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Wednesday, August 18, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 15

                                      अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 15

हम नताशा के अकेल्ले पइलिअइ। ऊ शांतिपूर्वक कमरा में चहलकदमी कर रहले हल, अपन हाथ के छाती पर आड़े-तिरछे मोड़ले, गहरा सोच में। बुत्तल समावार टेबुल पर पड़ल हलइ आउ बहुत पहिलहीं से इंतजार कर रहले हल। चुपचाप आउ मुसकइते ऊ अपन हाथ हमरा दने बढ़इलकइ। ओकर चेहरा पीयर पड़ल हलइ, दर्दनाक अभिव्यक्ति के साथ। ओकर मुसकान में कुछ तो त्रासदायक, नाजुक, सहिष्णु हलइ। नीला स्पष्ट आँख मानु पहिले से जादे बड़गर [*227] लगऽ हलइ, केश मानु जादे घना लगऽ हलइ -  ई सब कुछ अइसन लगऽ हलइ दुबलापन आउ बेमारी के कारण।

"आउ हम सोच रहलियो हल, तूँ नञ् अइबऽ", ऊ बोललइ, हमरा हाथ देते, "मावरा के भी पूछताछ करे खातिर तोहरा हीं भेजे लगी चाहऽ हलियो; सोचऽ हलियो, कहीं फेर से बेमार तो नञ् पड़ गेलऽ?"

"नञ्, बेमार नञ् पड़लियो हल, हमरा रोक लेल गेलो हल, अभी बतइबउ। लेकिन तोर की हाल-चाल हकउ, नताशा? की होलो ह?"

"कुच्छो नञ् होल ह", ऊ उत्तर देलकइ, मानु अचंभित होल। "लेकिन की बात हइ?"

"लेकिन तूँ तो लिखलहीं हल ... कल्हे हमरा आवे लगी लिखलहीं हल, हियाँ तक कि समय भी निश्चित कर देलहीं हल, न पहिले, न बाद; ई तो कइसूँ असाधारण बात हइ।"

"ओह, हाँ! हम ओकरा कल्हे इंतजार कर रहलिए हल।"

"काहे, की अभी तक नञ् अइलो ह?"

"नञ्। आउ हम सोच रहलिए हल - अगर नञ् अइतइ, त तोहरा से बात करे पड़त", ऊ आगू बोललइ, जरी सुन रुकके।

"आउ आझ शाम के ओकर इंतजार कर रहलहीं हल?"

"नञ्, इंतजार नञ् कर रहलिए हल; ऊ शाम के हुआँ होतइ।"

"तूँ की सोचऽ हीं, नताशा, की ऊ बिलकुल कभियो नञ् अइतउ?"

"जाहिर हइ, ऊ अइतइ", ऊ उत्तर देलकइ, कइसूँ विशेष रूप से गंभीरतापूर्वक हमरा दने तकते।

ओकरा हमर जल्दी-जल्दी कइल प्रश्न पसीन नञ् पड़लइ। हमन्हीं चुप हो गेलिअइ, कमरा में चक्कर लगाना जारी रखते।

"हम हमेशे तोर इंतजार करऽ हलियो, वान्या", ऊ फेर से मुसकइते शुरू कइलकइ, "आउ मालुम हको, की कर रहलिए हल? हियाँ परी चहलकदमी कर रहलिए हल आउ कविता कंठस्थ कर रहलिए हल; आद हको - घंटी, शीतकालीन सड़क: 'हमर समावार खौल रहल ह बलूत के टेबुल पर[1] ...', हमन्हीं दुन्नु साथे पढ़लिअइ:

“बरफीला झंझावात थम गेलइ; रस्ता प्रकाशित हो गेलइ,

रात नजर डालऽ हइ लाखो धुँधला आँख से ...

... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ... ...”

आउ फेर:

“त अचानक हमरा सुनाय दे हइ - उत्साही स्वर गावऽ हइ,

घंटी के टनटनाहट के साथ:

ओह, कभी तो, कभी तो हमर प्रियतम आवत,

अराम करे लगी छाती पर हमर!

की हमरा नञ् हइ जिनगी! अभी-अभी ऊषा काच पर

शुरू करतइ किरण से तुषार के साथ खेले लगी,

समावार हमर खौल रहल ह बलूत के टेबुल पर,

आउ चटक रहल ह हमर स्टोव, चमकइते कोयला में

रंगीन परदा के पीछू हइ बिछावन ...”

"केतना ई सुन्दर हइ! केतना यातनादायक कविता हइ, वान्या, आउ केतना अद्भुत, सुनाय दे रहल तस्वीर हइ। किरमिच (canvas) एक हइ, आउ खाली डिजाइन (बेलबूटा) उकेरल हइ - जइसन चाही ओइसन कशीदाकारी कर ल। दू संवेदना - पहिलउका आउ अद्यतन। ई समावार, ई सूती परदा - ई सब केतना घरेलू हइ ... ई हमन्हीं के जिला शहर में मध्यवर्गीय के घर में नियन हइ; [*228] हम तो ई घरवो के मानु देखऽ हिअइ - नयका, लकड़ी के कुंदा के बन्नल, अभियो तक बोर्डर नञ् लगावल ... आउ फेर दोसर तस्वीर:

त अचानक सुनाय दे हइ हमरा - ओहे स्वर गावऽ हइ,

घंटी के टनटनाहट के साथ उदासी से:

'काहाँ हइ हमर पुरनका दोस्त? हमरा लगऽ हइ, ऊ अंदर अइतइ

आउ, पुचकारते, हमरा आलिंगन कर लेतइ!

कइसन हइ जिनगी हम्मर! - सकेत आउ अन्हार,

आउ बोरिंग हइ हमर कमरा; बह रहल ह हावा खिड़की में ...

