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Tuesday, August 03, 2021

रूसी उपन्यास "अपमानित आउ तिरस्कृत": भाग 1; अध्याय 7

                                 अपमानित आउ तिरस्कृत

भाग 1

अध्याय 7

ऊ अपन टोपी हाथ में रखले हलइ, आउ अन्दर आके, एकर पियानो पर रख देलकइ; फेर हमरा दने अइलइ आउ चुपचाप हमरा तरफ हाथ बढ़इलकइ। ओकर होंठ हलका से हिललइ; ऊ मानु हमरा कुछ कहे लगी चाहऽ हलइ, कुछ तो अभिवादन के रूप में, लेकिन कुछ नञ् बोललइ।

[*194] हमन्हीं के एकर पहिले के भेंट होला तीन सप्ताह गुजर गेले हल। हम ओकरा तरफ अचरज आउ भय से देखलिअइ। तीन सप्ताह में केतना बदल गेले हल! हमर हृदय में विषाद से टीस उठलइ, जब हम ओकर पीयर चुटकल गाल, शुष्क होल होंठ, जइसन बोखार में होवऽ हइ आउ लमगर कार पिपनी के निच्चे से चमक रहल हल आँख, जे ज्वरजनित गरमी आउ भावुक निश्चय से दहक रहले हल।

"लेकिन हे भगमान, केतना सुन्दर हलइ! कभियो, पहिले, बाद में, ओकरा हम ओइसन देखलिअइ, जइसन निर्णायक दिन। की ओहे, की ओहे नताशा हइ, की ओहे लड़की हइ, जे, एक्के साल पहिले, हमरा दने से अपन नजर नञ् हटावऽ हलइ, हमरा पीछू-पीछू होंठ हिलावऽ हलइ, हमर उपन्यास सुन्नऽ हलइ आउ जे एतना खुश हलइ, आउ भोजन के बखत अपन पिता आउ हमरा साथ शाम के एतना बेफिक्री से ठहाका मारऽ हलइ आउ मजाक करऽ हलइ? की ओहे नताशा हइ, जे हुआँ, कमरा में, अपन सिर लटकाके आउ पूरा तमतमाल चेहरा के साथ, हमरा कहलके हल - 'हाँ' "

जोरदार घंटी के अवाज अइलइ, संध्या वन्दन (vespers) के बोलावा हेतु। ऊ चौंक गेलइ, बूढ़ी क्रॉस कइलकइ।

"तूँ तो संध्या वन्दन खातिर तैयार हो रहलहीं हल, नताशा, आउ अइकी चर्च सर्विस खातिर घंटी बज रहलो ह", ऊ कहलकइ। "जो, नताशिन्का, जो, प्रार्थना कर गन, आशीर्वाद नगीच हउ! आउ एक्के साथ तोरा टहलनो हो जइतउ। बन्द घर में काहे लगी बैठल रहमँऽ? देख, तूँ कइसन पीयर हकँऽ; मानु तोरा पर कोय नजर लगा देलको ह।"

"हम ... शायद ... आझ नञ् जइबउ", धीरे-धीरे हलके अवाज में नताशा बोललइ, लगभग फुसफुसाहट में। "हमर ... तबीयत ठीक नञ् हके", ऊ आगू बोललइ आउ ओकर चेहरा के रंग उड़ गेलइ।

"बेहतर जो, नताशा; आखिर तूहीं आझ सुबह चाहऽ हलँऽ आउ अइकी टोपियो लइलँऽ। जरी प्रार्थना कर ले, नताशिन्का, प्रार्थना कर ले, ताकि तोरा भगमान निम्मन सेहत भेजे", आन्ना अन्द्रेयेव्ना समझइलकइ, बेटी तरफ सकपकइते देखते, मानु ओकरा से डर रहले हल। "अच्छऽ हाँ; जो; आउ ई तोरा लगी टहलना-बुलना भी हो जइतउ", बुढ़उ आगू बोललथिन, आउ ओहो बेचैनी से बेटी के चेहरा तरफ निहारते, "मइया ठीके कहऽ हउ। अइकी वान्या भी साथ जइथुन।"

हमरा लगलइ, कि नताशा के होंठ पर कड़वा मुसकान कौंधलइ। ऊ पियानो भिर गेलइ, टोपी लेलकइ आउ एकरा पेन्ह लेलकइ; ओकर हाथ कावप रहले हल। ओकर सब्भे हलचल मानु अचेतन रूप से हो रहले हल, मानु ओकरा समझ में नञ् आ रहले हल, कि ऊ की कर रहले ह। माता-पिता ओकरा तरफ एकटक निहार रहलथिन हल।

