्रतिष्ठा के विरुद्ध षड्यंत्र रचल जा हइ, दुराचारी बेटी के पक्ष में, जे शाप आउ सब तरह के दंड के लायक हइ! ..."

"प्यारे, निकोलाय सिर्गेयिच, शाप नञ् देहो ... सब कुछ करहो, जे तोहर मर्जी होवो, खाली बेटी के शाप नञ् देहो!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्ला उठलइ।

"हम शाप देबइ!" पहिले के अपेक्षा दोगना जोर से बुढ़उ चिल्लइलथिन, "काहेकि अपमानित आउ बेइज्जत होल हमरे से माँग कइल जा हइ, कि हम ई अभिशप्त भिर जइअइ आउ ओकरे से माफी माँगिअइ! हाँ, हाँ, एहे बात हइ! एकरा से हमरा रोज दिन, दिन आउ रात, हमरे घर में, आँसू से, आह से, बेवकूफी भरल संकेत से यातना देल जा हइ! हमरा में तरस पैदा करते जा हइ ... देख, देख, वान्या", ऊ आगू बोललथिन, शीघ्रतापूर्वक अपन काँपइत हाथ से बाजू वला जेभी से कागज-पत्तर निकासते, "त अइकी हियाँ हइ हमर केस के नोट हइ! ई केस के अनुसार अब ई निष्कर्ष निकसऽ हइ, कि हम चोर हिअइ, कि हम धोखेबाज हिअइ, कि हम अपन उपकारक (संरक्षक) के लूट लेलिअइ! ... ओकरा चलते हम बदनाम, कलंकित होलूँ! अइकी, अइकी, देख, देख! ..."

आउ ऊ अपन कोट के बाजू के जेभी से विभिन्न प्रकार के कागज-पत्तर निकासके फेंके लगलथिन, एक के बाद एक, टेबुल पर, अधीरता से ऊ सब के बीच ओकरा ढूँढ़ते, जे ऊ हमरा देखावे लगी चाहऽ हलथिन; लेकिन वांछित पेपर, मानु सोद्देश्य, नञ् मिललइ। अधीरता में जेभी से सब कुछ घींचके निकास देलथिन, जे ओकरा में अपन हाथ से पकड़ले हलथिन, आउ अचानक - कुछ तो अवाज के साथ भारी चीज टेबुल पर गिरलइ ... आन्ना अन्द्रेयेव्ना चीख उठलइ। ई भुलाल लॉकेट हलइ।

 

हमरा मोसकिल से अपन आँख पर विश्वास होलइ। खून बुढ़उ के सिर में चढ़ गेलइ आउ उनकर गाल के प्लावित कर देलकइ; ऊ चौंक गेलथिन। आन्ना अन्द्रेयेव्ना अपन हाथ मोड़ले खड़ी हो गेलइ, आउ उनका दने याचना के दृष्टि से देख रहले हल। ओकर चेहरा प्रसन्न आशा से चमक उठलइ। बुढ़उ के चेहरा के लाली, हमन्हीं के सामने उनकर झेंप ... हाँ, आन्ना के गलतफहमी नञ् हलइ, ओकरा अब समझ में आ गेलइ, कि लॉकेट कइसे खो गेले हल!

ओकरा समझ में आ गेलइ, कि उनका ई लॉकेट मिल गेले हल, अपन खोज पर खुश होलथिन हल, आउ शायद, हर्षातिरेक में काँपते, ईर्ष्यापूर्वक खुद के पास लोग के नजर से छिपइले हलथिन; कि कहीं अकेल्ले में, सबसे अलगे चुपचाप, अपन प्यारी बेटी के चेहरा असीम प्यार के साथ देखऽ हलथिन - देखऽ हलथिन आउ केतनो देखला से उनका मन नञ् भरऽ हलइ,, कि, शायद, ओहो, बेचारी माय नियन, सब कोय से छिपके अकेल्ले बंद हो जा हलथिन, अपन अत्यंत प्रिय नताशा से बात करे खातिर, ओकर उत्तर के मन में गढ़े लगी, ओकर उत्तर खुद्दे देवे लगी, आउ रात में, यातनादायक उदासी में, अपन सुबक के छाती में दबइले, प्यारी छवि के पुचकारऽ आउ चुम्मऽ हलथिन, शाप के स्थान पर माफी आउ आशीर्वाद दे हलथिन ओकरा, जेकरा देखे लगी नञ् चाहऽ हलथिन आउ सबके सामने शाप दे हलथिन।