खिड़की के बाहर बढ़ रहल ह खाली चेरी एक्के गो,

आउ ओहो काच पर जम्मल बरफ के चलते देखाय नञ् दे हइ

आउ, हो सकऽ हइ, कब के मर गेलइ।

कइसन हइ जिनगी! फीका पड़ गेलइ रंग-बिरंगा परदा के रंग;

हम बेमार भटकऽ हूँ आउ नञ् जा हूँ रिश्तेदार लोग के हियाँ,

हमरा डाँटे लगी कोय नञ् हके - कोय प्रिय नञ् ...

खाली बुढ़िया बड़बड़ा हके ...'

" 'हम बेमार भटकऽ हूँ' ... ई 'बेमार', हियाँ परी केतना निम्मन से रक्खल गेले ह! 'हमरा डाँटे लगी कोय नञ् हके' - केतना स्नेहशीलता, आनंद हइ ई कविता में आउ संस्मरण से यातना, आउ, आउ यातना, जेकर खुद्दे कारण हलइ, आउ तूँ ओकर प्रशंसा करऽ हो ... हे भगमान, केतना निम्मन हइ ई! कइसे होवऽ हइ ई!"

ऊ चुप हो गेलइ, मानु अपन गला में चालू होल मरोड़ से संघर्ष करते।

"प्यारे हमर, वान्या!" मिनट भर के बाद ऊ हमरा कहलकइ आउ अचानक फेर से चुप हो गेलइ, मानु खुद्दे भूल गेलइ, कि ऊ कउची कहे लगी चाहऽ हलइ, कि अइसीं कुछ बोल गेलइ, बिन सोचले, कइसनो आकस्मिक संवेदना से।

ई दौरान हमन्हीं दुन्नु कमरा में चहलकदमी करते रहलिअइ। प्रतिमा के सामने बत्ती जल रहले हल। हाल में नताशा अधिकाधिक धर्मपरायण हो गेले हल आउ ओकरा पसीन नञ् आवऽ हलइ, जब कोय एकरा बारे बात करऽ हलइ।

"की, बिहान उत्सव हइ?" हम पुछलिअइ, "तोरा हीं बत्ती जर रहलो ह।"

"नञ्, उत्सव नञ् ... खैर, वान्या, बैठ जा, शायद थक गेलऽ होत। चाय चाही? आखिर तूँ अभियो नञ् पीलऽ ह?"

"बैठल जाय, नताशा। हम चाय पी लेलियो ह।"

"लेकिन तूँ अभी काहाँ से अइलऽ ह?"

"उनकन्हीं  हीं से।" - हमन्हीं दुन्नु हमेशे अपन घर के अइसीं पुकारऽ हलिअइ।

"उनकन्हीं हीं से? तोहरा समय कइसे मिललो? खुद्दे गेलहो हल? कि बोलइते गेलथुन हल? ..."

ऊ हमरा पर सवाल के झड़ी लगा देलकइ। ओकर चेहरा चिंता से आउ जादे पीयर हो गेलइ। हम ओकरा विस्तार से बतइलिअइ बुढ़उ के साथ मोलकात के बात, माय के साथ बातचीत, लॉकेट के दृश्य के बात - विस्तार से बतइलिअइ आउ सब्भे बारीकी से। हम कभियो कुच्छो ओकरा से नञ् छिपइलिअइ। ऊ उत्सुकतापूर्वक सुनलकइ, हमर एक-एक शब्द के पकड़के। आँसू ओकर आँख पर चमक उठलइ। लॉकेट के दृश्य ओकरा पर प्रचंड प्रभाव डललकइ।

"ठहरऽ, ठहरऽ, वान्या", ऊ बोललइ, अकसर हमर कहानी के बीच में टोकते, "आउ विस्तार से बतावऽ, सब, सब कुछ, यथासंभव विस्तार से, तूँ ओतना विस्तार से नञ् बतावऽ ह! ..."

हम दोसरा आउ तेसरा तुरी दोहरइलिअइ, विस्तार के बारे ओकर लगातार सवाल के मिनट-मिनट जवाब देते।

"आउ की तूँ वास्तव में सोचऽ हो, कि ऊ हमरा हीं अइलथिन हल?"

[*229] "मालुम नञ्, नताशा, आउ अपन राय भी नञ् बना सकऽ हियउ। कि तोरा बारे दुखी हथुन आउ तोरा प्यार करऽ हथुन, तो साफ हइ; लेकिन तोहरा हीं अइलथुन हल, ... ..."

"आउ लॉकेट के चुमलथिन?" टोकलकइ, " कउची बोललथिन, जब चूम रहलथिन हल?"

अनर्गल, कुछ उद्गार; तोर अत्यंत स्नेहशील नाम ले रहलथुन हल, तोरा पुकरलथुन ..."

"पुकरलथिन?"

"हाँ।"

सुबके लगलइ।

"बेचारे!" बोललइ। "आउ अगर सब कुछ जानऽ हथिन", आगू बोललइ, कुछ देर के चुप्पी के बाद।, " मोसकिल नञ् हइ। उनका पास अल्योशा के पिताजी के भी बड़गो खबर हइ।"

"नताशा", हम डरते-डरते कहलिअइ, "उनकन्हीं हीं चलल जाय ..."