"अलविदा!" मोसकिल से सुनाय देवे वला अवाज में ऊ बोललइ।

"आउ, देवदूत हमर, अलविदा काहे लगी, की रस्ता दूर हइ! तोरा पर बल्कि हावा भी बेहतर होतउ; देख, तूँ केतना पीयर पड़ गेलऽ हँ। ओह! हमहूँ आखिर भूल गेलिअउ (हम तो सब कुछ भूल जा हिअउ!) - तोरा लगी कंधा के वस्त्र तैयार कर देलियो ह; एकरा में प्रार्थना सी देलियो ह, हमर दुलरी; कीव (Kiev) शहर के एगो नन पिछले साल हमरा सिखइलका हल; उचित प्रार्थना; अभी-अभी सियलियो ह। पेन्ह ले, नताशा। शायद भगमान तोरा निम्मन सेहत भेजथुन। तूँ तो हमर मुनरी (एकमात्र दुलरुआ बुतरू) हकँऽ।"

आउ बूढ़ी अपन काम वला ड्राअर से नताशा के सोना के क्रॉस निकसलकइ; ओहे रिबन पर अभी-अभी के सीयल कन्हा के वस्त्र लटकल हलइ।

"तोरा ई निम्मन सेहत दे!" ऊ आगू बोललइ, बेटी के क्रॉस पेन्हइते आउ ओकरा लगी क्रॉस करते। "कभी तो हम रोज रात के तोरा क्रॉस करके निम्मन नीन खातिर आशीर्वाद दे हलिअउ, प्रार्थना करऽ हलिअउ, आउ तूँ हमरा पीछू दोहरावऽ हलहीं। [*195] आउ अब तूँ ऊ नञ् रह गेलँऽ, आउ तोरा भगमान आत्मिक शांति नञ् दे हथुन। आह, नताशा, नताशा! तोरा हमर, माय के, प्रार्थना सहायता नञ् करऽ हउ!" आउ बूढ़ी रो पड़लइ।

नताशा चुपचाप ओकर हाथ चुमलकइ आउ दरवाजा दने अपन डेग बढ़इलकइ; लेकिन अचानक तेजी से वापिस अइलइ आउ बाप भिर गेलइ। नताशा के छाती धड़क रहले हल।

"प्यारे पिताजी! तूहूँ क्रॉस करऽ ... अपन बेटी खातिर", ऊ बोललइ, हाँफते स्वर में आउ उनका सामने टेहुना के बल बैठ गेलइ।

हम सब ओकर आकस्मिक, बहुत गंभीर व्यवहार से परेशान होके खड़ी हो गेते गेलिअइ। कुछ पल तक तो पिता ओकरा तरफ देखते रह गेलथिन, बिलकुल स्तब्ध होल।

"नताशिन्का, हमर दुलरी, प्यारी बेटी, प्यारी, तोरा की हो गेलो ह!" आखिर ऊ चीख पड़लथिन, आउ उनकर आँख से अश्रु बहे लगलइ। "तूँ काहे लगी उदास हकँऽ? काहे लगी दिन-रात कनते रहऽ हकँऽ? आखिर हम सब कुछ देखऽ हिअउ; रात में हमरा नीन नञ् आवऽ हके, उठ जा हिअउ आउ तोर कमरा भिर सुन्नऽ हिअउ! ... हमरा सब कुछ बताव, नताशा, हमरा, बुढ़वा के सब कुछ साफ-साफ बता दे, आउ हमन्हीं ..."

ऊ पूरा नञ् बोल पइलथिन, ओकरा उठा लेलथिन आउ कसके आलिंगन कर लेलथिन। ऊ उनकर छाती से दौरा पड़े नियन विलाप करते चिपकल रहलइ आउ अपन सिर के उनकर कन्हा से नुकइले रहलइ।

"कोय बात नञ्, कोय बात नञ् हइ, ई अइसीं ...", ऊ रट लगइते रहलइ, आंतरिक, दब्बल अश्रु से हाँफते।

"भगमान तोरा आशिर्वाद दे, जइसे कि हम तोरा आशीर्वाद दे हिअउ, दुलारी हमर बुतरू, अमूल्य बुतरू!" पिता कहलथिन। "तोरा हमेशे शांति दे आउ हर तरह के शोक से रक्षा करे। भगमान से प्रार्थना कर, हमर दोस्त, कि हमर पापी प्रार्थना ओकरा हीं पहुँचे।"

"आउ हमरो, हमरो तोरा लगी आशीर्वाद हउ!" बूढ़ी आगू बोललइ, आँख से आँसू बहइते।

"अलविदा!" नताशा फुसफुसइलइ।

दरवाजा भिर ऊ रुक गेलइ, एक तुरी आउ उनकन्हीं के तरफ नजर डललकइ, कुछ आउ कहे लगी चाहब करऽ हलइ, लेकिन नञ् कह सकलइ आउ तेजी से कमरा से बाहर हो गेलइ। हम ओकर पीछू लपकल गेलिअइ, कुछ तो अप्रिय के आशंका से।

 

भूमिका                       भाग 1, अध्याय 6                   भाग 1, अध्याय 8 

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