"हमर प्यारे, त तूँ ओकरा अभियो तक प्यार करऽ हकहो!" आन्ना अन्द्रेयेव्ना चिल्लइलइ, अब आउ अधिक नियंत्रण नञ् कर पइते, ऊ कठोर पिता के सामने, जे अभी-अभी मिनट भर पहिले नताशा के शाप देलथिन।

लेकिन जइसीं ऊ ओकर चीख सुनलथिन, पागलपन भरल क्रोध उनकर आँख में कौंध गेलइ। ऊ लॉकेट लेलथिन, जोर से ओकरा फर्श पर फेंक देलथिन आउ बौखलाहट के साथ गोड़ से ओकरा रौंदे लगलथिन।

"हमेशे, हमेशे लगी हमरा से अभिशप्त हो!" भर्राल अवाज में बोललथिन, हाँफते। "हमेशे लगी, हमेशे!"

[*224] "हे भगमान!" बूढ़ी चिखलइ, "ओकरा, ओकरा! हमर नताशा मे! ओकर सुन्दर चेहरा के ... गोड़ से रौंद रहला ह! गोड़ से! ... अत्याचारी! निर्दय, क्रूरहृदय घमंडी!"

पत्नी के विलाप सुनके, पगलाल बुढ़उ रुक गेलथिन, जे कुछ कइलथिन ओकरा से आतंकित होल। अचानक ऊ फर्श पर से लॉकेट ले लेलथिन आउ कमरा से तेजी से निकस गेलथिन, लेकिन, दू कदम आगू रखला के बाद, अपन टेहुना के बल गिर गेलथिन, हाथ से आगू के सोफा के सहारा लेते आउ अशक्तता में अपन सिर झुका लेलथिन।

ऊ कन्ने लगलथिन, बुतरू नियन, औरत नियन। रोनई उनकर छाती के दाब रहले हल, मानु ओकरा फाड़े लगी चाह रहले हल। भयंकर बुढ़उ एक मिनट में एगो बुतरू से भी जादे कमजोर हो गेलथिन। ओह, अब ऊ शाप नञ् दे सकऽ हलथिन; ऊ हमन्हीं में से केकरो सामने नञ् लजइलथिन, आउ अचानक प्यार उमड़ गेला पर, फेर से हमन्हीं के सामने छिपा लेलथिन, छवि के अनगिनत बार चुम्बन के साथ, जेकरा मिनट भर पहिले गोड़ से रौंद रहलथिन हल। लगऽ हलइ, बेटी के प्रति उनकर सब दुलार, सब प्यार, जे एतना लमगर अवधि तक नियंत्रित हलइ, अब अनियंत्रित होल बाहर फूट पड़े के प्रयास कइलकइ आउ आवेश के बल से उनकर पूरा अस्तित्व टूट गेलइ।

"माफ कर देहो, ओकरा माफ कर देहो!" रोते-कलपते आन्ना अन्द्रेयेव्ना बोललथिन, उनका तरफ झुकके आउ उनका आलिंगन करते। "ओकर वापिस ले आहो पैतृक घर में, प्यारे, आउ खुद भगमान अपन भयंकर निर्णय के बखत तोहर दया आउ कृपा खातिर तोहरा पुरस्कृत करतो! ..."

"नञ्, नञ्! कइसनो हालत में नञ्, कभी नञ्!" भर्राल, गद्गद स्वर में ऊ चिल्लइलथिन। "खभी नञ्! कभी नञ्!"


भूमिका                       भाग 1, अध्याय 12                   भाग 1, अध्याय 14

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