"कब?" ऊ पूछ बैठलइ, पीयर होल आउ लगभग अपन कुरसी से उठते। ऊ सोचलकइ, कि हम ओकरा अभी बोला रहलिए ह।

"नञ्, वान्या", ऊ आगू बोललइ, अपन दुन्नु हाथ हमर कन्हा पर रखते आउ उदासी से मुसकइते, "नञ्, प्यारे; ई तूँ हमेशे कहऽ हकऽ, लेकिन ... बेहतर होत कि एकरा बारे मत बोलऽ।"

"त की वास्तव में कभियो, कभियो नञ् ई भयंकर कलह समाप्त होतइ!" हम उदासी से चिल्ला उठलिअइ। "की वास्तव में तूँ एतना अभिमानी हकहीं, कि पहिला कदम उठावे लगी नञ् चाहऽ हीं! ऊ तोहर पीछे हथुन; तोरा उनका से पहिले करे के चाही। शायद, पिताजी एकरे इंतजार में हथुन, कि तोरा माफ कर देथुन ... ऊ पिता हथुन; ऊ तोरा चलते अपमानित होलथुन हँ! उनकर गौरव के आदर करहीं; ई वैध हइ, ई स्वाभाविक हइ! तोरा ई करे के चाही। प्रयास करहीं, आउ ऊ तोरा बिन कोय शर्त के माफ कर देथुन।"

"बिन कोय शर्त के! ई असंभव हइ; आउ हमरा नञ् धिक्कारऽ, वान्या, व्यर्थ के। हम एकरा बारे दिन-रात सोचलूँ आउ अभियो सोचऽ ही। हम उनकन्हीं के छोड़ला के बाद, शायद, एक्को दिन अइसन नञ् हलइ, कि हम एकरा बारे नञ् सोचलिअइ। आउ केतना तुरी हमन्हीं बीच एकरा बारे चर्चा होलइ! आखिर तूँ खुद जानऽ हो, कि ई असंभव हइ।"

"प्रयास करहीं!"

“नञ्, हमर दोस्त, असंभव। अगर हम प्रयासो करबइ, त हम उनका खुद के विरुद्ध उनका आउ जादे निर्दय बना देबइ। अपुनर्लभ्य के लौटा नञ् सकऽ हो, आउ जानऽ हो, कि हियाँ ठीक काहे लौटाना असंभव हइ? ई बचपन के खुशहाल दिन नञ् लौटा सकऽ हो, जे हम उनकन्हीं साथ गुजरलिअइ। अगर पिताजी माफो कर देथिन, तइयो ऊ हमरा अब नञ् पछान पइथिन। ऊ हमरा लड़की के रूप में प्यार करऽ हलथिन, एगो बड़गो बुतरू के रूप में। ऊ हमर बालसुलभ सरलहृदयता के प्रशंसा करऽ हलथिन; दुलारते, ऊ हमर सिर  भी थपथपावऽ हलथिन, ठीक ओइसीं जब हम सात साल के लड़की हलिअइ, आउ उनकर टेहुना भिर बैठके, हम उनका अपन बचपन के गीत गाके सुनावऽ हलिअइ। अपन पहिलउका बचपन के समय से अन्तिम दिन तक ऊ हमर बिछावन भिर आवऽ हलथिन आउ रात खातिर ऊ क्रॉस करऽ हलथिन। हमर विपत्ति के एक महिन्ना पहिले ऊ हमरा लगी झुमका खरदलथिन हल, हमरा से चुपके (लेकिन हम सब जानऽ हलिअइ), आउ बुतरू नियन खुश हलथिन, ई कल्पना करते, कि हम उपहार से प्रसन्न होबइ, आउ सब्भे पर गोसइलथिन आउ हमरा पर पहिले, जब उनका हमरे से मालुम चललइ, कि हमरा झुमका के खरीद के बारे बहुत पहिलहीं से मालुम हलइ। हमर प्रस्थान के तीन दिन पहिले ऊ नोटिस कइलथिन, कि हम उदास हिअइ, त ऊ तुरतम्मे खुद एतना उदास हो गेलथिन कि बेमार पड़ गेलथिन, आउ - तूँ की सोचऽ हो? - [*230] हमरा खुश करे खातिर थियेटर के टिकट लेवे लगी सोचलथिन! ... हे भगमान, एकरा से ऊ हमर इलाज करे लगी चाहऽ हलथिन! तोहरा दोहरावऽ हियो, कि ऊ जानऽ हलथिन आउ लड़की के प्यार करऽ हलथिन आउ ई बात सोचहूँ लगी नञ् चाहऽ हलथिन, कि हम कबहूँ औरत भी बन जइबइ ... ई उनकर दिमागो में नञ् अइले हल। अभिए, अगर हम घर लौटवो कइलिअइ, त ऊ हमरा पछान नञ् पइथिन। अगर ऊ माफो कर दे हथिन, त ऊ केकरा से मिलथिन अब? अब हम ऊ नञ् हिअइ, बुतरू नञ् हिअइ, हम बहुत जी लेलिअइ। अगर हम उनका खुश भी करिअइ, तइयो ऊ बित्तल खुशी के बारे आह भरथिन, उदास होथिन, कि हम तो बिलकुल ऊ नञ् हिअइ, जइसन पहिले हलिअइ, जब ऊ हमरा बुतरू के रूप में प्यार करऽ हलथिन; लेकिन पुरनका हमेशे बेहतर लगऽ हइ! एकरा कष्ट के साथ आद कइल जा हइ! ओह, केतना निम्मन होवऽ हइ भूतकाल, वान्या!" ऊ चिखलइ, खुद भावना में बहते आउ ई उद्गार के साथ खुद के बाधित करते, जे कष्टपूर्वक ओकर हृदय से फूट पड़ले हल।

"ई सब तो सही हउ", हम कहलिअइ, "जे तूँ बोलऽ हीं, नताशा। मतलब, उनका अब जाने के चाही आउ तोरा फेर से प्यार करे के चाही। लेकिन मुख्य बात - जानना, पछानना। कउची? ऊ तो तोरा प्यार करथुन। की तूँ वास्तव में सोचऽ हीं, कि ऊ तोरा पछाने आउ समझे के स्थिति में नञ् हथुन, ऊ, ऊ, अइसन हृदय के साथ!"

"ओह, वान्या, अन्यायी नञ् बनऽ! आउ हमरा में विशेष कउची समझे के हइ? हम ओकरा बारे नञ् बोललियो। देखहो, दोसर आउ की हइ - पैतृक प्यार भी ईर्ष्यापूर्ण हइ। उनका अपमानजनक हइ, कि उनका बेगर ई सब शुरू होलइ आउ अल्योशा के साथ निर्णय कइल गेलइ, आउ उनका मालुम नञ् हलइ, नजर नञ् अइलइ। ऊ जानऽ हथिन, कि उनका एकर पूर्वाभास नञ् हलइ, आउ हमन्हीं के प्यार के अप्रिय परिणाम आउ हमर पलायन खातिर, ठीक हमर 'अकृतज्ञ' रहस्यता के श्रेय दे हथिन। हम शुरुए से उनका भिर नञ् गेलिअइ, हम अपन हृदय के हरेक गति में उनका सामने बाद में पछतावा नञ् कइलिअइ, अपन प्यार के बिलकुल शुरुआत से; एकर विपरीत, हम सब कुछ के खुद में छिपइलिअइ, हम उनका से छिपइलिअइ, आउ, तोहरा विश्वास देलावऽ हियो, वान्या, गुप्त रूप से ई उनका लगी आउ जादे अपमानजनक, तिरस्कारसूचक हइ, बनिस्पत प्यार के परिणाम के - ई, कि हम उनकन्हीं हीं से चल गेलिअइ आउ सब कुछ अपन प्रेमी के समर्पित कर देलिअइ। मान लेल जाय, कि ऊ अब हमरा साथ पिता के रूप में मिलवो करथिन, गरमजोशी आउ दुलार के साथ, लेकिन तइयो दुश्मनी के बीज बरकरार रहतइ। दोसरे, तेसरे दिन दुख, घबराहट, शिकायत शुरू हो जइतइ। एकरा अलावे, ऊ बिन शर्त के माफ नञ् करथिन। हम, मान लेल जाय, कहबइ, आउ सच कहबइ, दिल के गहराई से, कि हम समझऽ हिअइ, कि हम उनका नराज कइलिअइ, केतना हद तक हम उनकर सामने दोषी हिअइ। आउ हलाँकि हमरा कष्ट होतइ, अगर ऊ समझे लगी नञ् चाहथिन, कि अल्योशा के साथ खुशी के हमरा खुद्दे कइसन कीमत चुकावे पड़लइ, कइसन तकलीफ हम खुद भोगलिअइ, त हम अपन दर्द के दबा लेबइ, सब कुछ सहबइ - लेकिन उनका लगी ई सब कुछ काफी नञ् होतइ। ऊ हमरा से असंभव हरजाना के माँग करथिन - ऊ माँगथिन, कि हम भूतकाल के कोसिअइ, अल्योशा के कोसिअइ आउ ओकरा लगी अपन प्यार खातिर हम पछतावा करिअइ। ऊ असंभव के चाह करथिन - भूतकाल के लौटाना आउ हमन्हीं के जिनगी के पिछला छो महिन्ना के मेटा देना। लेकिन हम केकरो नञ् कोसबइ, हम पछतावा नञ् कर सकऽ हिअइ ... जइसन होवे के हलइ, ओइसने होलइ ... नञ्, वान्या, अब असंभव हइ। अभी समय नञ् अइले ह।"

"कहिना समय अइतइ?"

"मालुम नञ् ... भावी सुख लगी कइसूँ फेर से तकलीफ झेले के चाही; एकरा कइसनो नयका यातना द्वारा खरदे के चाही। कष्ट सहन कइला से सब कुछ निर्मल हो जा हइ ... ओह, वान्या, जिनगी में केतना दर्द हइ!"

हम चुप हो गेलिअइ आउ चिंतन मुद्रा में ओकरा दने देखे लगलिअइ।

[*231] "काहे तूँ अइसे हमरा दने देख रहलऽ ह, अल्योशा, मतलब - वान्या?" ऊ बोललइ, गलती करते आउ अपन गलती पर मुसकइते।

"हम अभी तोर मुसकान दने देख रहलियो ह, नताशा। काहाँ तोरा ई मिललउ? तोरा पास पहिले तो अइसन नञ् हलउ।"

"आउ हमर मुसकान में कउची हइ?"

"पहिलउका बालसुलभ सरलहृदयता, सचमुच, ओकरा में अभियो हइ ... लेकिन जब तूँ मुसका हीं, त लगऽ हउ कि एकरे साथ तोर हृदय में कइसूँ प्रचंड रूप से दर्द होवऽ हउ। अइकी तूँ दुबरा गेलँऽ हँ, नताशा, आउ तोर केश मानु जादे घना हो गेलो ह ... तोर ई पोशाक कइसन हउ? ई तो उनकन्हीं हीं बनावल गेलो हल न?"

"तूँ हमरा केतना प्यार करऽ ह, वान्या!" ऊ उत्तर देलकइ, स्नेहपूर्वक हमरा दने देखते। "अच्छऽ, आउ तूँ, अभी तूँ की कर रहलऽ ह? तोर हाल-चाल कइसन हको?"

"कोय अंतर नञ् पड़ले ह; अभियो उपन्यास लिख रहलियो ह; लेकिन कठिन हइ, बन नञ् पा रहल ह। उत्साह समाप्त हो गेल ह। बिन सोचले-विचारले लिक्खल जा सकऽ हइ, शायद, आउ रोचक निकस जा सकऽ हइ; लेकिन निम्मन विचार के बरबाद करे में तरस आवऽ हइ। ई प्रिय विचार में से एक हइ। लेकिन पत्रिका में प्रकाशन हेतु समय पर पक्का तैयार हो जाय के चाही। हम उपन्यास लिक्खे के विचार छोड़ देवे लगी भी चाहऽ हूँ आउ जल्दी से जल्दी लघु उपन्यास तैयार कर लेवे लगी, ताकि, कुछ तो हलका आउ सुन्दर आउ बिन कइसनो निराशावादी दिशा के ... ई बिलकुल ... सब के खुश आउ आनंदित होवे के चाही! ..."

"तूँ बेचारा केतना कठिन परिश्रमी हकऽ! आउ स्मिथ के की हाल-चाल हइ?"

"आउ स्मिथ मर गेलइ।"

"आउ तोरा पास नञ् अइलो ह? हम गंभीरतापूर्वक बोलऽ हियो, वान्या - तूँ बेमार हकऽ, तोर स्नायु सब अव्यवस्थित होल हको, अइसन सब तोहर सपना हको। जब तूँ हमरा ई फ्लैट के किराया पर लेवे के बारे बतइलऽ हल, त हम तोहरा में ई सब नोटिस कइलियो हल। की, फ्लैट गीला हइ, खराब हइ?"

"हाँ! हमर दिमाग में एगो आउ कहानी अइलइ, आझ शाम के ... लेकिन, हम बाद में बतइबउ।"

ऊ हमर बात अब नञ् सुन पा रहले हल आउ गहरा चिंतनमुद्रा में बैठल हलइ।

"हमरा समझ में नञ् आवऽ हके, कि कइसे तहिया हम उनकन्हीं हीं से निकस सकलूँ; हम बोखार में हलूँ", आखिरकार ऊ बोललइ, हमरा तरफ अइसन नजर से देखते, जेकर उत्तर के आशा नञ् कइल जा सकऽ हलइ। अगर ई पल में हम बोलवो करतिए हल, त ऊ सुन नञ् पइते हल।

"वान्या", मोसकिल से सुनाय देवे वला स्वर में ऊ कहलकइ, "हम तोरा काम से आवे लगी बोलइलियो हल।"

"कइसन काम से?"

"हम ओकरा से अलगे हो रहलूँ हँ।"

"अलगे हो गेलहीं हँ, कि अलगे होवे वली हीं?"

"हमरा ई जिनगी के समाप्त कर लेवे के चाही। आउ हम तोहरा बोलइलियो, ताकि सब, सब कुछ कह दियो, जे कुछ अब तक जामा हो चुकल ह आउ जेकरा तोरा से अभी तक छिपइले हलियो।" ऊ हमरा साथ हमेशे अइसीं शुरू करऽ हलइ, अपन गुप्त इरादा के मामले में हमरा पर विश्वास करते, आउ हमेशे लगभग निष्कर्ष निकसऽ हलइ, कि ई सब गुप्त बात हम ओकरे से जनलिअइ।

"आह, नताशा, हम तोरा से हजारो तुरी ई बात सुनलियो ह! निस्सन्देह, तोहन्हीं के साथ-साथ रहना असंभव हउ; तोहन्हीं के संबंध कइसनो विचित्र तरह के हकउ; तोहन्हीं बीच कुच्छो मेल नञ् खा हउ। लेकिन ... की तोरा हिम्मत पड़तउ?"

"पहिले खाली हमर इरादा हलइ, वान्या; लेकिन ठीक अभिए हम अन्तिम फैसला कर लेलिअइ। हम ओकरा असीम प्यार करऽ हिअइ, आउ तइयो लगऽ हइ, कि [*232] हम ओकर पहिला दुश्मन हिअइ; हम ओकर भविष्य बरबाद करब करऽ हिअइ। ओकरा स्वतंत्र करे के चाही। शादी ऊ हमरा से कर नञ् सकऽ हइ; ऊ अपन पिता के विरुद्ध नञ् जा सकऽ हइ। हमहूँ ओकरा बंधन में डाले लगी नञ् चाहऽ हिअइ। आउ ओहे से हमहूँ खुश हिअइ, कि ऊ दुलहिन के प्यार करइ, जेकरा साथ ओकर जोड़ी बैठावल जा रहले ह। ओकरा हमरा से अलगे होवे से राहत मिलतइ। हमरा अइसन करे के चाही! ई हमर कर्तव्य हइ ... अगर हम ओकरा प्यार करऽ हिअइ, त ओकरा लगी सब कुछ के बलिदान करे के चाही, ओकरा लगी अपन प्यार के प्रमाणित करे के चाही, ई हमर कर्तव्य हइ! हइ न?"

"लेकिन ओकरा आखिर समझइहीं नञ्।"

"हम ओकरा समझइबइ नञ्। हम ओकरा साथ पहिलहीं नियन रहबइ, बल्कि ऊ अभी अन्दर आवइ। लेकिन हमरा ऊ साधन खोजे के चाही, ताकि ओकरा हमरा छोड़े में कोय पछतावा नञ् होवइ। एहे हमरा यातना दे हइ, वान्या; मदत करऽ। की कुछ सलाह नञ् देबऽ?"

"ओइसन संसाधन एक्के गो हइ", हम कहलिअइ, "ओकरा प्यार करना बिलकुल छोड़ देना आउ दोसरा कोय के प्यार करना। लेकिन मोसकिल से ई संसाधन होतइ। आखिर तूँ ओकर स्वभाव जानऽ हीं? अइकी ऊ पाँच दिन से तोरा हीं नञ् आ रहलो ह। मान लेल जाय, कि ऊ तोरा बिलकुल छोड़ देलको ह; त तोरा लगी खाली ओकरा लिक्खे के चाही, कि तूहीं ओकरा छोड़ रहलहीं हँ, आउ ऊ तुरते तोरा हीं दौड़ल अइतउ।"

"तूँ ओकरा काहे नञ् प्यार करऽ हो, वान्या?"

"हम्मे?"

"हाँ, तूँ, तूँ! तूँ ओकर शत्रु हकहो, गुप्त आउ प्रकट! तूँ ओकरा बारे बिन कोय प्रतिशोध के बात नञ् कर सकऽ हो। हम हजारो तुरी नोटिस कइलियो ह, कि तोर पहिला खुशी ओकरा अपमानित आउ कलंकित करे में रहऽ हको! ठीक कलंकित करना, हम सच कहऽ हियो!"

"आउ तूँ हमरा हजारो तुरी ई बात कहलँऽ हँ। काफी हो गेलउ, नताशा; ई बातचीत के समाप्त कर देल जाय।"

"हम दोसर फ्लैट में स्थानांतरित होवे लगी चाहबइ", कुछ देर के चुप्पी के बाद ऊ फेर बोललइ। "लेकिन तूँ गोस्सा नञ् करऽ, वान्या ..."

"एकरा में की हइ, ऊ दोसरा फ्लैट में अइतइ, आउ हम, भगमान कसम, गोसाल नञ् हिअउ।"

"प्यार शक्तिशाली हइ; नयका प्यार ओकरा रोक ले सकऽ हइ। अगर ऊ हमरा हीं लौटऽ हइ, त खाली पल भर लगी, तोरा की सोचना हको?"

"मालुम नञ्, नताशा, ओकरा में सब कुछ उच्च स्तर पर हरेक मामले में असंगत (inconsistent) हइ, ऊ चाहऽ हइ ओकरा से विवाहो करे लगी आउ साथे-साथ तोरो प्यार करे लगी। ऊ कइसूँ ई सब कुछ एक साथ कर सकऽ हइ।"

"अगर हमरा पक्का मालुम होलइ, कि ऊ ओकरा प्यार करऽ हइ, त हम फैसला कर सकऽ हलिअइ ... वान्या! हमरा से कुछ छिपावऽ नञ्! तोरा कुछ मालुम हको, जे तोहरा हमरा कहे के मन नञ् करऽ हको, कि नञ्?"

ऊ हमरा दने बेचैन, जिज्ञासु दृष्टि से देखलकइ।

"कुच्छो नञ् मालुम, हमर दोस्त, तोरा हम वचन दे हिअउ; हम तोरा साथ हमेशे स्पष्टवादी हलिअउ। लेकिन, हम अइकी एहो सोचऽ हिअउ - शायद, ऊ काउंटेस के सतेली बेटी से ओतना जादे प्रेम नञ् करऽ हउ, जइसन कि हमन्हीं सोचऽ हिअइ। बस, आकर्षण हइ ..."

"तूँ अइसन सोचऽ हो, वान्या? हे भगमान, काश हम ई बात पक्का जान पइतिए हल! ओह, हमरा केतना इच्छा होते हल ओकरा ई पल देखे के, बस ओकरा देखे के। हम ओकर चेहरा से जान जइतिए हल! लेकिन ऊ हियाँ नञ् हइ! ऊ नञ् हइ!"

"की वास्तव में तूँ ओकर इंतजार करऽ हीं, नताशा?"

"नञ्, ऊ ओकरा  हीं हइ; हमरा मालुम हइ; हम पता लगावे लगी अदमी भेजलिए हल। हमरा केतना मन करऽ हलइ ऊ लड़कियो के देखे के ... सुनऽ, वान्या, हम बकवास करऽ हियो, लेकिन [*233] की वास्तव में हमरा ओकरा देखना असंभव हइ, की कहूँ परी ओकरा से मिलना असंभव हइ? तोरा की सोचना हको?"

ऊ बेचैनी से इंतजार कइलकइ, कि हम कुछ कहबइ।

"देखना संभव हउ। लेकिन आखिर खाली देखना - एगो छोटगर बात हइ।"

"हमरा लगी काफी होतइ बल्कि ओकरा देखना भी, आउ हुआँ परी हम खुद अंदाज लगा लेबइ। सुनऽ, हम अइसन बेवकूफ हो गेलिए ह; हियाँ चलते-फिरते रहऽ हिअइ, हमेशे अकेल्ले, हमेशे हकेल्ले - हमेशे सोचते रहऽ हिअइ; विचार तो भँवर नियन होवऽ हइ, केतना प्रचंड! हम सोचलिए ह, वान्या - की तूँ ऊ लड़की के साथ परिचय नञ् कर सकऽ हो? आखिर काउंटेस (तहिया तूँ खुद्दे बतइलहो हल) तोहर उपन्यास के प्रशंसा कइलको हल; तूँ तो आखिर कभी-कभी शाम के प्रिंस आर*** के हियाँ जा हो[2]; ऊ हुआँ आवऽ हइ। अइसन करहो, कि तोहरा ओकरा सामने हुआँ परी प्रस्तुत कइल जाय। नञ् तो, शायद, अल्योशा भी तोहरा ओकरा साथ परिचय करा सकऽ हको। त ई तरह से तूँ हमरा ओकरा बारे सब कुछ बता सकऽ हो।"

"नताशा, हमर दोस्त, एकरा बारे बाद में। लेकिन ई बात - की तूँ वास्तव में गंभीरतापूर्वक सोचऽ हीं, कि तोरा वियोग खातिर काफी शक्ति होतउ? अब खुद अपन तरफ देखहीं - की तूँ शांतचित्त हकहीं?"

"हो ज-इ-तइ!" ऊ मोसकिल से सुनाय देवे वला स्वर में उत्तर देलकइ। "सब कुछ ओकरा लगी! हमर पूरा जिनगी ओकरा लगी! लेकिन जानऽ हो, वान्या, हम ई बात के बरदास नञ् कर सकऽ हिअइ, कि ऊ अभी ओकरा भिर हइ, हमरा भूल गेलइ, ओकर बगल में बैठल हइ, बातचीत करऽ हइ, हँस्सऽ हइ, आद हको, जइसन कि हियाँ आवऽ हलइ, बैठऽ हलइ, ... ओकरा तरफ आँख में आँख डालके देखऽ हइ; ऊ हमेशे अइसीं देखऽ हइ; आउ ओकर दिमाग में ई विचारो नञ् आवऽ हइ, कि हम हियाँ हिअइ ... तोरा साथ।"

ऊ बात पूरा नञ् कर पइलकइ आउ निराशा से हमरा दने तकलकइ।

"त कइसे तूँ, नताशा, अभी-अभी, ठीक अभी बोललहीं ..."

"हम दुन्नु एक्के साथ, सब एक्के साथ अलग हो जइते जइअइ!" ऊ बीच में टोकलकइ, अपन कौंधइत आँख से। "हम खुद्दे ओकरा ई मामले में शुभकामना देबइ। लेकिन कठिन हइ, वान्या, जब ऊ खुद, पहिला, हमरा भूल जइतइ। आह, वान्या, ई कइसन यातना हइ! हम खुद नञ् खुद के समझ पावऽ हिअइ - सोचे में अइसे आवऽ हइ, लेकिन करे में अइसे नञ् होवऽ हइ! हमरा साथ की होतइ!"

"बहुत हो गेलउ, बहुत हो गेलउ, नताशा, शांत हो! ..."

"आउ अइकी पाँच दिन, हरेक घड़ी, हरेक मिनट ... चाहे सपना में होवे, चाहे नीन में - हमेशे ओकरे बारे, ओकरे बारे! जानऽ हो, वान्या - हुआँ चलल जाय, हमरा ले चलऽ!"

"बहुत हो गेलउ, नताशा।"

"नञ्, चलल जाय! हम बस तोरे इंतजार कर रहलियो हल, वान्या! हम तीन दिन से सोच रहलूँ हँ। एहे मामले में तो तोहरा हम लिखलियो हल ... तोरा हमरा जरूर ले जाय के चाही; तूँ ई मामले में हमरा इनकार नञ् कर सकऽ ह ... हम तोर इंतजार कर रहलियो हल ... तीन दिन ... हुआँ आझ शाम ... ऊ हुआँ ... चलल जाय!"

ऊ मानु सरसाम में हलइ। प्रवेशमार्ग में शोरगुल सुनाय देलकइ; मावरा मानु केकरो साथ बहस कर रहले हल।

"ठहर, नताशा, ई केऽ हइ?" हम पुछलिअइ, "सुन!"

ऊ अविश्वास के साथ मुसकइते सुनलकइ आउ अचानक भयंकर रूप से पीयर पड़ गेलइ।

"हे भगमान! हुआँ केऽ हइ?" मोसकिल से सुनाय देवे वला स्वर में ऊ बोललइ।

ऊ हमरा रोके लगी चाह रहले हल, लेकिन हम प्रवेशद्वार में मावरा तरफ गेलिअइ। हूँ, त ई बात हइ! ई अल्योशा हलइ। ऊ कोय बात के बारे मावरा के पूछ रहले हल; ऊ शुरू में ओकरा अन्दर आवे नञ् दे रहले हल।

[*234] "काहाँ से अइलऽ ह?" ऊ बोललइ, शान से। "की? चाहऽ हलहो? अच्छऽ, जा, जा! आउ तूँ हमरा मक्खन नञ् लगा सकऽ ह! चलऽ, जा; कुछ उत्तर देबहो?"

"हमरा केकरो से डर नञ्! हम अन्दर जइबइ!" अल्योशा बोललइ, लेकिन, जरी सकपकइते।

"अच्छऽ जा! ढीठ कहीं के!"

"आउ जा हिअइ! ओ! तूहूँ हिएँ हकऽ!" ऊ बोललइ, हमरा देखके, "केतना निम्मन बात हइ, कि तूहूँ हिएँ हकऽ! आउ अइकी हमहूँ हिअइ; देखऽ; जइसन कि हमरा अभी ..."

"हाँ, बस अन्दर आ जा", हम जवाब देलिअइ, "की लगी डरऽ ह?"

"हमरा कुच्छो के डर नञ्, तोहरा विश्वास देलावऽ हियो, काहेकि हम, भगमान कसम, दोषी नञ्। तूँ सोचऽ हो, कि हम दोषी हिअइ? अइकी देखहो, हम अभी सफाई दे दिहइ। नताशा, हम अन्दर आ सकऽ हियो?" ऊ कुछ साहस बटोरके चिखलइ, बन्द दरवाजा भिर रुकके।

कोय नञ् उत्तर देलकइ।

"की बात हइ?" बेचैन होल ऊ पुछलकइ।

"कोय बात नञ्, ऊ अभी हुआँ हलो", हम उत्तर देलिअइ, "की वास्तव में कुच्छो ..."

अल्योशा सावधानी से दरवाजा खोललकइ आउ डरते-डरते कमरा में चारो बगली नजर डललकइ। कोय नञ् हलइ।

अचानक ऊ ओकरा कोना में देखलकइ, खिड़की आउ अलमारी के बीच। ऊ हुआँ खड़ी हलइ, मानु नुक्कल, न जित्ता न मुरदा। जइसन कि हमरा एकरा बारे आद पड़ऽ हइ, अभियो तक हम मुसकान नञ् रोक सकऽ हिअइ। अल्योशा शांतिपूर्वक आउ सावधानी से ओकरा भिर गेलइ।

"नताशा, की बात हको? हैलो, नताशा!" डरते-डरते ऊ बोललइ, ओकरा तरफ देखके कइसूँ आतंकित होल।

"की बात रहतो, कुछ ... कुच्छो नञ्! ..." ऊ बड़ी घबराहट में उत्तर देलकइ, मानु ऊ खुद्दे दोषी हलइ।

"तोहरा ... चाय चाही?"

"नताशा, सुन्नऽ ...", अल्योशा बोललइ, बिलकुल धीरज खोवल नियन। "तोहरा, शायद, पक्का विश्वास हको, कि हम दोषी हकियो ... लेकिन हम दोषी नञ्; हम कइसूँ दोषी नञ्! अइकी देखऽ, हम तोहरा अभी बतइबो।"

"लेकिन काहे लगी ई सब?" नताशा फुसफुसइलइ, "नञ्, नञ्, जरूरत नञ् ... बेहतर अपन हाथ द आउ ... निस्सन्देह ... हमेशे नियन ..." - आउ ऊ कोनमा से बाहर अइलइ; ओकर गाल पर लाली छाय लगलइ। ऊ निच्चे तरफ देख रहले हल, मानु अल्योशा दने तक्के में ओकरा डर लग रहले हल।

"हे भगमान!" ऊ हर्षातिरेक में चिखलइ, "अगर हम दोषी होतिए हल, त हमरा, शायद, एकर बाद ओकरा तरफ देखे के हिम्मत नञ् पड़ते हल! देखहो, देखहो!" ऊ चिखलइ, हमरा दने मुड़ते, "अइकी - ऊ हमरा दोषी समझऽ हका; सब कुछ हमर विरुद्ध हइ, देखे में सब कुछ हमर विरुद्ध हइ! पाँच दिन तक हम नञ् आवऽ हिअइ! अफवाह हइ, कि हम मंगेतर के पास हिअइ - आउ फेर की? ऊ हमरा माफ कर चुकले ह! ऊ तो पहिलहीं बोलब करऽ हका - 'अपन हाथ द, आउ बस बात खतम!' नताशा, दुलारी हमर, देवदूत हमर, देवदूत हमर! हम दोषी नञ्, आउ तूँ ई जान ल! हमर कोय दोष नञ्! एकर विपरीत! एकर विपरीत!"

"लेकिन ... लेकिन आखिर तूँ अभी हुआँ ... तोहरा अभी हुआँ  बोलावल गेलो हल ... त तूँ कइसे हियाँ परी? केत... केतना बजले ह? ..."

"साढ़े दस! आउ हम हुआँ गेलिए हल ... लेकिन हम बतइलिअइ कि हम बेमार हकूँ आउ बाहर निकस गेलिअइ आउ - ई पहिले, पहिले तुरी ई पाँच दिन में, [*235] मुक्त होलिअइ, कि हम ओकन्हीं से छुट्टी पावे के स्थिति में होलिअइ, आउ हम तोहरा भिर अइलियो, नताशा। मतलब हम पहिलहूँ आ सकऽ हलिअइ, लेकिन हम जान-बूझके नञ् अइलिअइ! लेकिन काहे? तोरा अभी मालुम पड़ जइतो, समझावऽ हियो; आउ एहे लगी हम अइलियो ह कि हम समझा सकियो; खाली, भगमान कसम, अबरी हम तोहरा सामने कइसूँ दोषी नञ्, कइसूँ नञ्! कइसूँ नञ्!"

नताशा सिर उठइलकइ आउ ओकरा तरफ देखलकइ ... लेकिन ओकर जवाबी नजर अइसन सच्चाई के साथ चमक रहले हल, ओकर चेहरा एतना प्रसन्नचित्त हलइ, एतना निष्कपट, एतना आनंदित, कि ओकरा पर विश्वास नञ् करे के कोय संभावना नञ् हलइ। हम सोचलिअइ, ओकन्हीं चिल्लइतइ आउ झपटके एक दोसरा के गले लगा लेतइ, जइसन कि पहिलहीं कइएक तुरी अइसने मेल-मिलाप में घटले हल। लेकिन नताशा, मानु खुशी से भावविह्वल होल, अपन सिर छाती पर झुका लेलकइ आउ अचानक ... सुबके लगलइ। अइसन स्थिति में अल्योशा खुद के नियंत्रित नञ् कर पइलकइ। ऊ ओकर गोड़ पर गिर पड़लइ। ऊ ओकर हाथ-गोड़ चुम्मे लगलइ; ऊ मानु आवेश में हलइ। हम ओकरा (नताशा) लगी अरामकुरसी घसका देलिअइ। ऊ बैठ गेलइ। ओकर गोड़ जवाब दे देलकइ।

 

*** पहिला भाग समाप्त ***


भूमिका                       भाग 1, अध्याय 14                   भाग 2, अध्याय 1 

[1] हियाँ आउ एकर आगू नताशा उद्धृत करऽ हइ याकोव पित्रोविच पोलोन्स्की (1819-1898) के कविता "Колокольчик" (घंटी; 1854) से। 

[2] दस्तयेव्स्की के पहिला उपन्यास "Бедные люди" (गरीब लोग) के सफलता दस्तयेव्स्की खातिर उच्च समाज आउ साहित्यिक गोष्ठी (salon) के रस्ता खोल देलकइ। प्रिंस आर*** - संभवतः प्रिंस वी॰एफ़॰ ओदोयेव्स्की (1803-1869), एगो प्रसिद्ध रूसी लेखक आउ संगीत समीक्षक, जिनकर साहित्यिक आउ संगीत गोष्ठी में दस्तयेव्स्की भेंट दे हलथिन।


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